Main Teri Heer Season 5 – 45

Main Teri Heer Season 5 – 45

Main Teri Heer - Season 5
Main Teri Heer – Season 5 by Sanjana Kirodiwal

लड़को को चेतावनी देकर मुन्ना जैसे ही सीढ़ियों से होकर ऊपर जाने लगा किसी ने पीछे से आकर उसे धक्का मारा और मुन्ना नीचे जा गिरा। मुन्ना का सफेद  शर्ट मिटटी में हो गया। मुन्ना उठा और खुद को झाड़ते हुए सामने देखा तो वही लड़का खड़ा था जिसे कुछ देर पहले मुन्ना ने थप्पड़ मारा था। मुन्ना कुछ कहता इस से पहले लड़के के पीछे से 6-7 लड़के निकलकर आगे आये मुन्ना ने देखा ये वो लड़के नहीं थे जो नाव पर लड़को के साथ थे। लड़के ने मुन्ना को देखा और गुस्से से कहा,”मुझ पर हाथ उठाकर तूने बहुत बड़ी गलती कर दी , ऐसा नहीं करना चाहिए था।

क्या गलत किया मैंने मैं बस अपने दोस्तों के साथ एन्जॉय करने आया था , क्या हो गया अगर मैंने थोड़ी सी शराब पी ली , और क्या हो गया अगर मैंने थोड़ा नशा कर लिया , क्या हो गया अगर मैंने यहाँ की किसी लड़की की कमर में हाथ डालकर उसके साथ एन्जॉय कर लिया,,,,,,!!”
कहते हुए लड़के ने सामने से गुजरती लड़की की कमर में हाथ डालकर उसे पकड़ लिया।
“छोडो मुझे,,,,,,,,,,,,,क्या कर रहे हो ?”,लड़की ने लड़के की बांह में छटपटाते हुए कहा
“लड़की को छोड़,,,,,,!!”,मुन्ना ने गुस्से से कहा


“तू थोड़ा सा पागल है क्या ? तुझे लगता है तू कहेगा और मैं तेरी हर बात मानूंगा,,,,,,,,,,,!!”,लड़के ने कहा
मुन्ना ने आव देखा न ताव लड़के के सामने आया और खींचकर अपना सख्त हाथ लड़के गाल और कनपटी पर दे मारा। एक पल को लड़के का पूरा सर झन्ना गया और आँखों के आगे अन्धेरा दिखाई दिया। मुन्ना ने लड़की की कलाई पकड़कर उसे साइड में खींचा और लड़के से दूर करके कहा,”घर जाओ”
लड़की वहा से चली गयी , तभी मुन्ना के लड़के वहा आ गए और कहा,”का हुआ मुन्ना भैया कोनो दिक्कत है का ? हम देखे ?”


मुन्ना ने हाथ करके सबको रोक दिया , उन लड़को के लिए तो वह अकेला ही काफी था। जिस लड़के को थप्पड़ पड़ा था मुन्ना ने उसे दो चार थप्पड़ और मारे तो लड़का गुस्से से चिल्लाया,”खड़े खड़े मेरा मुंह क्या देख रहे हो मारो इसे ?”
लड़के के साथ खड़े लड़को ने एक साथ मुन्ना पर हमला कर दिया ये देखकर मुन्ना के लड़के भी चले आये और घाट पर भयंकर लड़ाई शुरू हो गयी।  

मुन्ना ने भी सब पर खूब हाथ साफ किया। आज पहली बार किसी लड़ाई में वंश उसके साथ नहीं था। मुन्ना ने देखा उसके लड़को में से एक लड़के को चार लड़को ने घेर रखा है तो मुन्ना उस तरफ बढ़ा लेकिन तभी किसी ने हॉकी जोर से उसके सर पर मारा और मुन्ना नीचे आ गिरा। अचानक हॉकी लगने से मुन्ना का सर एक पल के लिए घूम गया , उसे समझ नहीं आया अचानक ये क्या हुआ ? उसने उठने की कोशिश की लेकिन सर घूमने की वजह से उठ नहीं पाया तभी हॉकी हाथ में लिए लड़का उसके सामने आया और जैसे ही फिर से मारने के लिए हॉकी को हवा में उठाकर मुन्ना की तरफ बढ़ाया ,

