मैं तेरी हीर – 7
Main Teri Heer – 7
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Main Teri Heer – 7
मुंबई , नवीन का घर
निशि सुबह अंगड़ाई लेते हुए उठी और आँखे मसलते हुए जैसे ही बाहर आयी देखा महिमा और नवीन दोनों ही हॉल में बैठे सुबह की चाय पी रहे है।
“गुड मॉर्निंग डेड , गुड मॉर्निंग मम्मा”,निशि ने आकर सिंगल सोफे पर बैठते हुए कहा
“गुड मॉर्निंग बेटा , उठ गयी तुम”,नवीन ने कहा
“हम्म्म,,,,,,,,,,,,,मम्मा क्या मुझे एक कप कॉफी मिलेगी ?”,निशि ने उबासी लेते हुए कहा
“हाँ बेटा मैं अभी बना देती हूँ , कॉफी के साथ कुछ और भी लेना चाहोगी ?”,महिमा ने अपनी चाय खत्म कर उठते हुए कहा
“नहीं बस कॉफी,,,,,,,!”,निशि ने कहा
नवीन ने देखा महिमा किचन में चली गयी है तो उसने निशि से कहा,”निशि कल रात तुम गेस्ट रूम में क्यों सो रही थी ?”
नवीन की बात सुनते ही निशि खामोश हो गयी वह कहे तो क्या कहे ? आखिर वह अपना कमरा छोड़कर गेस्ट रूम में क्या कर रही थी ? निशि को चुप देखकर नवीन ने पूछा,”निशि मैंने तुम से कुछ पूछा बेटा ? कल रात तुम गेस्ट रूम में सो रही थी ऐसा क्यों ?”
“अहह वो डेड एक्चुली वो मेरे कमरे का AC ख़राब हो गया था और नींद नहीं आ रही थी तो मैं नीचे चली आयी।”,निशि ने कहा
“अरे तो मुझे बताना था बेटा , या तुम हमारे कमरे में आ जाती,,,,,,,,,!!”,नवीन ने कहा
“डेड,,,,,,,,,,,मैं छोटी बच्ची नहीं हूँ , मुझे आपको और मम्मा को परेशान करना ठीक नहीं लगा।”,निशि ने कहा
“तुम कितनी भी बड़ी हो जाओ मेरे लिए तो तुम हमेशा मेरी छोटी सी प्यारी सी गुड़िया ही रहोगी। अच्छा मुझे तुम से कुछ पूछना था,,,,,,,,,!!”,नवीन ने कहा
“हाँ डेड,,,,,,!”,निशि ने कहा
“तुम जब से बनारस से लौटी हो कुछ बदली बदली नजर आ रही हो , क्या तुम्हारा वहा किसी से झगड़ा हुआ था ?”,नवीन ने सीधे सीधे सवाल किया
नवीन की बात सुनकर निशि की आँखों के सामने एकदम से वंश का चेहरा आ गया और उसी के साथ ही उसके चेहरे पर कड़वाहट के भाव आ गए जिन्हे देखकर नवीन ने कहा,”कही तुम्हारे और वंश के बीच फिर से झगड़ा तो नहीं हुआ न ?”
“ऐसा कुछ नहीं है डेड बनारस में सब अच्छा था , अंकल आंटी , वहा के लोग सब अच्छे है डेड,,,,,,,,,,,,और वंश से मेरा कोई झगड़ा नहीं हुआ है।”,निशि ने बात को टालने के लिये झूठ कह दिया
“वैसे कल रात ही मेरे पास वंश का फोन आया था,,,,,,,,,,!”,नवीन ने निशि का मन टटोलते हुए कहा
“किसलिए ? क्या उसने आप से कुछ कहा ?”,निशि ने एकदम से चौंककर कहा
“आराम से , उसने बस हाल चाल पूछने के लिए फोन किया था और वो कह रहा था कि वो तुम्हारी मॉम के हाथ से बनी कॉफी को बहुत मिस कर रहा है।”,नवीन ने कहा
“हुंह , नकचढ़ा , खड़ूस , अजीब,,,,,,,,,,,डेड को फोन कर सकता है लेकिन मुझे एक मैसेज नहीं कर सकता , अपने शहर में कितना प्यार दिखा रहा था और अब अब तो जैसे मैं उसे याद भी नहीं हूँ,,,,,,,,,,,,भाड़ में जाए वो,,,,,,,,,,,,,!!”,निशि ने मन ही मन कुढ़ते हुए कहा
नवीन ने उसके सामने चुटकी बजायी और कहा,”क्या हुआ है तुम्हे ? तुम थोड़ी अजीब हो गयी हो , मन ही मन में खुद से क्या बाते कर रही हो ?”
