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मैं तेरी हीर – 19

Main Teri Heer – 19

Main Teri Heer by Sanjana Kirodiwal |
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Main Teri Heer – 19

मुंबई , नवीन का घर
वंश सुबह जल्दी उठ गया। उसने बैग से अपने कपडे निकाले और नहाने चला गया। वंश अपने बालों को पोछते हुए कमरे से बाहर आया और शीशे के सामने खड़े होकर कपडे पहनने लगा। शूटिंग पर वंश का आज पहला दिन था और उसे आज बेस्ट दिखना था। उसने कपडे पहने , बालो को जेल लगाकर सेट किया , हाथ में घडी पहनी और गले में चैन के साथ पेन्डेन्ट पहन लिया। चेहरे को चमकदार दिखाने के लिए उस पर क्रीम लगाई और फिर अपना पसंदीदा परफ्यूम लगाकर बिस्तर पर आ बैठा।

उसने बिस्तर के साइड से अपने जूते निकाले और पहनने लगा। जूते पहनकर वंश ने अपना फोन चार्जिंग से निकाला जो की पूरा चार्ज हो चुका था। वंश ने देखा मुन्ना की मिस्ड कॉल है और साथ ही डायरेक्टर सुमित के भी मिस्ड कॉल्स और मैसेज है। वंश ने मैसेज देखा जिसमे सुमित ने
शूटिंग लोकेशन का एड्रेस भेजा था। वंश ने मुन्ना के लिये एक मैसेज लिखा और फिर फोन जेब में डाल लिया। उसने अपने बैग में जरुरी सामान और अपने कुछ जरुरी डॉक्युमेंट्स रखे और कमरे से बाहर चला आया।


नवीन मेघना और निशि अभी सो रहे थे और वंश उन्हें डिस्टर्ब नहीं करना चाहता था इसलिए उसने मेघना के लिए एक नोट लिखा और डायनिंग टेबल के ऊपर रखकर चला गया। वंश को जल्दी निकलना था क्योकि नवीन के घर से लोकेशन बहुत दूर थी और वंश को वहा पहुँचते पहुँचते 2 घंटे लगने वाले थे। वंश ने अपने लिए कैब बुक कर दी थी कुछ देर बाद कैब आयी और वंश उस में बैठकर चला गया।
वंश बहुत खुश था आज से उसके सपने पुरे होने वाले थे और इसका ये पहला दिन था।

खिड़की से बाहर देखते हुए वंश अपनी आने वाली नयी जिंदगी के बारे में सोच ही रहा था कि तभी उसका फोन बजा। वंश ने देखा फोन मुन्ना का था उसने तुरंत फोन उठाया और कान से लगाते हुए कहा,”हे मुन्ना मुझे बेस्ट ऑफ़ लक कहो,,,,,,,,,,,,आज शूटिंग पर मेरा पहला दिन है।”
“बेस्ट ऑफ़ लक,,,,,,,,,हमे पूरा यकीन है तुम बेस्ट करोगे।”,दूसरी तरफ से मुन्ना ने कहा
“अहह थैंक्यू ! वैसे तुम आज इतनी जल्दी उठ गए”,वंश ने पूछा


“मुंबई जाकर शायद तुम भूल गए हो वंश की हम हमेशा इसी वक्त उठते है।”,मुन्ना ने वंश को ताना मारते हुए कहा
“ओह्ह्ह हाँ याद आया तुम और तुम्हारे रूल्स , अच्छा ये बताओ कैसे हो ? क्या तुम सब मुझे मिस कर रहे हो ?”,वंश ने पूछा
“हम ठीक है , कल रात घाट पर गए थे तब तुम्हारी बहुत याद आ रही थी , हमने तुम्हे फोन भी किया लेकिन तुमने रिसीव नहीं किया।”,मुन्ना ने मायूस होकर कहा


“सॉरी मुन्ना वो मैं कल रात नवीन अंकल और मेघना आंटी के साथ था , डिनर के बाद हम सब साथ ही बैठे थे और उसके बाद अपने रूम में आते ही मुझे नींद आ गयी मैंने सुबह देखा और तभी तुम्हे  मैसेज किया।”,वंश एक साँस में बोल गया
“हम्म कोई बात नहीं अच्छा ये बताओ तुमने निशि से सॉरी कहा ?”,मुन्ना ने पूछा
“मैं उस छिपकली से सॉरी क्यों कहू ?”,वंश ने चिढ़कर कहा
“वंश क्या तुम भूल गए , वैसे तुम्हे उसे एक बार सॉरी बोलना चाहिए।”,मुन्ना ने कहा


