“मैं तेरी हीर” – 33
Main Teri Heer – 33
मुन्ना ने पहली बार शराब पी थी और वह अब बिल्कुल होश में नहीं था गौरी उसे ढूंढते हुए घाट पर चली आयी। उसने मुन्ना को नशे की हालत में देखा तो उसे बहुत दुःख हुआ और साथ ही हैरानी भी हुई क्योकि मुन्ना कभी ड्रिंक नहीं करता था। उस रात घाट पर मुन्ना और गौरी के अलावा दूर दूर तक कोई नहीं था। गौरी हैरानी से मुन्ना को देखते रही तो मुन्ना ने अपनी लड़खड़ाती जबान में कहा,”ओह्ह अच्छा तुम ये देखने आयी हो की हम ठीक है ना नहीं ? अरे हम ठीक है,,,,,,,,,,,,,,बिल्कुल ठीक है बस थोड़ा सा दिल टुटा है हमारा”
मुन्ना की बात सुनकर गौरी के सीने में एक टीस उठी वह उसके पास निचली सीढ़ी पर आ बैठी और मुन्ना की तरफ देखकर कहा,”तुमने ड्रिंक क्यों की मान ? तुम ऐसा कभी नहीं करते हो , क्या तुम बहुत ज्यादा तकलीफ में हो ?”
गौरी की बात सुनकर मुन्ना की आँखों में आँसू भर आये उसने गौरी के हाथो को अपने हाथो में थामा और कहने लगा,”हम जानते है गौरी हमने तुम्हारा बहुत दिल दुखाया है , तुम्हे बहुत हर्ट भी किया है लेकिन ऐसा करते हुए हमे कितनी तकलीफ हुई वो तुम नहीं जानती। तुम हमारी जिंदगी में आने वाली पहली और आखरी लड़की हो जिसे हम बहुत चाहते है , तुम्हारे साथ बिताया एक एक पल हमे आज भी याद है हम उन्हें चाहकर भी नहीं भूल सकते। इंदौर से वापस आने के बाद हमे ये अहसास हुआ गौरी की तुम ही वो लड़की हो जिसके साथ हम अपनी पूरी जिंदगी बिता सकते है। हमारी फॅमिली में हमारे सबसे ज्यादा करीब वंश रहा है। बचपन से हम दोनों साथ बड़े हुए है , साथ खेले है , अपने सुख दुःख एक दूसरे से शेयर किये है। वंश हमसे 25 मिनिट छोटा है लेकिन उसके लिए हमे हमेशा बड़े भाई वाली फीलिंग आयी। हम जितने शांत है वो उतना ही शैतान,,,,,,,,,,,,,,,उसने जब भी कोई गलती की हमने उसे सम्हाल लिया , उसके बिना कहे ही हम समझ जाते है उसे क्या चाहिए ? हम सब देख सकते है लेकिन उसकी आँखों में आँसू नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,सब बातो को साइड करके कहे तो हम कहेंगे की हम इस दुनिया में सबसे ज्यादा प्यार वंश से करते है,,,,,,,,!! जब वंश ने कहा की वो तुमसे प्यार करता है तो उसकी ख़ुशी के लिए हम पीछे हट गए , हमने जान बूझकर तुम्हे इग्नोर किया , बुरा-भला कहा , तुम्हे तकलीफ दी ताकि तुम हमे भूल जाओ।”
कहकर मुन्ना कुछ देर के लिए खामोश हो गया। उसने अपना झुका लिया उसकी आँखों से बहकर आँसू गौरी के हाथो पर गिरने लगे। गौरी को आज सच पता चला उसे मुन्ना को ऐसे देखकर बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था। उसने बुझे मन से कहा,”मान,,,,,,,,!!”
