Main Teri Heer Season 5 – 34

Main Teri Heer Season 5 – 34

Main Teri Heer - Season 5
Main Teri Heer – Season 5 by Sanjana Kirodiwal

मुन्ना के कहने पर किशना ने सभी शराब की बोतलों को खाली किया और उनमे जूस भर दिया। उसने मुरारी के आने से पहले सभी बोतलों को वापस रेंक में लगा दिया और कमरे की सफाई करके बाहर चला आया। किशना ने बाल्टी भर शराब बाथरूम में बहा तो दी लेकिन उसकी बदबू से पूरा घर महक रहा था। मुन्ना जा चुका था और किशना को समझ नहीं आ रहा था कि करे तो क्या करे ? उसने नौकर से कहकर पुरे घर की सफाई करवा दी , फिनॉयल से पोछा लगवा दिया लेकिन शराब की बदबू अभी भी आ रही थी।

किशना परेशान सा मुरारी के ऑफिस में आया और वहा रखा रूम फ्रेशनर उठाकर पुरे घर को उस से नहला दिया। अब शराब की बदबू और रूम फ्रेशनर की खुशबु दोनों आपस में मिक्स हो गयी और घर पहले से भी ज्यादा महकने लगा। परेशान होकर किशना हॉल में यहाँ से वहा घूमने लगा। अनु मुरारी हाथो में बैग उठाये सामने से अंदर चले आ रहे थे और किशना का उस ओर ध्यान भी नहीं गया। यहाँ वहा चक्कर काटते हुए किशना सामने से आते मुरारी से टकरा गया मुरारी को अपने सामने देखकर किशना घबरा गया और कहा,”अरे मुरारी भैया ! आप आ गए ?”


अनु मुस्कुराते हुए मुरारी और किशना के बगल से निकलकर सोफों की तरफ बढ़ गयी और मुरारी ने हाथ किशना से कहा,”माफ़ कर दीजिये मालिक आने से पहिले आपकी परमिशन नाही ली,,,,,,,,,,!!”
“जे का कह रहे है आप ?”,किशना ने असमझ की स्तिथि में कहा
“अबे हमारा घर है हम जब मर्जी तब आये,,,,,,,इतना पिलपिलाये काहे हो ? तबियत ठीक है ना तुम्हायी ?”,मुरारी ने सोफे की तरफ बढ़ते हुए कहा
“हाँ हाँ भैया ठीक है , हमको का हुआ है हम तो बिल्कुल ठीक है”,किशना ने मुरारी के पास आकर कहा


“ठीक हो ना तो फिर भागकर जाओ और हमरे लिए एक ठो कप बढ़िया सी चाय ले आओ,,,,,,,,,,,पूरा दिन बाजारी करके सर मा दर्द हो गवा है”,मुरारी ने अपने बालों में हाथ घुमाते हुए कहा
“भाभी आपके लिए भी कुछो लेकर आये का ?”,किशना ने पूछा
“नहीं किशना ! मुझे ब्लैक कॉफी चाहिए मैं अपने आप बना लुंगी,,,,,,,तुम जाओ इनके लिए चाय ले आओ,,,,,,,,!!”,अनु ने कहा


 किशना वहा से चला गया। मुरारी ने अपनी नाक सिकोड़ते हुए कहा,”मैग्गी तुमको भी अजीब सी बदबू आ रही है का ?”
अनु ने एक दो लम्बी सांसे ली और कहा,”हाँ मुरारी बहुत ही अजीब बदबू आ रही है,,,,,,,,,पर ये है किस चीज की ?”
“जे तो किशना ही बताएगा,,,,,,,,,,,,ए किशना हिया आवा ज़रा,,,,,,,,!!”,मुरारी ने अनु से कहा और किशना को आवाज दी। किशना भागकर बाहर आया और मुरारी के सामने आकर मासूमियत से कहा,”हाँ भैया”
“किशना जे पुरे घर मा बदबू किस चीज की है ?”,मुरारी ने पूछा


