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Main Teri Heer – 22

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Main Teri Heer
Main Teri Heer – Season 4

शिवम् का घर , बनारस

बिजली को नमस्ते कहने के चक्कर में मुरारी के हाथ से अचार का मर्तबान गिर गया। मुरारी ने डरते डरते आई को देखा तो आई ने उसे खा जाने वाली नजरो से देखा और उसकी तरफ आते हुए कहा,”हमका पता ही था तुम जे काण्ड करि हो मुरारी , का है कि तुम्हरा और अचार का पुराना रिश्ता जो है। हमका जे बताओ हमरे अचार से का दुश्मनी है तुम्हरी ,, अब तक सेंकडो अचार के मर्तबान फोड़े है तुमने हमरे,,,,,,,,,,,,अरे तुम का खुद को कृष्ण कन्हैया और हमरे मर्तबान को माखन मटकी समझ लिये हो,,,,,,,,,,,,,,मेहमान आये हुए है घर मा वरना यही जुतिया देते तुम्हे,,,,,,,,,!!”


“आई”,शिवम् ने कहा तो आई ने कहा,”अरे देख ना शिवा जे अचार हम समधी जी के लिये लेकर जाने वाले थे लेकिन उन तक पहुंचे इह से पहिले जे महमूर्ति ने इसे जमीन पर फैला दिया”
शिवम् ने सुना तो कहा,”आई ये घर की बाते है किसी बाहरवाले के सामने,,,,,,,!!”
शिवम् की बात सुनकर बिजली की भँवे तन गयी लेकिन होंठो पर मुस्कान थी।
“बाहरवाला कौन है भैया ? बिजली तो अपनी हमरा मतलब अपने बनारस से ही है।”,मुरारी ने कहा


शिवम् ने मुरारी को घुरा तो मुरारी आई की तरफ देखने लगा लेकिन आई तो पहले से उस से खफा थी इसलिए उन्होंने मुरारी को देखकर उन्होंने कहा,”चप्पल बची न जोड़ी , बुढ़वा चढ़े है घोड़ी,,,,,,,!!”
“का का ,  का कही तुम्हे आई ? तुमहू का इनडायरेक्टली हमका बूढ़ा कह रही हो ?”,मुरारी ने पूछा
“नहीं नहीं तुमहू तो अभी स्वीट सिक्सटीन हो मुरारिया,,,,,,,,,अभी तो तुम्हरे दूध के दांत भी नहीं टूटे है,,,,,,,!!”,आई ने मुरारी का मजाक उड़ाते हुए कहा तो मुरारी ने मुंह बना लिया


बिजली ने आई की बात सुनी तो हसने लगी , बिजली का यू हँसना मुरारी को अच्छा नहीं लगा इसलिए उसने कहा,”जियादा दाँत ना निपोरो वरना गिर जाई है”
“मुरारी,,,,,,,,,,,समझ नहीं है किस से कैसे बात करनी है ?”,शिवम् आज मुरारी के साथ कुछ ज्यादा ही कठोर पेश आ रहा था

 मुरारी ने आगे कुछ नहीं कहा और चुपचाप शिवम् की तरफ चला आया। आई ने नौकर से जमीन पर गिरा अचार साफ करने को कहा और अंदर चली गयी।

बिजली ने शिवम् की तरफ देखा और अपने बालों की चोटी को घुमाते हुए अदा से कहा,”हाँ तो हमका हिया काहे बुलाया ? जल्दी बताओ हमे और भी दूसरे काम है इतना बख्त नहीं हमरे पास,,,,,,,,,,,,बिजली इतनी फ्री नहीं है।”
शिवम् ने शांत रहकर धीमे लहजे में कहा,”बनारस में नाचना बंद कर दो बिजली,,,,,,,,,,,कोई ढंग का काम करो।  लड़की होकर अधेड़ उम्र के मर्दो के बीच नाचना अच्छा काम नहीं है।”