मुन्ना ने अपने आँसू पोछे और सुबकते हुए कहने लगा,”हम जानते है गौरी हम गलत है , हमे तुम्हारा दिल तोड़ने का कोई हक़ नहीं था लेकिन हम अपने भाई का दिल नहीं तोड़ सकते। कॉलेज में वंश हमेशा लड़कियों से घिरा रहता था लेकिन हमने कभी उसकी आँखों में किसी लड़की के लिए वो भावनाये नहीं देखी जो तुम्हारे लिए देखी थी। पहली बार वो किसी लड़की को लेकर इतना सीरियस था जब उनसे बताया की वो तुम्हे पसंद करता है , तुमसे प्यार करता है तो हमारा दिल टूट गया,,,,,,,,,,,,,,,उसे हमारे रिश्ते के बारे में बताकर हम उसका दिल तोड़ना नहीं चाहते थे। हमे अपने प्यार और अपने भाई में से किसी एक को चुनना था और हमने उसे चुना , हाँ हम थोड़े स्वार्थी हो गए थे गौरी,,,,,,,,,,,,हमे इन सबकी आदत है हम अपना दुःख ज्यादा जाहिर नहीं करते लेकिन वंश,,,,,,,,,,,,,,वंश ऐसा नहीं है अगर उसका दिल टूटता तो वो बर्दास्त नहीं कर पाता इसलिए हमने उस से ये सच छुपाये रखा,,,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन इन सब में हम तुम्हारे भी गुनहगार है गौरी हमने तुम्हे बहुत हर्ट किया , तकलीफ दी , इसके बदले तुम हमे जो सजा दो मंजूर है,,,,,,,,,,,,,,,,,!!!”
कहते हुए मुन्ना की आँखों से फिर आँसू बहने लगे , उसे दर्द में देखकर गौरी की आँखे भी भर आयी , उसका मन किया वह अभी मुन्ना को गले लगा ले और उसे कहे की वंश को सब सच बता दे लेकिन गौरी की हिम्मत नहीं हुई। वह भीगी आँखों से मुन्ना के हाथो को थामे रही और उसे देखते रही। मुन्ना ने फिर अपने आँसू पोछे और आगे कहने लगा,”हमने तुमसे तो कह दिया की हमे भूल जाओ लेकिन हम तुम्हे नहीं भूल पा रहे है गौरी , हर वक्त तुम हमारे जहन में रहती हो , तुम्हारे साथ बिताये पल हर वक्त हमारी आँखों के सामने आते है , तुम्हारी आवाज , तुम्हारी बातें सब हमे सुनाई देती है। हम जितना तुमसे दूर जाने की कोशिश करते है तुम हमारे उतना ही करीब आती जा रही हो। हम बहुत अजीब इंसान है गौरी जो हमारा है उसे हम किसी के साथ बाटना पसंद नहीं करते है सिवाय वंश और काशी के पर जब तुमने वंश को लगाया तो हमे बहुत तकलीफ हुई इतनी की अगर उसकी जगह कोई और होता तो हम बर्दास्त नहीं कर पाते , जब तुमने वंश से कहा की वह तुम्हे अपने हाथो से झुमके पहनाये तब भी हमारा दिल किया की हम वहा से चले जाए क्योकि वो सब हम नहीं देख पा रहे थे।
आज सगाई में तुम बहुत सुन्दर लग रही थी,,,,,,,,,,,,,,,,,,बहुत ज्यादा इतनी ज्यादा की हमे तुमसे फिर से प्यार होने लगा था। हमे लगा की हम तुम्हारे साथ ठीक नहीं कर रहे शायद पर तुमने जब कहा की तुम कल वापस चली जाओगी तो लगा जैसे हमेशा के लिए जा रही हो , तुमसे दोबारा मिल पाएंगे या नहीं सोचकर हम जब वापस तुम्हे सच बताने ऊपर आये तो देखा की तुम वंश के साथ हो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,हमे फिर तकलीफ हुई लेकिन हमे अब इन सब की आदत डालनी थी। हम वहा से चले आये क्योकि हम अपनी फीलिंग्स को नहीं समझ पा रहे थे , हमे बहुत तकलीफ हो रही थी , हमारा दिल कर रहा था की हम कही भाग जाये यहाँ से बहुत दूर,,,,,,,,,,,इतना दूर जहा तुम्हारी यादे हमारा पीछा ना करे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन हम कहा जायेंगे हमे घूम फिरकर वापस यही आना था और हम आ गए। बनारस के ये घाट गवाह रहे है हमारी उन तमाम रातों के जब हमने यहाँ आकर तुम्हे याद करते हुए अपने आँसू बहाये है। हम इतने मजबूर है गौरी की हम किसी के सामने रो भी नहीं सकते , ना ही अपना दुःख जाहिर कर सकते है।
ये सच है की हम तुमसे बहुत प्यार करते है लेकिन हम वंश का दिल नहीं तोड़ सकते,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,काश तुम ये बात समझ पाती,,,,,,,,,,,,,,,,,,काश हम तुम्हे समझा पाते गौरी , काश हम समझा पाते की हमे ये सब करते हुए कितनी तकलीफ हो रही है। हमसे अब ये और बर्दास्त नहीं हो रहा है , हमे बहुत हर्ट हो रहा है और इसलिए हमने शराब पी क्योकि कुछ वक्त के लिए ही सही हम सब भूलना चाहते है”
कहते हुए मुन्ना एकदम से रो पड़ा। वह होश में नहीं था और उसने गौरी के सामने अपनी सारी भावनाये जाहिर कर दी। रोते हुए उसने अपने हाथो में थामे गौरी के हाथो को अपने होंठो से लगा लिया और कहा,”हमे माफ़ कर देना गौरी , हम चाहते है की तुम हमसे नफरत करो ,, हमसे नफरत करोगी तो हमे भूलना तुम्हारे लिए आसान हो जाएगा और तुम्हे ऐसे इंसान से प्यार करना भी नहीं चाहिए जिसने तुम्हारा दिल तोड़ा हो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!!”
