Main Teri Heer Season 5 – 84

Main Teri Heer Season 5 – 84

Main Teri Heer - Season 5
Main Teri Heer – Season 5 by Sanjana Kirodiwal

दिनभर शिवम् और मुरारी के घर में मेहँदी का फंक्शन चल रहा था। इधर काशी गौरी को मेहँदी लग चुकी थी और उधर मुन्ना शक्ति भी मेहँदी लगवा चुके थे। इंदौर से शक्ति के कुछ दोस्त और टीम मेंबर आये थे शक्ति उनके साथ था। मुन्ना भी अपने दोस्तों और बाकि सब लोगो के साथ बिजी था। सुबह का घर आया वंश शाम तक अपने कमरे में सो रहा था। दोपहर में सारिका ने मुश्किल से उसे उठाकर थोड़ा सा खाना खिलाया और दवा के असर से वंश फिर सो गया।

शाम में वंश उठा और बाहर जाने लगा लेकिन आई के साथ साथ सारे घरवालों ने उसे एक साथ टोक दिया बेचारा वंश मुंह लटकाकर वापस ऊपर चला गया। आज घर में मेहँदी के अलावा कोई फंक्शन था नहीं और घर की सभी लड़किया औरते मेहँदी में बिजी थी वंश से बात करने के लिए कोई था नहीं तो वह ऊपर छत पर चला आया। खुले आसमान के नीचे आकर वंश को काफी अच्छा लग रहा था।

वह रेलिंग के पास खड़े होकर घर की साज सजावट देख रहा था। उसने सोचा था काशी की शादी में खूब काम करेगा लेकिन कल रात अचानक हुए एक्सीडेंट से वह इस हालत में नहीं था।
सुमित नीचे था उसे वंश कही नजर नहीं आया तो वह ऊपर चला आया। वंश को छत पर देखकर सुमित उसके पास आया और कहा,”हे वंश ! तुम यहाँ अकेले क्या कर रहे हो ? नीचे चलो मेहँदी का फंक्शन है सब कितना एन्जॉय कर रहे है”


“मुझे कौनसा मेहँदी लगवानी है और आप लड़कियों के फंक्शन में क्या कर रहे है बड़े भैया ? कही आप भी तो मेहँदी लगवाने का नहीं सोच रहे , अह्ह्ह हम्म्म्म सब समझ रहा हूँ मैं प्रिया के साथ जो लवी डवी चल रहा है आपका,,,,,,सही जा रहे हो”,वंश ने सुमित को छेड़ते हुए कहा
सुमित ने वंश के सर पर धीरे से एक चपत लगायी और कहा,”बड़े भैया भी कहते हो और ऐसी बाते भी करते हो , अपने बड़े भाई से भला कोई ऐसी बाते करता है क्या ?”


“अरे बड़े भैया , अपने बीच भाई वाला नहीं दोस्त वाला बांड है और बड़े भैया तो मैं आपको इसलिए बोल देता हूँ क्योकि आप उम्र में मुझसे बड़े है,,,,,,अच्छा ये सब छोड़िये ये बताईये प्रिया पसंद आयी आपको ?”,वंश ने पूछा
“अह्ह्ह अच्छी लड़की है , आई थिंक मुझे उसे थोड़ा और जानना चाहिए”,सुमित ने कहा
” मतलब आपका मामला सेट है , अब उस मायरा का पत्ता हमेशा के लिए कट,,,,,,,,,,!!”,वंश ने खुश होकर कहा
“मेरा छोडो ये बताओ तुम निशि को अपने दिल की बात कब कहने वाले हो ?”,सुमित ने कहा


