Main Teri Heer Season 5 – 39

Main Teri Heer Season 5 – 39

Main Teri Heer - Season 5
Main Teri Heer – Season 5 by Sanjana Kirodiwal

मुरारी का घर , बनारस
किशना ने शराब को बाथरूम में बहा दिया है ये सुनकर मुरारी का गुस्सा बढ़ गया। उसे समझ नहीं आ रहा था कि किशना के साथ अब क्या करे ? और बेचारा किशना डर से थर थर काँप रहा था। मुरारी किशना के सामने आया और कहा,”हमहू बहुते अच्छे से जानते है कि इह तुम्हरे दिमाग की उपज तो नाही हो सकती , अब हमका जे बताओ किसके कहने पर जे कारनामा किये हो तुमहू ?”


किशना बेचारा बुरा फंस चुका था कहे तो क्या कहे ? सीधे सीधे मुन्ना का नाम लिया तो मुरारी के साथ साथ मुन्ना से भी उसे डाँट सुनने को मिलेगी। किशना को खामोश देखकर मुरारी ने कहा,”कुछो कहोगे किशना कि मुंह मा हाथ डालकर तुम्हरे हलक से सच्चाई निकलवाए”
“उह्ह्ह्ह मुरारी भैया , जे मुन्ना,,,,,,,,,,,,,!!!”,किशना डरते डरते बस इतना ही कह पाया कि मुरारी ने सामने देखकर कहा,”मुन्ना , अरे तुम कब आये ?”


किशना ने पलटकर मुन्ना को देखा तो उसकी जान में जान आयी और उसने मुरारी की तरफ पलटकर कहा,”हम जे कह रहे थे कि आप मुन्ना भैया से पूछ लीजिये,,,,,,,हमने गैस पर पकोड़े चढ़ाये है जल जायेंगे”
मुरारी कुछ कहता इस से पहले किशना अपनी जान बचाकर वहा से भाग गया। मुन्ना मुरारी के पास आया और कहा,”क्या बात है पापा आप इस वक्त यहाँ क्या कर रहे है और किशना भैया को क्यों डांट रहे थे , उनसे कोई गलती हुई क्या ?”


मुरारी ऑफिस रूम से बाहर आया और कहा,”डांट नहीं तो का आरती उतारे उनकी , हमरी 75 हजार की शराब को नाले मा बहा दिए उह मुर्ख,,,,,,,,,,,हमको पता है जे सब किसने किया है ? हमरे खिलाफ इह घर मा साजिश रचने वाली एक ठो ही है,,,,,,,,,,!!”
कहकर मुरारी अपने कमरे की ओर चला गया। मुन्ना धीरे से मुस्कुराया और हॉल की तरफ चला आया। वह सोफे पर आकर बैठा और किशना को आवाज लगाई,”किशना भैया खाना लगा दीजिये”


किशना ने किचन से झांककर देखा मुरारी वहा नहीं था ये देखकर किशना ने चेन की साँस ली और किचन में जाकर मुन्ना के लिए प्लेट में खाना लगाने लगा। किशना ने थाली में खाना परोसा और लेकर बाहर चला आया। किशना ने प्लेट मुन्ना के सामने पड़ी टेबल पर रखी और कहा,”का मुन्ना बाबा आज तो आपकी वजह से हमहू पक्का मरने वाले थे,,,,,,,,,,मुरारी भैया को पता चल गवा है कि बोतल मा शराब नाही जूस है,,,,,,,भड़क गए थे उह हम पर”  
मुन्ना मुस्कुराया और कहा,”वो तो हम उनका चेहरा देखकर ही समझ गए थे,,,,,,,!!”