गौरी की आँखों से आँसू बहने लगे उसने पहले कभी मुन्ना को इतनी तकलीफ में नहीं देखा था , अनजाने में उसने खुद भी उसका कितना दिल दुखाया ये गौरी को अहसास हुआ। उसने अपने आँसू पोछे और मुन्ना के बगल में आकर बैठ गयी। मुन्ना का मन इस वक्त बैचैन था और पीड़ा से भर चुका था उसने अपना सर गौरी के कंधे पर रख दिया। गौरी अपने दूसरे हाथ से उसका दुसरा कंधा धीरे धीरे थपथपाने लगी। उन दोनों की आँखों में आँसू थे और दोनों इस वक्त एक ही दर्द से होकर गुजर रहे थे।
उधर वंश ने देखा ना मुन्ना कही नजर आ रहा है ना ही गौरी तो उसने मुन्ना को फोन लगाया। मुन्ना का फोन साइलेंट पर था इसलिए किसी को पता नहीं चला। वंश ने गौरी को फोन लगाया गौरी का फोन बजा उसने देखा वंश का फोन है तो उसने फोन काट दिया और वंश को मेसेज भेज दिया।
“अरे गौरी भी फोन नहीं उठा रही आखिर दोनों है कहा ?”,गौरी के फोन काटने के बाद वंश बड़बड़ाया अगले ही पल उसे मेसेज मिला। वंश ने मेसेज खोलकर देखा जिसमे लिखा था “वंश क्या तुम अभी अस्सी घाट आ सकते हो ? मैं यही हूँ”
“गौरी इस वक्त घाट पर क्यों गयी है ? खैर मुझे जाना चाहिए कही ऐसा ना हो वो किसी मुसीबत में हो”,वंश फोन होंठो से लगाकर बड़बड़ाया और फिर गाड़ी लेकर बिना किसी को बताये घर से निकल गया। शक्ति और काशी खुश थे। दो दिन बाद शक्ति को वापस इंदौर जाना था। शक्ति और काशी की सगाई हो चुकी थी और अब दोनों बिना किसी परेशानी के अपनी अपनी पढाई और नौकरी कर सकते थे क्योकि दोनों ही शादी के लिए अभी तैयार नहीं थे। अधिराज जी और अम्बिका जी तो सगाई वाली रात ही निकलना चाहते थे लेकिन शिवम् ने मना कर दिया और अगले दिन काशी और उसकी दोस्तों के साथ जाने को कहा। शक्ति और उसके साथ सगाई में आये लोग जा चुके थे। शिवम , मुरारी , बाबा , अधिराज जी और अंजलि के पापा बाहर लॉन में बैठे थे। घर की सभी औरते घर के अंदर हॉल में , काशी अपने दोस्तों के साथ अपने कमरे में थी। अनु और सारिका अम्बिका जी के साथ थे कितने दिनों बाद दोनों अपनी माँ से मिली थी ऐसे में थोड़ा वक्त तो साथ बिताना बनता है। काशी ने गौरी के वहा ना होने पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया क्योकि उसे लगा गौरी शायद मुन्ना भैया के साथ होगी और काशी चाहती भी थी कल इंदौर जाने से पहले गौरी और मुन्ना के बीच सब ठीक हो जाये।
निशि ने देखा काफी देर हो चुकी थी लेकिन वंश अभी तक घर नहीं आया था तो उसने अंजलि से पूछा,”अंजलि वो चिरकुट कहा है ?”