“बड़े भैया ! जिस तरह से निशि आज सुबह से मेरे नखरे उठा रही है , मेरी केयर कर रही है , मुझ पर अपना प्यार लुटा रही है , मैं सोच रहा हूँ क्यों ना इस मोमेंट को थोड़ा और जिया जाये क्योकि इसके आई लव यू बोलने के बाद तो मुझे ही उसके नखरे उठाने पड़ेगे”,वंश ने कहा
“अह्ह्ह तुम्हे नहीं लगता तुम कुछ ज्यादा ही अजीब हो ?”,सुमित ने हताश होकर कहा
“हाँ हूँ तो,,,,,,,,,मैं अजीब नहीं हूँ मैं बस आप सब से थोड़ा अलग हूँ , लोग या तो इमोशनल होते है या प्रेक्टिकल , या तो स्मार्ट होते है या सेंसिबल लेकिन मैं ये सब साथ लेकर चलता हूँ”,वंश ने कहा


“और तुम्हारी ये बातें तुम से भी ज्यादा अजीब है,,,,,,,,!!”,सुमित ने कहा तभी उसका फोन बजा , सुमित ने देखा प्रिया उसे फोन कर रही थी शायद नीचे उसे ढूंढ रही हो। स्क्रीन पर प्रिया का नंबर देखकर वंश ने उसे छेड़ते हुए कहा,”क्या बात है बड़े भैया नंबर भी एक्सचेंज हो गए मैं तो कहता हूँ लगे हाथ कुंडली भी मिलवा ही लीजिये दोनों की”


“ओह्ह्ह शट अप , मैं नीचे जा रहा हूँ और तुम ज्यादा देर यहाँ मत रहो यहाँ बहुत ठण्ड है नीचे चलकर कुछ पहन लो वरना बीमार पड़ जाओगे”,सुमित ने जाते हुए कहा
“आई लव यू,,,,,,,,,!!”,सुमित को अपनी परवाह करते देखकर वंश ने कहा
“ये जाकर निशि से कहो मैं अपना आई लव यू टू तुम पर बर्बाद नहीं करने वाला”,सुमित ने कहा तो वंश हसने लगा
सुमित के जाते ही नवीन ऊपर चला आया उसके हाथ में दो कॉफी मग थे उसे देखकर वंश घूम गया और

बड़बड़ाया,”अह्ह्ह्ह अब ये हिटलर यहाँ क्यों आया है ? कही सुमन वाली बात को लेकर निशि और मेरा रिश्ता केंसल करने तो नहीं आ रहा , अगर ऐसा हुआ तो भाड़ में गयी सेल्फ रिस्पेक्ट और भाड़ में गया ईगो मैं तो इनके पैर पकड़ लूंगा और कहूंगा कि प्लीज निशि को मुझसे मत छीनिये , सुमन वाले मेटर में मेरा कोई हाथ नहीं है वो सब बाबा की वजह से हुआ था”

“ये अकेले में खुद से बात करने की नयी बीमारी लगी है तुम्हे ?”,नवीन ने वंश के सामने आकर कहा
“अह्ह्ह नहीं नहीं तो,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने चौंककर कहा
“हम्म्म कॉफी”,नवीन ने हाथ में पकड़ा मग वंश की तरफ बढ़ा दिया
वंश को और ज्यादा हैरानी हुई लेकिन उसने कॉफी ले ली और कहा,”थैंक्यू”


नवीन ने देखा छत पर ठंडी हवाएं चल रही है और वंश ने बस एक पतली सी टीशर्ट और लोअर पहना है तो उसने अपना कोट निकाला और वंश की तरफ बढाकर कहा,”तुम यहाँ ठण्ड में ऐसी ही चले आये , लो पहनो इसे”
“अरे नहीं अंकल मैं ठीक हूँ , आप पहन लो आपको ठण्ड लग जाएगी”,वंश ने कहा नवीन का बदला हुआ रूप देखकर उसे तो चक्कर ही आ रहे थे।
“मैंने अंदर वार्म इन्नर पहना है लो पकड़ो”,नवीन ने कहा तो वंश को उसका कोट पहनना पड़ा और उसने कहा,”वैसे आज ये आपको मुझ पर इतना प्यार क्यों आ रहा है ? कही इसके बदले में आप मुझसे कुछ,,,,,,,,,!!”


