मनमर्जियाँ – 7
Manmarjiyan – 7
गुड्डू ओर गोलू दोनो लखनऊ के लिए निकल गए l पिंकी के प्यार में गुड्डु इतना खो चुका था कि उसे सही गलत कुछ समझ नही आ रहा था l ग्रुप स्टडी के नाम पर झूठ बोलकर गुड्डु लखनऊ पिंकी से मिलने जा रहा था इस बात से मिश्रा जी अनजान थे l गुड्डु खुश था पहली बार वह किसी लड़की के लिए अपने शहर से इतनी दूर जा रहा था । उसने खुशी से भरकर गोलू से कहा,”देखना गोलुआ कैसे हमे लखनऊ में अपने सामने देखकर पिंकिया चौक जाएंगी , हो सकता है हमहू गले भी लगा ले”
“हमारी बांयी आंख फड़क रही है गुड्डु भैया जरूर कुछ न कुछ गड़बड़ होने वाली है”,गोलू ने कहा
“अरे सुभ सुभ बोलो बड़के महाराज जब जब तुम्हायी आंख फड़की है बुरा ही हुआ है”,गुड्डु ने कहा
“भैया वैसे इह ठो बात बताओ पिंकिया तो तुमको जरा भी भाव नही न देती है फिर तुम काहे उसके पीछे लट्टू बने घूम रहे हो ?”,गोलू ने कहा
“तू नही समझेगा गोलू कितने सालो से हम पिंकिया को पसंद कर रहे है , हमे पूरा यकीन है एक दिन उसको हमारा प्यार जरूर समझ आएगा”,गुड्डु ने कहा
“ह्म्म्म वैसे लखनऊ जा रहे है यह बात अगर मिश्रा जी को पता चली न तो याद रखना कही के नही रहोगे”,गोलू ने कहा
“उन्हें पता चलने से पहले हम वापस लौट आएंगे”,गुड्डु ने विश्वास से भरकर कहा ओर बाइक की स्पीड बढा दी l शाम होने तक दोनों लखनऊ पहुंचे , पिंकी ने जो एड्रेस गोलू को भेजा था उसके बारे में पूछते पाछते दोनो मैरिज हॉल पहुँचे l गुड्डु ने बाइक साइड में लगाई और नीचे उतरकर गोलू से कहा,”लगता है पिंकिया के रिश्तेदार ने काफी खर्चा किया है , शादी तो बड़ी शानदार होती दिख रही ,, क्या खयाल है ?”
“अरे हमे का करना है शादी से हमे तो बस खाना है , चलो चलते है”,कहकर गोलू जैसे ही जाने लगा गुडडू ने उसका हाथ पकड़कर उसे रोका और कहा,”अबे रुको किसी ने पहचान लिया तो पेले जाओगे , पहले पिंकिया को बुलाते है उसके बाद ही अंदर चलेंगे”
“ठीक है हम फोन करते है”,कहकर गोलू ने पिंकी को पार्सल के बहाने बाहर बुलाया और फिर पिंकी का इन्तजार करने लगा । कुछ देर बाद लहंगा पहने पिंकी बाहर आई गुड्डु ने देखा तो बस देखता ही रह गया , आज से पहले तो वह पिंकी को सूट में देखता आया था आज लहंगे में तो वह गजब ढा रही थी l गुड्डु ओर गोलू को वहां देखकर पिंकी उनके पास आई और गुड्डु से कहा,”तुम दोनों यहा क्या कर रहे हो ?”
“तुमसे मिलने आये हैं”,गुड्डु ने खुश होकर कहा
“पागल हो क्या किसी ने देख लिया तो , तुम दोनों जाओ यहां से अभी के अभी ,, मम्मी पापा सब अंदर है उन्हें पता चला तो अच्छा नही होगा”,पिंकी ने परेशान होकर कहा
“हमे लगा हमें यहा देखकर तुम्हे खुशी होगी”,गुड्डु ने उदास होकर कहा
“गुड्डु ये कानपुर नही लखनऊ है , किसी ने तुम्हे यहाँ देखा न तो प्रॉब्लम हो जाएगी , प्लीज़ तुम जाओ यहां से”,पिंकी ने कहा
“अच्छा ठीक है हम लोग चले जायेंगे , तुम्हे परेसान काहे करेंगे”,गुड्डु ने कहा
पिंकी ने गुड्डु से ठीक से बात भी नही की ओर वापस चली गयी l गुड्डु का चेहरा उतर गया ये देखकर गोलू ने कहा,”भैया चले कि ओर बेइज्जती करवानी है अपनी ?”
