Sanjana Kirodiwal

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“मैं तेरी हीर” – 36

Main Teri Heer – 36

Main Teri Heer
Main Teri Heer

गौरी सच जान चुकी थी उसने फैसला किया की वह अब मुन्ना को और हर्ट नहीं करेगी और हमेशा हमेशा के लिए उसकी जिंदगी से चली जाएगी। जितना प्यार मुन्ना गौरी से करता था , उस से कई ज्यादा प्यार गौरी मुन्ना से करती थी। मुन्ना एक ऐसी जिद कर बैठा था जो सही नहीं थी , गौरी उसे छोड़ सकती थी लेकिन वंश को नहीं अपना सकती थी। जाने से पहले गौरी ने मुन्ना को अपने दिल की बात बताई और चली गयी। मुन्ना फूट फूट कर रो पड़ा।
ऊपर मुन्ना के कमरे में बैठा वंश मुन्ना के फोन में आये सभी मैसेज देख चुका था। कुछ तस्वीरें थी जो गौरी के साथ थी , जिनमे मुन्ना काफी खुश नजर आ रहा था। वंश ने देखा ये तब के मैसेज और तस्वीरें है जब वो मुंबई में था। वंश ने फोन साइड में रख दिया उसका सर घूमने लगा उसे बहुत दुःख हुआ की मुन्ना ने उस से ये बात छुपाई। उसकी ख़ुशी के लिए मुन्ना अपने प्यार को भूल गया , खुद को अब तक हर्ट करता रहा जानकर वंश की आँखों में आँसू भर आये। उसके कानो में मुन्ना की कही बातें गूंजने लगी – और वो लड़की है गौरी,,,,,,,,,,दुनिया में एक ही तो गौरी नहीं है ना वंश,,,,,,,,,,,,,,,गौरी को ऐसे लड़के पसंद नहीं है जो ड्रिंक करते हो,,,,,,,,,,,,,,,,,,हमे गौरी चाहिए,,,,,,,,,,,,,अरे मजाक कर रहा हूँ”
वंश की आँखों में आँसू भर आये अब तक वह मुन्ना की बात समझ क्यों नहीं पाया ? मुन्ना इतने दर्द में था , गौरी के साथ साथ वह खुद को भी हर्ट करता रहा सोचकर वंश की आँखों से आँसू बहने लगे। उसकी ख़ुशी के लिए मुन्ना ने अपना प्यार हँसते हँसते कुर्बान कर दिया। अगले ही पल वंश का दर्द गुस्से में बदल गया उसने अपने आँसू पोछे , मुन्ना का फोन उठाया और कमरे से बाहर निकल गया। वंश सीढ़ियों से उतरकर नीचे आया देखा मुन्ना गर्दन झुकाये खामोशी से उसी की तरफ आ रहा है। वंश उसके सामने आकर रुक गया। मुन्ना ने सर उठाकर सामने खड़े वंश को देखा तो वंश ने आंव देखा ना तांव सीधा एक घुसा मुन्ना को जड़ दिया। मुन्ना ने खुद को सम्हाला इतने में वंश उसके पास आया और उसे एक घुसा और मारते हुए कहा,”तू खुद को समझता क्या है मुन्ना तू मुझे नहीं बताएगा तो क्या मुझे पता नहीं चलेगा ?”
