मनमर्जियाँ – S63
Manmarjiyan – S63
Manmarjiyan – S63
गुड्डू और गोलू के प्लान के बाद पंडित जी ने आकर गुप्ता जी से कहा की गोलू मांगलिक है और उसका रिश्ता किसी सामान्य लड़की से नहीं हो सकता। अब गुप्ता जी ठहरे गुप्ता जी उन्हें बस किसी भी हाल में करनी थी गोलू की शादी तो उन्होंने कहा,”ठीक है तो फिर कोई मांगलिक लड़की देखिये , देखिये शादी तो इसी साल होगी गोलू की वो भी इस दिवाली की एकदशी को”
गुड्डू और गोलू ने सूना तो दोनों एक दूसरे का मुंह देखने लगे। गुड्डू गोलू की तरफ झुका और फुसफुसाते हुए कहा,”यार ये तुम्हाये पिताजी को तुम्हायी शादी की इतनी जल्दी काहे है ? कोई कांड वांड तो ना कर दिए हो तुम ?”
कांड का नाम सुनकर गोलू को पिंकी याद आ गयी। तभी गोलू के कान में गुप्ता जी की आवाज पड़ी वो पंडित जी से कह रहे थे,”पंडित जी कैसी भी लड़की हो कही से भी हो इस नालायक के लिए ढूंढो”
“हमारा बस चले तो इसकी शादी ही ना होने दे हम”,पंडित जी ने मन ही मन गोलू को कोसते हुए कहा और फिर गुप्ता जी से कहा,”ठीक है हम देखते है जैसे ही कोई मांगलिक लड़की का रिश्ता आता है बताते है आपको , हर हर महादेव”
कहकर पंडित जी वहा से चले गए थोड़ी देर के लिए ही सही गोलू के दिमाग से एक बोझ हट गया। कुछ देर बाद उसने कहा,”पिताजी रिश्ता तो कैंसल हो गया तो अब हम दुकान जाये ?”
“तुम्हाये मन में तो लड्डू फुट रहे होंगे , जाओ पर इतना ध्यान रखो सिर्फ रिश्ता कैंसल हुआ है तुम्हायी शादी नहीं”,गुप्ता जी ने कहा तो गोलू और गुड्डू वहा से निकल गए और दोनों दुकान चले आये। गुड्डू अपने काम में लग गया और गोलू बैठकर आगे की प्लानिंग करने लगा। 5 दिन बाद दोनों को बरैली जाना था और उस से पहले शर्मा जी और अपने पिताजी के बीच सब सही भी करना था। गोलू सोच में डूबा हुआ था की तभी पिंकी वहा आयी उसने देखा भी नहीं की गुड्डू वही सोफे पर बैठा है और उसने आकर एकदम से गोलू से कहा,”गोलू क्या हुआ बात की अपने पिताजी से ?”
गोलू ने पिंकी को चुप रहने का इशारा किया लेकिन तब तक गुड्डू के कानो में पिंकी की बात पड़ चुकी थी वह पिंकी और गोलू के पास आया और कहा,”तुम हिया का कर रही हो ?”
“हम हम वो हम,,,,,,,,,,,,,!!”, पिंकी कुछ बोल ही नहीं पाई और गोलू बीच में बोल पड़ा,”अरे भैया वो पिताजी की दुकान से कुछो सामान लिया हुआ था इनके पिताजी का पैसो का मैटर था तो पिंकी के पिताजी ने कहा की हम पिताजी से बात करके थोड़ा कम करवा दे बस यही पूछ रही थी ये”
गोलू ने एक और झूठ बोल दिया लेकिन ये झूठ गुड्डू को हजम नहीं हो रहा था उसने कहा,”अच्छा तो इस मैटर में इनके पिताजी को आकर बात करनी चाहिए जे काहे आयी है हिया ?”
