Sanjana Kirodiwal

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मनमर्जियाँ – 65

Manmarjiyan – 65

Manmarjiyan - 65

मनमर्जियाँ – 65

मिश्रा जी और बाकि घरवालों को ये गलतफहमी हो गयी की शगुन प्रेग्नेंट है। सोने पर सुहागा ये की गुड्डू ने भी अनजाने में इस बात के लिए हामी भर दी जब उसे सच का पता चला तो उसके होश ही उड़ गए। गुड्डू ने शगुन की और देखा तो शगुन ने अपने कंधे उचका दिये। वेदी अंदर से मिठाई ले आयी और सबसे पहले गुड्डू को खिलाते हुए कहा,”मुबारक हो गुड्डू भैया”
उसके बाद शगुन को भी बड़े प्यार से एक टुकड़ा खिलाया। मिश्रा जी डिब्बा लेकर सामने खड़े सोनू के पापा की और बढ़ गए। गोलू गुड्डू के पास आया और कहा,”अरे मुबारक हो भैया , सोचा नहीं था इतनी जल्दी ये ख़ुशख़बरी मिलेगी सुनने को”
गुड्डू गोलू को साइड में लेकर आया और कहा,”अबे गोलू ऐसा कुछ नहीं है”
“अरे अरे शर्माओ नहीं भैया हमे सब पता है , हम चाचा बनने वाले है साला इस से बड़ी ख़ुशी की बात और का हो सकती है”,गोलू कुछ सुनने को तैयार ही नहीं था
“अरे यार कैसे समझाए तुम्हे ? अरे ग़लतफ़हमी हुई है पिताजी को कोई बच्चा वच्चा नहीं होने वाला है”,गुड्डू ने खीजते हुए कहा
“हमे कोई ग़लतफ़हमी नहीं हुई है भैया , अब भाभी और तुम्हाये बीच इतना प्रेम है इह सब तो होना ही था एक दिन नई”,गोलू ने कहा
“अरे शगुन प्रेग्नेंट नहीं है”,गुड्डू ने कहा
“तुमहू इतना यकींन के साथ कैसे कह सकते हो ?”,गोलू ने जिदते हुए कहा
“प्रोसीजर हमे भी पता है , हम कभी शगुन के इतना करीब गए ही नहीं तो इह सब कैसे हो गया ?”,गुड्डू ने कहा
“इसका मतलब बच्चा तुम्हारा नहीं है ?”,गोलू ने हैरानी से तेज आवाज में कहा तो गुड्डू ने उसका मुंह बंद करते हुए कहा,”अबे धीरे,,,,,,,,,,,,,,धीरे बोलो ,, बच्चा हमारा नहीं है और सब बोल रहे है की शगुन प्रेग्नेंट है ये कैसे हो सकता है ?”
“भाभी का कोई बॉयफ्रेंड,,,,,,,,,,,,,,,छी छी हम भी का सोचने लगे,,,,,,,,,,,,,,,भाभी हमारी बहुत सही है तुम्ही कुछो गड़बड़ किये होंगे”,गोलू ने सारा दोष गुड्डू पर मढ़ दिया।
“हमने कुछ नहीं किया है यार गोलू,,,,,,,,,,,,,,,,,,सबसे पहिले तो तुम पिताजी को रोको वरना पुरे मोहल्ले में मिठाई बटवा देंगे”,गुड्डू ने गोलू को धकियाते हुए कहा और खुद शगुन की और चला आया। मिश्राइन शगुन के लिए अच्छा सा नाश्ता बनाने के लिए रौशनी को लेकर किचन की और चली गयी शगुन के पास वेदी बैठी थी तो गुड्डू ने उसे भी किसी काम से भेज दिया। शगुन अकेले थी गुड्डू के लिए यही मौका था शगुन से बात करके सब क्लियर करने का जैसे ही वह आया शगुन उस से नजर बचाकर किचन की और चली गयी। दरअसल शगुन को भी अब बहुत शर्म आ रही थी ऐसी बात से , गुड्डू के सामने आना तो दूर अब तो वह उस से नजर तक नहीं मिला पा रही थी। गुड्डू भी उसके पीछे पीछे चला गया।
उधर गोलू मिश्रा जी पास आया और उन्हें रोकते हुए कहा.,”अरे चच्चा का कर रहे है आप ?”
“मतलब ?”,मिश्रा जी ने हैरानी से पूछा
