“मैं तेरी हीर” – 72
Main Teri Heer – 72
शक्ति अचेत हो चुका था पंडित जी उसे लेकर शिव मंदिर के पास ले आये। शक्ति को बहुत चोट लगी थी पंडित जी ने ही डॉक्टर को बुलाया और शक्ति की मरहम पट्टी करवाई। डॉक्टर कुछ दवाये देकर वहा से चला गया। पंडित जी को शक्ति की चिंता होने लगी उन्होंने उसकी तरफ देखते हुए कहा,”ये कैसी मुसीबत आन पड़ी है तुम पर शक्ति,,,,महादेव तुम्हरी इतनी परीक्षा काहे ले रहे है ?”
“काशी,,,,,,,,,काशी,,,,हमारी बात सुनो,,,,,,,,,एक बार हमारी बात सुन लो,,,,,,,हम बुरे इंसान नहीं है काशी”,शक्ति बेहोशी की हालत में बड़बड़ाया।
शक्ति की बिगड़ी हालत देखकर पंडित जी ने उसे कंबल ओढ़ा दिया और उसे थपथपाने लगा। दवा के असर से शक्ति गहरी नींद में चला गया।
मुन्ना ने काशी की सहेलियों को घर भेज दिया। मुन्ना काफी गुस्से में था और वह काशी के साथ वही रुक गया। काशी ने मुन्ना को गुस्से में देखा तो धीरे से कहा,”मुन्ना भैया”
“हमने तुमसे कहा था काशी की तुम उस लड़के से दूर रहोगी और उसे भूलकर अपनी पढाई में ध्यान दोगी ! काशी तुम अभी मासूम हो तुम्हे सही और गलत में फर्क नहीं पता है ,, घर में अगर ये बात किसी को पता चली तुम्हारे लिए सही नहीं होगा। उस लड़के की इतनी हिम्मत की वो सबके सामने तुम्हारा हाथ पकडे,,,,,,,,,ऐसे ही एक बार राजन ने किया था तो वंश ने क्या हाल किया था उसका जानती हो न तुम,,,,,,,,,,,,,तुम क्या चाहती हो काशी की वंश को इस सब के बारे में पता चले ? उसका गुस्सा हम से भी ज्यादा है,,,,,,,,,,,,,हम उस पर हाथ नहीं उठाना चाहते थे लेकिन अगर कोई तुम्हारी आँखों में आँसू लाएगा तो उसे हम नहीं छोड़ने वाले”,मुन्ना ने गुस्से से कहा
मुन्ना का गुस्सा देखकर काशी थोड़ा सहम गयी , वह रोते हुए मुन्ना के गले लगी और कहने लगी,”माफ़ कर दीजिये भैया,,,,,,हम आज के बाद उस से कभी नहीं मिलेंगे,,,,,,,,,,,माफ़ कर दीजिये ,, हम आपको तकलीफ में नहीं देख सकते,,,,,,,,,,माफ़ कर दीजिये”
काशी को रोते देखकर मुन्ना का दिल पिघल गया उसने काशी के चेहरे को अपने हाथो में लिया और कहने लगा,”हमारी बात ध्यान से सुनो काशी कोई भी लड़का अगर तुमसे सच्चा प्यार करेगा तो वो कभी तुम्हारी आँखों में आँसू नहीं आने देगा,,,,,,,,,खुद को इतना कमजोर मत बनाओ काशी की कोई भी आकर तुम्हारी भावनाओ से खेल जाये,,,,,,,,,,,,,,हम्म्म अब अपने आँसू पोछो और घर चलते है”
कहते हुए मुन्ना ने खुद ही काशी के आँसू पोछे और फिर उसे लेकर घर के लिए निकल गया। मुन्ना ने रिक्शा वाले को शिवम् के घर ना भेजकर अपने घर भेजा ताकि खुद भी काशी को अपने घर लाये और सिचुएशन को सम्हाल सके। मुन्ना के पीछे बाइक पर बैठी काशी की आँखों के सामने एक बार फिर शक्ति का चेहरा घूमने लगा जब वह मार खाते हुए उसे ही देख रहा था। काशी को ये सब सोचते हुए बहुत तकलीफ हो रही थी , उसने अपनी आँखे बंद कर ली आँसुओ बुँदे फिर उसके गालो पर उभर आयी। मुन्ना काशी को लेकर घर पहुंचा और उस से कहा की वह घर में किसी से इस बात का जिक्र भी ना करे।
जैसा की शाम में जलसा था इसलिए मुरारी तो उसी की तैयारियों में लगा हुआ था , जब उसने काशी को अदंर आते हुए देखा तो उसके पास आया और उसका हाथ पकड़कर उसे सोफे की तरफ ले जाते हुए कहा,”ए काशी जरा तुमहू देख के बताओ आज शाम के जैसे में हम का पहने ?”
