Main Teri Heer – 3

Main Teri Heer – 3

Main Teri Heer - Season 5
Main Teri Heer – Season 5 by Sanjana Kirodiwal

बनारस , प्रताप का घर
प्रताप से मिलकर भूषण ऊपर राजन के कमरे में आया। उसने देखा राजन कमरे में नहीं है तो भूषण पीछे बरामदे में चला आया। राजन ने देखा राजन बरामदे में पड़ी खटिया पर उलटा लेटा था। भूषण , राजन के पास आया और वहा पड़ी कुर्सी पर बैठते हुए कहा,”का राजन भैया ? किस सोच में उलझे हो ?”
“अरे भूषण ! तुम कब आये ?”,राजन ने उठकर बैठते हुए कहा


“अरे भैया ऐसी खबर लाये है ना आपके लिए सुनकर झूम उठोगे आप,,,,,,,,,,,!!”,भूषण ने ख़ुशी से भरकर कहा
“ऐसी क्या बात है भूषण ? हमे भी बताओ,,,,!!”,राजन ने कहा
भूषण ने मुस्कुरा कर राजन को देखा और कहा,”राजदुलारी बनारस आयी है , आपसे मिलना चाहती है”
राजन ने जैसे ही भूषण के मुंह से राज दुलारी का नाम सुना उसका दिल जोरो से धड़कने लगा। उसकी आँखों के सामने स्कूल वाले वो दिन आने लगे जब वह राज दुलारी को पसंद किया करता था , उसके लिए कच्चे आम लेकर आया करता था , उसका पीछा किया करता था और राज दुलारी उसे मीठी सी झिड़की देकर मुस्कुरा दिया करती थी।


राजन को खोया देखकर भूषण ने अपना हाथ उसके सामने हिलाकर कहा,”का हुआ भैया कहा खो गए ?”
“तुमको राज दुलारी के बारे में कौन बताया ?”,राजन ने भूषण की तरफ देखकर कहा
“हमे हमे उह प्रताप चाचा बताये रहे और फिर उह दिन जब अपनी बहिन का रिश्ता लेकर आये थे तब आप ही ने तो कहा था कि आप राज दुलारी को पसंद करते है , बस ओह्ह के बाद चचा हमसे रिक्वेस्ट किये रहय और हमहू ले आये राज दुलारी को फिर से बनारस तुम्हरे लिए,,,,,,,,,,,!!”,भूषण ने कोई कहानी सुनाते हुए कहा  


 “तुम सच कह रहे हो का भूषण ?”,राजन ने ख़ुशी से भरकर कहा
“अरे भैया गंगा मैया की कसम , तुमसे झूठ काहे बोलेंगे ?”,भूषण ने बहुत ही कॉन्फिडेंस से झूठ कहा
राजन भूषण के जाल में फंस चुका था , वह उठा और कमरे में आकर अपना कबर्ड खोला , उसमे रखी राजदुलारी की स्कूल टाइम की फोटो निकाली और देखकर कहा,”आख़िरकार हमरा प्रेम तुमको बनारस खींच ही लाया दुलारी , हम बता नहीं सकते हम तुमसे मिलने के लिए कितना बेचैन है दुलारी,,,,,,,,,,,

कितना इंतजार किये रहय हम तुम्हरा और तुमहू आज जाके मिली हो,,,,,,,,,,,कसम गंगा मैया की इह बार तुमको जाने नहीं देंगे , रोक लेंगे हमेशा हमेशा के लिए,,,,,,,,,,!!”
“राजन भैया , अरे ओह राजन भैया ,, का हुआ राज दुलारी से मिलने नहीं जाना , अरे चलो भैया उह आपका इंतजार कर रही है,,,,,,,,,,,!”,दरवाजे के बाहर खड़े भूषण ने आवाज दी तो राजन की तंद्रा टूटी , उसने जल्दी से हाथ में पकड़ी तस्वीर को कपड़ो के बीच छिपाया और बाहर आकर कहा,”हाँ , हाँ मिलना है ना , बताओ कब चलना है ?”

