मनमर्जियाँ – 9
Manmarjiyan – 9
“मनमर्जियाँ”
By Sanjana Kirodiwal
गुड्डु को जब पता चला कि गोलू ने रोशनी को सब बता दिया है तो वह गुस्से में कॉलेज आया लेकिन गोलू उसे कही दिखाई नही दिया , उसका फोन भी बंद । गुड्डु ने दोपहर तक क्लास ली और फिर सीधा पहुंचा सोनू भैया की दुकान पर क्योकि वह जानता था गोलू ओर कही मिले ना मिले यहां जरूर मिलेगा और वही हुआ गोलू उसे पिज़्ज़ा खाते हूये मिल गया । गुड्डु ने सीधा उसकी पीठ पर मुक्का मारा दर्द के मारे गोलू की कमर ही अकड़ गयी ये देखकर गुड्डु ने कहा,”कमीने , धोखबाज़ , लबेड इंसान रोशनी को हमारे ओर पिंकिया के बारे में काहे बताया ?”
गोलू ने सुना तो मुंह का निवाला मुंह मे ही रह गया उसने कोल्ड्रिंक का एक घूँट भरके निवाले को गटकते हूये कहा,”भैया बैठो हम बताते है”
“का बताई हो साले तुम्हायी वजह से इज्जत का भाजी पाला हो गवा है , ओर तुम हिया बैठ के मजे से पिज्जा खाये रहे हो”,कहते हुए गुड्डु ने पिज़्ज़ा उठा लिया
“अरे भैया इह कहा लेके जा रहे हो ?”,गोलू ने कहा तो गुड्डु ने उसे घूरा ओर कहा,”बेटा हमाये नाम पर पैसे कमाए है तुमने इह तो हम ही खाएंगे”,कहकर गुड्डु चला गया और गोलू देखता रह गया ।
गुड्डु ने बाहर आकर पिज़्ज़ा खाया और घर चला आया । घर आकर उसने कपड़े बदले ओर किताब लेकर अपने कमरे में बैठ गया ।लाजो जब गुड्डु के कमरे की सफाई करने आई तो गुड्डु को पढ़ते देखकर कहा,”अरे दादा आज सूरज पश्चिम से निकला था का ? गुड्डु भैया पढ़ाई कर रहे है”
“तुम हिया का कर रही हो ?”,गुड्डु ने सवाल किया
“अम्माजी ने भेजा है आपके कमरे की सफाई के लिए”,लाजो ने कहा तो गुड्डु कमरे से बाहर निकल गया और बाहर पड़ी कुर्सी पर आ बैठा
लाजो ने गुड्डु के कमरे की सफाई की ओर कहा,”गुड्डु भैया धोने वाले कपड़े कहा रखे है निकाल कर दे दो”
गुड्डु अंदर आया कुछ पेंट ओर 8-10 शर्ट निकालकर दे दिये । लाजो ने देखा तो कहा,”भैया एक ठो बात पूछे आपसे”
“हम्म्म्म”,गुड्डु ने कहा
“तुम्हाये पास इतने कपड़े है एक शर्ट का नम्बर कब आता होगा ?”,लाजो ने कहा
“यही कोई महीने में एक बार”,गुड्डु ने अपनी किताब बन्द करके रखते हुए कहा
“अरे दादा मतलब जब तुम्हायी घरवाली आएगी उसके लिए तो अलग से अलमारी लानी होगी”,लाजो ने हंसते हुए कहा
घरवाली के नाम से ही गुड्डु के जेहन में पिंकी का ख्याल कौंध गया और उसने लाजो से कहा,”सफाई कर ली हो न चलो अब निकलो”
लाजो मुंह बनाकर वहाँ से चली गयी , गुड्डु का घर मे मन नही लगा तो वह शोरूम चला आया उसे वहां देखकर मिश्रा जी को काफी हैरानी हुई और उन्होंने कहा,”का बेटा अक्ल आ गयी , अब आ ही गए हो तो वो वहां काउंटर पर नया आर्डर लिखा पड़ा है वो पैक करवाय दयौ ओर भिजवाय दयौ”