काशी चुपचाप खड़ी रही उसे उदास देखकर अनु ने कहा,”क्या हुआ काशी तुम ठीक हो ना ?”
“वो हमने काशी को थोड़ा डांट दिया इसलिए नाराज है ये”,मुन्ना ने झूठ बोलकर बात सम्हालते हुए कहा
“ए मुन्ना तुमरी इतनी हिम्मत तुमहू हमारी काशी बिटिया को डाँटोगे , चलो अभी के अभी माफ़ी मांगों इस से”,मुरारी ने मुन्ना से कहा
“सॉरी काशी”,मुन्ना ने कहा तो काशी उसकी तरफ देखने लगी मुन्ना ने अपनी पलके झपकाई और इशारा किया की वह हमेशा उसके साथ है।
“हमने माफ़ किया , अनु मौसी हम मुंह धोकर आते है”,काशी ने धीरे से कहा
“हाँ जाओ तब तक मैं किशना से कहती हूँ वो तुम सबके लिए चाय बना देगा”,अनु ने उठते हुए कहा
गौरी , ऋतू और प्रिया वही थी और खामोश थी। ऋतू प्रिया का ध्यान दूसरी तरफ था लेकिन गौरी का ध्यान मुन्ना पर था। वह मन ही मन मुन्ना को लेकर काफी परेशान भी थी सुबह उनसे मुन्ना को कितना शांत देखा था और कितनी जल्दी सब अचानक से बदल गया। मुन्ना को देखते हुए गौरी की नजर उसके हाथ पर चली गयी जो की जख्मी था और मुन्ना ने अनु मुरारी से छुपाने के लिए अपने हाथ को पीछे कर रखा था।
“ये तुम्हारे हाथ,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए गौरी जैसे ही मुन्ना की तरफ आयी मुन्ना ने अपने होंठो पर ऊँगली रखकर उसे आगे कुछ ना बोलने का इशारा किया तो गौरी वही रुक गयी। मुन्ना सोफे के पास खड़े मुरारी को देख रहा था जो की कुछ कन्फ्यूज लग रहा था। मुन्ना ने मुरारी के पास आते हुए कहा,”पापा आप इतना कन्फ्यूज क्यों हो रहे है ? कुछ भी पहन लीजिये अच्छा ही लगेगा”
“अरे यार हम चीफ गेस्ट है आज के जलसे में , ऐसे कैसे कुछो भी पहन के चले जाये”,मुरारी ने कहा
“अंकल मैं आपकी कुछ हेल्प करू”,गौरी ने पूछा
“अरे बिल्कुल तुम और काशी एक जैसी ही हो बताओ इनमें से कौनसा पहने ?”,मुरारी ने दो ड्रेस गौरी के सामने करके कहा। मुन्ना ये सब देखकर ऊपर चला गया गौरी ने मुरारी के लिए ड्रेस चूज की तो मुरारी ने कहा,”हम अभी ट्राय करके आते है”
मुरारी चला गया , तब तक काशी भी मुंह धोकर आ चुकी थी काशी के आते ही गौरी उसकी तरफ आयी और कहा,”हम लोगो के आने के बाद मुन्ना ने तुमसे कुछ कहा क्या ? बोलो ना काशी चुप क्यों हो ?”