“पर आपने ऐसा काहे किया मुन्ना बाबा , मुरारी भैया कौनसा रोज रोज पीते है , कभी कभी बस दुइ  घूंठ ले लेते है उह भी जब बहुते ज्यादा खुश या दुखी होते है तब , खामखा आपने उनकी शराब फिकवा दी”,किशना ने मायूसी से कहा
“पापा के लिए जे हमदर्दी जताने की जरूरत नहीं है किशना भैया , हमने कुछ गलत नहीं किया गौरी ने पापा को ऐसे पीते देखा तो अच्छा नहीं लगेगा। हम नहीं चाहते यहाँ आने के बाद गौरी की नजरो में पापा की गलत इमेज बने बस इसलिए हमने ऐसा किया।”,मुन्ना ने किशना को समझाते हुए कहा


किशना वही उकडू जमीन पर बैठ गया और कहा,”आप कित्ती सही बात करते हो मुन्ना बाबा , अब जे ही बात हमहू मुरारी भैया को समजाही है तो उह हमे ही ज्ञान दे देंगे,,,,,,,,,,,पर सच कहे बाबा , जोन नयी बहू इह घर मा आ रही है उह बहुते भाग्यशाली होगी जिनको आप जैसा समझदार जीवनसाथी मिली है”
किशना की बात सुनकर मुन्ना हल्का सा मुस्कुराया और उसकी तरफ देखकर कहा,”क्या बात है किशना भैया , आज आप हमारी कुछ ज्यादा ही तारीफ कर रहे है ,, कुछ बात है क्या ?”


किशना उठा और किचन की तरफ जाते हुए कहा,”अरे का मुन्ना बाबा , कोनो बात नाही है बस मुरारी भैया के लिए आपका जे प्यार देखकर अच्छा लगा”
“पापा के लिए जो पकोड़े बना रहे थे वो तो खिला दीजिये हमे”,मुन्ना ने मुस्कुराते हुए कहा और खाना खाने लगा

लोनावला , पुणे
सुबह के 6 बज रहे थे और इलाके में ठण्ड बढ़ने की वजह से निशि वंश की बाँहो में सिमट कर सो रही थी। वंश को सुलाते सुलाते वंश भी वही सो गया था। कुछ देर बाद निशि नींद से जगी उसने अपनी आँखे खोली , उसका सर अभी भी दर्द से फटा जा रहा था। जैसे ही उसे होश आया और उसने खुद को वंश की बांहो में पाया तो वह एकदम से चिल्ला उठी। निशि के चिल्लाने की वजह से वंश हड़बड़ा कर उठा। निशि बस चिल्लाये जा रही थी ,

सुबह सुबह उसे चिल्लाते सुनकर कोई कमरे में ना आ जाये सोचकर वंश ने निशि के मुंह पर अपना हाथ रखा और उसकी पीठ बिस्तर से लगाकर कहा,”तुम बात बात पर इतना चिल्लाती क्यों हो ? क्या पागल वागल हो क्या ?”
निशि ने अपनी आँखों को बड़ा करके वंश को घुरा और मुंह से हाथ हटाने का इशारा किया। वंश को समझ नहीं आया तो निशि ने अपना घुटना वंश की जांघ पर दे मारा और वंश दर्द से कराहते हुए साइड में गिर गया। निशि तुरंत उठी और बिस्तर से नीचे आकर कहा,”तुम सुबह सुबह मेरे कमरे में क्या कर रहे हो ?”


वंश की किस्मत अच्छी थी कि निशि का घुटना गलत जगह नहीं लगा , वह उठा और गुस्से से निशि की तरफ आकर कहा,”तुम सच मे पागल हो , ऐसे कौन मारता है ? तुम्हे पता है मेरा पूरा फ्यूचर तुम्हारी उस एक लात पर डिपेंड करता है”
“क्या ?”,निशि ने हैरानी से कहा
“और ये तुम्हारा नहीं मेरा कमरा है , कल रात मैं तुम्हे यहाँ लेकर आया था,,,,,,,,,,!!”,वंश ने चिढ़कर कहा


निशि ने सुना तो हैरानी से उसका मुंह और खुल गया और उसने कहा,”मुझे तुमसे ये उम्मीद नहीं थी तुम मुझे अपने कमरे में लेकर आये , इसका मतलब हमने साथ में रात बितायी और तुमने मेरे साथ,,,,,,,,,,हहहहहह तुम ऐसा कैसे कर सकते हो ? अभी तो हमारी शादी भी नहीं हुई है , मैं मुंबई वापस जाकर डेड को क्या मुंह दिखाउंगी ?”
वंश ने सुना तो अपना सर पीटते हुए कहा,”ओह्ह्ह गॉड ये लड़की,,,,,,,,,!!”
वंश निशि के पास आया और जोर से कहा,”शट अप , जस्ट शट अप , अब मैं जो बोल रहा हूँ वो सुनो,,,,,,!!”


