Main Teri Heer Season 5 – 66

Main Teri Heer Season 5 – 66

Main Teri Heer - Season 5
Main Teri Heer – Season 5 by Sanjana Kirodiwal

मुरारी का घर , बनारस

गणेश पूजन के बाद शिवम् पुरे परिवार के साथ मुरारी के घर के लिए निकल गया। मेहमानो से भरी 5-6 गाड़ियां एक कतार में बनारस की सड़को पर दौड़े जा रही थी। तिलक की सभी तैयारिया मुरारी के घर पर पहले ही हो चुकी थी। सभी मुरारी के घर पहुँचे , शक्ति ने काशी को जैसे ही देखा ख़ुशी से उसका चेहरा खिल उठा। सभी गार्डन में चले आये।

मुन्ना फोन पर था उसने गौरी को अभी तक देखा तक नहीं था वही गौरी की नज़रे भी मुन्ना को ही ढूंढ रही थी। वंश ने देखा तो गौरी के बगल में आकर बैठा और अपने कंधे को गौरी के कंधे से टकराकर कहा,”क्या बात है गौरी तुम्हारे वो कही नजर नही आ रहे ?”


“गौरी नहीं भाभी , कुछ दिनों में मैं तुम्हारी भाभी बन जाउंगी इसलिए अभी से आदत डाल लो,,,,,और मान का इंतजार तो मुझे भी है लेकिन वो है कहा ?”,गौरी ने इधर उधर देखकर कहा
वंश ने सुना तो उठकर जाने लगा , गौरी ने उसका हाथ पकड़कर उसे रोका और कहा,”अब तुम कहा चले ?”
“मैं अपनी होने वाली भाभी को परेशान नहीं देख सकता इसलिए मुन्ना को ढूंढने जा रहा हूँ”,कहकर वंश वहा से चला गया

गौरी से बात करके वंश लॉन के दूसरी तरफ आया देखा मुन्ना फोन पर किसी से बात कर रहा है तो वंश ने उसके हाथ से फोन लिया और काटकर कहा,”हेलो मिस्टर मानवेन्द्र मिश्रा , आज आपका तिलक है और कुछ दिनों में आपकी शादी है। कम से कम तब तक के लिए तो इस फ़ोन से दूर रह सकते है आप”

वंश को अपने सामने देखकर मुन्ना का दिल किया आगे बढ़कर वंश को गले लगा ले लेकिन अगले ही पल उसके चेहरे पर गुस्से के भाव आ गए और उसने वंश के सीने पर हल्का सा धक्का मारकर कहा,”ओह्ह्ह तो तुम्हे हम से मिलने की फुर्सत मिल गयी , तुम्हे नहीं लगता मुंबई जाकर तुम कुछ ज्यादा ही कूल हो गए हो”
वंश ने सुना तो मुस्कुराया और कहा,”अरे मुन्ना ऐसा कुछ नहीं है मैं आने वाला था,,,,,,,!!”


“आने वाले थे आये तो नहीं थे ना ? जाओ यहाँ से हमे तुम से की बात नहीं करनी|”,मुन्ना ने नाराज होकर कहा
वंश मुन्ना के पास आया तो मुन्ना ने पीठ घुमा ली और कहा,”हमारी शादी है और तुम अब आ रहे हो , तुम्हे भी पता है कि तुम से ज्यादा करीब कोई नहीं है हमारे फिर भी तुम हम से मिलने अब आ रहे हो,,,,,,,,मुंबई जाकर बहुत बड़े आदमी बन गए हो ना तुम , हाह जाओ यहाँ से,,,,,,!!”


वंश ने कुछ नहीं कहा बस पीछे से मुन्ना को हग किया और अपना गाल उसकी पीठ से लगाकार कहा,”मुन्ना , तुम्हारे बिना मैं कुछ भी नहीं हूँ , मैं कल ही बनारस आया था तुम से मिलना भी चाहता था लेकिन पापा ने घर के कामो और काशी की शादी की तैयारियों में इतना उलझा दिया कि आ ही नहीं पाया लेकिन मैं तुम्हारे लिए बहुत खुश हूँ,,,,,,,,,तुम अपनी जिंदगी की नयी शुरुआत करने जा रहे हो आल द बेस्ट,,,,,,,,,,

आई नो गौरी बहुत अच्छी है वो तुम्हे सम्हाल लेगी और तुम इतने समझदार हो कि गौरी को समझ जाओगे,,,,,,,,,,और इन दोनों बातो को साइड कर दिया जाए तो मैं बस इतना कहूंगा कि मैं तुम से बहुत प्यार करता हूँ और हमेशा करता रहूंगा”


मुन्ना ने सुना तो पिघल गया और पलटकर वंश को गले लगाकर कहा,”अब बस भी करो वंश , अब क्या हमे रुलाने का इरादा है ?”
वंश ने देखा मुन्ना की नाराजगी दूर हो चुकी है तो उसने भी मुन्ना को कसकर गले लगाया और कहा,”बिल्कुल नहीं मैं तो तुम्हारी और गौरी की शादी में बहुत एन्जॉय करने वाला हूँ,,,,,,,,,,,!!”