“अगर सच बता दिया तो हमरी खैर नहीं माफ़ करना महादेव झूठ बोलना हमरी मज़बूरी बन गवा है”,किशना ने मन ही मन कहा
“अरे का हुआ ? बोलोगे कुछ,,,!!”,मुरारी ने कहा तो उसकी आवाज से किशना की तंद्रा टूटी और उसने हड़बड़ाकर कहा,”उह उह बगल वाला घर है ना भैया वहा कोई नाला फूटा है तो बस उसी की बदबू आ रही है , हमहू रूम फ्रेशनर भी डाले है पर नाले की बदबू ज्यादा है,,,,,,,,,!!”


“जे साला बगल वाले तिवारी को कित्ती बार समझाए कि जे नाले का बंदोबस्त करवाय ल्यो पर जे ससुरा कुछो सुनने को तैयार नाही,,,,,,हमहू अभी जाकर एक ठो डोज देकर आते है”,मुरारी ने कहा और जैसे ही उठने को हुआ किशना ने कहा,”अरे भैया हमहू पहिले ही डोज दे दिए है तिवारी जी को,,,,,,,,आप काहे जाकर मुंह लगेंगे उनके,,,,,,,,!!”
मुरारी वापस बैठ गया और कहा,”का बात है किशना ? होशियार हो गए हो,,,,,,,अरे उह चाय का का हुआ ?”
“हाँ अभी लाते है,,,,,,,,,,,!!”,कहकर किशना वहा से चला गया


 “मुरारी मैंने हिसाब लगाया आज की शॉपिंग में काफी खासा खर्चा हो गया है , तुम्हारे सारे पैसे तो शॉपिंग में ही चले जायेंगे फिर मुन्ना की शादी में,,,,,,,,,!!”,अनु ने इतना ही कहा कि मुरारी ने कहा,”अरे काहे चिंता करती हो अनु ? चाचा का फोन आया था उन्होंने कहा है कल तक अकाउंट में पैसा डाला देंगे,,,,,मुन्ना की शादी खूब धूम-धाम से होगी,,,,,,,काहे चिंता करती हो इतनी ?”
“ऐसी बात नहीं है मुरारी मैं बस ये कह रही थी मेरे अकाउंट में पैसे है और मेरी कुछ सेविंग्स भी है तुम चाहो तो मुन्ना की शादी में उन्हें यूज कर सकते हो,,,,,,!!”,अनु ने कहा


“अरे बिल्कुल नाही ! बिटवा की शादी मा तुम्हरी सेविंग्स लेंगे का , उह्ह पइसा तुमहू बचा के रखो कल को गौरी इह घर मा आज जाएगी तब ओह के साथ शॉपिंग पर जाना,,,,,,,,!!”,मुरारी ने कहा
“आपकी चाय,,,,,,!!”,किशना ने चाय मुरारी की तरफ बढाकर कहा तो अनु और मुरारी की बात बीच में ही रह गयी। मुरारी ने कप लिया और चाय पीने लगा तो अनु ने उठते हुए कहा,”तुम चाय पीओ मैं ये सब अंदर रख देती हूँ,,,,,,किशना मुन्ना कहा है ?”


“मुन्ना बाबा तो घाट की तरफ गए है,,,,,,,,,,,!!”,किशना ने कहा
“का हुआ ? कोनो काम था का मुन्ना से ?”,मुरारी ने पूछा
“अह्ह्ह्ह नहीं काम नहीं था सोचा उसे ये सब दिखा दू कोई बात नहीं मैं बाद में दिखा दूंगी,,,,,,,!!”,कहकर अनु ने बैग उठाये और कुछ किशना को लेकर आने का कहकर अपने कमरे की तरफ बढ़ गयी।
मुरारी चाय पीते हुए खुद में ही बड़बड़ाने लगा,”जे साला अस्सी का मोह ना छूटे है मुन्ना से,,,,,,,,!!”

