मनमर्जियाँ – 26
Manmarjiyan – 26
Manmarjiyan – 26
शगुन और गुड्डू एक दूसरे के बारे में सोचते हुए जाग रहे थे। शगुन जहा गुड्डू से मिलने को लेकर खुश थी वही गुड्डू इस बात से दुखी था। पिंकी की वजह से उसका दिल टूट चुका था और इतनी जल्दी किसी और पर भरोसा करके फिर से उसके लिए प्यार जगाना गुड्डू के लिए क्या किसी भी लड़के के लिए आसान ना होगा। जब उलझन और बेचैनी ज्यादा बढ़ गयी तो गुड्डू ऊपर छत पर चला आया। दिवार पर लेटकर गुड्डू आसमान में चमकते सितारों को देखने लगा। उन्हें देखते हुए गुड्डू अपनी बीती जिंदगी के बारे में सोचने लगा जिसमे मिश्रा जी की डांट थी लेकिन गुड्डू का दिनभर खेलना कूदना शामिल था। वह जिंदगी जिसमे मिश्रा जी के ताने शामिल थे लेकीन साथ में गुड्डू की कानपूर में वो हीरो वाली पर्सनालिटी लेकर घूमना भी शामिल था। वह जिंदगी जिसमे पढाई नहीं थी लेकिन गुड्डू के सपने थे जिन्हे वह पुरा करना चाहता था। वह जिंदगी जिसमे मिश्रा जी के चप्पल , थप्पड़ की मार थी लेकिन कानपूर के रंगबाज लौंडो में गुड्डू का एक कंटाप काफी था , वह जिंदगी जो मिश्रा जी के साथ रहकर थोड़ी बवाल थी लेकिन गुड्डू के लिए अपनी जिंदगी भौकाल थी। इन्ही सब बातो को याद करते हुए गुड्डू मुस्कुरा दिया तभी उसके कानो में सोनू भैया की आवाज पड़ी,”का गुड्डू कैसे हो ? इतनी रात में हिया का कर रहे हो ?”
गुड्डू लेटे रहा और कोई जवाब नहीं दिया। जवाब ना पाकर सोनू भैया ने कहा,”अबे कुछ तो बोलो , सादी फिक्स हुई है बे सूखे सूखे में निपटा दिए कोई पार्टी नहीं”,
इस बार गुड्डू उठ बैठा और गुस्से से कहा,”का हमायी अम्मा की बारात में आये हो जो पार्टी चाहिए ,, सादी का मतलब जानते हो ना का होता है आजादी पर लग जाता है ताला ,, साला पहले बाप के हिसाब से चलो फिर बीवी के हिसाब से आम आदमी की जिंदगी तो झंड हो जाती है ,,, और किस बात की पार्टी , अपनी बर्बादी की पार्टी कौन देता है बताओ ज़रा ? तुमहू खुद को देख लो ना सादी करके का उखाड लिए चलते तो अबहु भी भाभी के हिसाब से ना”
गुड्डू की बात सुनकर सोनू भैया का मुंह खुला का खुला रह गया लेकिन सेल्फ रिस्पेक्ट की बात थी इसलिए कहा,”किसने कही की हमहू अपनी बीवी से डरते है , उह तो प्यार है इसलिए उनकी दो बात सुन लेते है समझे”
“भैया प्यार और डर में ना फर्क पता है हमको”,गुड्डू ने चिढ़कर कहा
“अच्छा ठीक है भैया , इतना गर्म काहे हो रहे हो बताओगे ?”,सोनू भैया ने गुड्डू को परेशान देखकर कहा
“जान के का कर लोगे , तुम सब लोगन को तो हमे परेशान देखकर ख़ुशी होती है तो काहे हमदर्दी जता रहे है ?”,गुड्डू ने उदास होकर कहा
सोनू भैया ने देखा तो दिवार लांघकर गुड्डू की छत पर चले आये और उसके सामने आकर कहा,”अच्छा बताओ का हुआ ? मिश्रा जी फिर कुछ किये ?”
