Main Teri Heer Season 5 – 83

Main Teri Heer Season 5 – 83

Main Teri Heer - Season 5
Main Teri Heer – Season 5 by Sanjana Kirodiwal

मुन्ना और शिवम् ने मिलकर भूषण और उसके आदमियों को पुलिस के हवाले कर दिया। राजन भी मुन्ना पर गोली चलाने के जुर्म में पुलिस स्टेशन था। राजन का सच जानने के बाद प्रताप का दिल टूट गया और उन्होंने राजन को लेकर अपने कदम पीछे ले लिए , उन्होंने मुन्ना को नहीं रोका ना ही राजन को बचाने की कोशिश की बल्कि हताश होकर वे अपने कमरे में चले गए।


मुरारी वंश को लेकर घर पहुंचा। शिवम् के घर में काशी और गौरी की मेहँदी के फंक्शन की तैयारिया चल रही थी। सभी घरवाले घर के आँगन में जमा थे। जैसे ही सबने वंश को देखा सबके चेहरो से ख़ुशी गायब हो गयी। सारिका ने देखा तो दौड़कर वंश के सामने आयी और उसके चेहरे को अपने हाथो में लेकर बेचैनी  भरे स्वर में कहा,”वंश ! ये क्या हुआ तुम्हे ? ये चोट कैसे लगी तुम्हे,,,,,,,,,!!”


“अरे सारिका भाभी परेशान ना होईये , सुबह जल्दी जल्दी में घर से आ रहा था तो रस्ते मा बाइक स्लिप हो गयी”,मुरारी ने असल बात छुपाकर कहा
“हमारा मन कल रात से घबरा ही रहा था , लग ही रहा था कुछ बुरा होने वाला है और देखो हो गया,,,,,,,महादेव की कृपा से ज्यादा चोट नहीं आयी इसे”,सारिका ने परेशानी भरे स्वर में कहा
“माँ ! मैं ठीक हूँ,,,,,!!”,वंश ने कहा


“का बबुआ ? इत्ता जल्दी में आने की का जरूरत पड़ी तुम्हे अरे कोनो दुर्घटना हो जाती तो,,,,,,,चलो जो हुआ उसे भूल जाओ और बैठो,,,,,,,सारिका बिटिया एक ठो गिलास हल्दी वाला दूध बनाय लाओ कोनो अंदरूनी चोट होगी तो आराम आ जाएगा”,आई ने वंश की तरफ आकर कहा और फिर उसे लेकर सोफे पर आ बैठी। सारिका वंश के लिए हल्दी वाला दूध लेने किचन की तरफ चली गयी और बाकि सब लोग वंश के पास आकर उस से पूछने लगे।


निशि कुछ दूर खड़ी उदास आँखों से वंश को देख रही थी। गौरी ने निशि को उदास देखा तो उसके पास आयी और उसके कंधे पर हाथ रखकर पूछा,”निशि , क्या हुआ तुम्हे ? वंश के लिए बुरा लग रहा है ?”
गौरी की बात सुनकर निशि की आँखों में आँसू भर आये , गौरी ने देखा तो उसे साइड हग करते हुए कहा,”अरे ये क्या ? पागल लड़की कुछ नहीं हुआ है उसे वो ठीक है,,,,,,,,,ए वंश”

गौरी की आवाज सुनकर वंश ने उसकी तरफ देखा तो गौरी ने निशि की तरफ इशारा करके बताया कि निशि रो रही है। वंश मुस्कुराया और निशि की तरफ इशारा किया तो गौरी ने निशि का कंधा थपथपाकर उसे वंश की तरफ देखने को कहा। निशि ने नम आँखों से वंश को देखा तो वंश ने अपनी पलकें झपकाकर  आँखों ही आँखों में उसे ये अहसास दिलाया कि वह ठीक है।

निशि ने कुछ नहीं कहा ना ही कोई इशारा किया वह बस एकटक वंश को देखते रही। निशि का उदास चेहरा वंश को अच्छा नहीं लगा तो उसने निशि की तरफ देखकर हवा में एक किस उछाल दिया ये देखकर निशि मुस्कुरा उठी।
“जे हवा मा चुम्मिया बाद मा देना पहिले जे पकड़ो हल्दी वाला दूध और गटागट पी जाओ”,आई की आवाज वंश के कानो में पड़ी तो वंश सीधे होकर बैठ गया और दूध का गिलास लेकर मुंह बनाते हुए कहा,”आई क्या ये मुझे पूरा पीना पडेगा ?”