अस्सी घाट , बनारस
किशना को जिम्मेदारी सौंपकर मुन्ना अस्सी घाट चला आया। शाम का समय था और ढलते सूरज के साथ अस्सी घाट और भी खूबसूरत लगता था। एक सुकून एक शांति और हर तरफ फैली एक सोंधी महक अक्सर ही मुन्ना को वहा रुकने के लिए मजबूर कर देती थी। आज कितने दिनों बाद मुन्ना अस्सी आया था , वह सीढ़ियों से उतरकर अस्सी की मिटटी पर चला आया पानी के बिल्कुल करीब , ठंडी ठंडी हवाएं उसे छूकर गुजरने लगी और मुन्ना उन हवाओ को महसूस करने लगा। मौसम सर्द था क्योकि 3 हफ्ते बाद ही दिवाली थी।

मुन्ना सामने फैले माँ गंगा के पानी को एकटक देखते हुए मन ही मन खुद से कहने लगा,”इस बार गौरी जब यहाँ आएगी तो हम उसे अपने साथ लेकर उस पार जायेंगे , और गौरी की दिखाएंगे की उस पार से बनारस कैसा दिखता है। गौरी के साथ तो ये शहर हमे और भी आकर्षक लगता है लेकिन माफ़ करना गौरी इस शहर की खूबसूरती तुम से थोड़ी ज्यादा है,,,,,,,,,,,,,ऐसा अगर हम गौरी के सामने कह दे तो वो तो हमे सीधा गंगा जी में धकेल देगी,,,,,,वैसे वो है कहा उसने सुबह से हमे एक बार भी फोन नहीं किया,,,,,,,

गौरी को फोन लगाकर बताते है कि हम कहा है ? देखना पक्का चिढ जाएगी और कहेगी “ओह्ह्ह्ह मान कभी कभी तो लगता है कोई दूसरी लड़की नहीं बल्कि ये अस्सी घाट मेरी सौतन है” पागल लड़की , कोई शहर कोई जगह भी किसी की सौतन हो सकता है भला,,,,,,,,,,!!”
मुन्ना ने गौरी का नंबर डॉयल किया और बगल में खड़ी नाव पर चला आया जो कि पुरानी नाव थी और खाली थी। मुन्ना नाव में आकर किनारे पर बैठा और गौरी के फोन उठाने का इंतजार करने लगा।

गौरी ने पहली बार में फोन नहीं उठाया तो मुन्ना ने स्क्रीन देखकर कहा,”गौरी हमारा फोन क्यों नहीं उठा रही है ? ऐसे तो इसे हम से कितनी सारी बाते करनी होती है और अब हम फोन कर रहे है तो गायब है,,,,,,,,एक काम करते है जय को फोन लगाते है , वो घर पर ही होगा”
मुन्ना ने जय का नंबर डॉयल किया और कान से लगा लिया एक दो रिंग जाने के बाद जय ने फोन उठाया और कहा,”हेलो !”


“हेलो जय ! हम मुन्ना बोल रहे है गौरी कहा है ?”,मुन्ना ने कहा
“कौन मुन्ना ?”,जय ने पूछा , उसके पास मुन्ना का नंबर मान जीजू के नाम से सेव था फिर भी उसने जान बुझकर कहा
“मुन्ना , हमारा मतलब हम मानवेन्द्र बोल रहे है बनारस से , गौरी है क्या ?”,मुन्ना ने सहजता से कहा


“ओह्ह्ह्हह मान जीजू,,,,,,,,,,,हाँ जीजाजी कहिये आज आपको इस गरीब साले की याद कैसे आ गयी ? ओह्ह्ह लगता है आपको गौरी दीदी से फुर्सत मिल गयी,,,,,,,,,वैसे आपने गौरी दीदी से बात करने के लिए मेरे फोन पर फोन क्यों किया है ? आप दोनों में झगड़ा हो गया है क्या ? कही गौरी दीदी ने आपका नंबर ब्लॉक तो नहीं कर दिया,,,,,,,,,हाँ ! वो थोड़ी अजीब है कभी कभार ऐसा कर देती है”,जय ने मुन्ना की टांग खींचते हुए कहा