“अरे हमारा मतलब इतनी बड़ी ख़ुशी की बात ऐसे सबको बताने के लिए थोड़ी है , खामखा गुड्डू और शगुन भाभी को नजर लग जाएगी और असर पडेगा बच्चे पर ,,, का समझे ?,,,,,,,,,,,,,,,,,,अभी थोड़ा समय निकलने दो उसके बाद बताना जो बताना हो”,गोलू ने मिश्रा जी को बातो में लपेटते हुए कहा
मिश्रा जी ने गोलू को देखा और फिर कहा,”यार गोलू दिखते तो तुमहू एक नंबर के चू#या हो पर कभी कभी ना बात बहुते काम की करते हो,,,,,,,,,,,,,,,,,,पर का करे ख़ुशी इतनी है ना की रोक नहीं पाए खुद को”
मिश्रा जी के मुंह से अपनी तारीफ सुनकर गोलू मुस्कुराया और कहा,”वही तो हम कह रहे है चचा की खुशियों को ना नजर नहीं लगानी है , चलो अंदर चलो”
गोलू की तरकीब काम कर गयी और मिश्रा जी उसके साथ अंदर चले आये। उधर शगुन गुड्डू से बचते बचाते किचन में आ गयी। गुड्डू वापस लौट आया और अपने कमरे में चला गया। उसे जाते देखकर गोलू भी उसके पीछे ऊपर कमरे में चला आया और कहा,”अबे यार गुड्डू भैया कब तक तुमहू ऐसे ही रायता फैलाओगे और हमहू समेटेंगे,,,,,,,,,,,,,और बाकि सब छोडो पहिले इह बताओ तुम्हारे और भाभी के बीच सब ठीक है भी या नहीं ?”
गुड्डू अपनी ही उलझन में था उसने गोलू की बात पर ध्यान ही नहीं दिया। गोलू उसके पास आया और उसे हिलाते हुए कहा,”अरे हम कुछ पूछ रहे है”
“का बताये ? नहीं बोलो का बताये ? नहीं है हमाये और उनके बीच कोई रिश्ता , नहीं करते हम उनसे प्यार , हम दोनों एक कमरे में रहते तो है पर सिर्फ दोस्त बनकर,,,,,,,,,,,,,,,,,,और बताओ का सुनना चाहते हो ,,,,,,,,,,,,और कुछ सुनाये तुम्हे”,गुड्डू ने गुस्से से कहा
गुड्डू को गुस्से में देखकर गोलू थोड़ा सहम गया और धीरे से कहा,”भैया हमारा वो मतलब नहीं था”
“तुम्हारा कोई भी मतलब हो यार गोलू , कोई कुछ भी करे गलत हम होते है। सब सही करने जाते है पर साली हमायी किस्मत हमाये आगे आकर बोलती है “ऐसे कैसे बाबू ?” और हमाये लग जाते है। शगुन के साथ हमारा रिश्ता वैसा नहीं है जैसा तुम सबको लगता है। हमने पहले दिन ही उन्हें हमारे और पिंकी के बारे में बता दिया था उसके बाद से हमने उनको या उन्होंने हमे इस नजर से देखा भी नहीं तो फिर ये बच्चे वाली बात,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,और हमे गुस्सा शगुन पर आ रहा है की वो काहे चुप है ?”
गुड्डू को परेशान देखकर गोलू ने कहा,”अरे भैया तुमहू ना चिन्तियाओ नही , हमे पूरा यकीन है तुमहू कुछो गलत नहीं किये होंगे”
शगुन कमरे में आयी जब गुड्डू और गोलू को देखा तो जाने लगी लेकिन गुड्डू ने आगे बढ़कर उसे रोका और दरवाजा बंद करके कहा,”इह सब का हो रहा है ? पिताजी से किसने कहा की तुम प्रे,,,,,,,,,,,,,,,,,,हमारा मतलब इह बच्चे वाली बात कहा से आयी ?”
“हां भाभी सच का है इह तो तुम्ही बता सकती हो”,गोलू ने भी कहा तो शगुन ने गुड्डू की और देखा और फिर नजरे झुकाकर कहने लगी,”सब लाजो की ग़लतफ़हमी की वजह से हुआ , रात में कुछ उल्टा सीधा खा लेने से सुबह मुझे उलटी हो रही थी , लाजो और माजी को लगा मैं,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मैंने उन्हें सच बताने की कोशिश की लेकिन कोई सुनना ही नहीं चाह रहा था और ये सब हो गया”
