मैं तेरी हीर – 26
Main Teri Heer -26
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गौरी घूमते हुए उस मंदिर को देखने लगी। उसे वह जगह बहुत पसंद आयी। वहा कई कपल्स थे जो साथ साथ मंदिर की परिक्रमा कर रहे थे और कुछ साथ साथ मंदिर में पूजा कर रहे थे। उन्हें देखकर गौरी को मुन्ना की याद आने लगी। उसने मुन्ना को सीधा विडिओ कॉल ही लगा दिया। मुन्ना इस वक्त रजिस्ट्रार ऑफिस के बाहर अपनी बाइक के पास खड़ा था और वहा से निकलने ही वाला था कि गौरी का कॉल देखकर रुक गया।
मुन्ना ने कॉल अटेंड किया और कहा,”हाय गौरी , आज तुमने सीधा विडिओ कॉल कर दिया। क्या तुम्हे हमारी इतनी याद आ रही थी ?”
“याद तो मैं तुम्हे हमेशा ही करती हूँ लेकिन अभी मैं इंदौर की बहुत ही खूबसूरत जगह हूँ और पता है मैंने क्या देखा ?”,गौरी ने चहकते हुए कहा
“क्या देखा तुमने ?”,मुन्ना ने पूछा
“देखो”,कहते हुए गौरी ने अपने फोन का बेक कैमेरा ऑन कर दिया और मुन्ना को दिखाने लगी।
मुन्ना ने देखा एक कपल मंदिर में परिक्रमा कर रहा है ये देखकर उसने कहा,”गौरी , तुम किसी के पर्सनल मोमेंट कैच कर रही हो , ये अच्छी बात नहीं है।”
“अरे नहीं मैंने तुम्हे वो देखने को नहीं कहा , देखो उस कपल के पीछे महादेव और गौरी का कितना सुंदर मंदिर है।”,गौरी ने कहा मुन्ना ने ध्यान से देखा तो उसे मंदिर और उसमे विराजमान शिव गौरी की मूर्ति दिखाई दी।
मुन्ना ने फोन की स्क्रीन से अपना सर लगाया और कहा,”हम इस मंदिर में पहले आ चुके है।”
“हहहह किसके साथ ? क्या मुझसे पहले तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड थी ? हाह क्या वो भी इंदौर में ही थी,,,,,,,,,,,,इसलिए तुम बार बार काशी को लेने इंदौर आते थे ताकि उस से भी मिल सको और उसके साथ इस मंदिर आ सको। मुझे लगता ही था कि तुम्हारा कही ना कही तो मामला अटका है लेकिन तुम कितने भोले और मासूम बन कर रहते हो,,,,,,,,,,,,,,
पर एक बात याद रखना मिस्टर मान मिश्रा अगर तुमने मुझे धोखा देने का सोचा भी तो मैं , मैं , मैं तुम्हे वही बनारस के किसी घाट में फेंक दूंगी और बाद में खुद भी कूद जाउंगी”,गौरी एक साँस में ना जाने क्या क्या बोल गयी जिसे सुनकर मुन्ना ने अपना सर पीट लिया
मुन्ना ने कहा,”स्टॉप,,,,,,,,,,,,जीप योर माउथ , तुम क्या थोड़ी पागल हो , पूरी बात सुने बिना ही कुछ भी सोचने लगती हो। हम इस मंदिर में आये जरूर है लेकिन अपनी फॅमिली के साथ,,,,,,,,,,,,
और तुम्हे ऐसा क्यों लगता है तुम से पहले हमारी कोई गलफ्रेंड रही होगी , तुम्हे क्या हम आवारा छिछोरे लगते है। हमारी जिंदगी में आने वाली पहली और आखिर लड़की सिर्फ तुम हो। तुम्हे धोखा देने का हम सोच भी नहीं सकते बस तुम से हाथ जोड़कर गुजारिश है कि तुम खुद से ये ख्याली पुलाव पकाना बंद करो,,,,,,,,,,,,ओके !”गौरी ने सूना तो मन ही मन बहुत खुश हुई और फिर हाँ में गर्दन हिला दी।
मुन्ना ने देखा तो अपनी भँवे उचकाई , जवाब में गौरी ने भी अपनी भँवे उचका दी तो मुन्ना ने कहा,”अब ये सब क्या है गौरी ? तुम हमारी नकल क्यों कर रही हो ? कुछ बोल क्यों नहीं रही ?”