“ओह्ह्ह कम ऑन मुन्ना तुम मुझे सॉरी बोलने को कह रहे हो ? तुम्हे पता भी है उसने क्या किया ? मुझे यहाँ देखकर वो बिल्कुल खुश नहीं है और तो और उसने मुझ पर चिल्लाया भी,,,,,,,,,,,,,,,,वो खुद को समझती क्या है ? क्या मैंने कहा था उसे अकेले मुंबई आने के लिये , वो चाहती तो रुक सकती थी ना लेकिन नहीं उसमे इतना ऐटिटूड है कि वो अपने सामने किसी को कुछ नहीं समझती,,,,,,,,,,,,,,,मैं उसे सॉरी हरगिज नहीं कहूंगा।”,वंश ने गुस्सा होते हुए कहा


मुन्ना समझ गया कि मुंबई जाकर दोनों के बीच झगड़ा जरूर हुआ है इसलिये उसने कहा,”अच्छा ठीक है छोडो उसे जब तुम्हारे दिल कहे तब सॉरी कहना और प्लीज अपना मूड ऑफ मत करो आज तुम्हारे लिए बहुत बड़ा दिन है।”
“हम्म्म थैंक्स , अच्छा ये बताओ तुम्हारी और गौरी की सगाई की डेट फिक्स हुई या नहीं ? ये इंगेजमेंट इंदौर में होने वाली है आई थिंक,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने कहा


“हाँ गौरी की मम्मी चाहती है सगाई इंदौर में ही हो , अभी डेट फिक्स नहीं हुई है और जब भी होगी सबसे पहले हम तुम्हे ही बताएँगे ,, आखिर तुम्हारे बिना ये इंगेजमेंट कैसे हो सकती है।”,मुन्ना ने मुस्कुराते हुए कहा
“हाँ बिल्कुल मैं बहुत मजे करने वाला हूँ। तुम्हारी गौरी की सगाई हो जाएगी , काशी को भी उसका लाइफ पार्टनर मिल गया है और ऋतू प्रिया उनका भी कही न कही मामला सेट ही हो चूका होगा ,,

बचा मैं इकलौता सिंगल बट डोंट वरी मैं फिर भी तुम दोनों की सगाई में बहुत एन्जॉय करने वाला हूँ।”,वंश ने कहा
“वैसे तुम चाहो तो निशि को भी अपने साथ ला सकते हो , फॉर कम्पनी”,मुन्ना ने वंश को छेड़ते हुए कहा


मुन्ना के मुंह से निशि का नाम सुनकर वंश का मुंह बन गया और उसने कहा,”मुन्ना तुम जान बूझकर ऐसा कर रहे हो ना , जाओ मैं तुमसे बात नहीं करता।”
“अरे वंश हमारी बात सुनो,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने हँसते हुए कहा
“मुझे कुछ नहीं सुनना , बाय”,कहकर वंश ने फोन काट दिया और खिड़की से बाहर देखने लगा।


उधर मुन्ना ने मुस्कुराते हुए फोन वापस अपने जेब में रख लिया। सामने से आते मुरारी ने मुन्ना को अकेले में ऐसे मुस्कुराते देखा तो कहा,”का बात है बेटा जे अकेले में काहे इतना मुस्कुरा रहे हो ?”
“कुछ नहीं पापा वंश का फोन था आज उसका शूटिंग पर पहला दिन है।”,मुन्ना ने कहा
“अरे वाह लगता है इह बार जे लौंडा हीरो बन ही जाएगा , अरे हमहू तो पहिले ही कहे थे शिवम् भैया से कि वंशवा में कुछ बात तो है।”,मुरारी ने खुश होकर कहा


“हाँ मुरारी , तुम्हारा भतीजा जो ठहरा ,, अब तुम पर नहीं जाएगा तो किस पर जाएगा ?”,किचन से आते हुए अनु ने कहा
“अरे तो हम का हीरो से कम है मैगी आज भी अपनी कटरीना लेकर बनारस की सड़को पर निकले ना तो 2-4 लड़किया तो मुड़कर देख ही लेंगी हमे।”,मुरारी ने कहा


“लड़किया नहीं मुरारी , अधेड़ उम्र की औरते ,, तुम अब 24 के नहीं रहे उम्र हो गयी है तुम्हारी समझे,,,,,,,,,,,,,!!”,अनु ने कहा
मुन्ना ने अपनी माँ और पापा की बाते सुनी तो उन्हें अकेले छोड़कर जाना ही बेहतर समझा। वह जैसे ही जाने लगा मुरारी ने उसे रोकते हुए कहा,”अरे मुन्ना सुनो !”
“जी पापा !”,मुन्ना ने कहा