मुन्ना नीचे जा गिरा घुसे की मार इतनी तेज थी की मुन्ना के होंठ से खून निकल आया वह उठा और कहा,”हम तुम्हे बताने वाले थे वंश”
वंश ने सूना तो उस का गुस्सा और बढ़ गया उसने मुन्ना को दो तीन घुसे और मारे और फिर जब गुस्सा कंट्रोल नहीं हुआ तो अपना हाथ दिवार पर दे मारा।
“ए तू पागल है क्या ? तुझे लग जाएगी”,मुन्ना ने अपना दर्द भूलकर उसका हाथ देखते हुए कहा।
वंश का गुस्सा अब तकलीफ में बदल चुका था उसने नम आँखों से मुन्ना को देखा और फिर मुन्ना को अपनी ओर खींचकर गले लगाते हुए कहा,”मुझे माफ़ कर दे यार मैंने तुझ पर हाथ उठाया। तू पागल है क्या मुन्ना ? मेरे लिए तू अपना प्यार कैसे कुर्बान कर सकता है ? तूने अब तक मुझसे ये बात क्यों छुपाई की तू गौरी से प्यार करता है,,,,,,,,,,,,,,,,,मेरे लिए तूने उसे छोड़ दिया , तू अब तक खुद को हर्ट करता रहा तुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था यार,,,,,,,,,,,,,,,,मुझसे कहता मैं ख़ुशी ख़ुशी पीछे हट जाता लेकिन तूने मुझसे ये बात छुपाई,,,,,,,,,,,,,,,,,,,क्या तू इतना बड़ा आदमी हो गया है।”
मुन्ना ने सूना तो उसकी आँखों से आँसू बहने लगे वह वंश को गले लगाए रहा उसने महसूस किया उसने सिर्फ गौरी का ही नहीं बल्कि वंश का भी दिल तोडा है

वंश मुन्ना से दूर हटा और दुखभरे स्वर में कहने लगा,”बचपन से लेकर आज तक हमारे बीच कुछ छुपा नहीं है मुन्ना। मैंने जब भी गलती की तूने सम्हाल लिया , जब भी किसी से झगड़ा किया तूने सुलझा दिया , साले कितनी ही बार तूने मुझे पापा की डांट से बचाया है , बियर पीकर जब मैंने उल्टियां की तब भी उन्हें तूने ही साफ किया , तू भाई कम दोस्त ज्यादा था मेरा और तूने कहा था हमारे रिश्ते के बीच कभी कोई लड़की नहीं आएगी फिर गौरी को बीच में क्यों आने दिया ? जब तू उस से प्यार करता था तो फिर मुझसे कहा क्यों नहीं ? जिंदगी में पहली बार कोई लड़की तुझे पसंद आयी और तूने उसे भी मेरे लिए छोड़ दिया ,, तू इतना स्वार्थी कैसे हो सकता है मुन्ना की तूने अपने भाई के लिए एक लड़की का दिल तोड़ दिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,गौरी कोई सामान नहीं थी जिसे तू मुझे सौंपने चला था। मुझे दुःख इस बात का नहीं है की तू गौरी से प्यार करता था मुझे दुःख सिर्फ इस बात का है की तूने मुझसे ये बात छुपाई,,,,,,,,,,,,,,,,तू अकेले ऐसे दर्द में जीता रहा जो सिर्फ मेरी वजह से था,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,उस रात अगर मैं गौरी के बारे में नहीं बताता तो शायद तू मुझे सच बता देता और फिर ये सब होता ही नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,,,तूने सिर्फ गौरी का ही नहीं मेरा भी दिल तोड़ा है मुन्ना”
मुन्ना सब सुनता रहा , वह जानता था वह गलत था लेकिन उसने कभी सोचा नहीं था की ये सच वंश के सामने इस तरह आएगा। मुन्ना ने नम आँखों से वंश की तरफ देखा और कहने लगा,”हमे माफ़ कर दो वंश , हमने तुम्हारा और गौरी का दिल तोड़ा , तुम्हे तकलीफ दी इसके लिए हम माफ़ी चाहते है। हम तुमसे बहुत प्यार करते है , हम हमेशा तुम्हे खुश देखना चाहते थे क्योकि तुमने भी हमेशा पहले हमारे बारे में सोचा। जब भी किसी ने हमारे बारे में गलत कहा तुमने उन्हें सबका सिखाया , कॉलेज में हर कोई हमसे सिर्फ इसलिए डरता था क्योकि तुम हमारे साथ चलते थे , हम सिगरेट