Sanjana Kirodiwal

Story with Sanjana Kirodiwal

Telegram Group Join Now

“मैं तेरी हीर” – 56

Main Teri Heer – 56

Main Teri Heer
Main Teri Heer

सड़क किनारे खड़े काशी और शक्ति एक दूसरे की आँखों में देखे जा रहे थे। काशी शक्ति की बांहो में थी और उसका दिल धड़क रहा था। एक पल के लिए शक्ति भी काशी की बड़ी बड़ी आँखों में खो सा गया। पास ही से एक ऑटो गुजरा उसके हॉर्न की आवाज से शक्ति की तंद्रा टूटी तो उसने काशी को खुद से दूर करते हुए कहा,”सॉरी”
“अरे वाह तुम तो इंग्लिश भी बोलते हो , कहा तक पढ़े हो ?”,काशी ने सवाल किया
“चले ?”,शक्ति ने उसके सवाल का कोई जवाब नहीं दिया और आगे बढ़ गया। काशी भी उसके साथ साथ चल पड़ी। दोनों वही एक चाय की टपरी पर पहुंचे और काशी ने दो कुल्हड़ चाय देने को कहा। दुकानवाला चाय बनाने लगा काशी के पास शक्ति से बात करने का टाइम था इसलिए उसने फिर सवाल कर दिया,”वैसे उस शाम जिनसे तुमसे झगड़ा करने वाले वो लोग कौन थे ? और तुमने हमे जाने को क्यों कहा ?”
“वो हमारे दुश्मन थे हमे मारना चाहते थे”,शक्ति ने सामने देखते हुए कहा
“लेकिन तुम्हे मारना क्यों चाहते थे ? तुम क्या बुरे इंसान हो,,,,,,,,,,,,,,?”,काशी ने फिर शक्ति की तरफ देखकर सवाल किया
काशी की बात सुनकर शक्ति उसकी और देखने लगा।
“हमारा मतलब शक्ल से तो अच्छे इंसान ही दिखते हो,,,,,,,,,,,,,!!”,काशी ने झिझकते हुए कहा
शक्ति एक बार फिर सामने देखने लगा। वह काशी से बात क्यों नहीं कर रहा था ये तो वही जानता था लेकिन शक्ति को खामोश देखकर काशी बड़बड़ाने लगी,”क्या कर रही हो काशी ? ऐसे अजीब सवाल पूछकर तुम उसे इरिटेट कर रही हो,,,,,,,,,,,एक तो वो पहले से इतना सीरियस है और तुम ऐसी बाते करके उसे और गुस्सा दिला रही हो,,,,,,,,,,,,,ये सब छोडो और उस से लेटर के बारे में पूछो”
“हाँ तो हम तुम्हे कुछ दिखाने वाले थे”,काशी ने अपनी आँखे चमकाते हुए कहा
“ह्म्म्मम्म”,शक्ति ने कहा
“चाय,,,,,,,,,,,!!”,टपरी के छोटू ने चाय का कुल्हड़ काशी और शक्ति के सामने करते हुए कहा
“थेंक्यू”,काशी ने उस से चाय लेते हुए कहा। लड़का शक्ति को चाय देकर वहा से चला गया। शक्ति ने देखा चाय गर्म होने की वजह से काशी उसे फूंक मार रही है और ऐसा करते हुए वह बहुत प्यारी लग रही थी। शक्ति उसे एक टक देखता रहा और फिर मुस्कुरा उठा और दूसरी तरफ देखते हुए चाय पीने लगा। बीच बीच में काशी उसे देख भी लेती लेकिन ख़ामोशी के सिवा उसे शक्ति के चेहरे पर कुछ नजर नहीं आया। शक्ति ने चाय खत्म की और कुल्हड़ को साइड में रखते हुए कहा

