Main Teri Heer – 16

Main Teri Heer – 16

Main Teri Heer - Season 5
Main Teri Heer – Season 5 by Sanjana Kirodiwal

फिल्मसिटी , मुंबई
निशि के शूटिंग पर ना आने की वजह से वंश को आज अकेले ही शूट करना पड़ा। के.डी और सुमित निशि को गलत ना समझे इसलिए वंश ने उन्हें झूठ कह दिया कि निशि की तबियत खराब है। के.डी ने वंश के कुछ सिंगल शॉट शूट किये और कुछ शॉट मायरा के साथ शूट किये जिनमे वंश ने बहुत ही बढ़िया काम किया। मेरा तो उस से अच्छा खासा इम्प्रेस हो चुकी थी। दोपहर से शाम तक शूटिंग करते करते वंश थक चुका था। के.डी को मीटिंग के लिए बाहर जाना था इसलिए उसने भी सुमित से पैक अप करने को कहा और खुद वहा से चला गया।

वंश ने ठन्डे पानी की एक बोतल उठायी और उसे खोलते हुए कुर्सी की तरफ बढ़ गया। गर्मी बहुत थी इसलिए वंश ने चलते चलते अपनी टीशर्ट उतारी और उसे कंधे पर डालकर हाथ में पकड़ी पानी की बोतल मुंह से लगा ली। कुछ ही दूर बैठी मायरा एकटक वंश को देखे जा रही थी। उसकी नजरे वंश की आँखों से होते हुए होंठो पर , फिर गर्दन पर , फिर सीने से होते हुए एब्स पर जाकर रुक गयी। वंश की पर्सनालिटी काफी अच्छी थी ,  उसकी बॉडी के कट्स साफ नजर आते थे।

गर्मी की वजह से वंश ने बोतल में बचा पानी खुद पर उड़ेल लिया। पानी की एक धार किसी नदी की तरह वंश के एब्स से होकर नीचे गिरने लगी। वंश अपनी ही सोच में गुम था और मेरा अपलक उसे देखे जा रही थी। वह खुद को वंश की तरफ बढ़ने से रोक नहीं पायी। वह उठी और अदा से चलते हुए वंश की तरफ आयी और उसके साइड में आकर उसके एब्स पर ऊँगली घुमाते हुए कहा,”नाइस एब्स,,,,,,,,,,!!”
वंश ने मायरा का हाथ नीचे किया और कहा,”येह थैंक्स बट तुम्हारे लिए नहीं है,,,,,,,,,,,!!”


मायरा ने अपनी बाँहे वंश के गले में डाली और उसकी आँखों में देखते हुए कहा,”वंश तुम्हे नहीं लगता हम साथ में ज्यादा अच्छे लगते है ?”
वंश ने मायरा के हाथो को अपने गले से हटाया और कहा,”शूटिंग खत्म हो चुकी है मेरा और मेरा तुम्हारा बॉयफ्रेंड बनने की एक्टिंग भी,,,,,,,,अभी मैं सिर्फ वंश गुप्ता हूँ,,,,,,,,,,हम्म्म्म नाउ एक्सक्यूज मी प्लीज,,,,,,,!!”
वंश वहा से चला गया तो मायरा का चेहरा गुस्से से लाल हो उठा और उसने अपने पैर पटकते हुए खुद से कहा,”आखिर ये खुद को समझता क्या है ?”


“मायरा मैडम वो आपके हाथ नहीं आने वाला उसका मामला पहले से कही सेट है,,,,,,,,,!!”,मायरा के पीछे खड़े सुमित ने कहा
मायरा ने पलटकर सुमित को देखा और कहा,”सच में उसमे कितना ऐटिटूड है सुमित वो अपनी फीमेल कॉ-स्टार से ठीक से बात तक नहीं करता है,,,,,,,,,पहली सीरीज में ही इतना घमंड,,,,,,अभी तो ये रिलीज भी नहीं हुई है,,,,,,,,,,!!”