“गोलू तुमने सुना ना उसने का कहा , शर्मा जी का पूरा खानदान अंदर है प्रॉब्लम हो जाएगी उसको”,गुड्डु ने कहा
“अबे चूतिया हो का बे तुम ? उह चाहती तो फ्रेंड बोलके भी मिलवा सकती थी पर उसको मिलवाना नही था”,गोलू ने खीजकर कहा
“अच्छा गुस्सा ना करो यार”,गुड्डु ने उसे शांत करते हुए कहा
तभी गोलू का फोन बजा पिंकी का ही था ओर वह अपने पार्सल के बारे में पूछ रही थी गोलू पहले से उस से गुस्सा था इसलिए कहा,”तुमरे पार्सल को गंगा में बहा दिए है , दोबारा फोन की ना तो फोन में घुस के बहुते गंदी मार मारेंगे , फोन रखो”
बेचारी पिंकी ने फोन काट दिया l गोलू गुड्डु की ओर पलटा ओर कहा,”देखा तुम उसके लिए इति दूर आये और उसको पार्सल की पड़ी है , चालू कही की”
“अये गोलू का अंट शंट बके जा रहे हो बे , चलो चलते है”,गुड्डु ने कहा
“कहा इतनी दूर आये है भैया कुछ तो खाकर चलेंगे”,गोलू ने कहा
“पर पिंकिया,,,,,,,,!!”,गुड्डु ने कहा
“अरे छोड़ो उसे कोनसा वो हमें देखने वाली है , बस खाना खा के निकल लेंगे”,गोलू ने कहा तो गुड्डु सोच में पड़ गया और फिर कहा,”अच्छा ठीक है , पर सिर्फ खाना खाएंगे”
“हा हा ठीक है”,गोलू ने खुशी से भरकर कहा और दोनों अंदर आ गए l लॉन में खाने का इन्तजाम था गुड्डु भीड़ देखकर खुश था ताकि उसे ओर गोलू को कोई पहचाने नही l दोनो ने प्लेट उठायी ओर खाना लेकर एक कोने में चले आये l खाते हुए गुड्डु जब पूरी लेने जाने लगा तब सामने से आते लड़के के हाथ से पानी का ग्लास छूटा ओर गुड्डु की जैकेट पर जा गिरा l गुड्डु ने जैकेट उतारकर कंधे के बांयी तरफ डाल लिया और खाने लगा l गोलू भी दबदबा खाये जा रहा था l गोलू ने प्लेट का खाना खत्म किया और अपने लिए कुछ और लेने जाने लगा तो गुड्डु ने कहा,”गोलू हमाये लिए गुलाबजामुन”
“ठीक है भैया”,कहकर गोलू चला गया
गुड्डु मजे से खाना खा रहा था , मीठे में गुड्डु को गुलाबजामुन बहुत पसंद थे , तभी गुड्डु के कंधे पर किसी ने हाथ रखा तो गुड्डु ने पलटकर कहा,”का गोलू ले आये गुलाबजामुन,,,,!”
आगे के शब्द गुड्डु के गले मे ही फंस गए सामने मिश्रा जी खड़े थे , उन्हें देखते ही गुड्डु की सिट्टी पिट्टी गुम हो गयी और मुश्किल से उसके मुंह से निकला,”पि पि पिताजी आप ?”
“नही हमारा भूत खड़ा है , तो यहाँ हो रही है तुम्हायी ग्रुप स्टडी ?”
