Main Teri Heer – 2
Main Teri Heer – 2

मुंबई , नवीन का घर
“मेघना मेरा नाश्ता कहा है ? जल्दी करो आज ऑफिस में जरुरी मीटिंग है मुझे वक्त से पहुंचना है”,नवीन ने सीढ़ियों से उतरते हुए कहा और डायनिंग टेबल पर आ बैठा।
“ये रहा तुम्हारा नाश्ता,,,,,,,!!”,मेघना ने प्लेट नवीन के सामने रखते हुए कहा
“निशि उठ गयी ?”,नवीन ने नाश्ता करते हुए कहा
“निशि उठ चुकी और नाश्ता करके कोचिंग भी जा चुकी है,,,,,,,,,!!”,मेघना ने कहा
“क्या ? कोचिंग वो भी इतनी सुबह,,,,,,,,,,,,पक्का वो कोचिंग ही गयी है या फिर से उस पर एक्टिंग का भूत सवार ना हो गया हो,,,,,,,,!!”,नवीन ने हैरानी से कहा
“नवीन तुम्हे नहीं लगता तुम निशि के साथ कुछ ज्यादा ही कठोरता से पेश आ रहे हो , आई मीन उसे अपना करियर चुनने का पूरा हक़ है। निशि अगर एक्टिंग में जाना चाहती भी है तो इसमें गलत क्या है ? वंश भी तो इसी फिल्ड में है”,मेघना ने निशि के लिए चिंता जताते हुए कहा
“वही तो असली परेशानी है,,,,,,,,,,!!”,नवीन धीरे से बड़बड़ाया
“तुमने कुछ कहा ?”,मेघना ने पुछा
“अह्ह्ह्ह नहीं मैं बस ये कहना चाहता हूँ कि ये एक्टिंग वेक्टिंग सब बेकार काम है निशि को अपनी पढाई पर ध्यान देना चाहिए”,नवीन ने तुरंत बात बदलते हुए कहा और नाश्ता करने लगा
मेघना नवीन से किसी तरह की बहस करना नहीं चाहती थी इसलिए चुपचाप किचन में चली आयी और सिंक में बर्तन पटककर खुद से कहा,”ये नवीन को आखिर हो क्या गया है ? वह निशि को लेकर इतना स्ट्रिक्ट कैसे हो सकता है ? और एक्टिंग , एक्टिंग में क्या बुराई है ? इन दिनों नवीन को समझते समझते मैं पागल हो जाउंगी,,,,,,,,,,!!”
मेघना अपना काम करने लगी और नवीन नाश्ता करके ऑफिस के लिए निकल गया। दरअसल ये जरुरी मीटिंग सारिका के पुराने ऑफिस को फिर शुरू करने को लेकर थी।
“अपनी स्कूटी की चाबी दो और क्लास में मेरी अटेंडेंस लगवा देना,,,,,,,,,,,,मैं दोपहर बाद तुम्हे कोचिंग के बाहर ही मिलूंगी”,निशि ने अपनी दोस्त पूर्वी से कहा
“लेकिन तुम इतनी जल्दी में जा कहा रही हो ?”,पूर्वी ने पूछा
“फिल्मसिटी , आज शूटिंग है और मुझे लेट नहीं होना इसलिए स्कूटी से जा रही हूँ , अब जल्दी से चाबी दो मुझे देर हो रही है”,निशि ने कहा
पूर्वी ने अपनी स्कूटी की चाबी निशि को दे दी और निशि वहा से निकल गयी। निशि के जाने के बाद पूर्वी उसे जाते हुए देखते रही और खुद में बड़बड़ायी,”आखिर निशि इस तरह झूठ क्यों बोल रही है ? ये लड़की मुझे कुछ बदली बदली नजर आ रही है , पता लगाना पड़ेगा”
कुछ देर बाद पूर्वी भी अंदर चली आयी और दरवाजा बंद कर लिया
बनारस , प्रताप का घर
ख़ुशी से भरा भूषण घर में चला आ रहा था। आज उसके चेहरे पर चमक और आँखों में ख़ुशी के भाव तैर रहे थे। उसकी नजर सामने बरामदे में बैठे प्रताप पर पड़ी तो वह उनकी तरफ चला आया और सीधा प्रताप के पैरो में गिरकर कहा,”चचा ! बहुते आभार तुम्हरा , हमको बनारस युवा नेता के लिए टिकट मिल गवा है और जे सब तुम्हरी वजह से हुआ है चचा,,,,,,,,,,,,,,,,हमका आशीर्वाद दयो जे इलेक्शन हमहि जीते,,,,,,,,,!!”