“इसलिए तो के.डी ने उसे अपनी सीरीज में लिया है , कुछ तो बात है इस लड़के में वरना कोई कॉ-एक्टर तुम्हे भाव ना दे ऐसा कैसे हो सकता है ? बल्कि मैं तो आज भी तुम्हारी अदाओ का दीवाना हूँ,,,,,,,,,!!”,सुमित ने मायरा के गालों पर आये बालों को उसके कान के पीछे करते हुए बड़े प्यार से कहा लेकिन मायरा ने ध्यान नहीं दिया उसकी नजरे फिल्मसिटी से बाहर जाते वंश पर जो थी।

फिल्मसिटी से बाहर आने से पहले वंश अपनी टीशर्ट पहन चुका था। अपना बैग सम्हाले वह साइड में आकर खड़ा हो गया। सूरज डूब चुका था और आसमान लालिमा लिए हुए था। वंश को निशि की याद आने लगी उसकी आँखों के सामने आज नवीन के घर जो तमाशा हुआ वो आ गया और वंश मुस्कुरा उठा। उसे अहसास था कि वह निशि को पसंद करता है और निशि भी उसे पसंद करती है। वंश शर्माने लगा और शर्म से उसके गाल लाल होने लगे।

वह खुद में ही बड़बड़ाया,”हाह ! आज तो कमाल हो गया मैंने उस हिटलर के सामने सीना तान के कह दिया कि मैं निशि को पसंद करता हूँ,,,,,,,,,मुझमे अचानक से इतनी हिम्मत कहा से आ गयी,,,,,,,,,,,,अह्हह्ह्ह्ह जो भी है लेकिन अब वो हिटलर मेरे और निशि के बीच नहीं आएगा , ना ही वो निशि के लिए लड़का लेकर आएगा और अगर उसने ऐसा किया तो फिर मैं बताऊंगा उसे वंश गुप्ता क्या चीज है ? अभी वो मुझे ठीक से जानता नहीं है,,,,,,,,,,,,छे ये क्या बोल रहा हूँ मैं ? वो निशि के डेड है याने मेरे होने वाले ससुर जी,,,,,,,,,,,

मुझे भी उन्हें निशि की तरह डेड या फिर पापाजी बुलाना चाहिए,,,,,,,,क्या डेड ? पापाजी ? नो वे मैं उन्हें ऐसा कुछ नहीं बोलने वाला,,,,,,,,,जब तक वो मेरा और निशि का प्यार एक्सेप्ट नहीं कर लेते और ख़ुशी ख़ुशी निशि से मेरी शादी नहीं करवा देते तब तक तो मैं उन्हें हिटलर ही बुलाऊंगा,,,,,,,,,,,,वैसे भी सुबह इतनी डेरिंग से कहा मैंने उनसे कि निशि को पसंद करता हूँ पर मजाल है उन्होंने कुछ कहा हो उलटा मुझे अपने घर से भगा दिया ,,,,,,,,,,,

हाँ हाँ भगा दो भगा दो , एक दिन ऐसा आएगा जब वो हिटलर दरवाजे पर खड़े होकर मेरा इंतजार करेगा और कहेगा “अरे आईये आईये दामाद जी अंदर आईये ,,  ये लीजिये ना , ये पीजिये न , क्या कहा आलू की सब्जी पसंद नहीं आयी मैं अभी आपके लिए पनीर कोफ्ता आर्डर कर देता हूँ , क्या हुआ सोफे अन्कॉमफोर्टेबल लग रहा है मैं आपके लिए राज सिहासन लगवा दू , अरे ए.सी. नहीं चल रहा रुकिए मैं अपने हाथो से आपके लिए पंखा झल देता हूँ,,,,,,अह्ह्ह्हह कितना सुकून मिलेगा मुझे उन्हें ये सब करते देखकर,,,,,,,,,,,,!!”


 कहते हुए वंश ख़ुशी से जैसे ही पलटा पीछे से आते सुमित से टकरा गया और हड़बड़ा गया।
“तुम्हे खुद से बात करने की कोई बीमारी है क्या ?”,सुमित ने पूछा
“मेरे पापा कहते है हमेशा इंटेलिजेंट लोगो से बात करते रहा करो,,,,,,,,,,जिंदगी के फैसले आसानी से ले पाओगे”,वंश ने कहा
“और कहा है वो इंटेलिजेंट लोग ?”,सुमित ने पूछा


वंश ने अपनी तरफ हाथ करके कहा,”ये है तो आपके सामने,,,,,,,,,,इसलिए मैं कभी कभी खुद से बात कर लेता हूँ,,,,,,आप भी करके देखिये अच्छा लगेगा”
“अह्ह्ह छोडो ये सब , एक जरुरी बात बतानी थी तुम्हे कल सुबह जल्दी आ जाना के.डी ने कहा है सीरीज के सभी मेम्बर्स शूटिंग के लिए दो दिन मुंबई से बाहर की लोकेशन पर जा रहे है,,,,,,,,,,और हां निशि से भी शेयर कर देना उसका होना जरुरी है”,कहकर सुमित चला गया


