मनमर्जियाँ – 8
Manmarjiyan – 8
पिंकी गुड्डु का दिल तोड़कर जा चुकी थी । गुड्डु हताश सा वापस चाय की दुकान पर लौट आया , गोलू ने उसका उतरा हुआ चेहरा देखा तो पूछा,”का हुआ भैया ? का कही पिंकिया ?”
गुड्डु ने कोई जवाब नही दिया बस खामोशी से सामने खाली पड़ी सड़क को देखते रहा तो गोलू ने एक बार फिर कहा,”अरे कुछ बताओ कि ना बताओ ?”
“उह लड़का पिंकिया का बॉयफ्रेंड है”,गुड्डु ने मरी हुई आवाज में कहा
“हमहू तो पहिले ही कहै रहे कि पिंकिया तुम्हारे लिए ठीक नही ना है , बॉयफ्रेंड था तो तुमको पहले ही बोल देती फ्रेंड जॉन काहे की?”,गोलू का गुस्सा फूट पड़ा l
गुड्डु को कुछ समझ नही आ रहा था कि अपने ऊपर हंसे या फिर रोये , चाय वाले चच्चा आये और कहा,”का गुड्डु बबुआ सब ठीक है ?”
“का बताये चच्चा जिंदगी ने हर तरफ से बैंड बजा रखी है ?”,गुड्डु ने निराश होकर कहा
“ए ठो काम करो बिटवा , बनारस हो आओ भोलेनाथ सबकी सुनते है तुम्हारी भी सुने है”,चच्चा ने चाय का दूसरा कप गुड्डु की ओर बढ़ाकर कहा l
गुड्डु ने चाय पी पैसे चुकाए ओर गोलू के साथ घर की ओर निकल गया l उसकी बाइक भी जा चुकी थी , मिश्रा जी ने भी डांट दिया था और अब बची खुची खुशी पिंकी ने छीन ली । गुड्डु बहुत उदास था और आकर सीधा ऊपर छत पर चला आया , हल्का अंधेरा हो चुका था गुड्डु आकर दीवार पर बैठा ओर सामने डूबते सूरज को देखते हुए सोचने लगा,” ऐसा काहे किया पिंकिया हमहू इतने साल से तुम्हारे लिए ब्रह्मचारी रहे और तुमहू किसी ओर के साथ निकल ली । एक्को बार भी नही सोची हमाये दिल पर का गुजरेगी ? कितना चाहते थे तुम्हे ओर आज भी चाहते है पर तुम्हे तो हमारा प्यार दिखाई ही नही देता , सही कहता था गोलुआ कि तुमहू काट के जाई हो पर हम्हे नही सुने उसकी”
सोच में डूबे कब रात हो गयी गुड्डु को पता भी नही चला । वेदी खाने के लिए बुलाने को आई तब गुड्डु अपने ख्यालो से बाहर आया और नीचे चला आया जैसे तैसे उसने एक रोटी खाई ओर वापस अपने कमरे में , मिश्राईन को लगा गुड्डु अपने पिताजी की डांट से उदास है इसलिए उसे कुछ पूछा नही l अपने कमरे में आकर गुड्डु बिस्तर पर लेट गया लेकिन नींद आंखों से कोसो दूर , कशमकश में रात के 1 बज गए लेकिन गुड्डु को ना नींद आ रही थी ना ही वह अपने दिमाग से पिंकी का ख्याल निकाल पा रहा था । उसने फोन उठाया और गोलू को फोन लगाया । रिंग जाती रही लेकिन गोलू ने फोन नही उठाया , गुड्डु ने फिर फोन लगाया इस बार गोलू ने फोन उठाया और कहा,”हेलो ,आप जिस नम्बर से सम्पर्क करना चाहते है वो घोड़े बेच के सो रहा है , कृपया सुबह फोन करे”
“अबे गोलू हम बोल रहे है गुड्डु”,गुड्डु ने कहा
“अब का हुआ गुड्डु भैया काहे हमारी नींद हराम कर रहै हो यार ?”,गोलू ने ऊंघते हुए कहा
“पिंकिया ने हमाये साथ ठीक नही किया है गोलू , हमे अच्छा नही लग रहा”,गुड्डु ने कहा
“तो तुम का चाहते हो ?”,गोलू ने कहा
“इन्तकाम , हमे छोड़ने का पिंकिया को अफसोस होना चाहिए”, गुड्डु ने कहा
“भैया अबहु तुम्हारा दिमाग ठीक नही है हम सुबह बात करते हैं”,गोलू ने कहा
“हमे कुछ नही सुनना बे सुबह 6 बजे आकर हमसे सीओडी पुल पर मिलो बस”,गुड्डु ने कहा और फोन काट दिया । गोलू वापस सो गया
सुबह गुड्डु 6 बजे पुल पहुंचा और गोलू का इन्तजार करने लगा । कुछ देर बाद अपने पिताजी की लूना लिए गोलू वहां पहुँचा ओर हाथ मसलते हुए गुड्डु के पास आकर कहा,”साले पगलाए गए हो का इतनी ठंड में यहां बुलाये हो , ऐसी कौनसी बात है जो फोन पे नही बता सकते ?”