“अरे उठो भूषणवा अब का धोती उतार लोगे हमरी”,प्रताप ने भूषण से अपने पैर छुड़ाते हुए कहा।
भूषण ने प्रताप के पैर छोड़े और उठ खड़ा हुआ। वह हाथ बांधकर प्रताप के सामने खड़ा हो गया और ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा,”हमहू कबो सोचे नहीं थे चचा तुमहू हमसे इतना प्यार करते हो कि हमे इलेक्शन टिकट दिला दोगे,,,,,,,,अब तुमहू बोलो तुम्हरे लिए साला जान हाजिर है , का करना है बस हमको बताओ सब करेंगे तुम्हरे लिए,,,,,,,,चोरी करनी है , डाका डालना है , किसी को धमकाना है , हाथ पैर तोड़ने है , जान से मारना है बताओ का करना है ?”
जोश जोश में भूषण कुछ ज्यादा ही बोल गया तो प्रताप ने एक नजर उसे देखा और कहा,”सूअर को कितना भी लक्स साबुन से नहला दो लौटेगा वो जाकर कीचड़ में ही,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“मतलब ?”,भूषण ने हैरानी से कहा
“मतलब जे कि युवा नेता इलेक्शन की टिकट दिलवा रहे है तुमको और जीतवा भी देंगे पर तुम ससुर के नाती जे गुंडा गर्दी ना छोड़ी हो,,,,,,,,,,!!”,प्रताप ने कहा
भूषण ने सुना तो कहा,”अरे चचा ! राजनीती और गुंडागर्दी का तो चोली दामन का साथ होता है , आप नहीं समझेंगे”
भूषण की बात सुनकर प्रताप उसके पास आया और उसके कंधे पर हाथ रखकर धीमे स्वर में कहा,”कानून का डंडा जब पिछवाड़े लगेगा ना भूषण तब फाट जाइ है चोली और भीग जाइ है दामन,,,,,,,,,,जे बाल धूप में सफ़ेद ना किये है हमने हमको राजनीती का ज्ञान नहीं पर गुंडागर्दी में तुम्हरे बाप के भी गुरु रहे है,,,,,,,,,,,,,,,रजनवा का मेटर नहीं होता न तो तुम्हे इह घर के आस पास भी भटकने ना देते,,,,,,,,,,,इहलीये जियादा उड़ो मत”
प्रताप की बात सुनकर भूषण के चेहरे से ख़ुशी गायब हो गयी और उसने झेंपते हुए कहा,”अरे चचा ! हम तो बस ऐसे ही,,,,,,,,,,,,,अच्छा जे बताईये राजन भैया कहा है ? सोच रहे है उनको राजदुलारी से मिला दे,,,,,,,,,!!”
प्रताप ने भूषण के मुंह से राज दुलारी का नाम सुना और दबी आवाज में कहा,”कैसे नीच आदमी हो तुम भूषणवा ? अपनी ही माँ से रजनवा को मिलाने की बात कर रहे हो ?”
भूषण ने सुना तो पीछे हटा और कहा,”का चचा पगला गए हो का ? अरे हम अपनी अम्मा की नहीं बल्कि राजन भैया वाली राज दुलारी की बात कर रहे है”
प्रताप भूषण के पास आया और कहा,”उह तुमको कहा मिली ?”
“मिली नहीं है हमने बनायीं है , हमने बनारस में एक ठो कलाकार को पकड़कर उसे राज दुलारी बनने का नाटक करने को कहा है , एक बार राजन भैया को उनसे मिलवा दे उसके बाद उनका मेटर क्लोज है,,,,,,,,,,,,,फिर आप जहा चाहे वहा राजन भैया की सादी कर सकते है,,,,,,,,,,,,!!”,भूषण ने अपना प्लान बताया
“तुमको लगता है जे काम करेगा ?”,प्रताप ने पूछा
“करेगा बिल्कुल करेगा , जे सब हम पर छोड़ दो,,,,,,,,,,,,हम राजन भैया से मिलकर आते है”,कहकर भूषण वहा से चला गया
चलते चलते वह खुद में बड़बड़ाने लगा,”एक बार हमहू युवा नेता बन जाये ओह्ह के बाद जे बाप बेटे की खटिया खड़ी करते है , बहुते नाच नचा रहे है जे दोनों मिलके,,,!!”
