Sanjana Kirodiwal

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मनमर्जियाँ – S64

Manmarjiyan – S64

मनमर्जियाँ – S64

गोलू इन दिनों चारो तरफ से परेशान हो चुका था और गुस्से गुस्से में उसने मिश्रा जी को सब सच बता दिया। पहले तो मिश्रा जी को गोलू पर गुस्सा आया लेकिन बाद में उन्हें गोलू की स्तिथि समझ आयी। कई बार ऐसा होता है जब इंसान का अपनी भावनाओ पर कंट्रोल नहीं रहता और वो जवानी में ऐसी गलती कर बैठता है लेकिन पिंकी से शादी करने का फैसला करके गोलू ने एक अच्छा फैसला किया था जिसके लिए मिश्रा जी को उसका साथ देना पड़ा। मिश्रा जी अपनी कुर्सी पर बैठे सोच में डूबे रहे कुछ देर बाद उन्होंने कहा,”देखो गोलू गलती तो तुमसे हुई है और इसके बाद जो तुमने पिंकी से शादी का फैसला किया है वो हमे अच्छा लगा। कल परसो में तुम्हारे पिताजी से मिलते है और उन्हें बैठकर समझाते है”
“बस इह सब सही हो जाये उसके बाद गंगा मैया की कसम कोई काण्ड नहीं करेंगे”,गोलू ने कहा
“तुम्हारा और कांड का तो जन्मो जन्मो का रिश्ता है गोलू खामखा गंगा मैया को तो बदनाम ना ही करो तुम”,मिश्रा जी ने कहा
“नहीं चच्चा इस बार सच कह रहे है बहुत परेशान किया है हमने सबको अपनी बेवकूफियों से लेकिन इस बार जो हुआ है उनसे हमायी आँखे खोल दी , अबसे खुद की और पिंकिया की जिम्मेदारी हम लेंगे और हमाये बच्चे की भी”,गोलू ने सीरियस होकर कहा
“चलो देखते है कब तक टिकते हो अपनी बात पर , अब घर जाओ हमे कुछो काम है”,मिश्रा जी ने कहा तो गोलू उठा और दरवाजे की तरफ बढ़ गया
“गोलू,,,,,,,,,,,!!”,मिश्रा जी ने गोलू को आवाज दी
“जी”,गोलू ने पलटकर कहा
“पिंकी गर्भवती है जे बात बाहर नहीं जानी चाहिए , मोहल्ले की बिटिया है हम नहीं चाहते लोगो की नजर में उसकी गलत छवि बने”,मिश्रा जी ने कहा
“हम ध्यान रखेंगे”,गोलू ने कहा उसकी आँखों में सच्चाई साफ़ दिख रही थी
“निभा लोगे ना रिश्ता उसके साथ ?”,मिश्रा जी पूछा
“जब इतना भरोसा किया है तो आखरी बार और सही”,गोलू ने कहा
“ठीक है ख़ुशी ख़ुशी घर जाओ बजवाते है तुम्हायी शादी का बेंड जल्दी ही”,मिश्रा जी ने कहा तो गोलू वहा से चला गया। उसने पिंकी को फोन किया और उसे मोती झील आने को कहा। पिंकी आकर गोलू से मिली तो उसने उसे सब बात बताई तो पिंकी ने गोलू के दोनों हाथो को थामते हुए कहा,”गोलू सब ठीक हो जाएगा ना , हमे बहुत डर लग रहा है”
“पिंकी हम तुम्हारे साथ है हर हाल में”,गोलू ने भरोसा जताते हुए कहा
“तुम पर भरोसा है गोलू तुम जब कहोगे हम तुम्हारे साथ आने के लिए तैयार है”,पिंकी ने कहा तो गोलू ने उसे गले लगाया और कहा,”सब ठीक हो जाएगा पिंकी बस हम पर भरोसा रखो”
