Main Teri Heer – 26

Main Teri Heer – 26

Main Teri Heer - Season 5
Main Teri Heer – Season 5 by Sanjana Kirodiwal

वंश की कही बात निशि के दिल को छू गयी। वह प्यारीभरी नजरो से वंश को देखने लगी। इस वक्त वंश उसे बहुत ही प्यारा और मासूम नजर आ रहा था। वंश भी निशि की गहरी आँखों में खो गया। बस अपनी रफ्तार में चली जा रही थी और तभी बस को एकदम से ब्रेक लगा और बस थोड़ा सा उछलकर सीधा चलने लगी। वंश निशि के अंदर आ गिरा। अचानक ब्रेक लगने से निशि भी हड़बड़ा गयी। वंश ने खुद को सम्हाला और निशि से दूर हुआ लेकिन वापस निशि में ही आ गिरा और वजह थी निशि की चैन में वंश की चैन के पेन्डेन्ट का फस जाना।

वंश ने अपनी उलझी हुई पेन्डेन्ट को देखा और फिर निशि को देखकर कहा,”तुम मुझसे कितना भी दूर जाओ किस्मत मुझे तुम्हारे पास ले ही आती है”
“बाते क्या कर रहे हो स्टुपिड निकालो इस सब हमे ही देख रहे है,,,,,,,!!”,निशि ने दबी आवाज में कहा
वंश अपनी क्यूट पर्सनालिटी से बाहर आया और ड्राइवर से कहा,”अबे ओह्ह्ह ! देख कर ब्रेक लगाओ ना,,,,,,,,,,,,!!”


“इतनी ही परेशानी है तो खुद आकर चला ले…….!!”,ड्राइवर वंश से दो कदम आगे निकला
वंश ने अपना पेन्डेन्ट निशि के चैन से निकाला और उठकर गुस्से से कहा,”हाह ! तुम्हारी ये हिम्मत रुको अभी मैं सुमित सर से बोलता हूँ”
“हाँ तो उसे जाकर बोल दे , वो चला लेगा”,ड्राइवर ने फिर कहा जो कि वंश और सुमित से उम्र में बड़ा था।

बस इतना काफी था वंश को चिढ़ाने के लिए , वह पीछे आया और कहा,”सुमित सर ! वो बद्तमीज ड्राइवर,,,,,,,,,!!”
वंश इतना ही कह पाया कि उसका मुंह खुला का खुला रह गया और आँखे फटी की फटी , कुछ देर पहले जो सुमित मायरा के बगल में बैठा था वो अब मायरा की गोद में बैठा प्यार से उसे देख रहा था और मायरा मुंह बनाते हुए यहाँ वहा,,,,,,,,,,,!!”


ये चमत्कार बस के अचानक ब्रेक लगने और उछलने की वजह से हुआ था। वंश कुछ देर उन्हें वैसे ही देखता रहा और फिर उसे याद आया तो उसने थोड़ा जोर से कहा,”सुमित सर,,,,,,,,,,,,ये सब क्या है ?”
वंश की आवाज से सुमित की तंद्रा टूटी और वह चौंककर मायरा की गोद से उठा और अपनी सीट पर बैठते हुए कहा,”त त तुम यहाँ क्या कर रहे हो ?”

वंश ने एक नजर ड्राइवर को देखा और सुमित की तरफ पलटकर कहा,”मैं आपसे उस बद्तमीज और बेशर्म ड्राइवर की शिकायत करने आया हूँ , एक तो उनसे बिना बताये ब्रेक लगाया ऊपर से मुझसे कहता है तुम आकर चला लो,,,,,,,,,,मैं क्या उसे बस चलाने वाला लगाता हूँ”
सुमित ने ड्राइवर को देखकर मुस्कुराया और कहा,”अह्ह्ह्ह जाने दो,,,,,,,,!!”


