Sanjana Kirodiwal

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मैं तेरी हीर – 20

Main Teri Heer – 20

Main Teri Heer – 20

इंदौर , कॉलेज
प्रिंसिपल मैडम के कमरे में बैठा शक्ति ख़ामोशी से प्रिंसिपल मैडम को देख रहा था। प्रिंसिपल मैडम कुछ देर शांत रही और फिर कहा,”ठीक है हमारा कॉलेज कॉ-ऑपरेट करने के लिए तैयार है लेकिन ध्यान रहे इस से कॉलेज की रेपुटेशन पर कोई आंच ना आने पाए।”
“स्योर मैडम हम इस बात का पूरा ध्यान रखेंगे।”,शक्ति ने विश्वास से भरकर कहा


“ये कार्ड हमारे ही कॉलेज के स्टूडेंट का है , मैं मैनेजमेंट से कहकर आपको इसकी डिटेल्स दिलवा देती हूँ।”,प्रिंसिपल मेम ने कहा और मैनेजमेंट को फोन करके अपने केबिन में आने को कहा
“थैंक्यू सो मच मेम।”,शक्ति ने कहा
“थैंक्यू तो मुझे आपसे कहना चाहिए , ऐसे स्टूडेंट्स हमारे कॉलेज के लिए किसी खतरे से कम नहीं।”,प्रिंसिपल मेम ने कहा


मैनेजमेंट से एक लड़का आया , प्रिंसिपल मेम ने उसे आई डी कार्ड दिया और उसकी डिटेल्स लाने को कहा। लड़का चला गया। प्रिंसिपल मेम ने शक्ति और अपने लिए कॉफी मंगवाई और दोनों बाते करने लगे।
कॉफी खत्म होने के साथ ही लड़का आई डी कार्ड की डिटेल्स ले आया और लाकर टेबल पर रख दी। प्रिंसिपल मेम ने डिटेल्स देखी और कहा,”विश्वास गर्ग , आई कांट बिलीव दिस , ये तो पिछले साल ही हमारे कॉलेज से पास आउट हुआ है।”


“क्या आप इसे जानती है ?”,शक्ति ने पूछा
“ऑफ़कोर्स ! ये हमारे कॉलेज का सबसे ब्रिलियंट स्टूडेंट रहा है और लास्ट ईयर भी इसने कॉलेज में टॉप किया है लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा ये आप पर गोली,,,,,,,,,,,,,,,,मुझे लगता है आपको कोई गलत फहमी हुई है विश्वास ऐसा नहीं कर सकता। वो इस कॉलेज का सबसे होनहार स्टूडेंट है।”,प्रिंसिपल मेम ने कहा


“थैंक्यू मेम बट ये तो विश्वास ही बताएगा कि उसने ऐसा क्यों किया ? क्या हमे उसका एड्रेस और एक तस्वीर मिल सकती है।”,शक्ति ने कहा
“इसमें उसकी सारी डिटेल्स है और तस्वीर आपको कॉलेज के बोर्ड पर मिल जाएगी , लेकिन मैं आपसे फिर कहूँगी विश्वास ऐसा लड़का नहीं है कॉलेज में उसका रिकॉर्ड बहुत अच्छा रहा है।”


“मेम , हम एक पुलिस अफसर है इंसान को देखकर बता सकते है कि उसने ये गुनाह किया है या नहीं , डोंट वरी अगर विश्वास बेकसूर है तो पुलिस उसे कुछ नहीं करेगी।”,शक्ति ने प्रिंसिपल मेम को भरोसा दिलाते हुए कहा
“थैंक्यू !”,प्रिंसिपल मेम ने कहा और शक्ति वहा से बाहर चला आया
कमरे से बाहर आकर शक्ति खुद में ही बड़बड़ाया,”इस मसले को हमे अकेले ही सुलझाना होगा , हम इस में पुलिस डिपार्टमेंट को इन्वॉल्व नहीं कर सकते,,,,,,,,,

उस दिन जब गोली चली तब काशी हमारे साथ थी हो सकता है सब काशी और हम से जुड़ा हो ,, काशी भी इस साल इसी कॉलेज से पास आउट हुई है और विश्वास भी इसी कॉलेज में था तो क्या उन दोनों का कोई कनेक्शन हो सकता है ? हमे इसका पता लगाना होगा लेकिन उस से पहले हमे विश्वास के बारे में जानना होगा।”
शक्ति वहा से जीप के पास आया और कॉन्स्टेबल से पुलिस स्टेशन जाने को कहा। कॉन्स्टेबल ऑटो लेकर वहा से चला गया।