“जी पिताजी”,गुड्डु ने कहा और आर्डर पैक करवाने लगा । 50 साड़ियों ओर 20 ड्रेस का पैकेज था । गुड्डु ने सब पैक करवाया और साइड में रख दिया । दुकान के मैनेजर ने आकर गुड्डु को एड्रेस दिया और भिजवाने को कहा । गुड्डु ने देखा डिलीवरी पिंकी के मोहल्ले में ही करनी थी , पिंकी को देखे कितने दिन हो गए सोचकर गुड्डु ने कहा,”पिताजी इह डिलीवरी हम कर आये का ? उह लड़का आया नही है”
“अगर तुमको इह काम करने में शर्म ना आती हो ओर तुम्हारी इह पर्सनालिटी पर कोनो फर्क ना पड़े तो करी आओ”,मिश्रा जी ने कहा
“ठीक है”,कहकर गुड्डु ने दूसरे लड़के से सामान गाड़ी में रखने को कहा और चल पड़ा , गाड़ी पिंकी के घर के सामने आकर रुकी क्योकि डिलीवरी उसके सामने वाले घर मे करनी थी । शादी का घर था और लोगो का जमघट लगा हुआ था गुड्डु एक एक करके पार्सल उतारने लगा । जैसे गुड्डु उन्हें लेकर अंदर आया उसकी नजर कुछ लड़कियों पर पड़ी जिनमे पिंकी भी शामिल थी लेकिन कही पिंकी उसे ना देख ले सोचकर गुड्डु सीधा वहां से निकल गया । लड़कियों की नजरों से गुड्डु बच नही पाया और पिंकी की एक सहेली ने कहा,”अये पिंकी इह तो वही लड़का है ना जो तुम्हारे पीछे लट्टू बना घूमता है”
पिंकी ने गुड्डु को देखा तो थोड़ा हैरान हुई और फिर कहा,”हा पर ये यहां क्या कर रहा है ?”
“अरे वो सब छोड़ यार कितना मस्त दिखता है ये , ओर इसकी बॉडी उफ्फ कितनी ही लडकिया इसके पीछे पागल है”,पास बैठी रुपाली ने कहा तो पिंकी ने मुंह बना लिया
“अरे शोरूम वाले मिश्रा जी का इकलौता लड़का है , मिश्रा जी के बाद सारा कारोबार इसी का तो है ,, इस से शादी करने वाली लड़की के तो ऐश ही ऐश है , है ना पिंकी”,पिंकी की सहेली ने कहा कुछ देर बाद गुड्डु उधर से गुजरा तो रुपाली ने छेड़ते हुए कहा,”गुड्डु कभी इधर भी देख लिया करो”
गुड्डु ने सुना तो रुपाली की ओर तो नही देखा बस मुस्कुरा कर चला गया ।
“हाय इसकी स्माइल , कसम से कानपुर में भौकाल है ये लड़का”,रुपाली ने कहा तो पिंकी वहां से उठकर अपने घर चली गयी लेकिन कानो में बार बार सहेली की बाते गूंज रही थी
गुड्डु वापस शोरूम चला आया और काम मे ध्यान लगाने लगा ये देखकर मिश्रा जी को अच्छा लगा कि गुड्डु का ध्यान इन कामो में लगने लगा है । हफ्ता गुजर गया गुड्डु के कॉलेज के एग्जाम डेट्स भी नजदीक आ गए थे । गुड्डु कॉलेज जाता पढ़ाई करता और फिर शोरूम पर चला आता उसका घूमना फिरना अब बन्द हो चुका था । एक शाम गुड्डु आर्डर के हिसाब किताब में लगा हुआ था कि तभी पिंकी अपनी सहेली के साथ शोरूम में आई गुड्डु ने देखकर अनदेखा कर दिया । पिंकी ओर उसकी सहेली ने कपड़े लिए ओर काउंटर पर आकर रखे , गुड्डु ने सबका बिल बनाया और पिंकी के सामने रखकर कहा,”3700 रुपये”
पिंकी ओर उसकी सहेली ने सुना तो दोनों एक दूसरे की ओर देखने लगी और फिर पिंकी की सहेली ने कहा,”पिछली बार के जैसे इस बार कोई आफर नही है क्या ?”