वंश ने कहते हुए खुद को कोट में छुपाने की कोशिश की तो नवीन ने अफ़सोस से कहा,”हाह ! तुम्हारी ये बकवास नौटंकी , मुझे तुम पर कोई प्यार नहीं आ रहा लेकिन मैं अपनी बेटी से बहुत प्यार करता हूँ और वो तुमसे इसलिए मुझे लगा कि मुझे तुम्हारे साथ अपने रिश्ते को थोड़ा नार्मल बनाने की जरूरत है,,,,,,,,!!”


“ओह्ह्ह्ह तो ये बात है मैं तो डर ही गया था कि कही आप निशि से मेरा रिश्ता केंसल करने तो नहीं आये मैं सच कह रहा हूँ ये सुमन का क्या मेटर है मुझे नहीं पता था मुझे खुद यहाँ आकर पता चला बाबा ने शादी किसी सुमन से फिक्स कर दी है मैं निशि और आप लोगो को धोखा नहीं दे रहा था सच में “,वंश ने परेशानी भरे स्वर में कहा


“रिलेक्स वंश , सारिका मैडम ने मुझे पहले ही सब बता दिया , आई नो इन सब में तुम्हारी कोई गलती नहीं है उलटा मुझे तो तुम्हारे लिए बुरा लग रहा था कि  ऐसे में तुम्हे कैसा महसूस हो रहा होगा”,नवीन ने सहजता से कहा

नवीन की बात सुनकर वंश हैरानी से उसे देखने लगा। नवीन कुछ देर खामोश रहा और फिर कहने लगा,”वंश निशि मेरी इकलौती बेटी है और एक बाप होने के नाते मैंने हमेशा चाहा कि निशि को एक अच्छा जीवनसाथी मिले और तुम निशि के लिए अच्छे जीवनसाथी के रूप में सही साबित भी हुए।

मैंने देखा इस घर में हर कोई तुम से प्यार करता है , पर जब अपनी बेटी को पहली बार तुम्हारे लिए रोते देखा तो महसूस हुआ कि सिर्फ इस घर के लोग ही नहीं बल्कि निशि भी तुम से बहुत प्यार करती है और अपनी बेटी की ख़ुशी के लिए मैं तुम्हारी हर बदतमीजी , हर शरारत भूलने को तैयार हूँ,,,,,,,,जब तुम्हारी जगह खुद को रखकर देखा तो समझ आया कि कल तक तुम भी उसी जगह खड़े थे जहा कुछ साल पहले मैं था,,,,,,,!!!”


नवीन की बात सुनकर वंश को अहसास हुआ कि अनजाने में ही सही उसने नवीन को बहुत परेशान किया है इसलिए उसने नवीन की तरफ देखा और कहा,”नवीन अंकल आई ऍम सो सॉरी , मुंबई में मैंने आपको बहुत परेशान किया उसके लिए बट आई प्रॉमिस मैं निशि को हमेशा खुश रखूंगा,,,,,!!
नवीन ने सुना तो मुस्कुराया और कहा,”हाँ मुझे पूरा विश्वास है तुम निशि को खुश रखोगे क्योकि मैं निशि सिर्फ तुम्हे नहीं बल्कि इस पुरे घर को सौंप रहा हूँ ,

जहा इतना प्यार करने वाली माँ सारिका मैडम है , बेटे और बेटी में फर्क ना करने वाले पिता है , अच्छा बुरा सही गलत समझाने वाले बाबा है , रोते को हँसाने वाली आई है और,,,,,,,,,,,,!!”
कहते कहते नवीन रुक गया तो वंश बोल पड़ा,”और ?”
“और निशि को परेशान करने वाले तुम,,,,,,,,,,,तुम रहोगे तो मुझे नहीं लगता वो कभी इस घर में दुखी रहेगी”,नवीन ने कहा