“पिंकिया ने जो किया है उसके बाद हम उसको दिखा देंगे कि हम उसके बॉयफ्रेंड से कम नही है”,गुड्डु ने कहा
“मिश्रा बेटा तुम कही इह तो नही सोच थे कि “ठुकरा के मेरा प्यार मेरा इन्तकाम देखेगी” बेटा एकको बात बताये ना तो तुम उह राजकुमार राव हो ना ही पिंकिया से तुम्हारा प्यार दो तरफा है”,गोलू ने कहा
“गोलू तुम इह बताओ कि तुम हमाये साथ हो या नही”,गुड्डु ने पूछा
“अरे हमहू तो तुम्हारे हर कांड में साथ है बताओ का करना है ?”,गोलू ने कहा तो गुड्डु ने कहा,”हमे पिंकिया को अहसास दिलाना है कि हमसे ज्यादा प्यार उसे कोई नही कर सकता हम उसके लिए बेस्ट है”
“फिर तो एक ही तरीका है इस साल कॉलेज में टॉप कर लो”,गोलू ने दांत कुरेदते हुए कहा
“ठीक है हम करेंगे”,गुड्डु ने कहा और गोलू के साथ घर चला आया । गुड्डु ने ज्यादा किसी से बात नही की नहाकर नाश्ता किया और अपनी किताब उठाये कॉलेज निकल गया । कॉलेज आकर भी गुड्डु दिनभर अपना दिमाग किताबो में खपाता रहा , शाम को शोरूम ना जाकर गुड्डु झील के पास चला आया और पढ़ाई करने लगा । उसे इस तरह पढ़ते देखकर गोलू ने मन ही मन खुद से कहा,”लगता है इह बार भैया टॉप कर जायेंगे”
जैसे ही शाम हुई गोलू गुड्डु की बगल में आ बैठा गुड्डु ने किताब बन्द की ओर गोलू की ओर बढ़ाकर कहा,”गोलू हमाये से नही होगा”
“काहे नही होगा ? पिंकिया से बदला नही ना लेना है तुमको”,गोलू ने कहा
“अबे ! कभी जिंदगी में इतनी पढ़ाई नही किये है जितनी एक दिन में करने को बोल रहे हो”,गुड्डु ने कहा
“तो तुमको का लगता है टॉप करना आसान है , हम तो कह रहे है भूल जाओ पिंकिया को ओर आगे बढ़ो , कानपुर में कमी है का लड़कियों की , एक को आवाज दोगे 10 आएगी तुम्हारे लिए”,गोलू ने कहा
“कैसे भूल जाये पिंकिया पहला प्यार है हमारा”,गुड्डु ने उदास होकर कहा
“देखो भैया पहला प्यार स्टेशन की ट्रेन जैसा है , एक गया दूसरा आएगा”,गोलू ने कहा
“हम्म्म्म”,गुड्डु ने कहा
“चलो उठो गोलगप्पे खाने चलते है , ओर आज हमारी तरफ से”,गोलू ने गुड्डु का हाथ पकड़कर उसे उठाते हुए कहा
गुड्डु की बाइक तो थी नही इसलिए आज उसे ओर गोलू को लूना पर ही जाना पड़ा । गोलू गुड्डु को लेकर कानपुर के फेमस गोलगप्पे वाले के पास पहुंचा “मुन्ना गोलगप्पे वाला” दूर दूर से लोग उसके पास गोलगप्पे खाने के लिए आया करते थे l गोलू ने उस से दो प्लेट गोलगप्पे लगाने को कहा , जैसे ही गुड्डु ने एक गोलगप्पा खाया रोनी सी सूरत बनाकर कहा,”गोलू पिंकिया को भी गोलगप्पे बहुते पसन्द थे फिर काहे छोड़ गई उह हमको ?”
