मनमर्जियाँ – 16
Manmarjiyan – 16
“मनमर्जियाँ”
By Sanjana Kirodiwal
Manmarjiyan – 16
मिश्रा जी ने गुड्डू के लिए शगुन को पसंद कर लिया था। गुड्डू पिंकिया के प्यार में था और उधर बनारस में शगुन के लिए बम्बई से आया रिश्ता भी उसने ठुकरा दिया। गुड्डू और शगुन एक दूसरे के लिए बने थे ये महादेव ही तय करेंगे। शाम को गुड्डू जब बाहर से घर आया तो मिश्रा जी ने उसे अपने पास बुलाया
और लिफाफा उसकी और बढाकर कहा,”गुड्डू ये देखो”
“इह का है ?”,गुड्डू ने सवाल किया
“तुम्हारा रिश्ता तय करने वाले है इसके साथ देखो और बताओ कैसी है ?”,मिश्रा जी ने चाय का कप उठाते हुए कहा
“हमे कोई शादी वादी नहीं करनी है , बता रहे है”,गुड्डू ने कहा
“बिना सादी के जो भौकाल मचा रखे हो सबकी जिंदगी में तुम्हायी जिंदगी में भी तो कोनो होनी चाहिए न ,,,!”,मिश्रा जी ने कहा
“अच्छा तो फिर पिंकिया में का कमी है ? उह भी तो बहुते सही लड़की है हमाये लिए”,गुड्डू ने खीजते हुए कहा
“बेटा मोहल्ले की लड़की न बहन समान होती है अब चाहे उह पंडित की बेटी हो चाहे बनिये की का समझे , जो लड़की हमहू चुने है उह देखो”,मिश्रा जी ने कहा तो गुड्डू वहा से चला गया कमरे में आकर लिफाफे को बिस्तर पर फेंका और कहा,”का समझते है पिताजी की उह किसी भी लड़की को हमाये लिए चुनेंगे और हमहू शादी कर लेंगे। अबे फीलिंग्स नाम की भी कोनो चीज होती है साला , पर नहीं हमायी फीलिंग्स से किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता। जैसे बचपन , पढाई , सपने तय किये वैसे ही अब हमारा ब्याह भी तय कर दिया उह भी बिना हमे बताये ,,उस पर पिंकिया कुछो सुनने को तैयार नहीं है।”
खुद से झूंझते हुए गुड्डू की नजर बिस्तर पर फेंके लिफाफे पर गयी गुड्डू ने उसे उठाया और तस्वीर निकालकर देखी , एक पल को गुड्डू भी उस तस्वीर को देखता ही रह गया , कितनी मासूमियत टपक रही थी उस चेहरे से लेकिन अगले ही पल पिंकी का ख्याल आते ही गुड्डू ने कहा,”तुम काहे आयी हो हमायी जिंदगी में और साला जिंदगी छोडो काहे आयी हो हमाये पिताजी की नजर में , उनको एक्को बार कोई पसंद आ गया ना तो फिर वो किसी की नहीं सुनते है। हाथ जोड़ के बिनती है तुमसे हमसे मिलो तब ना कर देना , प्लीज 20 के गोलगप्पे खिला देंगे तुमको”
गुड्डू तस्वीर से बाते कर ही रहा था की गोलू वहा चला आया और कहा,”अरे गुड्डू भैया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
जैसे ही गोलू की नजर गुड्डू के हाथ में पकड़ी तस्वीर पर गयी , आगे के शब्द उसके गले में ही रह गए और उसने गुड्डू के हाथ से तस्वीर लेकर कहा,”अरे ददा , इह बवाल कौन है ?”