“अभी चलना है , उसने कहा है घंटेभर बाद उह घाट पर मिलेगी,,,,,,,,,,,,!”,भूषण ने अपने दाँत कुरेदते हुए कहा
राजन ने नए कपडे पहने , हाथ में घडी , कड़ा , सोने की अँगूठिया पहनी , बाल बनाये और भर भर के सेंट लगाया। उसने महंगे जूते पहने और भूषण के साथ कमरे से बाहर चला आया। भूषण ने राजन को देखा तो बस देखता ही रह गया। राजन आज बहुत स्मार्ट लग रहा था।
दोनों घर से बाहर आये और फिर राजदुलारी से मिलने निकल गए

इंदौर , शिव मंदिर
नंदिता गौरी और काशी को साथ लेकर शहर के शिव मंदिर चली आयी। मुन्ना गौरी की सगाई में किसी तरह की परेशानी न आये इसलिए नंदिता ने मन्नत मांगी थी।  तीनो ने दर्शन किये और फिर शिव गौरी की प्रतिमा के सामने खड़े होकर प्रार्थना करने लगी। नंदिता पंडित जी से बात करने के लिए रुक गयी और काशी गौरी मंदिर में घूमने लगी। सूट में गौरी कुछ ज्यादा ही प्यारी लग रही थी तो काशी उसकी फोटो खींचने लगी।


“काशी लाओ मैं तुम्हारी कुछ तस्वीरें निकालती हूँ”,गौरी ने काशी की तरफ आते हुए कहा और उसके हाथ से फोन लेकर उसकी तस्वीरें निकालने लगी
गौरी ने काशी की कुछ अच्छी तस्वीरें निकाली और फिर दोनों बेंच पर आ बैठी। तस्वीरें देखने के बाद गौरी ने कहा,”अच्छा काशी ! तुम्हारे मुन्ना भैया से शादी हो जाने के बाद तो तुम मुझे भाभी कहकर बुलाओगी ना ?”
काशी ने गौरी की तरफ देखा और कहा,”बिल्कुल नहीं ! तुम हमारी दोस्त हो हम तो तुम्हे गौरी ही कहकर बुलाएँगे,,,,,,,,,,भाभी वाभी सुनना वंश भैया और अंजलि से,,,,,,,!!”


“हाअअअअ तुम कितनी बुरी हो काशी , तुम हमे भाभी कहकर क्यों नहीं बुलाओगी ? और वैसे भी शादी के बाद हम लोग कौनसा रोज रोज मिलने वाले है। तुम यहाँ इंदौर में रहोगी और मैं वहा अपने मान के साथ बनारस में,,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने मुन्ना के ख्यालो में खोते हुए कहा
काशी ने गौरी की बांह पर एक मुक्का जड़ा और कहा,”तुम तो अभी से हमारे मुन्ना भैया के ख्यालो में खो चुकी हो लेकिन मुन्ना भैया को तो तुम्हारा ख्याल भी नहीं है , उन्होंने तुम्हे एक बार भी फोन किया ?”


“हाह नहीं ! ये तो मैंने सोचा ही नहीं , मेरा फ़ोन दो ज़रा,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए गौरी ने काशी के हाथ से अपना फोन लिया और मुन्ना का नंबर डायल कर फोन कान से लगाये वहा से साइड में चली गई।
काशी वही बेंच पर बैठी शक्ति के बारे में सोचने लगी , मुन्ना गौरी के साथ उसकी और शक्ति की शादी भी होने वाली है सोचकर काशी मुस्कुरा उठी और अपनी आने वाली जिंदगी के बारे में सोचने लगी

फिल्मसिटी , मुंबई
वंश और निशि सुबह से शूटिंग के लिए आये हुए थे। शूटिंग खत्म करते करते सुबह से शाम हो गयी लेकिन निशि और वंश के बीच के कोई बात नहीं हुई उल्टा पूरा दिन दोनों एक दूसरे को गुस्से वाला लुक देते रहे। शाम होते होते के.डी ने पैकअप किया और सभी अपने अपने घर जाने लगे। वंश ने देखा निशि जा रही है तो उस से बात करने लिए वह उसके पीछे आया लेकिन निशि उसे इग्नोर करके चली गयी।