सुमित का इतना ठंडा रिएक्शन देखकर वंश ने हैरानी से कहा,”उसने सिर्फ मुझसे नहीं बल्कि आपके लिए भी कहा कि “हाँ तो उसे जाकर बोल दे , वो चला लेगा” उसने आपके लिए ऐसा कहा , इस सीरीज के असिस्टेंट डायरेक्टर के लिए,,,,,,,,,हाह मैं आपकी जगह होता न तो,,,,,,,!!!”
“तुम मेरी जगह होकर भी उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकते , मैं खुद भी नहीं , इन्फेक्ट मेरा बाप भी नहीं”,सुमित ने शांत स्वर में कहा


“पर क्यों ?”,वंश ने और हैरानी से पूछा
“क्योकि वो मेरे बाप है”,सुमित ने कहा
“हहहहहह क्या ? वो आपके डेड है ?”,वंश ने चौंककर कहा
सुमित ने मुस्कुराते हुए हामी में अपना सर हिलाया तो वंश झेंपते हुए मुस्कुरा दिया और कहा,”फिर तो वो कही भी ब्रेक लगा सकते है,,,,,,,,,,,मैं अपनी सीट पर जाता हूँ , आप लगे रहो”

वंश अपनी सीट की तरफ चला आया और सुमित के डेड से कहा,”पापाजी सॉरी,,,,,,,,,,,,आपकी बस है , आप ड्राइवर है , आप जब चाहे ब्रेक लगा सकते है , मुझे माफ़ कर दीजिये,,,,,,,,!!!”
“चुपचाप अपनी सीट पर बैठो वरना नीचे उतार दूंगा”,ड्राइवर ने कहा
वंश मुंह बनाते हुए निशि के बगल में आकर बैठ गया तो निशि दबी हंसी हसने लगी।

निशि को खुद पर हँसते देखकर वंश ने कहा,”हाह !  तुम मुझ पर हंस रही हो , जाओ मैं तुमसे बात नहीं करता , और ये पराठे इधर दो मेरी डार्लिंग ने मेरे लिए भेजे है ना मैं खुद खा लूंगा”
वंश ने निशि से डिब्बा छीन लिया , उसके मुंह से डार्लिंग सुनकर निशि ने कहा,”डार्लिंग ?”
“नवीन अंकल , ही इज सच अ डार्लिंग , उन्हें मेरी कितनी फ़िक्र है। मैं उन्हें कितना परेशान करता हूँ फिर भी उन्होंने मेरे लिए खुद अपने हाथो से डिब्बा पैक करके भेजा,,,,,,,,,,शूटिंग से वापस आने के बाद में पर्सनली उन्हें थैंक्यू बोलूंगा”,वंश ने निवाला तोड़कर खाते हुए प्यार भरे गुस्से कहा  


निशि को वंश गुस्से में भी उतना ही प्यारा लग रहा था। उसने कुछ नहीं कहा बस अपने ईयर फोन का एक सिरा अपने कान में लगाया और दुसरा सिरा वंश के कान में लगाकर अपने फोन पर बहुत ही प्यारा सा गाना चला दिया।
“बातें , कुछ अनकही सी , कुछ अनसुनी सी होने लगी
काबू दिल पे रहा ना , हस्ती हमारी खोने लगी
ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह्हह,,,,,,,,,,,,,!!”


वंश ने सूना तो उसने एक नजर निशि को देखा निशि खिड़की के बाहर के नजारे देख रही थी। हवा में उड़ते उसके बाल उसके चेहरे पर आते और वह बड़े प्यार से उन्हें पीछे कर लेती। वंश अपना गुस्सा भूल गया और ये प्यारा सा गाना सुनते हुए पराठे खाने लगा।
उसने सुमित के पापा से बदतमीजी की सोचकर उसे अब बुरा लग रहा था। उसने एक पराठे में थोड़ी सब्जी रखी उसका रोल बनाया और लेकर बस के बोनट पर ड्राइवर के सामने आ बैठा और उनकी तरफ बढाकर कहा,”सॉरी ! माफ़ कर दीजिये,,,,,,,,,पराठा , ह्म्म्मम्म”


ड्राइवर ने वंश की तरफ देखा तो वंश ने उनकी तरफ झुककर दबी आवाज में कहा,”मेरी वाली मेरे लिए घर से लेकर आयी है,,,,,,,!!”
वंश को इतने प्यार से ऑफर करते देखकर ड्राइवर ने उस से रोल लिया और खाकर कहा,”हम्म्म अच्छा बना है,,,,,,,,,,!!”
वंश उठा और जाते हुए कहा,”हाँ लेकिन मैं सिर्फ पराठा शेयर करूंगा बंदी नहीं,,,,,,,,!!”