“बवाल ना कहो मुसीबत कहो , पिताजी ने ढूंढी है हमाये लिए”,गुड्डू ने खीजते हुए कहा
“सच्ची ? खाओ मेरी कसम , अरे भैया ऐसी लड़की तो पुरे बनारस में नहीं देखे है हम बताय रहे है ,, क्या आँखे है गहरा समंदर कहो”,गोलू ने शगुन की तारीफ में कहा।
“हां तो डूबकर मर जाओ ना , साला हमायी यहाँ बेंड बजी पड़ी है तुमको बकचोदी सूझ रही है , बताय रहे है गोलू पेल देंगे तुमको”,गुड्डू गुस्सा हो गया
“अरे भैया बजने दो बैंड , तुम्हायी शादी में नागिन डांस करना हमारा सपना है यार”,गोलू ने कहा
“साला दोस्त नहीं हो तुम दुश्मन हो हमारे , जानते हो पिंकिया को चाहते है फिर भी हमायी शादी की बात सुनकर खुश हो रहे हो”,गुड्डू ने कहा
“अबे पिंकिया है एक नंबर की चुड़ैल , उसको कोई प्यार व्यार नहीं है तुमसे बताय रहे है , उसको चाहिए पैसा जो की तुम्हाये पिताजी के पास भर भर के रखा हुआ है ,, तुमसे सादी करके इह सबकी मालकिन बन जाएगी उह और एक दिन ऐसी लात मारेगी तुम्हाये पिछवाड़े में की फटकर फ्लावर हो जाएगी तुम्हायी पर तुमको समझाने से अच्छा है जाकर किसी दिवार से सर फोड़ ले हमारा”,गोलू ने मन ही मन चिल्लाते हुए कहा क्योकि ये सब सामने बोलने जितनी हिम्मत गोलू में नहीं थी।
“का सोच रहे हो ?”,गुड्डू ने पूछा
“अरे कुछो नहीं भैया , सोच रहे शेरवानी कोनसे रंग की सिलाए”,गोलू ने कहा तो गुड्डू ने उसके हाथ से शगुन का फोटो लिया और फाड़ते हुए कहा,”ना होगी सादी और ना सिलेगी शेरवानी , समझे ?”
बेचारे गोलू के सपने को गुड्डू ने तस्वीर के साथ फाड् दिया !!
बनारस , उत्तर-प्रदेश
रात के खाने के बाद गुप्ता जी शगुन के कमरे में आये , शगुन अपनी कुछ पुरानी किताबो को साफ करके जमा रही थी। गुप्ता जी को वहा देखकर उसने बिस्तर पर रखे कपड़ो को उठाते हुए कहा,”अरे पापा , बैठिये ना”
गुप्ता जी आकर बिस्तर के कोने पर बैठ गए , वह बड़े गौर से शगुन के कमरे को देख रहे थे। एक एक चीज अपनी जगह करीने से रखी हुई थी। शगुन आयी और उनके सामने पड़ी कुर्सी पर बैठते हुए कहा,”वो आपने जो बुक्स दी थी ना उनके नोटस बना दिए है मैंने”
“मैं यहाँ तुमसे नोट्स के बारे में पूछने नहीं आया हूँ बेटा , तुमसे कुछ पूछना था”,गुप्ता जी ने कहा
“पूछिए ना पापा”,शगुन ने प्यार से पूछा
“शादी क्यों नहीं करना चाहती तुम ? देखो शगुन बचपन में ही तुम्हारी माँ हम सबको छोड़कर चली गयी जाने से पहले उसने मुझसे एक वादा लिया था की मैं अपनी दोनों बच्चियों की परवरिश अच्छे से करू और उनकी शादी धूमधाम से करू। आज विनोद ने जो रिश्ता बताया उसके लिए तुमने मना कर दिया , तुम्हे अगर कोई पसंद है तो तुम खुलकर मुझसे कह सकती हो”