वंश जल्दी जल्दी अपना बैग सम्हाले बाहर आया और देखा निशि स्कूटी लेकर निकल रही है तो वंश एकदम वंश एकदम से उसकी स्कूटी के सामने आ गया।
निशि ने घबराकर ब्रेक लगाया और कहा,”ए तुम पागल हो क्या ?”
“तुम , तुम कहा जा रही हो ?”,वंश ने कहा
“जहन्नुम में,,,,,,,,,,!!”,निशि ने गुस्से से कहा


वंश उसके पीछे आकर बैठा और कहा,”ठीक है उस से थोड़ा पहले मेरा फ्लेट है वहा मुझे ड्राप कर देना”
निशि कुछ समझ पाती इस से पहले वंश ने उसकी पीठ पर मारते हुए कहा,”चलो ना किसका इंतजार कर रही हो
“अह्ह्ह्ह चिरकुट”,निशि बड़बड़ाई और स्कूटी आगे बढ़ा दी
निशि के पीछे बैठे वंश ने अपने बालों में हाथ घुमाया और कहा,”वैसे तुम मुझसे इतना गुस्सा क्यों हो ?”
निशि ने सुना और कहा,”तुम मुंबई आये और तुमने मुझे बताया तक नहीं और तो और तुम मेरे सामने उस मायरा से फ्लर्ट कर रहे हो,,,,,,,,,तुम शुरू से ही ऐसे हो फ्लर्टी,,,,,,,,,,!!”


“वेट वेट वेट , मैं कल रात ही मुंबई आया हूँ और मैंने तुम्हे फोन किया था,,,,,,,,,और क्या कहा तुमने फ्लर्टी ? लिस्टन मिस निशि शर्मा मैं लड़कियों के पीछे नहीं जाता लड़किया मेरे पीछे आती है और मैंने अपनी पूरी जिंदगी में सिर्फ एक ही लड़की से फ्लर्ट किया है,,,,,,,,,,!!”,वंश ने गंभीरता से कहा
“किस से ?”,निशि ने स्कूटी चलाते हुए कहा
“तुम से,,,,,,,,,,!”,वंश ने कहा
वंश ने जैसे ही कहा निशि ने एकदम से स्कूटी को ब्रेक मारा और वंश निशि पर आ गिरा , दोनों नीचे गिरते गिरते बचे। वंश को अपने ऊपर गिरा देखकर निशि ने उसे पीछे धकेला और कहा,”ठीक से बैठो,,,,,,,,!!”


“लगता है तुम मुझे मारकर ही दम लोगी,,,,,,,,,!!”,वंश ने पीछे खिसकते हुए कहा
निशि ने अपना सर झटका और स्कूटी स्टार्ट की लेकिन स्टार्ट नहीं हुई , निशि ने झुककर देखा तो पाया स्कूटी का पिछला टायर पंचर हो चुका है। उसने वंश से नीचे उतरने को कहा और खुद भी नीचे उतर गयी। उसने पंचर टायर को लात मारी और कहा,”अह्ह्ह इसे भी अभी पंचर होना था , डेड के पहुँचने से पहले अगर मैं घर नहीं पहुंची तो डेड गुस्सा हो जायेंगे,,,,,,,,,,!!”
“तुम अपने डेड से इतना डरती क्यों हो ?”,वंश ने निशि के बगल में आकर कहा