“आई ऍम सॉरी ये सब हमारी ही वजह से हो रहा है , हमने तुम तीनो का वीकेंड भी खराब कर दिया। हमे तुम्हे यहाँ नहीं लेकर आना चाहिए था”,काशी ने उदासी भरे स्वर में कहा
“हे काशी ये कैसी बातें कर रही हो ? ऑफकोर्स हम तीनो को यहाँ आकर अच्छा लगा , हां कुछ चीजे बिगड़ी है लेकिन इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं है तुम खुद को दोष मत दो प्लीज”,ऋतू ने आकर काशी के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा
“हाँ काशी और आज जो कुछ भी हुआ उसे तुम जितनी जल्दी भूल जाओ तुम्हारे और शक्ति के लिए अच्छा है ,, आज पहली बार मुन्ना को इतने गुस्से में देखा था पता नहीं वो शक्ति के साथ क्या करेगा ?”,प्रिया ने सोफे के हत्थे पर बैठते हुए कहा
प्रिया की बात सुनकर काशी का दिल घबराने लगा था वह नहीं चाहती थी की मुन्ना शक्ति को फिर से कोई नुकसान पहुंचाए। उसे परेशान देखकर गौरी ने कहा ,”तुम शक्ति के बारे में सोच रही हो ना ?”
“हम उसका ख्याल अपने जहन से नहीं निकाल पा रहे है गौरी , लेकिन हमे ये करना होगा उसकी सलामती के लिए हमे उसे भूलना होगा”,कहते हुए काशी की आँखों में फिर आँसू झिलमिलाने लगे। गौरी ने उसका सर सहलाते हुए कहा,”खुद को इतनी तकलीफ मत दो काशी , सब ठीक हो जाएगा तुम्हे अपने महादेव पर भरोसा है ना , वो सब ठीक कर देंगे”
अनु सबके लिए चाय ले आयी तो सब उस तरफ चले आये। अनु को काशी की परेशानी के बारे में पता ना चले इसलिए गौरी , ऋतू प्रिया तीनो बातें करके काशी को हँसाने लगी। मुरारी गौरी की पसंद की ड्रेस पहनकर आया , वह ड्रेस मुरारी पर काफी फब रहा था गौरी ने देखा तो कहा,”वाह अंकल आप तो इसमें काफी हेंडसम लग रहे है”
“अरे तुम्ही तो पसंद की थी ,,,,,,,,,,,,,,,,पसंद अच्छी है तुमरी , है ना अनु ?”,मुरारी ने कहा
अनु ने देखा सच में वो ड्रेस मुरारी पर काफी अच्छा लग रहा था तो उसने चाय का कप उठाया और मुरारी की तरफ आते हुए कहा,”क्या मुरारी दूसरी शादी करने का सोच रहे हो क्या तुम ?”
“अरे तुमहू हाँ तो कहो हम दूसरी तीसरी चौथी सब कर लेंगे,,,,,,,,,,,,,,लेकिन करेंगे तुमसे”,मुरारी ने कहा तो सब हंस पड़े
“सुधर जाओ मुरारी,,,,,,,,,,,!!”,अनु ने प्यार से मुरारी के गाल पर हल्के हाथ से चपत लगाते हुए कहा। मुरारी मुस्कुराते हुए चाय पीने लगा और अनु उसके जैकेट का कोलर सही करने लगी। बाकि सबका ध्यान चाय में था लेकिन गौरी बड़े ही प्यार से मुरारी और अनु को देख रही थी कितना प्यार था दोनों में , उन्हें देखते हुए गौरी को मुरारी में मुन्ना और अनु में खुद का अक्स नजर आने लगा। गौरी उन्हें देखते हुए मुस्कुराने लगी
“गौरी गौरी,,,,,,,,,गौरी वो प्लेट पास कर ना”,ऋतू ने कहा तो गौरी की तंद्रा टूटी और वह अपने ख्यालो की दुनिया से बाहर आयी। उसने प्लेट पास की और देखा वहा एक कप चाय और रखी थी शायद मुन्ना के लिए थी। मुरारी की तरफ से आते हुए अनु ने देखा मुन्ना नीचे नहीं है तो उसने कहा,”लगता है मुन्ना अपने कमरे में चला गया , मैं उसकी चाय वही भिजवा देती हूँ”
“मैं ले जाती हूँ”,गौरी ने तपाक से कहा तो प्रिया और ऋतू की गर्दन उसकी तरफ घूम गयी। गौरी ने उन्हें इस तरह देखते पाया तो हिचकिचाते हुए कहा,”मैं तो सिर्फ इनकी हेल्प कर रही हूँ”