“पिताजी उह हम गोलू,,,,,,,,!”,गुड्डु ने पीछे देखकर कहा लेकिन मिश्रा जी को देखकर गोलू तो पहले ही वहां से भाग चुका था ।
“कहा है गोलू हमे तो दिखाई नही दे रहा ?”,मिश्रा जी ने गुड्डु को घूरते हुए कहा , गुड्डु समझ चुका था कि अब उसकी अच्छी वाली बैंड बजने वाली है , उसने हाथ मे पकड़ा प्लेट साइड में रखा और जैकेट कंधे से उतारकर वापस पहनकर मुंह लटकाकर मिश्रा जी के सामने खड़ा हो गया । उसकी चुप्पी पर मिश्रा जी को ओर गुस्सा आया और उन्होंने कहा,”शर्म नही आती बाप का नाम खराब करते हुए गुड्डु , ऐसे बिना बुलाये किसी की भी शादी में घुसकर खाना खा रहे हो । हमे लगा तुम पढ़ाई करने गए हो और तुम यहाँ लखनऊ में हो ,, अब खाना खाने तो तुम इतनी दूर आये नही हो ,, क्यों आये हो वो बताओ ?”
“पिताजी गोलू के साथ ही आये थे उसके दोस्त की शादी है , वो अकेले आना नही चाह रहा था इसलिए साथ ले आया”,गुड्डु ने सर झुकाये हुए कहा
मिश्रा जी गुड्डु के थोड़ा पास आये ओर कहा,”देखो बेटा ऐसा है , बाप को ना सिखाओ सच सच कहो बात का है ?”
गुड्डु फंस चुका था लेकिन जैसे तैसे करके उसको वहां से निकलना ही था । गुड्डु ने तरकीब लगाई और सामने देखते हुए कहा,”अम्मा भी आपके साथ आई है का ?”
“मिश्राईन तो,,,,,,,,!”,कहते हुये मिश्रा जी पलटे लेकिन पीछे कोई नहीं था जैसे ही उन्होंने वापस सामने देखा गुड्डु ग़ायब था l मिश्रा जी गुस्से से वहां से चले गए l
गिरते पड़ते गुड्डु बाहर आया तो देखा गोलू बाइक स्टार्ट करके तैयार खड़ा है । गुड्डु ने उसके पीछे बैठते हुए कहा,”साले मतलबी हमे वहां अकेले छोड़ के आ गया”
“तो तुम का चाहते हो तुम्हाये पिताजी के सामने आकर उनसे हाय हेलो करते ,, साले पहले ही कहे थे हम की पिंकिया के चक्कर मे ना पड़ो पर सुनते नही तुम हमाई”,कहते हुए गोलू ने गाड़ी की स्पीड बढाई ओर गुड्डु को साथ लेकर वहां से निकल गया । डर के मारे गुड्डु की तो जान निकली जा रहीं थी । उसने गोलू से कहा,”यार हमाई समझ मे नही आ रहा है कि पिताजी हुआ पहुंचे कैसे ?”
“अबे पूरे उत्तर-प्रदेश में तुम्हाये पिताजी का कोई न कोई जानकर निकल आता है , अब घर जाकर सुनना उनके लेक्चर”,गोलू ने कहा
“लेक्चर नही गोलुआ बेल्ट से सुताई होगी इस बार”,गुड्डु ने कहा
“अरे डर काहे रहे हो भैया , बड़े हो गए हो कह देना पिताजी से की गर्लफ्रेंड से मिलने गए रहय”,गोलू ने गुड्डु की टांग खींचते हुए कहा
“हा हा ले ल्यो मजे तुम भी , तुम साले दोस्त नही दुश्मन हो हमाये , तुम्ही कहै रहे कि कुछ बुरा होगा ,, ल्यो हो गवा बुरा उह भी बहुते बुरा”,गुड्डु ने कहा
“साले दोस्त नही होते ना तो इतनी दूर नही आते तुम्हाये साथ”,कहकर गोलू ने बाइक रोक दी
“बाइक काहे रोकी हो अब ?”,गुड्डु ने कहा
“थोड़ा हल्के होकर आते है”,कहते हुए गोलू झाड़ियो की ओर चला गया । गुड्डु बाइक पर बैठा बैठा मिश्रा जी के बारे में ही सोच रहा था , गोलू वापस आया बाइक स्टार्ट की ओर गुड्डु को साथ लेकर अपने शहर की ओर चल पड़ा l देर रात दोनो कानपुर पहुचे , गुड्डु गोलू के घर ही रुक गया और सुबह जल्दी घर आ गया l घर मे आकर उसने मिश्राईन से पूछा,”अम्मा पिताजी नजर नही आ रहे ?”