“उह इतना बड़ा कांड कर दिए इस से जियादा और का करेंगे ? उस पर भी जब मन नहीं भरा तो लड़की को कानपूर बुला लिए हमायी बजाने के लिए”,गुड्डू ने कहा
“अच्छा मतलब तुम्हायी दुल्हनिया कानपूर आ रही है , हमे भी मिलवाओ यार”,सोनू भैया ने कहा
“अगर बड़े ना होते ना हमसे तो यही पटक कर पेल देते तुमको सोनू भैया ,, उह कोई मिसवर्ल्ड है का मिलवाये सबसे ,, और दुल्हनिया ना बोलो उनको अभी हमायी शादी हुई नहीं है उनसे”,गुड्डू ने कहा
“अच्छा बाबा ठीक है , तुम एक बात साफ साफ बताओ तुमको शादी काहे नहीं करनी है ?”,सोनू भैया ने गंभीर होकर पूछा
“हम नहीं जानते बस हमे अभी शादी नहीं करनी”,गुड्डू ने झुंझलाकर कहा
“देखो गुड्डू हमसे कोई बात छुपी नहीं है , तुम्हारा दिल टूटा है इसलिए अब किसी दूसरी लड़की के करीब जाने से तुमको डर लग रहा है पर एक ठो बात बताये ,, महबूबा जब दिल तोड़ती है ना तो बीविया उसे सम्हाल लेती है। इसलिए तो शादी बनी है और थोड़ा टाइम लगता है पर सब सही हो जाता है। और साला इह कोनसी किताब में लिखा है की प्यार शादी के बाद नहीं हो सकता ,,, इसलिए अपने दिमाग को थोड़ा रेस्ट दो और सब उपरवाले पर छोड़ दो या फिर नीचेवाले ([मिश्रा जी) पर ,, तुम्हारी जिंदगी अपवादों से भरी पड़ी है गुड्डू का पता शादी के बाद ये सब कम हो जाये ,, ठन्डे दिमाग से सोचो”
सोनू भैया की बात सुनकर गुड्डू उठा और वहा से चला गया। उसके जाने के बाद सोनू भैया ने ऊकहा पर देखकर कहा,”हे उपरवाले हमारा गुड्डू दिल का बुरा नहीं है , उसकी जिंदगी में जो लड़की आ रही है बस वो उसे सम्हाल ले और उसे फिर से प्यार पर भरोसा करना सीखा दे”
“अरे सोनू जी कहा मर गए ? मुन्ने की निक्कर लाने को बोले थे सिलने को नहीं”,छत से सोनू की पत्नी की आवाज आयी तो सोनू भैया उछलकर भागे और मन ही मन कहा,”गुड्डू सही कहता है शादी के बाद आदमी प्यार कम करता है डरता ज्यादा है”
“अरे आय रहे है का मोहल्ले को जगाने का इरादा है”,कहते हुए सोनू भैया दिवार फांदकर अपनी छत पर पहुँच गए
बनारस , उत्तर-प्रदेश
सुबह 5 बजे स्विफ्ट गाड़ी आकर गुप्ता जी के घर के बाहर रुकी। गाड़ी विनोद के दोस्त की थी , सफर में कोई परेशानी ना हो इसलिए उसने गाड़ी से जाना ठीक समझा। सभी तैयार खड़े थे की गुप्ता जी की तबियत ज़रा नरम हो गयी और उन्होंने अमन के साथ घर पर ही रुकने की इच्छा जताई। प्रीति चाहती थी पापा साथ चले लेकिन उनकी तबियत का सोचकर चाचा ने उन्हें घर में ही रुकने को कहा और अमन को उनका ख्याल रखने का कहा। चाची , प्रीति और शगुन पीछे बैठ गए , चाचा अपने दोस्त के साथ आगे आ बैठे। गाड़ी वहा से निकल गयी। गुप्ता जी के ना आने से शगुन थोड़ा उदास थी लेकिन फिर प्रीति की उटपटांग बातो ने उसे हंसा दिया।
कानपूर , उत्तर-प्रदेश
गुड्डू सुबह उठकर नीचे आया तो मिश्रा जी ने उसे अपने पास बुलाया और कहा,”गुड्डू 12 बजे तक तुम्हारे ससुराल वाले कानपूर पहुँच जायेंगे तब तक तुम अपना कोई काम हो तो निपटा लेना”
“हमारा जाना जरुरी है का पिताजी ?”,गुड्डू ने एक कोशिश की
“बेटा सादी तुम्हायी है हमायी नहीं , तुम्हारी मर्जी हो तो चलो तुम्हारी मर्जी ना हो तो भी चलो ,,, का समझे ?”,मिश्रा जी ने कहा
“जी पिताजी”,कहकर गुड्डू आँगन में चला आया मिश्राइन ने नाश्ता लाकर दिया , गुड्डू बेमन से नाश्ता करने लगा कुछ देर बाद वेदी आकर उसके पास बैठी और कहा,”गुड्डू भैया आज भाभी आ रही है , उनके लिए कोई तोहफा लिए हो की नहीं ?”
