मैं तेरी हीर – 42

Main Teri Heer – 42

Main Teri Heer by Sanjana Kirodiwal |
Main Teri Heer by Sanjana Kirodiwal |

Main Teri Heer – 42

वंश के रिपोर्ट्स आने के बाद निशि उसके साथ डॉक्टर से मिली। वंश की तबियत बहुत ज्यादा खराब थी , उसका चेहरा उतरा हुआ था और चेहरा बुखार से लाल हो रहा था। डॉक्टर ने वंश के रिपोर्ट्स देखे और कहा,”इनको वायरल फीवर है , मैंने दवाये लिख दी है एक दो दिन में ठीक हो जायेगा।”
“थैंक्यू डॉक्टर !”,निशि ने फाइल लेते हुए कहा


“इनका ख्याल रखिये इन्हे थोड़ी केयर की जरूरत है।”,डॉक्टर ने कहा और अपने काम में लग गया।
निशि ने वंश की तरफ अपना हाथ बढ़ा दिया। वंश ने निशि का हाथ थामा और केबिन से बाहर चला आया। निशि वंश को लेकर क्लिनिक से बाहर चली आयी। बाहर नारियल पानी था। निशि को डॉक्टर की कही बात याद आयी उसने वंश को स्कूटी के पास रुकने को कहा और खुद नारियल पानी लेने चली गयी।


कुछ देर बाद निशि हाथो में एक नारियल लेकर वंश की तरफ आयी और उसकी तरफ बढ़ाते हुए कहा,”ये पी लो तुम्हे अच्छा लगेंगा।”
“क्या तुम नहीं पिओगी ?”,वंश ने नारियल पानी लेते हुए पूछा
“नहीं ये तुम्हारे लिये है तुम पीओ”,निशि ने कहा


वंश नारियल पानी पीने लगा। बीच बीच में वह एक नजर निशि को भी देख लेता और जैसे ही निशि से नजरे मिलती उसका दिल धड़क उठता। वंश ने आधा पीया और निशि की तरफ बढ़ाकर कहा,”ये तुम पी लो।”
“अरे लेकिन ये तुम्हारे लिये है।”,निशि ने कहा
 “मैंने पी लिया , वैसे तुम्हे मेरा जूठा पीने से कही परेशानी तो नहीं है ना ? कही तुम ये सोच लो जूठा पीने से तुम्हे मुझसे प्यार हो जाएगा,,,,,,,,,,,,,,,,,!”,वंश ने निशि की आँखों में देखते हुए कहा

निशि ख़ामोशी से उसकी आँखों में देखने लगी लेकिन वह इस भावना को महसूस कर पाती इस से पहले ही वंश ने आगे कहा,”सोचना भी मत,,,,,,,,,,,,,,,,,,हमारे बीच ऐसा कुछ नहीं होगा।”
निशि ने सूना तो उसका मुंह खुला का खुला रह गया। कुछ देर पहले जो वंश इतना मासूम बन रहा था अब एकदम से ऐसी बाते करने लगा देखकर निशि ने मन ही मन कहा,”हुंह ये चिरकुट,,,,,,,,,,,,इसे लगता है मैं इस से प्यार करुँगी,,,,,,,,,,,,,,,,

अह्ह्ह्ह शक्ल देखी है इसने अपनी बड़ा आया बकवास सीरीज का हीरो,,,,,,,,,,,समझता क्या है खुद को ? मैं इसकी इतनी परवाह कर रही हूँ , इसके लिये खाना बनाया , इसे हॉस्पिटल लेकर आयी और ये मुझे थैंक्यू बोलने के बजाय मुझसे फ्लर्ट कर रहा है।”
“ये मन ही मन मुझे गालियाँ देना बंद करो,,,,,,,,,,!!”,वंश ने निशि को घूरकर देखते हुए कहा
“मैं , मैं तुम्हे गाली क्यों दूंगी ? अह्ह्ह्ह मेरे पास इतना ओवर दिमाग नहीं है।”,निशि ने कहा


“मुझे तो लगा था तुम्हारे पास दिमाग ही नहीं है,,,,,,,,,,,!!”,वंश बड़बड़ाया और मुस्कुराने लगा निशि ने वंश को मुस्कुराते देखा तो उसकी प्यारी सी मुस्कराहट में खोकर रह गयी। वंश ने देखा निशि नारियल पानी ना पीकर उसे देख रही है तो उसने नारियल में रखी स्ट्रॉ को निशि के होंठो से लगाकर कहा,”जल्दी इसे पी लो और फिर घर चलते है मैं यहाँ ज्यादा देर खड़े नहीं रह सकता।”