बिजली ने सुना तो थोड़ा अकड़ते हुए कहा,”अच्छा नाचना छोड़ दे , तो फिर जे पेट पालने के लिये का करेंगे ? जे भूख तुम्हरी आदर्शवादी बातो से नहीं भरता है इसको भरने के लिये खाना लगता है और खाने के लिये पैसे,,,,,,,,,,,,,अब पैसे कमाने के लिये हम यहाँ वहा कमर मटका लिये तो का गलत किये ?”
बिजली को शिवम् से ऐसी बातें करते देखकर मुरारी को अच्छा नहीं लगा। वह जैसे ही कुछ कहने को हुआ शिवम् ने उसकी कलाई पकड़कर उसे आगे बढ़ने और बोलने से रोक दिया।


“देखो हम ये नहीं कह रहे कि पैसे कमाना गलत है , लेकिन पैसे कमाने के लिये अपने शरीर का प्रदर्शन करना गलत है। जे बनारस है इह शहर की कुछो मर्यादा है कुछो सम्मान है,,,,,,,,यहाँ के घाट प्रेम और भक्ति का प्रतीक है अब तुमहू ऐसी जगह पर जे सब करोगी तो गलत है न।”,शिवम् ने बिजली को समझाते हुए कहा
“तो आप ही बताये नाचे नहीं तो का करे हम ?”,बिजली ने तुनकते हुए कहा
“इसके अलावा भी बहुत काम है जो तुम पुरे मान सम्मान और इज्जत के साथ कर सकती हो। इह सहर मा काम की कमी है का ?

इह सहर मा जानवर से लेकर इंसान तक भूखा उठ तो सकता है लेकिन भूखा सोता नहीं है। सबका बंदोबस्त महादेव किसी ना किसी रूप में किये है। अभी तुम्हारी बहुत जिंदगी बाकि है जे सब कामों में अपना बख्त बर्बाद ना करो,,,,,,,,,,,,जे सब नाच गाना करने से तो अच्छा है कोनो छोटा मोटा काम करके घर मा रहो,,,,,,,,,,,,,,!!”,शिवम् ने कहा
शिवम् की घर में रहने वाली बात सुनकर ना जाने क्यों बिजली को बुरा लग गया , उसने थोड़ा कठोरता से कहा,”जैसे आपने बैठा रखा है अपनी पत्नी को ?”


“ए बिजली ! होश में हो का बोल रही हो भैया के सामने,,,,,,,,,,,,एक ठो बार और बोला ना ऐसा कुछो तो,,,,,,,,,,,,,,कपड़ो के साथ का तमीज भी घर छोड़कर आयी हो ?”,मुरारी ने गुस्से से कहा , इस बार वह खुद को बोलने से रोक नहीं पाया
“मुरारी शांत हो जाओ,,,,,,,,!!”,शिवम् ने कहा
“अरे भैया लेकिन जे भाभी के लिये,,,,,,,,,,,इनकी इतनी हिम्मत एक नाचने वाली होकर अपनी तुलना हमरी भाभी से करे,,,,,,,,,,,,,हम जबान खींच लेंगे इनकी”,मुरारी ने बिजली को घूरते हुए कहा

मुरारी,,,,,,!!”, शिवम् ने कहा तो मुरारी ने आगे कुछ नहीं कहा बस बिजली को घूरने लगा।
बिजली की बात सुनकर शिवम् को भी बुरा लगा क्योकि उसने सीधा सीधा सारिका के लिये ये कहा था। उसने धीमे स्वर में लेकिन थोड़ा कठोरता से कहा,”तुम्हे ये सब बोलने का कोई हक़ नहीं है ?”
“काहे ? अब का कुछो बोलने के लिये भी हमे तुम्हरी परमिशन लेनी होगी,,,,,,,,,?”,बिजली ने अपने हाथो को अपनी कमर पर रखते हुए कहा


