Main Teri Heer Season 5 – 32
Main Teri Heer Season 5 – 32

रमेश को मुन्ना के लिए छतरी लिए खड़ा देखकर भूषण हैरान था। कल तक रमेश राजन और भूषण के लिए काम करता था और आज वह मुन्ना के बगल में खड़ा था। भूषण गुस्से से एकटक रमेश को देखे जा रहा था , उसे खामोश देखकर साथ खड़े लड़को में से एक ने कहा,”ए रमेश्वा ! दिमाग तो सही है तुम्हरा , कल तक भूषण भैया के पैसो पर मौज उड़ाते थे और साले आज पार्टी बदल लिए,,,,,,,,,!!”
“दिमाग सही है तभी तो सही जगह खड़े है,,,,,,!!”,रमेश ने अकड़कर कहा
भूषण के लड़को ने जैसे ही रमेश की तरफ बढ़ना चाहा रमेश ने हाथ आगे करके उन्हें रोक दिया और रमेश से कहा,”बहुते सही रमेश,,,,,,,बहुते सही टाइम पर अपना रंग दिखाए हो,,,,,,,,अरे राजन भैया को पता चलेगा तो माफ़ करेंगे का ऊह तुमको,,,,,,,,!!”
“हमहू अपने सम्मान के खातिर मुन्ना भैया के साथ खड़े है तुम्हरी तरह राजन भैया को धोखा देकर नहीं,,,,,,,,,!!”,रमेश ने कठोरता से कहा
रमेश के मुंह से सच्चाई सुनकर भूषण गुस्से में लाल पीला हो गया और उसे मारने के लिए जैसे ही उसकी तरफ बढ़ा मुन्ना ने अपना हाथ भूषण की छाती पर रखा और उसे पीछे करके कहा,”रमेश को अगर हाथ लगाया तो अपने पैरों पर चलकर घर नाही जा पाओगे,,,,,,,,,!!”
“ए मुन्ना,,,,,,,,,!”,भूषण मुन्ना को आँखे दिखाते हुए चिल्लाया
“क्या बे ?”,मुन्ना ने थोड़ा ऊँचे स्वर में कठोरता से कहा , गुस्सा उसकी आँखों से झलक रहा था और भँवे चढ़ी हुई थी , मुन्ना की हाइट भी भूषण से ज्यादा थी और ये दो शब्द कहते हुए उसकी मजबूत छाती भूषण की प्रोटीन पाउडर खाकर बनायीं छाती से जा मिली। मुन्ना की आवाज इतनी असरदार और मजबूत थी कि भूषण की आवाज उसके सामने दबकर रह गयी।
भूषण की आँखों में बेचैनी और डर देखकर मुन्ना ने कहा,”आज तू जिस जगह पर खड़ा है ना वो जगह राजन की थी और तेरे धोखे को यहाँ खड़ा तेरा हर लड़का जानता है , रमेश भी तेरा ही लड़का है ना पर इसने तेरे झूठ के बजाय उस सच को चुना जो इसके आगे खड़ा है,,,,,,,,,,मारना चाहता है इसको , तो मार ना पर उसके बाद तू और तेरे पंटर यहाँ से ज़िंदा वापस जायेंगे इसकी गारंटी हम नहीं दे सकते,,,,,,,,ये हमारे साथ जाएगा दम है तो रोक के दिखा”
भूषण खामोश हो गया उसे लगा हमेशा की तरह मुन्ना उसे कुछ नहीं कहेगा लेकिन आज मुन्ना ने भूषण को उसकी सही जगह दिखा दी। मुन्ना पीछे हटा और कहा,”रमेश,,,,,,,,,,!!”
“जी भैया,,,,,,!!”,रमेश मुन्ना के लिए छतरी ताने उसके साथ साथ चलने लगा। रमेश मुन्ना के साथ भूषण के बिल्कुल सामने से निकला लेकिन भूषण उसे छू तक नहीं पाया। मुन्ना की आवाज अभी तक उसके कानों में जो गूंज रही थी।
रमेश मुन्ना के साथ उसकी जीप में जा बैठा और दोनों वहा से निकल गए। भूषण वही खड़ा उन्हें जाते हुए देखता रहा। लड़को में से एक भूषण के पास आया और कहा,”का भैया ! आप उह्ह्ह मुन्ना का मुंह काहे नाही तोड़ दिए,,,,,,,,सबके सामने उह आपको इतना सब सुना के चला गया और आपने कुछो ना कहा,,,,,,,,!!”
