मनमर्जियाँ – S90
Manmarjiyan – S90
Manmarjiyan – S90
गुड्डू और शगुन की जिंदगी में एक बार फिर तूफ़ान आ चुका था और इस बार का ये तूफान ऐसा था जिसमे सिर्फ दर्द और आंसू थे। गुड्डू की सलामती के लिए शगुन ने मिश्रा जी का घर छोड़ने का फैसला ले लिया और वहा से चली गयी। मिश्रा जी और बाकि घरवालों ने शगुन को रोकने की बहुत कोशिश की लेकिन शगुन नहीं रुकी। शगुन एक बहुत समझदार लड़की है जिसे हर परिस्तिथि में खुद को ढालना आता है। वह जानती थी की इस वक्त गुड्डू बहुत गुस्से में है और वह उसकी कोई बात नहीं सुनेगा। अगर वह यहाँ रही तो गुड्डू का गुस्सा कम होने के बजाय और बढ़ेगा। शगुन बिल्कुल नहीं चाहती थी की इन सबका असर गुड्डू की सेहत पर पड़े इसलिए वह बनारस जाने के लिए निकल गयी।
शगुन के जाने के बाद मिश्रा जी किसी हारे हुए इंसान की तरह आकर तख्ते पर बैठ गए। वे शगुन को जाने से नहीं रोक पाए , बेबसी और लाचारी उनके चेहरे से साफ झलक रही थी। मिश्राइन ने देखा तो उनके पास चली आयी और कहा,”आप चिंता मत कीजिये सब ठीक हो जाएगा , हम है ना हम समझाते है गुड्डू को आप ऐसे दिल छोटा मत कीजिये”
“का ठीक हो जाएगा मिश्राइन पिछले कई महीनो से सब ठीक करने की कोशिश ही कर रहे है हम सब , सब ठीक करने के लिए ही तो गुड्डू से जे सारी बातें छुपाई थी और देखो अंजाम का हुआ ? हमने हमायी लक्ष्मी जैसी बहू को खो दिया। इस घर से जाते हुए उसे कितनी तकलीफ हो रही थी जे हमने देखा मिश्राइन। का जवाब देंगे गुप्ता जी ? का कहेंगे उनसे की उनकी बिटिया को इस घर की बहू होने का हक़ नहीं दे पाए हम। बेटे के प्यार में इतने स्वार्थी हो गए की बेटी जैसी बहू को जाने दिया यहाँ से,,,,,,,,,,,,,,,,,,जे सब हमायी वजह से हुआ है मिश्राइन अगर उस रोज गुड्डू की बात मान कर उसकी शादी उसके कहे करवा देते तो कम से कम आज शगुन की जिंदगी खराब ना होती। का का देखना पड़ा है जे घर में उसको , पहले गुड्डू की नफरत , फिर उसका बच्चा , फिर जे सब , आखिर शगुन के मामले में महादेव इतने कठोर कैसे हो गए ? उसके जीवन में खुशिया काहे नहीं लिखी उन्होंने ? रही सही कसर हमने पूरी कर दी उसे गुड्डू की जिंदगी में वापस लाकर,,,,,,,,,,,,,,,,,,हम उन दोनों का रिश्ता टूटते नहीं देख सकते मिश्राइन” ,कहते हुए मिश्रा जी की आँखे नम हो गयी
मिश्राइन ने पहली बार मिश्रा जी को इतना इमोशनल देखा था उन्होंने मिश्रा जी के कंधे पर हाथ रखा और कहने लगी,”इन दोनों की शादी महादेव के घर में हुई है ऐसे थोड़े टूट जाएगी। सबकी जिंदगी में दुःख सुख आते है इन दोनों की जिंदगी में थोड़े ज्यादा है बस,,,,,,,,,,,गुड्डू भी परेशान है बेचारा उसे तो याद भी नहीं है की उसकी शगुन से शादी हुई है , पता होता तो का अपनी पत्नी को ऐसे जाने के लिए कहता। जिस दिन उसे सच पता चलेगा ना दौड़कर जाएगा अपनी शगुन को लाने , आप चिंता मत कीजिये महादेव सब ठीक करेंगे।”
