Main Teri Heer Season 5 – 41

Main Teri Heer Season 5 – 41

Main Teri Heer - Season 5
Main Teri Heer – Season 5 by Sanjana Kirodiwal

लोनावला , पुणे
सुमित को वंश की साइड लेते देखकर निशि ने सुमित की बांह पर मारा और कहा,”आप कितने बुरे हो,,,,,,,मुझे आपसे बात नहीं करनी”
सुमित निशि की तरफ पलटा और कहा,”अरे बाबा तुम और वंश दोनों ही मुझे अजीज हो और तुम तो कुछ ज्यादा ही क्योकि मेरे लिए तुम बिल्कुल एक प्यारी बच्ची जैसी हो पर आज वंश की गलती नहीं है उलटा तुम्हे उस से माफ़ी मांगनी चाहिए”


“सॉरी ! वो मुझसे सीधे मुंह बात तक नहीं कर रहा है ,आपको लगता है उसे मेरे सॉरी से फर्क पडेगा ?”,निशि ने कहा
“बिल्कुल पड़ेगा ! वंश बिल्कुल नारियल जैसा है , बाहर से सख्त और अंदर से नरम बिल्कुल मलाई,,,,,,बस अब तुम्हे इस मलाई को वंश के आस पास घूमने वाली बिल्लियों से बचाकर रखना है”,सुमित ने कुछ दूर खड़े वंश को देखकर कहा जिसे शूटिंग पर आयी कुछ लड़कियों ने घेर रखा था।


निशि ने देखा सुमित बात उस से कर रहा है और देख दूसरी तरफ रहा है तो निशि ने भी उसी दिशा में देखा और उसका मुंह खुला का खुला रह गया साथ ही चेहरे पर मायूसी के भाव तैर गए। उसने अपना निचला होंठ बाहर निकाला और सुमित की तरफ देखा।
“अह्ह्ह वंश सही कहता है सच में कितनी क्यूट हो तुम,,,,,,,!!”,सुमित ने प्यार से कहा
निशि ने सुना तो बच्चो की तरह अपने हाथ पैर पटकते हुए फिर मुंह बनाया तो सुमित ने खाली कप निशि को थमाकर कहा,”हाँ समझ गया ! अभी आया बिल्लियों को भगा के,,,,,,,!!”


निशि ने सुना तो बड़ी सी स्माइल दी और सुमित वंश की तरफ बढ़ गया। लड़किया वंश से बाते कर रही थी , उसकी तारीफ कर रही थी और उस से फ्लर्ट कर रही थी। वंश भी उनके साथ चिल कर रहा था। सुमित वहा आया और कहा,”कम ऑन गर्ल्स नेक्स्ट सीन के लिए रेडी हो जाओ,,,,,,,,लेटस गो,,,,,,,,,एंड वंश तुम  , तुम तैयार हो ना ? हीरोइन के साथ तुम्हारा एक बहुत ही रोमांटीक सांग है,,,,,,,,,,!!”


सुमित की बात सुनकर लड़किया वहा से चली गयी और वंश ने सुमित के पास आकर कहा,”मुझे आपसे एक जरुरी बात करनी है , आई थिंक निशि इस सीरीज के लिए ठीक नहीं है,,,,,,,,,,,!!”
“तुम ऐसा क्यों कर रहे हो ? इन्फेक्ट अब तक की जितनी भी शूटिंग हुई है उसमे निशि की एक्टिंग और शॉट परफेक्ट है,,,,,,,!”,सुमित ने कहा

“आई नो शी इज अमेजिंग , उसका काम भी परफेक्ट है लेकिन वो सीरीज में करना नहीं चाहती उसने इस सीरीज के लिए हाँ मेरी वजह से कहा है”,वंश ने कहा
“तुम्हारी वजह से ? अह्ह्ह मैं कुछ समझा नहीं,,,,,,,,!!”,सुमित ने कहा उसे सच में नहीं समझा आया वंश क्या कहना चाहता है। वंश ने देखा आस पास बहुत लोग है तो वह सुमित को लेकर साइड में आया और उसे निशि के सीरीज में काम करने की असल वजह बताई।