“तुमने गुड्डू को हमारे बारे में बताया ?”,पिंकी ने गोलू से दूर होते हुए कहा
पिंकी की बात सुनकर गोलू फिर परेशान हो गया उसने गुड्डू को अपने प्यार के बारे में तो बताया था लेकिन गलत लड़की बता दी। गोलू को परेशान देखकर पिंकी ने कहा,”गोलू क्या हुआ ?”
“हम गुड्डू भैया को जे सब कैसे बता सकते है पिंकी ? हम तो यही सोच कर डर रहे है की गुड्डू भैया को जब पता चलेगा तो का होगा ?”,गोलू ने परेशान होते हुए कहा। पिंकी ने गोलू का हाथ पकड़ा और कहा,”गोलू जिस दिन गुड्डू को किसी से प्यार होगा ना वो समझ जाएगा , और आज उसे शगुन की परवाह करते देखकर तो लग रहा था की वो दिन जल्दी ही आने वाला है”
“हम भी यही चाहते है पिंकिया , शगुन भाभी ने गुड्डू भैया के लिए बहुत दुःख सहा है बस अब उनकी जिंदगी में खुशिया आ जाये”,गोलू ने भावुक होते हुए कहा
“शगुन बहुत अच्छी है गोलू , गुड्डू से इतना प्यार कोई नहीं कर पायेगा जितना वह करती है ! सही कहा था उसने मुझसे प्रेमिका बनना आसान है लेकिन पत्नी बनकर रिश्ता निभाना मुश्किल है”,पिंकी ने कहा
“हां उह बहुते अच्छी है और बस महादेव से दुआ है उन्हें संसार की सारी खुशिया मिले”,गोलू ने कहा
“अच्छा गोलू अब हमे जाना पडेगा और तुम बिल्कुल टेंशन मत लो हम तुम्हारे साथ है”,पिंकी ने कहा और वहा से चली गई। गोलू भी अपने घर के लिए निकल गया। मनोहर से मिलने के बाद गुड्डू भी आपने घर चला आया। शगुन कही दिखाई नहीं दी गुड्डू ऊपर अपने कमरे में चला आया। शगुन गुड्डू के कमरे का बिस्तर सही कर रही थी। उसे गुड्डू के आने का ध्यान नहीं रहा उसने बिस्तर से बेडशीट उठाकर जैसे ही झड़काई गुड्डू एकदम से उसके सामने आ गया बेडशीट झड्काने से गुड्डू के आँख में कचरा जा गिरा और उसके मुंह से आह निकल गयी। शगुन बेडशीट फेंककर उसके पास आयी और कहा,”सॉरी वो मैंने देखा नहीं , आपकी आँख दिखाईये शायद कुछ चला गया”
गुड्डू ने आँख मसलते हुए कहा,”तुमहू हमाये कमरे में का कर रही हो ?”
“वो सफाई करने,,,,,,,,,,,,,,,,,,आप आँखे मत मसलिये मुझे दिखाईये”,शगुन ने गुड्डू का हाथ साइड करते हुए कहा और खुद उसके करीब आकर उसकी आँख को देखने लगी। शगुन की नजदीकियों से गुड्डू का दिल धड़कने लगा , वह शगुन के होंठो की तरफ देखे जा रहा था। शगुन थोड़ा सा ऊपर उठी और गुड्डू की आँख में फूंक मारने लगी। शगुन गुड्डू के नजदीक थी तभी मिश्राइन उपर आयी और कहा,”अरे गुड्डू हम जे कह रहे थे,,,,,,,,,!!”