कॉन्स्टेबल को भेजकर शक्ति कॉरिडोर की तरफ आया। उसने दिवार पर लगे बोर्ड पर स्टूडेंट्स की तस्वीरें देखी जिनमे एक तस्वीर विश्वास की भी थी। शक्ति ने जेब से अपना फोन निकाला और विश्वास की एक तस्वीर क्लिक करके फोन को अपने हाथ में घुमाते हुए सोचने लगा,”इस लड़के को हमने पहले भी कही देखा है लेकिन हमे याद नहीं आ रहा कहा देखा है।”


शक्ति कुछ देर कॉलेज में घूमता रहा , वह कुछ टीचर्स से भी मिला और विश्वास के बारे में बात की लेकिन हर किसी ने विश्वास की बस तारीफ ही की। शक्ति अब यहाँ उलझने लगा , अगर विश्वास इतना अच्छा स्टूडेंट था तो फिर उसने गोली चलाने जैसा काम क्यों किया ? शक्ति ने घडी में टाइम देखा उसे किसी जरुरी काम से बाहर जाना था इसलिए वह अपनी जीप के पास आया और जैसे ही अंदर बैठने लगा एक लड़की उसके पास आयी और कहा,”हेलो सर !”


“हेलो”,शक्ति ने लड़की के सामने आकर कहा
“अह्ह्ह्ह सर आप विश्वास के बारे में क्यों पूछ रहे थे ? क्या उसने कुछ किया है ?”,लड़की ने घबराये हुए स्वर में पूछा
“तुम कौन हो ?”,शक्ति ने एक पुलिसवाले की तरह सीधा सवाल किया


“मैं उसकी दोस्त हूँ सर , विश्वास बहुत अच्छा लड़का है सर , कॉलेज में कभी उसकी कोई कंप्लेंट नहीं आयी सर वो तो आखरी साल में बस उस लड़की की वजह से उसका पहली बार झगड़ा हुआ था , उसके बाद तो उसने कॉलेज ही छोड़ दिया।”,लड़की ने दुखी स्वर में कहा
“कौन लड़की और कैसा झगड़ा ?”,शक्ति ने अपनी पूछा


“विश्वास के क्लास में ही थी सर , अह्ह्ह मुझे उसका नाम तो नहीं पता पर हां सब कहते थे कि विश्वास उसे बहुत लाईक करता था और एक बार किसी ने उस लड़की के बारे में कुछ गलत बोल दिया तो विश्वास और उसके बीच बहुत बुरा झगड़ा हुआ था उसके कुछ महीने बाद विश्वास ने कॉलेज छोड़ दिया। अभी वो कहा है किसी को नहीं पता सर,,,,,,,,,,,!!”,लड़की ने मायूस होकर कहा


“वो कहा है हमे पता है , थैंक्स फॉर दिस इन्फॉर्मेशन”,शक्ति ने कहा और जीप में आ बैठा शक्ति ने जीप स्टार्ट की और जैसे ही जाने लगा लड़की ने कहा,”सर मुझे पूरा यकीन है विश्वास ने कुछ गलत नहीं किया।”
“हम्म्म !”,शक्ति ने कहा और वहा से चला गया और लड़की वही खड़ी जीप को जाते हुए देखते रही। कुछ देर बाद एक लड़का आया और कहा,”हे सुमन तुम क्लास में क्यों नहीं गयी ?”
“विश्वास के बारे में पूछताछ करने पुलिस आयी थी।”,सुमन ने कहा


“व्हाट ? क्या विश्वास ने कुछ गलत किया है ?”,लड़के ने हैरानी से पूछा
“पता नहीं पर मुझे बहुत डर लग रहा है कही उस लड़की के चक्कर में विश्वास को पुलिसवाले गलत ना समझ ले”,सुमन ने चिंता जताते हुए कहा
“तुम काशी गुप्ता की बात कर रही हो क्या ?”,लड़के ने कहा जो कि काशी का जूनियर रह चुका था
“हाँ वही लड़की जिस के पीछे कॉलेज में इतना बड़ा झगड़ा हुआ था।”,सुमन ने गुस्से से कहा और वहा से चली गयी

