“मैं तेरी हीर” – 23
Main Teri Heer – 23
Main Teri Heer – 23
घाट पर सफ़ेद दुप्पटे वाली लड़की को देखकर मुन्ना का मन एक बार फिर बैचैन हो गया वह गौरी के बारे में सोचने लगा। चलते चलते उसे कुछ ही दूर खड़े शिवम् के घरवाले दिखे मुन्ना भी उस तरफ चला आया। अंजलि ने देखा तो ख़ुशी से कहा,”अरे वाह मुन्ना भैया आप भी आये है”
“अस्सी घाट की आरती हो और मुन्ना भैया शामिल ना हो , ऐसा भला हो सकता है क्या ?”,काशी ने मुस्कुराते हुए कहा
मुन्ना मुस्कुराया और सारिका के पास आकर कहा,”बड़ी माँ आप ओल्डएज होम लेकर जाने वाली थी हमे”
“हां मुन्ना पर जब अनु से बात हुई तो उसने बताया की तुम्हारी तबियत ठीक नहीं है , इसलिए हम वंश को साथ लेकर चले गए”,सारिका ने कहा
“क्या वंश ? वो भी आपके साथ ओल्डएज होम में ,,, हमे यकीन नहीं हो रहा”,मुन्ना ने हैरानी से कहा
“हमे भी नहीं हुआ था पर जब उसे सबके साथ हँसते मुस्कुराते देखा तो अच्छा लगा। वंश नहीं आया तुम्हारे साथ हमे लगा वो आएगा”,सारिका ने इधर उधर देखते हुए पूछा
“नहीं वो नहीं आया”,मुन्ना ने कहा
“कोई बात नहीं तुम भी हमारे बेटे हो , चलो आओ सब साथ में पूजा करते है”,शिवम् ने मुन्ना के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा। सभी चलकर निचे आये , दीपक जलाये और हाथो में लेकर अपनी अपनी मनोकामना मांगने लगे। सारिका और शिवम् ने एक ही दीपक साथ जलाया था। दोनों ने एक ही दुआ मांगी की उनका साथ बना रहे और दोनों ने एक साथ उस दीपक को घाट के पानी में बहा दिया।
पास ही खड़ी काशी आँखे मूंदे अपने महादेव से मन ही मन कहने लगी,”हमे कभी आपसे कुछ मांगने की जरूरत ही नहीं पड़ी आपने पहले ही हमे इतना अच्छा परिवार और सबका प्यार दे रखा है लेकिन आज दिल कर रहा है आपसे कुछ माँगे , उस शाम इस घाट पर हम जिस शख्स से टकराये थे वो कौन था हम जानना चाहते है। क्यों उसे देखते ही हमारा मन बैचैन हो गया ? क्या हम पहले भी उस से मिले है या फिर पहली बार मिले है,,,,,,,,,,,,,,हम जितना खुद को समझाने की कोशिश करे हमारा दिमाग हमे उतना ही उलझाता जा रहा है। हमे एक बार उनसे मिलना है पूछना है उनसे की वो कौन है ? क्या हम उन्हें या वो हमे जानते है ? बस एक बार उनसे मिलवा दीजिये महादेव”
कहते हुए काशी ने अपनी आँखे खोली और हाथ में पकडे दोने को पानी में बहा दिया। आज अस्सी घाट बहुत प्यारा लग रहा था। गंगा के पानी में तैरते वो सेंकडो दीपक उस पल को और भी खूबसूरत बना रहे थे। अंजलि ने सबके कुछ फोटो लिए और सभी वही खड़े होकर उस नज़ारे को निहारने लगे।
“सरु हम कल की पूजा के लिए पंडित जी को निमंत्रण देकर आते है”,शिवम् ने कहा
“ठीक है”,सारिका ने कहा और फिर मुन्ना , काशी और अंजलि के पास आकर गंगा के पानी को निहारने लगी
सभी बातों में लगे हुए थे की तभी एक लड़की ने आकर मुन्ना से कहा,”नमस्ते सर ! कैसे है आप ?”