“तुमको इस से क्या मतलब है गुड्डू ये हमारा आपस का मामला है”,पिंकी ने गुड्डू की ओर पलटकर थोड़ा गुस्से से कहा
“तुम्हाये सारे मामले हमे पता है पिंकिया , हम नहीं फंसे तो गोलू फ़साना शुरू कर दी तुम”,गुड्डू ने मुंह बनाकर कहा
“क्या बकवास कर रहे हो ? और गोलू तुम , तुम चुपचाप सुन रहे हो”,पिंकी ने गोलू पर गुस्सा होते हुए कहा
“अरे गुड्डू भैया आप काहे खामखा उलझ रहे है जे पिंकी और पिताजी के बीच का मैटर है”,गोलू ने बात सम्हालने की कोशिश की
“हां तो फिर इनसे कहो की हम पर गर्म होने की जरूरत नहीं है”,गुड्डू ने कहा
“ओह्ह तो तुम्हे जलन हो रही है की मैंने तुमसे आकर बात नहीं की,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,पिंकी ने गुड्डू को चिढ़ाते हुए कहा
“अरे जले हमायी जुत्ती,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने इतना ही कहा की अचानक से वहा शगुन आ गयी और कहा,”गुड्डू जी आप ये पेपर्स घर ही भूल आये थे इन्हे शोरूम पर देना था , मैं वेदी के साथ किसी काम से बाहर आयी थी तो सोचा आपको दे दू”
शगुन को वहा देखकर गुड्डू के मन में विचार आया की क्यों ना पिंकी को जलाया जाये उसने पिंकी को साइड किया और शगुन का हाथ पकड़कर उसे अंदर लाते हुए कहा,”अरे तुमहू पागल हो का इति धुप में बाहर चली आयी , हमे कहती हम चले आते ,, देखो किती गर्मी है पसीना भी बह रहा है” कहते हुए गुड्डू ने जेब से रुमाल निकाला और शगुन के माथे का पसीना पोछ दिया। शगुन को तो यकीन ही नहीं हो रहा था की गुड्डू ये सब कर रहा है। रुमाल वापस जेब में रखकर गुड्डू ने शगुन को सोफे पर बैठाते हुए कहा,”हिया बैठो आराम से हम अभी ठंडा मंगवाते है”
पिंकी ने देखा तो मन ही मन खुश हो रही थी की चलो शगुन और गुड्डू के बीच सब सही हो गया। गोलू को फोन करने का इशारा करके वह वहा से चली गयी। गुड्डू ठंडा ले आया और शगुन को देकर गोलू की तरफ आकर कहा,”देखा कैसे जल भून गयी पिंकिया”
“आप चाहो तो जे हमेशा के लिए कर सकते हो”,गोलू ने बिना किसी भाव के गुड्डू की तरफ देखकर कहा
“उह कैसे ?’,गुड्डू ने पूछा
“शादी कर लो शगुन से”,गोलू ने कहा तो गुड्डू ने उसे साइड में धकियाते हुए कहा,”काम पर ध्यान दो”
गुड्डू शगुन के पास आया और कहा,”वैसे तुम और वेदी हिया का कर रही हो ?”
“वो वेदी को कुछ काम था मार्किट में तो मुझे साथ ले आयी , वो बाहर ही है मैं चलती हूँ”,शगुन ने उठते हुए कहा
“हम छोड़ देते है”,गुड्डू ने साथ आते हुए कहा चलते हुए नजर गोलू पर चली गयी गोलू रहस्यभरी मुस्कान के साथ उन दोनों को ही देख रहा था।
“गुड्डू जी मैं और वेदी चले जायेंगे आप अपना काम देखिये , बाय”,कहकर शगुन चली गयी
शगुन के जाते ही गोलू हसने लगा तो गुड्डू उसके पास आया और कहा,”हंस काहे रहे हो बे ?”
“हमको लगा आपको शगुन जी में इंट्रेस्ट नहीं है , लेकिन यहाँ तो वही आपको कोई भाव नहीं दे रही है”,गोलू ने हँसते हुए कहा तो गुड्डू झेंप गया लेकिन इज्जत तो बचानी ही थी इसलिए कहा,”भाव और हमको ? बेटा कानपूर में ऐसी कोई पैदा नहीं हुई जो गुड्डू मिश्रा को भाव ना दे उह तो हमही ज्यादा किसी से बात नहीं करते , समझे”
“समझ गए भैया अब थोड़ा काम कर ले”,गोलू ने कहा और फिर गुड्डू के साथ अपने नए आर्डर की तैयारी करने लगा। दोपहर बाद मनोहर का फोन आने से गुड्डू उस से मिलने चला गया जाते जाते उसने गोलू को वो पेपर्स दे दिए जो मिश्रा जी को देने थे कहा की वह शाम से पहले उन्हें शोरूम पहुंचा दे। गोलू को अपने प्लान को आगे बढ़ाने के लिए मिश्रा जी से मिलना था और उसके पास ये अच्छा मौका था गुड्डू के जाने के 10 मिनिट बाद ही गोलू ने दुकान बंद की और जैसे ही जाने लगा एक आदमी आया और कहा,”अरे भैया कहा जा रहे हो ?”