सुमित ने सुना तो वंश को देखकर मुस्कुराने लगा। सुमित को मुस्कुराते देखकर वंश ने हैरानी से कहा,”आप स्माइल क्यों कर रहे है ? मैं मजाक नहीं कर रहा ये सच है , कल रात निशि ने खुद मुझे ये सब बताया,,,,,,,,,तब से कितना बुरा लग रहा है मुझे”
“तुम्हे बुरा क्यों लग रहा है ? तुम्हे तो खुश होना चाहिए कि कोई लड़की तुम्हे इतना पसंद करती है,,,,,,,,!!”,सुमित ने कहा  


“मैं खुश हूँ सर लेकिन मुझे निशि के लिए बुरा लग रहा है , उसके सपने कुछ और है और वो मेरे लिए एक्टिंग में आ गयी। मैं उसे इस रिश्ते में स्योरिटी दे ही नहीं पाया कि मैं सिर्फ उसका हूँ,,,,,,,,,अह्ह्ह्हह तभी हमरे बीच इतनी कन्फ्यूजन है और उसे लगता है मैं उसके साथ गलत,,,,,,,,,!!”,कहते कहते वंश उदास हो गया। निशि की कही बातो का असर उसके चेहरे पर साफ़ दिख रहा था।


“निशि को इस बात गिल्ट है वंश , अभी उसने मुझे बताया कि उसे तुम से ये सब कहने के बाद कितना बुरा लग रहा है। वो सच में शर्मिंदा है और बहुत दुखी है ,, मैंने उसकी आँखों में आँसू देखे है। सुबह से तुम्हे सॉरी कहने के लिए परेशान है। बेचारी ने सुबह से कुछ खाया भी नहीं है,,,,,,,,,,देखो”,कहते हुए सुमित ने निशि की तरफ इशारा किया और जब निशि को देखा तो उसका मुंह खुला खुला रह गया। वह वंश के सामने निशि को बेचारी और दुखी दिखा रहा था और वह निशि हाथ में बन पकडे उसे खा रही थी।

उसके चेहरे पर ना दुःख था ही वंश को गलत कहने का गिल्ट , उलटा उसके मुंह में ब्रेड भरा था और एक हाथ में कॉफी तो दूसरे में बड़ा सा बन था।
सुमित ने झेंपते हुए वंश की तरफ देखा और मुस्कुराया तो वंश ने कहा,”अह्ह्ह आपको तो झूठ बोलना भी नहीं आता,,,,,,,,,,मैं चेंज करके आता हूँ”
“वंश सुनो”,सुमित ने कहा लेकिन वंश वहा से चला गया और सुमित बड़बड़ाया,”इन दोनों का झगड़ा सुलझाते सुलझाते तो मैं पागल हो जाऊंगा”

मुरारी का घर , बनारस
मुरारी को बीती रात वाली बात जैसे ही याद आयी उसने किशना को आवाज दी। किशना घबराया हुआ सा मुरारी के सामने आया और कहा,”जी भैया”
“अरे आवा किशना”,मुरारी ने एकदम प्यार से कहा तो किशना का माथा ठनका और एक शंका उसके मन में आयी कि मुरारी अब क्या चाहता है।


“हां भैया कुछो काम था ?”,किशना ने धीरे से कहा
मुरारी ने किशना को देखा और कहा,”हमायी 75 हजार की शराब को तो तुमहू हार्पिक समझकर बहा दिए , तो बोतलों को भंगार मा काहे नाही बेचे ? या हमरा खून जलाने के लिए उनको वहा रखे हो ?”
मुरारी ने पहले प्यार से कहा और फिर एकदम से चिल्ला उठा। किशना सहमकर पीछे हटा और मरे हुए स्वर में कहा,”पर भैया सब बोतल मा सेब का जूस भरा है , उह वेस्ट हो जायेगा”