लड़की की आवाज पर चारो ने एक साथ उस ओर देखा। मुन्ना ने देखा ये वही लड़की थी जो पहले उस से “बार” में मिली थी , उसके बाद कॉलेज में , उसके बाद मुन्ना ने एक बार उसे घर तक भी छोड़ा था। काशी और अंजलि ने एक दूसरे की तरफ देखा।
“नमस्ते , तुम यहाँ ?”,मुन्ना ने कहा
“हां आप सब की तरह मैं भी यहाँ दीपक जलाने आयी थी , ये सब शायद आपके घरवाले है”,लड़की ने चहकते हुए कहा
“हां लेकिन तुम कौन हो ? और हमारे भैया को कैसे जानती हो ?”,काशी ने सवाल किया
“वो मैं सर के कॉलेज में ही पढ़ती हूँ , सर हमारे कॉलेज में सीनियर है ना”,लड़की ने मुन्ना को देखते हुए कहा जबकि मुन्ना ने उसे देखा तक नहीं
“नाम क्या है तुम्हारा ?”,लगे हाथ अंजलि ने भी सवाल कर डाला
“पूजा तिवारी नाम है”,लड़की ने कहा , वह तो जैसे वहा जम सी गयी सारिका ने उसे एक नजर देखा और फिर आई के बुलाने पर उनकी ओर चली गयी।
“क्या बात है मुन्ना भैया आप तो बडे छुपे रुस्तम निकले,,,,,,,,,,तिवारी जी की लड़की,,,,हाँ”,काशी ने फुसफुसाते हुए कहा
बेचारा मुन्ना खुद को तीन लड़कियों के बीच फंसा हुआ महसूस कर रहा था। कही काशी और अंजलि उसे गलत ना समझ ले सोचकर उसने काशी से कहा,”अच्छा काशी हमे ना वंश का फोन आया था तो हम चलते है”
“अरे कहा रुकिए ज़रा पूजा जी इतनी दूर से आयी है आपसे मिलने”,काशी ने मुन्ना की बांह पकड़कर उसे रोकते हुए कहा
“सर आपकी बहन तो बहुत ही प्यारी है”,पूजा ने कहा
“हां ये हमसे कुछ ज्यादा ही प्यार करती है , हमे लगता है तुम्हे अब जाना चाहिए”,मुन्ना ने कहा
“ओके सर बाय सर , हैप्पी दिवाली”,पूजा ने कहा और वहा से चली गयी उसके जाने के बाद काशी ने मुन्ना से कहा,”हाउ रूड , ऐसे कौन बात करता है लड़कियों से ? बेचारी कितने प्यार से आपको देख रही थी और आपने उसे भाव तक नहीं दिया”
“काशी वो हमारी जूनियर है , हमारे ही कॉलेज में पढ़ती है। हमने तो उसका नाम भी आज पहली बार सूना है”,मुन्ना ने कहा
“हमे तो इंतजार है उस लड़की का जिसे देखकर आप हां कहेंगे”,काशी ने कहा तो मुन्ना मुस्कुरा उठा कहा,”उस से पहले मैं और वंश तुम्हारे लिए लड़का ढूंढेंगे तुम्हारी शादी करके तुम्हे भेज देंगे , वरना तुम ना जाने कितनी लड़कियों को अपनी भाभी बना लोगी”
मुन्ना ने कहा तो काशी ने उसे घुरा और फिर उसकी बांह पर अपने नाजुक हाथो से दो चार घुसे मारते हुए कहा,”आप बहुत बुरे है”