“आउट ऑफ़ मुंबई,,,,,,,बढ़िया प्लान है , इसी बहाने मुझे निशि के साथ वक्त बिताने का मौका मिल जाएगा और वो मुझे आई लव यू भी बोल देगी,,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने खुश होकर कहा और अपना फोन निकालकर निशि को फोन मिलाने लगा।

सुमित अपनी गाडी में आ बैठा और वहा से निकल गया। गाड़ी चलाते सुमित खुद में बड़बड़ाया,”ये मायरा सच में वंश को पसंद करती है या फिर हमेशा की तरह टाइम पास कर रही है,,,,,,,,,,अह्ह्ह्ह नहीं मायरा किसी लड़के को लेकर सीरियस नहीं हो सकती,,,,,,,,,,,,,लेकिन आज से पहले मैंने उसे किसी लड़के के पीछे पड़े नहीं देखा न ही सामने से किसी लड़के को भाव देते देखा,,,,,,,,,,,आखिर ये मायरा के दिमाग में चल क्या रहा है पता लगाना पड़ेगा,,,,,,,,!!”


सुमित ये सब बड़बड़ा ही रहा था कि तभी उसने ट्रेफिक में आगे खड़ी गाड़ी को धीरे से टक्कर मार दी। गाड़ी वाले ने गर्दन बाहर निकाली और सुमित पर चिल्लाया  
तब जाकर सुमित को होश आया और उसने गाड़ी वाले से माफ़ी मांगी। सुमित ने राहत की साँस ली और कहा,”मैं उस वंश की तरह खुद से बात क्यों कर रहा था ? अगर उसकी सुनता रहा तो एक ना एक दिन किसी बड़ी मुसीबत में फंस जाऊंगा,,,,,,,,,,,,,,,उफ़ ये लड़का”

ट्रेफिक क्लियर हुआ और सुमित अपनी गाडी लेकर वहा से निकल गया।

वंश ने निशि का फोन नहीं उठाया और तब तक उसकी कैब भी आ चुकी थी। उसने फोन जेब में रखा और कैब की तरफ बढ़ते हुए बड़बड़या,”लगता है उस हिटलर ने बेचारी मेरी निशि को कुछ ज्यादा ही डांट दिया है,,,,,,,,,,अपसेट होगी शायद इसलिए फोन नहीं उठा रही”


वंश कैब में आ बैठा और उसे चलने को कहा। कैब वाले ने गाना चला दिया जिसे सुनकर वंश मुस्कुरा उठा , पहले जब ऐसे गाने चलते थे तो वंश चिढ जाता था या उसे नींद आने लगती थी लेकिन अब उसे बेकार से बेकार गाना भी अच्छा लगता था क्योकि वो हर गाने में निशि के बारे में जो सोचता रहता था।

वंश ने खिड़की का शीशा नीचे कर दिया। ठंडी हवा का झोंका उसके गालों को सहला कर और बालों को बिखेर कर चला गया। गाना बजने लगा ,  वंश ने अपने बालों में से हाथ घुमाया और उसी के साथ वंश भी उसे गुनगुनाने लगा


“क्यू चलती है पवन ? क्यू झूमे है गगन ? क्यू मचलता है मन ?
ना तुम जानो ना हम,,,,,,,,,,,!
क्यू आती है बहार ? क्यू लुटता है करार ? क्यू होता है प्यार ?
ना तुम जानो ना हम,,,,,,,,,,,,,,!
कैब ड्राइवर ने वंश को गाते सुना तो कहा,”सर आप बहुत अच्छा गाते है,,,,,,,,,,!!”
वंश मुस्कुराया और कहा,”थैंक्यू,,,,,,!!