“हाँ भैया मुन्ना अकेला था और हम सब इतने सारे आपको उसे ऐसे नहीं जाने देना था,,,,,,,,,,,हमेशा तो चुप रहता है लेकिन आज बहुते बोल रहा था उह्ह”, दूसरे लड़के ने कहा
“क्योकि आज उसका बाप उसके साथ नहीं था , जे मुन्ना बहुते टेढ़ी चीज है सबके सामने कुछो और बनता है और हमरे सामने कुछो और,,,,,,,,,,,जे की अकड़ तो हमही निकालेंगे उह्ह्ह भी जे इलेक्शन जीतकर,,,,,,,,रैली की तैयारी करो बे”,भूषण ने कहा और वहा से चला गया
लड़के भी भूषण के साथ वहा से निकल गए
ठठेरी बाजार , बनारस
“आई ये देखिये ये सेट काशी के लिए कैसा रहेगा ? हमे तो ये बहुत पसंद आ रहा है,,,,,,,!!”,सारिका ने सोने का एक सेट आयी की तरफ बढाकर कहा। आई के बगल में बैठी अनु ने देखा तो खुश होकर कहा,”दी सच में ये बहुत प्यारा है और काशी पर तो ये और भी सुन्दर लगेगा और बनारसी साड़ी के साथ तो बहुत ही प्यारा”
“सारिका बिटिया हार तो बहुते सुन्दर है,,,,,,,एक ठो बार काशी बिटिया से भी पूछ लेते है,,,,,,,,,,अनु बिटिया जरा काशी बिटिया को बिडिओ कॉल तो लगाओ”,आई ने हार की डिजाइन देखते हुए कहा
अनु ने तुरंत काशी को विडिओ कॉल लगा दिया , काशी इस वक्त होटल के बाहर शक्ति के साथ थी और शक्ति उसे मनाने के लिए उसके सामने उठक बैठक निकाल रहा था। अनु का विडिओ कॉल देखकर काशी ने फोन उठाया और स्क्रीन पर अनु को देखकर खुश होते हुए कहा,”अनु मौसी ! गेस व्हाट हम कहा है ?”
“कहा हो ?”,कहते हुए काशी ने अपना फोन घुमाकर इंदौर का सबसे बड़ा होटल दिखाया जो कि अनु का फेवरेट था लेकिन अनु की नजर होटल से पहले शक्ति पर गयी जो उठक बैठक निकाल रहा था।
काशी ने ध्यान नहीं दिया , उसने ना शक्ति को रुकने को कहा ना ही उसने फोन पर ध्यान दिया।
“अनु मौसी पता है आज इस होटल में हमारा इंटर्न का पहला दिन है,,,,,,,,,और यहाँ शक्ति,,,,,,,,,,,!!”,काशी ने खुश होकर कहा लेकिन वह पूरी बात कह पाती इस से पहले ही अनु थोड़ा कठोरता से कहा,”और तुम शक्ति से उठक बैठक निकलवा रही हो”
काशी ने सुना तो उसने सामने शक्ति को देखा और रुकने को कहा वह अनु से कुछ कहती इस से पहले अनु ने अपना फोन आई की तरफ बढाकर कहा,”आई जरा देखिये इस लड़की को घर के होने वाले दामाद से ये उठक बैठक निकलवा रही है ,, ज़रा पूछिए इस से बेचारे शक्ति ने ऐसा क्या किया जो ये उसे ऐसी सजा दे रही है”
आई ने अनु का फोन हाथ में लिया तो काशी ने मासूम बनते हुए कहा,”प्रणाम आई,,,,,,,,,!”