बनारस , मुरारी का घर
गौरी की मम्मी से बात करते हुए मुन्ना घर के लॉन में चला जा रहा था कि तभी सामने से आते किसी शख्स से टकरा गया और मुन्ना का फोन हाथ से छुटकर नीचे जा गिरा। मुन्ना ने नीचे गिरे अपने फोन को उठाया और जैसे ही कुछ बोलने के लिए सामने देखा शब्द उसके गले में ही अटक गए। उसके सामने उर्वशी खड़ी थी। सुबह सुबह उर्वशी को अपने घर में देखकर मुन्ना हैरान हुए बिना ना रह सका।

वह कुछ बोल पाता इस से पहले ही उर्वशी ने कहा,”तुम यहाँ ? अह्ह्ह तो क्या तुम यहाँ रहते हो ?”
“आप हमारा पीछा कर रही है ?”,मुन्ना ने सवाल किया
“हाहाहा नहीं मैं तुम्हारा पीछा क्यों करुँगी बल्कि मैं तो इस बात में विश्वास करती हूँ कि लोग मेरा पीछा करे।”,उर्वशी ने मुन्ना को देखते हुए कहा


ना जाने क्यों उर्वशी का इस तरह से देखना मुन्ना को असहज कर देता था। उसके पास उर्वशी की बकवास बातो का कोई जवाब नहीं था इसलिए उसने कहा,”माफ़ कीजियेगा हमने आपको देखा नहीं था।”
“जानती हूँ।”,उर्वशी की नजरे अभी भी मुन्ना को ही घूर रही थी मुन्ना ने एक नजर उर्वशी को देखा। उर्वशी की आँखों में उसे कुछ पाने की चाह साफ दिखाई दे रही थी। दोनों ख़ामोशी से एक दूसरे को देखते रहे तभी मुरारी वहा आ पहुंचा। उर्वशी को अपने घर में देखकर मुरारी भी थोड़ा हैरान था कि तभी उसका फोन बजा।

फोन किसी पुराने मंत्री मित्र का था मुरारी को उसने फोन पर कुछ कहा और मुरारी ने हामी भरकर फोन काट दिया। मुरारी ने फ़ोन जेब में रखा और उन दोनों की तरफ आते हुए कहा,”ए मुन्ना ! रास्ता रोक के काहे खड़े हो ? जे हमारी मेहमान है आने दो इनको घर मा”
मुन्ना ने सूना तो उसने पलटकर मुरारी को देखा , मुरारी उन्ही के पास आ रहा था।


उर्वशी ने मुरारी को वहा देखा तो हैरान होने की बारी उसकी थी। मुरारी उसके सामने आकर खड़ा हुआ तो उर्वशी ने कहा,”नमस्ते ! आपसे फिर मुलाकात होगी वो भी इस तरह , सोचा नहीं था।”
“नमस्ते ! चौहान जी का फोन आया था हमरे पास बताया उन्होंने की आप आ रही है। पहले बता दिया होता आप उनके जान पहिचान वाले है तो अब तक तो आपका काम हो भी जाता।”,मुरारी ने कहा


“पहले बता देती तो आपके घर आने का मौका नहीं मिलता,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए उर्वशी ने मुन्ना की तरफ देखा तो मुन्ना दूसरी तरफ देखने लगा
उर्वशी को मुन्ना की ओर देखते पाकर मुरारी ने कहा,”जे मुन्ना है , हमारा बेटा।”
मुन्ना मुरारी का बेटा है ये जानकर उर्वशी को झटका सा लगा। बनारस में अब तक उसे दो ही मर्द पसंद आये थे और वो दोनों बाप बेटे थे जानकर ही उर्वशी उलझन में पड़ गयी।


“मुन्ना ! नमस्ते करो इन्हे,,,,,,,,,!”,मुरारी ने मुन्ना से कहा
मुन्ना जिसे उर्वशी पहली मुलाकात से ही पसंद नहीं थी उसने उसे देखकर बहुत ही उखड़े स्वर में कहा,”मेहमान जे आपकी है हमारी नहीं।”
मुरारी कुछ कहता इस से पहले ही मुन्ना इतना कहकर वहा से चला गया। उर्वशी को मुन्ना का ये रखा व्यवहार पसंद नहीं आया लेकिन उसने अपने मन का हाल अपने चेहरे पर नहीं आने दिया