“कोई बात नहीं गौरी तुम लेकर जा सकती हो”,अनु ने चाय का कप गौरी को देकर कहा। गौरी उठी और ख़ुशी ख़ुशी सीढ़ियों की तरफ बढ़ गयी। मुन्ना के कमरे के सामने आकर गौरी के कदम ठिठके , और फिर वह सीधा ही मुन्ना के कमरे में चली आयी। अंदर आकर उसने देखा मुन्ना खिड़की के पास खड़ा बाहर देख रहा था। गौरी ने चाय का कप टेबल पर रखते हुए कहा,”वो तुम नीचे नहीं आये तो आंटी ने तुम्हारे लिए चाय ऊपर ही भिजवा दी”
गौरी की आवाज सुनकर मुन्ना पलटा , उसने कुछ नहीं कहा बस ख़ामोशी से गौरी को देखता रहा। गौरी की नजर फिर मुन्ना के हाथ पर चली गयी जो की जख्मी था। गौरी मुन्ना के पास चली आयी और उसका हाथ देखते हुए कहा,”तुम्हारे हाथ में तो चोट लगी है , तुम यहाँ बैठो”
कहते हुए गौरी ने मुन्ना को वहा पड़ी कुर्सी पर बैठने को कहा और खुद सामने टेबल पर रखा फर्स्ट ऐड बॉक्स उठा लायी। वह मुन्ना के बिल्कुल सामने घुटनो के बल आ बैठी। उसने डिब्बे से दवा और पट्टी निकाली , बड़े आराम से उसने मुन्ना के हाथ पर लगे घाव को साफ किया , दवा लगायी और पट्टी बांधते हुए कहा,”तुम्हे उसे इस तरह से नहीं मारना चाहिए था”
गौरी की बात सुनकर मुन्ना ने गौरी की तरफ देखा तो गौरी को लगा उसने शायद कुछ गलत कह दिया वह उठी और जाने लगी तो मुन्ना ने कहा,”गौरी”
गौरी चलते चलते रुक गयी।
“आई ऍम सॉरी , हमे आप लोगो पर चिल्लाना नहीं चाहिए था। उस वक्त हम थोड़ा गुस्से में थे इसलिए बोल दिया,,,,,,,,,,,,,,,माफ़ कर दीजिये”,मुन्ना ने धीमे स्वर में कहा
गौरी को अच्छा लगा वह पलटी और कहा,”मैंने माफ़ किया लेकिन मैं एक बात जरूर कहूँगी मान गुस्से में लिया गया हर फैसला सही नहीं होता , उम्मीद है जल्दी ही तुम्हे इस बात का अहसास होगा। तुम्हारी चाय ठंडी हो रही है पी लो”
कहकर गौरी वहा से चली गयी। मुन्ना बिस्तर पर बैठ गया और अपना सर पकड़ लिया इस वक्त उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था आज से पहले शायद ही उसने इतना गुस्सा किया था। उसे अब खुद पर गुस्सा आ रहा था की वह किसी के सामने अपना कंट्रोल कैसे खो सकता है ? खैर मुन्ना इसी सोच में डूबा रहा और उसकी चाय ठंडी हो गयी। वह बिस्तर पर लेट गया , लेटे लेटे वह अपने हाथ को देखने लगा जिस पर गौरी ने दवा लगाकर पट्टी बाँधी थी। घरवालों के अलावा पहली बार मुन्ना ने किसी को अपनी परवाह करते देखे था। मुन्ना के दिल में गौरी के लिए भावनाये अब और ज्यादा बढ़ने लगी थी।
शाम में सभी जलसे वाली जगह पहुंचे। शिवम् ने बहुत अच्छा इंतजाम करवाया था। बनारस के काफी लोग आये थे उस जलसे में। नए कपड़ो में सजे धजे सभी काफी अच्छे लग रहे थे। काशी ने बनारसी सूट पहना था , ऋतू प्रिया ने स्लीवलेस ब्लाउज के साथ सिंपल लेकिन स्टाइलिश साड़ी पहनी थी। गौरी ने इन सबसे अलग सफ़ेद रंग का फूल स्लीव्स वाला लॉन्ग सूट पहना साथ में सफ़ेद चूड़ीदार , कानो में सिल्वर कलर के झुमके थे , आँखों में काजल , होंठो पर लिपस्टिक , बालो को उसने खुला ही रखा और बांयी तरफ के कुछ बालो को लेकर छोटा सा चमकीला क्लिप लगा लिया। माथे पर एक काली बिंदी भी लगा ली और साथ में गले में सफ़ेद दुपट्टा जो की इतना लंबा था की गौरी के गले से होकर दोनों पैरो की ऐड़ियो से कुछ ऊपर तक लटक रहा था। गौरी भी सबके पास चली आयी उसे देखते ही ऋतू ने कहा,”ओह्ह्ह तूम बहुत अच्छी लग रही हो”