फिल्मसिटी , मुंबई
“वंश कहा है ? सुमित तुमने उसे आज की शूटिंग के लिए मैसेज किया था ना ?”,कैमरे के पीछे बैठे के.डी. ने कहा
“हाँ मैंने उसे मैसेज किया था और आज सुबह ही उसे फोन भी किया है , उसे अब तक आ जाना चाहिए था,,,,,,,,,,!!”,सुमित ने कहा
“और वो नयी लड़की , क्या नाम है उसका ? हाँ निशि , वो आयी या नहीं ?”,के.डी. ने कहा
“वो आ चुकी है और शॉट का इंतजार कर रही है,,,,,,,,,,,!”,सुमित ने कुछ दूर बैठी निशि की तरफ इशारा करके कहा
“सॉरी सॉरी सॉरी , एक्चुअली मेरा कैब ड्राइवर बहुत स्लो था,,,,,,,,,!!”,एकदम से वंश ने वहा आकर कहा
के.डी ने उसे घूरकर देखा और सुमित ने राहत की साँस ली। के.डी कुछ कहता इस से पहले सुमित ने वंश को शॉट के लिए तैयार होकर आने को कहा
वंश अपना बैग उठाये जल्दी से चेंजिंग रूम की तरफ चला गया जाते जाते उसकी नजर साइड में बैठी निशि पर पड़ी तो उसका चेहरा ख़ुशी से खिल उठा। वह अंदर गया और तैयार होकर वापस आया।
सुमित ने वंश और निशि को उनके डायलॉग्स दिए और सीन समझाया , कुछ देर बाद दोनों शूटिंग के लिए आमने सामने थे। के.डी. अपने कैमरे पर नजरे टिकाये बैठा था। उसने एक्शन कहा और शूटिंग शुरू हुई।
निशि और वंश के कुछ अलग अलग शॉट्स थे , जिन्हे पूरा करने के बाद दोनों का अगला सीन साथ में था। सीन से पहले सुमित ने एक ब्रेक रखा , सभी मेंबर्स यहाँ वहा रेस्ट करने लगे। वंश भी कॉफी लेकर साइड में आ बैठा , ये जानते हुए कि निशि भी शूटिंग पर आयी हुई है वंश जान बुझकर उसे इग्नोर कर रहा था। निशि ने अपने लिए सेंडविच लिया और वंश की तरफ चली आयी।
निशि को आते देखकर वंश ने कुर्सी खींची निशि मुस्कुरा उठी उसे लगा वंश ने ऐसा उसके लिए किया है लेकिन निशि की मुस्कुराहट अगले ही पल गायब हो गयी जब कुर्सी पर निशि की को-एक्ट्रेस मायरा उस कुर्सी पर आ बैठी,,,,,,,,,,निशि ने ये देखा तो बेचारी का दिल ही टूट गया और टूटे दिल का चूरा तब बना जब मायरा ने वंश के गिलास से कॉफी का एक घुठ भरा। मायरा ने निशि को नहीं देखा था शायद लेकिन वंश की नजर निशि के चेहरे पर पड़ चुकी थी जो की गुस्से से लाल पीला हो रहा था।
निशि को चिढ़ाने के लिए वंश ने मायरा के होंठो के नीचे लगी कॉफी को अपने अंगूठे से हटाया और फिर मायरा की आँखों में देखते हुए उसे अपने होंठो से छू लिया। ये देखकर निशि का तो खून ही खौल गया उसने हाथ में पकडे सेंडविच को नोच डाला जैसे वह सेंडविच ना होकर वंश का मुंह हो,,,,,,,,,,,,,,,,,निशि वहा से चली गयी।
वंश ने गर्दन घुमाकर जाती हुई निशि को देखा तभी मायरा की आवाज उसके कानों में पड़ी,”तुम कुछ ज्यादा ही रोमांटिक हो”
“अह्ह्ह ! इसलिए तो इस सीरीज में मुझे हीरो का रोल मिला है,,,,,,,,,,!!”,वंश ने इतराते हुए कहा