“यार गुड्डु भैया इह रोना धोना बन्द करो अब ओर गोलगप्पे खाओ यार”,गोलू ने खाते हुए कहा ।
गोलगप्पे खाने के बाद दोनो घर के लिए निकल गए । गुड्डु घर पहुंचा मिश्रा जी अभी शोरूम से आये नही थे उनके आने से पहले ही गुड्डु ने खाना खाया और कपड़े बदलकर ऊपर चला आया । ऊपर आकर गुड्डु ने अपना फोन देखा इस उम्मीद में की शायद पिंकी का कोई मैसेज या फोन हो । गुड्डु अब पहले से चुप रहने लगा था । पहले कॉलेज जाता और फिर शोरूम , एक शाम शोरूम से घर जाते वक्त गुड्डु की नजर उसी लड़के पर पड़ी जिसे उसने पिंकी के साथ देखा था । गुड्डु छुपते छुपाते उस लड़के के पीछे हो लिया लड़का एक संकरी सी गली में मुड़ा तो गुड्डु भी छुपकर उसे देखने लगा और जो उसने देखा उसके बाद तो गुड्डु सीधा अपने घर की ओर निकल गया , वह लड़का किसी लड़की को किस कर रहा था और गुड्डु ने ये देख लिया ।गुड्डु घर चला आया उसे समझ नही आ रहा था कि वह पिंकी के फैसले पर अफसोस जताए या अपने लिए खुशी मनाये । कुछ देर बाद गुड्डु ने पिंकी को फोन लगाया
“हेलो”,दूसरी ओर से पिंकी ने कहा
“हेलो पिंकिया , कैसी हो ?”,गुड्डु ने कहा
“हम ठीक है गुड्डु , आज इतने दिनों बाद फोन किया सब ठीक है न ?”,पिंकी ने पूछा
“पिंकिया तुमको एक्को जरूरी बात बतानी है ,उह लड़का जिसे तुम अपना बॉयफ्रेंड बता रही थी उह तुम्हारे लिए ठीक नही है”,गुड्डु ने कहा
“क्या बकवास कर रहे हो गुडडू ? होश में तो हो”,पिंकी ने गुस्से से कहा
“अरे तुम्हारी कसम आज ही उसको हम किसी ओर लड़की के साथ देखे रहे बाज़ार में , हम तो बता भी नही सकते किस हालत में थे दोनो”,गुड्डु ने अफसोस जताते हुए कहा
“देखो गुड्डु हमने तुम्हे दोस्त कहा है इसका मतलब ये नही है कि तुम कुछ भी बकवास करोगे ओर हम मान लेंगे”,पिंकी ने गुस्से से कहा
“अरे हमहू झूठ काहे बोलेंगे , हम अपनी आंखों से देखे रहे”,गुड्डु ने पिंकी को यकीन दिलाने की कोशिश की लेकिन पिंकी को उसकी बातों पर यकीन नही हुआ और उसने कहा,”ताकि मैं उसे छोड़कर तुम्हारे पास चली आउ यही चाहते हो ना तुम ? अगर तुम्हें ऐसा लगता है तो गलत लगता है गुड्डु हम उसी से प्यार करते है उसी से शादी भी समझे तुम”
“तुम हमे गलत समझ रही हो पिंकी , कानपुर का ऐसा कोई लौंडा नही है जो हमारी नजरो से ना बचा हो ,, हमने एक दोस्त की हैसियत से ही तुम्हे बताया है मानना है तो मानो वरना भाड़ में जाओ”,कहकर गुड्डु ने फोन काट दिया । पिंकी की बातों से गुड्डु पहले से ज्यादा परेशान हो गया । कमरे से निकलकर वह छत पर चला आया और दीवार पर बैठ गया ।सामने छत पर घूमते हुए रोशनी की नजर गुड्डु पर पड़ी तो उसने कहा,”क्या बात है गुड्डु आजकल दिखाई नही देते हो ?”