“थैंक्यू थैंक्यू , वैसे तुम दोनों भी आज कम नहीं लग रही ,एकदम पटाखा लग रही हो”,गौरी ने कहा
“अच्छा , वैसे भी आज बनारस में हम चारो की आखरी रात है इसलिए सोचा खूब इंजॉय किया जाये,,,,,,,,,,,,,क्यों काशी ?”,प्रिया ने कहा
“हाँ,,,,,,,,,,,,,,आज का दिन हमे हमेशा याद रहेगा , हम इसे कभी भूल नहीं पाएंगे”,कहते कहते काशी उदास हो गयी
गौरी को काशी का उदास चेहरा अच्छा नहीं लगा तो उसने काशी को साइड हग किया और कहा,”इंदौर जाते ही तुम्हारा सारा मूड ठीक हो जाएगा , वैसे बाकि सब कहा है कही नजर नहीं आ रहे”
गौरी ने भीड़ में मुन्ना को ढ़ंढते हुए कहा , अब बेचारी सीधे सीधे मुन्ना का नाम थोड़े लेती लेकिन उसकी नजरे तो मुन्ना को ही ढूंढ रही थी।
“तुम मेरी बात कर रही हो क्या ?”,वंश ने गौरी के बगल में आकर कहा
गौरी ने सूना तो हैरानी से अपने बगल में देखा , सफ़ेद शर्ट जिसके ऊपर के दो बटन खुले थे , ब्लेक पेंट , पैरो में चमकदार जूते , बालो को आज सेट किया था उसने और उसके होंठ भी काफी सुर्ख नजर आ रहे थे। ऋतू प्रिया के साथ साथ गौरी भी उसे देखते ही रह गयी , हालाँकि बाद में उसने खुद को सम्हाल भी लिया और कहा,”तुम्हे ऐसा क्यों लगता है की दुनिया की सारी लड़किया तुम्हारे बारे में ही बात करती होगी ?”
वंश मुस्कुराया और कहा,”क्योकि मुझमे वो बात है , वैसे आज तुम काफी अच्छी लग रही हो”
“थैंक्यू,,,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने मुस्कुरा कर कहा
“लेकिन मैं इम्प्रेस नहीं होने वाला,,,,,,,,,,,,!!”कहकर वंश वहा से चला गया तो गौरी का मुंह बन गया , उसे देखकर ऋतू प्रिया और काशी हंस पड़ी उन्हें हँसता देखकर गौरी भी हंस पड़ी और कहा,”काशी तुम्हारे वंश भैया सच में अजीब है”
“हाँ उन्हें समझना थोड़ा मुश्किल है,,,,,,,,,,!”,काशी ने कहा
चारो साथ साथ घूमते हुए जलसा देखने लगी। मुरारी जो की आज के जलसे में चीफ गेस्ट था काफी चौड़ में घूम रहा था। गौरी की नजरे बार बार मुन्ना को ढूंढ रही थी लेकिन मुन्ना वहा नहीं था। कुछ देर बाद समारोह शुरू हुआ। बनारस के ही कुछ लोगो ने बढ़िया प्रस्तुति भी दी। सामने बैठा मुरारी जैसे तैसे खुद को रोके हुए था बस क्योकि उसकी बगल में ही शिवम् जो बैठा था। मुरारी ने अब तक तो खुद को रोक लिया लेकिन जैसे ही उसके कानो में गाने के बोल पड़े वह उठ खड़ा हुआ और थिरकने लगा। गाना भी वो था “खइके पान बनारस वाला”
अब हमारे मुरारी भैया ठहरे ठेठ बनारसी और उस पर सोने पे सुहागा ये की पान था उनका फेवरेट , वो भला खुद को कैसे रोक पाते। काशी और उसकी दोस्तों ने देखा तो रुककर मुरारी का डांस देखने लगी। चारो हंस मुस्कुरा रही थी की तभी गौरी के बगल में वंश आया और अपना कंधा गौरी के कंधे से टकरा गाते हुए आगे बढ़ गया
गौरी ने उसे घुरा तो वह मुस्कुराते हुए आगे बढ़ गया। सब वहा थे बस मुन्ना नहीं था , गौरी ने पलटकर मेन गेट की ओर देखा उसे मुरारी के घर काम करने वाला किशना आते दिखाई दिया। गौरी उसकी तरफ चली आयी और कहा,”किशना भैया मुन्ना घर पर है क्या ?”
