Sanjana Kirodiwal

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“मैं तेरी हीर” – 24

Main Teri Heer – 24

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Main Teri Heer – 24

मुन्ना और वंश मस्त बाइक से घर जा रहे थे कुछ दूर चलते ही वंश ने कहा,”मुन्ना बाइक रोको”
“अब क्या हुआ ?”,मुन्ना ने कहा
“अरे बाइक रोको ना यार , सवाल बहुत करते हो तुम”,वंश ने कहा तो मुन्ना ने बाइक रोक दी। वंश निचे उतरा और कहा,”पीछे खिसको”
“क्यों ?”,मुन्ना ने पूछा
“बाइक मैं चलाऊंगा”,वंश ने कहा
मुन्ना पीछे खिसका तो वंश आ बैठा और बाइक स्टार्ट कर आगे बढ़ा दी लेकिन घर जाने के बजाय उसने बाइक दूसरी गली की ओर मोड़ दी। मुन्ना ने जब देखा तो कहा,”अबे घर तो उस तरफ है इधर क्यों जा रहे है हम लोग ?”
“मुन्ना कितने दिन हो गए ना बनारस की गलियों में नहीं घूमे , चल एक राउंड काटकर आते है वैसे भी आज छोटी दिवाली है तो बनारस में चहल पहल होगी”,वंश ने कहा
“चल ठीक है”,मुन्ना ने भी ख़ुशी ख़ुशी हामी भर दी।
वंश ने बाइक आगे बढ़ा दी। दोनों हँसते मुस्कुराते बाते करते चले जा रहे थे। खुली हवा में बाइक पर घूमने का सुकून कोई इन दोनों से पूछे। वंश के साथ घूमते हुए मुन्ना भी भूल गया की उसे शिवम् के पहुँचने से पहले वंश के साथ घर पहुंचना था। चलते हुए दोनों पुल किनारे वाली रोड पर आ गए। वंश ने बाइक रोक दी दोनों नीचे उतरे और बाइक के पास खड़े होकर आसमान में चमकते सितारों को देखने लगे। वंश ने आसमान में देखते हुए कहा,”यार मुन्ना कॉलेज कब खुलेंगे ? घर बैठे बैठे बोर हो गया हूँ यार”
“ऐसे बोल ना की तुझे रिया , आशिका , सुप्रिया से मिलना है”,मुन्ना ने सामने देखते हुए कहा
“मैं क्यों मिलूंगा उनसे , इन्फेक्ट मैंने लड़कियों से दोस्ती रखनी छोड़ दी है”,वंश ने गौरी के बारे में सोचते हुए कहा जिसे वंश ने ब्लॉक किया था।
“अच्छा मजाक है”,मुन्ना ने कहा जो की वंश को अच्छे से जानता था !
“तुझे यकीन नहीं हो रहा ना ?”,वंश ने मुन्ना की ओर देखकर पूछा
“बिल्कुल भी नहीं”,मुन्ना ने कहा दोनों बाते कर ही रहे थे की तभी वंश की नजर कुछ ही दूर खड़े लड़के पर गयी जो की पुल से नीचे कूदने की कोशिश कर रहा था। वंश को कुछ गड़बड़ लगी तो उसने लड़के की तरफ जाते हुए कहा,”अबे क्या कर रहे हो ?”
मुन्ना ने देखा तो वह भी वंश की तरफ जाने लगा लेकिन इतने में बाइक गिरने को हुई और मुन्ना उसे सम्हालने लगा। वंश लड़के के सामने आया और कहा,”अबे पगला गए हो , क्या कर रहे हो ? कूदने का तो नहीं सोच रहे ?”
“अरे भैया मर जाने दीजिये हमे , हमे नहीं जीना है”,लड़के ने रोते हुए कहा। उसके मुंह से आती बदबू से वंश को अहसास हो गया की लड़के ने बहुत ज्यादा शराब पी रखी है। उसने लड़के को सम्हालते हुए कहा,”अरे भाई क्यों मरना है हुआ क्या ?”