पीते थे लेकिन तुमने कभी हमसे उसे छोड़ने को नहीं कहा उलटा पापा से छुपाया , जब घर में पापा पर मुसीबत आयी तब हमे बिना बताये तुमने सब सही कर दिया , तुम कभी अपने लिए बाहर नहीं जाते बल्कि हमारे लिए जाते हो , हम कैसे भूल सकते थे वंश के जब हमे किसी की जरूरत होती थी तब तुम सबसे आगे खड़े होते थे,,,,,,,,,,,,,,,,हम अच्छा करे चाहे बुरा तुम आँख बंद करके हम पर भरोसा जताते थे। जब हमारे साथ बाइक पर बैठकर तुम अपना सर हमारी पीठ से लगाते थे तब हमे तुम्हारे बड़े भाई होने का अहसास होता था। तुम्हारे जितना हमे आज तक कोई समझ नहीं पाया है गौरी भी नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,फिर एक लड़की के लिए हम तुम्हारा दिल कैसे टूटने देते। उस रात जब तुमने कहा की तुम गौरी से प्यार करते हो तब हमे ये सुनकर बहुत हुई लेकिन तुम्हारी आँखों में गौरी के लिए जो फीलिंग्स थी वो देखकर हमने अपने कदम पीछे हटा लिए , हमने तुमसे कहा था की हमारे रिश्ते के बीच कभी कोई लड़की नहीं आएगी गौरी हमारे बीच ना आये इसलिए हमने अपने जज्बातो को अपने दिल में दबा लिया। हम तुमसे तुम्हारा प्यार नहीं छीन सकते थे वंश , पहली बार हमने तुम्हारी आँखों में किसी लड़की के लिए इतने गहरे भाव देखे थे। जब तुम गौरी का नाम लेते थे तब खुश होते थे , हम तुम्हे खुश देखना चाहते थे,,,,,,,,,,,,!!”
“और इसके लिए तुमने अपने प्यार की क़ुरबानी दे दी,,,,,,,,,,,,,,बहुत सही किया बहुत महान है ना तू जो हमेशा सबकी ख़ुशी के लिए अपनी खुशिया कुर्बान कर देता है। मुन्ना तुझे ये समझ क्यों नहीं आता की इस दुनिया में तू सबको खुश नहीं रख सकता ? कुछ फैसले अपनी ख़ुशी के लिए भी लेने पड़ते है। ज्यादा से ज्यादा क्या होता मैं हर्ट होता ? कुछ दिन अपसेट रहता लेकिन मैं अपनी जिंदगी में आगे बढ़ जाता,,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन तू खुद को देख क्या तू गौरी को भूलकर आगे बढ़ पाया। क्या तू उसे मुंबई से वापस आने के बाद हर शाम बस मैं यही सोचता था की आखिर ऐसा क्या है जो तुझे इतना परेशान किये हुए है। मुन्ना मैं गौरी को पसंद करता हूँ लेकिन उसके लिए मैं तुझे तकलीफ में नहीं देख सकता , तूने कैसे सोच लिया मैं एक लड़की को तुझसे ज्यादा अहमियत दूंगा,,,,,,,,,,,,,,,,,,तेरे लिए मैं हजारो गौरी कुर्बान कर सकता हूँ पर तुझे दर्द में नहीं देख सकता”,वंश ने नम आँखों के साथ मुन्ना को देखते हुए कहा
मुन्ना ने सूना तो वंश को गले लगा लिया और रो पड़ा। मुन्ना को कुछ समझ नहीं आ रहा था वह अपनी भावनाओ को वंश के सामने कैसे जाहिर करे ? उसे रोते देखकर वंश को बहुत दुःख हुआ साथ ही कही ना कही इन सबके लिए वह खुद को भी दोषी समझ रहा था। वंश ने मुन्ना की पीठ सहलाते हुए कहा,”मुझे गौरी नहीं चाहिए मुन्ना,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,वो तेरा पहला प्यार है मुन्ना और तू उसके लिए परफेक्ट है
“मुन्ना ने सूना तो वंश से दूर हटा और जैसे ही कुछ कहने को हुआ वंश ने उसके होंठो को अपनी उंगलियों से बंद करते हुए कहा,”मैं कुछ नहीं सुनूंगा , हमारे रिश्ते में सबसे खूबसूरत बात ये है मुन्ना की हम दोनों एक दूसरे ख़ुशी के लिए सब छोड़ सकते है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अपनी मोहब्बत भी , तूने मेरे लिए बहुत किया है अब मेरी बारी,,,,,,,,,,,,!!!”