“वैसे तुम्हारी वो नहीं आयी साथ में ?”,मुन्ना ने वंश को छेड़ते हुए कहा
“वो हिटलर की सेवा करने में बिजी है उसने कहा है हल्दी के फंक्शन में आ जाएगी”,वंश ने बेपरवाही से कहा
“तुमने निशि से आई लव यू कहा या नहीं ?”,मुन्ना ने वंश को साथ लेकर सबकी तरफ जाते हुए कहा  
“मुझसे ज्यादा तो तुम मेरी लव स्टोरी में इंट्रेस्टेड हो मुन्ना”,वंश ने मुन्ना की तरफ देखकर कहा


“हो भी क्यों ना , हमारी और मुन्ना की लव स्टोरी तो वैसे भी बहुत सिंसियर है मजा तो तुम्हारी और निशि की लव स्टोरी में है,,,,,,,,क्यों मुन्ना ?”,वंश के दूसरी तरफ चलते हुए शक्ति ने कहा


“बिल्कुल सही कहा आपने जीजाजी”,मुन्ना ने कहा
“जीजाजी ? आर यू सीरियस मुन्ना ?”,वंश ने चौंककर कहा
“ही इज और आज से तुम भी आदत डाल लो,,,,,,,,!!”,शक्ति ने वंश के सर पर धीरे से चपत लगाकर कहा
“ए शक्ति,,,,,,,,,,,आई मीन जीजाजी,,,,,!!”,वंश ने कहा लेकिन जैसे ही शक्ति ने उसे घुरा तो वंश ने अपनी जबान सम्हाल ली


“मुन्ना हमे लगा मुंबई जाकर ये लड़का सुधर गया होगा लेकिन ये तो पहले जैसा ही है,,,,,,,,,!!”,शक्ति ने कहा
“डोंट वरी , इसे  सुधारने वाली कल आ रही है,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा तो शक्ति हसने लगा और वंश दोनों की बातो से चिढ गया और आगे बढ़ते हुए कहा,”हाँ हाँ हंस लो , एक बार शादी होने दो उसके बाद मैं हसूंगा,,,,,,,,तुम दोनों पर”
“क्यों , तुम शादी नहीं करोगे क्या ?”,वंश को जाते देखकर शक्ति ने ऊँची आवाज में कहा


“नहीं मैं ऐसे ही खुश हूँ,,,,,,,,,!!”,कहकर वंश चला गया
शक्ति ने मुन्ना की तरफ देखा और कहा,”लगता है हम दोनों ने उसे ज्यादा ही छेड़ दिया”
“वो बहुत प्यारा है मान जाएगा,,,,,,,आईये चलते है”,मुन्ना ने कहा और शक्ति के साथ गार्डन की तरफ बढ़ गया

वंश चिढ़ा हुआ सा आकर गौरी के बगल में बैठ गया। गौरी ने देखा तो कहा,”क्या हुआ तुम्हे ? तुम तो मुन्ना को लेने गए थे ना,,,,,,,अकेले वापस चले आये”
वंश ने गौरी को सब बताया तो गौरी ने कहा,”क्या ? ये ठाकुर और गब्बर में दोस्ती कब हुई ?”
“जो भी हो गौरी पर मेरा मुन्ना बदल गया है,,,,,,,,,!!”,वंश ने मायूस होकर कहा
“मेरा मुन्ना ?”,गौरी ने हैरानी से कहा


“हाँ मेरा , पुरे 25 साल मेरा ही रहा है वो लेकिन जब से तुम से मिला है इतना सा भी मेरा नहीं रहा , तुमने छीन लिया उसे मुझसे”,वंश ने मुंह बनाकर कहा
“हाह ! तुम तो ऐसे बात कर रहे हो जैसे मान तुम्हारा भाई ना होकर तुम्हारी गर्लफ्रेंड हो,,,,,,,,,!!”,गौरी ने भी मुंह बनाकर कहा