“खुश रहो बिटिया पर हमहू जे का सुन रही है तुमहू शक्ति से उठक बैठकर निकलवा रही हो,,,,,,,,,,बिटिया उह हमरे घर का होने वाला दामाद है और इंदौर में इत्ता बड़ा पुलिसवाला है और तुमहू उस से सब करवा रही हो,,,,,,,,,,,बहुते गलत बात है बिटिया,,,,,,,!!”,आई ने काशी को डांट लगाते हुए कहा
वही आई के पीछे मुरारी खड़ा था उसने आई के पास आकर काशी से कहा,”कुछो गलत नाही है काशी , बीवी के सामने चाहे इंदौर का पुलिवाला हो चाहे बनारस का विधायक चूहा बन जाता है,,,,,,,पक्का शक्ति ने कोनो गलती की होगी”
“हाँ ना मुरारी चाचा , उसने हमे सबके सामने इग्नोर किया,,,,,,,,,,!!”,मुरारी को अपनी साइड लेते देखकर काशी ने शक्ति की शिकायत करके कहा
“अरे चुप करो ! जे मुरारी तो है ही पगलेट , घर के होने वाले दामाद के साथ कोनो ऐसा करता है का ? सारिका बिटिया जे लयो तुमहू ही बात करो अपनी बिटिया से और समझाओ इह का,,,,,,,,,,हमरा शिवा कोनो गलती करता है तो तुमहू करती हो का ऐसा कुछो ? समझाओ जे लड़की को,,,,,,,!!”,कहते हुए आई ने फोन सारिका को पकड़ा दिया और खुद अनु के साथ मिलकर सामने पड़े गहने देखने लगी।
सारिका ने फोन लिया और कहा,”काशी ! तुम्हे ये नहीं करना चाहिए बेटा , शक्ति ने अगर तुम्हे नजरअंदाज किया तो कोई वजह होगी ना,,,,,,,,,,!!
काशी के कहने से पहले शक्ति ने उसके हाथ से फोन लिया और कहा,”प्रणाम माँ”
“आयुष्मान भवः , शक्ति काशी ने जो किया उसके लिए हम माफ़ी,,,,,,,,,,,!!”,सारिका ने जैसे ही कहा शक्ति बोल पड़ा,”अरे नहीं नहीं माँ , इट्स ओके हमे बुरा नहीं लगा और वैसे भी हम आजकल काशी को ज्यादा ही परेशान करते है तो काशी को पूरा हक़ है हमे पनिशमेंट देने का,,,,,,,,,,आप बताईये आप कैसी है और पापा कैसे है ?”,शिवम् ने मुस्कुराकर कहा
“हम ठीक है और शिवम् जी भी ठीक है ,,,,,,,,,,,शादी में एक महीना ही बचा है इसलिए आज हम , आई , अनु और मुरारी भैया गहने खरीदने चले आये,,,,,,,,,आप बनारस कब आ रहे है ?”,सारिका ने पूछा
“शादी से एक हफ्ते पहले आ जायेंगे”,शक्ति ने कहा
सारिका ने शक्ति से थोड़ी बात की और फिर फोन अनु की तरफ बढ़ा दिया। अनु ने शक्ति से जल्दी आने को कहा और फिर काशी को गहने दिखाने लगी। सारिका ने जो सेट पसंद किया था वह सेट काशी और शक्ति को भी आया था। सबने उसी सेट को पसंद किया और खरीद लिया।
काशी से बात करने के बाद सारिका , आई और अनु ने काशी के लिए बाकि गहने पसंद किये और फिर सारिका ने अनु से कहा,”काशी और शक्ति के लिए तो सब पसंद कर लिया अब गौरी के लिए कुछ देख ले ?”
“हाँ दी मैं यही कहने वाली थी अब जब आ ही गए है तो आज ही गहनों की खरीदारी कर लेते है बाद में टाइम नहीं मिलेगा,,,,,,,,,,मुरारी आओ ना”,अनु ने पलटकर मुरारी से कहा
“अरे हम का देखेंगे आप सब देख के डिसाइड कर लेओ , जैसे काशी को फोन लगाया वैसे गौरी को भी लगाय लयो उह्ह भी अपनी पसंद बता देगी,,,,,,,,,!!”,मुरारी अनु के बगल में बैठते हुए कहा
“काहे ? तुम्हरे बेटे का ब्याह है तुमहू भी देखो,,,,,,,,,!!”,आई ने कहा तो मुरारी भी उन सबके साथ आ बैठा और गहने देखने लगा। गौरी बिजी थी इसलिए उसने बड़े प्यार से अनु से कहा,”सासु माँ मैं जानती हूँ आपकी पसंद बहुत अच्छी है इसलिए आपको जो पसंद आये वो ले लीजिये और नहीं समझ आये तो पापा से पूछ लीजिये वो तो आपसे भी ज्यादा कूल है”
“ठीक है बेटा,”अनु ने कहा और फोन काट दिया
मुरारी ने आई को देखा और कहा,”देखा आई गौरी हमका कूल बोल रही है एक आप ही है जिसको हमरी कदर नाही है,,,,,,!”