“वंश तुम,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहना चाहा तो वंश ने मुस्कुराते हुए कहा,”अगर गौरी तेरी नहीं हुई तो मेरी भी नहीं होगी मुन्ना,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मैंने अभी तक उसे अपने दिल की बात नहीं बताई है और अब मुझे लगता है शायद इसकी जरूरत भी नहीं पड़ेगी। ये कुछ अहसास मेरे अंदर ही दफन रहने दो,,,,,,,,,,,,,,,,मैं जा रहा हूँ”
“कहा ? तू कही नहीं जा रहा”,मुन्ना ने बेचैनी से कहा
“मैं जाऊंगा और उसे रोकूंगा तुम्हारे लिए,,,,,,,,,,,,,तुम्हारे प्यार के लिए,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हारी ख़ुशी के लिए,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मेरे होते तेरा प्यार अधूरा नहीं रह सकता मुन्ना,,,,,,,,,,,गौरी सिर्फ तेरी है,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं जा रहा हूँ और तू अपना हुलिया सुधार और वही आजा जहा तुम दोनों के प्यार की शुरुआत हुयी थी”,कहते हुए वंश बाहर की तरफ जाने लगा , जाते जाते वह पलटा और ख़ुशी से आकर मुन्ना के गले लगते हुए कहा,”आई लव यू भैया जल्दी आना मैं और भाभी तुम्हारा इंतजार करेंगे”
मुन्ना ने सूना तो उसकी आँखों में आँसू भर आये। उसने वंश को कसकर गले लगा लिया , आज पहली बार वंश ने मुन्ना को भैया कहकर पुकारा था और उसे बड़े भाई होने का अहसास दिलाया था। वंश वहा से चला गया , बाहर आया देखा अन्धेरा हो चुका है वंश ने घडी में टाइम देखा गौरी के जाने का वक्त हो चुका था। वंश ने बाइक स्टार्ट की और जल्दी से वहा से निकल गया वह जितनी तेजी से बाइक चला सकता था चलाकर घर पहुंचा।

घर पहुँचते ही उसने देखा सभी इंदौर जाने की तैयारी में थे। वंश सबके बीच आया और एकदम से गौरी का हाथ पकड़कर उसे अपने साथ ले गया। सब उसे देखते ही रह गए , बाहर आकर वंश ने गौरी को बाइक पर अपने पीछे बैठने को कहा।
“वंश तुम मुझे कहा लेकर जा रहे हो ?”,गौरी ने हैरानी से पूछा
“मेरे पास अभी तुम्हारे किसी भी सवाल का जवाब नहीं है , चुपचाप बैठो”,वंश ने थोड़ा गुस्से से कहा तो गौरी उसके पीछे आ बैठी। वंश उसे लेकर वहा से निकल गया। कुछ देर बाद ही वंश गौरी को लेकर घाट पहुंचा ये वही घाट था जहा पहली बार गौरी ने मुन्ना को आई लव यू कहा था। गौरी हैरान थी वंश ने बाइक रोकी और गौरी का हाथ थामकर उसे अपने साथ सीढ़ियों से नीचे ले आया
आखरी सीढ़ियों से कुछ ऊपर वाली सीढ़ियों पर आकर वंश रुका और गौरी का हाथ छोड़ दिया। गौरी हैरानी से वंश को देख रही थी और फिर कहा,”तुम मुझे यहाँ क्यों लेकर आये हो वंश ?”