“तुम्हायी अम्मा के ब्याह में जा रहे है चलोगे ?”,गोलू ने झुंझला के कहा
“अरे भैया इतना गर्माय काहे रहे हो हमे जे पूछना था , मुंडन का प्रोग्राम करवा देते हो ?”,आदमी ने कहा
“तुमको का हम नाइ दिखते है ? अमा यार दिमाग ना खराब करो जाओ हिया से हमको किसी जरुरी काम से निकलना है शाम में मिलना ठीक है”,कहते हुए गोलू ने स्कूटी स्टार्ट की और वहा से निकल गया। कुछ देर बाद ही गोलू पहुंचा मिश्रा जी के शोरूम मिश्रा जी किसी आर्डर की साड़ियों को पैकिंग करवा रहे थे। 300 साड़ियों के बण्डल पड़े थे। गोलू ने देखा मिश्रा जी सामने ही खड़े है उसने न दांये देखा ना बांये बस सीधा निकल गया और वहा नीचे रखी पन्नी पर उसका पैर जा गिरा। गोलू फिसला और सब साड़ियों के बंडल के साथ नीचे जा गिरा , सारी साड़िया अस्त-व्यस्त हो गयी ये देखकर मिश्रा जी ने गुस्से से कहा,”अरे जे कौन महमूर्ति घुसे चले आये है , उठाकर साइड में फेंको इनको”
उन्होंने ध्यान नहीं दिया की साड़ियों के बीच में गिरा वो लड़का गोलू है , लड़को ने भी तुरंत मिश्रा जी की आज्ञा का पालन किया और गोलू को उठाकर साइड में
फेंक दिया गोलू सीधा जाकर मैनेजर के पैरो में गिरा मैनेजर ने देखा तो कहा,”अरे मालिक ये तो गोलू है”
“गोलू हिया का कर रहा है ? ये सारी साड़िया पैक करवाओ हम आते है”,कहते हुए मिश्रा जी गोलू के पास आये और उसे उठाते हुए कहा,”का नौटंकी में हिस्सा ले रहे हो जो ऐसी एंट्री मारी है ?”
“अरे हम तो जे पेपर्स देने आये थे आपको , आपने हमे ही फिकवा दिया,,,,,,,,,,,,,,,,,हाये !!”,गोलू ने अपनी कमर से हाथ लगाते हुए कहा
“अरे हमे का पता था तुम हो”,मिश्रा जी ने पेपर लेते हुए कहा
“हमको ना कुछो बात भी करनी थी आपसे”,गोलू ने धीरे से कहा
“ठीक है तुमहू चलकर हमाये केबिन में बैठो हम थोड़ी देर में आते है”,मिश्रा जी ने पेपर देखते हुए कहा
“एक कप चाय मिल जायेगी ?”,गोलू ने डरते डरते कहा
मिश्रा जी ने सामने काम करते लड़के को आवाज लगाईं और कहा,”सुनो राधेश्याम इनको चाय पिलाओ”
गोलू केबिन की तरफ जाने लगा जाते जाते रुका और पलटकर कहा,”जब चाय भिजवा ही रहे है तो थोड़े बिस्कुट भी भिजवा दीजियेगा”
“गद्दा भी लगवा दे , खा पीकर आराम करके चले जाना”,मिश्रा जी ने घूरते हुए कहा तो गोलू बिना रुके सीधा केबिन में चला गया। साड़ी का आर्डर भिजवाकर मिश्रा जी केबिन में आये तो देखा गोलू कप की चाय प्लेट में डालकर पी रहा है। मिश्रा जी आकर अपनी कुर्सी पर बैठे और कहा,”हाँ बताओ का बात करनी है ? शाम में घर आ जाते वही बात कर लेते”
“घर में गुड्डू भैया भी तो होते है , इसलिए हिया आना पड़ा”,गोलू ने चाय खत्म करके कप साइड में रखते हुए कहा
“अच्छा बताओ का बात है ?”,मिश्रा जी ने कहा
“हमाये पिताजी ने जो लड़की देखी थी उह रिश्ता कैंसल हो गया। पंडित जी से हमने कहलवा दिया की हम मांगलिक है और हमारी शादी मांगलिक से ही होगी। अब आप हमाये पिताजी तक जे बात पहुंचा दो की पिंकिया भी मांगलिक है और हमारी शादी उस से हो सकती है”,गोलू ने कहा
“गोलू हम का कह रहे है की जे पिंकिया से शादी करना जरूरी है का मतलब और बहुत लड़की मिल जाएगी तुमको , अरे हम ढूंढ देंगे फिर जे सब करके काहे सबको उलझा रहे हो ?”,मिश्रा जी ने शांत भाव से कहा
“क्योकि हमाये बच्चे की माँ बनने वाली है”,झुंझलाहट में आकर गोलू ने मिश्रा जी सामने सच बोल दिया। मिश्रा जी ने जैसे ही सूना अवाक् रह गए गोलू से उनको ये उम्मीद नहीं थी। एक पल के लिए उनका सर सुन्न रह गया उन्होंने अपना माथा पकड़ लिया और कुछ देर बाद कहा,”तो जे है तुम्हायी जिंदगी का सबसे बड़ा कांड ?”