“काशी तुम्हारे दोनों भाई ना थोड़े अलग है अब तुम ही बताओ तुम्हारे भाईयो की जिंदगी में इतनी जल्दी प्यार की एंट्री कैसे होगी ? पूजा सिर्फ हमारी जूनियर है हम उसे तो क्या कॉलेज की किसी भी लड़की को उस नजर से नहीं देखते”,मुन्ना ने कहा
“हम्म्म्म ठीक है”,काशी ने तुंरत अपना गुस्सा भूलते हुए कहा
“ठीक है अब हम जा रहे है”,मुन्ना ने कहा
“आप हम लोगो के साथ नहीं जा रहे ?”,काशी ने पूछा
“नहीं दरअसल वो वंश अपने दोस्तों के साथ है तो उसे लेकर घर जाना है”,मुन्ना ने काशी से कहा
“क्या वंश भैया बाहर घूम रहे है ? पापा को पता चला ना तो बहुत गुस्सा करेंगे वो ,, आपको पता है उन्होंने आज सुबह क्या किया ?”,कहते हुए काशी ने उबटन वाली बात मुन्ना को बता दी तो मुन्ना ने कहा,”ये लड़का किसी दिन पिटेगा हमसे ,, अच्छा ठीक है तुम ये बात किसी को मत बताना हम जा रहे है बड़े पापा घर पहुंचे उस से पहले हम वंश को लेकर घर पहुँच जाएगे”
कहते हुए मुन्ना वहा से चला गया। मुन्ना के जाने के बाद अंजलि ने कहा,”मुन्ना भैया कितने अच्छे है ना काशी , वंश भैया से कितना प्यार करते है”
“अंजलि मुन्ना भैया और वंश भैया भाई से ज्यादा एक दूसरे के बेस्ट फ्रेंड है , वंश भैया जब भी कोई गड़बड़ करते है मुन्ना भैया उन्हें बचा लेते है। अब तो बस महादेव इन दोनों की जिंदगी में दो अच्छी सी लड़किया भेज दे और इनकी दोस्ती हमेशा ऐसे ही बनी रहे”,काशी ने जाते हुए मुन्ना को देखकर कहा
“काशी अगर मुन्ना भैया और वंश भैया को एक ही लड़की से प्यार हो जाये तो,,,,,,,,,,,,,,,,,,हमारा मतलब तब भी क्या ये दोनों दोस्त रहेंगे ?”,अंजलि ने अपना डाउट काशी के सामने रखते हुए कहा
“हम कभी नहीं चाहेंगे ऐसा हो , और हमे नहीं लगता एक लड़की की वजह से कभी इनके रिश्ते पर फर्क पडेगा। और तू ऐसी बाते बोलना बंद कर और चल यहाँ से”,काशी ने कहा
काशी अंजलि को लेकर चल पड़ी लेकिन उसके मन में भी अंजलि की कही बात आयी और काशी ने मन ही मन खुद से कहा,”कही अंजलि की बात सच हुई तो क्या होगा ?,,,,,,,,,,,,,,,हम भी ना कहा इस अंजलि की बातो में आ रहे है। मुन्ना भैया और वंश भैया दोनों एक दूसरे से अलग है देखना उनकी पसंद भी अलग होगी”