अपने पापा की बात सुनकर शगुन ने उनके हाथ को अपने दोनों हाथो में लिया और कहने लगी,”नहीं पापा , ऐसी कोई बात नहीं है अगर कोई हमे पसंद भी होगा तो हम सबसे पहले आपको ही बताएँगे। विनोद चाचा ने जो रिश्ता बताया वो बहुत दूर है , मैं आपको छोड़कर इतनी दूर जाना नहीं चाहती बस इसलिए”
“पापा को छोड़कर है जाना या ये बनारस छोड़कर नहीं जाना”,प्रीति ने कमरे में घुसते हुए कहा
“पापा को बनारस तो बस बहाना है”,शगुन ने मुस्कुराते हुए कहा तो प्रीति आकर आपने पापा के गले में अपनी बांहे डाली और पीठ पर झूलते हुए कहा,”तुम चाहो तो मुंबई जा सकती हो पापा का ख्याल मैं रख लुंगी है ना पापा”
“हां ! ताकि सुबह की चाय शाम में और दोपहर का खाना रात में मिले”,गुप्ता जी ने कहा तो शगुन हसने लगी। उसे हँसता देखकर गुप्ता जी भी मुस्कुरा उठे और कहा,”तुम सच कह रही हो ना शगुन , और कोई बात तो नहीं है ना तुम्हारे मन में”
“नहीं पापा , बस दूर नहीं जाना अगर पास का रिश्ता होगा तो हमे कोई ऐतराज नहीं”,शगुन ने कहा
“हम्म्म्म !”,गुप्ता जी ने कहा और वहा से चले गए , उनके जाते ही प्रीति शगुन के पास आयी और कहा,”दी दी दी सच्ची में आपको कोई पसंद नहीं है ?”
“नहीं !”,शगुन ने कहा और कपडे समेटने लगी। प्रीति ने उसके हाथ से कपडे लेकर निचे रखते हुए कहा,”अच्छा तो फिर हर शाम ये रोमांटिक गाने किसके सुने जाते है ?”
“मुझे पसंद है सुनना इसलिए”,शगुन ने कहा
“रहने दो दी , रोमांटिक गाने वो भी इस उम्र में लड़किया तभी सुनती है जब उनके दिल के दरवाजे पर किसी की दस्तक हो चुकी होती है”,प्रीति ने कहा तो शगुन ने उसे घुरा और सर पर चपत लगाते हुए कहा,”ये रोमांटिक फिल्मे ना थोड़ी कम देखा कर”
“अरे दी सच में आप मेरी बहन हो ? मतलब अभी तक आप सिंगल हो , कमाल है”,प्रीति ने कहा तो शगुन ने उसका कान पकड़ा और कहा,”क्यों तेरा कोई बॉयफ्रेंड है ?”
“अरे नहीं नहीं दी , मैं तो अभी बच्ची हूँ ना ,, कान छोड़िये दर्द कर रहा है। मैं तो मजाक कर रही थी”,प्रीति ने कहा तो शगुन ने उसका कान छोड़ दिया और कहने लगी,”देखो प्रीती पापा ने आज तक हमे कभी किसी चीज के लिए नहीं रोका , हमारे सपने , हमारी इच्छाएं सब पूरी की ,, मेरा फर्ज बनता है की मैं कुछ ऐसा ना करू जिस से पापा सर झुके ,, पापा जहा चाहेंगे मैं वही शादी करुँगी प्यार का क्या है वो तो शादी के बाद भी हो सकता है”
“सो स्वीट ! लेकिन मैं तो अपनी पसंद से शादी करुँगी और आप प्रॉमिस करो की उसके लिए आप पापा को मनाओगी”,प्रीति ने अपना हाथ शगुन के सामने कर दिया तो शगुन ने भी प्रीती के हाथ पर अपना हाथ रखकर कहा,”प्रॉमिस , अब जाकर सो जाओ , मैं बुक्स चेक कर लेती हूँ कल लायब्रेरी में लौटानी है”