“हां तो हमारी कौनसी चीज है आपके पास ?”
“ये,,,,,,,,,,,!”,कहते हुए काशी ने अपने जेब से वो लेटर निकाला और शक्ति के सामने लहराते हुए कहा
शक्ति ने काशी के हाथ से वो लेटर लिया और पढ़ने लगा। काशी उसके सामने खड़े खड़े बोलने लगी,”यहाँ से जाने के बाद हमे लगा तुम हमे भूल जाओगे,,,,,,,,,,,,पर जब इंदौर में हमे ये मिला तो हम तो हैरान ही हो गए। हमने सोचा नहीं था तुम इतनी अच्छी बाते भी कर लेते हो,,,,,,,,,,,,जब इतना ही पसंद करते थे हमे तो कहा क्यों नहीं ?,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, शर्म आ रही होगी ना ?,,,,,,,,,,वैसे भी अपनों से क्या शर्माना ?”
काशी ये सब कह ही रही थी की शक्ति ने उस लेटर को फाड़ दिया
“ए ए ए ये क्या कर रहे हो ? इसे फाड़ा क्यों ?”,काशी ने उसे रोकने की कोशिश की लेकिन तब तक शक्ति उसे फाड् चुका था। उसने लेटर के चार टुकड़े किये और काशी के हाथ में रखते हुए कहा,”ये हमने नहीं लिखा है”
“हाँ,,,,,,,,,,,तुमने नहीं लिखा तो किसने लिखा ?”,काशी ने हैरानी से कहा
“हमे नहीं पता”,कहकर शक्ति आगे बढ़ गया
“ए सुनो,,,,,,,,,,,,,हमे पता है ये तुमने ही लिखा है , तुम झूठ बोल रहे हो ना ?”,काशी ने शक्ति के पीछे आते हुए कहा
“हम झूठ नहीं बोलते है , अगर हमे आपसे कुछ कहना होगा हम सीधा आकर बोल देंगे ऐसा कुछ नहीं करेंगे”,शक्ति ने कहा
“हां,,,,क्या सच में ?”,काशी ने मुस्कुराते हुए कहा
शक्ति को इस वक्त काशी एक छोटी पागल बच्ची लगी वह उसे छोड़कर आगे बढ़ गया। काशी भी उसके पीछे पीछे चल पड़ी। शक्ति को अहसास हुआ की काशी उसके पीछे आ रही है तो वो चलते चलते रुका और बिना पीछे मुड़े कहा,”आप हमारा पीछा क्यों कर रही है ?”
“क्या ? हम आपका पीछा कर रहे है क्या ?,,,,,,,,,,,,,,,,एक मिनिट”,कहते हुए काशी शक्ति से दो कदम आगे चली गयी और मुड़कर कहा,”चलिए अब हम आपके आगे हो गए”
“पागल लड़की”,शक्ति ने कहा और दूसरी तरफ चला गया। काशी कुछ न कुछ बोलते हुए आगे चली जा रही थी। कुछ देर बाद उसने पलटकर देखा तो शक्ति उस से बहुत दूर जा चुका था। वह वापस उसके पीछे आयी। शक्ति उस से कुछ दूरी पर ही था की एक गाड़ी तेजी से उधर से गुजरी , खिड़की से एक हाथ निकला और उसने शक्ति को मारने के लिए चाकू चलाया लेकिन सही मौके पर शक्ति साइड हो गया लेकिन उसके हाथ पर कट लग गया और खून बहने लगा। गाड़ी आगे निकल गयी। काशी ने देखा तो वह घबरा कर उसके पास आयी और उसका हाथ देखते हुए कहा,”तुम्हे तो बहुत गहरी चोट लगी है”
“हम ठीक है”,शक्ति ने काशी का हाथ झटकते हुए कहा
“ए,,,,तुम पागल हो क्या , कितना गहरा कट लगा है ,, मेरे साथ आओ”,कहते हुए काशी ने पुरे हक़ से शक्ति का हाथ पकड़ा और उसे लेकर संकरी गलियों की ओर चली आयी। एक खाली सी गली के सामने आकर उसने अपने गले से दुपट्टा निकाला और शक्ति के हाथ पर बांधते हुए कहा,”हम इसे बांध देते है ताकि तुम्हारा खून बहना बंद हो जाये। अब डॉक्टर के पास तो तुम जाओगे नहीं,,,,,,,,,,,लेकिन ऐसे जख्म को ना खुला नहीं छोड़ना चाहिए इंफेक्शन हो जाता है बाकि हम तो तुम्हे यही सलाह देंगे की सीधा डॉक्टर के पास जाओ और अपना इलाज करवाओ,,,,,,,,,,,,,तुम सुन रहे हो ना ?”
काशी की बक बक सुनकर शक्ति को चिढ सी हुई उसने अपना हाथ काशी के मुंह पर रखा और उसकी पीठ पीछे दिवार से लगाते हुए कहा,”अब अगर कुछ बोला ना तो हमेशा के लिए तुम्हारा मुंह बंद कर देंगे”