इतने में मुन्ना भी वहा आ पहुंचा और इशारो में वंश से माजरा पूछा तो सामने खड़े लड़के ने रोते हुए कहा,”इत्ता पियार किये थे उस से , जान से भी जियादा और उह हमे छोड़ के चली गयी,,,,,,,,,,,,,का कमी रह गयी थी हमारे पियार में”
वंश ने सूना तो उसने अफ़सोस भरे भाव से मुन्ना को देखा। मुन्ना ने लड़के की ओर देखा तो लड़का आगे कहने लगा,”एक्को लड़की से प्यार किये थे और उह भी नहीं मिली , ऐसी जिंदगी से तो मर जाना ही ठीक है। हम हिया से कूद के जान दे देंगे तभी उसको हमारी अहमियत समझ आएगी”
मुन्ना ने लड़के को कुछ ज्यादा ही जज्बाती होते देखा तो वंश को साइड किया और खींचकर एक थप्पड़ लड़के के गाल पर मारते हुए कहा,”एक लड़की के लिए जान देने जा रहे हो कैसे मर्द हो बे ?”
“भैया तुमको नहीं पता का की उह हमाये साथ ? हम उस से इतना पियार करते थे फिर भी उह हमे छोड़ के चली गयी”,लड़के ने वंश के गले पड़ रोते हुए कहा। शराब की बदबू से वंश का दम घुटने लगा उसने लड़के को खुद से दूर किया और मुन्ना से कहा,”मुन्ना आराम से यार मार काहे रहे हो बेचारे को ?”
“अबे मारे नहीं तो और क्या करे ? साला 6 महीने के प्यार में एक लड़की के लिए कूदने जा रहा है और जो माँ बाप 20-22 साल इसको पालपोसकर बड़ा किये है उनकी चिंता नहीं है इसको”,मुन्ना ने गुस्से से कहा तो लड़का नीचे जमीन पर बैठ गया और सर पकड़ कर रोने लगा।
मुन्ना उसके सामने बैठा और कहने लगा,”तुम्हारे मरने से का होगा ? जो लड़की तुम्हरा प्यार जीते जी नहीं समझ पाई तुमको लगता है तुम्हारे मरने के बाद समझेगी ? तुम्हारे मरने के बाद उस लड़की को तो दूसरा लड़का मिल जाएगा लेकिन कभी अपने माँ बाप के बारे में सोचे हो ? तुम्हारी लाश देखकर उन पर का बीतेगी सोचा है कभी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अबे माँ बाप से ज्यादा प्यार कोई नहीं कर सकता , साले मरना है तो उनके लिए मरो , उन्हें खुश रखो , उन्हें प्यार दो लेकिन नहीं तुमको साला लौंडियाबाजी करनी है बस,,,,,,,,,,,लड़की ने प्यार में धोखा दिया नहीं की मरने चल पड़े”
मुन्ना को गुस्सा होते देख वंश ने उसे रोका और कहा,”अरे मुन्ना जाने दो ना , डर गया है बेचारा सुसाइड तो क्या बेचारा ख्याल भी दिमाग में नहीं लाएगा , पड़ गयी है उसको”
“भाईसाहब ठीक कह रहे है , जाने दीजिये ना भैया”,लड़के ने मिमियाते हुए कहा
“ठीक कह रहे है तो उठो और सीधा घर जाओ और दोबारा ऐसे करने से पहले हमारा थप्पड़ जरूर याद कर लेना”,मुन्ना ने लड़के को सख्त हिदायत देते हुये कहा

लड़का उठा और वहा से चला गया। वंश ने अपनी शर्ट को सूंघते हुए कहा,”एक नंबर का बेवड़ा है”
“चल घर चलते है”,मुन्ना ने कहा तो वंश एक बार फिर आकर बाइक पर बैठा और बाइक स्टार्ट कर मुन्ना को बैठने का इशारा किया। मुन्ना उसके पीछे आ बैठा और दोनों घर के लिए निकल गए। वंश ने शॉर्टकट रास्ता अपनाया लेकिन आगे मोड़ पर पुलिस अपनी जीप के साथ खड़ी थी। वंश ने देखा और फिर मन ही मन खुद से कहा,”एक काम करते है चुपचाप निकल जाते है”
वंश ने बाइक आगे बढ़ा दी लेकिन बाइक पुलिस की जीप के आगे से निकालता इस से पहले ही पुलिस का डंडा उसकी बाइक के हेंडल से आ लगा। वंश ने साइड में देखा बाइक को रोकने वाला किशोर था उसे देखते ही वंश की भँवे चढ़ गयी। किशोर ने डंडा हटाया और वंश के पास आया। मुन्ना ने देखा किशोर ने दूसरी बार उसकी बाइक रोकी है और इस बार वंश भी साथ है। उसने किशोर से कहा,”सर हमारी बाइक क्यों रोकी है ?”