“कूल नाही फूल , फूल हो तुमहू एक नंबर के मुरारी होने वाली बहु से ऐसे कोनो बात करता है का ? थोड़ी मान मर्यादा रखो”,आई ने कहा
सारिका ने सुना तो आई के पीछे से मुरारी की तरफ देखकर मुस्कुराते हुए ना में गर्दन हिला दी क्योकि सारिका समझती थी कि गौरी मुरारी में अपने पिता का अहसास ढूंढती है। मुरारी ने आई से कुछ नहीं कहा और सामने पड़ा एक मोतियों से जड़ा सुन्दर सा हार उठाकर आई के गले से लगाकर कहा,”जे बहुते जचेगा आई , तुमहू जे खरीद ल्यो”
“अरे ना ना जे बहुते महंगा है मुरारी हमहू ना लेइ”,आई ने कहा
“अरे लेइ ल्यो हमहू दिलवा रहे है मुन्ना की बारात मा तुमहू जे ही पहनना , पुरे बनारस मा सब तुमको ही देख्नेगे”,मुरारी ने कहा
“अरे नाही मुरारी इत्ता महंगा हम ना लेई है,,,,,,,,,!!”,आई ने कहा
“तुम्हरे और बाबा के अलावा हमारे कौनसे माँ-बाप है बताना ज़रा,,,,,,,,,,हमहू प्यार से दिलवा रहे है रख लयो वरना हमे लगेगा तुमहू हमसे पिरेम नाही करती”,मुरारी ने झूठ मूंठ का नाराज होकर कहा
मुरारी को रिक्वेस्ट करते देखकर अनु ने कहा,”रख लीजिये ना आई,,,,,,,,,,आप लकी है जो मुरारी ने आपके लिए पसंद किया वरना मैं और दी तो बस एक दूसरे का मुंह देख रहे है”
“मुंह काहे देख रही हो अनु हमहू भाभी के लिए भी जे पसंद किये है,,,,,,,,!!”,कहकर मुरारी ने एक बहुत सुन्दर झुमको की जोड़ी सारिका की तरफ बढ़ा दी सारिका ने जैसे ही ना बोलना चाहा मुरारी ने झुमके सारिका की हथेली पर रखकर कहा,”हमको पता है शिवम् भैया के बाद बनारस मा आपका दुसरा प्यार जे ही है , जे आप पर बहुते सुन्दर लगेंगे”
“और मेरे लिए ?”,अनु ने पूछा तो मुरारी अनु के पास आया और नीचे बैठकर अपना घुटना थपथपाकर कहा,”अपना पैर हिया रखो”
“क्या कर रहे हो मुरारी सब देख रहे है ? 4 लोग क्या कहेंगे ?”,अनु ने धीमे स्वर में कहा क्योकि शोरूम में मौजूद स्टाफ और वहा आये लोगो की नजरे इस वक्त मुरारी पर थी।
मुरारी ने अनु का पैर उठाकर अपने घुटने पर रखा और कहा,”कौन 4 लोग ? हमरे लिए हमरी फॅमिली की ख़ुशी मेटर करती है,,,,,,,,,,!!”