शक्ति को अपने इतना करीब पाकर काशी का दिल धड़कने लगा। काशी ने अपनी बड़ी बड़ी आँखों को और बड़ा कर लिया और शक्ति से अपना हाथ हटाने का इशारा किया। शक्ति ने हाथ हटाया और पीछे हट गया
“तूम तो बिल्कुल गुंडे जैसे बिहेव कर रहे हो”,काशी ने कहा
“हाँ क्योकि गुंडे ही है हम,,,,,,,,,,,,दूर रहो हमसे”,कहते हुए शक्ति जाने लगा तो काशी ने उसके सामने आकर कहा,”और अगर हम कहे की हम तुम्हे पसंद करने लगे है तब क्या कहोगे तुम ?”
“तो हम यही कहेंगे की तुम्हारी पसंद बहुत गलत है”,कहकर शक्ति वहा से चला गया
“लेकिन हमे ऐसा नहीं लगता हम आज शाम में घाट पर तुम्हारा इंतजार करेंगे और हमे यकीन है तुम जरूर आओगे”,काशी ने थोड़ी ऊँची आवाज में कहा। शक्ति ने सूना तो चलते चलते रुका और फिर वहा से चला गया। काशी के सामने आते ही उसे ना जाने क्यों बेचैनी सी होने लगती। शक्ति के जाने के बाद काशी भी वहा से चली गयी और घर चली आयी। मुन्ना को पता चला की काशी आयी हुई है तो वह उस से मिलने चला आया। शक्ति से मिलकर काशी बहुत खुश थी साथ ही लेटर वाली बात को लेकर थोड़ी परेशान भी की उसे किसने लिखा ?
हसंते खेलते काशी घर चली आयी उसे खाली हाथ देखकर सारिका ने कहा,”काशी तुम तो किताबे लेने गयी थी ना , फिर खाली हाथ क्यों चली आयी ?”
काशी को याद आया। यही बहाना बनाकर तो वह घर से बाहर निकली थी उसने झेंपते हुए कहा,”वो माँ हमे जो किताबे चाहिए थी वो मिली ही नहीं”
“अरे काशी तुम्हे किताबे चाहिए थी तो हमसे कहा होता”,मुन्ना ने कहा
“हां हां काशी ये चलता फिरता लायब्रेरी है अपने घर में”,वंश ने हँसते हुए कहा
मुन्ना ने वंश की ओर देखा और कहा,”हमारे पास जो किताबे है वो काशी के काम नहीं आएगी , हम उसे कॉलेज की लाइब्रेरी से किताबे दिलवा देते”,मुन्ना ने कहा
“अरे मुन्ना भैया कोई बात नहीं , कल परसो में हमारी दोस्त आएगी तो हम उनसे कह देंगे लाने को”,काशी ने मुन्ना के बगल में बैठते हुए कहा
“अच्छा काशी तुम यू अचानक चली आयी तुम्हारे एग्जाम्स हो गए क्या ?”,मुन्ना ने कहा
“नहीं मार्च में है , वो एक हफ्ते के लिए कॉलेज बंद है , फिर पापा ने कहा की आ जाओ तो हम आ गए”,काशी ने सामने रखे प्लेट से चिप्स उठाते हुए कहा
“ये अच्छा हुआ , मैंने आज शाम में मूवी की तीन टिकट्स बुक की है हम तीनो चलेंगे”,वंश ने अपने फोन में घुसे घुसे कहा
“कोई कही नहीं जाएगा , कल घर में बहुत सारा काम है इसलिए सब हमारी मदद करेंगे”,सारिका ने काशी की तरफ चाय का कप बढ़ाते हुए कहा
“क्यों माँ कल कोई आ रहा है क्या ?”,काशी ने खुश होकर कहा
“हाँ तुम्हे देखने लड़के वाले आ रहे है , बताया था ना तुम्हे सुबह”,सारिका ने दुसरा कप मुन्ना की तरफ बढ़ा दिया। काशी ने जैसे ही सूना उसके हाथ से चाय छलक कर दूसरे हाथ पर आ गिरी और उसके मुंह से आह निकल गयी। मुन्ना पास ही बैठा था उसने जल्दी से अपना कप रखा और काशी के हाथ से कप लेकर टेबल पर रखते हुए कहा,”बेटा ध्यान कहा है तुम्हारा चलो आओ हमारे साथ ?”
कहते हुए मुन्ना उठा और काशी को लेकर वाशबेसिन की तरफ चला आया उसने काशी का हाथ नल के नीचे कर दिया। ठंडा पानी हाथ पर गिरा तो उसे राहत मिली। मुन्ना ने वहा टंगा तौलिया लिया और काशी के हाथ को हल्के हाथ से पोछते हुए धीरे से कहा,”तुम्हे अगर अभी शादी नहीं करनी हो तो लड़के को रिजेक्ट कर देना।”