गौरी ने अपने होंठो के सामने उंगलियों से जिप बनाने का इशारा किया तो मुन्ना को याद आया कि उसने ही तो अभी गौरी को चुप रहने के लिये कहा था। मुन्ना अपना ललाट खुजाने लगा और कहा,”ठीक है हम अपने शब्द वापस लेते है अब तुम बोल सकती हो।”
मुन्ना ने जैसे ही कहा गौरी ने अपने होंठो को गोल कर सबसे पहले तो उसे एक किस दिया। ये देखकर मुन्ना शरमा गया और कहा,”ए ये क्या कर रही हो ? सब देखेंगे “
“तो देखने दो मैंने अपने होने वाले पति को किस किया है। अब ये बताओ तुम मुझसे मिलने कब आ रहे हो ? देखो मुझे तुम्हारी बहुत याद आ रही है और मुझे तुम से मिलकर बहुत सारी बाते करनी है।”,गौरी ने पूछा
“आज सुबह हमने फोन किया था तब तुम्हारी मॉम से बात हुई थी क्या उन्होंने तुम्हे बताया नहीं सगाई का मुहूर्त एक महीने बाद है।”,मुन्ना ने कहा
“हाँ क्या सच में ? वूऊऊ।”,मुन्ना की बात सुनकर गौरी ने हवा में उछलते हुए कहा वह भूल गयी थी कि इस वक्त वह मंदिर में है।
पास से गुजरते पुजारी ने देखा तो कहा,”अरे बेटा ध्यान से,,,,,,,,,,!!”अधिराज जी और अम्बिका भी गौरी को ऐसे देखकर चौंक गए और अधिराज जी ने पूछा,”क्या हुआ गौरी तुम ठीक हो ना ?”
“हाँ नानू,,,,,,,,,,,सॉरी !”,गौरी ने झेंपते हुए कहा और फिर नजर स्क्रीन पर जमाकर कहा,”मतलब एक महीने बाद हमारी ओफ्फिसियलि सगाई है ?”
“हाँ और हमने यही बताने के लिये सुबह फोन किया था लेकिन तुम शायद सो रही थी।”,मुन्ना ने मुस्कुरा कर कहा
“लेकिन सगाई में तो अभी एक महीना है क्या तुम उस से पहले मुझसे मिलने नहीं आ सकते ?”,गौरी ने मासूमियत से कहा
मुन्ना ने देखा तो वह गौरी की मासूमियत में खोकर रह गया। मन ही मन मुन्ना को ये जानकर अच्छा भी लग रहा था कि गौरी उस से कितना प्यार करती है। उसने बड़े ही प्यार से कहा,”हम आना चाहे तब भी नहीं आ सकते गौरी , कुछ जिम्मेदारियां है हम पर जिन्हे हमे वक्त रहते पूरा करना है लेकिन हम वादा करते है एक महीने बाद पक्का तुम्हारे सामने होंगे।”
“हुह तुम हमेशा ऐसे ही करते हो। तुम्हे क्या मेरी याद नहीं आती ?”,गौरी ने उदास होकर कहा
“हम तुम्हे भूले ही कहा है जो याद आएगी , तुम तो हर वक्त हमारे आस पास रहती हो एक खूबसूरत ख्याल बनकर”,मुन्ना ने थोड़ा प्यार से कहा
“ओह्ह्ह अब ऐसे मत बोलो मुझे तुम पर प्यार आने लगेगा।”,गौरी ने शरमाते हुए कहा हालाँकि शर्माने की वह सिर्फ एक्टिंग कर रही थी।
मुन्ना ने सूना तो हसने लगा और कहा,”अच्छा ठीक है तुम सबके साथ मंदिर आयी हो , दर्शन करो हमे भी अब निकलना है।”
“हम्म्म् ठीक है मैं महादेव से दुआ करुँगी तुम्हारा जो भी काम हो वो जल्दी से पूरा हो जाये और अपने लिये दुआ करुँगी कि तुम्हे मेरी इतनी याद आये इतनी याद आये कि तुम जल्दी से मुझसे मिलने इंदौर चले आओ।”,गौरी ने कहा तो मुन्ना फिर हसने लगा
“गौरी तुम कुछ ज्यादा ही फनी हो गयी हो , हम रखते है।”,मुन्ना ने अपनी हंसी रोककर कहा
“हाह मैं क्या तुम्हे फनी लग रही हूँ ? जाओ मैं तुम से बात नहीं करती ,,,,,,,,,,,,”,गौरी ने मुंह बनाकर कहा हालाँकि उसने कॉल कट नहीं किया था
“आई लव यू ,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा और कॉल काट दिया। मुन्ना के मुंह से ये तीन शब्द सुनना ही गौरी के लिये बहुत बड़ी बात थी। वह खोयी हुई सी वही खड़ी थी।
काशी अधिराज जी और अम्बिका के साथ उसी तरफ चली आ रही थी उसने जब गौरी को ऐसे देखा उसके पास आकर उसका कंधा हिलाते हुए कहा,”तुम्हे क्या हुआ है तुम यहाँ ऐसे क्यों खड़ी हो ?”