“निशि तुम्हारी कॉफी,,,,,,,!!”,निशि नवीन की बात का जवाब देती इस से पहले ही महिमा ने कॉफी का कप उसके सामने करते हुए कहा
“थैंक्यू मम्मा,,,,,,!”,निशि ने कॉफी ली और पीने लगी
नवीन ने महिमा के सामने कोई बात नहीं की क्योकि वह जानता था महिमा बहुत सॉफ्ट हार्टेड है अगर उसे पता चला उसकी बेटी परेशान है तो वह खुद परेशान हो जाएगी
निशि अपनी कॉफी पी रही थी तब तक नवीन उठा और कमरे में जाकर कुछ ही देर में वापस आया और निशि को उठाते हुए कहा,”चलो उठो , एक ड्राइव पर चलते है।”
“पर डेड मेरी कॉफी,,,,,,,!!”,निशि ने उठकर घूंठ भरते हुए कहा
“ये बाद में आकर पी लेना अब चलो,,,,,,,,,,!!”,नवीन ने निशि के हाथ से कप लेकर नीचे रखते हुए कहा और उसे वहा से ले गया
“लेकिन डेड इन कपड़ो में,,,,,,,!!”,निशि ने साथ जाते हुए कहा
“इन कपड़ो में भी तुम बहुत प्यारी लग रही हो,,,,,,,,!!”,कहते हुए नवीन उसे घर से बाहर ले गया।
अपने पापा को इतनी मेहनत करते देखकर निशि मुस्कुरा उठी और उनके साथ गाड़ी की तरफ बढ़ गयी।
इंदौर , अधिराज जी का घर
काशी सुबह जल्दी उठ गयी। वह कमरे से बाहर आयी देखा अधिराज जी और अम्बिका भी उठ चुके थे। अधिराज जी सुबह का अख़बार पढ़ रहे थे और अम्बिका उनके लिए किचन में चाय बना रही थी। काशी ने टेबल पर रखे जग से ग्लास में पानी लिया और पीने लगी। पानी पीते हुए वह घर को देखने लगी ये वही घर था जहा काशी ने कितने ही साल बिताये थे और कुछ साल बाद वह हमेशा हमेशा के लिए इस घर को छोड़कर जाने वाली थी।
शक्ति का ख्याल आते ही काशी मुस्कुरा उठी। काशी को यु अकेले ही मुस्कुराते देखकर अम्बिका ने अधिराज जी को इशारा किया तो अधिराज जी ने कहा,”काशी !”
“जी नानाजी,,,,,,,,!!”,अधिराज जी की आवाज से काशी की तंद्रा टूटी और वह उनकी तरफ चली आयी
“नींद ठीक से आयी ना बेटा ?”,अधिराज जी ने प्यार से पूछा
“हाँ नानाजी लेकिन आप ऐसा क्यों पूछ रहे है , मैं क्या पहली बार इस घर में आयी हूँ।”,काशी ने उनके सामने बैठते हुए कहा
“पहली बार नहीं लेकिन बनारस से वापस आने के बाद अब तुम्हारी जिंदगी बदलने वाली है , फिर तुम हमेशा के लिए हमे और अपनी नानी को छोड़कर चली जाओगी।”,अधिराज जी ने कहा
“बिल्कुल नहीं मैं तो आप दोनों को छोड़कर कही नहीं जाउंगी भले ही शक्ति को इस घर में घर जमाई बनकर आना पड़े।”,काशी ने कहा
“धत पगली ! बेटियों को तो एक दिन ससुराल जाना ही पड़ता है।”,अम्बिका जी ने आकर काशी को चाय का कप देते हुए कहा
“हम्म्म लेकिन मेरा ससुराल तो इंदौर में ही होगा तो मैं जब भी मन करेगा आप लोगो से मिलने आ जाउंगी,,,,,,,,!”,काशी ने कहा
अधिराज जी प्यार से बस काशी को देख रहे थे। हंसती मुस्कुराती काशी में उन्हें सारिका जो नजर आ रही थी। वही सारिका जिस से ना जाने कितने ही साल अधिराज जी दूर रहे और कभी उसे पिता का प्यार नहीं दे पाए।
चाय पीकर काशी उठी और अपने कमरे में चली आयी। कमरे में आकर उसने अपना लेपटॉप खोला और उस पर अपनी आगे की पढाई को लेकर जानकारी जुटाने लगी। काशी को होटल मैनेजमेंट में जाना था और वह उसी से जुडी जानकारी जुटाने लगी। कुछ देर बाद ही काशी के फोन पर मैसेज आया। काशी ने हाथ में पकड़ा पेन मुँह में दबाया और फोन देखा मैसेज शक्ति का था।
काशी शक्ति का भेजा गुड मॉर्निंग मैसेज देखकर मुस्कुरा उठी। उसने जवाब में कोई मैसेज नहीं भेजा बल्कि सीधा ही शक्ति को फोन लगा दिया। कुछ देर रिंग जाने के बाद शक्ति ने फोन उठाया तो काशी ने कहा,”गुड मॉर्निंग !”