“गुड़ नाईट दी”,कहकर प्रीति जाकर बिस्तर पर लेट गयी। प्रीति 20 साल की दुबली पतली अपना फिगर मेन्टेन करने वाली बहुत ही चुलबुली सी लड़की है , अभी कॉलेज के फर्स्ट ईयर में है और साथ में फैशन डिजायनिंग का कोर्स भी कर रही थी। शगुन से प्रीति को बहुत प्यार है वह अपनी छोटी से छोटी बात भी शगुन के साथ शेयर किया करती है। कहने को दोनों बहने है लेकिन स्वाभाव में दोनों अलग , प्रीति जितनी चंचल है शगुन उतनी ही शांत स्वाभाव और किताबो में बिजी रहने वाली लड़की है। प्रीती जल्दबाजी में फैसला करती है और गड़बड़ कर देती है वही शगुन सोच समझकर फैसला करने वालो में से है। किताबे रखकर शगुन बिस्तर पर आयी देखा प्रीति सो चुकी है तो उसने बड़ी लाइट बंद की और छोटी लाइट जला दी। प्रीति को कम्बल ओढ़ाई और उस के सर पर किस करके खुद भी उसकी बगल में लेट गयी। कुछ देर बाद शगुन को भी नींद आ गयी। प्रीती की जिंदगी में शगुन ही थी जो एक माँ की तरह उसका ख्याल रखती थी। शगुन आराम से चैन की नींद सो रही थी और वहा गुड्डू की नींदे उड़ चुकी थी।
कानपूर , उत्तर-प्रदेश
छत पर बैठा गुड्डू शगुन के बारे में ही सोच रहा था। सोच क्या रहा था बल्कि कोस रहा था की आखिर क्यों वो उसके और पिंकी के प्यार के बीच आ रही है ? गुड्डू ने पिंकी को फोन लगाया लेकिन पिंकी ने नहीं उठाया , गोलू को फोन किया तो वो भी सो रहा था , गुड्डू अब खीजने लगा था ना वह मिश्रा जी से खुलकर कुछ कह सकता था ना ही ये शादी कर सकता था। असल बात जानकर मिश्राइन भी मिश्रा जी की तरफ हो गयी और वेदी को तो पिंकी पहले भी कुछ खास पसंद नहीं थी। उसे कोई फर्क नहीं पड़ता था गुड्डू की शादी चाहे कही भी हो। गुड्डू बैठे बैठे खीजता रहा और फिर नीचे चला आया , कोई नहीं था जिस से गुड्डू अपने जज्बात कह सके ,, आखिर में उसने सुबह पिंकी से मिलने का फैसला किया और सुबह पूल के पास मिलने का मेसेज करके सो गया।
सुबह ठण्ड थी गुड्डू ने जैकेट पहना और बाइक लेकर निकल गया , मिश्रा जी ने नहीं देखा वरना तो टोक देते। गुड्डू अपनी बताई जगह पहुंचा और पिंकी का इंतजार करने लगा। कुछ देर बाद पिंकी स्कूटी लिए चली आ रही थी उसने मुंह स्कार्फ से ढक रखा था। वह गुड्डू के पास आयी और कहा,”क्या हुआ गुड्डू इतनी सुबह सुबह क्यों बुलाया है ?”
“बुलाये नहीं तो और का करे ? फोन तुमहू उठाती नहीं हो , मेसेज का भी जवाब नहीं देना तुमको तो और का करते ?”,गुड्डू ने कहा
“अच्छा गुस्सा छोडो ये बताओ क्या हुआ ?”,पिंकी ने पूछा
“पिताजी शादी करने जा रहे है हमायी , लड़की देखी है हमाये लिए ,, हम बोल रहे है पिंकिया हमहू कोई शादी वादी नहीं करेंगे”,गुड्डू ने कहा !