“हाँ ! ओह्ह्ह काशी तुम हो , तुम यहाँ क्या कर रही हो ? क्या आज हम लोग दर्शन नहीं करने वाले है ?”,गौरी ने उलटा चोर कोतवाल को डांटे वाली कहावत सिद्ध करते हुए कहा
“अच्छा ! गौरी हम तो नानू नानी के साथ वही करने जा रहे है। हाँ तुम्हे अगर यहाँ रुककर दिन में तारे देखने है तो देखो।”,काशी ने चिढ़कर कहा और आगे बढ़ गयी।
“इसे क्या हुआ है ?”,कहते हुए गौरी उसके पीछे चली आयी।
पूर्वी निशि को साथ लेकर अपने घर के लिए निकल गयी। वंश की कैब भी मुंबई पहुँच चुकी थी लेकिन उसे नवीन के घर जाना था इसलिए उसने कैब को उसी लोकेशन के लिये बुक किया था। शाम के चार बज चुके थे और वंश काफी थक चुका था साथ ही उसके जहन में बार बार निशि का ख्याल आ रहा था। कैब आकर ट्रेफिक में रुकी। वंश आँखे मूँदे सीट से सर लगाए सोच में डूबा था कि गाड़ी रुकने से उसकी आँख खुली और उसने ड्राइवर से कहा,”क्या हुआ रुके क्यों ?”
“आगे ट्रेफिक है सर , क्लियर होने में थोड़ा टाइम लगेगा।”,आगे बैठे ड्राइवर ने कहा
वंश ने पानी पीया और अपनी कोहनी गाड़ी के शीशे से टीकाकार हाथ की ऊँगली को अपने होंठो से लगा लिया और मन ही मन सोचने लगा,”वैसे मुझे इतने ऐटिटूड में नहीं रहना चाहिए। इतने बड़े अनजान शहर में नवीन अंकल ने मुझे रहने के लिये घर दिया , मेघना आंटी ने माँ की तरह मेरा ख्याल रखा और निशि ने भी मुझे झेला ही है।
पर इस बार मैंने शायद उसे कुछ ज्यादा ही हर्ट कर दिया वरना वो इतना गुस्सा नहीं होती,,,,,,,,,,,,,,,,मुझे नवीन अंकल से उसकी शिकायत नहीं करनी चाहिए शायद उन्होंने निशि को कुछ ज्यादा ही डांट दिया हो तभी तो वो इतना भड़क गयी थी लेकिन अब ये सब ठीक करने के लिये मैं क्या कर सकता हूँ ? जैसा गौरी ने कहा क्या मुझे उस से माफ़ी मांगनी चाहिए ?
हाँ यही सही रहेगा मैंने जो किया उसके लिये मुझे एक बार निशि से माफ़ी मांग लेनी चाहिए , वो इतनी आसानी से मुझे माफ़ तो नहीं करेगी पर ट्राय करने में क्या जाता है। वैसे भी अगर नवीन अंकल ने बनारस फोन करके माँ को ये सब बता दिया तो बात पापा तक पहुँच जाएँगी और वो सीरीज बनने से पहले ही मुझे वापस बनारस बुला लेंगे और फिर कभी मुंबई वापस नहीं आने देंगे,,,,,,,,,,,,
मुन्ना सही कहता है कभी कभी मैं सच में सब गड़बड़ कर देता हूँ लेकिन अब मैं क्या करू ? मुझे तो ये भी नहीं पता इस वक्त वो है कहा ? हे महादेव क्या आप मेरी थोड़ी सी मदद,,,,,,,,,,!!”
कहते हुए वंश ने जैसे ही अपनी गर्दन घुमाई कैब के बगल में खड़ी स्कूटी पर उसकी नजर गयी जिस पर पूर्वी और निशि बैठी थी। वंश की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा उसने ऊपर देखा और कहा,”थैंक्यू महादेव मेरी बात पूरी होने से पहले ही आपने मेरी विश पूरी कर दी , थैंक्यू सो मच,,,,,,,,,!!”