“नहीं मुन्ना भैया तो शाम में ही घर से निकल गए थे”,किशना ने कहा
“वो यहाँ नहीं आया तो कहा गया होगा ?”,गौरी अपने आप में बड़बड़ाई
“का हुआ दीदी कोनो परेशानी है का ?”,किशना ने पूछा
“नहीं भैया आप जाईये”,गौरी ने मुस्कुराते हुए कहा और बाहर निकल गयी। गौरी खुद नहीं जानती थी की वह मुन्ना को लेकर इतना बैचैन क्यों है ? जलसा अस्सी घाट के पास वाले मैदान में था इसलिए गौरी मुन्ना को ढूंढते हुए अस्सी घाट चली आयी। ठण्ड का मौसम , उस पर रात का वक्त , घाट पर इस वक्त कोई मौजूद नहीं था। सीढिया उतरते हुए गौरी नीचे चली आ रही थी। उसके पैरो में पहनी झांझर आवाज कर रही थी , ये वही झांझर थी जो मुन्ना ने गौरी को दिलवाई थी। गौरी नीचे चली आयी उसने इधर उधर नजरे घुमाई लेकिन मुन्ना दिखाई नहीं दिया। ठंड में अपने हाथो को सहलाते हुए गौरी आगे बढ़ गयी। कुछ ही देर बाद उसे सीढ़ियों पर बैठा मुन्ना नजर आया। गौरी की आँखे ख़ुशी से चमक उठी। वह मुन्ना के पास आयी और कहा,”तुम यहाँ हो और मैं तुम्हे कबसे ढूंढ रही हु”
“आप इतनी रात में यहाँ क्या कर रही है ? और हमे क्यों ढूंढ रही थी ?”,मुन्ना ने सवाल किया
गौरी उसके बगल में आ बैठी और कहा,”वहा जैसे में सब थे तुम नहीं थे तो अच्छा नहीं लगा इसलिए तुम्हे ढूंढते हुए मैं यहाँ चली आयी”
“लेकिन यहाँ काफी ठंड है और आपने गर्म कपडे भी नहीं पहने है , आप बीमार हो सकती है चलिए हम आपको घर छोड़ देते है”,मुन्ना ने कहा
“मान मुझे थोड़ी देर यही रुकने दो ना प्लीज , वैसे भी कल सुबह हम लोग चले जायेंगे”,गौरी ने मासूमियत से कहा
जाने की बात सुनकर ही मुन्ना का मन उदास हो गया , गौरी को लेकर वह जो महसूस करता था उन भावनाओ को अभी कोई नाम ही नहीं दे पाया था और गौरी के वापस जाने का वक्त भी आ गया। मुन्ना को अपनी ओर देखता पाकर गौरी ने कहा,”क्या हुआ ?”
“आप सच में चली जाएगी ?”,मुन्ना ने धीरे से पूछा
गौरी उठी और अपने दोनों हाथो को फैलाते हुए कहा,”हाँ,,,,,,,,,,,,जाना तो पडेगा ना ,, लेकिन यहाँ से जाने के बाद मैं इस शहर को बहुत मिस करुँगी , यहाँ के लोगो को , यहाँ की बातो को और स्पेशली यहाँ के खाने को,,,,,,,,,,!!!”