मिश्राइन की आवाज सुनकर गुड्डू ने जैसे ही अपना चेहरा घुमाया शगुन के होंठ गुड्डू के गाल से जा लगे। ये सब अचानक हुआ शगुन की आँखों पुतलिया फ़ैल गयी और गुड्डू का दिल और भी तेज धड़क उठा लेकिन मिश्राइन को वहा देखकर वह जल्दी से उनके पास आया और कहा,”हां अम्मा”
मिश्राइन ने कहने के लिए जैसे ही मुंह खोला उनकी नजर गुड्डू के गाल पर चली गयी जिस पर शगुन के होंठो की छाप लगी हुई थी। मिश्राइन मन ही मन मुस्कुराने लगी और कहा,”हम बाद में आते है”
कहकर मिश्राइन गुड्डू और शगुन को वही छोड़कर चली गयी। गुड्डू वापस आया तो शगुन ने कहा,”मैंने जान बूझकर नहीं किया वो आप एकदम से पलटे तो हो गया”
“का ? अच्छा छोडो जे सब हम तुम्हायी मदद कर देते है”,गुड्डू किस वाली बात भूल गया और बेडशीट उठाकर बेड पर बिछाने लगा। शगुन भी आकर उसकी मदद करने लगी। बेडशीट लगाते हुए गुड्डू ने कहा,”तुम्हे पता है गोलू की शादी होने वाली है”
शादी का नाम सुनकर शगुन ने गुड्डू की तरफ देखा और मन ही मन खुद से कहने लगी,”कही गोलू जी ने गुड्डू जी को सच तो नहीं बता दिया ? गोलू जी की शादी तो पिंकी से होने वाली थी और अगर गोलू जी ने इन्हे सच बता दिया तो ये इतना शांत कैसे है ?”
“का हुआ कहा खोयी हो ? अरे गोलू किसी को पसंद करता है आज बता रहा था हमे , उसका भी अच्छा है लव मैरिज होगी पट्ठे की”,गुड्डू ने खुश होकर कहा
जवाब में शगुन मुस्कुरा दी और जाने लगी तो गुड्डू ने कहा,”अच्छा उह तुम्हायी बहन की शादी कब है ? तुम्हाये पिताजी ना बहुते अच्छे इंसान है उनसे कहना शादी में सारा बंदोबस्त हम और गोलू ही करेंगे , हमारी तरफ से तुम्हायी बहन को शादी का गिफ्ट”
“उसकी शादी नवम्बर है दिवाली के बाद आप चलेंगे ?”,शगुन ने बड़े प्यार से पूछा
“जायेंगे लेकिन एक शर्त पर”,गुड्डू ने कहा
“और वो शर्त क्या है ?”,शगुन ने पूछा
गुड्डू उठकर शगुन के पास आया और कहा,”वहा कोई हमे दामाद जी कहकर नहीं बुलाएगा”
“और ऐसा क्यों ?”,शगुन ने उसकी आँखों में देखते हुए कहा
“कोई ऐसे झूठ बोलता है तो अच्छा नहीं लगेगा ना”,गुड्डू ने मासूमियत से कहा
“झूठ को सच भी बनाया जा सकता है”,शगुन ने कहा
“मतलब ?”,गुड्डू ने एकदम से कहा
“कुछ नहीं”,कहकर शगुन वहा से चली गयी गुड्डू को जब तक समझ आया शगुन जा चुकी थी वह मुस्कुरा उठा और शीशे के सामने चला आया। शीशे के सामने आकर उसने जैसे ही अपने बालो में हाथ घुमाया उसकी नजर अपने गाल पर गयी उसके गाल पर लिपस्टिक का निशान लगा हुआ था। गुड्डू ने उसे जल्दी से मिटाया और कहा,”अच्छा हुआ किसी ने देखा नहीं वरना फिर से सबको हमे परेशान करने का मौका मिल जाता”
गुड्डू ने अपना टीशर्ट और ट्राउजर उठाया और नहाने चला गया। नहाकर गुड्डू वापस अपने कमरे में चला आया और आकर बिस्तर पर लेट गया।