गुड्डु ने पास खड़े लड़के से कहा,”छोटू मैं घर जा रहा हूं मैडम से पैसे ले लेना”
गुड्डु वहां से चला गया पिंकी ओर उसकी सहेली को लगा पिछली बार की तरह गुड्डु इस बार भी पिंकी को फ्री में कपड़े दे देगा । दोनो ने आधे आधे करके दोनो ने पैसे चुकाए ओर वहां से चली गयी ।
“यार तूने तो कहा था गुड्डु तुम्हारा दोस्त है तुमसे पैसे नही लेगा”,सहेली ने कहा
“पता नही क्या हो गया है उसे ? नाराज है शायद हमसे”,पिंकी ने कहा
“तो मना उसे , तू नही जानती पिंकी गुड्डु तेरे कितने काम का है , तेरे कहने भर से वो तेरी हर ख्वाहिश पूरी कर सकता है , ये जो इतना बड़ा शोरूम देख रही है ये सब उसी का है ,, तुम्हे उस से रिश्ता बना के रखना चाहिए , तुम्हारे चक्कर मे आज 3700 की चपत लग गयी”,सहेली ने कहा तो उसकी बातें जाकर सीधी पिंकी के दिल मे लगी और फिर दोनों वहां से निकल गयी
गुड्डु पिंकी को भुला तो नही था पर अब वह किसी से पिंकी का जिक्र नही करता था गोलू से भी कम ही मिलना होता था एक शाम गुड्डु मोती झील किनारे बैठा सोच में डूबा हुआ था कुछ देर बाद पिंकी वहां चली आयी और गुड्डु की बगल में आ बैठी । गुड्डु ने जब उठकर जाना चाहा तो पिंकी ने उसका हाथ पकड़कर उसे रोक लिया ओर कहा,”बैठो ना गुड्डु तुमसे कुछ बात करनी है”
गुड्डु वापस बैठ गया तो पिंकी ने कहना शुरू किया,”मैं जानती हूं तुम मुझसे नाराज हो और होना भी चाहिए मैंने तुम्हें कितना उल्टा सीधा कहा लेकिन तुम सही थे गुड्डु”
पिंकी ने जैसे ही कहा गुड्डु ने हैरानी से पिंकी की ओर देखा तो पिंकी ने बड़े प्यार से कहा,”हाँ गुड्डु तुम सही थे तुमने सही कहा था वो लड़का मेरे लायक नही है , वो घटिया लड़का उसने मुझसे झूठ कहा , मुझे धोखा दिया और मैंने क्या किया मैंने उस जैसे इंसान के लिए तुम्हारा दिल दुखाया मुझे माफ़ कर दो गुड्डु”
पिंकी की आंखों में आंसू देखकर गुड्डु पिघल गया और कहा,”अरे तुम रो मत हम नाराज नही है तुमसे”
गुड्डु ने जैसे ही कहा पिंकी के दिल को तसल्ली मिली वह गुड्डु के पास आई उसकी बांह थामी और अपना सर उसके कंधे पर रखते हुए कहा,”तुम बहुत अच्छे हो गुड्डु , तुमने मुझे माफ कर दिया , मैं पागल थी जो तुम्हारे प्यार को समझ नही पाई पर आज मुझे एहसास हुआ कि तुमसे ज्यादा प्यार तो मुझे कोई कर ही नही सकता ।”
कहते हुए पिंकी ने अपना सर गुड्डु के कंधे से हटाया ओर उसकी ओर देखकर कहा,”आई लव यू गुड्डु”