ड्राइवर ने झुककर वंश की तसरीफ पर एक थप्पड़ मारा और मुस्कुराते हुए कहा,”सच में नमूने हो तुम , जाओ जाकर अपनी सीट पर बैठो”
वंश हँसते हुए आकर अपनी सीट पर बैठ गया और उसके बाद निशि के साथ मिलकर खिड़की से बाहर के नजारे देखने लगा।

प्रताप का घर , बनारस
पूजा और उसके घरवाले राजन का रिश्ता लेकर प्रताप के घर आये थे। प्रताप उन सबको लेकर घर के अंदर चला आया और घर के हॉल में ले आया जहा उसने सबके बैठने का बंदोबस्त सुबह ही करवा दिया था। पूजा के माता-पिता और चाचा आकर सोफे पर बैठ गए। पूजा वही बगल में पड़े सिंगल सोफे पर आ बैठी। उनके साथ आया नौकर कुछ ही दूर बने बरामदे में आकर बैठ गया। प्रताप के भाई भाभी भी उन लोगो के साथ आ बैठे , प्रताप भी वहा पड़े सोफे पर आ बैठा।


पूजा और राजन के घरवाले आपस में बाते करने लगे। नीची नजरे किये बैठी पूजा घर का जायजा ले रही थी। उसकी निगा उसकी नजरे जिसे ढूंढ रही थी वह वहा नहीं था मतलब कि हमारे राजन भैया,,,,,,,,,,,!!
“अरे प्रताप ! राजन बिटवा कहा है ? उसको बताया ना इन लोगो के आने के बारे में ?”,प्रताप के बड़े भाई ने कहा
“अपने कमरे मा है , तैयार हो रहा होगा , हमहू अभी बुलवा देते है,,,,,,,ए सोहन रजनवा को बुलावा ज़रा”,प्रताप ने अपने नौकर से कहा तो वह वहा से चला गया


कुछ देर बाद कुर्ता पजामा पहने एक हट्टा कट्टा लड़का हॉल में आया। पूजा ने नजरे उठाकर देखा तो उसने राजन की एक हरकत नोटिस की जो किसी ने नहीं की थी। दरअसल अंदर आने से पहले राजन ने अपने सीने पर हाथ रखकर एक गहरी साँस ली और फिर अंदर आया।
“जे है राजन यादव हमारे छोटे भाई प्रताप यादव का लड़का,,,,,,,,,,,बेटा पाँव छुओ”,प्रताप के बड़े भाई ने कहा
राजन ने आगे बढ़कर तीनो के पैर छुए और उसके बाद अपने हाथ बांधकर वही खड़ा हो गया तो पूजा के चाचा ने कहा,”अरे बेटा ! इलेक्शन मा खड़े हुए हो क्या ? बैठो ना,,,,,,,!!”


चाचा की बात सुनकर सभी हंस पड़े और प्रताप झेंप गया। प्रताप ने बैठने का इशारा किया तो राजन पूजा के ठीक सामने सोफे पर आ बैठा दोनों के बीच बस कुछ कदमो का फांसला था। सोफे पर बैठते वक्त राजन ने एक नजर पूजा को देखा तो पाया चाचा की कही बात पर मुस्कुरायी वह भी थी।
पूजा के घरवाले राजन से सवाल पूछने लगे और राजन बहुत ही शालीनता से उनके हर सवाल का जवाब देता रहा। प्रताप ने भी पूजा से एक दो सवाल पूछे और उसके बाद राजन और पूजा को आपस में बात करने को कहा।

राजन ने नजरे उठाकर पूजा को देखा तो उसकी नजरे पूजा से जा मिली और उसने नजरे झुका ली। प्रताप ने देखा राजन और पूजा दोनों आपस में बात नहीं कर रहे थे उसने कहा,”अरे राजन बेटा ! पूजा बिटिया को हमारा घर दिखाइ दयो”
राजन ने सुना तो प्रताप की तरफ देखा , प्रताप ने उस से जाने का इशारा किया तो राजन उठा और पूजा के पापा से कहा,”अगर आपकी इजाजत हो तो हम इन्हे घर दिखा दे ?”