“का बात है किशना ? दुइ हवा के जूस के वेस्ट होने की इत्ती परवाह है और हमायी 75 हजार की शराब के लिए कोनो सहानुभूति नाही”,मुरारी ने किशना को ताना मारते हुए कहा
“पर शराब तो सेहत के लिए हानिकारक है ना भैया ओह्ह के लिए कैसी सहानुभूति ?”,किशना ने कहा
“हमको ऐसा काहे लग रहा है किशना कि गलत बख्त पर गलत स्टेटमेंट देकर तुमहू अपनी मौत को दावत दे रहे हो ?”,मुरारी ने बहुत ही गंभीरता से कहा  


आई सामने से अंदर आयी और मुरारी की तरफ आते हुए कहा,”अरे दावत तो हमहू तुमसे लेंगे मुरारी,,,,,!!”
“कौनसी ख़ुशी मा ?”,मुरारी ने कहा
“अरे पुरे बनारस मा हमरे मुन्ना के पोस्टर लगे है , हमको तो लगता है इह बार युवा नेता हमरा मुन्ना ही बने है,,,,,,,ओह्ह के बाद एक ठो बड़ी दावत तो सबको देइ हो ना मुरारी,,,,,,,,,,!!”,आई ने खुश होकर कहा
“पोस्टर ? कैसे पोस्टर ?”,मुरारी ने कहा तभी सीढ़ियों से नीचे आता मुन्ना उसे दिखाई दिया और उसने कहा,”ए मुन्ना ! तुमहू प्रचार के लिए कोनो पोस्टर लगवाए हो का शहर मा ?”


मुन्ना ने सुना तो उसे अजीब लगा उसने तो ऐसा कुछ नहीं किया था ना ही किसी से ये सब करने को कहा था वह मुरारी के पास आया और कहा,”नहीं पापा हमने तो कोई पोस्टर लगाने को नहीं कहा।”
“अरे मुन्ना हमहू खुद देख के आये है जे बड़ी बड़ी फोटू लगी है तुम्हायी पुरे शहर मा”,आई ने खुश होकर कहा
“पापा हम पार्टी हॉउस जा रहे है , कुछ लोगो से मिलना है और दो दिन बाद इलेक्शन है तो उसके लिए भी बंदोबस्त देखना है,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा


“हाँ बिल्कुल जाओ और एक मिनिट जे रखो”,कहते हुए मुरारी ने अपनी जेब से नोटों की एक गड्डी निकालकर मुन्ना को थमा दी।
“अरे पापा ये सब किसलिए ?”,मुन्ना ने हैरानी से कहा


“नए नए राजनीती मा आये हो ना बेटा धीरे धीरे समझ आएगा। रखो जरूरत पड़ेगी और थोड़ा ध्यान से उह्ह साला भूषणवा तुम्हरे अपोजिट खड़ा हुआ है उह्ह जरूर कोनो कांड करेगा”,मुरारी ने कहा  
“हम्म्म , प्रणाम आई”,मुन्ना ने हामी भरी और सामने खड़ी आई के पैर छूकर कहा
“खूब खुश रहा बबुआ और महादेव तुमका खूब सफलता दे”,आई ने दोनों हाथो से मुन्ना के चेहरे को थामकर उसका ललाट चूमकर कहा  

मुन्ना वहा से चला गया तो आई ने मुरारी से कहा,”का रे मुरारी ! जे सुबह सुबह बेचारे किशना के पीछे काहे पड़े हो
“पीछे ? अरे जे तुम्हरा किशना हमसे चार कदम आगे निकला , जे का किये है आप सुनेंगी ना तो आप भी गरिया देंगी इह का”,मुरारी ने चिढ़ते हुए कहा
“ऐसा तो का कर दिए इह ?”,आई ने किशना की तरफ एक नजर देखा और मुरारी से पूछा
मुरारी ने किशना को देखा और कहा,”जे महाशय हमायी 75 हजार की शराब को एक सेकेण्ड मा नाले मा बहा दिए,,,,,,,,,!!”