गुड्डु ने जब पिंकी के मुंह से आई लव यू सुना तो उसे तो यकीन ही नही हुआ कि पिंकी खुद उसे आई लव यू कह रही है । गुड्डु को अपनी ओर देखता पाकर पिंकी ने उसके हाथ पर हाथ रखकर कहा,”सच मे गुड्डु मुझे तुमसे प्यार हो गया है , तुम्हारे भोलेपन से , तुम्हारे साफ मन से ,, तुम भी तो यही सुनना चाहते थे ना”
“हमहू विश्वास नही हो रहा है पिंकिया”,गुड्डु ने कहा तो पिंकी ने उसके गाल पर किस किया और कहा,”ये सच है गुड्डु हम तुमसे प्यार करने लगे है”
गुड्डु ने सुना तो खुशी से उसकी आंखे चमक उठी जिस पिंकी के वह अब तक सपने देख रहा था आज वह खुद उसे आई लव यू कह रही थी गुड्डु मुस्कुरा उठा और सामने झील के पानी को देखने लगा । अपनी खुशी को उस वक्त शब्दो मे जाहिर नही कर पा रहा था गुड्डु , पिंकी ने एक बार फिर उसकी बांह थामी ओर अपना सर उसके कंधे से लगा दिया । दोनो मुस्कुराते हुए झील के पानी को निहारते रहे । अंधेरा होने से पहले पिंकी वापस लौट गई गुड्डु भी अपने घर चला आया ।
जैसे ही घर के सामने पहुँचा रौशनी खड़ी मिल गयी और ताना मारते हुए कहा,”का बात है मिश्रा जी मुंह छिपाए काहे घूम रहे है ? लगता है घाव अभी भरा नही है कहो तो मलहम लगाय दे”
गुड्डु मुस्कुराया ओर रौशनी के पास आकर अपना फोन निकालकर पिंकी का नम्बर डायल किया और स्पीकर पर डाल दिया । एक रिंग में ही पिंकी ने फोन उठाया और कहा,”हाय बेबी”
“पिंकिया उह सुनने का मन हो रहा है”,गुड्डु ने बड़े ही प्यार से कहा
“अच्छा , आई लव यू गुड्डु”,पिंकिया ने बड़े ही रोमांटिक अंदाज में कहा , जब रोशनी ने सुना तो उसका खून जल गया ओर ये देखकर गुड्डु को मजा आ रहा था उसने कहा,”का पिंकिया सूखा सूखा ही , थोड़ा भीगा के मारो”
“अच्छा बाबा आई लव यू मुहआआआ”,पिंकिया ने जैसे ही कहा रोशनी ने गुड्डु के हाथ से फोन लेकर सड़क पर फेंक दिया और गुस्से से वहा से चली गयी , गनीमत था वो लोकल फोन था गुड्डु उसकी हालत पर हँसने लगा और कहा,”का रौशनी मलहम लगाए क़ा ?”
“गुड्डु याद रखना एक दिन काट के जाएगी वो कुतिया तेरा”,कहकर रौशनी चली गयी लेकिन गुड्डु हंसता रहा क्योंकि रोशनी के दुख से ज्यादा उसे अपने गाल पर मिले किस का सुख था । गुड्डु अंदर चला आया और देखा पंडित जी घर मे है तो गुड्डु सीधा उनकी ओर ही चला आया केशव पंडित से हमेशा चिढ़ने वाला गुड्डु आज उनके पास आकर बैठा ओर कहा,”का पंडित जी अब किसकी लुटिया डुबोने की फिराक में हो ?”