वंश ने ये बात इतने प्यार से कही कि निशि को यकीन ही नहीं हुआ ये वंश बोल रहा है। उसने स्ट्रॉ को अपने होंठो के बीच रखा और वंश को देखते हुए नारियल पानी पीने लगी।

नारियल पानी पीकर दोनों घर के लिये निकल गए। रास्ते में निशि ने वंश के लिये दवाईया और कुछ फल लिये। शाम हो चुकी थी दोनों फ्लेट पर पहुंचे। निशि ने वंश के लिए दलिया बनाया और उसे खिलाकर दवा दे दी। निशि ने घडी में टाइम देखा शाम के 6 बज रहे थे। घर जाने का सोचकर निशि ने सोये होये वंश के पास आकर कहा,”अब मुझे घर जाना चाहिए वरना मॉम डेड परेशान होंगे।”


वंश एकटक निशि को देखता रहा वंश का यू देखना निशि को बैचैन कर रहा था। निशि ने वंश की तरफ देखा और कहा,”तो मैं जाऊ ?”
कहकर निशि जैसे ही जाने लगी वंश ने उसकी कलाई पकड़कर उसे रोक लिया और कहा,”मत जाओ प्लीज,,,,,,,,,!!
वंश की बात सुनकर निशि का दिल किया वह उसे छोड़कर ना जाये लेकिन उसे घर पर भी जवाब देना था। निशि को चुप देखकर वंश ने कहा,”प्लीज , सिर्फ थोड़ी देर के लिये,,,,,,,,,

मुझे कुछ अच्छा नहीं लग रहा है तुम यहाँ रहोगी तो थोड़ा ठीक लगेगा।”
वंश की बात सुनकर निशि ने कहा,”लेकिन तुम तो मुझे बिल्कुल पसंद नहीं करते फिर मैं यहाँ क्यों रुकू ?”
“किसने कहा मैं तुम्हे पसंद नहीं करता , मैं तुम्हे बहुत पसंद करता हूँ।”,वंश ने एकदम से कहा
निशि ने सूना तो ख़ुशी से उसका दिल धड़क उठा। वह वंश के थोड़ा सा पास आयी और कहा,”सच में ?”


“अब तुम ऐसे पूछोगी तो मैं कैसे बोल पाऊंगा ?”,वंश ने शरमाते हुए कहा
निशि उसकी बेचैनी भांप गयी और कहा,”हम्म्म ठीक है मैं रुक जाती हूँ लेकिन अगर तुमने कोई बकवास की तो मैं यहाँ से चली जाउंगी।”
“प्रॉमिस,,,,,,,,,,एंड थैंक्यू तुम बहुत अच्छी हो।”,वंश ने खुश होकर कहा
निशि उसके सामने पड़े सोफे पर आ बैठी और कहा,”अच्छा चलो तुम मुझे अपनी और मुन्ना की दोस्ती के बारे में बताओ,,,,,,,,,,,,,!!”


वंश ने मुन्ना का नाम सूना तो उदास हो गया और कहा,”मुन्ना , मैं उसे बहुत मिस करता हूँ लेकिन जब से मेरा फोन खराब हुआ है मेरी उस से बात ही नहीं हो पायी। अगर उसे पता होता मैं बीमार हूँ तो वो कही भी हो मेरे पास पहुँच जाता। वो मुझसे बहुत प्यार करता है,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!
मुन्ना के बारे में बातें करते करते वंश इमोशनल हो गया और निशि पहली बार वंश का ये नया रूप देख रही थी।

बनारस , शिवाला
“मुरारी सुनो ! बहुत हो गया मजाक अब ये सोचो अनु को कैसे मनाना है ? देखो मामला गंभीर है और फिर कुछ दिन बाद मुन्ना की सगाई भी है। जब घर के बड़े ही ऐसे एक दूसरे नाराज होंगे तो बच्चो का क्या होगा ? हमारी बात मानो और अनु से माफ़ी मांग लो।  हाथ जोड़ने पड़े जोड़ लो , पैर पकड़ने पड़े पकड़ लो , जो करना पड़े करो लेकिन हमारी साली साहिबा को मनाओ यार।”,शिवम् ने अपनी बगल में बैठे मुरारी से कहा


“अरे भैया उह हमरी माफ़ी सुने तब ना , अनु कुछो सुनने को तैयार ही नहीं है उह तो बस जिद पकड़ ली है उह डायमंड सेट को लेकर जो उर्वशी ख़रीदी है।”,मुरारी ने कहा
“अरे फिर तो मेटर ही सॉल्व है ना मुरारी , उह डायमंड सेट ले जाकर अनु को दे दो और कहो कि इह तुम उसके लिये ही बनवाये हो। हमको यकीन है अनु भी पिघल जाएगी और तुमको माफ़ कर देगी।”,शिवम् ने कहा


