Main Teri Heer – 6
Main Teri Heer – 6

अधिराज जी का घर , इंदौर
दिनभर गौरी के साथ वक्त बिताने के बाद काशी शाम में घर आयी। काशी अंदर आयी देखा अधिराज जी और अम्बिका हॉल में बैठे चाय पी रहे थे। काशी उनके पास आयी और अधिराज जी को पीछे से हग करते हुए कहा,”नानाजी ! आज कितने दिनों बाद हम शिव मंदिर गए थे , हमे वहा बहुत सुकून मिला। नंदिता आंटी ने हमे अपने पुश्तैनी मंदिर भी घुमाया और कचौड़ी भी खिलाई,,,,,,,,,,उसके बाद हम लोग खजराना मंदिर गए थे। हमने वहा आप दोनों को बहुत मिस किया,,,,,,,,,,अगली बार हम सब साथ में चलेंगे”
“हाँ काशी बिल्कुल ! तुम चाय लोगी ?”,अम्बिका जी ने पूछा
“नहीं नानी माँ , हम अभी अभी गौरी के घर से चाय पीकर आये है”,काशी ने कहा
“शक्ति तुमसे मिलने आया था। काफी देर से तुम्हारा इंतजार कर रहा है जाकर उस से मिल लो”,अधिराज जी ने प्यार से कहा
शक्ति मिलने आया है सुनकर काशी को हैरानी हुई क्योकि शक्ति घर आ रहा है इस बारे में उसने काशी को नहीं बताया था। काशी ने अधिराज की तरफ देखा और कहा,” हम्म्म लेकिन वो है कहा ?”
“बाहर गार्डन में है , जाओ जाकर मिल लो”,अधिराज जी ने कहा
अम्बिका जी ने ट्रे में रखे खाली कप में चाय निकाली और काशी से कहा,”काशी ! दामाद जी के लिए चाय लेकर जाओ बेटा”
काशी ने चाय का कप उठाया और लेकर बाहर चली आयी। शक्ति गार्डन में खड़ा किसी सोच में डूबा सामने गमले में लगे पोधो को देख रहा था। काशी को घर आते हुए उसने नहीं देखा था।
काशी चाय लेकर शक्ति के बगल में आकर खड़ी हो गयी और कहा,”चाय !”
काशी की आवाज से शक्ति की तंद्रा टूटी वह काशी की तरफ पलटा और कहा,”तुम कब आयी ?”
“बस अभी अभी , लेकिन तुमने हमे बताया क्यों नहीं कि तुम घर आ रहे हो ?”,काशी ने चाय का कप शक्ति की तरफ बढाकर कहा
शक्ति ने काशी के हाथो से चाय का कप लिया और कहा,”हमे मिलकर तुमसे कुछ बात करनी थी , हमे लगा हमे ऐसे अचानक घर में देखकर तुम खुश हो जाओगी इसलिए नहीं बताया लेकिन जब हम यहाँ आये तो नानाजी ने बताया कि तुम गौरी और उसकी फॅमिली के साथ मंदिर गयी हो। हम तुम्हे परेशान करना नहीं चाहते थे इसलिए हमने तुम्हे फोन करने के बजाय इंतजार करना ठीक समझा , और तुम्हारे इंतजार में हमे नानाजी-नानी माँ के साथ वक्त बिताने का मौका मिल गया।”
“अच्छा हुआ नानाजी और नानी माँ तो तुम्हे पहले ही बहुत पसंद करते है,,,,,,,,,अच्छा अब ये बताओ हम से क्या बात करनी थी तुम्हे ?”,काशी ने पूछा
शक्ति अब तक अपनी चाय खत्म कर चुका था इसलिए कहा,”हमे मुन्ना के बारे में तुम से बात करनी है”
“मुन्ना भैया के बारे में ?”,काशी ने हैरानी से कहा
शक्ति ने एक ठंडी आह भरी और काशी को मुन्ना के बारे में सब बता दिया। कैसे उसने मुन्ना को सबूत हासिल करने के लिए इस्तेमाल किया ,
कैसे उसने मुन्ना को राजनीती से जुड़े मामलो में शामिल किया , उसने काशी को सब बताया और आखिर में कहा,”मुन्ना हम से बहुत नाराज है और उसकी नाराजगी जायज है काशी लेकिन ये सब हमने असली गुनाहगारो को जेल की सलाखों के पीछे डालने के लिए किया। हमने मुन्ना को सब समझाने की कोशिश की लेकिन मुन्ना कुछ सुनने को तैयार ही नहीं है,,,,,,,,,,,,घर में तुम मुन्ना के सबसे करीब हो इसलिए हमे लगा , हमे तुम से बात करनी चाहिए,,,,,,,!!”