वंश ने शीशे को नीचे करना चाहा लेकिन वह नहीं हुआ। उसने दो तीन बार कोशिश की लेकिन शीशा बंद था। ड्राइवर ने देखा तो शीशे का लॉक खोल दिया। वंश ने जल्दी से शीशा नीचे किया लेकिन तब तक ट्रेफिक क्लियर हो चुका था और स्कूटी वहा से जा चुकी थी।
“सुनो भैया ! उस स्कूटी का पीछा करो।”,वंश ने ड्राइवर से कहा
“लेकिन सर लोकेशन तो आपने कुछ और दी है,,,,,,,,,,!”,ड्राइवर ने गाड़ी आगे बढ़ाते हुए कहा
“हाँ लेकिन अभी मेरा उस से मिलना बहुत जरुरी है प्लीज यार भाई उधर ले लो। एक काम करना तुम और पैसे ले लेना लेकिन प्लीज चलो।”,वंश ने रिक्वेस्ट करते हुए कहा
“ठीक है !”,और पैसे मिलने का सोचकर ड्राइवर ने कैब पूर्वी की स्कूटी के पीछे लगा दी। कुछ देर बाद ही पूर्वी स्कूटी लेकर एक बड़ी बिल्डिंग के अंदर चली गयी। कैब ड्राइवर ने गाड़ी साइड में रोकी वंश ने उसे पैसे चुकाए और अपना बैग लेकर बिल्डिंग के मेन गेट की तरफ चला गया।
वंश जैसे ही अंदर जाने लगा गार्ड ने उसे रोकते हुए कहा,”ए भैया कौन हो तुम और ऐसे अंदर कैसे जा रहे हो ?”
“अभी जो दो लड़किया अंदर गयी है मुझे उनसे मिलना है। देखिये मेरा उनसे मिलना बहुत जरुरी है।”,वंश ने कहा
“तुम जैसे आशिक़ बहुत आते है यहाँ , चलो जाओ यहाँ से,,,,,,,,!!”,गार्ड ने वंश को फटकारते हुए कहा
“अरे ऐसा नहीं है , वो दोनों लड़किया मुझे जानती है और उनमे से एक लड़की तो मेरी दोस्त भी है,,,,,,,,,,,,
प्लीज मुझे अंदर जाने दीजिये।”,वंश ने रिक्वेस्ट करते हुए कहा लेकिन गार्ड ने उसकी किसी बात का यकीन नहीं किया और उसे वहा से जाने को कह दिया
काफी देर बहस करने के बाद गार्ड ने कहा,”ठीक है तुम यही रुको मैं अभी उन से बात करता हूँ।”
“ठीक है !”,वंश ने कहा और वही गेट के पास खड़े हो गया।
पूर्वी निशि को लेकर थर्ड फ्लोर पर बने अपने फ्लेट में पहुंची जहा उसके अलावा उसका भाई और एक कुत्ता रहता था।
पूर्वी ने निशि को बैठने को कहा और खुद पानी लेने चली गयी। पूर्वी पानी लेकर आयी और निशि को देकर जैसे ही बैठने का सोचा उसका फोन बजा। पूर्वी ने अपने बैग से फोन निकाला और देखा गार्ड का फोन है।
“ये गार्ड भैया क्यों मुझे फोन कर रहे है ?”,कहते हुए पूर्वी गार्ड फोन उठाकर खिड़की के पास चली आयी जहा से नीचे सड़क और बिल्डिंग का मेन गेट साफ दिखाई देते है। उसने फोन कान से लगाते हुए कहा,”हाँ भैया क्या हुआ ?”
“मैडम एक लड़का आया है और वो कह रहा है कि वो आपको जानता है। वो अंदर आने की जिद कर रहा है मैडम आप अगर उसे जानती है तो मैं उसे अंदर आने दू ?”,गार्ड ने पूछा
“कौन लड़का ? और क्या नाम है उसका ?”,पूर्वी ने हैरानी से पूछा क्योकि उसने वंश को अभी तक देखा नहीं था।
गार्ड ने वंश से उसका नाम पूछा और पूर्वी से कहा,”इसका नाम वंश है मैडम।”
“क्या वंश ? वंश यहाँ आया है ?”,पूर्वी ने थोड़ा जोर से कहा वंश का नाम जैसे ही निशि के कानो में पड़ा वह उठकर पूर्वी के पास चली आयी। वंश ने गार्ड से थोड़ा सा अंदर आने देने को कहा और अंदर आकर पूर्वी को देखकर हाथ हिलाया तो पूर्वी को यकीन हो गया कि ये वंश ही है लेकिन वंश को यहाँ देखकर वह हैरान भी थी।
उसने फोन वापस कान से लगाया और कहा,”हाँ भैया मैं इसे जानती हूँ आप इसे अंदर,,,,,,,,,,,,!!”