पूजा ने नजरे उठाकर राजन को देखा , यहाँ आने के बाद पहली बार पूजा ने राजन को इतना गौर से देखा और राजन का पूजा को साथ ले जाने की परमिशन मांगना तो सीधा उसके दिल को ही छू गया।
“अरे बेटा बिल्कुल , इसी बहाने दोनों को अकेले में बात करने का थोड़ा मौका भी मिल जाएगा”,पूजा के पापा ने हँसते हुए कहा
“हाँ भाईसाहब ! उह का है ना बच्चे अब हम सबके सामने का ही बात करेंगे ? राजन लेकर जाओ”,प्रताप ने कहा


राजन ने पूजा की तरफ देखा और हाथ साइड में करके चलने को कहा। पूजा ने अपने घरवालों की तरफ देखा तो उन्होंने जाने का इशारा कर दिया। पूजा उठी और राजन के साथ वहा से चली गयी। घर के नौकर बाकि सबके लिए चाय नाश्ता लेकर आ गए और सब बैठकर नाश्ता करते हुए आगे की बाते करने लगे। पूजा के घरवालों को राजन बहुत पसंद आया वे लोग बस पूजा और राजन के जवाब का इंतजार कर रहे थे।

राजन पूजा को अपना घर दिखाने लगा। घर के बरामदे में दोनों साथ साथ चल रहे थे लेकिन खामोश , यादास्त जाने से पहले राजन कैसा था ये तो राजन को भी याद नहीं था लेकिन यादास्त जाने के बाद वह काफी बदल गया था और सबसे बड़ा बदलाव कि वह लड़कियों के सामने बात करने में घबराता था। पूजा के साथ चलते हुए राजन का मन काफी बेचैन था वह समझ नहीं पा रहा था पूजा से क्या बात करे और कहा से शुरुआत करे ?”
राजन को खामोश देखकर पूजा ने कहा,”आप क्या हमेशा इतना ही चुप रहते है ?”


“हाँ ! अरे नहीं , ऐसी बात नहीं है,,,,,,,,!!”,राजन ने चौंककर कहा
“तो कैसी बात है ? क्या ये शादी आपकी मर्जी से नहीं हो रही ? देखिए अगर ऐसा है तो आप मुझसे खुलकर कह सकते है मैं अपनी मम्मी पापा से कहकर इस शादी से इंकार कर दूंगी,,,,,,,,,,,!!”,पूजा ने राजन के सामने आकर कहा


“अरे नहीं नहीं हमने ऐसा कब कहा ? ऐसा कुछ भी नहीं है,,,,,,,,,,,हमारे हाँ कहने के बाद ही पिताजी ने आपके घरवालों को यहाँ बुलाया है,,,,!!”,राजन ने कहा
राजन की बातो में घबराहट देख पूजा हसने लगी तो राजन और हैरान हो गया और कहा,”आप हंस क्यों रही है ?”
“आप कुछ ज्यादा ही स्वीट है राजन जी,,,,,,,,,!!”, पूजा ने मुस्कुरा कर कहा
“हम कुछ समझे नहीं,,,,,,,,!”,राजन ने कहा


पूजा कुछ देर खामोश रही और कहा,”आप मुझे बहुत अच्छे लगे,,,,,,,,,लेकिन मैं आपके बारे में थोड़ा और जानना चाहती हूँ , और इसके लिए आपको मुंह से कुछ बोलना पडेगा,,,,,,,,,तो आप थोड़ा बोलेंगे प्लीज”
पूजा को इतने प्यार से रिक्वेस्ट करते देखकर राजन मुस्कुरा उठा अब तक वह गहरा रहा था कि जिस लड़की से उसकी शादी तय होगी वह कैसी होगी ? उसे समझ पायेगी या नहीं लेकिन पूजा को अपने साथ इतना सहज देखकर राजन की घबराहट भी छू हो गयी और उसने पूजा से आगे चलने का इशारा करते हुए कहा,”बताईये क्या जानना चाहती है आप ?”