“हम का बताये सब अनजाने में हो गवा उह नशे में थी और हम अपनी भावनाओ को रोक नहीं पाए”,गोलू ने निराश होकर कहा
“उह नशे में थी लेकिन तुमहू तो होश में थे , एक लड़की के सामने तुमहू हद में नहीं रह पाए कैसे मर्द हो बे तुम ? और जे सब करने के बाद तुमहू चाहते हो हम तुम्हायी मदद करे , तुम्हायी मदद ना हम आज करेंगे ना कल”,कहते हुए मिश्रा जी ने जैसे ही सामने देखा गोलू गायब था। उन्होंने इधर उधर देखा तो उन्हें अपने पैरो में कुछ महसूस हुआ। मिश्रा जी ने अपने पैरो में देखा तो पाया की गोलू उनके पैरो में गिरा हुआ है।
“गोलू जे का कर रहे हो उठो ? अरे हम कहते है उठो”,मिश्रा जी ने कहा
“नहीं जब तक आप हमे माफ़ नहीं करेंगे हम नहीं उठेंगे , अरे हम कुत्ते है , कमीने है , बंडलबाज है , रंगबाज है हमसे बहुते बड़ी गलती हो गयी। हमे माफ़ कर दो आप ही हमे इस दुविधा से बाहर निकाल सकते हो ,, हमे बचाय ल्यो मिश्रा जी वरना अब तक आपसे पिटे है अगर जे बात सामने आयी तो गुड्डू भैया , शर्मा जी और गुप्ता जी मिलकर हमायी बैकुंठी निकाल देंगे”
मिश्रा जी ने सुना तो उन्हें गोलू पर दया आ गयी , कुछ देर के लिए वे सोच में पड़ गए और कहा,”उठो”
“पहिले कहो के आपने हमे माफ़ कर दिया ?”,गोलू ने कहा
“हां माफ़ कर दिया उठो”,मिश्रा जी ने कहा तो गोलू उठ खड़ा हुआ और कहने लगा,”हम ऐसा कुछ नहीं करना चाहते थे पर उस वक्त दिमाग काम नहीं कर रहा था और जे सब ,,,,,,,,!!”
“बैठो , हमे कुछ सोचने दो”,मिश्रा जी ने कहा
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गुड्डू और गोलू के प्लान के बाद पंडित जी ने आकर गुप्ता जी से कहा की गोलू मांगलिक है और उसका रिश्ता किसी सामान्य लड़की से नहीं हो सकता। अब गुप्ता जी ठहरे गुप्ता जी उन्हें बस किसी भी हाल में करनी थी गोलू की शादी तो उन्होंने कहा,”ठीक है तो फिर कोई मांगलिक लड़की देखिये , देखिये शादी तो इसी साल होगी गोलू की वो भी इस दिवाली की एकदशी को”
गुड्डू और गोलू ने सूना तो दोनों एक दूसरे का मुंह देखने लगे। गुड्डू गोलू की तरफ झुका और फुसफुसाते हुए कहा,”यार ये तुम्हाये पिताजी को तुम्हायी शादी की इतनी जल्दी काहे है ? कोई कांड वांड तो ना कर दिए हो तुम ?”