“जे का बदतमीजी,,,,,,,,,,,,,,,,,,मुन्ना , मुन्ना”,मुरारी ने कहा लेकिन मुन्ना ने नहीं सूना और वहा से चला गया
उर्वशी ने मुरारी की बांह पर अपना हाथ रखकर उसे रोकते हुए कहा,”जाने दीजिये ना , वैसे भी मैं यहाँ आपसे मिलने आयी हूँ।”
उर्वशी की छुअन से मुरारी को एक झुरझुरी सी हुई लेकिन उसने अपने जज्बातो को काबू में रखा और कहा,”आईये बैठकर बात करते है।”


उर्वशी वही लॉन में पड़ी कुर्सियों की तरफ बढ़ गयी। मुरारी भी उसके साथ चला आया और लॉन में पानी देते हुए किशना से कहा,”ए किशना ! जरा भाभी से कही के चाय नाश्ता भिजवाओ।”
“जी भैया !”,किशना ने कहा और वहा से चला गया
मुरारी उर्वशी की और मुखातिब हुआ और उस से किसी सीरियस मेटर पर बात करने लगा जिसके लिए उर्वशी यहाँ आयी थी।

उर्वशी को अपने घर में देखकर मुन्ना को बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था। वह घर के अंदर आया सामने से आती अनु ने मुन्ना को परेशान देखा तो कहा,”क्या बात है मुन्ना तुम इतना परेशान क्यों हो ?”
“पापा की नयी मेहमान घर आयी है , जाईये आप भी मिल लीजिये।”,मुन्ना ने कहा और वहा से चला गया
“हम्म्म्म इसे क्या हुआ है ?”,अनु खुद में बड़बड़ाई


अनु मुन्ना के बारे में सोच ही रही थी कि तभी किशना वहा आया और किचन की तरफ जाने लगा। अनु ने देखा तो पूछ लिया,”किशना भैया ! बाहर कोई आया है क्या ?”
“जी भाभी मुरारी भैया से मिलने कोनो मैडम आयी है उन्ही के लिये चाय नाश्ता लेकर जा रहे है।”,किशना ने कहा
“अरे तो मैं बना देती हूँ।”,अनु ने कहा


“अरे नहीं भाभी हमहू बना लेंगे , वैसे भी मुरारी भैया की उह मेहमान कुछो ठीक ना लग रही हमका,,,,,,,!!”,किशना ने धीमे स्वर में कहा और वहा से चला गया
अनु सोच में पड़ गयी और खुद में बड़बड़ाई,”आखिर ऐसी कोनसी मेहमान है मुरारी की जो मुन्ना और किशना दोनों को अच्छी नहीं लगी , ज़रा मैं भी तो मिलु उन से,,,,,,,,,,!!”

उर्वशी का घर आना मुन्ना को अच्छा नहीं लगा। मुन्ना अपने कमरे में आया और अपना लेपटॉप ऑन किया उसने एक मेल लिखा और भेज दिया। मेल भेजने के बाद मुन्ना ने एक नंबर डॉयल किया लेकिन नंबर बंद आ रहा था। मुन्ना ने नंबर पर एक मैसेज छोड़ा और नहाने चला गया। नीचे लॉन में बैठा मुरारी उर्वशी से बाते कर रहा था। कुछ तो बात थी उर्वशी में की मुरारी उसकी ओर खींचा चला जा रहा था।

खूबसूरत और हसीन तो वह थी ही साथ ही साथ बातो में भी वह काफी होशियार लग रही थी। मुरारी उर्वशी से इम्प्रेस हुए बिना ना रह सका। किशना उन दोनों के लिये चाय नाश्ता ले आया। मुरारी ने उर्वशी के सामने चाय का कप रखा और खुद भी अपना कप उठाते हुए कहा,”आपकी बात तो हम समझ चुके है बाकि चौहान साहब ने भी बता दिया था। जे समझ लो आपका काम एक हफ्ते के अंदर अंदर हो जाएगा।”


“थैंक्यू सो मच विधायक जी”,उर्वशी ने मुरारी की आँखों में झांकते हुए अदा के साथ कहा
“अरे अरे जे का बिधायक कहा रहे है हम अभी , अभी बस आम आदमी है आप सबके जैसे नई , कचौड़ी लीजिये”,मुरारी ने कचोरियों की प्लेट उर्वशी के सामने करते हुए कहा
“थैंक्यू !”,उर्वशी ने एक कचोरी उठाते हुए कहा
लॉन से कुछ ही दूर घर की खिड़की पर खड़ी अनु मुरारी को इस नयी मेहमान की खातिरदारी करते देख रही थी।