काशी के दिल की बात मुन्ना आसानी से समझ गया जानकर काशी हैरान थी उसने मुन्ना की तरफ देखा तो मुन्ना ने अपनी पलकें झपका कर कहा,”हम हमेशा तुम्हारे साथ है”
“कही तुम दोनों मिलकर मेरी चुगली तो नहीं कर रहे ?”,वंश ने कहा
मुन्ना काशी को लेकर वापस सोफे की तरफ आया और एक कुशन उठाकर वंश के सर पर मारते हुए कहा,”हम दोनों तुम्हारी तरफ फ्री नहीं है”
वंश और मुन्ना के बीच एक छोटी सी बहस शुरू हो गयी। काशी वही उनके साथ बैठी थी बाहर से वह खुद को नार्मल दिखाने की कोशिश कर रही थी लेकिन अंदर ही अंदर परेशान थी। आज ही तो वह शक्ति से मिली थी और आज ही उसे इतना बड़ा झटका लगा। उसे याद आया सुबह जल्दी निकलने के चक्कर में उसने ही हां कहा था और अब ना बोलकर वह घरवालों का दिल तोड़ना नहीं चाहती थी ,, हालाँकि मुन्ना के शब्दों ने उसे थोड़ी हिम्मत भी दी थी।
शिवम् वहा आया और वंश को किसी काम से अपने साथ लेकर चला गया। काशी को बाबा ने बुला लिया तो वह उनकी ओर चली गयी। मुन्ना ने देखा सारिका किचन में है उसके पास सारिका से बात करने का अच्छा मौका था वह उठा और सारिका के पास चला आया। सारिका बाबा के लिए जूस बना रही थी मुन्ना ने देखा तो सारिका के हाथ से चाकू और सेब लेकर कहा,”बड़ी माँ लाईये हम काट देते है”
“अरे वाह मुन्ना आज तुम्हे बड़ा प्यार आ रहा है अपनी बड़ी माँ पर”,सारिका ने कहा
“वो ऐसे ही,,,,,,,,,,,,लाईये दीजिये”,मुन्ना ने कहा और खुद सेब काटने लगा
“हम्म्म तो कहो क्या बात है ?”,सारिका ने कहा
“आपको कैसे पता चला हम आपसे कुछ कहने आये है ?”,मुन्ना ने सारिका की तरफ देखकर कहा
“माँ हूँ ना सब जानती हु,,,,,,,,,,,,अब बताओ क्या बात है ?”,सारिका ने कहा
मुन्ना ने चाकू साइड में रखा और किचन के प्लेटफॉर्म से पीठ लगाकर कहा,”बड़ी माँ आपको नहीं लगता काशी के लिए लड़का कुछ जल्दी देखा जा रहा है , हमारा मतलब अभी तो उसकी पढाई भी पूरी नहीं हुई है ऐसे में शादी,,,,,,,,,,,,,,,,,,अभी वो बच्ची है इतनी बड़ी जिम्मेदारी कैसे सम्हाल पायेगी ?”
सारिका ने मुन्ना को देखा और प्यार से कहने लगी,”मुन्ना एक बड़ा भाई होने के नाते तुम्हारा चिंता करना जायज है , हमे भी लगा की ये सब बहुत जल्दी हो रहा है लेकिन बाबा चाहते है की उनके जीते जी काशी की शादी हो जाये। शिवम् जी बाबा की बात कभी नहीं टालते,,,,,,,,,,,,,,,कल लड़के वाले सिर्फ काशी को देखने आ रहे है , अगर सब सही रहा तो शादी काशी की पढाई पूरी होने के बाद करेंगे।”
“लेकिन बड़ी माँ काशी से इस बारे में बात की आपने और बड़े पापा ने ? मतलब काशी की भी अपनी पसंद होगी उसे अपना हमसफ़र चुनने का हक़ होना चाहिए”,मुन्ना ने बातो को गोल गोल घुमाते हुए कहा
“तुम्हारी बात समझ गए मुन्ना अगर काशी को कोई पसंद होता तो वो सबसे पहले तुम्हे आकर बताती और फिर हमे लेकिन हमे नहीं लगता ऐसा कुछ है। इंदौर में भी हम उसके दोस्तों से मिले थे लेकिन ऐसा कोई नहीं था जिसे काशी पसंद करती हो। अगर ऐसा कुछ होता तो शिवम् जी ख़ुशी ख़ुशी मान जाते”, सारिका ने कहा
सारिका को कन्विंस करने के लिए मुन्ना के पास अब कुछ नहीं था इसलिए कहा,”अगर काशी को लड़का पसंद नहीं आया तो ?”
“मुन्ना काशी हमारी बेटी है कोई भेड़ बकरी नहीं , उसकी मर्जी के खिलाफ हम कुछ नहीं करेंगे। तुम ज्यादा मत सोचो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,सारिका ने कहा और वहा से चली गयी।

Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56

क्या शक्ति काशी से मिलने घाट पर आएगा ? कैसी होगी काशी की नए लड़के से मुलाकात ? क्या मुन्ना सम्हाल पायेगा इस नयी परेशानी को ? जानने के लिए सुनते रहिये मैं तेरी हीर

“माँ हूँ ना सब जानती हु,,,,,,,,,,,,अब बताओ क्या बात है ?”,सारिका ने कहा
मुन्ना ने चाकू साइड में रखा और किचन के प्लेटफॉर्म से पीठ लगाकर कहा,”बड़ी माँ आपको नहीं लगता काशी के लिए लड़का कुछ जल्दी देखा जा रहा है , हमारा मतलब अभी तो उसकी पढाई भी पूरी नहीं हुई है ऐसे में शादी,,,,,,,,,,,,,,,,,,अभी वो बच्ची है इतनी बड़ी जिम्मेदारी कैसे सम्हाल पायेगी ?”
सारिका ने मुन्ना को देखा और प्यार से कहने लगी,”मुन्ना एक बड़ा भाई होने के नाते तुम्हारा चिंता करना जायज है , हमे भी लगा की ये सब बहुत जल्दी हो रहा है लेकिन बाबा चाहते है की उनके जीते जी काशी की शादी हो जाये। शिवम् जी बाबा की बात कभी नहीं टालते,,,,,,,,,,,,,,,कल लड़के वाले सिर्फ काशी को देखने आ रहे है , अगर सब सही रहा तो शादी काशी की पढाई पूरी होने के बाद करेंगे।”
“लेकिन बड़ी माँ काशी से इस बारे में बात की आपने और बड़े पापा ने ? मतलब काशी की भी अपनी पसंद होगी उसे अपना हमसफ़र चुनने का हक़ होना चाहिए”,मुन्ना ने बातो को गोल गोल घुमाते हुए कहा
“तुम्हारी बात समझ गए मुन्ना अगर काशी को कोई पसंद होता तो वो सबसे पहले तुम्हे आकर बताती और फिर हमे लेकिन हमे नहीं लगता ऐसा कुछ है। इंदौर में भी हम उसके दोस्तों से मिले थे लेकिन ऐसा कोई नहीं था जिसे काशी पसंद करती हो। अगर ऐसा कुछ होता तो शिवम् जी ख़ुशी ख़ुशी मान जाते”, सारिका ने कहा
सारिका को कन्विंस करने के लिए मुन्ना के पास अब कुछ नहीं था इसलिए कहा,”अगर काशी को लड़का पसंद नहीं आया तो ?”
“मुन्ना काशी हमारी बेटी है कोई भेड़ बकरी नहीं , उसकी मर्जी के खिलाफ हम कुछ नहीं करेंगे। तुम ज्यादा मत सोचो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,सारिका ने कहा और वहा से चली गयी।

क्रमश – “मैं तेरी हीर” – 57

Read More – “मैं तेरी हीर” – 55

Follow Me On – facebook | instagram | youtube

संजना किरोड़ीवाल

Main Teri Heer

16 Comments

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!