“हम काहे लेंगे कोई तोहफा , हमाये पिताजी के पास कुबेर का खजाना थोड़े है”,गुड्डू ने वेदी से कहा लेकिन बात मिश्रा जी के कानो में भी जा पड़ी। गुड्डू ने नाश्ता किया और फिर ऊपर चला आया कबर्ड खोला तो देखा कुछ नया नहीं है पहनने को , उसने उन्ही में से गहरे हरे रंग का शर्ट और सफ़ेद पेण्ट निकाल ली पहनने के लिए , लाजो वही ऊपर काम कर रही थी उसे बुलाया और कहा,”लाजो इनको प्रेस कर दो ज़रा”
“ठीक है भैया कर देंगे”,लाजो ने कहा और वापस अपने काम में लग गयी। गुड्डू घूमते घामते फिर नीचे चला आया मिश्रा जी ने देखा तो उसे अपने पास बुलाया और कहा,”अरे यार तुम्हारे ससुराल वाले आ रहे है चेहरे को थोड़ा चमकाओ यार ,, इह घास फुस (दाढ़ी) हटाओ चेहरे से , जेंटलमेन बनो ,,, जाओ”
गुड्डू वापस ऊपर चला आया और बड़बड़ाते हुए अपने कमरे की और आया,”पिताजी का बस चले तो आज ही शादी करा के उसे घर ले आये”
कमरे में आकर गुड्डू ने ट्रिमर उठाया और अपनी दाढ़ी उड़ा दी , चेहरा एकदम चिकना लग रहा था हल्की हल्की मुछे थी जिन्हे गुड्डू ने रहने दिया। रंग उसका पहले से साफ था इसलिए उसने कुछ नहीं लगाया। गुड्डू फिर नीचे आया तो मिश्रा जी ने उसे शोरूम के पास वाले रेस्टोरेंट में भेजा और वहा एक फॅमिली टेबल बुक करवाकर आने को कहा। गुड्डू बाइक लेकर निकल पड़ा , टेबल बुक करवाया और घर चला आया। ये सब करते करते 11 बज चुके थे। गुड्डू घर आया तो मिश्रा जी ने उसे तैयार होकर आने को कहा। गुड्डू बेमन से ऊपर चला आया , भागदौड़ की वजह से गुड्डू दोबारा नहाने गया वापस आया कपडे पहने और बालो को सुखाते हुए शीशे के सामने आया। डार्क शर्ट में वह बहुत अच्छा लग रहा था , उसने बालो में जेल लगाया बाल सेट किये , चेहरा चिकना था इसलिए थोड़ा सा क्रीम लगाया। हाथ में रुद्राक्ष वाला ब्रासलेट था ही , जूते पहने , परफ्यूम लगाया और शीशे में देखकर खुद को किस देते हुए कहा,”बाबू कतई जहर लग रहे हो”
अभी गुड्डू ठीक से खुद को निहार भी नहीं पाया था की मिश्रा जी ने आवाज लगा दी,”गुड्डू”
“आये पिताजी”,कहकर गुड्डू नीचे भागा
गुड्डू नीचे आया उसने देखा मिश्रा जी ने सफेद कुरता पजामा और उस पर हाफ बाजु की कोटी पहन रखी है। मिश्राइन ने बनारसी साड़ी गहनों के साथ और वेदी ने जींस कुर्ती। उन्हें देखकर गुड्डू ने कहा,”दादी नहीं जा रही ?” (गुड्डू मिश्रा जी के सामने कभी उन्हें बूढ़ा नहीं कहता था)
“नहीं वो नहीं जा पाएंगी उनका ख्याल रखने के लिए लाजो है घर में”,मिश्रा जी ने कहा
“चलिए चलते है वे लोग पहुँच चुके है”,मिश्राइन ने कहा तो सभी बाहर आ। मिश्रा जी ने सबको गाड़ी में बैठने को कहा और वहा से निकल गए। गुड्डू के दिमाग में ख्याल उलझ रहे थे , घुटन होने लगी तो उसने खिड़की खोल दी ,, गाड़ी रेस्टोरेंट के नजदीक पहुँचने ही वाली की गुड्डू ने कहा,”हमहू हमारा फोन घर भूल आये है”
“इह बात अब याद आ रही है तुमको , तुमहू कोई काम सही से काहे नहीं करते”,मिश्रा जी ने फटकार लगायी