“उह तो कल शाम ही लखनऊ चले गए , विनोद शर्मा जी है ना उनके दोस्त उनकी बिटिया की शादी थी कल वही गए है”,मिश्राईन ने कहा और गुड्डु की ओर आयी गुड्डु का थका हुआ चेहरा देखकर उन्होंने कहा,”का बात है गुड्डु बड़ा थका हुआ लग रहा है ? लगता है रातभर जागकर पढ़ाई की है तूने , एक काम कर जाकर थोड़ी देर के लिए सो जा”
“हम्म्म्म”,गुड्डु ने कहा और ऊपर चला आया , अपने कमरे में आकर गुड्डु बिस्तर पर आकर गिर गया , उसकी आंख लग गयी l दोपहर होने को आई गुड्डु सो रहा था l मिश्रा जी भी लखनऊ से लौट आये थे आते ही उन्होंने मिश्राईन से पूछा,”गुड्डु कहा है ?”
“ऊपर है जी रातभर पढ़ाई कर रहा था अभी सो रहा है”,मिश्राईन ने पानी का ग्लास मिश्रा जी की ओर बढ़ाकर कहा
“हमहू जानते है रातभर कौनसी पढ़ाई किये रहय उह , नीचे बुलाओ उसे”,मिश्रा जी ने कहा
लाजो ने सुना तो फट से ऊपर आकर गुड्डु को जगाते हुए कहा,”गुड्डु भैया मिश्रा जी बुलाय रहे तुमको , जल्दी चलो आज तेवर गर्म है लगता है फिर कोई बड़ा कांड किये रहय”
गुड्डु ने जैसे ही सुना हड़बड़ा कर उठा और नीचे चला आया l जैसा कि लाजो ने कहा था मिश्रा जी के तेवर बदले हुए थे जैसे ही गुड्डु निचे आया मिश्रा जी ने कहा,”अरे आओ बेटा दूर काहे खड़े हो हिया आओ हमारे पास बईठो”
गुड्डु जैसे ही उनके पास आकर बैठा , मिश्रा जी ने गुस्से से कहा,”खड़े हो जाओ , बाप की बराबरी में बैठोगे लाज शर्म बेच दी हो का ?”
गुड्डु चुप रहा मिश्राईन और वेदी भी वहां चले आये मिश्रा जी को गुस्से में देखकर मिश्राईन ने कहा,”का बात है आप इतने गुस्से में काहे हो ?”
“इह बात पुछो अपने सपूत से , पढ़ाई का बहाना करके रातभर कहा घूम रहे थे इह तो आपके गुड्डु मिश्रा ही बताएंगे”,मिश्रा जी ने कहा
“का रे गुड्डुआ का कह रहे तुम्हाये पिताजी ? कहा थे कल तुम ,, अरे बोलो कुछ ?”,मिश्राईन ने कहा
“इह नाही बोलेंगे मुंह में दही जम गवा है इह के , इह जो है आपके लाडले कल रात लखनऊ में घूमे रहे”,मिश्रा जी ने कहा
“का लखनऊ ? पर तुम तो गोलू के घर पढ़ाई के लिए गए रहय”,मिश्राईन ने कहा
“तुमको लगता है इह लोग मिलके पढ़ाई करेंगे , बस बहुत हो गया आज से कॉलेज के बाद तुम सीधा शोरूम आओगे , घूमना फिरना बन्द ओर अपनी बाइक की चाबी दयो”,मिश्रा जी ने गुड्डु से कहा
“पिताजी इस बार माफ् कर दीजिए , उह गोलू के चक्कर मे इह सब हुई गवा”,गुड्डु ने कहा
“हमने तुमसे सफाई नही मांगी है गुड्डु कल से कॉलेज के बाद शोरूम आ जाना”,कहकर मिश्रा जी चले गए
“अम्मा यार समझाओ ना पिताजी को”,गुड्डु ने मिश्राईन से कहा
“गुड्डु देखा ना उनको कितने गुस्से में है तुम्ही जरूर कुछ गड़बड़ किये रहे”,कहकर मिश्राईन भी चली गयी
बेचारा गुड्डु मुंह लटकाकर खड़ा हो गया तो वेदी उसके पास आई और कहा,”भैया कही ये लखनऊ वाली उह ही तो नही जिन्हें फ्री में कपड़े दे दिए गए थे”
गुड्डु ने कुछ नही कहा बस वहां से चला गया l मिश्रा जी थके हारे थे इसलिए शोरूम नही गए गुड्डु से बाइक की चाबी छीन ली गयी थी इसलिए गुड्डु आज पैदल ही घर के बाहर चल पड़ा l रौशनी ने देखा तो कहा,”का गुड्डु महाराज आज तुम्हायी सवारी नही दिख रही ? फिर से कोई कांड कर दिये का ?”