“भक्क हम काहे किसी का बुरा चाहेँगे उह तो तुम्हायी अम्मा ही बुलाये रही”,पंडित ने कहा । कुछ देर बाद मिश्राईन अपने हाथ मे कुंडली लेकर आई ओर पण्डित जी को देकर कहा,”इह गुड्डु की कुंडली है पंडित जी अच्छे से विचारियेगा”
“अरे अम्मा हमाई कुंडली काहे दे रही है पंडित को ? सादी वादी का तो ना सोची हो ?”,गुड्डु ने कहा
“किसकी किस्मत फूटी होगी जो तुमसे शादी करेगी”,पंडित ने मन ही मन कहा
“अरे नही बिटवा सादी के लिए नही बल्कि तुम्हारे भविष्य के लिए दिए रहे ताकि पंडित जी देख के बताए कि तुम्हायी जिंदगी में कोनो संकट तो नही”,मिश्राईन ने कहा
“अरे का अम्मा तुम भी , पंडित जी को अपना भविष्य तो पता है का जो हमारा बताएंगे”,गुड्डु ने कहा
“गुड्डुआ माफी मांग , शर्म नही आती ऐसे कहते हुए ,, माफी मांगों”,मिश्राईन ने गुड्डु को फटकारते हुए कहा
“माफी देइ दयो पण्डित जी”,गुड्डु ने कहा तो पंडित जी ने उसे माफ किया और कुंडली लेकर चले गए
गुड्डु भी ऊपर चला गया आज वह बहुत खुश था , गोलू किसी काम से घर आया था जब ऊपर गुड्डु के पास आया और खुश देखा तो वजह पूछी गुड्डु ने सारी बात बता दी तो गोलू ने कहा,”अई साला इह सब कब हुआ बे ?”
“बस हो गया भगवान ने सुन ली हमाई”,कहते हुए गुड्डु दीवार पर जा बैठा ओर हवा में अपनी बांहे फैलाते हुए कहा,”एक अच्छा परिवार हो , घर हो , पैसा हो , गाड़ी हो और साथ मे हो एक महबूबा इस से जियादा कानपुर के लौंडे को ओर क्या चाहिए बे ? पिंकिया हमारी है और हमारी ही रहेगी इसकी मोहर उह हमरे गाल पर लगा चुकी है”
सामने खड़ा गोलू खामोशी से उसे देखता रहा और मन ही मन कहा,”लगता है भैया पगला गए है ससुरी पिंकिया के प्यार में”
क्रमश – मनमर्जियाँ – 10
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संजना किरोड़ीवाल
Ye pinki to bahot chalu chij lag rhi hai pta nhi apne hero ko kab aqal aayegi aur koi dhang ki ladki milegi
Heyy ram… Ye pinkiaa to peso k liye guddu k piche hh… Ktega guddu tera to😐😐😐
E pinkiya to badi hi giri hui nikli re… frse ktega guddu bhaiya tumra…
Very beautiful
Ye pinky to bahut chatur naari h.. lalchi kahi ki.. free me sb chahiye.. pyar nhi paisa chahiye.. jaldi akal lai do guddua ma
Are lagta hai ab bahut bada wala katega guddu ka😁😁😁
Huummmm…. To pinkiya ne hamare guddu bhaiya ko fansa liya hai…. Guudu bhaiya kab akal ayegi tum ka😟
Ab lagta hai zhatka tagda lagega guddu ko tabhi dimag thikane ayega
Pinki bhut hi lalchi ladki h paison k liye guddu ka istemaal kr rhi h guddu ko kb samajh ayega ki uske liye to koi special hi hogi
Yeh pinky dil tod denagi Guddu ka…Guddu itna bhola kyu h…Jo pinky ko samaj nhi pa rha h…Hey matarani Guddu k samane Pinky ka parda faas karo
Guduu to gaya beta😆😆😆😆😆😆😆
Ye pinkiya to Guddu Bhiya ko kat ke jayegi puri achi tarah aur uske Baad rote phirege Guddu Bhiya