मिश्राइन की बातो से मिश्रा जी को कुछ तसल्ली मिली लेकिन अभी भी उनके मन में बहुत कुछ चल रहा था। मिश्रा जी उठे और नहाने चले गए। एक तरफ उन्हें शगुन के जाने का दुःख था तो दूसरी तरफ उन्हें गुड्डू पर हाथ उठाने का दुःख था। ऐसे कई बार गलतियों पर मिश्रा जी ने गुड्डू और गोलू की साथ में सुताई की हो लेकिन कभी उसे थप्पड़ नहीं मारा था वो भी इतनी नफरत से। नहाकर मिश्रा जी तैयार हुए और बाहर चले आये। घर का माहौल गमगीन था , अम्मा को पता चला तो उन्हें बहुत दुःख हुआ और उन्होंने मिश्रा जी से कहा,”ए आनंद जरा हिया आओ”
“जी अम्मा कहिये”,मिश्रा जी ने अपनी माँ के बगल में बैठते हुए कहा
“तुम सब का पगला गए हो , अकेली बहू को मायके भेज दिया। गुड्डू को काहे नहीं समझाते ?”,अम्मा ने कहा
“अब का बताये अम्मा वो किसी की सुने तब उसे कुछ समझाए अपने गुस्से और जिद में अपना बसा बसाया घर बर्बाद करने पर तुला है”,मिश्रा जी ने अफ़सोस जताते हुए कहा
“जे तो होगा ही , अरे तुमहू बचपन से उसे डरा धमका कर रखे। जब जी में आया पिटाई कर दी , हमेशा अपने फैसले थोपते रहे उस पर। तुमसे कुछ भी कहने से पहिले 100 बार सोचता है उह ,, घर की बिटिया को कोनो परेशानी हो तो उह जाके अपनी अम्मा को बता देती है मन हल्का हो जाता है पर घर के बेटे कहा जाये ?और तुम्हाये जैसे कठोर बाप हो घर में तो बेटे कुछो कहने से भी डरेंगे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अरे तुमहू बाप हो उसके पर कभी उसके मन की बात जानने की कोशिश की है ? हमेशा उसकी कमियों को देखा , उसकी गलतियों को देखा कभी जे देखा उसका मन कितना साफ है , कितना मेहनती है हमारा गुड्डू,,,,,,,,,,,,,,मोहल्ले में इतने लड़के है जो दारू सिगरेट सब करते है पर कभी अपने गुड्डू को देखा,,,,,,,,,,,,,इह उम्र मा जहा लड़के माँ बाप को पूछते नहीं हमाओ गुड्डू तुम्हायी एक आवाज पर दौड़े चले आते है और मजाल है तुमसे आँख मिलाकर बात कर ले। उह दिन जब तुमको परेशान देखा तो हमाये पास आकर मन हल्का किये रहय उह और कहने लगे की “बूढ़ा अबसे हम पिताजी की देखभाल करेंगे , उनका सारा बोझ अपने कंधो पर ले लेंगे” आज पहली बार उह तुमसे आँख मिलकर बात किया , पहली बार उसने ऊँची आवाज में बात की क्योकि अंदर से बहुते दुखी है उह लड़का,,,,,,,,,,,,,,,जे सब में हम शगुन को गलत नहीं मानते पर गलत हमाओ गुड्डू भी ना है ,, ओ की परेशानी समझने के बजाय तुम हाथ उठा दिए ओह पर जे कहा का कायदा है आनंद,,,,,,,,,,,,,,गलती कोनो से ना होती ? तुमसे , हमसे ,गुड्डू से सबसे होती है पर इह का मतलब जे थोड़े ना है की जवान लड़के पर हाथ उठा दयो कायदे से बात समझा भी सकते थे”,आज पहली बार अम्मा ने सब बाते मिश्रा जी से कह डाली जो की सच भी थी।