अनु का ध्यान मुरारी और उर्वशी पर इतना ज्यादा था की उसे अपने पीछे खड़े किशना का ध्यान भी नहीं रहा। किशना किसी काम से अनु के पास आया था और वह उस से कुछ कहना चाह रहा था लेकिन अनु को बिजी देखकर वह वही खड़ा होकर इंतजार करने लगा। कुछ देर बाद किशना ने धीरे से कहा,”भाभी , भाभी !”
“क्या है ?”,कहते हुए अनु जैसे ही पलटी किशना को एकदम अपने पीछे पाकर अनु डर गयी और कहा,”किशना तुम यहाँ क्या कर रहे हो ?”


“उह भाभी हम जे पूछ रहे थे नाश्ते में का बनाये ?”,किशना ने पूछा
“जो समझ आये बना लो,,,,,,,,!!”,अनु ने चिढ़ते हुए कहा
किशना ने सूना तो वह जाने लगा तभी अनु ने कहा,”किशना भैया,,,,,!!”
“जी भाभी,,,,,,,,!!”,किशना ने पलटकर कहा


“वो मेहमान कहा से आयी है ? और क्या बातें हो रही है उनके बीच ? पहले तो कभी नहीं देखा उसे बनारस में,,,,,,,,,,,!!”,अनु ने पूछा
किशना ने इधर उधर देखा और फिर अनु के थोड़ा पास आकर धीमी आवाज में कहने लगा,”मुरारी भैया की मेहमान उन से नहर के पास वाले बंगले के बारे में बात कर रही थी। हमको तो लगता है मुरारी भैया अपनी उह मेहमान के लिए बँगला खरीद रहे है बाकि देखो भाभी हमरा नाम ना लेना। महादेव जानते है हम कोई आग ना लगा रहे है आपके बीच,,,,,,,,,,,,,,,,

ना ही चुगली कर रहे है पर का है की इते सालों से आप हमारी मालकिन रही है तो आपकी तरफ थोड़ी जिम्मेदारी जियादा बनती है हमारी,,,,,,,वैसे इक्को बात कहे भाभी जे उम्र मा ना आदमी की नियत कब कहा बिगड़ जाये कौन जानता है ? अच्छा हम जाते है रसोईघर में मुन्ना बाबा आते होंगे नाश्ता करने के लिये,,,,,,,,,!!”
कहकर या यू कहिये आग लगाकर किशना किचन की ओर चला गया। आज से पहले किशना ने ऐसी बाते नहीं की थी आज उसके मुंह से ऐसी बातें सुनकर अनु भी सोच में पड़ गयी।

वह खिड़की से हटी और सोच में डूबी हॉल की तरफ चली आयी। चलते चलते अनु खुद में ही बड़बड़ाने लगी,”नहीं नहीं मुरारी ऐसा नहीं हो सकता , भला इस उम्र में वो किसी औरत के चक्कर में क्या पडेगा ? मुरारी विधायक रह चुका है और बनारस में मुरारी का इतना नाम है वो औरत भी अपने किसी काम से मुरारी के पास आयी होगी,,,,,,,,,,,,,मैं भी ना किशना की बातो में आकर क्या क्या सोच रही हूँ लेकिन एक मिनिट मुरारी है तो मर्द ही ना और कौनसा मर्द किस औरत के सामने कहा फिसल जाये ये कौन जानता है ?

जवानी में मुरारी बहुत रंगबाज रहा है कही ये औरत भी उसका कोई पुराना पासवर्ड तो नहीं तभी चाय कचोरी खिलाई जा रही है। मुझे जाकर देखना पडेगा , इस उम्र में मुरारी को ये सब करते शर्म नहीं आ रही,,,,,,,,,,,,,,हाह मुन्ना ने ये सब देखा तो उस पर क्या असर पडेगा ? वो बेचारा तो अपने बाप की ये हरकते देखकर ही शर्म से मर जाएगा,,,,,,,,,,,,,

कही ऐसा हो कि वो ये घर छोड़कर ही चला जाये,,,नहीं नहीं मैं ये नहीं होने दूंगी , उस मुरारी की तो मैं उसकी इतनी हिम्मत की वो अपने पासवर्ड्स को घर बुलाये,,,,,,,!!”
कुछ भी उटपटांग सोचकर अनु ने अपना पारा चढ़ा लिया और दरवाजे की तरफ बढ़ गयी।

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