“तुम जानती क्या हो उनके बारे में ?”,शिवम् ने थोड़ा गुस्से से कहा
बिजली मुस्कुराई और कहने लगी,”सारिका शर्मा , मुंबई की जानी मानी बिजनेस वुमन,,,,,,,,,,,सेंकडो मर्द जिनके सामने सर झुकाये खड़े रहते थे। अरे जिनकी एक स्पीच सुनने के लिये कितने ही लोग इंतजार करते थे। जिन्होंने अपनी मेहनत के दम पर मुंबई में वो मुकाम हासिल किया था जो लोग पूरी जिंदगी हासिल नहीं कर पाते लेकिन एक बनारसिया के प्यार में पढ़कर उन्होंने सब भुला दिया।

वह अपना बिजनेस , अपनी काबिलियत , अपनी ऐशो आराम की जिंदगी छोड़ यहाँ चली आयी इस बनारस में और यहाँ आकर वो अपना वजूद ही भूल गयी क्योकि आपके ही जैसे एक मर्द ने उन्हें घर की चार दीवारी में कैद करके रख दिया। अरे जो लड़की करोडो का बिजनेस सम्हालती थी वो लड़की अब आपके घर में आटे दाल का हिसाब किताब करती है,,,,,,,,,,,,,,तो आप ही बताईये बेहतर कौन हुआ ? गलियों में नाचकर पैसे कमाने वाले हम या आपके कमाए पैसे पर जिंदगी काटने वाली आपकी पत्नी,,,,,,,?”


शिवम् ने बिजली के मुंह से ऐसी बाते सुनी तो कुछ पल के लिये खामोश हो गया। मुरारी ने सुना तो गुस्सा उसकी आँखों से झलकने लगा लेकिन वह बिजली को कुछ बोल नहीं सकता था।
शिवम् ने जैसे ही साइड में देखा उसे पास ही खड़ी सारिका नजर आयी। सारिका को वहा देखकर शिवम् के दिल में एक टीस उठी वह सारिका से कुछ कहता इस से पहले सारिका ने बिजली के सामने आकर कहने लगी,”बहुत अच्छी स्पीच दी आपने,,,,,,,,हमारे सामने आपने हमारे पति से ऐसी बातें कही जी तो कर रहा हो आपकी जान ले ले लेकिन हम ऐसा कर नहीं सकते क्योकि हम आप जैसे नहीं है।

जिनके सामने आप खड़ी है वो कौन है ये जाने बिना ही आपने इतना सब कह दिया,,,,,,,,,,,,,करोडो का बिजनेस सम्हालने वाली लड़की बनारस में रहने वाले एक लड़के के लिये सब छोड़कर इसलिये आती है क्योकि वो उनसे मोहब्बत करती है। आज अगर हम जिन्दा खड़े है तो सिर्फ इनकी वजह से वरना किसी प्राइवेट हॉस्पिटल के बिस्तर पर अपनी जिंदगी काट रहे होते।

हमारे  जिंदगी माता-पिता ने हमे जीवन दिया लेकिन हमे दूसरी जिंदगी इन्होने दी है,,,,,,,,,,,ये जिंदगी इनके साथ हमने खुद चुनी है और इसके लिये हमे या इन्हे आप
जैसे लोगो को सफाई देने की जरूरत नहीं है। हमे इनके घर के आटे दाल का हिसाब लगाते गर्व से ये कह सकते है कि हम इनकी पत्नी है , पर क्या आप ये कह सकती है कि आप एक नाचने,,,,,,,,,,,,,,हमे आपके लिये ये शब्द इस्तेमाल करते हुए  भी अजीब लग रहा है।”