वंश ने निशि को पार्टी में हुई सारी बाते बताई तो निशि हैरानी से बिस्तर पर बैठ गयी। वंश भी उसके सामने वाले बिस्तर पर आ बैठा और मायूसी से कहा,”मैं तुम्हारे साथ गलत करने की सोच भी नहीं सकता , और अगर कुछ गलत करना होता तो मैं इतनी दूर नहीं आता मुंबई में भी,,,,,,,,,,,निशि मैं नहीं जानता तुम मुझे लेकर ऐसा क्यों सोचती हो ? मैं तुमसे फ्लर्ट करता हूँ , मस्ती मजाक करता हूँ , तुम्हरे परेशान करता हूँ पर इसका मतलब ये नहीं है मैं तुम्हे लेकर कुछ गलत,,,,,,,,,,आई थिंक इस रिश्ते में तुम्हे एक ब्रेक की जरूरत है,,,,,,,अपने आप को ठीक कर लो और अपने कमरे में जाओ,,,,,,,,!!”

निशि को अपनी गलती का अहसास हुआ उसने जैसे ही वंश से कहना चाहा वंश उठकर वहा से चला गया। वंश दरवाजे की तरफ बढ़ा और दरवाजा खोलने से पहले निशि से कहा,”अगर इतना टाइम साथ रहकर भी तुम मुझे नहीं जान पायी तो शायद हमारा साथ रहना गलत है,,,,,,,,तक योर टाइम निशि”


“वंश,,,,,,,,,आई ऍम सो,,,,,,,,,,!!”,निशि ने बस इतना ही कहा कि वंश ने दरवाजा खोला और बाहर निकल गया।
निशि की आँखों में आँसू भर आये और वह वापस बिस्तर पर आ बैठी। उसने बिना सच जाने ही वंश को गलत समझ लिया और ये सब कह दिया। बीती रात वह अपनी जिस गलती के लिए वंश से माफ़ी मांग रही थी सुबह होते होते निशि ने फिर वही गलती दोहरा दी।

वंश कमरे से निकलकर बाहर जाने लगा तो सामने से आते सुमित ने कहा,”निशि कैसी है ?”
“खुद जाकर पूछ लीजिये”,वंश ने उखड़े स्वर में कहा और वहा से चला गया
“इसे क्या हुआ है ? लगता है दोनों में फिर बहस हुई है,,,,,,,,,,,!!”,बड़बड़ाते हुए सुमित अपने कमरे की तरफ बढ़ गया जिसमे निशि थी। सुमित दरवाजा खोलकर अंदर आया देखा निशि मायूस सी बिस्तर पर बैठी थी।
सुमित आकर निशि के सामने वाले बिस्तर पर बैठा और कहा,”तुम्हारे और वंश के बीच फिर से झगड़ा हुआ क्या ?”


सुमित की आवाज से निशि की तंद्रा टूटी उसने सर उठाकर सामने देखा। निशि की आँखों में आँसू देखकर सुमित ने परेशानी भरे स्वर में कहा,”निशि ! बेटा आर यू ओके ? तुम रो क्यों रही हो ?”
निशि ने सुमित को जब अपनी गलतफहमी के बारे में बताया तो सुमित ने अफ़सोस भरे स्वर में कहा,”ये तुमने सही नहीं किया निशि , वंश बहुत अच्छा लड़का है वो किसी लड़की के लिए ऐसे थॉट्स रख ही नहीं सकता। मैं इतने टाइम से उसके साथ हूँ और इतनी परख तो है मुझे,,,,,,,,,,कल रात पार्टी में तुमने ड्रिंक कर ली थी और तुम बिल्कुल भी होश में नहीं थी ,,