“पी लो बिटवा चोट का सारा दर्द कम हो जाही है , अरे कल अपने भाई की बारात मा डांस भी तो करना है”,आई ने कहा
“डांस तो तब करूंगा ना आई जब मैं ठीक से चल पाऊंगा,,,,,,,,,,मेरे पैर में चोट लगी है”,वंश ने अपने पैर की तरफ इशारा करके कहा आई ने देखा तो पाया कि वंश के पैर पर पट्टी बंधी थी
“जे तो दिक्कत हो गयी , डांस ना सही शादी मा तो चलोगे ना ?”,आई ने कहा


“हाँ,,,,,,,,,,लेकिन अभी मुझे बहुत नींद आ रही है,,,,,,,,मैं थोड़ी देर सोना चाहता हूँ”,वंश ने कहा
“सो जाना लेकिन उस से पहले ये नाश्ता करो और दवा खाओ”,सारिका ने नाश्ते की प्लेट लेकर वंश के बगल में बैठते हुए कहा  
“माँ फिर तो आपको ही मुझे खिलाना पड़ेगा क्योकि मेरे हाथ में भी चोट लगी है”,वंश ने मासूमियत से कहा
“पता नहीं किसकी नजर लगी है तुम्हे ? शादी के घर में सब कितने खुश थे और अचानक तुम्हारे साथ ये हो गया”,सारिका ने कहा


“हमारे साथ नहीं होता तो मुन्ना के साथ होता माँ और उसके बाद इस घर की खुशिया मातम में बदल जाती”,वंश बड़बड़ाया क्योकि बेहोश होने से पहले उसे भूषण की कही बात याद थी।
“क्या कहा तुमने ?”,सारिका को समझ नहीं आया जो वंश ने कहा
“अह्ह्ह्ह कुछ नहीं माँ मैं बस कह रहा हूँ कि मैं अब ठीक हूँ , घर में हूँ और आपके सामने हूँ , अब मैं आपसे पूछे बिना कही नहीं जाऊंगा ठीक है”,वंश ने कहा


“सारिका भाभी वो मेहँदी के शगुन में क्या क्या जाएगा एक बार चलकर देख लीजिये”,राधिका ने आकर कहा
 गौरी निशि को लेकर वंश की तरफ चली आयी और राधिका भुआ की बात सुनकर सारिका से कहा,”बड़ी माँ ! ये आप मुझे दे दीजिये मैं वंश को खिला देती हूँ”
“थैंक्यू बेटा ! ये पूरा खिला देना इसे और दवा वहा रखी है”,सारिका ने प्लेट गौरी की तरफ बढाकर कहा और राधिका के साथ चली गयी।


घर मेहमानो से भरा था और सब अपने अपने कामो में बिजी थे। गौरी वंश के बगल में आकर बैठी और निशि सोफे के हत्थे पर गौरी की बगल में , वह वंश को ही देख रही थी वंश ने निशि की तरफ देखा और कहा,”पक्का इस छिपकली ने ही मुझे नजर लगाई है गौरी , डांस वाली रात मैं इतना स्मार्ट जो लग रहा था”
“तुम इतने सुन्दर भी नहीं दिखते की मैं तुम्हे नजर लगाउंगी वैसे भी डांस वाली रात सबसे ज्यादा हॉट तो मुन्ना भैया लग रहे थे मेरी नजरे उनसे हटती तो मैं तुम्हे देखती ना,,,,,,,चिरकुट”,निशि ने भी वंश को देखकर इतराते हुए कहा


“गौरी ! देखो लो तुम्हारे मुन्ना पर नजर है इसकी कही कल मुन्ना अपना विचार ना बदल दे”,वंश ने कहा
“मुन्ना को छोडो ये बताओ तुम्हारा क्या विचार है ? कहो तो आज तुम्हारे हाथो में भी मेहँदी लगवा दे , शादी का माहौल है , लड़की भी है और मुहूर्त भी,,,,,,,,,,हम्म्म्म”,गौरी ने वंश को छेड़ते हुए कहा तो वंश शरमा गया और कहा,”जल्दी खिलाओ मुझे बहुत भूख लगी है”