कांड का नाम सुनकर गोलू को पिंकी याद आ गयी। तभी गोलू के कान में गुप्ता जी की आवाज पड़ी वो पंडित जी से कह रहे थे,”पंडित जी कैसी भी लड़की हो कही से भी हो इस नालायक के लिए ढूंढो”
“हमारा बस चले तो इसकी शादी ही ना होने दे हम”,पंडित जी ने मन ही मन गोलू को कोसते हुए कहा और फिर गुप्ता जी से कहा,”ठीक है हम देखते है जैसे ही कोई मांगलिक लड़की का रिश्ता आता है बताते है आपको , हर हर महादेव”
कहकर पंडित जी वहा से चले गए थोड़ी देर के लिए ही सही गोलू के दिमाग से एक बोझ हट गया। कुछ देर बाद उसने कहा,”पिताजी रिश्ता तो कैंसल हो गया तो अब हम दुकान जाये ?”
“तुम्हाये मन में तो लड्डू फुट रहे होंगे , जाओ पर इतना ध्यान रखो सिर्फ रिश्ता कैंसल हुआ है तुम्हायी शादी नहीं”,गुप्ता जी ने कहा तो गोलू और गुड्डू वहा से निकल गए और दोनों दुकान चले आये। गुड्डू अपने काम में लग गया और गोलू बैठकर आगे की प्लानिंग करने लगा। 5 दिन बाद दोनों को बरैली जाना था और उस से पहले शर्मा जी और अपने पिताजी के बीच सब सही भी करना था। गोलू सोच में डूबा हुआ था की तभी पिंकी वहा आयी उसने देखा भी नहीं की गुड्डू वही सोफे पर बैठा है और उसने आकर एकदम से गोलू से कहा,”गोलू क्या हुआ बात की अपने पिताजी से ?”
गोलू ने पिंकी को चुप रहने का इशारा किया लेकिन तब तक गुड्डू के कानो में पिंकी की बात पड़ चुकी थी वह पिंकी और गोलू के पास आया और कहा,”तुम हिया का कर रही हो ?”
“हम हम वो हम,,,,,,,,,,,,,!!”, पिंकी कुछ बोल ही नहीं पाई और गोलू बीच में बोल पड़ा,”अरे भैया वो पिताजी की दुकान से कुछो सामान लिया हुआ था इनके पिताजी का पैसो का मैटर था तो पिंकी के पिताजी ने कहा की हम पिताजी से बात करके थोड़ा कम करवा दे बस यही पूछ रही थी ये”
गोलू ने एक और झूठ बोल दिया लेकिन ये झूठ गुड्डू को हजम नहीं हो रहा था उसने कहा,”अच्छा तो इस मैटर में इनके पिताजी को आकर बात करनी चाहिए जे काहे आयी है हिया ?”
“तुमको इस से क्या मतलब है गुड्डू ये हमारा आपस का मामला है”,पिंकी ने गुड्डू की ओर पलटकर थोड़ा गुस्से से कहा
“तुम्हाये सारे मामले हमे पता है पिंकिया , हम नहीं फंसे तो गोलू फ़साना शुरू कर दी तुम”,गुड्डू ने मुंह बनाकर कहा
“क्या बकवास कर रहे हो ? और गोलू तुम , तुम चुपचाप सुन रहे हो”,पिंकी ने गोलू पर गुस्सा होते हुए कहा
“अरे गुड्डू भैया आप काहे खामखा उलझ रहे है जे पिंकी और पिताजी के बीच का मैटर है”,गोलू ने बात सम्हालने की कोशिश की
“हां तो फिर इनसे कहो की हम पर गर्म होने की जरूरत नहीं है”,गुड्डू ने कहा
“ओह्ह तो तुम्हे जलन हो रही है की मैंने तुमसे आकर बात नहीं की,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,पिंकी ने गुड्डू को चिढ़ाते हुए कहा
“अरे जले हमायी जुत्ती,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने इतना ही कहा की अचानक से वहा शगुन आ गयी और कहा,”गुड्डू जी आप ये पेपर्स घर ही भूल आये थे इन्हे शोरूम पर देना था , मैं वेदी के साथ किसी काम से बाहर आयी थी तो सोचा आपको दे दू”
शगुन को वहा देखकर गुड्डू के मन में विचार आया की क्यों ना पिंकी को जलाया जाये उसने पिंकी को साइड किया और शगुन का हाथ पकड़कर उसे अंदर लाते हुए कहा,”अरे तुमहू पागल हो का इति धुप में बाहर चली आयी , हमे कहती हम चले आते ,, देखो किती गर्मी है पसीना भी बह रहा है” कहते हुए गुड्डू ने जेब से रुमाल निकाला और शगुन के माथे का पसीना पोछ दिया। शगुन को तो यकीन ही नहीं हो रहा था की गुड्डू ये सब कर रहा है। रुमाल वापस जेब में रखकर गुड्डू ने शगुन को सोफे पर बैठाते हुए कहा,”हिया बैठो आराम से हम अभी ठंडा मंगवाते है”
पिंकी ने देखा तो मन ही मन खुश हो रही थी की चलो शगुन और गुड्डू के बीच सब सही हो गया। गोलू को फोन करने का इशारा करके वह वहा से चली गयी। गुड्डू ठंडा ले आया और शगुन को देकर गोलू की तरफ आकर कहा,”देखा कैसे जल भून गयी पिंकिया”
“आप चाहो तो जे हमेशा के लिए कर सकते हो”,गोलू ने बिना किसी भाव के गुड्डू की तरफ देखकर कहा
“उह कैसे ?’,गुड्डू ने पूछा
“शादी कर लो शगुन से”,गोलू ने कहा तो गुड्डू ने उसे साइड में धकियाते हुए कहा,”काम पर ध्यान दो”
गुड्डू शगुन के पास आया और कहा,”वैसे तुम और वेदी हिया का कर रही हो ?”