मिश्रा जी ने सूना तो उन्हें अहसास हुआ की उन्होंने अब तक गुड्डू के साथ बहुत सख्ती की थी और आज नतीजा ये था की गुड्डू उनसे बात करने से भी डरता था। मिश्रा जी को खामोश देखकर अम्मा ने अपना हाथ उनके हाथ पर रखा और कहने लगी,”देख आनंदवा गुड्डू को हम अच्छे से जानते है उह कभी किसी के साथ गलत करने का सोच भी नहीं सकता,,,,,,,,,हम ना जानते की उसके और शगुन के बीच का झगड़ा है पर जे लड़के की आँखों में शगुन के लिए भावना देखी है हमने और फिर शगुन पत्नी है उसकी ऐसे कैसे तुमहू और तुम्हायी घरैतिन ओह को जाने दिए। का इज्जत रह जाएगी हमायी समधियो के बीच ? जब गुड्डू का गुस्सा शांत हो जाये तो बैठकर उस से बात करो एक बाप बनकर नहीं बल्कि एक दोस्त बनकर का पता उह तुम्हे अपने मन की बात बताय दे,,,,,,,,,,,,,,,जे जीवन है इह मा सुख और दुःख दोनों आते है ,, वैसे भी अब थोड़े ही दिन बचे है जाने से पहिले गुड्डू का घर बसता देख ले तो कोई बोझ ना रहेगा मन मा” कहते हुए अम्मा की आँखे नम हो गयी , उनकी बातो से साफ़ पता चल रहा था की घर के माहौल से वे बहुत परेशान है
मिश्रा जी ने मरने की बात सुनी तो अपनी माँ का हाथ अपने हाथो में लेकर कहा,”कैसी बातें कर रही है अम्मा आप ? अभी तो आपको वेदी की शादी देखनी है। हम मानते है हमसे बहुते बड़ी गलती हुई है ,, अपनी कठोरता के चलते हमने गुड्डू को खुद से बहुत दूर कर दिया है पर हम आपसे वादा करते है जे सब हमने शुरू किया हम ही खत्म भी करेंगे”
“हमको बस इह घर मा खुशिया चाहिए आनंद , हमे हमायी शगुन वापस चाहिए”,कहते हुए अम्मा रोने लगी
“दिल छोटा ना करो अम्मा शगुन इह घर मा वापस जरूर आएगी और आपका गुड्डू खुद अपनी दुल्हिन को लेकर आएग”,मिश्रा जी ने अपनी अम्मा को गले लगाते हुए कहा।
मिश्रा जी कुछ देर वही बैठकर उनसे बातें करते रहे। पहली बार उन्हें अहसास हुआ की गुड्डू के मामले में वो कहा गलत थे। बड़ो के पास बैठने का ये फायदा तो होता ही है की वो हमे हमारी गलतियों का अहसास करवा देते है। मिश्रा जी उठे आज उनका शोरूम जाने का मन नहीं था , घर में उन्हें बार बार शगुन का ख्याल आ रहा था। मिश्रा जी घर से बाहर जाने लगे तो मिश्राइन ने कहा,”नाश्ता किये बिना जा रहे है”
“मन नहीं है मिश्राइन”,मिश्रा जी ने बुझे मन से कहा
“आपके मन की पीड़ा हम समझ सकते है पर ऐसे बिना कुछ खाये जायेंगे आप , थोड़ा सा खा लीजिये”,मिश्राइन ने कहा