“गुड मॉर्निंग,,,,,,!”,शक्ति ने कहा और इसी के साथ उसके होंठो पर मुस्कराहट तैर गयी क्योकि सुबह सुबह ही उसे काशी की आवाज सुनने को जो मिल गयी थी।
“क्या कर रही हो ?”,शक्ति ने पूछा
“हम अपने होटल मैनेजमेंट कोर्स की जानकारी कलेक्ट कर रहे थे , हमारी सगाई तो हो चुकी अब हमे अपने करियर पर भी तो ध्यान देना चाहिए ना।”,काशी ने कमरे में यहाँ वहा घूमते हुए कहा
“बहुत खूब , तुम्हे अपने सपनो के लिये हमेशा मेहनत करनी चाहिए। हमारी कोई मदद चाहिए तो तुम हम से बेझिझक कह सकती हो। “,शक्ति ने कहा
“बहुत बहुत शुक्रिया वैसे तुम अब तक हम से मिलने क्यों नहीं आये ?”,काशी ने शिकायती लहजे में कहा
“वो हम काम में थोड़ा उलझे हुए थे आना चाहते थे लेकिन आ नहीं पाए , और देखो अभी भी हमे किसी बहुत जरुरी काम से बाहर जाना है।”,शक्ति ने कहा
शक्ति से बात करते हुए काशी कमरे से बाहर आयी और कहा,”हाँ ये सही है बनारस से आने के बाद तुम बदल गए हो शक्ति , क्या हम से भी जरुरी कुछ है तुम्हारी जिंदगी में,,,,,,,,,, ?”
“नही तुम जरुरी हो पर काम भी तो करना पडेगा न काशी , अच्छा ये बताओ तुम्हारे नाना नानी कैसे है ? तुम उन्हें ज्यादा तंग तो नहीं करती ना ?”,शक्ति ने काशी को छेड़ते हुए पूछा
“हमारे नानू नानी अब तुम्हारे भी कुछ लगते है और हम उन्हें पहले भी तंग नहीं करते थे तो अब क्यों करेंगे ?”,काशी ने चिढ़ते हुए कहा
“गुस्से में अच्छी लग रही हो , काश हम तुम्हे ऐसे गुस्सा करते देख पाते,,,,,,,,,,,,,!!”,शक्ति ने कहा
“तो आ जाओ,,,,,,,,,,,,,,पर रहने दो तुम नहीं आओगे हमे पता है।”,काशी ने मायूस होकर कहा
काशी शक्ति से बात कर ही रही थी कि तभी डोरबेल बजी और काशी ने कहा,”इस वक्त कौन आया होगा ?”
काशी दरवाजे की तरफ ना जाकर वापस पलट गयी और शक्ति से दुनिया जहा की शिकायते करने लगी अगले ही पल डोर बेल फिर बजी और बजते ही गयी। काशी ने देखा दरवाजा खोलने के लिये वहा कोई ओर नहीं था तो वह शक्ति से बात करते हुए दरवाजे की तरफ आयी और जैसे ही दरवाजा खोला सामने खड़े शक्ति को देखकर उसका मुँह खुला का खुला रह गया। सफ़ेद रंग की शर्ट और ग्रे फॉर्मल पेंट में शक्ति बहुत ही प्यारा लग रहा था।
काशी को उम्मीद भी नहीं थी कि शक्ति इतनी सुबह सुबह इस तरह उस से मिलने चला आएगा। काशी को हैरान परेशान देखकर शक्ति ने अपना हाथ उसके सामने हिलाया और कहा,”हेलो , अंदर भी आने दोगी या यही से वापस भेजने का इरादा है।”
शक्ति की आवाज से काशी की तंद्रा टूटी वह ख़ुशी से आगे बढ़ी और शक्ति को मारते हुए कहा,”तुम बहुत बुरे हो , हमे सताने में तुम्ही क्या मजा आता है ?”