“क्यों ? तुम नहीं डरते,,,,,,,,,!!”,निशि ने वंश को देखकर गुस्से से पूछा बेचारा वंश सहम गया और पीछे हटते हुए कहा,”अह्ह्ह्हम्म्म डरता हूँ बस थोड़ा सा,,,,,,,वहा सामने पंचर की दुकान है वहा चले ?”
“ये सब तुम्हारी वजह से हुआ है अब तुम ही इसे लेकर आओगे,,,,,,,,,,,,!!”,निशि ने चिढ़ते हुए कहा
वंश अदा के साथ सीने पर हाथ रखकर निशि के सामने झुका और बड़े ही प्यार से कहा,”जी मैडम ! और कुछ,,,,,,!!”
वंश का इतना प्यार से पेश आना भी निशि को कहा मंजूर था इसलिए उसने अपने पैर पटके और वहा से चली गयी।

वंश स्कूटी लेकर पंचर वाले के पास आया , स्कूटी ठीक होने में आधा घंटा लगना था इसलिए वंश निशि के बगल में आ खड़ा हुआ। दोनों खामोश थे लेकिन वंश एक ही जगह पर ज्यादा देर चुपचाप खड़ा रहे ऐसा भला कैसे हो सकता था ? अपने हाथो को बांधे वह निशि की तरफ झुका और कहा,”स्कूटी बनने में टाइम लगेगा क्यों ना वहा चलकर बैठे ?”
निशि ने वंश को घूरकर देखा तो वंश एकदम से सीधा खड़ा हो गया और सामने देखते हुए कहा,”तुम्हे नहीं जाना तो इट्स ओके,,,,,,,,,,!!”


निशि ने वंश की बात का कोई जवाब नहीं दिया और जाकर चाय की टपरी के बाहर पड़ी बेंच पर आ बैठी। वंश भी बालों में हाथ घुमाते हुए निशि के बगल में आ बैठा और दुकानवाले से कहा,”भैया दो कप चाय,,,,,,,,,,,,!!”
चाय का आर्डर देकर वंश ने निशि को देखा तो उसके चेहरे पर परेशानी के भाव देखकर कहा,”तुम इतना परेशान क्यों हो ?”
निशि ने बेचारगी से वंश को देखा और कहा,”डेड नहीं चाहते मैं सीरीज में तुम्हारे साथ काम करू ?”


“तुम्हारे डेड की प्रॉब्लम सीरीज है या मैं ? आई मीन मैं देख रहा हूँ मैं जब से दूसरी बार मुंबई आया हूँ वो मेरे साथ कुछ अजीब पेश आ रहे है”,वंश ने कहा
“अह्ह्ह ऐसा नहीं है डेड लाइक्स यू,,,,,,,,,,,,,!!”,निशि ने कहा
“बट मैं उनसे शादी नहीं कर सकता,,,,,!!”,वंश ने गंभीर होकर कहा
“व्हाट ?”,निशि ने चौंककर वंश की तरफ देखा


“मजाक कर रहा हूँ , अच्छा अगर मैं तुम्हारे डेड को कन्विंस करू तुम्हारी एक्टिंग के लिए तो चलेगा ?”,वंश ने कहा
“वो नहीं मानेंगे,,,,,,,,,,,,उन्होंने मेरे सामने दो ऑप्शन रखे है रखे है , या तो मैं जॉब करू या फिर मैं शादी कर लू,,,,,,,,,,,!!”,निशि ने मायूस होकर कहा    
“इतनी जल्दी शादी ? मेरा मतलब अभी तुम्हारी उम्र नहीं है शादी की ?”,वंश ने कहा
“पता नहीं डेड मेरे साथ ऐसा क्यों कर रहे है ? मॉम चाहती है मैं एक्टिंग में जाऊ लेकिन डेड उन्हें तो एक्टिंग के नाम से भी चिढ है,,,,,,,,,,!!”,निशि ने रोआँसा होकर कहा


“मैं समझ गया,,,,,,,,!!”,वंश ने कहा
“क्या समझ गए ?”,निशि ने पूछा
वंश निशि के बगल से निकलकर उसके सामने आ बैठा और कहा,”नवीन अंकल को एक्टिंग से नहीं बल्कि मुझसे चिढ है , वो नहीं चाहते मैं तुम्हारे साथ रहू”
“लेकिन वो ऐसा क्यों चाहेंगे ?”,निशि ने मासुमियत से पूछा