आई ने सुना तो किशना की तरफ देखा और अपनी गर्दन हिलायी जैसे जानना चाह रही हो कि मुरारी सच कह रहा है क्या ? किशना ने भी हाँ में गर्दन हिलाई तो आई ने मुरारी से कहा,”ए मुरारी तुम्हरे पास 500 का एक ठो नोट है का ?”
“हाँ जे ल्यो , पर 500 का नोट काहे चाहिए आपको ? इन्होने 500 का नहीं 75 हजार का नुकसान,,,,,,,,,,,,!!”,कहते कहते मुरारी रुक गया आई ने मुरारी से जो 500 रूपये लिए थे उन्हें किशना के सर से वारकर किशना को ही थमा दिए और कहा,”अरे जुग जुग जिओ किशना , बहुते बढ़िया काम किये हो। जे हमरी तरफ से इनाम रखो”


“अरे आई,,,,,,,,,,!!”,किशना ने मुरारी की तरफ देखकर डरते डरते कहा
“अरे का आई , रखो तुमहू जो किये हो ना उह हमरा सपना था पर कबो हम ना कर पाए पर तुम कर दिए , अगर हमरे हाथ मा होता ना तो जे बात के लिए सरकार से मैडल दिलवाते तुमको,,,,,,,,,,,,,,का खबर सुनाये है मुरारी हमको दिल खुश हुई गवा”,आई ने खुश होकर कहा तो किशना ने पैसे रख लिए
मुरारी ने देखा आई भी मुरारी के इस नुकसान पर खुश है तो उसने चिढ़त हुए कहा,”साला सब के सब मिले है , आन दयो हमायी बहु को फिर बताएँगे”


“का बताए हो मुरारी ? तुमहू तो ऐसे कह रहे हो जैसे बहू तुम्हरे लिए तोहफे मा बोतल लेकर आएगी,,,,,,,,,अब का बहू के साथ पिओगे ?”,आई ने मुरारी को चिढ़ाते हुए कहा
“उह तो बख्त बताएगा”,मुरारी ने कहा और वह से चला गया
मुरारी को जाते देखकर आई ने किशना से कहा,”लगता है चिढ गवा,,,,,,जाओ हमरे लिए फटाफट एक ठो बढ़िया चाय लेकर आओ”


“अभी लाते है आई”,किशना ने खुश होकर कहा , कहता भी क्यों नहीं एक तो आई ने उसे मुरारी से बचाया और दुसरा उसे 500 रूपये का कड़क नोट भी मिला। किशना जैसे ही जाने को हुआ आई ने कहा,”ए किशना अढ़ाई सौ हमरे है,,,,,,,,,अकेले ना खा जाना”
किशना ने हैरानी से आई को देखा और हामी में गर्दन हिला दी।  

प्रताप का घर , बनारस
राजन ने पूजा को बनारस घुमाने का वादा कर दिया और उसी वक्त प्रताप ने उसे गोदाम जाने को कह दिया। राजन नहा-धोकर तैयार होकर नीचे चला आया। वह दुविधा में था कि गोदाम जाए या पूजा से मिलने। तैयार होकर राजन जैसे ही नीचे आया प्रताप ने कहा,”ए रजनवा गोदाम जाय से पहिले नाश्ता कर ल्यो , मैनेजर यही आ रहा है तो फिर ओह्ह के साथ ही निकल जाही हो”  


राजन ने सुना तो डायनिंग टेबल की तरफ चला आया। प्रताप ने जैसे ही राजन को देखा बस देखता ही रह गया। काले रंग के शर्ट , जींस और आँखों पर फैशन वाले चश्मे में राजन किसी हीरो से कम नहीं लग रहा था। प्रताप राजन के पास आया और कहा,”ए बेटा ! ए तुमहू गोदाम जा रहे हो या किसी की सादी मा जो इत्ता सज-धजकर आये हो,,,,,,,,,ऐसे जाओगे तो हुआ काम करने वाले लोगो का ध्यान काम मा कम और तुम में ज्यादा लगी है”


राजन ने आँखों से चश्मा उतारकर अपनी जेब में रखा और कुर्सी खिसकाकर बैठते हुए कहा,”का पिताजी आप भी,,,,,,,,,,पेंट शर्ट ही तो पहिना है कौनसा शेरवानी पहनकर जा रहे है”
प्रताप ने राजन के बगल में पड़ी कुर्सी खिसकाई और उस पर बैठते हुए कहा,”अरे गोदाम मा सबसे ज्यादा महिला लेबर है इहलीये कहे,,,,,,,,,अब तुमहू इत्ता सज धज कर जाही हो ओह्ह सबके सामने तो काम मा मन लगेगा का उन लोगन का,,,,,,,,,,,,पर कुछ भी कहो लग कतई जहर रहे हो”