“सब कुछ,,,,,,,,,,!!”,पूजा ने आँखे चमकाते हुए कहा , साथ ही उसके होंठो पर प्यारी सी मुस्कान थी जो राजन को अपनी ओर खींचने के लिए काफी थी। पूजा को अपना बाकि का घर दिखाते हुए राजन उसे अपने बारे में बताने लगा। पूजा बड़े ध्यान से राजन की बाते सुन रही थी और बीच बीच में उसे देख भी लेती,,,,,,,!! राजन भी चलते हुए पूजा को देख लेता जब वह किसी बात पर खिलखिलाकर हंसती।


घर दिखाते हुए राजन उसे पीछे आँगन में लेकर आया। घर के आँगन में बीचोंबीच आम का पेड़ लगा था जिसे देखकर पूजा भागकर उस पेड़ के पास आयी और ख़ुशी से चहकते हुए कहा,”अरे वाह अमिया का पेड़ , गर्मियों में इस पर बहुत सारे कच्चे आम भी लगते होंगे ना,,,,,,,,,,,फिर तो मुझे रोज खाने को मिलेगा,,,,,,,,!!”
राजन तब तक पूजा के पास चला आया , पूजा जैसे ही पलटी उसकी नजरे राजन से मिली और उसे याद आया कि रिश्ता अभी पक्का नहीं हुआ है तो उसने झेंपते हुए कहा,”अगर आपने शादी के लिए हाँ कहा तो,,,,,,,,,!!”


“आपको कच्चे आम पसंद है ?”,राजन ने पूछा
“बहुत बहुत बहुत ज्यादा , गर्मियों के मौसम में जब पेड़ पर कच्चे आम लगते है तब उन्हें पत्थर मारकर तोडना और फिर उसे काटकर उसमे मसाला भरकर जैसे ही खाओ,,,,,,,,,,,,उम्मम्मम्म दुनिया के सारे स्वादों से परे”,पूजा ने कहा और ये कहते हुए उसने ख़ुशी से अपनी आँखे मूंद ली , कच्चे आम का जिक्र करते हुए उसके मुंह में पानी भर आया था।


पूजा की बात सुनकर राजन एकदम से उदास हो गया और उसके चेहरे को देखने लगा , उसे राजदुलारी की याद आ गयी।

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Sanjana Kirodiwal

Main Teri Heer - Season 5
Main Teri Heer – Season 5 by Sanjana Kirodiwal
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जा कुछ देर खामोश रही और कहा,”आप मुझे बहुत अच्छे लगे,,,,,,,,,लेकिन मैं आपके बारे में थोड़ा और जानना चाहती हूँ , और इसके लिए आपको मुंह से कुछ बोलना पडेगा,,,,,,,,,तो आप थोड़ा बोलेंगे प्लीज”
पूजा को इतने प्यार से रिक्वेस्ट करते देखकर राजन मुस्कुरा उठा अब तक वह गहरा रहा था कि जिस लड़की से उसकी शादी तय होगी वह कैसी होगी ? उसे समझ पायेगी या नहीं लेकिन पूजा को अपने साथ इतना सहज देखकर राजन की घबराहट भी छू हो गयी और उसने पूजा से आगे चलने का इशारा करते हुए कहा,”बताईये क्या जानना चाहती है आप ?”

जा कुछ देर खामोश रही और कहा,”आप मुझे बहुत अच्छे लगे,,,,,,,,,लेकिन मैं आपके बारे में थोड़ा और जानना चाहती हूँ , और इसके लिए आपको मुंह से कुछ बोलना पडेगा,,,,,,,,,तो आप थोड़ा बोलेंगे प्लीज”
पूजा को इतने प्यार से रिक्वेस्ट करते देखकर राजन मुस्कुरा उठा अब तक वह गहरा रहा था कि जिस लड़की से उसकी शादी तय होगी वह कैसी होगी ? उसे समझ पायेगी या नहीं लेकिन पूजा को अपने साथ इतना सहज देखकर राजन की घबराहट भी छू हो गयी और उसने पूजा से आगे चलने का इशारा करते हुए कहा,”बताईये क्या जानना चाहती है आप ?”

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