पूर्वी इतना ही कह पायी कि निशि ने उसके हाथ से फोन लिया और गुस्से से कहा,”हम दोनों इसे नहीं जानते है , क्या आप ऐसे ही किसी लफंगे को अंदर आने देते है ? बाहर निकालो इसे”
निशि ने फोन काट दिया और पूर्वी को वहा से लेकर चली गयी।
गार्ड ने फोन जेब में रखा और कहा,”जाओ भाई उन्होंने कहा है कि वो तुम्हे नहीं जानती।”
वंश को अजीब लगा कि पूर्वी और निशि उसे पहचानने से इंकार कैसे कर सकती है ? उसने गार्ड से कहा,”आप एक बार मेरी उन से बात करवा सकते है प्लीज ?”
वंश को रिक्वेस्ट करते देखकर गार्ड ने उसे ध्यान से देखा देखने में वंश उसे अच्छे घर का नजर आया इसलिए गार्ड ने एक बार फिर पूर्वी का नंबर डॉयल किया।
“निशि तुमने गार्ड भैया से ये क्यों कहा कि वो उसे अंदर ना आने दे ?”,अंदर आकर पूर्वी ने निशि से सवाल किया
“पूर्वी अगर तुम चाहती हो मैं यहाँ रुकू तो वंश यहाँ नहीं आना चाहिए।”,निशि ने गुस्से से कहा
“यार निशि ! हो सकता है वो तुम से माफ़ी मांगने आया हो।”,पूर्वी ने कहा
“मुझे उसकी माफ़ी नहीं चाहिए,,,,,,,,!!”,निशि ने कहा
पूर्वी आगे कुछ कहती इस से पहले ही उसका फोन बजा। पूर्वी ने फोन उठाया तो दूसरी तरफ से वंश की आवाज उभरी और उसने कहा,”हेलो पूर्वी ! आई नो निशि तुम्हारे साथ ही है मुझे उसे बस एक मैसेज देना है क्या तुम अपना फोन स्पीकर कर दोगी प्लीज ?”
पूर्वी ने अपना फोन स्पीकर कर दिया तो वंश ने कहा,”हे निशि , मैं जानता हूँ तुम मुझसे बहुत नाराज हो और तुम्हे मुझ पर बहुत गुस्सा आ रहा है। मैंने तुम्हे हर्ट किया उसके लिये आई ऍम रियली सॉरी ! जब तक तुम मुझे माफ़ नहीं कर देती मैं यहाँ से नहीं जाऊंगा,,,,,,,,,,,,,,मैं इंतजार करूंगा !”
कहकर वंश ने फोन काट दिया।
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संजना किरोड़ीवाल
ओ भाईसाहब…इस बार हमें आशिक वंश के दर्शन होने वाले है, साथ ही एक मस्त वाला ड्रामा भी होगा… क्योंकि हीरोइन आई मीन कि निशि तो तभी मानेगी ना जब वंश उसे मानने के लिए 100 पापड़ बेलेंगा… नेक्स्ट पार्ट मजेदार होगा…और थैंक्यू संजना जी मुन्ना-गौरी का बहुत खूबसूरत और फनी पार्ट था… पढ़ने में बहुत मज़ा आया….
Gauri aur Munna ki conversion mast thi..Vansh ko Gauri ki baat sahi lagi isliye voh Nishi se Maafi mange ke liye taiyar hogaya aur jab voh cab se Nishi aur Purvi ko dekha ko cab walo ko uska picha karne ko kaha aur Purvi ke ghar per akhar andar janna chaha toh Guard ne usse janne nahi diya aur uske request karne per Purvi ko cal kiya Purvi yeah keh pati ki voh usse janti hai usse pehle hi Nishi ne keh diya ki voh nahi janti per Vansh ke firse kehne per Guard ne ph milaya voh Vansh ne ph speaker per karne ko kaha toh Vansh ne Nishi se maafi mangi aur kaha ki voh tab tak wahi rahega jab tak Nishi usse maaf nahi kar deti ab dekhna yeah hai hi kya Nishi Vansh ko maaf karegi ya nahi kyu ki voh toh usse maafi hi sunna chahati thi aur Vansh ne usse maafi mangli…nice part Maam♥♥♥♥
Bahut hi interesting part tha ma’am
Bhut hi interesting part