“तो मत करो सुबह सुबह मुझे यहाँ क्यों बुलाया है ?’,पिंकी ने चिढ़ते हुए कहा
“मतलब तुमको कोई फर्क नहीं पड़ता ?”,गुड्डू ने पूछा
“गुड्डू ! अब अगर तुम्हारे घरवाले ही नहीं मान रहे हमारी शादी को तो मैं क्या सकती हूँ ?”,पिंकी ने टका सा जवाब दे दिया तो गुड्डू सोच में पड़ गया सही तो कह रही थी पिंकी , जब घरवाले ही नहीं मान रहे तो वो क्या करे ? गुड्डू पिंकी के पास आया और कहने लगा,”देख पिंकिया हमहू बहुते परेशान है , कुछो समझ नहीं आ रहा है का करे ? पिताजी रिश्ता देख रहे है हमाये लिए यार”
पिंकी ने गुड्डू के हाथो को अपने हाथो में लिया और कहने लगी,”शादी कर लो गुड्डू”
“दिमाग खराब हो गवा है तुम्हरा , कैसी बाते कर रही हो पिंकिया ?”,गुड्डू ने पिंकी के हाथो को झटककर कहा तो पिंकी ने उसके चेहरे को अपने हाथो में लेकर कहा,”गुड्डू गुस्सा मत हो , शादी कर लो उसके बाद हमारे पास बहुत अच्छा प्लान है ! एक बार तुम्हारी शादी हो जाये उसके बाद हम दोनों को एक होने से कोई नहीं रोक सकता !”
गुड्डू ने सूना तो पिंकी को गले लगा लिया और कहा,”हम कुछ नहीं जानते पिंकिया हमे बस तुम्हारी जरूरत है”
क्रमश – manmarjiyan-17
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संजना किरोड़ीवाल
Ye to sasuri lmba fsane k chakkar me hh or ye hero hmara kesa bel budhi hh ree… Lut pit Jayega ese to😂😂😂
Areeeyyy guddu bhaiya kahe apne L lgwane p tule huye ho…
Oifff…… Kaun sa bawal karegi pinkiya shaddi ke baad……..
Asa mn kr rha h guddu k kaan k neeche do lga du usko samajh nhi aa rha pinki usko bewakoof bna rhi h
बेड़ागर्क…गुड्डू और पिंकी दोनों का…एक नंबर का ये गधा गुड्डू, उसको समझ अब भी नही आ रहा है कि पिंकी उसका इस्तेमाल कर रही है…अगर सच में प्यार होता तो वो गुड्डू को कभी भी ये सलाह ना देती…अब तो बस बज जाए गुड्डू की अच्छे वाली बैंड
Abe Yr Chal Kya Raha H iske dimag Me Had Hoti Bewakufi Ki Guddu Ko Bhi Smajh Nhi Aa Rha H mtlb Pgl Hi Ho gya h idoit wo jaisa bolegi y waisa krega bechari sagun kya hoga. kisi k kuchh ho n ho lekin golu bhai k to hone wala h preeti best h
Ha….pinki madam sochlo Jo sochna he. I now ki shadi me badd guddu ko shagun se pyar ho jayega .
Very beautiful
aesa kya secret hai pinki ka jo sirf mishra ji ko pta hai or hme nhi hme bhi btaye sanjana ji
Mam aapki khaniyo me Bnaras or Lakhnow ka bhut zikar hota h.. kuj khas vajah?? Pratilipi pe aapki khaniya padhi vha bhi bnaras or Lakhnow ka zikar hota h..padhar lgta h jse aapko bhut lagaw h in jgaho se..itna aacha discribe kiya h ranjhana me bnaras ko ki ab to mera bhi man kr rha h bnaras ghumne ka☺️☺️☺️
Are yaar hum yaha ye love track khatam hone ki raah dekh rahe hai aur yaha ye pati patni aur vo vala track lekar aa gai aap sanjana ji..pinki puran khatam kijiye ab ye affair vali love story achhi nahi lagti
Superbbbbbb mam notification problem ka kuchh kijiye
Bahut hi bekar ladki h yar pinki or y guddu ek no ka gadha.