“गुड्डू को खिला देना हम जरा बाहर होकर आते है”,मिश्रा जी ने कहा और वहा से चले गए। मिश्राइन के चेहरे पर उदासी छा गयी। उन्होंने अम्मा को नाश्ता दिया और फिर वेदी के लिए प्लेट में नाश्ता रखकर उसके कमरे में चली आयी। शगुन के इस तरह चले जाने से वेदी बहुत दुखी थी वह बिस्तर में मुंह छुपाये रो रही थी। मिश्राइन ने आकर उसके सर को सहलाते हुए कहा,”वेदी उठ बिटिया नाश्ता कर ले”
“गुड्डू भैया ने ऐसा काहे किया अम्मा का शगुन भाभी उनकी कुछ नहीं लगती ? गुड्डू भैया ने एक बार भी उनके बारे में नहीं सोचा और उन्हें घर से जाने के लिए कह दिया। उनका दिल इतना कठोर कैसे हो सकता है ?”,वेदी ने रोते हुए कहा
“बिटिया जो हो रहा है उसमे किसको दोष दे ? गुड्डू ने गुस्से में गलत फैसला ले लिया और हम भी शगुन को रोक नहीं पाए पर उम्मीद है की एक दिन सब ठीक हो जाएगा”,मिश्राइन ने कहा तो वेदी उठकर बैठ गयी और कहने लगी,”नहीं अम्मा कुछो ठीक नहीं होगा , जब तक गुड्डू भैया को सच पता नहीं चलेगा कुछो ठीक नहीं होगा। यादास्त उनकी गयी है और इसकी सजा शगुन भाभी को मिली। वो कितनी अच्छी है अम्मा हमारा उनसे कभी झगड़ा नहीं हुआ वो हमारी भाभी कम दोस्त ज्यादा थी। जे सब उनके साथ ही क्यों हुआ ? और गुड्डू भैया उनको जरा सा भी रहम नहीं आया भाभी पर उन्होंने उन्हें घर से निकाल दिया”
“बिटिया शांत हो जाओ , हमे तो कुछ भी समझ नहीं आ रहा है की इस वक्त हम का करे और किसे समझाए ? गुड्डू और शगुन दोनों ही अपनी अपनी जिद पर अड़े है अब तो महादेव ही कुछो करेंगे इन दोनों के जीवन में”,मिश्राइन ने आँखों में आँसू भरकर कहा
“अम्मा हमे हमायी शगुन भाभी वापस चाहिए , वो गलत नहीं है अम्मा उन्हें वापस ले आओ”,वेदी ने मिश्राइन की गोद में सर रखते हुए कहा।
गाड़ी में बैठी शगुन की आँखो से आंसू बहते जा रहे थे उसने ड्राइवर से कहा,”गाना बंद कर दीजिये भैया”
“जी भाभी”,कहकर ड्राइवर ने म्यूजिक सिस्टम बंद कर दिया
“आपके पास पानी मिलेगा ?”,शगुन ने अपने आंसू पोछते हुए कहा
“पानी तो नहीं है भाभी वहा आगे एक दुकान दिखाई दे रही है वहा रोकते है गाडी”,ड्राइवर ने कहा
गाड़ी कानपूर से काफी दूर निकल आयी थी। शगुन ने सर शीशे से लगा लिया
कुछ दूर जाकर ड्राइवर ने गाड़ी रोकी शगुन गाड़ी से उतरी तो ड्राइवर ने कहा,”भाभी आप रुकिए हम ला देते है”
शगुन वही गाड़ी के पास खड़ी रह गयी उसकी आँखों के सामने अभी भी गुड्डू का गुस्से वाला पल आ रहा था। शगुन सोच में डूबी हुयी थी की उसका फोन बजा। ये सोचकर की फोन गुड्डू ने किया होगा शगुन ने जल्दी से सीट से अपना फोन उठाया लेकिन फोन गोलू का था। शगुन ने फोन उठाकर कान से लगा लिया तो दूसरी और से गोलू की परेशानी भरी आवाज आयी,”भाभी पगला गयी है आप जे का सुन रहे है हम आप बनारस जा रही है ?”