मुन्ना घाट से बाहर आया और चैन की साँस ली आज तो उस पूजा ने उसे फंसा ही दिया था काशी और अंजलि के बीच। खैर मुन्ना बाइक स्टार्ट की और वहा से चला गया। जिस रेस्त्रो के बाहर मुन्ना ने वंश को छोड़ा था वहा आकर मुन्ना ने बाइक रोकी और वंश को फोन मिलाया लेकिन कोई जवाब नहीं। मुन्ना ने एक बार फिर नंबर डॉयल किया लेकिन इस बार भी वंश ने फोन नहीं उठाया। अब मुन्ना को गुस्सा आने लगा , वंश का इस तरह लापरवाह होना उसे बिल्कुल पसंद नहीं था उसने तीसरी बार फोन लगाया और वही हुआ इस बार भी वंश ने फोन नहीं उठाया। मुन्ना ने अपना फोन जेब में रखा और रेस्त्रो के अंदर चला आया। इधर उधर नजर दौड़ाई तो देखा वंश अपने दोस्तों के साथ बैठा पत्ते खेल रहा है। मुन्ना झुका और अपने पैर से अपना जूता निकाला और एक निशाना साध कर फेंका वंश पर ,, जैसे ही वंश के दोस्तों ने मुन्ना को देखा सारे उठकर भागे। वंश ने मुन्ना को देखा तो उछलकर सोफे पर चढ़ गया। मुन्ना ने दूसरा जूता निकालकर भी हाथ में ले लिया और वंश को घूरते हुए कहा,”इसलिए तू यहाँ आया था”
“अरे मुन्ना ऐसा कुछ नहीं है जस्ट फॉर फन”,वंश ने खुद को बचाते हुए कहा
“तेरा फन तो हम निकालते है बेटा , तू निचे आ”,मुन्ना ने कहा
“अबे पापा यहाँ क्या कर रहे है ?”,वंश ने कहा तो मुन्ना ने पलटकर दरवाजे की तरफ देखा इतने में वंश वहा से उतरकर पास ही खिड़की से बाहर कूद गया। वंश ने मुन्ना से झूठ कहा वहा कोई पापा नहीं थे , मुन्ना जैसे ही वापस पलटा वंश को वहा ना पाकर समझ गया की वंश ने उसे बेवकूफ बनाया है। मुन्ना ने अपने जूते पहने और बाहर आया , वंश वही बाइक के पास खड़ा दिखा तो मुन्ना ने जाकर उसे दबोच लिया और पीटते हुए कहा,”कितनी बार कहा तुमसे के जे रंगबाजी छोड़ दो पर नहीं ,, बड़े पापा को पता चला न इन सबके बारे में बेटा अच्छे से सुताई होगी तुम्हारी,,,,,,,,,,,,सुधर जाओ”
“अरे मुन्ना सॉरी , हम सब बस ऐसे ही मजे के लिए खेल रहे थे ,, क्या कर रहा है यार छोड़ ना ? अबे लग रही है हमे,,,,,,,,,,,,अरे यार आगे से नहीं करूंगा पक्का ,,, ए मुन्ना,,,,,,,,,,,अबे लग गई आँख में”,वंश ने मुन्ना के हाथो पीटते हुए कहा और जब मुन्ना ने उसकी एक नहीं सुनी तो उसने नौटंकी करते हुए कहा की उसकी आँख में लग गयी है।
इतना सुनते ही मुन्ना ने उसे छोड़ दिया और उसकी आँख देखते हुए कहा,”दिखा कहा लगी , हमने कहा था तुमसे की ये सब में अपना वक्त बर्बाद मत करो पर तुम सुनते नहीं हो,,,,,,,,,,,,,,अब लग गयी ना आँख में,,,,,,,,,,,,हमने भी गुस्से गुस्से में तुम्हे पीट दिया,,,,,,,,,,,,,आँख खोलो जरा,,,,,,,,,,,,,,!!