“उह कल सारनाथ से आते बख्त पंडित जी से मिलकर आये थे उन्होंने बताया 1 महीने बाद अगस्त मा सगाई का बहुते ही शुभ मुहूर्त है। हम तो डेट फिक्स कर आये तुम बताओ तुमको का लगता है ?”,मुरारी ने पूछा
“जैसा आपको ठीक लगे पापा,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने धीरे से कहा और वहा से चला गया। चलते चलते मुन्ना मुस्कुरा उठा आखिर एक महीने बाद वो गौरी से मिलने जो वाला था
“देखा कैसे सरमा गया मुन्ना , कुछ भी कहो यार मैगी जे मुन्ना ना कभी कभी तो हमको हमरा बेटा लगता ही नहीं है।”,मुरारी ने अनु से कहा


“ये क्या कह रहे हो मुरारी ? मेरा बेटा बहुत सीधा है तुम्हारी तरह नहीं समझे,,,,,,,,!!”,अनु ने दमकते हुए कहा
“तो हम का तुम को टेढ़े आदमी लगते है ?”,मुरारी ने कहा
अनु ने कोई जवाब नहीं दिया और कमरे की और बढ़ गयी
“अरे मैगी सुनो , अमा सुनो यार ,, सगाई की तैयारिया का का करनी है बताओगी नहीं हमको ? हम तो सोच रहे है सब रिश्ते वालो को बुला ले और धूम-धाम से मुन्ना की सगाई करे का कहती हो ?”,मुरारी ने अनु के पीछे आते हुए कहा


“पागल हो गए हो मुरारी , मुन्ना और गौरी की सगाई है हमे वहा बारात लेकर नहीं जाना ,, भूल गए गौरी की मम्मी ने क्या कहा था ? गौरी और मुन्ना की सगाई वहा इंदौर में होगी,,,,,,,,,,,,,,इतने लोग इंदौर कैसे जायेंगे ? सोचा है तुमने ,, नंदिता जी के घर में सब देखने वाली अकेले वही है ऐसे में सब रिश्तेवालो को लेजाकर हमे उनका खर्चा नहीं बढ़ाना चाहिए।”,अनु ने मुरारी को समझाते हुए कहा
“अरे महादेव ! जे बात तो हम भूल ही गए थे। कोई बात नहीं आज दिन में लिस्ट बनाते है सबकी फिर देखते है कैसे का करना है ?

हम ज़रा नहाकर आते है तुमहू किशना से कहकर हमरे लिए नाश्ता बनवाय दयो फिर हमे शिवम् भैया के साथ बाहर जाना है।”,कहते हुए मुरारी वहा से चला गया
“मुन्ना से ज्यादा तो तुम एक्साइटेड दिख रहे हो मुरारी,,,,,,पता नहीं तुम कब बड़े होंगे।”,अनु ने मुस्कुराते हुए कहा और वहा से चली गयी।  

घर से निकलकर मुन्ना बाहर आया। सगाई की डेट फिक्स हो चुकी थी इतनी बड़ी ख़ुशी की बात वह भला गौरी को कैसे नहीं बताता। बाहर आकर उसने गौरी का नंबर डॉयल किया और फोन कान से लगाकर आगे बढ़ गया। एक दो रिंग जाने के बाद फोन गौरी की मम्मी ने उठाया और कहा,”हेलो !”
गौरी की जगह कोई और आवाज सुनकर मुन्ना ने कहा,”हेलो , आप ?”


“मानवेन्द्र जी मैं गौरी की मॉम बात कर रही हूँ , इतनी सुबह सुबह आपने फोन किया सब खैरियत ?”,नंदिता ने पूछा
फोन पर अपनी होने वाली सास की आवाज सुनकर मुन्ना ने कहा,”प्रणाम , वो दरअसल हमने बस ऐसे ही फोन लगा दिया था।”
“खुश रहो बेटा , गौरी अभी सो रही है वो जब उठेगी मैं उसे बोल दूंगी ,, घर में सब कैसे है ?”,नंदिता ने पूछा
“जी सब ठीक है आप कैसी है ?”,मुन्ना ने भी पूछ लिया