“हां गोलू जी गुड्डू जी ने कहा की वो नहीं चाहते मैं उस घर में रहू”,शगुन ने बुझे स्वर में कहा
“गुड्डू भैया ने कहा और आप घर छोड़कर चली गयी , भाभी आप जानती है ना गुड्डू भैया इस वक्त गुस्से में है ,, उन्होंने गुस्से में कह दिया होगा और आप घर छोड़कर चली आयी। जे आपने सही नहीं किया भाभी ,, एक आप ही है जो इस वक्त गुड्डू भैया को सम्हाल सकती है और आपने खुद को उनसे दूर कर लिया”,गोलू ने लाचारी भरे स्वर में कहा
“गोलू जी मैंने बहुत सोच समझ कर ये फैसला किया है , गुड्डू जी अपनी जगह सही है वो क्यों रहेंगे एक ऐसे इंसान के साथ जिसने उन्हें धोखा दिया , झूठ बोला , उनका दिल तोड़ा। मुझे उनसे कोई शिकायत नहीं है ,, उनके साथ रहते हुए मैंने अपना पत्नी धर्म निभाया है अब उनकी बारी है गोलू जी उन्हें मेरी कमी का अहसास होना चाहिए , उन्हें अहसास होना चाहिए की उनकी शगुन कभी उनसे झूठ नहीं बोल सकती”,शगुन ने कहा
“नहीं भाभी ऐसे दूर रहने से तो आप दोनों के बीच फासले और बढ़ जायेंगे ,, सब हमारी गलती है हमे उस दिन आपसे वो सब बातें नहीं करनी चाहिए थी। हमे बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा है भाभी,,,,,,,,,,,,जैसे तैसे करके गुड्डू भैया सब भूले थे और हमने फिर से उन्हें,,,,,,,,,,,,,हमे माफ़ कर दो भाभी जिन्होंने हमारा घर बसाया हमने उन्ही का बसा बसाया घर तोड़ दिया”,कहते हुए गोलू थोड़ा इमोशनल हो गया
”भाभी जे पानी”,ड्राइवर ने बोतल शगुन की तरफ बढाकर कहा
“गोलू जी एक मिनिट”,कहकर शगुन ने पानी की बोतल ली पानी पीया तो ड्राइवर ने पूछा,”आप कुछ और लेंगी ?”
“नहीं शुक्रिया”,शगुन ने कहा
“आप कहे तो हम एक चाय पीकर आये , जल्दी आ जायेंगे”,ड्राइवर ने कहा
“हां जाईये”,कहकर शगुन ने फिर से फोन कान से लगा लिया तो उधर से गोलू कहने लगा,”हमे माफ़ कर दो भाभी सब हमारी वजह से हुआ है , गुड्डू भैया से बात करने की हिम्मत भी नहीं हो रही है। वो तो घर आये तब चाची ने बताया सब”
“आप गुड्डू जी से मिले थे ? कैसे है वो ? ठीक तो है ना ,, गुड्डू में उन्होंने अपना हाथ शायद दिवार पर दे मारा था उनके हाथ में चोट भी लगी थी मुझे देखने तक नहीं दिया उन्होंने ,, आप उन्हें डॉक्टर के पास ले जाईयेगा”,शगुन ने गुड्डू का नाम सुनते ही उसकी परवाह जताते हुए कहा
“एक आप है जिन्हे इतना सब होने के बाद भी गुड्डू भैया की इतनी फ़िक्र हो रही है और एक गुड्डू भैया है जिन्हे ये अहसास तक नहीं की उन्होंने आपका कितना दिल दुखाया है”,गुड्डू ने उदासी भरे लहजे में कहा
“जिनसे हम प्यार करते है वो कभी अगर अनजाने में हमारा दिल दुखाये तो उनके लिए हमारा प्यार कम नहीं हो जाता है गोलू जी और फिर गुड्डू जी तो मुझसे प्यार करते है खुद कहा उन्होंने ,, आज वो गुस्सा है लेकिन जब उनका गुस्सा शांत हो जाएगा तब उन्हें इस बात का जरूर अहसास होगा की मैंने उनसे सच क्यों छुपाया ?”,शगुन ने खुद को मजबूत करके कहा लेकिन उसकी आँखों में आंसू आ गए
“आप चिंता मत करो भाभी हमे कुछ भी करना पड़े , हाथ-पैर जोड़कर हम आपके लिए गुड्डू भैया को मना लेंगे,,,,,,,,,, इस कहानी का ऐसा अंत तो बिल्कुल नहीं होने देंगे”,गोलू ने कहा