“ओह्ह्ह्ह मैं तो भूल ही गयी मुझे न अपनी ब्राइडल मेहँदी के डिजाईन्स पार्लर वाली को देने है , निशि वंश को नाश्ता तुम खिला दो , लो पकड़ो”,गौरी ने प्लेट निशि की तरफ बढ़ा दी।
“अरे लेकिन मैं कैसे ?”,निशि ने उलझन भरे स्वर में कहा लेकिन तब तक गौरी वहा से जा चुकी थी। निशि प्लेट लेकर वंश के बगल में आ बैठी वंश प्यार से निशि को देखने लगा।

सबके सामने वंश को खाना खिलाना अजीब लग रहा था लेकिन अब गौरी उस पर ये जिम्मेदारी डालकर जा चुकी थी तो उसे निभाना भी था इसलिए उसने एक निवाला तोडा और वंश की तरफ बढ़ा दिया। वंश ने भी बड़े प्यार से निशि के हाथ से निवाला खा लिया और साथ ही निशि की ऊँगली भी,,,,,,,,निशि ने वंश को घूरा तो वंश मुस्कुराने लगा। निशि ने वंश को सब खिलाया और वंश प्यार से सब खाता रहा।


नाश्ता करने के बाद वंश ने निशि से दवा देने को कहा। निशि ने दवा वंश की हथेली पर रखनी चाही तो वंश ने अपना मुंह उसके सामने कर दिया निशि समझ गयी इसलिय उसने दवा वंश को खिलाई और पानी भी पिला दिया तो वंश ने कहा,”अह्ह्ह्ह तुम्हे अपनी सेवा करते देखकर मुझे कितना अच्छा लग रहा है”
निशि की नजर वंश के गाल पर पड़ी जहा चोट लगने से हल्का लाल निशान हो गया था।

निशि ने धीरे से उसे अपनी ऊँगली से छुआ तो वंश चिल्लाया और निशि घबराकर पीछे हटी तो वंश हंस पड़ा और ना में गर्दन हिलाकर इशारा किया कि कुछ नहीं हुआ। निशि ने देखा तो इस बार थोड़ा और जोर से वंश के गाल को पर ऊँगली रखी और इस बार वंश को सच में दर्द हुआ तो निशि हंस पड़ी और फिर वंश भी हंस पड़ा।


कुछ ही दूर खड़े बाबा उन दोनों को हँसते मुस्कुराते देख रहे थे और सहसा ही उनके जहन में मुरारी की कही बात आयी “अरे बाबा दूर काहे जाना है ? काशी की शादी मा इत्ती सारी लड़किया आयी तो है उनमे से ही कोनो देख लेना” बाबा मन ही मन कोई फैसला करके मुस्कुराये और वहा से चले गए।

शिवम् और मुन्ना घर चले आये। मुन्ना ने वंश के बारे में पूछा तो सारिका ने बताया कि वह ऊपर अपने कमरे में आराम कर रहा है। मुन्ना वंश से मिलने उसके कमरे में चला आया देखा वंश खिड़की के पास खड़ा बाहर देख रहा है। मुन्ना वंश के पास आया और उसे गले लगाकर कहा,”महादेव का शुक्र है कि तुम ठीक हो वंश , कल रात तुम्हे उस हाल में देखकर हमारी तो जान ही निकल गयी थी”


मुन्ना वंश से दूर हटा तो वंश ने कहा,”भूषण तुम्हे जान से क्यों मारना चाहता था मुन्ना ? उन लोगो ने मुझ पर वार मुन्ना समझकर किया था , मुझे बताओ मुन्ना मेरे मुंबई जाने के बाद यहां ऐसा क्या हुआ कि ये लोग तुम्हारी जान के दुशमन बन गए ?”
मुन्ना वंश की चिंता समझ रहा था इसलिए उसे बिस्तर पर बैठाया और खुद कुर्सी लेकर उसके सामने बैठ गया। मुन्ना ने वंश को सब बाते बता दी , पहली बार मुंबई आने से लेकर भूषण और राजन को पुलिस स्टेशन भेजने तक की सारी बाते बताने के बाद मुन्ना ने कहा,”आज के बाद ये लोग हमे परेशान नहीं करेंगे”