“वाह भाभी का जवाव दी हो बिजली को इसके तो आज सरे फ्यूज ही उड़ जायेंगे,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने मन ही मन खुश होते हुए कहा
सारिका की बाते सुनकर बिजली खामोश हो गयी। उसने गुस्से ही गुस्से में शिवम् के सामने कुछ ज्यादा ही बोल दिया था लेकिन वह कुछ कहती इस से पहले सारिका आगे कहने लगी,”अरे आप जानती क्या है इनके बारे में ? एक ऐसा इंसान जिसने 14 साल अपनी मोहब्बत का इंतजार किया , जिसने अपने माँ-बाबा की कभी कोई बात नहीं टाली , जिन्होंने हमारी ख़ुशी के लिये अपनी मोहब्बत को भुला दिया ,

वक्त के साथ सब बदल जाता है लेकिन इनकी मोहब्बत हमारे लिये आज भी वही है , ये आज भी हमारा हमारी भावनाओ का उतना ही सम्मान करते है और ऐसे इंसान के लिये एक कम्पनी क्या 100 कम्पनी को ठोकर मार सकते है हम,,,,,,,,!!”
सारिका का चेहरा गुस्से से लाल हो चुका था और वह बिजली को घूरे जा रही थी। सारिका सब बर्दास्त कर सकती थी लेकिन उसके ही घर में आकर कोई उसके शिवम् के बारे में कुछ कहे भला ये उसे कहा बर्दास्त होना था।

सारिका का चेहरा देखकर शिवम् उसके पास आया और कहा,”सरु आपको इनसे ये सब कहने की जरूरत नहीं है , हम जानते है आप जानती है इसके बाद लोग क्या सोचते इस से हमे फर्क नहीं पड़ता।”
“फर्क हमे भी नहीं पड़ता शिवम् जी पर एक राह चलता कोई भी आकर आपके सामने ये सब कहेगा और आप सुनेंगे ,, क्या ये सही है ?”,सारिका ने कहा तो शिवम् खामोश हो गया


सारिका के इतना सब कहने के बाद मुरारी को मौका मिल गया बोलने का इसलिए उसने बिजली के सामने आकर कहा,”ए बिजली ! दिमाग का घर मा छोड़कर आयी हो , होस ना है कब , किस से का बोलना है ? अरे का गलत कहे भैया तूम से , जे नाचने गाने के अलावा भी कुछ और कर सकती हो ना तुम,,,,,,,,,!!”
बिजली ने सुना तो मुरारी की तरफ देखा और फिर कहने लगी,” ग्रेजुएट पास है हम , घर की आर्थिक स्तिथि ठीक नहीं थी इहलिये आगे पढाई नहीं की।

नौकरी के लिये कोशिस की तो लोगो ने काम और हुनर से पहिले हमरे जिस्म को देखा,,,,,,,,,सेठ लोगो ने नौकरी तो दी लेकिन बदले में नजर हमरे शरीर पर रखी,,,,,,,,,,,गरीब है तो का हुआ इज्जत तो सबकी होती है ना,,,,,,,,,,जब देखा हर किसी को हमसे जे जिस्म चाहिए तो हमने इसको ही अपनी कमाई का जरिया बना लिया। एक एक पिरोगराम का हजारो मिलता है तो काहे नहीं करेंगे ? नौकरी की बात करते है हमहू अभी छोड़ देंगे जे काम,,,,,,,,,,बोलो तुमहू दोगे हमे इज्जत की नौकरी ? सब बड़ी बड़ी बातें करते है बाकी किसी को किसी की तकलीफ से कुछो फर्क नहीं पड़ता है।”


बिजली की बात सुनकर मुरारी पीछे हट गया , क्या गलत कहा बिजली ने लोगो ने उसकी जिस खूबसूरती का फायदा उठाना चाहा बिजली ने उसे ही अपना  बना लिया। शिवम् और मुरारी कुछ कहते इस से पहले ही सारिका आगे आयी और कहा,”हम देंगे तुम्हे नौकरी और एक स्त्री होने के नाते ना हमे तुम्हारा जिस्म चाहिए ना ही तुम्हारी ये खूबसूरती , अगर तुम में थोड़ा सा भी स्वाभिमान है तो कल सुबह आकर हमसे मिलना,,,,,,,,,,,,,,मुरारी भैया इन्हे बाबा के चाइल्ड होम का एड्रेस दीजियेगा”