“हमहू ले आते है”,गुड्डू ने कहा
“कोई जरूरत नहीं है , सीधा चलो हमारे साथ”,मिश्रा जी ने कहा
“पिताजी जरुरी फोन आ सकता है , और फिर रिज्लट की खबर भी फोन पर ही तो मिलेगी ना”,गुड्डू सफ़ेद झूठ बोल गया
“ले आने दीजिये ना जरुरी होगा”,मिश्राइन ने कहा
“ठीक है जाओ और जल्दी आना , हम सब उनसे जाकर मिलते है”,मिश्रा जी ने कहा तो गुड्डू जल्दी से उतरा और वहा से रिक्शा लेकर वहा से निकल गया। गुड्डू की ख़ुशी देखकर मिश्रा जी को कुछ शक हुआ ,, गाड़ी रेस्टोरेंट के सामने पहुंची सभी अंदर आये। शगुन की नजरे तो बस दरवाजे पर ही थी , दिल की धड़कने भी बढ़ी हुयी थी। पहले मिश्रा जी अंदर आये फिर मिश्राइन फिर वेदी ,, पर ये क्या जिसका इंतजार हमारी शगुन को था वो तो आया ही नहीं था। शगुन ने प्रीति की और देखा तो प्रीति ने धीरे से कहा,”हो सकता है जीजू तुम्हे सरपराइज देने के मूड में हो”
मिश्रा जी आये तो विनोद जी ने गले लगाकर उनका स्वागत किया। मिश्राइन भी चाची से मिली शगुन ने अपने होने वाले सास ससुर के पैर चुने चाहे तो मिश्रा जी ने कहा,”नहीं नहीं बिटिया पैर मत छूओ , तुम हमारी बहू कम बेटी ज्यादा हो तुम्हारे पापा से वादा किये है ,, गुप्ता जी है कहा नजर नहीं आ रहे ?”
“भाईसाहब की तबियत ज़रा सी नरम थी इसलिय वे घर पर ही रुक गए”,विनोद ने कहा
“अच्छा कोई बात नहीं आप लोग आ गए आप लोग भी हमारे समधी ही है , आईये बैठिये”,मिश्रा जी ने कहा और प्रीति को देखकर कहा,”कैसी हो बिटिया ? सफ़र में किसी तरह की परेशानी तो नहीं हुई ?”
“नहीं अंकल जी”,प्रीति ने मुस्कुरा कर कहा सभी आकर बैठ गए। गुड्डू को वहा ना देखकर शगुन का मन उदास हो गया। चाची ने देखा तो मिश्राइन से कहा,”दामाद जी नहीं आये ?”
“गुड्डू किसी काम से गया है अभी आ जाएगा”,मिश्रा जी ने कहा। चाय नाश्ता आया सभी बाते करते हुए नाश्ता करने लगे। वेदी शगुन के साथ बैठी उस से बातें कर रही थी , शगुन उसकी बातो का जवाब दे रही थी लेकिन उसकी नजर बार बार गेट की और चली जाती जहा से लोग आ जा रहे थे लेकिन उनमे गुड्डू नहीं था। मिश्रा जी की नजर शगुन पर पड़ी तो वे समझ गए। वे उठकर साइड में आये और विनोद जी के फोन से गुड्डू को फोन किया। पहली रिंग में ही गुड्डू ने फोन उठा लिया और कहा,”हेलो”
“कहा हो गुड्डू ?”,मिश्रा जी ने कहा
गुड्डू इतना पागल की अपना बनाया प्लान ही भूल गया और कहा,”ऑटो से घर जा रहे है”
मिश्रा जी समझ गए की गुड्डू ने फोन के लिए झूठ कहा जबकि फोन उसके पास ही था ,मिश्रा जी ने आगे कहा,”बेटा हम तुम्हाये बाप बोल रहे है”
गुड्डू के हाथ से फोन गिरते गिरते बचा और उसने फोन सम्हाल कर कहा,”जी जी पिताजी”
“10 मिनिट में यहाँ पहुंचो वरना 11वे मिनिट में हम पहुंच जायेंगे ,, का समझे ?”,मिश्रा जी ने सख्ती से कहा
“जी जी पिताजी आ रहे है”,कहकर गुड्डू ने फोन काट दिया और ऑटो वाले से रेस्टोरेंट चलने को कहा। मिश्रा जी वापस आये और विनोद जी को फोन देकर कहा,”वो एक जरुरी फोन करना था इसलिए”