“डायमंड सेट ले जाकर दे दो , अरे पुरे ढाई लाख का है उह सेट,,,,,,,,,,,,का हमरी किडनी बिक्वाओगे का भैया सेट के चक्कर में ?”,मुरारी ने अपनी आँखों को बड़ा करके कहा
“देखो मुरारी जितना बड़ा कांड तुम किये हो ना ओह्ह के सामने जे ढाई लाख तो कुछ भी नहीं और फिर पैसे जा कहा रहे है घूमकर घर में ही तो आ रहे है ना तो फिर थोड़ी जेब ढीली करो और अनु को मनाओ,,,,,,,,,,,,,,!!”,शिवम ने कहा


 “हाँ समझ गए भैया , जे सब में हर बार हमरी ही लंका लगनी है।”,मुरारी ने रोआँसा होकर कहा
“जब इतने ही समझदार हो तो काहे बाहर के मटरपनीर के पीछे भागते हो , घर की दाल फ़्राय में खुश रहो हमारी तरह,,,,,,,,,!”,शिवम् ने कहा और सामने देखने लगा मुरारी शिवम् को देखने लगा और मन ही मन कहा,”जे उम्र मा मटर पनीर खाने के लिये दाँत सलामत रहेंगे तब ना,,,,,,,,!!”


शिवम् ने मुरारी की तरफ देखा और कहा,”अबे इतना का सोच रहे हो मुरारी , खरीद लो तुम्हरी प्राइवेट बीवी है सरकारी थोड़ी है।”
शिवम् की बात सुनकर मुरारी भी मुस्कुरा दिया और फिर दोनों उसी शोरूम की तरफ चल पड़े जहा से ये सब तमाशा शुरू हुआ था।  

शिवम् का घर , बनारस
“बड़ी माँ ये सामान कहा रखे ?”,मुन्ना ने घर में आते हुए कहा
“अरे मुन्ना तुमने अकेले सब क्यों उठाया है लाओ थोड़ा हमे दे दे हम रख देते है।”,सारिका ने मुन्ना की तरफ आते हुये कहा
“कोई बात नहीं बड़ी माँ ये हम रख देते है।”,कहते हुए मुन्ना सारिका के साथ गेस्ट रूम की तरफ चला आया। मुन्ना ने वहा हाथ में पकडे बैग्स रखे और फिर बाहर पड़ा दुसरा सामान लेने चला गया।

मुन्ना बाकि सामान अंदर लेकर आया और उसे भी गेस्ट रूम में रख दिया। ऐसा करते हुए मुन्ना का शर्ट थोड़ा सा खराब हो गया सारिका ने देखा तो कहा,”तुम्हारा शर्ट खराब हो गया , एक काम करो तुम वंश के कमरे में जाकर बदल लो। वंश के कुछ कपडे अभी भी रखे है कबर्ड में,,,,,,,,,,,,,!!”
“वो हम बाद में कर लेंगे बड़ी माँ , पहले आप हमे ये बताईये ये इतना सामान और कपडे किसलिये ?”,मुन्ना ने सारिका के साथ बाहर आते हुए कहा


“ये सब तुम्हारी होने वाली दुल्हन के लिये है , सगाई के लिये इंदौर जा रहे है ना तो क्या खाली हाथ जायेंगे ?”,सारिका ने कहा
“नहीं लेकिन इतना सब ?”,मुन्ना ने पूछा
“तुम नहीं समझोगे मुन्ना लड़कियों को सजने सवरने का कितना शौक होता है और वो भी तब जब उनकी नयी नयी सगाई हुई हो।

अब अनु और मुरारी के बीच तो वर्ल्ड वॉर चल रहा है तो उन्हें तो फुर्सत है नहीं ये सब करने की इसलिये हमने और आई ने सोचा हम ही अपनी पसंद से ये सब खरीद ले,,,,,,,,,,,!!”,सारिका ने कहा तो मुन्ना सारिका के चेहरे की तरफ देखने लगा
“क्यों मुन्ना क्या हमे तुम्हारी दुल्हन के लिये ये सब खरीदने का हक़ नहीं है ?”,सारिका ने मुन्ना की तरफ देखते हुए पूछा


मुन्ना ने सारिका के हाथो को थामा और कहा,”बड़ी माँ ! कैसी बातें कर रही है आप ? आपको माँ से भी पहले हक़ है हमारे हक़ में बोलने और फैसला लेने का। हम खुशनसीब है कि महादेव ने हमे दो माँ का प्यार दिया,,,,,,,,,,,,,,आपने गौरी के लिये जो पसंद किया है वो सब बेस्ट ही होगा हम जानते है। आई बाबा के बाद आप इस घर में बड़ी है आपका फैसला सर आँखों पर,,,,,,,,,,,!!”