“हाँ लेकिन तुम्हारी हेरोइन कुछ जमी नहीं , तुम्हारे सामने वो थोड़ी फीकी नजर आती है,,,,,,,,!!”,मायरा ने भी इतरा कर कहा
“अहम्म , तो तुम्हारे हिसाब से मेरी हीरोइन को कैसा होना चाहिए ?”,वंश ने मायरा की आँखों में देखते हुए कहा
मेरा थोड़ा सा आगे झुकी जिस से उसके क्लीवेज साफ दिखाई दे रहे थे , उसने वंश की आँखों में देखा और कहा,”हॉट एंड सेक्सी,,,,,,,,,,,,,,जस्ट लाईक मी”
वंश भी थोड़ा सा मायरा की तरफ झुका और कहा,”बट मैं ऐसी लड़कियों को पसंद नहीं करता जो खुद चलकर मेरे पास आती है,,,,,,,,,,,,,नाउ एक्सक्यूज मी प्लीज , मेरा शॉट रेडी है”
वंश उठा और वहा से चला गया। उसकी बात सुनकर मायरा का चेहरा गुस्से से भर गया और वह वहा से उठकर चली गयी।
वंश और निशि अगले सीन के लिए कैमरे के सामने खड़े थे। वंश कुछ लड़को के साथ एक तरफ खड़ा था और निशि हाथ में कोल्ड ड्रिंक का गिलास लिए एक तरफ कुछ लड़कियों के साथ खड़ी थी। सीन था कि एक क्लब में खड़े वंश को निशि पहली नजर में पसंद आती है और वह निशि से बात करने उसकी तरफ आता है। उसे निशि के कंधे को थपथपाना था जिस से निशि पलटे और वंश से बात करे , उसके बाद वंश उसे अपने साथ डांस करने के लिए इन्वाइट करे और दोनों डांस करे,,,,,,,,,,,,,,,!!
“एक्शन,,,,,,,!!”,के.डी. की आवाज सबके कानो में पड़ी
वंश ने हँसते मुस्कुराते निशि को देखा और फिर लड़को से रुकने का इशारा करके निशि की तरफ आया। निशि भी एक्शन कहने के बाद लड़कियों से बात कर रही थी। वंश ने आकर निशि का कंधा थपथपाया तो निशि उसकी तरफ पलटी लेकिन खामोश रही , यहाँ उसे वंश से बात करनी थी लेकिन अगले ही पल निशि को वंश का मायरा के साथ बैठना याद आया और उसने गुस्से में आकर हाथ में पकड़ी कोल्ड ड्रिंक वंश पर फेंक दी। निशि के इस एक्शन से वंश भोचक्का रह गया
“कक्क,,,,,,,,,शॉट अच्छा जा रहा है कन्टीन्यूए करते है,,,,,,,,!!”,के.डी कट बोलते बोलते रुका और केमेरा ऑन रखा
वंश सब भूल गया और निशि को घूरते हुए कहा,”व्हाट द हेल ? ये क्या किया तुमने ? हेव यू लोस्टेड ?”
“वही किया जो तुम डिजर्व करते हो,,,,,,,,,,,!!”,निशि ने वंश को घूरते हुए कहा
“ओह्ह्ह रियली ! फिर तो तुम्हे किसी अच्छे डॉक्टर से मिलना चाहिए और अपने दिमाग का इलाज करवाना चाहिए,,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने निशि के ललाट पर एक चपत मारकर कहा
“इलाज की जरूरत तुम्हे है मुझे नहीं समझे,,,,,,,,,,!!”,निशि ने भी उसे धक्का देकर कहा
बेचारे बाकि मेम्बर्स जिन्हे अलग ही स्क्रिप्ट मिली थी वंश और निशि के ये डायलॉग सुनकर हैरान थे। वही के.डी को ये नोक झोक देखकर मजा आ रहा था वह वंश और निशि इस लड़ाई को मजे लेकर देख रहा था। उलटा ये सीन उसकी स्क्रिप्ट से ज्यादा अच्छा था।
निशि को बेवजह खुद पर चढ़ते देखकर वंश को भी गुस्सा आ गया और उसने कहा,”मुझे इलाज की जरूरत क्यों है ?”