“मैं तुम्हे प्रपोज करने वाला हूँ”,वंश ने गौरी की तरफ देखकर गंभीरता से कहा। गौरी ने सूना तो उसका दिल धड़का और वह और ज्यादा हैरानी से वंश को देखने लगी। गौरी की शक्ल देखकर वंश को हंसी आ गयी और वह जोर जोर से हसने लगा। उसे हँसते देखकर गौरी को अजीब लगा उसने वंश के करीब आकर कहा,”ये क्या मजाक है वंश ? वापस चलो सब मेरा इंतजार कर रहे है आज रात मुझे इंदौर के लिए वापस निकलना है”
वंश फिर सीरियस हो गया और कहा,”क्या तुम ऐसे ही चली जाओगी ? अपने मान को साथ लेकर नहीं जाओगी ?”
वंश की बात सुनकर गौरी का दिल फिर तेजी से धड़कने लगा वह फटी आँखों से वंश को देखने लगी तो वंश ने कहा,”क्या हुआ तुम सोच रही होगी मुझे कैसे पता ? तुम और मुन्ना दुनिया दो बड़े बेवकूफ हो,,,,,,,,,,,,,,,,सिर्फ मुझे ही नहीं बल्कि पुरे घरवालों को दिखता है की तुम दोनों एक दूसरे से कितना प्यार करते हो लेकिन नहीं तुम दोनों देने चले क़ुरबानी,,,,,,,,,,,,,,वो तो गधा है मेरी ख़ुशी के लिए तुम्हे छोड़ने चला था पर तुमने इतनी जल्दी हार कैसे मान ली ? मुझे लगा तुम अपने प्यार के लिए लड़-मर जाओगी लेकिन नहीं तुम भी उसकी बातो में आकर हमेशा के लिए जा रही थी।”
वंश की बाते सुनकर गौरी की आँखों में आँसू भर आये। वंश ने देखा तो कहने लगा,”गौरी कब मैं पहली बार तुमसे मिला तब तुम मुझे अच्छी लगी और फिर हम दोस्त बने लेकिन मुझे तुमसे प्यार था या नहीं ये मुझे नहीं पता था। मैं कभी नहीं चाहूंगा वो फीलिंग्स प्यार में बदले,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम और मुन्ना एक दूसरे के लिए परफेक्ट हो,,,,,,,,,,,,,,,,तुम दोनों ये कैसे सोच लिया मैं तुम दोनों के बीच आऊंगा।”
“आई ऍम सॉरी वंश,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए गौरी रो पड़ी वंश उसके पास आया और उसके आँसू पोछते हुए कहा,”तुम्हे सॉरी बोलने की जरूरत नहीं है गौरी , और आँसू तो बिल्कुल अच्छे नहीं लगते तुम्हारी आँखों में,,,,,,,,,,,,,,,मैं हमेशा से अपनी लाइफ में फ्रेंडली रहा हूँ गौरी मुझे कुछ पसंद आये और वो अगर नहीं मिले तो कुछ वक्त बाद मैं उसे भूलकर अपनी जिंदगी में आगे बढ़ जाता हूँ लेकिन मुन्ना ऐसा नहीं है , वो जल्दी मूव ऑन नहीं कर पाता और फिर तुम तो उसका प्यार हो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,पता है इतने सालो में पहली बार उसे कोई लड़की इतनी पसंद आयी है , वो बहुत सीधा लड़का है गौरी अपनों की ख़ुशी में ख़ुशी ढूंढता है उसे कभी खुद से दूर मत करना। एक तुम्हारा प्यार ही है जो उसे बदल सकता है , उसे उसकी खोयी हुयी मुस्कराहट लौटा सकती हो,,,,,,,,,,,,,!!”