मुन्ना ने आँखे मीच ली लेकिन मुन्ना को हॉकी ने छुआ तक नहीं मुन्ना ने आँखे खोलकर देखा तो पाया हॉकी उसके मुंह के बिल्कुल पास थी और एक हाथ ने मजबूती से उसे थाम रखा था। मुन्ना ने अपने बगल में देखा तो हैरानी का ठिकाना नहीं रहा साथ ही आँखों में सुकून के भाव दिखाई दिए।

हॉकी को थामे , मुन्ना की बगल में शिवम् खड़ा था
मुन्ना को कॉलेज का वो दिन याद आ गया जब किसी लड़ाई में बिल्कुल ऐसे ही वह वंश के बगल में खड़ा था। शिवम् ने एक हाथ से हॉकी थाम रखी थी और दूसरे हाथ से मुन्ना को उठाकर साइड किया और हॉकी वाले लड़के को एक घुसा दे मारा लड़का उछलकर नीचे जा गिरा।

मुन्ना ने जैसे ही लड़को की तरफ बढ़ना चाहा शिवम् ने उसकी तरफ गुस्से से देखा और ऊँगली से उसे वही बैठने का इशारा किया। मुन्ना के कदम वही रुक गए और वह वही तख्ते पर बैठ गया। पंडित जी ने जब मुन्ना के ललाट से खून बहता देखा तो अपने गले में पड़ा गमछा उसकी चोट पर रखकर कहा,”हमरी वजह से तुमको जे सब से लड़ना पड़ रहा है मुन्ना”
“नहीं पंडित जी , बनारस जितना आपका है उतना यहाँ रहने वाले हर इंसान का है और कोई इसे नुकसान पहुंचाए जे हम होने नाही देंगे”,मुन्ना ने पंडित जी की तरफ देखकर कहा

शिवम् अपने कुर्ते की बाजू फोल्ड करते हुए सीढ़ियों से नीचे आया और उसके बाद उसने उन लड़को को जो मारा है पुरे अस्सी घाट के लोग बस देखते ही रह गए। खुद मुन्ना भी क्योकि आज से पहले उसने शिवम् को हमेशा शांत और कम बात करते ही देखा था। आज मुन्ना को शिवम् में वो नौजवान शिवम नजर आ


रहा था जो उसके पिता के साथ घाट पर घुमा करता था। पंडित जी ने जब शिवम् को देखा तो कहा,”कितने सालो बाद शिवा का जे रूप देख रहे है,,,,,,,,,,,यही तो खूबसूरती है हमरे महादेव की शांत रहे तो इतना कि माँ गंगा तक को सर बैठा ले और गुस्सा आये तो तांडव,,,,,,पर इन उदण्ड लड़को के साथ तो यही होना चाहिए था।”
मुन्ना ने सुना तो पंडित जी को देखा और फिर नजरे शिवम् पर टिक गयी  

घाट पर होती लड़ाई देखकर किसी ने पुलिस को फोन कर दिया था। जब तक पुलिस आयी शिवम ने लड़को को पीटकर अधमरा कर दिया था। पुलिस ने लड़को को पकड़ा और वहा से ले गयी। मुन्ना की तरफ के लड़के मुन्ना के पास आये तो शिवम् ने उन्हें फटकार लगाते हुए कहा,”इन जैसे लोगो के लिए पुलिस है कानून है या फिर तुम सबने खुद को ही कानून समझ लिया है,,,,,,,,,,देख रहे हो जे झगडे की वजह से घाट पर कितना नुकसान हुआ है,,,,,,,!!”