“बस ऐसे ही व्यस्त है थोड़ा”,हमेशा रोशनी को चिढ़कर जवाब देने वाले गुड्डु ने नॉर्मली कहा तो रोशनी को भरोसा नही हुआ और उसने कहा,”मिश्रा जी तबियत तो ठीक है ना ?”
“हमाई तबियत को का हुआ है ?”,गुड्डु ने कहा
“आज भड़के नही तुम हम पर इसलिए पूछा”,रोशनी ने कहा
गुड्डु ने कुछ नही कहा और उठकर वहां से चला गया उसके जाने के बाद रोशनी ने ख़ुद से ही कहा,”कुछ तो गड़बड़ है आज ये शेर भीगी बिल्ली कैसे बन गया ? पता लगाना पड़ेगा”
रोशनी नीचे चली गयी कुछ दिन गुजरे एक शाम गोलू उसके घर के सामने से गुजर रहा था तो रोशनी ने उसे बुलाकर पूछा,”अये गोलू गुड्डु को का हुआ है ? चुपचुप रहता है आजकल”
“हमे का पता खुदय जाके पूछ ल्यो”,कहकर गोलू जैसे ही आगे बढ़ने को हुआ रोशनी ने 100 का नोट उसके आगे करके कहा,”वैसे बता देते तो इह 100 का नोट तुम्हारा होता”
“तुमको का लगता है 100 रुपए में तुम हमारा ईमान खरीद लो,,,,,,,,,,,,,!!”,गोलू आगे कहता इस से पहले ही रोशनी ने एक ओर 100 का नोट आगे कर दिया ।
“200 में तो सोनू की दुकान पर एक्स्ट्रा चीज पिज़्ज़ा मिल जाएगा”,गोलू ने मन ही मन सोचते हुए कहा
“का सोच रहे गोलू ? बताओगे की जाए”,रोशनी ने कहा तो गोलू ने झट से 200 रुपये लिए ओर अपनी जेब मे डालकर रोशनी को सब बात बता दी । रोशनी की खुशी का ठिकाना नही रहा , वह खुशी खुशी बगल वाले शिव मंदिर गयी वहां माथा टेका ओर प्रशाद लेकर सीधा पहुंची गुड्डु के घर । उसने सबको प्रशाद दिया
“का बात है रोशनी बहुते खुस नजर आ रही है ?”,मिश्राईन ने पूछ लिया
“अरे चाची पूछो मत आज ना बहुते जियादा खुस है हम , हमाई मन्नत जो पूरी हो गयी”,रोशनी ने खुश होकर कहा देखा सामने सीढिये से गुड्डु आ रहा है तो रोशनी दौड़कर उसके पास गई और धीरे से कहा,”हम तो पहले ही कहे थे हमाये अलावा कोई नही है तुम्हाये भाग्य में , पिंकिया से लात पड़ी ना तुमको ,,, ल्यो अब मुंह मीठा करो”
कहते हुये रोशनी ने जबरदस्ती लड्डू गुड्डु के मुंह मे ठूंस दिया
क्रमश – मनमर्जियाँ – 9
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संजना किरोड़ीवाल !
Very beautiful
Hahahaha….. Bechara guddu.. . Waise roshni ab kya karegi…. Yeh dekhna majedaar hoga….👍👍👍👍👍
Heyy bgwan sb hath dho k guddu k piche pdh gyii hh…
Bechare guddu ko sb kyun pareshaan kr rhe h kahin guddu k sapno ki rani banaras m to nhi h
very nice
Chalo koi to kush hua guddu na sahi roshni hi sahi
Chalo guudu ke bahane phir se banaras ghumne mil jayega aur chalo koi to khush hua Guddu na sahi roshni hi sahi
Aiii gazab…roshani bhi bada achha aur majedar charector hai.