मुन्ना को अपनी परवाह करते देखकर वंश को बहुत अच्छा लग रहा था उसने एकदम से मुन्ना के दोनों हाथो को पकड़ा और नीचे करते हुए कहा,”मुन्ना मैं ठीक हूँ”
“वो तुम्हारी आँख,,,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा
“वो तो तुम मेरी बात नहीं सुन रहे थे इसलिए इसलिए झूठ कहा,,,,,,,,,,,,अच्छा चल सॉरी आगे से नहीं करूंगा”,वंश ने मुन्ना को मनाते हुए कहा
“तुम्हारा रोज का है वंश , तुम नहीं सुधरोगे”,मुन्ना ने उदास होकर पीछे हटते हुए कहा
“मुन्ना सॉरी ना यार कसम से मैं सिर्फ ऐसे ही मजाक कर रहा था बाकि सब खेल रहे थे , तू कहेगा तो आज के बाद इन लोगो से मिलूंगा भी नहीं”,वंश ने कहा
“वंश तु दोस्त बना , उनसे मिल , उनके साथ घूम हमे कोई दिक्कत नहीं है बस कुछ ऐसा मत कर जिस से पापा और बड़े पापा का नाम खराब हो ,, तू समझ रहा है”,मुन्ना ने कहा
“हम्म्म आई ऍम सॉरी”,वंश ने कहा तो मुन्ना बाइक के पास आया और बाइक स्टार्ट करके कहा,”चल आ बैठ”
वंश मुन्ना के पीछे आ बैठा। मुन्ना ने बाइक आगे बढ़ा दी ,, कुछ ही दूर चले की वंश ने मुन्ना को पीछे से हग करते हुए कहा,”आई लव यू”
“बनारस की लड़किया कम पड़ गयी जो अब हमे आई लव यू बोल रहा है”,मुन्ना ने ताना मारते हुए कहा
“बनारस की किसी भी लड़की को आज तक वंश गुप्ता ने आई लव यू नहीं बोला है ,, और बनारस की कोई भी लड़की मुझसे इतना प्यार नहीं कर सकती जितना तू करता है”,वंश ने मुन्ना की पीठ से अपना सर लगाते हुए कहा तो मुन्ना मुस्कुरा उठा।
क्या पूजा मुन्ना का दिल जीत पायेगी ? क्या महादेव पूरी करेंगे काशी की मनोकामना ? क्या मुन्ना सुधार पायेगा वंश को ? जानने के लिए पढ़ते रहे मैं तेरी हीर
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क्रमश – “मैं तेरी हीर” – 24
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संजना किरोड़ीवाल
घाट पर सफ़ेद दुप्पटे वाली लड़की को देखकर मुन्ना का मन एक बार फिर बैचैन हो गया वह गौरी के बारे में सोचने लगा। चलते चलते उसे कुछ ही दूर खड़े शिवम् के घरवाले दिखे मुन्ना भी उस तरफ चला आया। अंजलि ने देखा तो ख़ुशी से कहा,”अरे वाह मुन्ना भैया आप भी आये है”
“अस्सी घाट की आरती हो और मुन्ना भैया शामिल ना हो , ऐसा भला हो सकता है क्या ?”,काशी ने मुस्कुराते हुए कहा
मुन्ना मुस्कुराया और सारिका के पास आकर कहा,”बड़ी माँ आप ओल्डएज होम लेकर जाने वाली थी हमे”
“हां मुन्ना पर जब अनु से बात हुई तो उसने बताया की तुम्हारी तबियत ठीक नहीं है , इसलिए हम वंश को साथ लेकर चले गए”,सारिका ने कहा
“क्या वंश ? वो भी आपके साथ ओल्डएज होम में ,,, हमे यकीन नहीं हो रहा”,मुन्ना ने हैरानी से कहा
“हमे भी नहीं हुआ था पर जब उसे सबके साथ हँसते मुस्कुराते देखा तो अच्छा लगा। वंश नहीं आया तुम्हारे साथ हमे लगा वो आएगा”,सारिका ने इधर उधर देखते हुए पूछा
“नहीं वो नहीं आया”,मुन्ना ने घाट पर सफ़ेद दुप्पटे वाली लड़की को देखकर मुन्ना का मन एक बार फिर बैचैन हो गया वह गौरी के बारे में सोचने लगा। चलते चलते उसे कुछ ही दूर खड़े शिवम् के घरवाले दिखे मुन्ना भी उस तरफ चला आया। अंजलि ने देखा तो ख़ुशी से कहा,”अरे वाह मुन्ना भैया आप भी आये है”