वंश ने देखा तो बस निशि के चेहरे में खोकर रह गया , ढलते सूरज की रौशनी में निशि इस वक्त इतनी मासूम लग रही थी कि किसी को भी उस से प्यार हो जाये। वंश को खोया देखकर निशि ने अपना हाथ उसके सामने हिलाया और कहा,”क्या हुआ बोलो ना ?”
“क्या तुम सच मे मेरी हीरोइन बनना चाहती हो?”,वंश ने एकदम से कहा
वंश की बात सुनकर निशि का दिल धड़क उठा और वह हैरानी से वंश को देखने लगी तो वंश ने बात सम्हालते हुए कहा,”अह्ह्ह्ह मेरा मतलब सीरीज में , क्या तुम सच में इस सीरीज में काम करना चाहती हो ?”


निशि ने हामी में गर्दन हिला दी , तब तक लड़का चाय ले आया वंश ने उस से चाय ली और कप निशि की तरफ बढाकर कहा,”तो फिर चाय पीओ और बाकि सब मुझ पर छोड़ दो,,,,,,,!!”
निशि ने वंश पर भरोसा दिखाया और चाय पीने लगी लेकिन वह नहीं जान पायी वंश के जहन में इस वक्त कौनसी खिचड़ी पक रही थी,,,,,,,,,,,,,!!

बनारस , अस्सी घाट
दोपहर से शाम होने को आयी लेकिन राज दुलारी नहीं आयी। राजन उसके इंतजार में घाट की सीढ़ी पर यहाँ वहा चक्कर काटता रहा लेकिन दूर दूर तक उसे राजदुलारी दिखाई नहीं दी। थक कर राजन भूषण के पास आया और कहा,”भूषण तुम कही हमे पागल तो नहीं बना रहे , अब तक तो उसे आ जाना चाहिए था”
“राजन भैया उसने कहा था गंगा आरती से पहले उह हमे यही मिलेगी , थोड़ा रुक जाते है का पता कही व्यस्त होगी,,,,,,,,,,,!!”,भूषण ने कहा


निराश होकर राजा भूषण के बगल में एक सीढ़ी नीचे आ बैठा और मायूसी भरे स्वर में कहा,”जब इतने साल में उह नहीं आयी तो अब का आएगी रे भूषण , लगता है महादेव ने हमरे नसीब में प्रेम कहानी लिखी ही नहीं,,,,,,,,,,,,,!!”
भूषण राजन की बात का जवाब देता इस से पहले भूषण और राजन दोनों के कानों में एक मीठी सी आवाज पड़ी,”राजन बाबू”
राजन ने जैसे ही सुना उसके दिल की धड़कने बढ़ गयी और हाथ सीने पर चला गया

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संजना किरोड़ीवाल

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Sakinama Poetry by Sanjana Kirodiwal

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भूषण ने मुस्कुरा कर राजन को देखा और कहा,”राजदुलारी बनारस आयी है , आपसे मिलना चाहती है”
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अरे भैया ऐसी खबर लाये है ना आपके लिए सुनकर झूम उठोगे आप,,,,,,,,,,,!!”,भूषण ने ख़ुशी से भरकर कहा
“ऐसी क्या बात है भूषण ? हमे भी बताओ,,,,!!”,राजन ने कहा
भूषण ने मुस्कुरा कर राजन को देखा और कहा,”राजदुलारी बनारस आयी है , आपसे मिलना चाहती है”
राजन ने जैसे ही भूषण के मुंह से राज दुलारी का नाम सुना उसका दिल जोरो से धड़कने लगा। उसकी आँखों के सामने स्कूल वाले वो दिन आने लगे जब वह राज दुलारी को पसंद किया करता था , उसके लिए कच्चे आम लेकर आया करता था , उसका पीछा किया करता था और राज दुलारी उसे मीठी सी झिड़की देकर मुस्कुरा दिया करती थी।

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