“वो वेदी को कुछ काम था मार्किट में तो मुझे साथ ले आयी , वो बाहर ही है मैं चलती हूँ”,शगुन ने उठते हुए कहा
“हम छोड़ देते है”,गुड्डू ने साथ आते हुए कहा चलते हुए नजर गोलू पर चली गयी गोलू रहस्यभरी मुस्कान के साथ उन दोनों को ही देख रहा था।
“गुड्डू जी मैं और वेदी चले जायेंगे आप अपना काम देखिये , बाय”,कहकर शगुन चली गयी
शगुन के जाते ही गोलू हसने लगा तो गुड्डू उसके पास आया और कहा,”हंस काहे रहे हो बे ?”
“हमको लगा आपको शगुन जी में इंट्रेस्ट नहीं है , लेकिन यहाँ तो वही आपको कोई भाव नहीं दे रही है”,गोलू ने हँसते हुए कहा तो गुड्डू झेंप गया लेकिन इज्जत तो बचानी ही थी इसलिए कहा,”भाव और हमको ? बेटा कानपूर में ऐसी कोई पैदा नहीं हुई जो गुड्डू मिश्रा को भाव ना दे उह तो हमही ज्यादा किसी से बात नहीं करते , समझे”
“समझ गए भैया अब थोड़ा काम कर ले”,गोलू ने कहा और फिर गुड्डू के साथ अपने नए आर्डर की तैयारी करने लगा। दोपहर बाद मनोहर का फोन आने से गुड्डू उस से मिलने चला गया जाते जाते उसने गोलू को वो पेपर्स दे दिए जो मिश्रा जी को देने थे कहा की वह शाम से पहले उन्हें शोरूम पहुंचा दे। गोलू को अपने प्लान को आगे बढ़ाने के लिए मिश्रा जी से मिलना था और उसके पास ये अच्छा मौका था गुड्डू के जाने के 10 मिनिट बाद ही गोलू ने दुकान बंद की और जैसे ही जाने लगा एक आदमी आया और कहा,”अरे भैया कहा जा रहे हो ?”
“तुम्हायी अम्मा के ब्याह में जा रहे है चलोगे ?”,गोलू ने झुंझला के कहा
“अरे भैया इतना गर्माय काहे रहे हो हमे जे पूछना था , मुंडन का प्रोग्राम करवा देते हो ?”,आदमी ने कहा
“तुमको का हम नाइ दिखते है ? अमा यार दिमाग ना खराब करो जाओ हिया से हमको किसी जरुरी काम से निकलना है शाम में मिलना ठीक है”,कहते हुए गोलू ने स्कूटी स्टार्ट की और वहा से निकल गया। कुछ देर बाद ही गोलू पहुंचा मिश्रा जी के शोरूम मिश्रा जी किसी आर्डर की साड़ियों को पैकिंग करवा रहे थे। 300 साड़ियों के बण्डल पड़े थे। गोलू ने देखा मिश्रा जी सामने ही खड़े है उसने न दांये देखा ना बांये बस सीधा निकल गया और वहा नीचे रखी पन्नी पर उसका पैर जा गिरा। गोलू फिसला और सब साड़ियों के बंडल के साथ नीचे जा गिरा , सारी साड़िया अस्त-व्यस्त हो गयी ये देखकर मिश्रा जी ने गुस्से से कहा,”अरे जे कौन महमूर्ति घुसे चले आये है , उठाकर साइड में फेंको इनको”
उन्होंने ध्यान नहीं दिया की साड़ियों के बीच में गिरा वो लड़का गोलू है , लड़को ने भी तुरंत मिश्रा जी की आज्ञा का पालन किया और गोलू को उठाकर साइड में
फेंक दिया गोलू सीधा जाकर मैनेजर के पैरो में गिरा मैनेजर ने देखा तो कहा,”अरे मालिक ये तो गोलू है”
“गोलू हिया का कर रहा है ? ये सारी साड़िया पैक करवाओ हम आते है”,कहते हुए मिश्रा जी गोलू के पास आये और उसे उठाते हुए कहा,”का नौटंकी में हिस्सा ले रहे हो जो ऐसी एंट्री मारी है ?”