“बनारस में आजकल लौंडे शराब , चरस , भांग का नशा करते है ,, आधी रात को बाइक लेकर गलियों में घूमते है। होश में रहते नहीं इसलिए किसी को भी टक्कर मार देते है और अगले दिन हम पुलिस वालो से कहा जाता है की हम उन्हें ढूंढे”,किशोर ने मुन्ना की बात को अनसुना करते हुए कहा
“तुम्हारे कहने का मतलब क्या है ? हम रात में रंगबाजी करने निकले है”,वंश ने किशोर को देखकर कहा
“गर्मी कुछो ज्यादा ही तुम्हारे अंदर , अपने आपको ना थोड़ा ठंडा रखो अभी बता देते है क्यों रोका है ? (कहते हुए वंश के शर्ट को सूंघता है और उसकी आँखों में देखते हुए कहता है) तुम्हे देखकर लगता नहीं की तुम देशी पीने वाले हो”
“अबे ये क्या बकवास,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए वंश जैसे ही उतरने को हुआ मुन्ना ने उसके कंधे पर हाथ रख उसे रोक लिया और किशोर से कहा,”सर हम अच्छे घर के लड़के है , किसी काम से बाहर गए थे वही से लौट रहे है। अगर आपकी जाँच पड़ताल हो गयी हो तो हम जाये”
“इंस्पेक्टर तुमको शायद मालूम नहीं है हम कौन है ? इस पुरे बनारस में किसी की हिम्मत नहीं है जो वंश गुप्ता की गाड़ी रोक सके ,, चाचा विधायक है हमारे , एक फोन घुमा दिए ना तो कल से कही और नौकरी करते नजर आओगे”,वंश ने कहा जो की उसे नहीं कहना चाहिए था।
किशोर ने सूना तो बाइक से चाबी निकालते हुए कहा,”तो फिर एक काम करो अपने चाचा को बुला ही लो वो भी तो देखे तुम्हारे तेवर ,, ए तिवारी गाडी साइड में लगाओ जरा”
मुन्ना ने बात को बिगड़ते देखा तो कहा,”जाने दीजिये ना इसका गुस्सा थोड़ा तेज है हम आपसे माफ़ी चाहते है।
“गुस्से में क्या ये अपनी हदें पार करेगा ?”,किशोर ने वंश को देखते हुए कहा जो की उसे ही घूर रहा था
“सर पापा को पता चलेगा तो उन्हें अच्छा नहीं लगेगा , प्लीज हम इसकी तरफ से भी आपसे माफ़ी चाहते है”,मुन्ना ने कहा लेकिन किशोर तो कॉलेज वाले दिन से ही मुन्ना और वंश से खार खाकर बैठा था। उसने मुन्ना को घूरते हुए कहा,”अपने बाप का इतना डर था तो इतनी रात में आवारा घूमने की जरूरत क्या थी ? तुम दोनों को देखकर लगता है तुम्हारे बाप भी तुम्हारी तरह आवारा,,,,,,,,,,,,,,,!!!”