प्रताप की बात सुनकर राजन मुस्कुरा उठा और सामने रखे पराठो में से एक पराठा उठाकर प्रताप की प्लेट में रखा और दुसरा अपनी प्लेट में रखकर खाने लगा

नाश्ता करते करते मैनेजर वहा पहुंचा। राजन ने अपना नाश्ता खत्म किया और फिर मन मारकर मैनेजर के साथ घर से निकल गया। गाड़ी में मैनेजर के बगल में बैठा राजन बार बार अपने फोन को देखा रहा था , दरअसल वह मैसेज करके पूजा को ना मिल पाने के लिए मैसेज करने की सोच रहा था लेकिन उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी। उसका बड़ा मन था पूजा से मिलने का लेकिन वह अपने पिताजी की बात भी नहीं टाल पाया।


“वैसे राजन बाबू आपने बहुते अच्छा फैसला किया है मालिक के बिजनेस को सम्हालने का , का है कि आप आज के जमाने के हिसाब से चलने वाले लड़के है , आपके काम करने का तरिका भी थोड़ा अलग होगा वरना पिछले कित्ते सालों से एक ही तरीके से सब काम चल रहा है , ना बहुत ज्यादा नफ़ा और ना ही नुक्सान,,,,,,पर हमको यकीन है आपके काम सम्हालने के बाद इह काम मा कुछो अच्छा देखने को मिली है”,मेनेजर ने गाडी चलाते हुए कहा लेकिन राजन तो किसी और ही सोच में डूबा हुआ था।

आख़िरकार उसने फोन लिया और जैसे ही पूजा को मैसेज करने लगा पूजा का मैसेज सामने से आ गया। राजन ने मैसेज खोलकर देखा। बैंगनी रंग के सूट में पूजा ने अपनी एक तस्वीर भेजी थी और नीचे लिखा था “कैसे लग रहे है
राजन ने फोटो देखी तो बस देखता ही रह गया , पूजा इस सूट  दिन से भी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी। वह उस तस्वीर में ही खोकर रह गया और पूजा को जवाब देना भूल गया होश तब आया जब पूजा के मैसेज से फोन वाइब्रेट हुआ। राजन ने देखा पूजा ने लिखा था “अच्छा नहीं लग रहा तो चेंज कर दे क्या ?”


“अच्छा लग रहा है , चेंज मत कीजिये”,राजन ने लिखकर भेजा
अगले ही पल पूजा का मैसेज फिर आया,”ठीक है ! जल्दी आईयेगा हम इंतजार कर रहे है”
पूजा का ये मैसेज देखकर राजन अपनी भावनाओ को और नहीं रोक पाया और मैनेजर से कहा,”गाड़ी रोकिये”
“कुछो काम था आपको ?”,मैनेजर ने कहा
“आप रोकिये ना”,राजन ने कहा तो मैनेजर ने साइड में गाडी रोक दी  

“नीचे उतर जाईये”,राजन ने कहा
मैनेजर हैरान परेशान सा नीचे उतर गया तो राजन ड्राइवर सीट पर आया और गाड़ी का दरवाजा बंद कर शीशा नीचे करके मैनेजर से कहा,”पिताजी कुछो पूछे तो उनसे कहना हम तुम्हरे साथ थे,,,,,,,,वरना तुम्हरी मैनेजर की पोस्ट खा जायेंगे जे याद रखना”
“वो तो है ठीक राजन बाबू लेकिन हम गोदाम कैसे जायेंगे ?”,मैनेजर ने कहा
“हुआ सामने 7 नंबर बस आती है ओह्ह से,,,,,,,,,,,,चलते है”,राजन ने गाड़ी आगे बढ़ाते हुए कहा और मैनेजर उसे बस उसे देखते ही रह गया।

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संजना किरोड़ीवाल   

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