“अरे हम तो जे पेपर्स देने आये थे आपको , आपने हमे ही फिकवा दिया,,,,,,,,,,,,,,,,,हाये !!”,गोलू ने अपनी कमर से हाथ लगाते हुए कहा
“अरे हमे का पता था तुम हो”,मिश्रा जी ने पेपर लेते हुए कहा
“हमको ना कुछो बात भी करनी थी आपसे”,गोलू ने धीरे से कहा
“ठीक है तुमहू चलकर हमाये केबिन में बैठो हम थोड़ी देर में आते है”,मिश्रा जी ने पेपर देखते हुए कहा
“एक कप चाय मिल जायेगी ?”,गोलू ने डरते डरते कहा
मिश्रा जी ने सामने काम करते लड़के को आवाज लगाईं और कहा,”सुनो राधेश्याम इनको चाय पिलाओ”
गोलू केबिन की तरफ जाने लगा जाते जाते रुका और पलटकर कहा,”जब चाय भिजवा ही रहे है तो थोड़े बिस्कुट भी भिजवा दीजियेगा”
“गद्दा भी लगवा दे , खा पीकर आराम करके चले जाना”,मिश्रा जी ने घूरते हुए कहा तो गोलू बिना रुके सीधा केबिन में चला गया। साड़ी का आर्डर भिजवाकर मिश्रा जी केबिन में आये तो देखा गोलू कप की चाय प्लेट में डालकर पी रहा है। मिश्रा जी आकर अपनी कुर्सी पर बैठे और कहा,”हाँ बताओ का बात करनी है ? शाम में घर आ जाते वही बात कर लेते”
“घर में गुड्डू भैया भी तो होते है , इसलिए हिया आना पड़ा”,गोलू ने चाय खत्म करके कप साइड में रखते हुए कहा
“अच्छा बताओ का बात है ?”,मिश्रा जी ने कहा
“हमाये पिताजी ने जो लड़की देखी थी उह रिश्ता कैंसल हो गया। पंडित जी से हमने कहलवा दिया की हम मांगलिक है और हमारी शादी मांगलिक से ही होगी। अब आप हमाये पिताजी तक जे बात पहुंचा दो की पिंकिया भी मांगलिक है और हमारी शादी उस से हो सकती है”,गोलू ने कहा
“गोलू हम का कह रहे है की जे पिंकिया से शादी करना जरूरी है का मतलब और बहुत लड़की मिल जाएगी तुमको , अरे हम ढूंढ देंगे फिर जे सब करके काहे सबको उलझा रहे हो ?”,मिश्रा जी ने शांत भाव से कहा
“क्योकि हमाये बच्चे की माँ बनने वाली है”,झुंझलाहट में आकर गोलू ने मिश्रा जी सामने सच बोल दिया। मिश्रा जी ने जैसे ही सूना अवाक् रह गए गोलू से उनको ये उम्मीद नहीं थी। एक पल के लिए उनका सर सुन्न रह गया उन्होंने अपना माथा पकड़ लिया और कुछ देर बाद कहा,”तो जे है तुम्हायी जिंदगी का सबसे बड़ा कांड ?”