“हाँ तुम ये कह सकती हो , क्योकि तुम उसकी जिन्दगी में पहली और आखरी लड़की हो वरना अब तक तो मैंने ही उसे सम्हाला है,,,,,,,,,,,उसका हसना , रोना , गुस्सा करना , शांत रहना , उसके अप्स डाउन्स सब मैंने ही देखे है,,,,,,,,,,,अरे जितना वो मेरे साथ बाइक पर घुमा है ना उतना तो किसी लड़की के साथ भी नहीं घुमा होगा,,,,,अब तुम्हे क्या बताऊ अपने और मुन्ना के प्यार के बारे में,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने कहा

मुन्ना और अपने प्यार के बारे में गौरी को बताते हुए जैसे ही वंश ने गौरी की तरफ देखा तो पाया कि गौरी का ध्यान उसकी बातो में है ही नहीं बल्कि वह तो सामने बैठे मुन्ना को देख रही है। वंश ने गौरी को देखकर अपने निचले होंठ को बाहर निकाला और कहा,”हाह ! ये गौरी भी बदल गयी है , इसे मेरी बात सुनने में कोई इंट्रेस्ट नहीं है,,,,,,,,,इन सब से अच्छी तो मेरी छिपकली है कम से कम वो मेरी बात तो सुनती है,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह निशि आई रियली मिस्ड यू काश तुम यहाँ होती,,,,,,,,!!”


“क्या हुआ वंश भैया आप निशि को मिस कर रहे है क्या ?”,वंश के बगल में बैठी अंजलि ने कहा जो कि पिछले 5 मिनिट से वंश के बगल में ही बैठी थी लेकिन वंश को नहीं पता था। निशि की बात सुनकर वंश ने उसकी तरफ देखा और मुंह बनाकर कहा,”मैं क्यों उस छिपकली को मिस करूंगा ? मेरे पास और भी बहुत जरुरी काम है ,,,,,,,,,,,!!”


“ओह्ह्ह रियली ! तो ज़रा एक बार फिर बोलकर दिखाईये कि आप निशि को मिस नहीं कर रहे थे”,अंजलि ने कहा
वंश को अंजलि कुछ चेलेंज करे और वंश ना करे ऐसा भला कैसे हो सकता है ? उसने अंजलि की तरफ देखा और कहा,”मैं उस छिपकली को मिस नहीं कर रहा , नहीं कर रहा , नहीं कर रहा , एक्चुली मैं बहुत खुश हूँ कि वो यहाँ नहीं है,,,,,,,,,,अह्ह्ह्हह कितना अच्छा लग रहा है उसके बिना यहाँ और वैसे भी यहाँ मेरे आस पास इतनी सुन्दर लड़किया है कि मैं उस पागल निशि के बारे में सोचना भी नहीं चाहता,,,,,,,,इतना ठीक है ?”


वंश ने जैसे ही अपनी बात खत्म की अंजलि ने अपना फोन वंश की तरफ कर दिया। वंश पहले तो मुस्कुराया लेकिन जैसे ही स्क्रीन पर निशि का नाम देखा उसके चेहरे से ख़ुशी गायब हो गयी और पैर काँपने लगे।

अंजलि ने फोन लेकर बात करने का इशारा किया तो वंश ने फोन लिया और कान से लगाकर कहा,”ह हे हेल्लो”
“हेलो के बच्चे तुम खुद को समझते क्या हो ? तुमने क्या कसम खा ली है वंश कि अपनी पूरी फॅमिली में मेरे बारे में उल्टा सीधा बोलोगे ? और क्या कहा तुमने पागल निशि,,,,,,,,,,हाँ पागल तो मैं हूँ ही क्योकि मैंने तुम जैसे गधे से जो प्यार किया है और सुंदर लड़किया तुम्हारे आस पास है इसलिए मेरे बारे में सोचना नहीं चाहते ,

आने दो मुझे बनारस तुम्हारी और तुम्हारे आस पास की उन सुन्दर लड़कियों की मैंने टांगे तोड़ देनी है,,,,,,,,,,और तुम , तुम एक नंबर के बेकार और बद्तमीज इंसान हो ,, इस बार मैं तुम्हारी बातो में बिल्कुल नहीं आने वाली बल्कि मुन्ना भैया की शादी में कोई अच्छा सा लड़का देखकर उस से शादी कर लुंगी लेकिन तुम से तो हरगिज नहीं,,,,,,,,,अह्ह्ह्हह चिरकुट कही के,,,,,,,,,,!!”,निशि ने एक साँस में वंश को सब सुनाया और फोन काट दिया