“गोलू जी आपकी नयी नयी शादी है फिलहाल आप पिंकी को वक्त दीजिये। ऐसे माहौल की वजह से वो भी परेशान होगी। अपना ख्याल रखियेगा और उनका भी मैं रखती हूँ”,शगुन ने कहा
“अपना ख्याल रखना भाभी महादेव से दुआ करेंगे की वो सब ठीक कर दे”,कहते हुए गोलू ने फोन काट दिया। शगुन ने बोतल में बचे पानी से मुंह धोया तब तक ड्राइवर भी आ गया। उसने गाड़ी स्टार्ट की तो शगुन आकर अंदर बैठ गयी और ड्राइवर ने गाड़ी आगे बढ़ा दी , गाडी अपनी रफ़्तार में चली रही थी कानपूर और गुड्डू को पीछे छोड़ते हए
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संजना किरोड़ीवाल
1 st vieow par bahut sad tha guddu ko kam se kam shugan ki bat toh Sunni chahiye this
Ajkl to maam bhut rona aata h guddu shagun ko ase dekhkr bs mahadev kre sb jldi hi theek ho jaaye
Kafi imotional tha
Kya bolen…. Bs itna ki jaldi guddu ki galatfehmi dur ho jaye aur wo shagun ko mana laye….🤞🤞🤞🤞🤞
I’m first
Nice story
😭😭😭😭
Nice story
कहानी इतना मार्मिक होते जा रहा है कुछ कह नही पा रहा हूं
Very emotional part
Sab jaldi sae thik ho jyae
Kb guddu ka gussa shant hoga kh mishra ji usse bat krenge or kb guddu ko almari me rkha golu ka phn yad ayega😍😍😍😍
Aaj ye kya hua
😭😩😭… Aj koi words he…. Nahi hai mere pass…. 😭😩😭
Superb superb superb superb superb superb superb part 👌👌👌👌👌 eagrly waiting for the next 👌👌👌👌
Kya likhoon…kuch samajh mein nahin aa raha hai…hope for the best…❤️❤️😊😊
😢😢😢😢
Shagun ka dard bhut bada h guddu ki to memory chali gyi h but shagun ke liye sab jante hue bhi anjaan bankar rahi or aaj jab sab thik hone ki jagah ye sab ho gaya, aab mishra ji hi samjha sakte h guddu ko akhir unhe bhi mehsus hua h ki maar or daat se hi sab kuch thik nhi ho sakta
आज पहली बार बूढ़ा ( दादी ) कुछ बोली और बहुत ही काम की बात बोली , अब शायद मिश्रा जी गुड्डू के दोस्त बनकर कुछ हल निकालेंगे जिससे सबकुछ ठीक हो जाए ।
बहुत ही मार्मिक भाग रहा आज का ।अगले भाग के इंतजार में,,,,,,
aj ka bhi part itna emotional tha.bhut bura lag mahadev jalfi se sabthik kare
Very beautiful
Emotional and heart touching
Bahut hi achchha ab jaldi se guddu ke galatfami dur ho jai or sagun ko le aai
Very imotional part ❤️
Plz make 3 part of munmarjia
It is very nice story I really love this .
Keep writting
मैम आज दादी की बात अच्छी लगीं… चलो मिश्रा जी गुड्डू के साथ अब अच्छे से पेश आयेंगे….अब शगुन तो बनारस चलीं गई…तो गुड्डू को उसकी बातें जरूर याद आयेगी… औंर लगता हैं अब प्रीति की शादी में ही सब सही होगा😊
Shayad achhe logo ki zindagi me kuch jyada hi dukh likhe hote hain
आज तो लगा ही नहीं संजना जी कि पार्ट इतनी जल्दी खत्म भी हो गया…काफी भावानत्मक पार्ट था ये भी
Jo hota h ache ke liye hota h
😞😞😞😞☹️☹️
ek bar fir nishabd kr diya apne mam emotion pyar gussa rishte SB bht ache se ap nawaj deti h apni story main very very emotional thank u
It’s a emotional😭😭 part but nice..
And story turning part 😋😋😋