“अबे साले”,मुन्ना ने मन ही मन कहा और फिर खुद को बहुत ही कंट्रोल करके कहा,”गौरी हमारा फोन नहीं उठा रही है क्या तुम हमारी उस से बात करवा सकते हो ? प्लीज”
जय मुन्ना के मजे लेने के मूड में था वह मुन्ना की बात नहीं सुनने वाला था लेकिन जैसे ही मुन्ना ने प्यार से प्लीज कहा जय पिघल गया और कहा,”करवाऊंगा लेकिन बदले में आपको मुझे बनारस घूमाना पड़ेगा , मंजूर है ?”
“हम्म्म्म ठीक है”,मुन्ना ने मुस्कुरा कर कहा क्योकि जय ने बदले में उस से माँगा भी तो क्या बनारस

जय फोन लेकर ऊपर गौरी के कमरे में आया और जैसे ही दरवाजा खोला अंदर का नजारा देखकर हैरान था। गौरी शाम के 5 बजे , कमरे की खिड़किया बंद कर , सब परदे डालकर , रात वाला माहौल बनाकर सो रही थी। वह बिस्तर पर पेट के बल लेटी थी। जय अंदर आया कमरे की लाइट ऑन की और गौरी को जगाते हुए कहा,”गौरी दीदी , गौरी दीदी उठो , जीजू का फोन है,,,,,,,,,,,,अरे उठो ना”
उधर नाव पर बैठा मुन्ना जय की आवाज साफ सुन पा रहा था  

वह समझ गया कि गौरी इस वक्त सो रही है और पक्का उसका फोन साइलेंट पर होगा तभी उसने मुन्ना का फोन नहीं उठाया।
जय ने एक दो बार और कहा और गौरी ने उठकर बैठते हुए कहा,”क्या है ? क्यों परेशान कर रहे हो ? ये रहा कमरा और तुम्हे जो चाहिए ले जाओ यहाँ से,,,,,,,बस मुझे सोने दो,,,,,,,,,अह्हह्ह्ह्ह आज मेरा दिन बहुत खराब था”
“आपका दिन अच्छा बनाने के लिए ही तो मैं आया हूँ ये लो बात करो,,,,,,,,,,,!!”,जय ने खुश होकर अपना फोन गौरी की तरफ बढाकर कहा


गौरी ने नींद से भरी आँखों से जय को देखा और उसका फोन लेकर कहा,”ये क्या कह रह हो तुम ?”
“गौरी दीदी आप ही तो कहती है कि पसंदीदा मर्द से बात करने के बाद बुरे से बुरा दिन भी अच्छा बन जाता है,,,,,,,,,,फोन पर मान जीजू है”,आखरी 5 शब्द जय ने दबी आवाज में कहे।  गौरी ने फोन कान से लगाया और कहा,”हेलो”
“तुम अभी तक सो रही हो , तुम्हारी तबियत तो ठीक है ना ?”,मुन्ना ने प्यार से पूछा


“ओह्ह्ह मान मैं तुम्हे क्या बताऊ ? जबसे हमारी शादी फिक्स हुई है घर में मुझे कोई चैन से सोने भी नहीं देता , अभी भी मैं कितना अच्छा सपना देख रही थी , मैं सपने में उस चोकोलावा केक को खाने ही वाली थी कि इस मोटे ने आकर मुझे जगा दिया,,,,,,,,,,अह्हह्ह्ह्ह ये मेरे साथ ही क्यों होता है ?”,गौरी ने उबासी लेते हुए कहा
जय जो कि पहले गौरी की छोटी छोटी बात पर चिढ जाता था , आज उसके मुंह से अपने लिए मोटा सुनकर भी वह मुस्कुरा रहा था। वह गौरी की ठीक सामने ही बैठा था और गौरी मुन्ना से बात कर रही थी।