“अच्छा अच्छा सॉरी , हम बस तुम्हारा रिएक्शन देखना चाहते थे।”,शक्ति ने काशी के हाथो को पकड़कर उसे रोकते हुए कहा और फिर उसके चेहरे को अपने हाथो में लेकर कहा,”माफ़ करना हमने आने में थोड़ी देर की।”
“ठीक है हमने तुम्हे माफ़ किया , अब अंदर आओ नानू नानी तुम्हे देखेंगे तो बहुत खुश होंगे।”,कहते हुए काशी ने शक्ति की कलाई थामी और उसे लेकर अंदर चली आयी।
अधिराज जी और अम्बिका ने जब शक्ति को देखा तो दोनों ख़ुशी से फुले नहीं समाये।
शक्ति ने आकर अम्बिका और अधिराज जी के पैर छुए और फिर अधिराज जी के साथ बैठकर उनसे बाते करने लगा। शक्ति पहली बार घर आया था इसलिए काशी किचन ने अम्बिका के साथ मिलकर नाश्ता बनाने में उनकी मदद करने लगी। चाय नाश्ते के बाद शक्ति ने अधिराज जी से कहा,”हमे आपकी इजाजत चाहिए।”
“हाँ बेटा जी कहिये क्या बात है ?”,अधिराज जी ने कहा
“वो दरअसल हम काशी को लेकर थोड़ी देर के लिए बाहर जाना चाहते है , अगर आपकी इजाजत हो तो हम उसे लेकर जाये ?”,शक्ति ने कहा
“कैसी बातें कर रहे हो बेटा ? काशी और आपका रिश्ता तय हो चुका है हम से ज्यादा अब आपक हक़ बनता है उस पर इस में हम से क्या पूछना ?”,अधिराज जी ने कहा तो शक्ति घुटनो के बल उनके सामने बैठा और उनके झुर्रियों भरे हाथो को अपने मजबूत हाथो में लेकर कहा,”नहीं नानाजी , माँ बाप का अपने बच्चो पर हमेशा अधिकार होता है और जब तक काशी विदा होकर हमारे घर नहीं आ जाती तब तक उस पर आपका पूरा अधिकार है ,
आपकी इजाजत के बिना हम उसे लेकर नहीं जा सकते हमारा काशी से रिश्ता हुआ है सौदा नही,,,,,,,,,,,,”
शक्ति की इन बातों ने अधिराज जी के मन को छू लिया उनकी आँखों में नमी तैर गयी। सामने बैठे शक्ति में उन्हें नौजवान शिवम् नजर आ रहा था। अम्बिका जी भी नम आँखों के साथ मुस्कुराये बिना न रह सकी देखकर काशी ने उन्हें साइड हग कर लिया और मन ही मन शक्ति की बातो पर खुश हुए बिना न रह सकी।
शक्ति के रूप में एक बहुत ही समझदार और सुलझा हुआ जीवन साथ उसे मिलने जो जा रहा था।
अधिराज जी और अम्बिका ने ख़ुशी ख़ुशी शक्ति और काशी को बाहर जाने की इजाजत दे दी।
बनारस , मुरारी का घर
मुन्ना हमेशा की तरह जल्दी उठ गया और नहा धोकर नीचे चला आया। नीचे आकर उसने देखा अनु घर में नहीं है उसने अनु को आवाज लगाईं,”माँ , माँ,,,,,,,,,,,!!”
“मुन्ना बाबा , भाभी मंदिर गयी है उन्होंने कहा उन्हें आने में थोड़ा टाइम लग जाएगा , आपको कुछ चाहिए था ?”,किशना बाहर से अपना काम छोड़कर आया और कहा
“नहीं किशना भैया हम खुद ले लेंगे।”,मुन्ना ने कहा और किचन की तरफ चला आया
किचन में आकर मुन्ना ने अपने लिए चाय चढाई और साथ में सेंडविच बनाने लगा। मुन्ना जिसे नार्मल खाना बनाना भी आता था कभी कभार अपने लिये खाना बना लिया करता था और ये गुण भी उसमे अनु की वजह से ही आया था जब बचपन में वह अपनी माँ को खाना बनाते हुए देखता था।
मुरारी अंगड़ाई लेते हुए अपने कमरे से बाहर आया और अनु को आवाज दी,”मिश्राइन , ओह्ह मिश्राइन , अरे यार मतलब कमाल है ना हमे सुबह की चाय दी ना नाश्ता दिया और घर से गायब हो गयी,,,,,,,,,,,अरे मैग्गी , अरे कहा हो भई कब से आवाज दे रहे है तुम्हे,,,,,,,,,,!!”