वंश ने सुना तो उसे बहुत दुःख हुआ , अपने सपनो को पूरा करने में वंश मुन्ना को लगभग भूल ही चुका था उसने कभी मुन्ना की इन परेशानियों के बारे में जानने की कोशिश ही नहीं की। वंश की आँखों में नमी उतर आयी उसने मुन्ना को देखा और कहा,”मुझे माफ़ कर दो मुन्ना मैं तुमसे कितना दूर हो गया था मैंने कभी जानने की कोशिश ही नहीं की मेरे बिना तुम यहाँ कैसे हो ? मैं हमेशा बस यही सोचता रहा कि तुम खुश हो पर तुम यहाँ अकेले कितनी ही परेशानियों में उलझे रहे,,,,,मैं खुदगर्ज हो गया था मुन्ना , मुझे माफ़ कर दो”


मुन्ना ने सुना तो उसे बहुत दुःख हुआ , वह कभी नहीं चाहता था वंश इन सब के लिए खुद को जिम्मेदार समझे , वह वंश के पास आया और कहा,”वंश ! जो हुआ उसके लिए खुद को जिम्मेदार मत समझो , हमने कहा न अब सब ठीक है अब कोई हमे परेशान नहीं करेगा,,,,,,तुम ठीक हो हमारे लिए यही काफी है इसलिए इस बारे में मत सोचो,,,,,,कल हमारी शादी है और हम तुम्हारा ये उतरा हुआ चेहरा बिल्कुल नहीं देखना चाहते”


मुन्ना की बात सुनकर वंश कुछ देर खामोश रहा और फिर अपने होंठो पर मुस्कुराहट लाकर कहा,”अब ठीक है”
“हाँ ऐसे ही मुस्कुराते रहो जब तक हम तुम्हारे साथ है कोई तुम्हे छू भी नहीं सकता”,मुन्ना ने विश्वास के साथ कहा
वंश ने सुना तो मुन्ना के गले आ लगा और कहा,”मैं डर गया था मुन्ना,,,,,,,!!”
मुन्ना वंश की पीठ सहलाने लगा , वंश इस वक्त जिन भावनाओ से गुजर रहा था मुन्ना उन्हें बखूबी समझ सकता था। मुन्ना कुछ देर वंश के पास रुका उस से बातें की और फिर घर के लिए निकल गया आखिर आज उसकी मेहँदी जो थी।


सीढ़ियों से उतरते हुए गौरी मुन्ना के सामने आयी तो मुन्ना रुक गया।
“सुना है आज आपकी मेहँदी है , मेहँदी में अपनी होने वाली दुल्हन का नाम लिखवाना मत भूलना”,गौरी ने शरारत से कहा
“नाम तो लिखवा लेंगे पर क्या तुम ढूंढ पाओगी ?”,मुन्ना ने भी अपने हाथो को पीछे बांधकर गौरी की आँखों में देखते हुए कहा


“ढूंढना तुम्हे है अपना नाम वो भी मेरे हाथो में,,,,हमेशा लड़किया नाम छुपाकर लिखती है और लड़को को ढूंढना पड़ता है , यही रूल है मिस्टर मानवेन्द्र मिश्रा”,गौरी ने कहा
“तो इस बार हम ये रूल बदल देंगे”,मुन्ना ने कहा और गौरी के कंधे से अपना कंधा टकरा कर वहा से चला गया।

मुन्ना के इस अंदाज पर गौरी मुस्कुराये बिना ना रह सकी। मुन्ना घर के लिए निकल गया। शिवम् मुरारी के साथ पुलिस स्टेशन चला गया और इस बार शक्ति भी उनके साथ था। राजन , भूषण और उनके लड़को के खिलाफ कंप्लेंट की , सबूत के रूप में रमेश भी मिल गया जिसे प्रताप ने अपने घर से आजाद कर दिया। राजन और भूषण पर तगड़ा केस बनने वाला था और अब उनका जेल से बाहर आना मुश्किल था।

जिस इन्स्पेक्टर ने राजन के कहने पर भूषण की मदद की उसे भी 24 घंटो में सस्पेंड करने के आर्डर मिल चुके थे। मुरारी शक्ति के साथ घर चला गया और शिवम् अपने घर चला आया। सारिका या घर में किसी को भी सच्चाई बताकर वह परेशान करना नहीं चाहता था।

घर में आँगन में मेहँदी का फंक्शन हो रहा था गौरी और काशी को साथ साथ मेहँदी लग रही थी। घर में आयी औरते मंगल गीत गा रही थी , ढोलक बजा रही थी। सभी बहुत खुश थे। आई जिन्हे नाचने गाने का ज्यादा ही शौक था वे सबके बीच डांस कर रही थी और सब खूब तालिया बजा रहे थे। गौरी मेहँदी वाली को बता रही थी कि मुन्ना का नाम उसके हाथ में कहा लिखना है जबकि काशी ने शक्ति का नाम अपनी हथेली के बिल्कुल बीचोंबीच लिखवाया था।