शिवम् की फटकार सुनकर लड़को ने सर झुका लिया। शिवम् ने मुन्ना की तरफ देखा और कहा,”और मुन्ना तुम ! तुम कब से इन लड़ाई झगड़ो में विश्वास करने लगे ? तुम एक शांत समझदार लड़के हो तुमसे तो ये उम्मीद नहीं की थी हमने,,,,,,अगर हम वक्त पर नहीं पहुँचते तो जानते हो ना क्या होता ?”
“बड़े पापा आपने उन्हें क्यों मारा ? आप भी तो हमारी तरह लड़ाई झगडे में विश्वास नहीं रखते ना”,मुन्ना ने शिवम् से सवाल किया


शिवम् ने मुन्ना की आँखों में देखा और कहा,”क्योकि उन लोगो ने हमारे अपने को चोट पहुंचाने की कोशिश की”
“बनारस भी तो हमारा अपना है ना बड़े पापा , फिर हम इसके साथ गलत होते कैसे देख सकते थे ? हमने ऐसा कुछ नहीं किया जिस से आपको या पापा को हमारी वजह से किसी तरह की परेशानी हो। हमने बस अपना फर्ज निभाया है इस शहर को लेकर,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने गंभीरता से कहा


शिवम् ने सुना तो एकटक मुन्ना को देखने लगा उसे मुन्ना में नौजवान मुरारी नजर आ रहा था जब वह पहली बार बनारस का विधायक बना था और उसने शिवम् से कहा था “शिवम् भैया ! जब तक राजनीती मा है ना इह शहर की शानो-शौकत पर कोनो आंच नाही आने देंगे , जे शहर भी तो हमरा अपना है न”
शिवम् को खामोश देखकर मुन्ना ने कहा,”हमने सच में कुछ गलत नहीं किया बड़े पापा”


शिवम् की तंद्रा टूटी उसने मुन्ना का ललाट देखा और उसके पास आकर परेशानी भरे स्वर में कहा,”सर पर चोट लगी है , खून भी बह रहा है। चलो उठो और हमारे साथ आओ,,,,,,,,,!!”
मुन्ना उठा और शिवम् के साथ वहा से चला गया। घाट पर एक बार फिर सब सामान्य हो गया और चहल पहल बढ़ गयी

शक्ति ने सबके साथ मिलकर अपनी शादी के शॉपिंग की और सबके साथ अच्छा वक्त बिताया। शाम होते होते नंदिता जी , गौरी और जय कैब बुक करके घर चले गए और अधिराज जी , अम्बिका और काशी को घर छोड़ने शक्ति चला आया। उन्हें घर छोड़कर शक्ति अपने घर के लिए निकल गया अगले दिन उसे बनारस जाना था लेकिन उस से पहले एक जरुरी केस था जिसकी रिपोर्टिंग भी करनी थी। शक्ति घर आकर बनारस जाने के लिए बैग पैक करने लगा।

गौरी अपने शॉपिंग के बैग उठाये घर में दाखिल हुई और उन्हें टेबल पर रखकर सोफे पर पसर गयी। जय अपने बैग लेकर अपने कमरे में चला गया और नंदिता जी ने अपने बैग और दूसरा जरुरी सामान डायनिंग टेबल पर रखा और सोफे पर बैठते हुए कहा,”अगर ऐसे ही शॉपिंग होती रही तो मेरे घुटने जवाब दे देंगे”
“मैं भी आज काफी थक गयी हूँ मम्मा , मुझे एक स्ट्रांग चाय की जरूरत है क्या आप बना देंगी प्लीज ?”,गौरी ने कहा


नंदिता थकी हुयी थी लेकिन गौरी का कहा कैसे टालती 3 हफ्ते बाद तो उनकी बेटी उन्हें छोड़कर जो जाने वाली थी , वे जैसे ही उठने को हुई उनके पीछे से गुजरते जय ने उनके कंधे पर हाथ रखकर उन्हें बैठाते हुए कहा,”मम्मा आप बैठो आप दोनों के लिए चाय मैं बना देता हूँ”