गाड़ी आकर ट्रेफिक में रुकी वंश की नजर उस रास्ते की तरफ चली गयी जिस रास्ते निशि के लिए जाया जाता है। वंश ने ट्रेफिक क्लियर होने के बाद कहा,”राइट ले लो,,,,,,,,,!!”
“पर सर हमे तो लेफ्ट में जाना है ना,,,,,,,गूगल मेप पर यही दिखा रहा है”,ड्राइवर ने कहा
“दिल भले लेफ्ट में हो लेकिन उसके फैसले हमेशा राइट होते है,,,,,,,,,लेफ्ट को छोड़ो राइट चलो”,वंश ने कहा
“वाह सर आप तो शायरी भी करते है,,,,,,,!”, ड्राइवर ने गाड़ी को राइट में मोड़ते हुए कहा और आगे बढ़ा दी।

यहाँ से निशि के घर पहुँचने में वंश को 40 मिनिट लगने वाले थे इसलिए उसने अपना फोन निकाला और सारिका को फोन मिला दिया। सारिका से दिन में एक बार बात करना वंश की आदत में शामिल था और आज तो वह बहुत खुश भी था।

मुन्ना राजनीती में खड़ा हो रहा है और उसे युवा नेता इलेक्शन में टिकट भी मिल गया है , इस बात से भूषण बहुत आहत हुआ और पार्टी हॉउस से सीधा प्रताप के घर चला आया। अगली सुबह राजन को देखने लड़की वाले आ रहे थे इसलिए प्रताप बाहर आँगन में खड़े होकर नोकरो से साफ़ सफाई करवा रहा था। भूषण दनदनाते हुए अंदर आया और कहा,”जे सब का है चचा ?”
“सफाई हो रही है और का ?”,प्रताप ने कहा
“वो सब हम भी देख पा रहे है , हम मुन्ना की बात कर रहे है,,,,,,!!”,भूषण ने गुस्से से कहा


“हमरे घर मा ब्याह के ढोल तक नाही बजे मुन्ना कहा से आएगा ?”,प्रताप ने कहा
“चचा हमहू मजाक के मूड मा बिल्कुल नहीं है,,,,,,,,,,!!”,भूषण ने चिढ़ते हुए कहा
“अबे तुमहू जब देखो तब एक ही मूड मा रहते हो , बकैती करने के मूड में,,,,,,,,,,,,अब जे बताओ जे मनहूस शकल काहे बनायीं है ?”,प्रताप ने कहा
“जब आप जानते है हमहू इलेक्शन मा खड़े हो रहे है तो फिर मुन्ना को युवा नेता इलेक्शन की टिकट काहे दिलवा दी ?”,भूषण ने कहा


“काहे दिलवा दी मतलब ? पार्टी हॉउस का हमरे बाप का है जो हमरे कहने से टिकट मिल जायेगा मुन्ना को,,,,,,,,!!”,कहते हुए प्रताप दूसरी तरफ चला गया
“लेकिन मुन्ना इह इलेक्शन मा काहे खड़ा हो रहा है ? ओह्ह तो राजनीती से नफरत करते थे फिर काहे खड़े हो रहे है ?”,भूषण ने प्रताप के पीछे पीछे आते हुए कहा तो प्रताप भूषण की तरफ पलटा और कहा,”हमको भी पैदा होने का कोनो शोक नहीं था , पर हमरे अम्मा बाउजी की इच्छा थी कि घर मा एक वारिस हो,,,,,,,!!”


“मतलब ?”,भूषण ने असमझ की स्तिथि में कहा
“मतलब जे कि मुन्ना नहीं चाहते होंगे राजनीती में आना तो का हुआ मुरारी मिश्रा तो चाहते होंगे ना,,,,,,,,!!”,प्रताप ने कहा
भूषण को कुछ कुछ समझ आ रहा था वह सोच में पड़ गया तो प्रताप ने कहा,”देखो भूषणवा इलेक्शन में कोई भी खड़े हो जीतेगा कौन इह जियादा मेटर करता है ? मुरारी और हमरे बीच अब कोनो दुश्मनी नाही है तो हम जे भसड़ मा पड़ने वाले नाहीं है इहलीये अपना जे मेटर अपने आप देखो”


कहकर प्रताप जाने लगा तो भूषण ने थोड़ा ऊँची आवाज में कहा,”मतलब आप हमरी मदद नाही करेंगे ?”
“मिश्रा के खिलाफ जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता,,,,,,,,,,,,!!”,प्रताप ने जाते हुए कहा
भूषण ने सुना तो उसे सीने में एक चुभन का अहसास हुआ और उसने फिर कहा,”हम एक बार फिर पूछ रहे है , आप हमरी मदद करेंगे की नाही ?”