शक्ति की बात सुनकर काशी उदास हो गयी और मायूसी भरे स्वर में कहा,”ये तुमने मुन्ना भैया के साथ अच्छा नहीं किया शक्ति ,, हमारे मुन्ना भैया बहुत सीधे इंसान है अपने स्वार्थ के लिए तुम्हे उन्हें इस्तेमाल नहीं करना चाहिए था। सच्चाई जानकर उन्हें कितना बुरा लगा होगा शक्ति , किसी को भी लगेगा ,, अगर उन्हें पता होता ये सब राजनीती से जुड़ा है तो वो तुम्हारी मदद कभी नहीं करते शक्ति,,,,,,,,,उन्होंने सिर्फ मुरारी चाचा को बचाने के लिए ये सब किया , लेकिन तुमने उन्हें दुःख पहुंचाया तुम्हे ऐसा नहीं करना चाहिए था।
तुम भूल गए शक्ति हमारे लिए घर में पापा से बात करने वाले मुन्ना भैया ही थे , मुन्ना भैया ने ही हमारे प्यार को समझा और हमारा साथ दिया , फिर तुम उनके साथ ऐसा कैसे कर सकते हो ?”
काशी की बात सुनकर शक्ति का सर शर्म से झुक गया , उसे अब अहसास हो रहा था कि मुन्ना को इन सब में शामिल करके उसने गलती की थी।
वह काफी देर खामोश रहा और फिर धीमे स्वर में कहा,”हम जानते है काशी हम से गलती हुई है , और हम उस गलती को सुधारना चाहते है इसलिए तो तुम से मदद मांगने आये है,,,,,,,,,,,,तुम्हारी बात मुन्ना कभी नहीं टालेगा वो तुम से बहुत प्यार करता है।”
काशी मुस्कुराई और कहा,”तो फिर तुम्हे हम से नहीं बल्कि वंश भैया से मदद मांगनी चाहिए,,,,,,,,,,क्योकि पुरे बनारस में अगर कोई मुन्ना भैया के सबसे ज्यादा करीब है तो वो है वंश भैया,,,,,,,,,,,,!!”
शक्ति सोच में पड़ गया और धीरे से कहा,”तो क्या अब हमे वंश को मनाना पडेगा ? उस साले से तो हमारी वैसे ही नहीं बनती अब अगर मदद मांगी तो उसके भाव और बढ़ जायेंगे,,,,,,,,!!”
“तुमने हमारे भैया को साले कहा ?”,काशी ने गुस्से से शक्ति को आँखे दिखाकर कहा
शक्ति ने काशी का गाल खींचा और प्यार से कहा,”गाली वाला साले नहीं बेटा रिश्ते वाला साला,,,,,,,,,,हम्म्म्म”
काशी ने सुना तो मासूमियत से मुस्कुरा दी लेकीन शक्ति के जहन में चल रहे थे वंश मुन्ना,,,,,,,!!