“कौन वंश भैया ?”,अंजलि ने बेपरवाही से पूछा
“हाँ वही सब यहाँ है लेकिन वो नजर नहीं आ रहा”,निशि ने कहा
“कही आपको हमारे वंश भैया से प्यार तो नहीं हो गया ?”,अंजलि ने अपने कंधे से निशि के कंधे को टकरा कर शरारत से कहा तो निशि के चेहरे पर हवाईया उड़ने लगी जैसे किसी ने उसकी चोरी पकड़ ली हो। निशि को ऐसे हैरान देखकर अंजलि ने हँसते हुए कहा,”अरे ! मैं तो मजाक कर रही हूँ ,, वंश भैया शायद बाहर गए होंगे , उनका हमेशा से यही हाल है वो घर में ज्यादा टिकते नहीं है इसलिए तो बड़े मामाजी से हमेशा डांट खाते है”
“ओह्ह,,,,,,,,,,,,वैसे तुम बहुत शैतान हो”,निशि ने अंजलि का कान खींचते हुए कहा
“अच्छा बाबा सॉरी वैसे हमारे वंश भैया इतने भी बुरे नहीं है आप चाहो तो इस बारे में सोच सकती हो,,,,,,,,,,,,,,,!”,निशि के कान छोड़ने के बाद अंजलि ने कहा और सीढ़ियों की तरफ भाग गयी। निशि भी उसे पकड़ने उसके पीछे भाग गयी। अंजलि ऊपर आयी और वंश के कमरे में चली आयी , निशि भी उसके पीछे आयी। लम्बे सफर और दिनभर की भागदौड़ से निशि थक चुकी थी इसलिए बिस्तर पर गिर पड़ी और कहा,”मैं अब थक चुकी हूँ , मुझे नींद की जरूरत है”
“चलो नीचे चलकर सोते है , वैसे भी ये वंश भैया का कमरा है वो देखेंगे तो फिर से चिढ जायेंगे”,निशि ने बैठते हुए कहा
“किसी का भी हो मुझमे अब इतनी हिम्मत नहीं है की मैं उठकर नीचे जा सकू”,निशि ने अपनी आँखे मूंदते हुए कहा।
“ठीक है फिर मैं भी यही सो जाती हूँ”,कहते हुए निशि भी उसके बगल में लेट गयी और कुछ देर बाद दोनों को नींद आ गयी। सारिका किसी काम से वंश को ढूंढते हुए ऊपर आयी जब उसने निशि और अंजलि को सोते हुए देखा तो कमरे का AC चालू कर दिया और लाइट बंद करके वहा से चली गयी
वंश गाड़ी लेकर घाट के बाहर पहुंचा। उसने गाड़ी साइड में लगाई और सीढ़ियों से नीचे चला आया। वंश ने देखा मुन्ना और गौरी दोनों घाट की सीढ़ियों पर मौजूद है। वंश गौरी के पास आया और कहा,”क्या हुआ तुमने मुझे यहाँ आने को क्यों कहा ? और मुन्ना यहाँ क्या कर रहा है ? इसे तो घर में होना चाहिए था”
“अरे वंश मेरे भाई तू यहाँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अभी हम गौरी से तुम्हारी ही बात कर रहे थे,,,,!”,मुन्ना लड़खड़ाते हुए उठा और वंश की तरफ पलटकर कहा
“इसने ड्रिंक की है ? हहहह मुझे यकीन नहीं हो रहा है,,,,,,,,,,,,,,इसे हुआ क्या है गौरी ? और इस वक्त तूम दोनो यहाँ कर क्या रहे हो ?”,वंश ने मुन्ना को सम्हालते हुए हैरानी से कहा।
“वो सब मैं तुम्हे बाद में बताउंगी पहले हमे इसे यहाँ से लेकर चलना चाहिए”,गौरी ने कहा तो वंश मुन्ना को अपनी पीठ पर उठाये सीढिया चढ़ने लगा। कुछ वक्त पहले वंश के चेहरे पर जो ख़ुशी थी वो एकदम से परेशानी में बदल गयी। आज से पहले उसने मुन्ना को ऐसे नहीं देखा था। उसे समझ नहीं आ रहा था की आखिर ऐसा क्या हुआ जो मुन्ना को ड्रिंक करनी पड़ी। वंश मुन्ना को लेकर गाड़ी के पास पहुंचा उसने गौरी की मदद से मुन्ना को पिछली सीट पर लेटा दिया और खुद गौरी के साथ आगे आकर बैठ गया। वंश ने गाड़ी स्टार्ट की और वहा से सीधा मुरारी के घर की ओर चल पड़ा। वंश मुन्ना को अपने घर नहीं ले जा सकता था क्योंकी घर में इतने सारे मेहमान थे और इस हालत में मुन्ना को वहा ले जाना उसे ठीक नहीं लगा।