प्रताप रुका और भूषण की तरफ पलटकर कहा,”अरे जावा भूषणवा ! हड्डी डाले है तुम्हरे सामने इह का मतलब जे नाही अपने हाथो से खिलाएंगे,,,,,,,,हमरा काम था तुम्हे टिकट दिलाना अब आगे अपने आप देखो,,,,,,,,उह तो तुम्हरा अहसान रहा रजनवा को लेकर हम पर वरना युवा नेता इलेक्शन की टिकट तो हम तुमको खैरात में भी ना देते”
इतना सब कहकर प्रताप वहा से चला गया। भूषण का सारा घमंड एक पल में उतर गया और वह ठगा हुआ सा महसूस करने लगा। भूषण ने किसी से कुछ नहीं कहा और वहा से बाहर चला आया।

वह जीप में आ बैठा और वहा से निकल गया जहन में प्रताप की कही बाते घूम रही थी और फिर एकदम से जीप को ब्रेक लगाया क्योकि सामने “रमेश” खड़ा था। रमेश को देखते ही भूषण को उसकी कही बात याद आ गयी जो उसने इलेक्शन टिकट मिलने के बाद पार्टी हॉउस के बाहर कही थी
मत भूलो मुन्ना भैया के पापा इतने सालो से राजनीती में रहे है उनके लिए इलेक्शन टिकट हासिल करना कौनसी बड़ी बात है ? खैरात में तो टिकट आपको मिला है उह भी राजन भैया को धोखा देने के बदले,,,,,,,,,,!!”

Main Teri Heer – 16 Main Teri Heer – 16 Main Teri Heer – 16 Main Teri Heer – 16 Main Teri Heer – 16 Main Teri Heer – 16 Main Teri Heer – 16 Main Teri Heer – 16 Main Teri Heer – 16 Main Teri Heer – 16 Main Teri Heer – 16 Main Teri Heer – 16 Main Teri Heer – 16 Main Teri Heer – 16 Main Teri Heer – 16 Main Teri Heer – 16 Main Teri Heer – 16 Main Teri Heer – 16 Main Teri Heer – 16 Main Teri Heer – 16

Main Teri Heer – 16 Main Teri Heer – 16 Main Teri Heer – 16 Main Teri Heer – 16 Main Teri Heer – 16 Main Teri Heer – 16 Main Teri Heer – 16 Main Teri Heer – 16 Main Teri Heer – 16 Main Teri Heer – 16 Main Teri Heer – 16 Main Teri Heer – 16 Main Teri Heer – 16 Main Teri Heer – 16 Main Teri Heer – 16 Main Teri Heer – 16 Main Teri Heer – 16 Main Teri Heer – 16 Main Teri Heer – 16 Main Teri Heer – 16

संजना किरोड़ीवाल

Main Teri Heer - Season 5
Main Teri Heer – Season 5 by Sanjana Kirodiwal
Main Teri Heer - Season 5
Main Teri Heer – Season 5 by Sanjana Kirodiwal

मुन्ना राजनीती में खड़ा हो रहा है और उसे युवा नेता इलेक्शन में टिकट भी मिल गया है , इस बात से भूषण बहुत आहत हुआ और पार्टी हॉउस से सीधा प्रताप के घर चला आया। अगली सुबह राजन को देखने लड़की वाले आ रहे थे इसलिए प्रताप बाहर आँगन में खड़े होकर नोकरो से साफ़ सफाई करवा रहा था। भूषण दनदनाते हुए अंदर आया और कहा,”जे सब का है चचा ?”
“सफाई हो रही है और का ?”,प्रताप ने कहा
“वो सब हम भी देख पा रहे है , हम मुन्ना की बात कर रहे है,,,,,,!!”,भूषण ने गुस्से से कहा

मुन्ना राजनीती में खड़ा हो रहा है और उसे युवा नेता इलेक्शन में टिकट भी मिल गया है , इस बात से भूषण बहुत आहत हुआ और पार्टी हॉउस से सीधा प्रताप के घर चला आया। अगली सुबह राजन को देखने लड़की वाले आ रहे थे इसलिए प्रताप बाहर आँगन में खड़े होकर नोकरो से साफ़ सफाई करवा रहा था। भूषण दनदनाते हुए अंदर आया और कहा,”जे सब का है चचा ?”
“सफाई हो रही है और का ?”,प्रताप ने कहा
“वो सब हम भी देख पा रहे है , हम मुन्ना की बात कर रहे है,,,,,,!!”,भूषण ने गुस्से से कहा

3 Comments

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!