“तुम्हे नहीं तुम्हारे इस ठरकपन को,,,,,,,!!”,निशि ने कहा
“व्हाट ? तुमने मुझे ठरकी कहा ?”,वंश ने कहा
“हाँ क्योकि तुम जब देखो तब सबसे फ्लर्ट करते रहते हो,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए निशि ने अपना पैर वंश के पैर पर मारा और दनदनाते हुए वहा से चली गई
निशि के जाते ही के.डी ने कहा,”कट,,,,,,,,,!!
बेचारा वंश अब भी उलझन में था कि ये सच में शूटिंग चल रही थी या सच था,,,,,,,,,,,,,वंश अपना पैर सहलाते हुए वहा से चला गया
सुमित के.डी के पास आया और कहा,”ये सब क्या है के.डी तुमने कट क्यों नहीं कहा ? ये दोनों स्क्रिप्ट के बाहर डायलॉग बोल रहे है। कहानी ऐसी नहीं थी,,,,,,,!!”
के.डी अपनी जगह से उठा और सुमित के सामने आकर कहा,”तो फिर कहानी बदल दो क्योकि जो कहानी चल रही है वो ऑडियंस पर ज्यादा इफेक्ट करेगी,,,,,,वैसे भी जब तक लव स्टोरी कॉम्प्लिकेटेड ना हो उसमे मजा नहीं आता”
“मैं कुछ समझा नहीं,,,,,,,,,!!”,सुमित ने असमझ की स्तिथि में कहा
के.डी ने उसके कंधे पर हाथ रखा और कहा,”ये लड़का वंश और लड़की निशि इनकी रियाल लाइफ लव स्टोरी को मैं टीवी पर रील स्टोरी में दिखाने वाला हूँ,,,,,!!
“तुम्हे कैसे पता ये दोनों लवरस है ?”,सुमित ने पूछा
के.डी मुस्कुराया और कहा,”पिछले 12 साल से लव सीरीज पर काम कर रहा हूँ , लड़का लड़की की शक्ल देखकर पहचान लेता हूँ उनके बीच चल क्या रहा है ? इन दोनों के साथ शूट करने में मजा आएगा”
के.डी वहा से चला गया और सुमित कुछ दूर खड़े वंश को देखने लगा जो अपने कुर्सी पर बैठा अपने पैर को सहला रहा था
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संजना किरोड़ीवाल


तुम्हे नहीं तुम्हारे इस ठरकपन को,,,,,,,!!”,निशि ने कहा
“व्हाट ? तुमने मुझे ठरकी कहा ?”,वंश ने कहा
“हाँ क्योकि तुम जब देखो तब सबसे फ्लर्ट करते रहते हो,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए निशि ने अपना पैर वंश के पैर पर मारा और दनदनाते हुए वहा से चली गई
निशि के जाते ही के.डी ने कहा,”कट,,,,,,,,,!!
बेचारा वंश अब भी उलझन में था कि ये सच में शूटिंग चल रही थी या सच था,,,,,,,,,,,,,वंश अपना पैर सहलाते हुए वहा से चला गया
तुम्हे नहीं तुम्हारे इस ठरकपन को,,,,,,,!!”,निशि ने कहा
“व्हाट ? तुमने मुझे ठरकी कहा ?”,वंश ने कहा
“हाँ क्योकि तुम जब देखो तब सबसे फ्लर्ट करते रहते हो,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए निशि ने अपना पैर वंश के पैर पर मारा और दनदनाते हुए वहा से चली गई
निशि के जाते ही के.डी ने कहा,”कट,,,,,,,,,!!
बेचारा वंश अब भी उलझन में था कि ये सच में शूटिंग चल रही थी या सच था,,,,,,,,,,,,,वंश अपना पैर सहलाते हुए वहा से चला गया
Aery ab Vansh aur Nishi nhi…balki directer inki love story ko suru krke parde pe uthrenge…aur inko pta bhi nhi chalega…ek taraf naveen ji Vansh aur Nishi ko alag krne pr tule huye hai aur dusri taraf yeh director inko ab milwane ka kaam karega…dekhte hai phele safalta kisko milti hai…par Nishi ko dhyan rakhna hoga apne acting career ka…quki naveen ji se chipkar yeh acting kar rhi hai…