गाड़ी मुरारी के घर आकर रुकी। अनु और मुरारी शिवम् के घर में थे लेकिन किशना घर आ चुका था वंश मुन्ना को लेकर अंदर आया। वंश मुन्ना और गौरी को साथ देखकर किशना भी उनके साथ पीछे चला आया। वंश मुन्ना को लेकर उसके कमरे में आया और उसे बिस्तर पर लेटा दिया , मुन्ना की आँखे नींद की वजह से मूंदने लगी थी। गौरी ने उसके जूते निकालकर साइड रखे और वंश ने कमरे का AC तेज करते हुए किशना से कहा,”किशना भैया मुन्ना का ख्याल रखियेगा , इसने शायद गलती से ड्रिंक कर ली। मुरारी चाचा आये तो उन्हें इस बारे में मत बताना प्लीज”
“ठीक है वंश भैया हम उनसे कुछ नहीं कहेंगे”,किशना ने कहा
गौरी को परेशान देखकर वंश ने कहा,”परेशान मत हो सुबह तक ये ठीक हो जायेगा , मैं तुम्हे घर छोड़ देता हु फिर मुझे वापस यहाँ आना होगा”
“वंश तुम दोनों साथ में अच्छे लग रहे हो,,,,,,,,,,,,मेड फॉर इच अदर,,,,,,,,,,,,,,,,,परफेक्ट कपल”,मुन्ना नींद में बड़बड़ाया तो गौरी उसे देखने लगी। वंश ने गौरी की तरफ देखा और कहा,”चले ?”
“हम्म्म”,गौरी ने कहा और वंश के साथ चली गयी। किशना वही रुक गया और मुन्ना का ख्याल रखने लगा।
वंश गौरी के साथ नीचे चला आया। वह आज गौरी को अपने दिल की बात बताना चाहता था लेकिन गौरी को अपसेट देखकर उसने उसे अभी सब बताना सही नहीं समझा। वही मुन्ना की कही बातें गौरी के दिमाग में घूमने लगी। उसके आँसू , उसका रोना , उसका दर्द सभी गौरी की आँखों के सामने घूमने लगा। गौरी का मन भारी हो चला था , वह रोना चाहती थी लेकिन वंश के सामने उसने अपने आँसुओ को रोक लिया। उसे बहुत बुरा लग रहा था इतने दिन से मुन्ना दर्द में था और उसे अहसास तक नहीं हुआ। गाड़ी चलाते हुए वंश ने गौरी की तरफ देखा। उसका उदास चेहरा देखकर वंश ने कहा,”मुन्ना ने जो कहा उस बारे में ज्यादा मत सोचना उसने ऐसे ही बोल दिया होगा”
गौरी ने वंश की तरफ देखा , वह अब जानती थी की वंश उसे पसंद करता है और ये जानकर उसे और अजीब लग रहा था। गौरी खिड़की के बाहर देखने लगी , वंश के साथ बिताये पल उसकी आँखों के सामने आने लगे और उसने मन ही मन खुद से कहा,”सब मेरी गलती है मुझे वंश के साथ इतना ज्यादा फ्रेंक नहीं होना चाहिए था , दोनों भाई एक लड़की को पसंद करते है सोचकर ही अजीब लग रहा है। मैं ही बेवकूफ हूँ मैं वंश की बातें क्यों नहीं समझ पाई ? काश मैंने पहले ही उस से कह दिया होता की मैं उसे सिर्फ अपना दोस्त मानती हूँ तो आज,,,,,,,,,,,,,आज मान इतने दर्द में नहीं होता,,,,,,,,,,,,,,सब मेरी गलती है”