मुरारी का घर , बनारस
रात के खाने के बाद मुरारी अपने कमरे में चला आया और बैठकर सगाई के खर्च का सब हिसाब किताब लगाने लगा। अनु ने किशना से सब काम खत्म करने को कहा और खुद किचन से बाहर चली आयी। हॉल से निकलकर जैसे ही अपने कमरे की तरफ जाने लगी हॉल में रखा फोन बजा।
अनु ने आकर फोन उठाया तो दूसरी तरफ से गौरी ने कहा,”हेलो ! नमस्ते अनु मौसी,,,,,,,,,,,,मान कहा है ? वो मुझसे बात कर रहा था और बात करते करते ही उसका फोन कट गया , मैं कब से उसे फ़ोन कर रही हूँ लेकिन उसका फ़ोन आउट ऑफ़ रीच आ रहा है”
गौरी के मुंह से अपने लिए अनु मौसी सुनकर अनु मुस्कुरा उठी और कहा,”गौरी बेटा मुन्ना और तुम्हारी सगाई हो चुकी है अब भी क्या तुम मुझे अनु मौसी कहकर बुलाओगी,,,,,,हम्म्म !”
गौरी ने सुना तो हाथ में पकड़ा फोन अपने सर पर मारा और कहा,”अह्ह्ह्ह सॉरी , धीरे धीरे आदत डाल लुंगी वैसे मैं आपको क्या कहकर बुलाऊ ?”
“जो तुम्हारा दिल करे”,अनु ने कहा
“मान आपको क्या कहकर बुलाता है ?”,गौरी ने प्यार से पूछा
“वो तो मुझे माँ कहता है और सारिका दी को बड़ी माँ , लेकिन तुमपर कोई पाबंदी नहीं है तुम्हे जो अच्छा लगे तुम बुला सकती हो , माँ , मम्मी , मॉम बस अनु मौसी नहीं,,,,,,,,,,,,!!”,अनु ने हँसते हुए कहा
“क्या माँ आप भी , वो तो मैं बस काशी की वजह से आपको मौसी बुलाती थी अब तो आप कुछ दिनों में मेरी सासु माँ बन जायेगी,,,,,,,,,,तो क्यों ना मैं आपको सासु माँ कहकर बुलाऊ,,,,,,,,,,,ये कैसा रहेगा ?”,गौरी ने चहकते हुए कहा
“जो तुम्हे अच्छा लगे मुझे तो बस तुम्हारे इस घर में आने का इंतजार है,,,,,,,,,!!’,अनु ने कहा
“वो तो मैं आ ही जाउंगी सासु माँ , अब अच्छा बताईये ना मान कहा है ?”,गौरी ने मचलते हुए कहा
“मुन्ना अपने कमरे में है मैं उस से कह देती हूँ वह तुम से बात कर लेगा ठीक है,,,,,,,,,,,!!”,अनु ने कहा
“थैंक्यू सासु माँ,,,,,,,,,,,,,आप बहुत स्वीट है,,,,,,,,बाय”,गौरी ने कहा
“बाय बेटा”,अनु ने कहा और फोन रख दिया
फोन रखकर अनु जैसे ही सीढ़ियों की तरफ जाने लगी उसे सामने से आता मुन्ना दिखाई दिया। मुन्ना नीचे आया तो अनु ने कहा,”तुम्हारा फोन क्यों नहीं लग रहा मुन्ना ? गौरी का फोन आया था वह तुम से बात करना चाहती है”
“अह्ह्ह्ह हमारा फोन टूट गया है माँ , हम उसे फोन कर लेंगे,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा
“क्या हुआ तुम कुछ परेशान दिख रहे हो , तुम्हे कुछ चाहिए ?”,अनु ने मुन्ना के चेहरे की परेशानी भांपते हुए कहा
“नहीं माँ हम ठीक है , वो बस सफर काफी लंबा था ना तो बस थोड़ी थकावट हो रही है,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा
अनु ने मुन्ना का हाथ पकड़ा और उसे हॉल में रखे सोफे की तरफ लाते हुए कहा,”तो फिर यहाँ बैठो , मैं किशना से कहकर तुम्हारे लिए अभी एक स्ट्रांग कॉफी बनवा देती हूँ”
“किशना भैया को खामखा परेशान कर रही है आप , हम ठीक है”,मुन्ना ने कहा
तभी किशना ने किचन से बाहर आते हुए कहा,”अरे ! इसमें परेशानी की का बात है और आपके लिए कॉफी बनाने से परेशान होने लगे हम तो फिर हो गवा हमरा कल्याण”