अगले दिन मिश्रा जी गोलू के घर आये। हालाँकि गोलू और गुड्डू की दोस्ती के बारे में पूरा मोहल्ला जानता था लेकिन मिश्रा जी और गुप्ता जी कभी एक दूसरे के घर आना जाना नहीं करते थे। आखरी बार मिश्रा जी गुप्ता जी से गुड्डू की शादी में मिले थे। मिश्रा जी को अपने घर में देखकर गुप्ता जी ने कहा,”अरे मिश्रा जी आप सुबह सुबह हिया ? आईये अंदर आईये,,,,,,,,,,,,,,,अरे गोलू की अम्मा चाय चढ़ा दो जरा”
गुप्ता जी मिश्रा जी को लेकर अंदर आये और उन्हें बैठने को कहा। मिश्रा जी अंदर आ बैठे , गुप्ता जी उनके सामने पड़ी खाली कुर्सी पर आ बैठे और कहा,”और मिश्रा जी सब खैरियत ?”
“हाँ वो इधर से गुजर रहे थे तो सोचा आपसे मिलते चले , सुनने में आया की गोलू का रिश्ता देख रहे है आप”,मिश्रा जी ने कहा
“हां मिश्रा जी लड़का बड़ा हो गया है , काम भी करने लगा है तो सोचा वक्त रहते हाथ पीले कर दे उसके ,, आपने भी तो गुड्डू की शादी समय से कर ही दी थी फिर आप तो जानते ही गोलू की कलाकारिया , आजकल के लड़को का कोई भरोसा नहीं है कब का कांड कर दे ? आपको पता है बगल वाले शर्मा जी का लड़का कल ही लौंडिया के चक्कर में पिटा है अपने बाप से”,गुप्ता जी ने दबी आवाज में कहा
“इसलिए हम आपके पास आये है , गुड्डू बता रहा था की गोलू मांगलिक है , अब मांगलिक लड़के के लिए लड़की भी मांगलिक ही चाहिए। कुछ दिन पहिले शर्मा जी हमाये पास आये थे उह बता रहे थे की उनकी बिटिया भी मांगलिक है। हम सोच रहे थे की अगर गोलू और उनकी बिटिया का रिश्ता हो जाये तो आपकी समस्या भी खत्म , गोलू को भी अच्छी लड़की मिल जाएगी और शर्मा जी बिटिया को ब्याह देंगे”,मिश्रा जी ने कहा
“जे पट्टी गोलू ने आपको पढाई है ?”,गुप्ता जी ने मिश्रा जी से कहा
“गुप्ता यार तुमहू पगलेट हो का मतलब तुमको का लगता है तुम्हाये बकैत लौंडे की बात सुनकर हमहू हिया आएंगे , हम हिया आये है अच्छी सोच के साथ। मोहल्ले की बिटिया तुम्हाये घर आएगी तो अच्छे से यहाँ का माहौल समझेगी , गोलू की अम्मा और तुम्हायी इज्जत करेगी सम्मान करेगी , रही बात गोलू की तो का पता गोलू भी शादी के बाद सुधर जाये ,, जरा सोच के देखो का अच्छा रिश्ता है उस पर गोलू के मांगलिक होने का दोष भी खत्म ,,,,,,,,,!!”,मिश्रा जी ने अपनी भाषा में गुप्ता जी को समझाया तो वे सोच में पड़ गए
गुप्ता जी को सोच में डूबा देखकर मिश्रा जी आगे कहने लगे,”देखो यार गुप्ता इकलौता लड़का है तुम्हारा , हमेशा तुमने उसका अच्छा बुरा सोचकर फैसला लिया है इस बार भी गोलू की ख़ुशी के लिए एक बार अपने गुस्से और झगडे को साइड कर देओ और बच्चो की ख़ुशी के बारे में सोचो ,,,,,, गुड्डू के साथ जो हुआ महादेव ना करे किसी भी बच्चे के साथ हो इहलीये कह रहे है की जरा ठन्डे दिमाग सोचो बच्चो की ख़ुशी में ही हमायी ख़ुशी है”
“बात तो आपकी ठीक है मिश्रा जी लेकिन उह शर्मा कह रहा है की हमहू जाकर उनकी धर्मपत्नी से माफ़ी मांगे”,गुप्ता जी ने कहा
“अरे तो मांग लो माफ़ी इसमें कौनसी बड़ी बात है ? वैसे रंगबाज तो तुमहू भी कम नहीं थे जवानी में,,,,,,,,,,,,,,,,गुप्ता जी हमायी बात समझो माफ़ी मांगने से कोई छोटा नहीं हो जाता। अब अगर आप कहे तो इस मामले को हम निपटा सकते है बाकि आगे आपकी इच्छा”,मिश्रा जी ने कहा
गोलू की अम्मा चाय नाश्ता ले आयी मिश्रा जी ने चाय-नाश्ता किया और फिर कहा,”घर की बात को घर में ही सुलझा ले तो बेहतर है बात बाहर आएगी तो दोनों परिवारों की इज्जत पर बात आएगी। कुछ फैसले अपने अहम से हटकर भी लेने पड़ते है गुप्ता जी , गोलू गुड्डू का दोस्त ही नहीं बल्कि हमारे बेटे जैसा ही है , बच्चे का दिल मत तोड़िये”
“मिश्रा जी गोलू को लेकर हमहू बहुते गलत थे , आपको कानपूर में कौन नहीं जानता फिर भी जब आप गोलू के लिए जे सब कह रहे है तो जरूर उसमे कोई बात होगी , ठीक है हमहु माफ़ी मांग लेंगे लेकिन सिर्फ आपके कहने पर”,गुप्ता जी ने कहा
मिश्रा जी मुस्कुराये और गुप्ता जी का कंधा थपथपाते हुए कहा,”बहुते सही जे हुई ना मर्दो वाली बात , अब बस धूमधाम से गोलू की सादी की तैयारी करो”

क्रमश – Manmarjiyan – S65

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संजना किरोड़ीवाल

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