वंश ने कुछ नहीं कहा और मायूसी से फोन अंजलि की तरफ बढ़ा दिया। अंजलि ने फोन लिया और अपनी भँवे उचकाकर कहा,”क्या कहा निशि मैडम ने ?”
“तुमने तो मेरा घर बसने से पहले ही उजाड़ दिया अंजलि,,,,,,सच में तुम कितनी दुष्ट हो”,वंश ने मुंह बनाकर कहा
“वंश ज़रा यहाँ आना”,शिवम् की आवाज वंश के कानो में पड़ी जो कि चौकी पर बैठे शक्ति के सामने खड़े थे। वंश उठा और जाते जाते अंजलि के सर पर एक चपत मारकर चला गया और अंजलि उसे घूरकर रह गयी।

काशी का भाई होने के नाते शिवम् ने तिलक की कुछ रस्मे वंश के हाथो करवाई। वही गौरी का भाई होने के नाते जय ये जिम्मेदारी निभा रहा था। दोनों ने साथ साथ शक्ति और मुन्ना को तिलक किया , मीठा खिलाया और तोहफे दिए। सभी रस्मे होने के बाद काशी और गौरी आकर शक्ति और मुन्ना के बगल में बैठी और पूजा शुरू हुई। बनारसी साड़ी में गौरी इतनी सुंदर लग रही थी कि मुन्ना की नजरे बार बार उस पर चली जाती।

शक्ति भी काशी के बगल में बैठा उसे देखता और दोनों एक दूसरे को देखकर मुस्कुरा उठते। वंश मुन्ना और गौरी के साथ आ बैठा आखिर मुन्ना उसका भाई जो था। वही जय अपनी बहन के बगल में बैठ गया और ख़ुशी ख़ुशी सब रस्मे देखने लगा।


अनु , सारिका बाकि मेहमानो के साथ बैठी थी। आई अपनी सहेलियों और अम्बिका जी के साथ थी। बाबा भी अधिराज जी और दूसरे मेहमानो के साथ बैठे थे। सब बहुत खुश थे और सब बहुत ही अच्छे से चल रहा था। सभी रस्मे होने के बाद खाने का बहुत अच्छा बंदोबस्त था जो कि मुरारी ने करवाया था। सभी मेहमान  
खाना खाने लगे। शक्ति , काशी , मुन्ना गौरी के लिए अब टेबल अलग लगाया गया था उनके साथ अंजलि , वंश और जय भी शामिल हो गए। सभी बैठकर खाना खाने लगे। शक्ति और काशी साथ बैठे थे ,

मुन्ना गौरी की अब दूसरे की बगल में बैठे थे। शक्ति ने एक निवाला तोडा और अपने हाथ से काशी को खिला दिया। गौरी ने देखा तो मुस्कुरायी और जैसे ही मुन्ना की तरफ देखा पाया कि मुन्ना उसे ही देख रहा है। गौरी मुन्ना को देखकर मुस्कुराई तो मुन्ना ने धीरे से कहा,”हम सबके सामने ऐसा कुछ नहीं करेंगे गौरी”

मुन्ना ने जो कहा वो सिर्फ गौरी को ही नहीं बल्कि मुन्ना के बगल में बैठे वंश को भी सुन गया तो उसने मुन्ना की तरफ झुककर धीरे से कहा,”खिला दो मुन्ना , ऐसे मोके जिंदगी में बार बार नहीं आते,,,,,,,,वैसे भी ये बस प्यार जताने का एक तरीका है”
मुन्ना ने सुना तो वंश की तरफ देखा और कहा,”प्यार जताने के और भी कई तरीके है वंश , तुम देख रहे हो सामने पापा और बड़े पापा खड़े है,,,,,,,,,,उन्होंने हमे ये सब करते देखा तो अच्छा नहीं लगेगा”


“हाह तुम कितने अनरोमांटिक हो मुन्ना , एक मिनिट”,वंश ने धीरे से कहा और फिर तेज आवाज में कुछ ही दूर सामने खड़े मुरारी से कहा,”मुरारी चाचा ! मुन्ना अगर गौरी को अपने हाथ से खिलाये तो कोई दिक्कत है क्या ?”
मुन्ना ने सुना तो अपना शर्म के मारे अपना सर ही झुका लिया तब तक मुरारी भी वहा चला आया और कहा,”दिक्कत कैसी भई कुछ दिनों में दोनों की शादी है हमहू तो कहेंगे अभी जो खिलाना है खिला दो एक दूसरे को का है कि शादी के बाद तो सिर्फ ताने ही खाने को मिलेंगे”