किशना की बात सुनकर मुन्ना मुस्कुराने लगा तो अनु ने मुन्ना की तरफ देखकर शरारत से कहा,”अरे किशना बस कुछ दिन और फिर तो इस घर में गौरी आ जाएगी और मैंने सुना है वो कॉफी बहुत अच्छी बनाती है।”
मुन्ना से सुना तो शर्म से उसका चेहरा लाल हो गया और उसने अनु की बात इग्नोर करने के लिए कहा,”पापा कही नजर नहीं आ रहे”
“मिश्रा जी आज हिसाब किताब में उलझे है”,अनु ने कहा
“कैसा हिसाब किताब ?”,मुन्ना ने पूछा
“तुम्हारी सगाई में जो उन्होंने खर्चे किये है उनका हिसाब , तुम्हारे पापा भी ना मुन्ना , इतने सालो में इतना कमाया लेकिन बेटे की सगाई में सोच सोच के पैसा खर्च किया है,,,,,,,,,तुम कॉफी पीकर सोने चले जाना , मैं चलती हूँ मुझे बहुत नींद आ रही है”,कहते हुए अनु वहा से चली गयी।
“गुड नाईट माँ”,मुन्ना ने कहा
“गुड नाईट बेटा”,अनु ने कहा और मुन्ना का सर सहलाकर वहा से चली गयी
अनु के जाने के बाद मुन्ना वही बैठा कॉफी का इंतजार करने लगा। हालाँकि मुन्ना चाय पसंद करता था लेकिन कभी कभार कॉफी पी लिया करता था। कुछ देर बाद सामने रखा फोन बजा। मुन्ना ने फोन उठाकर कान से लगाया और कहा,”हेलो !”
“थैंक गॉड तुमने फोन उठाया , तुम्हारा नंबर शाम से बंद क्यों आ रहा है ? और तुम , तुम कहा बिजी हो,,,,,,,,,,,,पता है मैं कितना परेशान हो गयी थी,,,,,,!!”,दूसरी तरफ से गौरी की आवाज उभरी
मुन्ना को याद आया उसका फोन शाम से ही बंद है और वह गौरी को फोन करना भूल गया था।
“हमारा फोन टूट गया है गौरी और माफ़ करना हम तुम्हे बता भी नहीं पाए,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने धीमे स्वर में मासूमियत से कहा
“ओह्ह्ह ऐसा क्या ? खैर छोडो तुम इस वक्त जाग रहे हो,,,,,,,,,,,,,अहमम अहममम मेरी याद आ रही होगी ना और इसलिए तुम सो नहीं पा रहे,,,,,,,,,,,,,हाह मेरा भी यही हाल है,,,,,,,,,,पर इस इंतजार में भी एक मजा है , एक तड़प है”,गौरी ने चहकते हुए कहा
“गौरी हमे लगता है तुम पागल हो गयी हो , जब देखो तब बस हमारे बारे में सोचती रहती हो,,,,,,,,,,,तुम अपनी पढाई से , अपने लक्ष्य से भटक रही हो”,मुन्ना ने गंभीरता से कहा
“अरे भाड़ में गया सब मुझे तो बस सोते-जागते , उठते-बैठते , खाते-पीते , घूमते-फिरते सिर्फ तुम्हारा ही ख्याल रहता है मानवेन्द्र मिश्रा”,गौरी ने बड़े प्यार से कहा तो मुन्ना मुस्कुराने लगा
किशना मुन्ना के सामने कॉफी लेकर खड़ा है , मुन्ना को मुस्कुराते देखकर किशना भी मुस्कुराने लगा।
गौरी से बात करते हुए मुन्ना की नजर सामने खड़े किशना पर पड़ी तो मुन्ना झेंप गया और कप लेकर किशना से जाने का इशारा किया। किशना मुस्कुराते हुए वहा से चला गया। मुन्ना ने कॉफी पीते हुए गौरी से बात की और फिर उसे सुबह फोन करने का कहकर फोन रख दिया। मुन्ना ने खाली कप रखा और उठकर अपने कमरे में चला आया। मुन्ना को अपना पुराना फोन याद आया , उसने कबर्ड खोला और अपना पुराना फोन ढूंढने लगा। कुछ देर बाद मुन्ना के हाथ फोन तो नहीं लगा लेकिन एक सिल्वर ब्रासलेट जरूर हाथ लगा।
मुन्ना ने उसे बाहर निकाला और ध्यान से देखा , ये एक मेल ब्रासलेट था मुन्ना सोच में पड़ गया और खुद में ही बड़बड़ाया,”ये किसका हो सकता है ? जरूर हमारे पीछे से कोई इस कमरे में आया था,,,,,,,,,,,!!”