गुड्डु ने सुना तो कहा,”जियादा बढ़ चढ़ के ना बोलो नही तो अबही ईंटा फेंक के मारेंगे तुमको”
रोशनी मुंह बनाकर अन्दर चली गयी l गुड्डु बस स्टैंड की ओर आया और चायवाले की दुकान पर आकर बैठ गया l दुकानवाला गुड्डु को अच्छे से जानता था इसलिए कहा,”गुड्डु बबुआ चाय पी हो ?”
“पिला दो चच्चा”,गुड्डु ने बुझे मन से कहा
“चच्चा दो कप”,गोलू ने बगल में बैठते हुए कहा और फिर गुड्डु से कहा,”ऐसे काहे बैठे हो बे ? दादी चल बसी का ?”
“चुप बे , पिताजी ने बाइक की चाबी ले ली है और कहा है कल से कॉलेज के बाद शोरूम आने को”,गुड्डु ने कहा
“इह तो होना ही था बाबू जो काण्ड तुम किये रहय , मिश्रा जी ऐसे थोड़े छोड़ देंगे तुमको ,, वैसे सही किये कमसे कम कुछ तो जिम्मेदार बनोगे”,गोलू ने कहा
लड़का चाय देकर चला गया , दोनो ने चाय ली पीने लगे अभी दो चार घूँट भरे ही थे कि गोलू ओर गुड्डु ने देखा पिंकी किसी लड़के के साथ बाइक पर आई और उतर गई , कुछ देर लड़के से बात की ओर फिर लड़का चला गया l
“अबे पिंकिया के साथ उह लड़का कौन है ?”,गुड्डु ने कहा
“खुद हय जाके पूछ ल्यो”,गोलू ने चाय की चुस्की लेते हुये कहा
गुड्डु ने चाय फेंकी ओर पिंकी की ओर बढ़ गया । पिंकी के सामने आकर उसने सीधा सवाल किया,”उह लड़का कौन था ?”
“तुम्हे जान के का करना है ?”,पिंकी ने सामने से सवाल किया
“पहले कभी नही देखा तुमको उसके साथ , तुमको अभी उसके साथ बाइक पर आते देखा कौन है उह ?”,गुड्डु ने कहा
पिंकी थोड़ा गुड्डु के पास आई ओर कहा,”हमारे बाप बनने की कोशिश ना करो तुम समझे , बॉयफ्रेंड है हमारा हम उसके साथ बाइक पर घूमे या गाड़ी में तुम अपने काम से काम रखो समझे”
कहकर पिंकी वहां से चली गयी l गुड्डु ने सुना तो बेचारे का दिल टूट गया जिस पिंकी को वह बहू बनाने के सपने देख रहा था उसका पहले से बॉयफ्रेंड था , गुड्डु वही खड़ा पिंकी को जाते हुए देखता रहा
क्रमश – मनमर्जियाँ – 8
Previous Part – manmarjiyan-6
Follow Me On – facebook
संजना किरोड़ीवाल
😱😱😱
Nice
Laga hi tha pahle se kuch gadbad hai
yh lo guddu ka to kat gya
Yh pinki guddu k liye sahi ladki nhi hhmare mishra ji k liye to koi special hi hogi
Lo…. Ab guddu bhaiya ka kya hoga…..😟
Koie na…. Jaror kooch bahut achaa hoga…..🙂🙂🙂👌👌👌👌👌
Lo bhai hamere Guddu jii ka to di tut gya pikiya ke chhakr Mai 😀😀😀😀
Supp story
Jimmedar ban jayenge ab to Mishra ji
Kat gyi pinki to… Pese khrch krwa k nikl dii…chaluu khi ki😐😐😐
O ho bechara guddu, par achcha hua jo time par pata chal gaya