किशोर का इतना कहना था की वंश ने गुस्से में आकर उसकी कोलर पकड़ ली और कहा,”तमीज से,,,,,,,,,,,,,,,,,पुलिस वाले होंगे अपने घर साले एक और शब्द बोला ना हमारे पापा के बारे में तो,,,,,,,,,,,,,,,”
वहा खड़े कॉन्स्टेबल ने वंश को दूर किया , किशोर को भी गुस्सा आ गया और उसने गुस्से में हाथ उठाते हुए कहा,”तेरी इतनी हिम्मत की तू पुलिस वाले की कॉलर पकडे”
किशोर का हाथ वंश के गाल पर लगता इस से पहले किसी ने उसकी कलाई को हवा में ही रोक लिया। प्रताप ने साइड में देखा मुन्ना ने उसके हाथ को रोक रखा था। कुछ देर पहले जो मुन्ना शांत , समझदार दिख रहा था उसके तेवर एकदम से बदल गए। चेहरे पर कठोरता नजर आ रही थी और आँखों में गुस्से की आग उसने प्रताप का हाथ नीचे करते हुए कहा,”बिना किसी जुर्म के आप उस पर हाथ नहीं उठा सकते इतना कानून तो शायद आप भी जानते है”
“तुमने देखा नहीं उसने एक पुलिस वाले की कॉलर पकड़ी है”,किशोर ने गुस्से से काँपते हुए कहा
“वो था इसलिए कॉलर पकड़ी हम होते तो ज़िंदा गाड देते,,,,,,,,,,दोबारा पापा के लिए कुछ मत कहना”,मुन्ना ने गुस्से से किशोर की आँखों में झाँकते हुए कहा तो किशोर थोड़ा सहम गया अब तक दो मुलाकातों में मुन्ना को उसने शांत ही देखा था लेकिन आज जब गुस्से में देखा तो अंदर ही अंदर थोड़ा डर गया।
बात बढ़ते देखकर वहा खड़े एक कॉन्स्टेबल ने पहले ही मुरारी को खबर कर दी थी। कुछ देर बाद गाड़ी आकर रुकी और मुरारी उस में से निकलकर बाहर आया। उसे देखते ही किशोर ने सेल्यूट करते हुए कहा,”जय हिन्द सर”
“जय हिन्द , का हो रहा है हिया ? हमको फोन आया था की आपने इनकी गाड़ी रोक ली काहे ?”,मुरारी ने मुन्ना और वंश को एक नजर देखकर प्रताप से कहा
“सर ड्रिंक एंड ड्राइव का केस है , शराब पीकर गाड़ी चला रहे थे कल को किसी तरह की दुर्घटना हो जाती तो कौन जिम्मेदार होता इसलिए हमने इन्हे रोका लेकिन ये (वंश की तरफ इशारा करते हुए) थोड़ा गरमा गए इसलिए आपको बुलवाना पड़ा”,किशोर साफ झूठ बोल गया
मुरारी ने वंश की तरफ देखा तो वंश ने आँखे नीची कर ली।
“पापा ऐसा कुछ नहीं,,,,,,,,,,,,,,,!”,मुन्ना ने जैसे ही कहना चाहा मुरारी ने हाथ करके उसे रोक दिया और किशोर से कहा,”देखिये दरोगा जी बच्चे है आपको तो पता ही है इह उम्र मा जोश और गर्म खून रहता है ,, गरमा गए होंगे थोड़ा माफ़ कर दीजिये,,,,,,,,,,,,,,,,,,,ए मुन्ना वंश माफ़ी माँगो दरोगा जी से और दोबारा ऐसा कुछो करना मत”
“अरे नहीं नहीं विधायक जी इसकी जरूरत नहीं है , हमने तो बस इन्हे रोककर अपना फर्ज पूरा किया है”,किशोर ने मुरारी की नजरो में अच्छा बनने के लिए मुस्कुराते हुए कहा