“अरे कोई बात नहीं , कई बार नेटवर्क नहीं रहता है फोन में”,विनोद ने मुस्कुराकर कहा
कुछ देर इधर उधर की बाते हुयी साढ़े नो मिनिट में ही गुड्डू जी रेस्टोरेंट में थे। मिश्रा जी ने देखा और बड़ो के पैर छूने का इशारा किया। गुड्डू ने विनोद और उषा के पैर छुए और खाली पड़ी कुर्सी पर बैठ गया। शगुन ने देखा तो बस देखती ही रह गयी , गुड्डू सगाई वाले दिन से भी ज्यादा आकर्षक लग रहा था ,, शगुन को देखता पाकर प्रीति ने उसे कोहनी मारी और मुस्कुरा दी तो शगुन दूसरी और देखने लगी।
“कैसे है अर्पित जी ?”,विनोद ने पूछा
“जी बस बढ़िया”,गुड्डू ने कहा जबकि अंदर ही अंदर मिश्रा जी के डर से वह काँप रहा था।
गुड्डू ने एक नजर शगुन को देखा उसने भी सफेद कुर्ती और डार्क ग्रीन दुपट्टा लगा रखा था। शगुन ने जैसे ही गुड्डू को देखा दोनों की नज़रे मिली और गुड्डू का दिल धड़क उठा। प्रीति ने गुड्डू को देखा तो कहा,”जीजू खाली हाथ चले आये , हमारे लिए ही कुछ ले आते”
“अरे सारा रेस्टोरेंट अपना ही है जो चाहे ले लो”,गुड्डू ने थोड़ा फॉर्मल होते हुए कहा
“थैंक्यु जीजू”,प्रीति ने खुश होकर कहा और वेदी को साथ लेकर चली गयी दोनों ने वहा से कुछ चॉकलेट्स लिए। विनोद जी ने मिश्रा जी से चलने को कहा सभी उठे और जाने लगे तो गुड्डू शगुन भी उठ खड़े हुए उन्हें देखकर मिश्रा जी ने कहा,”अरे तुम दोनों बैठो बाते करो , नाश्ता करो ,, हम लोग चलते है शोरूम बाद में सीधा वही आ जाना”
“जी ठीक है”,गुड्डू ने कहा। बाकि सब चले गए शगुन और गुड्डू ही एक दूसरे के आमने सामने बैठे थे। दोनों खामोश बस कभी कभी एक दूसरे लेते और जैसे ही नजर मिलती दोनों के दिल धड़क उठते !!
क्रमश – Manmarjiyan – 27
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संजना किरोड़ीवाल
मैम अब गुड्डू शगुन आमने सामने हैं….कुछ उल्टा सीधा गुड्डू ना बोल दें…मैम शगुन पर तो गुड्डू का इम्प्रेशन चल गया हैं…कुछ ऐसा हो कि गुड्डू पर भी शगुन का जादू चल जायें😊 shandaar part👌👌👌👌👌
Bhut hi khoobsurat part tha
Hayeee bss ye gudduu ab kuch ulta sidha na bol dee… 🙏🙏🙏
Shandaar part
Nice 🥰👌👌
Very beautiful
Ab kya karonge Guddu babu…fas gaye…
Sab kitna achcha chal raha h kahi vaha pinkiya na a jaye rayta felane😏. Or guddu usko dekhte hi phir se buddhu na ban jaye.😉
Mujhe lg rha guddu yha shadi se mna krega but shagun nhi kr payegi papa ki they ki wjh se kuch bda hone wala hai aesa lg rha excited ☺️
Superb 👌👌👌👌👌❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
Dil dhadka h guddu ka .. tb to pakka ab ye pyar ki shuruaat h.. ❤️
Yaar ye guddu aise kyu behave karta hai.jaise ki shagun use kha jayegi.le sweet love story se jyada khatti mithi love story dekhneme maja ayega.agar giddu adiyal hai to shagun ko bhi use koi bhav na dena chahiye.😑
So romantic
Nice part