कहकर सारिका वहा से जाने लगी तभी बिजली ने कहा,”सारिका मैडम”
बिजली की बात सुनकर सारिका पलट गयी तो उसने कहा,”मुझे माफ़ कर दीजिये मै कुछ ज्यादा ही बोल गयी,,,,,,,,,,!!”
“माफ़ी हम से नहीं इनसे मांगिये,,,,,,,,,,,!!”,कहकर सारिका वहा से चली गयी।

शिवम् ने आज पहली बार सारिका को किसी पर इस तरह गुस्सा होते देखा था। बिजली ने शिवम् की तरफ देखा और कहा,”शिवम् भैया , मैंने जो कुछ भी कहा उसके लिये मैं माफ़ी चाहती हूँ।”
“हम्म्म्म हमने माफ़ किया,,,,,,,,,,,,,,,नौकरी करना ना करना तुम्हारा फैसला है , तुम्हे ठीक लगे तो तुम इस बेकार दुनिया से निकलकर अपनी जिंदगी की नयी शुरुआत कर सकती हो।”,शिवम् ने सहजता से कहा


“कोई बेवकूफ ही होगा जो उनके साथ काम करना नहीं चाहेगा ,, सारिका मैडम अपने टाइम में मुझे जैसी कितनी ही लड़कियों की रॉल मोडल रह चुकी है। आपका शुक्रिया जो आपने मुझे सही रास्ता दिखाया,,,,,,,,,,,,,,अभी मैं चलती हूँ।”,बिजली ने हाथ जोड़ते हुए कहा और वहा से चली गयी

बिजली की आड़ में मुरारी भी चुपचाप वहा से खिसकने को हुआ तो शिवम् ने उसकी कॉलर पकड़कर उसे रोकते हुए कहा,”जिन बिजली के चक्कर में तुमहू सुबह सुबह लतेडे गए हो अब तो उह बिजली भी सुधरने को तैयार हो गयी है , तुमहू कब अपनी हरकते सुधारी हो मुरारी ?”
कहते हुए शिवम् ने मुरारी को अपनी तरफ किया और उसकी कॉलर छोड़ दी। मुरारी ने झेंपते हुए शिवम् को देखा और फिर कहा,”अरे भैया कौनसी हरकते ? अब आप ही बताओ खुला सांड बजरी में माथा नहीं मारेगा तो और का करेगा ?”


“मुरारी तुम और तुम्हरी जे कहावते हमरी समझ से बाहर है , हम आखरी बार बोल रहे है सुधर जाओ और जे फालतू यार दोस्तों से दूर रहो,,,,,,,,,,,,,अब तुम 24 के नहीं रहे जो तुम्हरी हरकतों पर पर्दा डल जायेगा। कुछ दिनों में ससुर बन जाओगे तुम आने वाली बहु के बारे में सोचो,,,,,,,,,,,,गौरी को पता चला तुमहू जे सब कांड करके बैठे हो तो का सोचेगी उह तुम्हरे बारे में ?”,शिवम् ने मुरारी को समझाते हुए कहा
“तो आप ही बताये का करे हम ?”,मुरारी ने थक हारकर कहा


शिवम् ने मुरारी के कंधे पर हाथ रखा और कहा,”मुन्ना के बाप हो ना तुम तो बाप बनके रहो,,,,,,,,,,,,,जियादा गुंडे ना बनो बनारस के”
” हम्म्म समझ गए अब देखो आप हमरा जलवा , साला ऐसा बाप बनेंगे पूरा बनारस देखेंगा,,,,,,!!”,मुरारी ने कुछ ज्यादा ही जोश में आकर कहा
“बाप तो तुमहू पहिले से हो बस थोड़ा जिम्मेदार और समझदार बनो”,शिवम् ने कहा