“ए काशी ! तुमने शक्ति का नाम ऐसे क्यों लिखवाया है , छुपाकर लिखवाना था ना”,गौरी ने कहा  
“हम नहीं चाहते शक्ति को हमारी मेहँदी में अपना नाम ढूंढने में ज्यादा मेहनत करनी पड़े”,काशी ने दबे स्वर में कहा
“हाह ! काशी , तुम कुछ ज्यादा ही बेशर्म हो गयी हो”,गौरी ने कहा तो काशी हंस पड़ी। निशि भी सबके साथ बैठ कर आई का डांस देख रही थी तभी आई ने कहा,”अरे हम का अकेले ही नाचे , अरे कोई तो आकर हमका कम्पनी देओ”


“आई मैं आती हूँ”,निशि ने अपना हाथ ऊपर करके कहा और उठकर आई के साथ डांस करने लगी। आई को निशि बहुत अच्छी लगती थी दोनों मिलकर ढोलक की ताल से ताल मिलाने लगी। एक बार फिर बाबा की नजर निशि पर चली गयी। निशि को अपने परिवार में घुलते मिलते देखकर बाबा को अच्छा लग रहा था। नवीन हाथो में मिठाई के कुछ डिब्बे लिए बाबा के सामने से गुजरा तो बाबा ने कहा,”अरे नवीन बेटा”
“जी बाबा”,नवीन ने रुककर कहा


“हमहू जे कह रहे थे कि निशि बिटिया का रिश्ता कही देखा तुमने , हमरा मतलब बिटिया अब बड़ी हो रही है तो ओह्ह की शादी की चिंता तो होगी तुम्हे”,बाबा ने कहा
“हाँ बाबा चिंता तो होगी ना इकलौती बेटी है मेरी लेकिन अभी उसका रिश्ता किया नहीं है , कोई अच्छा लड़का मिले , अच्छा घर परिवार हो तो मैं जरूर सोचूंगा”,नवीन ने कहा
“हम्म्म मिल जाएगा , अरे तुम जे काम काहे कर रहे हो ? घर मा इत्ते सारे नौकर चाकर है उह्ह कर लेंगे , लाओ जे हमे दो”,बाबा ने नवीन के हाथो में डब्बे देखकर कहा


“अरे नहीं नहीं बाबा इन्हे मैं रख दूंगा,,,,,,,,मैं अभी आया”,नवीन ने कहा और आगे बढ़ गया
“बाबा कल के लिए हमने गेस्ट हॉउस बुक करवा दिया है सुबह जल्दी यहाँ से निकल जायेंगे , मुरारी और चाचा से हमारी बात हो चुकी है उन्होंने कहा है मुन्ना और शक्ति की बारात लेकर कल शाम 5 बजे सब लोग गेस्ट हॉउस पहुँच जायेंगे,,,,,,,,,,,और कोई काम है तो बताईये”,शिवम् ने आकर बाबा से कहा
“एक काम और है शिवा , हमे कुछो पूछना था”,बाबा ने कहा


“हाँ बाबा , पूछिए ना”,शिवम् ने कहा
“जे नवीन की बिटिया , निशि तुम्हे कैसी लगती है ?”,बाबा ने पूछा
शिवम् ने सामने आई के साथ डांस करती निशि को देखा और कहा,”अच्छी लड़की है बाबा और काफी समझदार भी है और होनहार इतनी कि सारिका ने अपनी मुंबई वाली कम्पनी में निशि को मैनेजर भी रखा है,,,,,,!!”,शिवम् ने निशि की तारीफ़ में कहा जो कि सच भी था


“हम्म्म ठीक है तुम जाओ,,,,,,!!”,बाबा ने कहा
शिवम् को अजीब लगा बाबा अचानक से निशि के बारे में क्यों पूछ रहे थे ? खैर शिवम् वहा से चला गया और कुछ देर बाद बाबा भी अधिराज जी और बाकि लोगो चले गए। बाबा के दिमाग में अब क्या खिचड़ी पक रही थी ये तो बाबा ही जानते थे लेकिन इस बार इस खिचड़ी की महक घर के हर सदस्य के नाक से होकर गुजरने वाली थी

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संजना किरोड़ीवाल

Main Teri Heer - Season 5
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