तुमने सबके सामने वंश को गलत भी कहा लेकिन उसने जवाब में तुम्हे कुछ नहीं कहा उलटा उसे तुम्हारी परवाह हो रही थी। वो तुम्हे यहाँ लेकर आया ताकि बाकि लोग तुम्हे गलत ना समझे ,, जब मैंने कहा कि निशि के साथ तुम अकेले हो इसके साथ कुछ गलत,,,,,,,,,,तो उसने कहा कि वो तुमसे प्यार करता है , तुम्हारे साथ गलत करने के बारे में सोच भी नहीं सकता है”


निशि ने सुना तो उसे अपनी गलती का अहसास हुआ और वह नम आँखों से सुमित को देखने लगी। सुमित ने निशि को देखा और कहा,”निशि आई थिंक वो तुमसे बहुत प्यार करता है , तुम्हे एक बार उसे समझना चाहिए,,,,,,,,,,,!!”
“आई ऍम सो सॉरी सर , मैंने खुद को अचानक यहाँ देखा तो मैं कुछ समझ नहीं पायी और,,,,,,,,,,,,,,,वो मुझसे बहुत गुस्सा है , आई नो अब वो मुझसे बात भी नहीं करेगा,,,,,,,,,,मैंने सब खराब कर दिया”,कहकर निशि रोने लगी


सुमित निशि के पास आया और उसके बगल में बैठकर उसका सर थपथपाते हुए कहा,”अरे बस बस वो थोड़ा शार्ट टेम्पर है , थोड़ी देर गुस्सा रहेगा फिर मान जायेगा,,,,,,,,,,तुम ज्यादा परेशान मत हो,,,,,,,,,,,,ब्रेकफास्ट करो देन लोकेशन पर आ जाओ आज सीरीज का आखरी शूट है इसके बाद सब वापस मुंबई जा रहे है”
“आखरी शूट ?”,निशि ने पूछा


“हाँ के.डी. ने स्क्रिप्ट में कुछ चेंजेज किये है , वह चाहता है सीरीज को एक साथ रिलीज ना करके पार्ट्स में रिलीज करे इस से ऑडियंश इस सीरीज से ज्यादा कनेक्ट कर पाएगी”,सुमित ने कहा
“हम्म्म,,,,,,,!!”,निशि ने कहा
“अब उठो और फ्रेश होकर ब्रेकफास्ट के लिए बाहर आ जाओ,,,,,,,,,,,एंड डोंट बी सेड यू बोथ आर माय फेवरिट”,सुमित ने कहा और कमरे से बाहर चला गया

प्रताप का घर , बनारस
आज बनारस में सुबह सुबह मौसम काफी अच्छा था आसमान काले बादलों से घिरा था लग रहा था जैसे बारिश होने वाली है। ठंडी हवाएं और उस पर मीठी मीठी सर्दी,,,,,,,,,,,राजन सुबह अपने कमरे में सो रहा था उसने करवट ली और नजर सामने हुक पर टंगे अपने करते पर चली गयी जिसका टुटा बटन पूजा ने लगाया था। वो पल याद आते ही राजन मुस्कुरा उठा , वह उठकर बैठा और कुर्ते को देखने लगा। ठंडी हवा के झोंके ने आकर उसे छुआ तो राजन को ठंड का अहसास हुआ उसने अपना जैकेट उठाया और पहनते हुए कमरे से बाहर चला आया।

बाहर कमरे के सामने वाली खाली जगह में चला आया और सुबह का नजारा देखकर खुश हो गया। आज की सुबह राजन के लिए सच में खूबसूरत थी। उसे कुछ याद आया वह कमरे में आया और अपना फोन लेकर वापस बाहर चला आया। उसने पूजा का नंबर डॉयल किया और फोन कान से लगा लिया। जैसे जैसे रिंग जा रही थी राजन का दिल धड़क रहा था ये एक मीठा सा अहसास था जो राजदुलारी के बाद आज उसे महसूस हो रहा था।
कुछ देर बाद पूजा ने फोन उठाया और कहा,”हेलो ! हांजी कौन ?”