मुन्ना जल्दी से अपनी स्टडी टेबल की तरफ आया और उसका ड्रॉवर खोलकर देखा जिसमे से मुन्ना का कुछ जरुरी सामान गायब था और एक आधी फटी हुई तस्वीर थी।
मुन्ना का शक सही था उसके पीछे से इस घर में कोई तो आया था जिसे मुन्ना की निजी जिंदगी में दिलचस्पी थी। मुन्ना ने हाथ में पकडे ब्रासलेट को ड्रॉवर में डाला और कबर्ड की तरफ आकर अपने कपडे लेने लगा। उसने अपना ट्राउजर टीशर्ट लिया और बाथरूम की तरफ बढ़ गया।
शावर के नीचे खड़ा मुन्ना सोच विचार में उलझा था , वह जानना चाहता था आखिर ये कौन था जो उसकी छानबीन कर रहा था। मुन्ना ने अपनी आँखे मूंद ली और सहसा ही उसके कानो में भूषण की कही बात गुंजी “बनारस युवा इलेक्शन का टिकट हमे मिल चुका है मुन्ना , अब हम दिखाएंगे बनारस में अपना भौकाल,,,,,,,,,,वैसे भी अब मुरारी मिश्रा और मुरारी मिश्रा का भौकाल दोनों ही ठंडे पड़ चुके है। बनारस को जरुरत है एक गर्म खून की,,,,,,,,,,,,,तुम खैर मनाओ मुन्ना , जिस दिन युवा नेता बने ना सबसे पहिले तुम्हारा कर्ज सूद समेत चुकाएंगे”
मुन्ना ने झटके से अपनी आँखे खोली और खुद में ही बड़बड़ाया,”नहीं , भूषण नहीं हो सकता ,, उसमे इतनी हिम्मत नहीं है कि वो यहाँ तक पहुंचे,,,,,,,,,ये कोई और है जिसका हमे पता लगाना पडेगा”
मुन्ना ने कपडे बदले और बाथरूम से बाहर चला आया। रात के 11 बज रहे थे और मुन्ना सोने के बजाय अपनी स्टडी टेबल पर लेपटॉप के सामने आ बैठा और काम करने लगा।
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संजना किरोड़ीवाल


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“हाँ काशी बिल्कुल ! तुम चाय लोगी ?”,अम्बिका जी ने पूछा
Ab shakti ko achche se manana hoga Munna ko…usne sach m Munna ka use Kiya sab kuch jante huye bhi…ab kashi ne usko bta diya hai ki kon uski help karega… vansh jis se uski khati meethi takrar hoti hai…lakin yaha Munna ko yeh pta Krna hoga ki uske room kon aaya hoga… zarur Rajan Munna aaya hoga…quki wo braslet bhi uska tha…par wo kisliye aaya tha