“गौरी घर आ गया है , तुम अंदर जाओ और कोई पूछे तो कहना मैं मुन्ना के साथ हूँ”,वंश ने कहा तो गौरी ने गाड़ी का दरवाजा खोला और उतरकर धीमे कदमो से अंदर चली गयी। उसने पलटकर भी नहीं देखा जब तक वह आँखों से ओझल नहीं हो गयी वंश उसे जाते हुए देखता रहा। गौरी के जाने के बाद वंश कुछ देर खामोश बैठा रहा उसके दिमाग में अभी भी मुन्ना चल रहा था। वंश ने गाड़ी आगे बढ़ा दी और वहा से निकल गया।
वंश वापस मुरारी के घर आया और मुन्ना के कमरे में चला आया। वंश के आने से किशना कमरे से बाहर चला आया। वंश आकर मुन्ना के सिरहाने के पास दिवार से पीठ लगाकर उसके बगल में बैठ गया। मुन्ना गहरी नींद में सो रहा था वंश उसके पास बैठा उसका कंधा थपथपाते हुए सोचने लगा,”क्यों मुन्ना ? तुमने ऐसा क्यों किया ? ऐसा क्या हुआ जो तुमने ड्रिंक की ? जबसे मैं मुंबई से वापस आया हूँ तबसे तुम्हे देखकर लग रहा है जैसे तुम किसी दर्द में हो,,,,,,,,,,,,,और तुमने आज तक उसे मुझसे छुपाकर रखा। ऐसा क्या है जो तुम मुझे नहीं बता सकते मुन्ना , जहा तक मैं जानता हूँ हमारे बीच कभी कुछ छिपा नहीं है। हमने हमेशा एक दूसरे को अपनी परेशानिया बताई है फिर आज क्यों तुम अकेले इस दर्द में हो,,,,,,,,,,,,,,,,,अगर ये ड्रिंक मजे के लिए है तो इट्स ओके लेकिन अगर तुमने परेशान होकर ऐसा कुछ किया है तो मैं तुम्हे माफ़ नहीं करने वाला,,,,,,,,,,,,,तू जानता है तू सिर्फ मेरा भाई नहीं बल्कि मेरा दोस्त भी है भाई समझकर ना सही दोस्त समझकर अपनी परेशानी बता सकता है ना,,,,,,,,आई हॉप सब ठीक हो अगर नहीं भी हुआ तो मैं करूंगा बस दोबारा कभी ऐसे खुद को अकेला मत छोड़ना,,,,,,,,,,,,,,,मैं तेरी तरह बता नहीं पाता लेकिन मैं तुझसे बहुत प्यार करता हूँ , तुझे चिढ़ाने में मजा आता है इसलिए आज तक कभी तुझे भाई कहकर नहीं पुकारा लेकिन मेरे दिल में तेरी रिस्पेक्ट एक बड़े भाई जितनी ही है,,,,,,,,,,,,,,,एक ऐसा बड़ा भाई जो मुझे हर हालात में सम्हाल लेता है।”
वंश ने अपना सर दिवार से लगा लिया उसकी आँखों से नींद कोसो दूर थी,,,,,,,,,,,,,,,,,!!
Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33 Main Teri Heer – 33
क्रमश – “मैं तेरी हीर” – 34
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संजना किरोड़ीवाल
Very nice part 👌
Today part is so emotional dkhte h ab gouri kya krti h
❤️❤️❤️❤️ atleast ab sukoon mila ki gauri ko sb pta chal gya😌
Chalo achcha hua ki Munna ne Guri k saamne sab bol diya…Ab dekhna h ki Guri kya krti hai… Munna kya krta hai aur Vansh ko kuch pta chalega ya nhi
😍😍👌
Bhut hi emotional part tha maam ansoo ruk hi nhi rhe they
Very beautiful and emotional part 🥰😍🥰 gauri ko vansh se baat kr sb clear kr lena chahiye
Akhir Munna ne gauri ko sab bta hi diya nice part
Man ne to aaj emotional hi kr diya 😞😞😞😞😞😞😞😞😞😞
Nice story
Gauri ko sb pta chl gya or vo naraj bhi nhi hui pr jb vansh ko pta chlega to vo jarur munna pe naraj hogaa😑😑😑