मुन्ना किचन में था इसलिये उसे सूना नहीं और इस बार भी किशना ने ही आकर जवाब दिया,”मुरारी भैया भाभी मंदिर गयी है,,,,,,,,,आने में थोड़ा टाइम लग जाएगा , आपके लिये चाय हम बना देते है।”
“उह्ह तो ठीक है पर अनु बाहर गयी है तो जे किचन में कौन है ?”,मुरारी ने कहा
“मुन्ना बाबा होंगे शायद,,,,,,,,,,,!!”,किशना ने कहा तो मुरारी किचन की तरफ ही चला आया
मुन्ना को किचन में काम करते देखकर मुरारी ने कहा,”का बात है मुन्ना अभी से आने वाली दुल्हनिया के लिये रसोई का काम सीख रहे हो , हमको लगा हमारा बेटा बड़ा होकर हमरी कुर्सी सम्हालेगा पर हिया तो कुछो और ही पिरोगराम फिक्स है,,,,,,,,,,,,,,वैसे का बना का रहे हो ?”
मुरारी की बाते सुनकर मुन्ना थोड़ा झेंप गया लेकिन खुद को सामान्य दिखाते हुए कहा,”हम अपने लिये चाय बना रहे है , आप पिएंगे ?”
“जरूर पिएंगे काहे नहीं पिएंगे ? वैसे भी कल रात से ना हमरे सर में बहुते जोर का सर दर्द हो रहा है , एक काम करो एक कप हमे भी पिला ही दो , जब तक चाय बनती है हम ज़रा बाहर टहल कर आते है।”,कहते हुए मुरारी वहा से चला गया
मुन्ना ने चैन की साँस ली और ध्यान अपनी सेंडविच पर जमा लिया।
मुन्ना चैन से काम कर पाए ये भला कैसे हो सकता था ? अभी कुछ ही वक्त गुजरा कि उसका फोन बजा मुन्ना ने फोन देखा स्क्रीन पर गौरी का नाम देखकर मुन्ना ने फोन उठाया और फोन को अपने कान और कंधे के बीच रखकर अपना काम जारी रखते हुए कहा,”हेलो !”
“अह्ह्ह्हहम गुड मॉर्निंग,,,,,,,!”,दूसरी तरफ गौरी ने नींद से ऊंघते हुए कहा
“तुम अभी तक सो रही हो ?”,मुन्ना ने सवाल किया
“उम्म्म्म तुमने मुझे सोने ही कहा दिया,,,,,,,,,,रातभर तुम मेरे सपनो में थे और बताऊ तुमने क्या क्या किया,,,,,,,,!!”,गौरी ने सुबह सुबह रोमांटिक होते हुए कहा जिसे सुनकर मुन्ना खांसने लगा और कहा,”शट अप , सुबह सुबह ऐसी बातें करते हुए तुम्हे शर्म नहीं आती,,,,,,,!”