“अस्सी घाट की आरती हो और मुन्ना भैया शामिल ना हो , ऐसा भला हो सकता है क्या ?”,काशी ने मुस्कुराते हुए कहा
मुन्ना मुस्कुराया और सारिका के पास आकर कहा,”बड़ी माँ आप ओल्डएज होम लेकर जाने वाली थी हमे”
“हां मुन्ना पर जब अनु से बात हुई तो उसने बताया की तुम्हारी तबियत ठीक नहीं है , इसलिए हम वंश को साथ लेकर चले गए”,सारिका ने कहा
“क्या वंश ? वो भी आपके साथ ओल्डएज होम में ,,, हमे यकीन नहीं हो रहा”,मुन्ना ने हैरानी से कहा
“हमे भी नहीं हुआ था पर जब उसे सबके साथ हँसते मुस्कुराते देखा तो अच्छा लगा। वंश नहीं आया तुम्हारे साथ हमे लगा वो आएगा”,सारिका ने इधर उधर देखते हुए पूछा
“नहीं वो नहीं आया”,मुन्ना ने घाट पर सफ़ेद दुप्पटे वाली लड़की को देखकर मुन्ना का मन एक बार फिर बैचैन हो गया वह गौरी के बारे में सोचने लगा। चलते चलते उसे कुछ ही दूर खड़े शिवम् के घरवाले दिखे मुन्ना भी उस तरफ चला आया। अंजलि ने देखा तो ख़ुशी से कहा,”अरे वाह मुन्ना भैया आप भी आये है”
“अस्सी घाट की आरती हो और मुन्ना भैया शामिल ना हो , ऐसा भला हो सकता है क्या ?”,काशी ने मुस्कुराते हुए कहा
मुन्ना मुस्कुराया और सारिका के पास आकर कहा,”बड़ी माँ आप ओल्डएज होम लेकर जाने वाली थी हमे”
“हां मुन्ना पर जब अनु से बात हुई तो उसने बताया की तुम्हारी तबियत ठीक नहीं है , इसलिए हम वंश को साथ लेकर चले गए”,सारिका ने कहा
“क्या वंश ? वो भी आपके साथ ओल्डएज होम में ,,, हमे यकीन नहीं हो रहा”,मुन्ना ने हैरानी से कहा
“हमे भी नहीं हुआ था पर जब उसे सबके साथ हँसते मुस्कुराते देखा तो अच्छा लगा। वंश नहीं आया तुम्हारे साथ हमे लगा वो आएगा”,सारिका ने इधर उधर देखते हुए पूछा
“नहीं वो नहीं आया”,मुन्ना ने
As always superb superb superb superb superb superb superb superb superb part of the day 👌👌👌👌👌 eagrly waiting for the next 👌👌👌👌👌
Sach me munna or vansh dono ki dosti bhut unique h bilkul murari or shivam ki tarah bas anjali ki kahi baat sach hoti h ya nhi dekhna h, kahi dono ko gauri se pyr na ho jaye.
Yeh kisi aap sanjana ji vansh ki sutai kara he do shivam se…To shayad vansh ko kuch akal
speechless mam such me kamaal ka likhte ho ap jawab ni h apka pooja kya kregi ye to ni jante lekin ek request h in dono ki dosti me kuch bura na hone dena plz mam kyuki anu or sarika wala incidence aj v yaad h Hume plz kuch aisa ho ki dono ki life me alag alag hi insan aaye baki apki tarif me kya kahe I love you🤗🤗🤗🤗🤗
Nice story
Lovely part
Ye kesi kesii chij sochti rhti hh yrr ye or je sala ho bhi jata h😂😂😂😂
Vansh k joota pdaa😂😂😂 dono ki friendship bhutt achi hh 🥰🥰🥰
Bhut hi shaandaar part tha
Bht hi acha likhti hai ap mam…
Dusra part v daldijiye
Part chota tha pr acha tha dono bhaiyo ka pyar ❤️
Very nice part 👌
Ab kya vansh me kabhi sudhar aayega ya abhi bhi bo ese hi ulti sidhi harkaten karta rahega
Kay munna or gauri mil bhi payege or unke beech pyar bhi hoga ya baha par bhi vansh ki entry ho jayegi