“इनको भी अपना फर्ज पूरा करना चाहिए ना , इनके पिताजी विधायक इह का मतलब जे थोड़ी न है जे मनमानी करेंगे। दोनों आकर माफ़ी माँगो दरोगा जी से”,मुरारी ने कठोरता से कहा
मुन्ना और वंश ने किशोर को सॉरी कहा और वही कुछ दूर खड़े हो गए।
“इतनी रात में आपको परेशान होना पड़ा उसके लिए आई ऍम सॉरी सर”,किशोर ने कहा
“हम्म्म्म”,मुरारी ने कहा तो किशोर ने उसे बाइक की चाबी दे दी। मुरारी ने मुन्ना और वंश को आकर गाड़ी में बैठने का इशारा किया और बाइक की चाबी किशना को देकर बाइक लाने को कहा। मुन्ना और वंश चुपचाप आकर गाड़ी में बैठ गए। मुरारी ने दोनों को कुछ नहीं कहा और चुपचाप ड्राइवर सीट पर आ बैठा और गाड़ी स्टार्ट कर वहा से निकल गया।
“चाचा आपको पता नहीं है वो इंस्पेक्टर,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने जैसे ही कहा मुरारी ने सख्त स्वर में कहा,”घर पहुँच जाये फिर बात करते है इस बारे में”
मुन्ना ने सूना तो उसने वंश के हाथ पर हाथ रख दिया और अपनी पलके झपका दी। वंश की आँखों के सामने बार बार वही पल आ रहा था जब किशोर ने उसके पापा के लिए गलत शब्द इस्तेमाल किया जबकि मुन्ना के दिमाग में चल रहा था की आखिर क्यों किशोर उनके सामने अलग और मुरारी के सामने अलग पेश आ रहा था। क्या ये आने वाले वक्त में मुरारी और उसके परिवार के लिए खतरा था या कोई और वजह थी।

उसी रात घाट की सीढ़ियों पर लेटे शक्ति से आकर उसके साथ काम करने वाले लड़के विष्णु ने कुछ रूपये शक्ति की ओर बढाकर कहा,”मालिक ने कहा है उन्हें वो फाइल परसो सुबह तक चाहिए। हमारे पास कल का दिन और रात है ,, मैंने सब छानबीन कर ली है कल उनके घर पर कोई बड़ा जलसा है सब उसमे व्यस्त रहेंगे तब हम लोग जाकर इस काम को अंजाम दे देंगे,,,,,,,,,,,,,क्यों ठीक है ?”
शक्ति ने विष्णु की बात का कोई जवाब नहीं दिया वह ना जाने किस सोच में गुम था। विष्णु ने देखा तो कहा,”शक्ति,,,,,,,,,,,,,,शक्ति मैं तुझसे बात कर रहा हूँ”
“तू कब आया और का कह रहा था ?”,शक्ति ने उठकर बैठते हुए कहा
“शक्ति कुछ दिनों से देख रहा हूँ तू खोया खोया सा रहता है , क्या बात है सब ठीक है ना ?”,विष्णु ने अपनेपन से कहा
“हाँ तू काम बोल”,शक्ति ने कहते हुए जेब से सिगरेट निकाली और अपने मुंह में रखकर जलाने लगा। विष्णु ने उसे सारी बात फिर बताई और कहा,”मालिक ने कहा है ये काम जल्दी हो जाना चाहिए”
“हो जाएगा , ऐसा कोई काम नहीं है जो शक्ति ने आज तक पूरा न किया हो”,शक्ति ने कहा और फिर लेटकर सिगरेट के कश लगाने लगा

आखिर क्या है किशोर के नफरत की वजह ? क्या मुन्ना और वंश मुरारी के सामने खुद को साबित कर पाएंगे ? ऐसा कौनसा काम है जिसके लिए विष्णु ने शक्ति को कहा ? जानने के लिए सुनते / पढ़ते रहे “मैं तेरी हीर”

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