नंदिता ने सुना तो हैरानी से पलटकर जय को देखा , गौरी ने सुना तो वह सोफे से गिरते गिरते बची और उठकर नंदिता से कहा,”मम्मा आपने सुना इस लड़के ने क्या कहा ? इसने कहा ये हम दोनों के लिए चाय बना देगा , केन यू इमेजिन मम्मा जो लड़का एक गिलास पानी खुद से नहीं लेता वो आपके और मेरे लिए चाय बनाने की बात कर रहा है,,,,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह्हह ये किसी चमत्कार से कम नहीं है”


“ये कोई चमत्कार नहीं है , वैसे भी आपके जाने के बाद मुझे ही मम्मा का ख्याल रखना है”,जय ने किचन की तरफ जाते हुए कहा तो नंदिता मुस्कुरा दी लेकिन गौरी के चेहरे पर उदासी तैरने लगी और उसने नंदिता से कहा,”मम्मा क्या मेरी शादी के बाद आप लोग मुझे भूल जाओगे ?”
“कैसी बाते कर रही हो गौरी ? बेटियों को भी भला कोई भूलता है क्या ? शादी के बाद भी तुम्हारा इस घर पर उतना ही हक़ होगा जितना अब है,,,,,,,,,,,,तुम्हारा जब मन करे तुम तब यहाँ आ सकती हो,,,,,,,!”,नंदिता ने कहा


नंदिता की प्यार भरी बाते सुनकर गौरी उठी और उनके बगल में बैठकर उनके सीने से लगते हुए कहा,”पता नहीं क्यों पर जैसे जैसे वक्त गुजर रहा है मुझे आपको छोड़कर जाना अच्छा नहीं लग रहा,,,,,,,,,मुझे आपको छोड़कर नहीं जाना मम्मा”
“धत पगली ! बेटियों को तो एक ना एक दिन ससुराल जाना ही पड़ता है , मैं भी तो आयी थी वैसे ही तुम भी जाओगी , कल को जय की शादी होगी तो इसकी पत्नी भी अपने मम्मी पापा को छोड़कर इस घर में आएगी , ये तो संसार की रीत है बेटा और तुझे तो खुश होना चाहिए तुझे इतना प्यार करने वाला और तेरे नखरे उठाने वाला लड़का मिला है”,नंदिता ने गौरी के बालों को सहलाते हुए प्यार से कहा


गौरी उनसे दूर हटी और कहा,”ऐसा आपको लगता है मम्मा नखरे मान नहीं मैं उठाती हूँ उसके , खुश उसे होना चाहिए कि उसे इतनी समझदार , प्यारी और इतनी सारी बाते करने वाली लड़की मिलेगी , वरना वो तो इतना शांत और सीरियस है हाँ ना से ज्यादा कुछ कहता ही नहीं है,,,,,,,,,,!!”
“पर मुझे पूरा यकीन है गौरी मानवेन्द्र जी तुम्हे बहुत खुश रखेंगे और तुम्हारे सारे नखरे भी उठाएंगे,,,,,,,,,,,!!”,नंदिता ने कहा


गौरी अभी नंदिता से बात कर ही रही थी कि तभी उसका फोन बजा , गौरी ने देखा फोन बनारस से था वो भी मुरारी का। गौरी ने फोन उठाया और चहकते हुए कहा,”हेलो पापा ! कैसे है आप ?”
“हेलो गौरी , हम ठीक है , नंदिता जी है क्या आस पास ज़रा उनसे बात करवाना कुछो जरुरी बात करनी है,,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने बुझे स्वर में कहा
“क्या बात है पापा आज आप इतना बुझे बुझे क्यों है ?”,गौरी ने कहा


“का बताये गौरी हम पर का का जुल्म हो रवा है , उह सब हम तुमका बाद मा बताएँगे पहिले नंदिता जी से थोड़ा बात कर ले , शादी की रस्मो को लेकर कुछो पूछना है उनसे,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने कहा
“हाँ हाँ , मम्मा मान के पापा आपसे बात करना चाहते है”,कहते हुए गौरी ने अपना फोन नंदिता को दिया और खुद फ्रेश होने चली गयी।