कहते हुए वह सीढ़ियों पर चलने लगी और कहने,”ये शहर सच में बहुत खूबसूरत है मान और जानते हो इस शहर की सबसे खूबसूरत बात ये है की यहाँ तुम रहते हो” कहते हुए गौरी एकदम से पलट गयी। मुन्ना ने सूना तो उसका दिल धड़क उठा , आज गौरी की आँखों उसे वही चमक नजर आ रही थी जो अक्सर वह अपनी नजरो में देखा करता था। गौरी ने मुन्ना की तरफ बढ़ते हुए कहना जारी रखा,”तुम मुझे इस शहर के लोगो में सबसे अलग नजर आये , आज जब सब जलसे में मौजूद थे और तुम नहीं थे मेरी नजरे बस तुम्हे ढूंढते रही ,, और उस पल समझ आया की कुछ तो है जो मुझे तुमसे जोड़े हुए है , ऐसे अहसास जो इस वक्त सिर्फ तुम और मैं महसूस कर रहे है”
कहते हुए गौरी मुन्ना के काफी करीब चली आयी। इतना की गौरी की गर्म सांसे मुन्ना अपने चेहरे पर महसूस हो रही थी। गौरी के होंठ मुन्ना के होंठो के बिल्कुल पास थे और आँखे बस मुन्ना की आँखों में देखे जा रही थी। मुन्ना को लगा जैसे उसका दिल फट जाएगा वह अपनी सांसे रोके खामोश खड़ा रहा। गौरी कुछ देर मुन्ना को देखते रही और फिर हंसने लगी , मुन्ना को कुछ समझ नहीं आया वह हैरानी से गौरी को देखने लगा। गौरी ने मुन्ना की हालत देखकर हसंते हुए कहा,”तुम डर गए थे ना,,,,,,,,,,,,,,मैं बस ऐसे ही मजाक कर रही थी , तुम सच में डर गए थे ना,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
गौरी ने इतना ही कहा की मुन्ना ने उसका हाथ पकड़कर उसे अपनी ओर खींचा और अपने होंठो को गौरी के होंठो से लगा दिया। गौरी समझ ही नहीं पायी की ये अचानक से क्या हुआ ? उसने अपनी आँखे मूँद ली मुन्ना की सांसो को वह खुद में उतरता महसूस कर रही थी।
Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72 Main Teri Heer – 72
क्या इंदौर जाने से पहले काशी शक्ति से मिलेगी ? क्या वंश कह पायेगा अपने दिल की बात गौरी को ? क्या इस इस मुलाकात के बाद मजबूत होने वाला है मुन्ना और गौरी का रिश्ता ? जानने के लिए पढ़ते/सुनते रहे “मैं तेरी हीर”
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क्रमश – “मैं तेरी हीर” – 73
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संजना किरोड़ीवाल
wow romantic suspense.
Omg Gauri to soch bhi nhi skti thi Munna asa bhi kuch kar sakta hai😁❣️❤️💞💞♥️💕💜💗💖🤎💘🤍💝💟💓💙
Please vansh ka liye koi aur ladki la kar aao dii Munna ka liye tho Gauri he banni hai. So romantic part Munna Gauri special. 💖💖💖♥️♥️♥️
Nice story
मैम मुन्ना ने डायरेक्ट बता दिया कि गौरी के लिऐ…उसकीं फीलिंग क्या हैं…वैसै घाट पर काशी शक्ति से मिलेगी… इंतजार रहेगा मैम😊 superb part👌👌👌👌👌
Very beautiful
Bhut hi pyaara part tha
Superb fabulous amazing interesting lovely mst part
ये हो क्या रहा है…अचानक से गौरी मुन्ना से इन-डारेक्ट वे अपने दिल की बात कहती और फिर उसे मजाक का नाम देती…और हमारे मुन्ना जी सीधे गौरी किस कर देते है…मतलब कि धीरे-धीरे प्यार की जगह सीधे इजहार… संजना जी शिवम-सारिका कहानी के शुरुआत से हे एक-दूसरू के फीलिंगस रखते थे, पर यहां तो मुन्ना और गौरी कंफ्यूज थे…तो एक दम ये हुआ थोड़ा झटका लगा…खैर ये हम रीडर्स के लिए अच्छा ही है, स्टोरी लंबी जाएगी… बल्ले-बल्ले😎😎😎
Munna ko kya ho gaya hai, pehle shakti ko pita or aab ye kiss omg gauri ne to kabhi expect bhi nahi kiya hoga ki aisa bhi kuch hoga, very nice part
Kashi ka to dil hi tut gya or shakti bhi buri trh ghayal or tuta hua h🥺🥺🥺🥺
Pr ye kyaa hme lga gaurii ijhar kr ri h pr usne mjak ka nam de diya pr ye aaj munna ko kya hua vo bar bar apne nature se alg behave kr ra h.. phle gussa mar pit or ab ye kiss 😍😍😍😍😍