“बस बस तुम तो हमे इमोशनल ही कर दोगे , हम तुम्हारे लिये चाय बनाते है तब तक तुम जाकर शर्ट बदल लो।”,सारिका ने अपनी आँखों के किनारे साफ करके कहा
मुन्ना मुस्कुराया और सीढ़ियों की तरफ बढ़ गया। वंश के कमरे में आकर मुन्ना के कदम ठिठके। वंश के मुंबई जाने के बाद आज मुन्ना पहली बार वंश के कमरे में आया था और वंश के बिना ये कमरा वीरान लग रहा था।

मुन्ना वंश के कमरे में पड़े उसके सामान को छूने लगा और कहा,”पता नहीं तुम्हे क्या हो गया है ? इतने दिन से तुमने हमे फोन भी नहीं किया और हम जब फोन करे तो तुम्हारा नंबर आउट ऑफ़ रीच आता है। इतना भी कोई नाराज होता है क्या अपने बड़े भाई से ? हाँ हाँ 25 मिनिट बड़े है तुम से लेकिन है तो तुम्हारे भाई ही ना,,,,,,,,,,,,,,,सच में तुम्हे बहुत मिस करते है , तुम्हारे जाने के बाद यहाँ आने का मन भी नहीं करता , यहाँ क्या कही जाने का मन नहीं करता,,,,,,,,,,,,,,!!”


कहते हुए मुन्ना कबर्ड के सामने आया उसने कबर्ड खोला उसमे रखी वंश की शर्ट निकाल ली। शर्ट पहनने से पहले मुन्ना ने उसे अपने दोनों हाथो में पकड़ा और अपने नाक से लगा लिया। वंश के डियो की हल्की हल्की महक उस शर्ट से आ रही थी। मुन्ना ने उसे पहना और बटन बंद करते हुए शीशे के सामने चला आया। बटन बंद करते हुए मुन्ना की नजर शीशे पर लिखे “I think you are cute चिरकुट” लिखा था।


“अच्छा तो उस दिन हम से ये छुपाया जा रहा था , फिर जब हम निशि की बात करते है तो तुम चिढ क्यों जाते हो ? खैर इसलिये तुम्हे मुंबई जाकर अपने भाई की याद नहीं आ रही क्योकि वहा तुम्हे मिस चिरकुट आई मीन निशि जो मिल गयी है।”,मुन्ना बड़बड़ाया
“मुन्ना,,,,,,,!!”,सारिका ने आवाज दी तो मुन्ना नीचे चला आया।
सारिका ने देखा वंश का शर्ट मुन्ना को थोड़ा सा ढीला था पर अच्छा लग रहा था।

सारिका ने मुन्ना को चाय दी और कहा,”वंश तो मुंबई जाकर ऐसा बिजी हो गया कि पूछो मत। कल हमारी बात हुई तब कह रहा था कि वो शूटिंग में बिजी रहता है तो वक्त नहीं मिलता उस पर कुछ दिन से उसका फोन भी खराब हो चुका है तो पता नहीं किसी और के फोन से हमे फोन किया था। उसकी आवाज से तो लग रहा था वो बीमार है लेकिन वो हमे सही बात बताता कब है।

खैर तुम्हारी उस से बात हुई क्या मुन्ना ? इस बार उसका फोन आये तो उसे थोड़ा समझाना अपना थोड़ा ख्याल रखे , वहा वो अकेला है उसका ख्याल रखने वाला कौन है ? तुम्हारी बात सुनता है वो तो तुम ही उसे कहना,,,,,,,,,,,!!”
“अगर हमने बड़ी माँ से कहा हमारी वंश से बात नहीं हुई है तो वे परेशान हो जाएगी , हमे झूठ बोलना पडेगा माफ़ करना महादेव,,,,,,,,,,,,,!!”,मन ही मन खुद


 से कहते हुए मुन्ना ने सारिका से कहा,”हाँ बड़ी माँ हमारी रोज बात होती है , हम उसे समझा देंगे आप चिंता ना करे।”
“तुम्हारे होते वंश को लेकर चिंता हमे कभी हो भी नहीं सकती मुन्ना , आखिर तुम उसके बड़े भाई जो हो।”,सारिका ने कहा और किचन की तरफ चली गयी लेकिन मुन्ना को बैचैन कर गयी। वंश का फोन खराब है और वह बीमार है सोचकर ही मुन्ना का मन उस से मिलने के लिये तड़पने लगा। उसने मुश्किल से चाय हलक से नीचे उतारी और वहा से घर के लिये निकल गया।

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संजना किरोड़ीवाल 

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