लोनावला , पुणे
वंश और सुमित जेंट्स वाशरूम से बाहर आये तो उन्होंने निशि को दिवार से कान लगाए देखा। वंश ने सुमित से इशारा किया तो सुमित उसके साथ चलते हुए धीरे से बड़बड़ाया,”अंबिलीवेबल , तुम निशि के बारे में इतना कैसे जानते हो ?”
“पसंदीदा औरत का चक्कर सुमित सर,,,,,,,,आप नहीं समझेंगे,,,,,,!!”,कहते हुए वंश आगे बढ़ गया
“यू आर क्रेज़ी मेंन,,,,,,,,,,,हे निशि तुम जेंट्स वाशरूम के बाहर क्या कर रही हो ?”,सुमित वंश को जाते देखकर बबडबाया और फिर पलटकर निशि से कहा


सुमित को वहा देखकर निशि हड़बड़ाई और कहा,”अह्ह्ह क कुछ नहीं सर मैं आपको ही देखने आयी थी , अब देख लिया अच्छे लग रहे है आप , बाय सर”,निशि ने कहा और वहा से भाग गयी।
सुमित ने सुना तो अपना सर झटककर कहा,”अह्ह्ह्ह शी इज क्रेज़ी टू”

निशि बाहर लॉबी में आकर खड़ी हो गयी। उसने इधर उधर देखा लेकिन वंश उसे कही नजर नहीं आया। वंश शायद अंदर हो सोचकर निशि जैसे ही जाने के लिए पलटी गाने की आवाज उसके कानों में पड़ी और वह वापस पलटी ,, निशि तब और दंग रह गयी जब उसने कुछ ही दूर बारिश में भीगते हुए वंश को देखा। बारिश में भीगता हुआ वश बहुत ही प्यारा लग रहा था और जैसे ही उसने बारिश में भीगते हुए अपने हाथो को फैलाकर शाहरुख़ खान वाला पोज दिया शूटिंग में में आयी लड़किया तो उसे देखकर मचल उठी।


“ओह्ह्ह माय गॉड ही इज सो रोमांटिक,,,,,,,,,,!!”,निशि के बगल में खड़ी लड़की ने वंश को देखकर आहे भरते हुए कहा
निशि ने सुना तो खुन्नस से लड़की को देखा और मीठी सी जलन का अहसास भी हुआ लेकिन वह भला वहा किस किस को वंश को देखने से रोकती ,, उलटा वह खुद को नहीं रोक पायी वंश को देखने से,,,,,,,,,,,,,!!”
बारिश में भीगते , गाते हुए वंश निशि की तरफ आया तो निशि का दिल धड़क उठा। वंश उसके बगल में आया और प्यार भरी नजरो से निशि को देखकर गाने लगा


“ओह्ह जब से मिला है तेरा इशारा , तब से जगी है बेचैनिया”
निशि ने सुना तो वह एकटक वंश को देखने लगी वह उस अहसास को जी पाती इस से पहले वंश ने अपना हाथ निशि के पीछे करके उसके बगल में खड़ी लड़की का हाथ पकड़ा और निशि के सर से ऊपर लाकर लड़के के साथ बारिश में जाते हुए गाने लगा


“जबसे हुई सरगोशिया , तब से बढ़ी है मदहोशियाँ”
निशि ने देखा तो मन ही मन और ज्यादा जल गयी लेकिन अपनी जलन को चेहरे पर आने नहीं दिया। लड़की का हाथ छोड़कर वंश ने निशि की तरफ देखा और गाते हुए कहा,”जब से जुड़े यारा , तेरे मेरे मन के धागे रे,,,,,,,,,,,!!!”
निशि ने कुछ नहीं कहा और वंश को देखते हुए उसकी तरफ बढ़ गयी।

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संजना किरोड़ीवाल

Main Teri Heer - Season 5
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