“वो तो मैं करूंगा ही लेकिन आपकी उस छिपकली ने अभी तक मुझे आई लव यू नहीं बोला है”,वंश ने चिढ़कर कहा
“वो तुम्हारा मेटर है,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए नवीन वहा से चला गया
“अरे मेरा मेटर है तो क्या हुआ आप उसे समझा तो सकते है ना ? हेलो , ससुर जी”,नवीन चिल्लाया लेकिन नवीन तब तक वहा से जा चुका था।

अगली सुबह सभी अपने अपने बैग के साथ गेस्ट हॉउस जाने के लिए तैयार थे। वंश के पास सुबह सुबह एक फोन आया जिसमे काफी देर बातचीत हुई और इस
बीच वंश कई बार मुस्कुराया और कई बार हैरान भी हुआ। बात करने के बाद वंश ने फोन रखा और अपना बैग लेकर बाहर आया देखा आधे से ज्यादा मेहमान जा चुके थे।

वंश की नजर शिवम् पर पड़ी तो वह अपना बैग छोड़कर शिवम् के सामने चला आया। वंश को अपने सामने देखकर शिवम् ने कहा,”वंश क्या हुआ तुम गेस्ट हॉउस नहीं चल रहे ?”


वंश ने कुछ नहीं कहा बस मुस्कुराया और शिवम् के गले लगकर कहा,”थैंक्यू पापा ! मुझे माफ़ कर दीजिये मैंने आप पर गुस्सा किया लेकिन फिर भी आपने सुमन से मेरे लिए रिक्वेस्ट की और उसने इस रिश्ते से मना कर दिया , थैंक्यू , थैंक्यू सो मच,,,,,,,,,,,,मैं हमेशा से आपको गले लगाना चाहता था लेकिन कभी हिम्मत ही नहीं कर पाया पर आपने जो मेरे लिए किया उसके बाद ये मेरे लिए और आसान हो गया , आई लव यू , मैं आपसे और माँ से बहुत प्यार करता हूँ,,,,,,,,,!!”

वंश की बातें सुनकर शिवम् की आँखों में नमी तैर गयी लेकिन उसने अपनी आँखों में ठहरे आंसुओ को बहने नहीं दिया और वंश की पीठ सहलाकर कहा,”जाओ गाडी में अपना सामान रख दो”
“हम्म्म,,,,,,,,,!!”,वंश ने शिवम् से दूर हटकर कहा और अपने बैग की तरफ दो कदम चला और पलटकर वापस शिवम् के पास आया और उसे एक बार और गले लगाकर कहा,”थैंक्यू”


इस बार शिवम् अपने आँसू नहीं रोक पाया और वे आँखों से बह गए , वंश उसकी आँखों में आये आंसुओ को देख ना ले सोचकर शिवम पलट गया और वंश ख़ुशी ख़ुशी वहा से चला गया।
सबसे नजरे बचाकर शिवम् अपने आँसू  पोछ ही रहा था कि बाबा की नजर उस पर पड़ी और उन्होंने कहा,”जे का शिवा काशी की बिदाई से पहिले ही तुम्हायी आँखे बहने लगी”


“नहीं बाबा , ये आँसू काशी की बिदाई का सोचकर नहीं है , आज महसूस हुआ एक बेटे के लिए अपने ही पिता को गले लगाना कितना मुश्किल हो जाता है”,शिवम् ने रुंधे गले से कहा
“वंश की बात कर रहे हो ना , देखो शिवा वंश के साथ तुमहू हमेशा से कठोर रहे हो इहलिये ओह्ह की कबो हिम्मत ही नाही हुई तुम्हे गले लगाने की , अगर आज उह्ह तुमको गले लगाया है तो जरूर तुमने बाप बेटे के बीच की उह्ह दिवार को गिरा दिया,,,,,,कभी कभी बाप को बेटे की तरह भी सोचना चाहना चाहिए तबही ना नयी पीढ़ी के साथ कदम बढ़ा पाएंगे , आओ चलो”,बाबा ने प्यार से कहा