“उस लाजो का तो मैं खून,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!”,कहकर गुड्डू जैसे ही जाने को हुआ गोलू ने लपक कर उसे पकड़ा और रोकते हुए कहा,”अरे भैया ठण्ड रखो”
“अबे गोलू मतलब हम ही मिलते है का यार सबको , जब देखो तब कोई न कोई चरस बोता रहता है”,गुड्डू ने रोनी सी सूरत बनाकर कहा
“आई ऍम सॉरी मेरी गलती की वजह से आपको परेशानी हो रही है”,शगुन ने कहा
“अरे नहीं भाभी तुमहू काहे सॉरी बोल रही हो यार , जो हो गया सो हो गया किसी को कुछ कहने की जरूरत नहीं है”,गोलू ने कहा
“अच्छा तुमको लगता है बड़के मिश्रा जी शांत बैठेंगे उनका बस चले ना गोलू तो अभी के अभी पुरे कानपूर में खबर कर दे”,गुड्डू ने खीजते हुए कहा
“इह मा मिश्रा जी की का गलती है बे ? इतनी बड़ी बात सुनकर बन्दा पगलायेगा ही ,,,, अच्छा हमाये पास एक आइडिआ है”,गोलू ने कहा
“तुमहू अपना आईडीया अपने पास ही रखो समझे”,गुड्डू ने गुस्से से कहा
“सुन तो लीजिये गोलू जी क्या कह रहे है ?”,शगुन ने कहा उसे कुछ कुछ बातो में गोलू समझदार लगता था
शगुन का सपोर्ट पाकर गोलू ने कहा,”देखो मिश्रा जी तुमसे है खुश तो यही मौका है जाकर उनसे अपने ऑफिस के लिए पैसे मांग लो , ख़ुशी ख़ुशी दे देंगे। उसके बाद जब अपना काम चल जाएगा तो उन्हें वापस लौटा देंगे। तुम्हारा सपना पूरा होने की ख़ुशी में मिश्रा जी इह बच्चे वाली बात भूल जायेंगे और फिर सही मौका देखकर तुम दोनों उनको सच बता देना ,, कैसा है आइडिआ ?”
“बहुते बकवास है , एक मुसीबत से निकालकर दूसरी में डालने वाले हो तुम गोलू”,गुड्डू ने कहा
“भाभी आप बताओ सही है की नहीं”,गोलू ने शगुन से पूछा
“सही तो है लेकिन पापाजी हर्ट होंगे जब उन्हें सच पता चलेगा”,शगुन ने कहा
“हर्ट तो वो अब भी होंगे जब आप लोग उन्हें सच बताओगे , इस से अच्छा है ना है बाद में बताओ ताकि ज्यादा हर्ट ना हो और तुम्हारे काम की ख़ुशी में वो सब ये बात भूल जाये”,गोलू ने कहा
शगुन सोच में पड़ गयी गोलू अपनी जगह सही था इस वक्त इस समस्या का यही हल था। लेकिन गुड्डू को गड़बड़ लग रही थी इसलिए उसने कहा,”बेकार आईडिया है हम बता रहे है”
“आपके पास कोई और आइडिआ है ?”,शगुन ने गुड्डू को घूरते हुए कहा
गुड्डू को शगुन का घूरना अच्छा नहीं लगा तो उसने गोलू से कहा,”ठीक है लेकिन पिताजी से बात कौन करेगा ?”
“तुमहू करोगे और कौन करेगा ? बाप है तुम्हाये कोई दानव थोड़े है जो खा जायेंगे”,गोलू ने कहा
“तुम भी साथ चलोगे”,गुड्डू ने उठते हुए कहा
“हम का करेंगे साथ जाकर ?”,गोलू जो की खुद मिश्रा जी डरता था उसने कहा
“उह का है ना तुम पार्टनर बने हो ना हमारे तो 50-50 हर काम में रहेगा , चलो अब”,कहकर गुड्डू गोलू को घसीटते हुए ले जाने लगा चलते चलते पलटा और शगुन से कहा,”आपसे तो हम बाद में निपटेंगे”
शगुन ने सूना तो दूसरी और देखने लगी और गुड्डू गोलू को लेकर वहा से निकल गया।
गुड्डू और गोलू निचे आये मिश्रा जी नाश्ता करके उठे ही थे और तख्ते पर बैठे किसी को फोन लगा रहे थे। गुड्डू और गोलू सामने आकर खड़े हो गए अब बोले कौन ? मिश्रा जी ने कुछ देर दोनों को देखा और फिर कहा,”नौटंकी में हिस्सा लिए हो ?”
दोनों ने ना में गर्दन हिलायी तो मिश्रा जी ने कहा,”तो बोल काहे नहीं रहे ?”