“आती है पर तुम इतने क्यूट हो ना कि तुम्हारे सामने शर्म भी शरमा जाती है,,,,,,,,!”,गौरी ने कहा
“हम और क्यूट ? हमे लगता है गौरी शर्मा तुमने हमे ठीक से कभी देखा नहीं,,,,,,,!”,मुन्ना ने कप में चाय छानते हुए कहा
“हाँ देखा है बहुत करीब से देखा है और ये क्या गौरी शर्मा गौरी शर्मा लगा रखा है ? तुम मुझे बेबी , शोना , जानू भी तो कह कर बुला सकते हो।”,गौरी ने झूठ मुठ का गुस्सा करते हुए कहा
“ये सब हम से नहीं होगा,,,,,,,,हम तुम्हे गौरी ही बुलाएँगे।”,मुन्ना ने कहा
“वो क्यों ?”,गौरी ने कहा
“क्योकि हमे ये नाम बहुत पसंद है और हमारे महादेव को भी,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा
गौरी ने सूना तो खुश हो गयी और मुन्ना को एक किस देते हुए कहा,”मुहहहहहा बस इसलिए तुम क्यूट हो , तुम कभी कभी ऐसी बाते बोल जाते हो न क्या बताऊ”
“बस करो हमे शरम आ रही है।”,मुन्ना ने कहा
“वैसे तुम क्या कर रहे हो ?”,गौरी ने सवाल किया
“अपने लिए नाश्ता बना रहे है।”,मुन्ना ने कहा
“वाओ क्या तुम्हे खाना बनाना भी आता है , वैसे तुम खुद क्यों बना रहे हो किशना भैया और आंटी कहा गए ?”,गौरी ने बिस्तर पर पलटते हुए कहा
“किशना भैया दूसरे काम में बिजी है और माँ मंदिर गयी है , हमे भूख लगी थी तो सोचा खुद ही बना ले। वैसे भी हमे अपने काम खुद करने की आदत है।”,मुन्ना ने सेंडविच प्लेट में रखते हुए कहा
“सो स्वीट बट डोंट वरी जब हमारी शादी हो जाएगी तब मैं तुम्हारे लिए खाना बना दिया करुँगी,,,,,,,,,!”,गौरी ने कहा
“तुम्हे खाना बनाना आता है ? सीरियसली ?”,मुन्ना ने पूछा
“ओह्ह्ह हेलो पुरे इंदौर में मुझसे अच्छा खाना कोई नहीं बनाता , मैं बहुत अच्छी कुकिंग करती हूँ लोग उंगलिया चाटते रह जाते है।”,गौरी ने अपनी तारीफ में बड़ा सा झूठ कहा जिसे सुनकर मुन्ना भी हैरान हुए बिना ना रह सका
“ये सुबह सुबह इतनी बड़ी बड़ी डींगे किस के सामने हाँक रही हो तुम ?”,नंदिता ने कमरे में आकर कहा
“तुम्हारी मॉम है क्या ? हमारी बात करवाओ उन से,,,,,,,,,,!”,मुन्ना ने कहा लेकिन गौरी ने नंदिता को फोन ना देकर उन्हें जैसे ही आगे बोलने से रुकने का इशारा किया
नंदिता बिफर पड़ी,”एक कप चाय तो तुम्हे ठीक से बनानी नहीं आती , चाय छोडो तुम्हे तो पानी उबालने के लिए भी किसी की हेल्प की जरूरत पड़ेगी। कल शाम से तुम्हारे गंदे कपडे बाथरूम में पड़े है , और ये कमरा इसे तुमने पूरा कबाड़खाना बना रखा है , कल शाम के गंदे बर्तन भी यही रखे है , सुबह से 2 बार मैं तुम्हे चाय दे चुकी हूँ लेकिन उठकर उसे पीने में भी तुम्हे आलस आ रहा है। मुझे समझ नहीं आता आखिर तुम कब सुधरोगी ?’
नंदिता की बात सुनकर गौरी ने रोने जैसी शक्ल बना ली और उधर मुन्ना का हंस हंस कर बुरा हाल था क्योकि गौरी का झूठ पकड़ा गया था इसलिए उसने हँसते हुए कहा,”गुड मॉर्निंग गौरी शर्मा।”
“हाँ गुड मॉर्निंग,,,,,,,,,,!”,कहकर गौरी ने फोन काट दिया
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संजना किरोड़ीवाल
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Bhut hi khoobsurat part tha ma’am
Wow mam aaj ka part bahut Acha tha aur shakti ke words ne hamara bhi dil chul liya aur munna ke saath hame bhi hasi aayi 😂😂kitna bada jhuth bola aur uski mummy ne kya bhanda foda
Yeh mummy ji sabki ek jaisi hoti hai…pol khol deti hai…. jaise Nadita ne Gauri ki pol khol dee Munna k saamne…waise Gauri ki yeh cuteness khatam na ho
🤣🤣🤣🤣🤣 gauri sharma …..
Nandita ji me Gauri ki pol khol di jisse sunkar Munna apni hassi nahi rokh pa raha hai☺☺,Kashi aur Shakthi me Adhiraj ji ko unhe Sarika aur Shivam najar arahe hai aur voh bahut kush hai ki Kashi ko itna accha jeevan sathi mila jankar…Nishi ko jab Naveen me bataya ki Vansh ne unhe ph kiya toh usse gussa aya ki voh usse bi toh ph kar sakta tha..nice part Maam♥♥
Bechari gauri ka popat ho gya 😁😁😁😁😄😄😄😄😄😄