राजन कुछ बोल ही नहीं पाया वह पूजा की प्यारी सी आवाज में खोकर रह गया। जैसे ही पूजा ने फिर से हेलो कहा राजन ने फोन काट दिया और फ़ोन अपने सीने से लगाकर गहरी साँसे लेने लगा। उसके लिए ये सब करना कितना मुश्किल था उसे समझ आ रहा था। पूजा से बात करने का ख्याल फिर से आया तो राजन ने एक बार फिर उसका नंबर डॉयल कर दिया और इस बार फ़ोन उठाने के बाद पूजा के बोलने से पहले ही बोल पड़ा,”हम राजन बोल रहे है”


“बड़ी देर कर दी आपने हमे फोन करने में , लगता है आपको हमारी याद नहीं आयी , लगता है हम भी आपको पसंद नहीं आये,,,,,,हैं ना ?”,पूजा ने शरारत से कहा वह बस राजन को तंग कर रही थी
“अरे नहीं नहीं ऐसी बात नहीं है , वो कल घाट की तरफ चले गए थे घर आये तो काफी बख्त हो चुका था पिताजी ने बताया आपके फोन के बारे में पर रात बहुत हो गयी थी तो हमने आपको डिस्टर्ब नहीं किया,,,,,,,,,,,!!”,राजन ने घबराहट भरे स्वर में कहा

“वैसे हमने भी अभी तक बनारस के घाट नहीं देखे है,,,,,,,,,,,!!”,पूजा ने कहा वह राजन से मिलना चाहती थी लेकिन सीधा ना बोलकर घाट देखने के बहाने से बोल रही थी और राजन ये समझ नहीं पाया।
“तो हो आईये , वैसे भी आपके पिताजी ने बताया था कल कि कुछ दिन यही है आप लोग,,,,,,,,,!!”,राजन ने कहा
“कितना बुद्दू है ये लड़का,,,,,,,,,कुछ समझता ही नहीं है,,,,,,,,,,!!”,पूजा बडबडबाई
“जी कुछ कहा आपने ?”,राजन ने पूछा


“अगर उनके साथ ही घाट देखना होता तो आपसे क्यों पूछते ?”,पूजा ने कहा
“आप हमारे साथ घाट देखना चाहती है ?”,राजन ने धड़कते दिल के साथ पूछा
“क्यों आपके साथ घाट देखने में कोई परेशानी है ? अगर आपका मन नहीं है तो फिर रहने देते है”,पूजा ने कहा
“अरे नाही नाही हमे का परेशानी होगी , हम चलते है ना आपके साथ आप हमे थोड़ा सा बख्त दीजिये हमहू बस आते है,,,,,,,,!!”,राजन ने कहा पूजा से मिलने की एक अजीब ख़ुशी उसे अपने अंदर महसूस हो रही थी।


“ठीक है फिर एड्रेस हम आपको मैसेज कर देते है वही से हमे पिक कर लीजियेगा”,पूजा ने कहा और फोन काट दिया।
राजन मुस्कुरा उठा और जैसे ही पलटा पीछे खड़े प्रताप को देखते ही मुस्कराहट उसके होंठो से गायब हो गयी। उसने हाथ में पकड़ा फोन नीचे कर लिया तो प्रताप ने कहा,”का बेटा ! सुबह सुबह कहा जाने की पिलानिंग होय रही है ? देखो घर मा तुम्हरी शादी की बात चल रही है तो अपने आवारा दोस्तों के साथ घूमना थोड़ा कम कर दयो”
“हम्म्म्म समझ गए पिताजी,,,,,,!!”,राजन ने कहा


“जाकर नहाय ल्यो और तैयार होकर नीचे आ जाओ फिर हमरे साथ फैक्ट्री जाना है ,, का है कि चलकर मैनेजर से सब काम सीख ल्यो अब से फैक्ट्री तुमको ही सम्हालना है। हमहू नीचे तुम्हरा इंतजार कर रहे है जल्दी आना”, प्रताप ने कहा और वहा से चला गया
राजन ने सुना तो पूजा से मिलने की ख़ुशी चेहरे से गायब हो गयी , वह अब अपने पिताजी के साथ फैक्ट्री जाए या पूजा को बनारस के घाट दिखाए,,,,,,,,,,बहुत दुविधा थी,,,,,,,,,,,!!

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संजना किरोड़ीवाल  

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