मुरारी ने जैसे ही कहा सब हसने लगे और गौरी ने कहा,”पापा आप कितने कूल हो और आपके ये लाड साहब बस इसलिए मुझे अपने हाथ से नहीं खिला रहे कि पापा क्या कहेंगे ?”
“पापा कुछ नाही कहेंगे वैसे भी हमहू नए जमाने के पापा है,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने कहा
गौरी ने देखा मुरारी के कुर्ते का कोलर सही नहीं है तो वह उठकर उसके पास आयी और कोलर सही करते हुए कहा,”बिल्कुल होंगे आप नए ज़माने के पापा लेकिन आदतें आज भी पुराने जमाने के पापा वाली ही है,,,,अब लग रहे है आप स्मार्ट,,,,,बोले तो कतई जहर,,,,,,,!!”


“अरे वाह गौरी तुम तो अभी से मुरारी चाचा के जैसे बात करने लगी,,,,,,,,!!”,वंश ने खुश होकर कहा
“पापा से ही सीखा है,,,,,,,,क्यों पापा ?”,गौरी ने कहा
“हाँ बिल्कुल और अभी तो बहुते कुछ सीखना बाकि है,,,,,,,,,धीरे धीरे सब सीखा देंगे”,मुरारी ने कहा
मुन्ना वंश की तरफ झुका और बड़बड़ाया,”बस पासवर्ड रखना ना सिखाये”
वंश ने सुना तो हसने लगा , मुरारी ने देखा और कहा,”ए वंश का गुटर गू कर रहे हो तुम दोनों,,,,,,,,,!!”


“पापा छोड़िये इन्हे इनका ब्रोमांस चलता रहता है , आप देखिये ना मान मुझे अपने हाथो से नहीं खिला रहा”,गौरी ने बच्चो की तरह कुनमुनाते हुए कहा
“अरे छोडो हम है ना हम खिला देते है,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए मुरारी ने एक निवाला तोडा और जैसे ही गौरी की तरफ बढ़ाया गौरी ने मुरारी का हाथ उसकी तरफ बढाकर उसे ही खिलाते हुए कहा,”पहले आप खाइये”
काशी ने देखा तो उसने भी एक निवाला तोड़कर मुरारी को खिलाते हुए कहा,”मुरारी चाचा एक हमारी तरफ से भी,,,,,,,,!!”


मुरारी ने दोनों निवाले खाये और वंश मुन्ना को देखकर कहा,”देखा जे होती है बेटिया , और एक तुम दोनों हो कि बैठकर खाये जा रहे हो,,,,,,,,,,!!”
“हाँ तो आपकी बेटियों ने हमे कब खिलाया ?”,इस बार शक्ति और मुन्ना ने एक साथ धीरे से कहा लेकिन वंश को छोड़कर बाकि किसी को सुनाई नहीं दिया तो वंश ने एक निवाला तोडा और मुन्ना को खिलाते हुए कहा,”काहे चिन्तियाते हो मुन्ना हम है न तुम्हे खिलाने के लिए,,,,,,,,,!!”


वंश ने मुन्ना को खिलाया सो खिलाया साथ ही उसके होंठो पर लगे खाने को टिशू से साफ़ भी खुद ही कर रहा था वो भी बहुत ही प्यार से , मुरारी , काशी और गौरी हैरानी से दोनों को देख रहे थे और शक्ति मुस्कुराते हुए खाना खा रहा था क्योकि वह मुन्ना और वंश के बीच के प्यार को बहुत अच्छे से समझता था

मुरारी कुछ देर शांत रहा और फिर कहा,”पहिले पता होता तो गौरी के बजाय तुम्हरा रिश्ता वंश से तय कर देते,,,,,,,,!!”
वंश ने सुना तो हैरानी से मुरारी की तरफ देखा और कहा,”क्या कह रहे है आप मेरे ऐसे शौक नहीं है , मेरी पहले से फील्डिंग सेट है मुंबई में निशि के साथ,,,,,,,,,!!”


जल्दबाजी में वंश के मुंह से निशि का नाम निकल गया और जैसे ही उसे समझ आया वंश ने मुरारी की तरफ देखा। वह अपनी बात मुरारी को समझा पाता इस से पहले ही मुरारी ने कहा,”फील्डिंग चाहे जितनी सेट कर लो बेटा अम्पायर तो हम ही रहेंगे,,,,,,,,,,!!”
बेचारा वंश इसके बाद क्या कहता बस झेंपता हुआ सा मुरारी को देखने लगा

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संजना किरोड़ीवाल 

Main Teri Heer - Season 5
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