“मैं ठीक हूँ बेटा , मैंने गौरी से कितनी बार कहा आपसे बात करवाने को लेकिन पता नहीं इस लड़की के दिमाग में क्या चलता रहता है। अच्छा मानवेन्द्र जी मुझे आपके पापा से बात करनी थी , वो आपकी और गौरी की सगाई के बारे में पूछना था। क्या अभी वो फ्री होंगे ?”,नंदिता ने कहा
बेचारा मुन्ना अपने मुंह से डेट फिक्स होने की बात क्या बताता इसलिए कहा,”जी मैं थोड़ी देर बाद उनसे आपकी बात करवाता हूँ।”


“ठीक है बेटा”,नंदिता ने कहा
“सुनिए,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा
“हाँ मानवेन्द्र जी,,,,,,,,!!”,नंदिता ने कहा
“क्या हमे सिर्फ मुन्ना कहकर नहीं बुला सकती , ये मानवेन्द्र जी सुनना थोड़ा अजीब लग रहा है।”,मुन्ना ने हिचकिचाते हुए कहा
नंदिता ने सूना तो हसने लगी और कहा,”कैसी बाते कर रहे है आप ? आप इस घर के होने वाले दामाद है मैं आपको सीधा नाम से कैसे बुला सकती हूँ ?”,


“वैसे ही जैसे हमारी माँ हमे बुलाती है , अगर आप हमे हमारे नाम से बुलाएंगी तो हमे ज्यादा ख़ुशी होगी।”,मुन्ना ने सहजता से कहा
नंदिता ने सूना तो मुस्कुराने लगी और कहा,”ठीक है बेटा।”
“हम रखते है , प्रणाम।”,कहकर मुन्ना ने फोन रख दिया


नंदिता ने फोन टेबल पर रखा और कमरे से बाहर जाने लगी जाते जाते उन्होंने पलटकर सोई हुई गौरी को देखा और मुस्कुरा कर वहा से चली गयी। मुन्ना से बात करके उन्हें अहसास हुआ कि आखिर गौरी क्यों मुन्ना को इतना पसंद करती है।

इंदौर , काशी का कॉलेज
पुलिस की जीप आकर कॉलेज के कॉरिडोर में रुकी। शक्ति एक कॉन्स्टेबल के साथ जीप से नीचे उतरा और सीधा कॉलेज के अंदर चला आया। प्रिंसिपल के रूम के सामने आकर शक्ति ने कॉन्स्टेबल से बाहर रुकने को कहा और खुद अंदर चला आया। शक्ति को वहा देखते ही प्रिंसिपल मेम अपनी जगह से उठी और कहा,”नमस्ते !”
“नमस्ते मेम , हम एक जरुरी काम से यहां आये है और उसमे हमे आपकी मदद चाहिए।”,शक्ति ने कहा”


“प्लीज सीट”,प्रिंसिपल मेम ने कहा
“थैंक्यू !”,शक्ति ने कुर्सी खिसकाकर उस पर बैठते हुए कहा
“जी सर कहिये मैं आपकी क्या मदद कर सकती हूँ ?”,प्रिंसिपल मेम ने कहा
“दरअसल कुछ दिन पहले हम पर किसी ने गोली चलाई थी और जब हमने उसका पीछा किया तो वो भाग गया लेकिन भागते वक्त उसका एक कार्ड हमे मिला। छानबीन करने पर पता चला वो कार्ड इसी कॉलेज में पढ़ने वाले किसी स्टूडेंट का है।

हमे शक है कि उस दिन गोली चलाने वाला लड़का आप ही के कॉलेज से था। क्या हमे उसके बारे में कोई जानकारी मिल सकती है ?”,शक्ति ने कहा
“देखिये ये कहकर आप हमारे कॉलेज का नाम बदनाम कर रहे है। हमारे कॉलेज में पढ़ने वाले स्टूडेंट बहुत ही शरीफ और अच्छे घरो से है वो ऐसी हरकत कर ही नहीं सकते। आपको जरूर कोई गलफहमी हुई है।”,प्रिंसिपल मेम ने गुस्सा होकर कहा


“मैडम हम एक पुलिस अफसर है और हम चाहे तो अरेस्ट वारंट के साथ भी इस कॉलेज की तलाशी ले सकते है और तब आप कुछ नहीं कर पायेगी लेकिन कॉलेज की रेपुटेशन ख़राब ना हो इसलिए हम पर्सनली आपसे इस बारे में बात करने आये है। अब आप सोच लीजिये आपको क्या करना है ?”,कहकर शक्ति खामोश हो गया
शक्ति की बात सुनकर प्रिंसिपल मेम के चेहरे पर परेशानी के भाव उभर आये।

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