“हम का बताये सब अनजाने में हो गवा उह नशे में थी और हम अपनी भावनाओ को रोक नहीं पाए”,गोलू ने निराश होकर कहा
“उह नशे में थी लेकिन तुमहू तो होश में थे , एक लड़की के सामने तुमहू हद में नहीं रह पाए कैसे मर्द हो बे तुम ? और जे सब करने के बाद तुमहू चाहते हो हम तुम्हायी मदद करे , तुम्हायी मदद ना हम आज करेंगे ना कल”,कहते हुए मिश्रा जी ने जैसे ही सामने देखा गोलू गायब था। उन्होंने इधर उधर देखा तो उन्हें अपने पैरो में कुछ महसूस हुआ। मिश्रा जी ने अपने पैरो में देखा तो पाया की गोलू उनके पैरो में गिरा हुआ है।
“गोलू जे का कर रहे हो उठो ? अरे हम कहते है उठो”,मिश्रा जी ने कहा
“नहीं जब तक आप हमे माफ़ नहीं करेंगे हम नहीं उठेंगे , अरे हम कुत्ते है , कमीने है , बंडलबाज है , रंगबाज है हमसे बहुते बड़ी गलती हो गयी। हमे माफ़ कर दो आप ही हमे इस दुविधा से बाहर निकाल सकते हो ,, हमे बचाय ल्यो मिश्रा जी वरना अब तक आपसे पिटे है अगर जे बात सामने आयी तो गुड्डू भैया , शर्मा जी और गुप्ता जी मिलकर हमायी बैकुंठी निकाल देंगे”
मिश्रा जी ने सुना तो उन्हें गोलू पर दया आ गयी , कुछ देर के लिए वे सोच में पड़ गए और कहा,”उठो”
“पहिले कहो के आपने हमे माफ़ कर दिया ?”,गोलू ने कहा
“हां माफ़ कर दिया उठो”,मिश्रा जी ने कहा तो गोलू उठ खड़ा हुआ और कहने लगा,”हम ऐसा कुछ नहीं करना चाहते थे पर उस वक्त दिमाग काम नहीं कर रहा था और जे सब ,,,,,,,,!!”
“बैठो , हमे कुछ सोचने दो”,मिश्रा जी ने कहा
क्रमश – manmarjiyan-s64
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संजना किरोड़ीवाल
Superb गोलु का साढ़ेसाती अब मिश्रा जी ही उतारेंगे
Kafi acha tha aj ka part mam
Aree areee golu ka kand mishra ji k aage aa gyaa…pr shukar hh unhone guddu ko maaf kr diya😌😌😌 or uski madad bhi krenge🥰🥰🥰
chalo kuch sach bolke accha hi kiya golu ne
Aaj to golu ka kand mishra ji k samne aa gya ab y baat Guddu ko pata chalega tb wo ky react karega
Bahut accha likha h aapne keep it up
ab lgta h golu ko koi solution mil jayega
Anjane m hi Shi…golu ka song Kam se Kam dang ka Kam kiyA🤣
Ab to mishra ji hi koi solution nikal sakte h nhi to golu gya barah k bhaav m wse bhut hi jyaada mazaa as rha h story m
Very interesting lovely ossom beautiful part
Bechara Golu iske upar to shani ka parkop hai waise aaj ka part achchha tha or thoda banarasi bhokal mila par mujhe to laga tha ki mishra ji sach Jan kar kahi Golu ki sutai na kar de par esa nhi hua aaj to Golu bach gaya par aage ka pata nahi 😂😂😂😂
Nice
Very nice part
Beachara golu but is bar kismat achi h ki mishra ji gussa nhi huye wrna golu to jata bechara kam se
Very interesting Awesome mind blowing part
Very beautiful
मैम गोलू ने मिश्रा जी को पकड़कर अच्छा काम किया हैं…अब मिश्रा जी जैसे समझदार इंसान गोलू की मदद करेगा ..तो गोलू की तो चल पड़ी😊 superb part👌👌👌👌👌
चलो जी अब कुछ हो सकता ही..।और मिश्रा जी जरूर गोलू की मदद करेंगे..।
Chalo sb shi bta k achha kiya golu ne ab bus iski Lanka n lge qki guddu bhi baat krne wala h😂😂😂😂😂
Very nice part 👌
Mam mene archana publication se kitni mahobat h season2 ki book online order ki thi 5th April ko lekin mujhe abhi tk book nhi mili plz reply me book kb tk mil jayegi
Superb amazing😍😍 part👌👌👌👌🌺🌺🌺
Kahani jaise aage badthi jaraha hai jaise hi mishra ji aur golu ache dosth bane ja raha hai😂😂