“चचा वो गुड्डू भैया को बात करनी है”,गोलू ने तलवार गुड्डू की गर्दन पर लटका दी और साइड खिसक गया। मिश्रा जी ने गुड्डू को देखा तो गुड्डू ने हिम्मत करके कहना शुरू किया,”वो हम इह कहना चाह रहे थे की हमने और गोलू ने काम शुरू किया है,,,,,,,,,,,,,,,वेडिंग प्लानर। शुरुआत करने के लिए थोड़े पैसे चाहिए , बाद में जब काम सेट हो जाएगा तो लौटा देंगे”
मिश्रा जी ने सूना तो कहा,”कोनो और काम नहीं मिला बेटा ? मतलब अब तक कम चिकाई की है जो अब इह सब करके पुरे कानपूर में हमायी खिल्ली उड़ाने का सोच रहे हो,,,,,,,,,,,हैं,,,,,,,,,,,अच्छा बढ़िया शोरूम है उस कारोबार को आगे बढ़ाने का काहे नहीं सोचते ? वेडिंग प्लानर बनना है का उखाड लोगे ?”
“टेंट,,,,,,,,,,,,,,,,,!”,गोलू ने तपाक से कहा
गुड्डू ने गोलू को घुरा और मिश्रा जी ने गर्दन गोलू की और घुमाकर कहा,”वो तो उखड ही जाएगा गोलू”
गुड्डू ने गोलू से चुप रहने का इशारा किया और मिश्रा जी की और पलटकर कहा,”का बुराई है इस काम में ? कानपूर की शादियाँ अरेंज करेंगे हम , शादी के टेंट से लेकर बारातियो के खाने तक का अरेंजमेंट हम करेंगे ,, एक दो शादी करवा दे उसके बाद लोगो की भीड़ लगेगी हमारे ऑफिस में,,,,,,,,,,,,,,,,और आपके शोरूम का काम हम नहीं देखेंगे , हमसे नहीं होता वो मोहल्ले की भाभियो को साड़ी दिखाना”
“साड़ियों से ज्यादा भाभियाँ गुड्डू भैया को देखती है”,गोलू अपने मुंहफट रवैये के कारण फिर बीच में बोल पड़ा। मिश्रा जी ने सूना तो कहा,”हिया आओ”
गोलू ख़ुशी ख़ुशी मिश्रा जी के पास आया। मिश्रा जी ने कान के नीचे एक थप्पड़ रसीद किया और कहा,”बेटा इह हमारा लौंडा है दो बात कह भी देगा तो हमहू सुन लेंगे , तुमहू बीच में बोलोगे पेल दिए जाओगे,,,,,,,,,,,,,,,का समझे ?”
गोलू ने गाल से हाथ लगाया और गर्दन हिलाते हुए पीछे हट गया। मिश्रा जी फिर गुड्डू की और मुड़े और कहा,”हां तो तुमहू कह रहे थे की तुमसे शोरूम में काम नहीं होता , बेटा जे ऐशो आराम की जिंदगी जी रहे हो ना इह सब उसी शोरूम की देन है। हमाये दादा-पिताजी के ज़माने का शोरूम है वह। और जे वेडिंग प्लानर का भूत जो तुम्हाये सर चढ़ा है जल्दी उतर जाये तो अच्छा है”
“हम मजाक नहीं कर रहे है पिताजी , हमारा सपना है इह और आप देखना एक दिन आपको हम पर नाज होगा”,गुड्डू ने कहा
“हम भी मजाक नहीं कर रहे है गुड्डू ऐसे कामो में बर्बाद करने के लिए पैसा हमाये पास नहीं है”,मिश्रा जी ने साफ मना कर दिया और उठकर जाने लगे। कुछ कदम चलकर रुके और पलटकर कहा,”शोरूम आओगे आज या नहीं ?”
“नहीं आयेंगे और आज का कभी नहीं आएंगे”,गुड्डू ने खीजते हुए कहा
“जैसी तुम्हायी मर्जी”,कहकर मिश्रा जी चले गए और गुड्डू मुंह लटका कर रह गया। कुछ ही दूर खड़ी शगुन सब सुन रही थी उसे गुड्डू के लिए बुरा लग रहा था
जब गुड्डू पलटा तो उसकी नजरे शगुन से जा मिली। गुड्डू की आँखों में जो दर्द था वो शगुन साफ देख पा रही थी।.

Manmarjiyan - 65
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संजना किरोड़ीवाल

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