कहते हुए मुरारी ने चमचमाती भारी भरकम पायल अनु के पैर में पहना दी। अनु ने देखा तो उसके होंठो पर बड़ी सी मुस्कान तैर गयी। इन पायलों को वह कितने वक्त से खरीदना चाहती थी लेकिन नहीं खरीद पायी और आज मुरारी ने उसके लिए इन्हे खरीदकर उसे सरप्राइज दे दिया।
आई , सारिका और अनु तीनो मुरारी का प्यार देखकर खुश थी। अनु को अपने हाथो से पायल पहनाकर मुरारी जैसे ही उठा शोरूम के स्टाफ ने कहा,”सर तीनो मैडम बहुत लकी है जिनकी जिंदगी में आप है”
“अरे भैया ! जे सब है तो हम है , जे हमायी आई है बचपन से लेकर जवानी तक हमे बहुते प्यार दिया है , हमने भी इनके अचार के बहुते मर्तबान तोड़े है और उह है हमरी भाभी ,,,
जैसे भगवान राम है ना वैसे ही हमरे शिवम् भैया है और सीता माता जैसी हमरी भाभी , जिन्होंने हमेशा हमको माँ जैसा ही पिरेम किया है और जे है हमायी धर्मपत्नी हमको इंसान बनाने में सबसे बड़ा हाथ इन्ही का है,,,,,,,,,,एक महीने बाद बिटिया और बिटवा की सादी है अब उह सादी मा इनका अच्छा दिखना बनता है न”,मुरारी ने कहा
“ए मुरारी , इधर आवा”,आई ने नम आँखों से कहा तो मुरारी आई की तरफ चला आया। आई ने मुरारी का मुरारी का चेहरा पकड़कर उसके ललाट को अपने होंठो से छूकर कहा,”खूब खुश रहा महादेव तुमको लम्बी उमर दे”
आई को इमोशनल होते देखकर मुरारी ने कहा,”जब इतना प्यार करती हो हमसे तो हमको हड़काती काहे रहती हो ?”
“उह तो हम मरते दम तक हड़कायेंगे,,,,,,तुमहू कौनसा सुधर जाही हो”,आई ने आँखों के किनारे साफ करके कहा
“कबो नाही ! अरे हमरी जिंदगी मा स्वाद ही हमरी रंगबाजी के कारण है,,,,,,, और बनारस वाले तो वैसे भी मौज में ही रहते है”,कहते हुए मुरारी बिल बनवाने चला गया और अनु , आई , सारिका मुस्कुरा दी
पुलिस स्टेशन , इंदौर
लंच के बाद शक्ति अपनी टीम के साथ पुलिस स्टेशन चला आया। शक्ति के केबिन में बैठे DIG सर उसी का इंतजार कर रहे थे। शक्ति अंदर आया और DIG सर को देखकर हैरानी से कहा,”सर आप यहाँ ?”
“हाँ शक्ति मुझे तुमसे कुछ जरूरी बात करनी थी , आओ बैठो”,DIG सर ने शक्ति से अपने बगल में सोफे पर बैठने को कहा
शक्ति उनसे कुछ दूरी बनाकर सोफे पर आ बैठा तो DIG सर ने कहा,”शक्ति इस वीकेंड बनारस में युवा नेता इलेक्शन होने जा रहे है , वहा की पार्टी हॉउस के मंत्री मेरे अच्छे दोस्त है वे चाहते है इस बार तुम वहा जाकर युवा नेता का नाम अनाउंस करो,,,,,,,,!!”
“लेकिन सर हम क्योंस ?”,शक्ति ने कहा
“क्योकि तुम बनारस से हो और वहा के लोगो में तुम्हारा काफी नाम है ,, हमारे डिपार्टमेंट के लिए ये बहुत ही ख़ुशी की बात होगी शक्ति,,,,,,,,,,!!”,DIG सर ने खुश होकर कहा
शक्ति उन्हें ना नहीं बोल पाया और हाँ कह दिया।
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संजना किरोड़ीवाल


जैसे भगवान राम है ना वैसे ही हमरे शिवम् भैया है और सीता माता जैसी हमरी भाभी , जिन्होंने हमेशा हमको माँ जैसा ही पिरेम किया है और जे है हमायी धर्मपत्नी हमको इंसान बनाने में सबसे बड़ा हाथ इन्ही का है,,,,,,,,,,एक महीने बाद बिटिया और बिटवा की सादी है अब उह सादी मा इनका अच्छा दिखना बनता है न”,मुरारी ने कहा
“ए मुरारी , इधर आवा”,आई ने नम आँखों से कहा तो मुरारी आई की तरफ चला आया। आई ने मुरारी का मुरारी का चेहरा पकड़कर उसके ललाट को अपने होंठो से छूकर कहा,”खूब खुश रहा महादेव तुमको लम्बी उमर दे”
Shakti fansega… mujhe lag rha hai ki partap ne Shakti ne bulaya hai…lakin wo Bhushan k liye itna kuch kyu Karega…pta nhi kon se mantri ne bulaya…par yuva neta to ab lag raha hai Bhushan hee banega…esa lag rha hai ki yeh sab bhushan ka plan hai Munna ko harane aur usse neecha dikhane ka…dekhte hai kon hoga yuva neta