मुरारी ने हामी में गर्दन हिला दी और फिर एकदम से शिवम् के थोड़ा करीब आकर कहा,”पर भैया कुछ भी कहो मजा तो गुंडई करने में ही आता है।”
कहकर मुरारी वहा से भाग गया और शिवम पीछे से चिल्लाया,”लगता है जूते खाकर ही मानोगे तुम मुरारी,,,,,,,,,!!”
मुरारी वहा से जा चुका था और शिवम् भी अंदर चला गया।  

इंदौर , पुलिस स्टेशन
 
अपने केबिन में बैठा शक्ति “कबीर अरोड़ा” के बारे में सोच रहा था। शक्ति के सामने कुछ ऐसी बातें आयी थी जिन से शक्ति का शक कबीर के लिये बढ़ने लगा। दरअसल शक्ति इंदौर में एक सीक्रेट मिशन पर था जिसके बारे में पुलिस डिपार्टमेंट को खबर तक नहीं थी। शक्ति के हाथ में एक लिस्ट थी जिसमे कुछ नाम थे और उन नामो में एक नाम कबीर अरोड़ा का भी था और यही बात शक्ति को परेशान कर रही थी।

“कबीर” शहर के जाने माने बिजनेसमैन विक्रम अरोड़ा का इकलौता बेटा था और बिना किसी सबूत के उसे गिरफ्तार करना शक्ति की नौकरी को खतरे में डाल सकता था क्योकि विक्रम अरोड़ा के कन्टेक्ट काफी स्ट्रांग थे। शक्ति कुछ देर सोच में डूबा रहा अगले ही पल उसका फोन बजा। शक्ति ने देखा फोन इंस्पेक्टर पंकज का है तो उसने उठाया और कहा,”हां पंकज !”
“सर ! कबीर को होश आ गया है सर ! मैंने उसका बयान नोट कर लिया है उसने बताया कि एक्सीडेंट वाली रात वह अपने दोस्त की बर्थडे पार्टी से आ रहा था


, उसने पार्टी में ड्रिंक की थी जिसकी वजह से वह गाडी को कंट्रोल नहीं कर पाया और एक्सीडेंट हो गया। इसके अलावा उसने कुछ नहीं कहा सर,,,,,,,,,!!”,पंकज ने कहा
“हम्म्म्म , ये पार्टी कहा थी और इसमें कौन कौन शामिल था उन सबकी डिटेल्स मुझे चाहिए। कबीर के पेरेंट्स को उस से मिलने दो और हाँ मुझे कबीर का एक ब्लड सेम्पल चाहिए,,,,,,,,,,,,!!”,शक्ति ने कहा
“ब्लड सेम्पल ? लेकिन क्यों सर ? ये तो इल्लीगल है ना”,पंकज ने असमझ की स्तिथि में पूछा


“पंकज क्या आज से पहले तुमने कोई इल्लीगल काम नहीं किया है ?”,शक्ति ने थोड़ा कठोरता से कहा
“समझ गया सर,,,,,!!”,पंकज ने कहा
“ठीक है वो सैंपल और फ़ोन की डिटेल्स लेकर तुम सीधा पुलिस स्टेशन ले आना हम तुम्हे वही मिलेंगे”,शक्ति ने कहा
“और कबीर अरोड़ा की कस्टडी ?”,पंकज ने पूछा


“अह्ह्ह्ह नहीं अभी ऐसा कुछ नहीं करना है , हमे कुछ गलतफहमी हो गयी थी इसलिए हमने बस,,,,,,,,,,,,,कबीर को फ़िलहाल आराम करने दो हमने जो कहा तुम वो करो”,शक्ति ने कहा।
“ठीक है सर , जय हिन्द सर”,पंकज ने कहा और फोन काट दिया। शक्ति के दिमाग में क्या खिचड़ी पक रही थी पंकज नहीं जानता था लेकिन शक्ति का सबसे वफादार और भरोसेमंद स्टाफ होने के नाते पंकज ने वही किया जो शक्ति ने कहा।

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