गौरी ने सूना तो वंश के गले आ लगी। वंश उसका सर सहलाते हुए मुस्कुराने लगा। उसे बहुत हल्का महसूस हो रहा था की उसने मुन्ना और गौरी को दूर जाने से रोक लिया था। गौरी ने जब वंश की बातें सुनी तो उसे अहसास हुआ की वंश बहुत अच्छा इंसान है और वो मुन्ना से बहुत प्यार करता है। गौरी को रोते देखकर वंश ने उसे छेड़ने के लिए कहा,”अगर कुछ देर ऐसे ही मेरे गले लगी रही तो मैं सच में तुम्हे प्रपोज कर दूंगा”
गौरी ने सूना तो वंश से दूर हटी , उसने अपने आँसू पोछे और वंश के हाथो को थामते हुए कहा,”तुम बहुत अच्छे इंसान हो वंश , आज के वक्त में जहा एक भाई दूसरे भाई से नफरत करता है वही तुम और मान एक दूसरे पर जान छिड़कते हो,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम दोनों के प्यार को किसी की नजर ना लगे।”
“ए ऐसा कुछ नहीं है , बनारस में लड़कियों की कमी नहीं है , एक आवाज लगाऊंगा ना तो 50 दौड़ी चली आएगी,,,,,,,,,,!!”,वंश ने गौरी को हँसाने के लिए कहा और आखिर में गौरी मुस्कुरा उठी और कहा,”हमेशा ऐसे ही रहना , खुशमिजाज”
वंश ने देखा जहा वो और गौरी खड़े थे वहा से कुछ दूर मुन्ना खड़ा था। वंश मुस्कुरा उठा और गौरी से कहा,”मैं तो ऐसा ही रहूंगा फ़िलहाल हमारे भैया तुम्हारा इंतजार कर रहे है”
गौरी ने पलटकर देखा मुन्ना खड़ा था गौरी वापस वंश की तरफ पलटी तो वंश ने आँखों से उसे जाने का इशारा किया

गौरी मुन्ना की तरफ जाने लगी। गौरी को अपनी तरफ आते देखकर मुन्ना का दिल धकड़ने लगा। मुन्ना को वो घाट , वो शाम आज भी याद थी। उसने देखा गौरी ने वही सफ़ेद रंग का सूट पहना था , पैरो में पायल थी , कानो में झुमके और खुले बाल , जब वह पहली बार उस से इंदौर कॉलेज में टकराया था। मुन्ना नम आँखों से गौरी को अपने करीब आते देखता रहा। गौरी उसके सामने आकर खड़ी हो गयी और उसे एकटक देखने लगी। दोनों के दिल एक ही लय में धड़क रहे थे। गौरी ने देखा मुन्ना के चेहरे पर हलके चोट के निशान है और होंठ पर भी चोट लगी है। वश मुन्ना के करीब आयी और उसकी चोट को छूकर देखा तो मुन्ना की आह निकल गयी।
“दर्द हुआ क्या ?”,गौरी ने पूछा
मुन्ना ने पहले हाँ में गर्दन हिलायी और फिर ना में , उसकी इस हरकत पर गौरी ने दो तीन बाद उसकी चोट को जानबूझकर और छू लिया और इस बार मुन्ना की सच में आह निकल गयी। गौरी उसे घूरने लगी तो मुन्ना ने उसका हाथ पकड़कर उसे खुद से गले लगा लिया। मुन्ना के गले लगते ही गौरी का गुस्सा आँसू बनकर बहने लगा। उसने मुन्ना को कसकर गले लगा लिया। उसे अहसास हुआ की अगर आज वो चली जाती तो शायद हमेशा हमेशा के लिए मुन्ना को खो देती। मुन्ना की आँखों में भी नमी तैर गयी उसने अपनी आँखे मूँद ली और गौरी को गले लगाए रखा। वंश ने नम आँखों से दोनों को देखा और मुस्कुरा उठा।
दूर मंदिर के बाहर बजते रेडियो की आवाज गौरी और मुन्ना के कानों में पड़ने लगी
“मोह माया सब त्याग के , मैं दासी बन जाऊ,,,,,,,,,,,तुम बन जाओ बनारस , मैं काशी कहलाऊ,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं बन जाऊ तेरी हीर,,,!!”

Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36 Main Teri Heer – 36

क्रमश – Main Teri Heer – 37

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