सोकर उठने की वजह से गौरी के बाल बिखरकर उसके चेहरे पर आ रहे थे और वह मुन्ना से बात करते हुए उन्हें बार बार साइड कर रही थी। जय ने देखा तो अपने हाथ से गौरी के बालों को उसके कान के पीछे कर दिया। गौरी बात करते करते चुप हो गयी उसने जय को देखा ऐसा करते हुए उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं थे , आज से पहले जय ने गौरी के लिए ऐसा कुछ नहीं किया था। सहसा ही गौरी को अपने सीने में एक अजीब सी चुभन का अहसास होने लगा वह बोलना चाहती थी लेकिन शब्द उसके गले में ही अटक गए।

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संजना किरोड़ीवाल  

Main Teri Heer - Season 5
Main Teri Heer – Season 5 by Sanjana Kirodiwal
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सोकर उठने की वजह से गौरी के बाल बिखरकर उसके चेहरे पर आ रहे थे और वह मुन्ना से बात करते हुए उन्हें बार बार साइड कर रही थी। जय ने देखा तो अपने हाथ से गौरी के बालों को उसके कान के पीछे कर दिया। गौरी बात करते करते चुप हो गयी उसने जय को देखा ऐसा करते हुए उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं थे , आज से पहले जय ने गौरी के लिए ऐसा कुछ नहीं किया था। सहसा ही गौरी को अपने सीने में एक अजीब सी चुभन का अहसास होने लगा वह बोलना चाहती थी लेकिन शब्द उसके गले में ही अटक गए।

सोकर उठने की वजह से गौरी के बाल बिखरकर उसके चेहरे पर आ रहे थे और वह मुन्ना से बात करते हुए उन्हें बार बार साइड कर रही थी। जय ने देखा तो अपने हाथ से गौरी के बालों को उसके कान के पीछे कर दिया। गौरी बात करते करते चुप हो गयी उसने जय को देखा ऐसा करते हुए उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं थे , आज से पहले जय ने गौरी के लिए ऐसा कुछ नहीं किया था। सहसा ही गौरी को अपने सीने में एक अजीब सी चुभन का अहसास होने लगा वह बोलना चाहती थी लेकिन शब्द उसके गले में ही अटक गए।

सोकर उठने की वजह से गौरी के बाल बिखरकर उसके चेहरे पर आ रहे थे और वह मुन्ना से बात करते हुए उन्हें बार बार साइड कर रही थी। जय ने देखा तो अपने हाथ से गौरी के बालों को उसके कान के पीछे कर दिया। गौरी बात करते करते चुप हो गयी उसने जय को देखा ऐसा करते हुए उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं थे , आज से पहले जय ने गौरी के लिए ऐसा कुछ नहीं किया था। सहसा ही गौरी को अपने सीने में एक अजीब सी चुभन का अहसास होने लगा वह बोलना चाहती थी लेकिन शब्द उसके गले में ही अटक गए।

सोकर उठने की वजह से गौरी के बाल बिखरकर उसके चेहरे पर आ रहे थे और वह मुन्ना से बात करते हुए उन्हें बार बार साइड कर रही थी। जय ने देखा तो अपने हाथ से गौरी के बालों को उसके कान के पीछे कर दिया। गौरी बात करते करते चुप हो गयी उसने जय को देखा ऐसा करते हुए उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं थे , आज से पहले जय ने गौरी के लिए ऐसा कुछ नहीं किया था। सहसा ही गौरी को अपने सीने में एक अजीब सी चुभन का अहसास होने लगा वह बोलना चाहती थी लेकिन शब्द उसके गले में ही अटक गए।

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