“बाबा ! हम एक बार आपके गले लग जाए”,शिवम् ने नम आँखों के साथ कहा    
बाबा ने अपनी बाँहे फैलाई और मुस्कुरा कर कहा,”हमने कबो मना किया , लग जाओ”
शिवम् बाबा के गले आ लगा वही अहसास जो कुछ देर पहले वंश के गले लगने पर महसूस हुआ था शिवम् को महसूस हो रहा था।  
 सभी गेस्ट हॉउस के लिए निकल गए। गेस्ट हॉउस पहुंचकर सभी यहाँ वहा शिफ्ट हो गए। वंश पुरे हॉल में बस आई को ढूंढ रहा था।

ढूंढते ढूंढते वंश बाहर लॉन में चला आया उसने देखा आई मंडप वालो को बता रही थी कि कैसे कैसे माला लगानी है ? लॉन में दो मंडप लगे थे और उनके बीच में परदे की एक दिवार ताकि दोनों जोड़े एक दूसरे की मंडप की रस्मे ना देखे। वंश आई के पास आया और कहा,”अरे आई ! आप यहाँ है मैं आपको पुरे गेस्ट हॉउस में ढूंढ रहा हूँ”
“काहे ? मुन्ना और काशी की शादी के साथ तुम्हरी शादी का मंडप भी लगवाना है का ? कहो तो जे अहसान कर दे तुम्हाये पे”,आई ने फुल वाले को इशारे से माला की सेटिंग बताते हुए वंश से कहा


वंश ने आई के कंधो पर अपनी बांह रखी और उन्हें खुद से चिपकाकर कहा,”अरे मेरी क्यूटी पाई , सुमन से मेरा रिश्ता तुड़वाकर इतना बड़ा अहसान पहले ही कर चुकी हो अब का हार्ट अटैक देने का इरादा है,,,,,,,,,!!”
“हम नहीं तुड़वाते ना बेटा तो अब तक अपने बांये हाथ की तीसरी ऊँगली मा सगाई की अंगूठी पहनकर घूम रहे होते”,आई ने कहा
वंश ने आई को साइड से गले लगाया और अपनी बांहो में भरकर कहा,”अरे इत्ता बड़ा अहसान कर देइ रही हम पर अब आपके जे अहसान का बदला कैसे चुकाए है आई ?”


“निशि से शादी करके,,,,,,,,,!!”,आई ने एकदम से कहा तो वंश चौंक पड़ा क्योकि उसके हिसाब से निशि के बारे में घर में बस कुछ ही लोगो को पता था
वंश को हैरान देखकर आई ने कहा,”हाँ बिटवा ! निशि बहुते अच्छी लड़की है , अरे दुइ दिन मा सब घरवालों के साथ कैसे घुल मिल गयी और ढोलक पे इत्ता अच्छा डांस भी करती है , ओह्ह को हम अपने हाथ से बना अचार खिवाये रहे तो उसको उह्ह भी बहुते पसंद आय रहा और उसने हमसे कहा है कि मुंबई जाकर उह्ह हमरे लिए खिड़की वाला बलाउज भी बनवा कर देगी”


आई की बाते सुनकर वंश का मुंह खुला का खुला रह गया और उसने वहा से जाते हुए कहा,”क्या ? अरे आपके एक खिड़की वाले ब्लाउज के लिए उस छिपकली से शादी कर ले क्या ?”
“अरे वंश अरे सुनो तो , अरे अच्छी लड़की है उह्ह का भाव खा रहे हो”,आई ने जाते हुए वंश को देखकर ऊँची आवाज में कहा और वंश चलते चलते मुस्कुरा उठा घरवालों के मुंह से अपनी और निशि की शादी की बातें सुनकर आखिर उसे अच्छा जो लग रहा था।

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संजना किरोड़ीवाल  

Main Teri Heer - Season 5
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