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Love You जिंदगी – 51

Love You Zindagi – 51

Love You Zindagi Season 3 by Sanjana Kirodiwal
Love You Zindagi Season 3 by Sanjana Kirodiwal

नैना की बाते सुनकर अवि का दिल टूट गया , धीरे धीरे नैना के अंदर जीने की वजह अब खत्म होते जा रही थी। अवि नैना के सर से सर लगाए बैठा रहा। दर्द उसके चेहरे से साफ़ झलक रहा था। नैना ने अपने हाथो को उठाया और अवि का चेहरा अपने हाथो में लेकर कहा,”तुम दूसरी शादी कर लो , मैं नहीं चाहती मेरे चले जाने के बाद तुम अकेले हो जाओ , मेरे बाद तुम्हे सम्हालने वाला कोई होना चाहिए,,,,,,,,,,,!!”
अवि ने नैना के सर से अपना सर हटाया और थोड़ा गुस्से से कहा,”तुम कही नहीं जा रही हो,,,,,,,,,मैं तुम्हे कही नहीं जाने दूंगा,,,,,,,,और ये बहकी बहकी बातें करना बंद करो तुम”


“पडोसी,,,,,,,,,,!!”,नैना ने जैसे ही कहना चाहा अवि ने हमेशा की तरह उसके होंठो को पकड़कर बंद किया और कहा,”शट अप , मैं कुछ नहीं सुनना चाहता”
अवि की बात सुनकर नैना ख़ामोशी से उसे देखने लगी। अवि एकटक नैना को देख रहा था उसे बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था कि नैना ने अपने बाल काट दिए , नैना के खुले बाल अवि को बेहद अजीज थे और नैना ने उन्हें हटा दिया।
अवि को अपनी और देखते पाकर नैना साइड में देखने लगी और कहा,”मुझे घूरना बंद करो”
अवि ने नैना से अपनी नजरे हटाई और जूस का गिलास उठाकर नैना की तरफ बढाकर कहा,”लो पीओ”
“मन नहीं है,,,,,,,,,,,,!!”,नैना ने कहा


“थोड़ा सा पीलो,,,!!”,अवि ने प्यार से कहा
“वोमिट हो जायेगा,,,,,,,,!!”,नैना ने बुझे स्वर में कहा
“मैं साफ कर दूंगा,,,,,,,,!!”,अवि ने उतने ही प्यार से कहा
नैना की आँखों में नमी उभर आयी , वह उदास आँखों से अवि को देखने लगी और कहा,”बस करो पडोसी , और कितना करोगे मेरे लिए,,,,,,,,,!!”


अवि नैना के थोड़ा करीब आया और उसे जूस पिलाते हुए कहा,”मैं तुम्हारे लिए सब करूंगा नैना,,,,,,,,,!!
बस यहाँ आकर नैना अक्सर हार जाया करती थी। उसने जूस पीया और फिर सर पीछे लगा लिया। अवि ने गिलास साइड में रखा और धीरे धीरे नैना के पैर दबाने लगा , नैना को आराम मिल रहा था हालाँकि उसे अवि का ये करना अच्छा नहीं लग रहा था पर वो मजबूर थी,,,,,,,,,,!!

कुछ देर बाद नैना ने आँखे खोली और अवि से कहा,”क्या मैं तुमसे कुछ मांग सकती हूँ ?”
“हम्म्म कहो ना,,,,,,,,!!”,अवि ने कहा
“यहाँ मुझे घुटन हो रही है , क्या तुम मुझे थोड़ी देर खुले आसमान के नीचे लेकर चलोगे प्लीज”,नैना ने कहा
अवि कुछ देर शांत रहा और फिर उठकर कहा,”चलो”
अवि ने एक बार में ही नैना की बात मान ली ये देखकर नैना खुश हो गयी। अवि ने सहारा देकर नैना को उठाया और अपने साथ लेकर कमरे से बाहर निकल गया।

अवि नैना को ऐसी हालत में नीचे सबके बीच लेकर नहीं जाना चाहता था इसलिए वह नैना को लेकर ऊपर छत पर चला आया। नैना छत पर रखी बेंच पर आ बैठी और अवि कुछ दूर आकर दिवार के पास खड़ा हो गया। खुले आसमान के नीचे बैठना नैना को बहुत अच्छा लग रहा था। मृणाल का फोन आने की वजह से अवि उसके साथ बिजी हो गया और नैना ठंडी हवा के झोंको को महसुस करने लगी।

डायनिंग टेबल पर अपने मम्मी पापा के साथ बैठी निबी ख़ामोशी से खाना खा रही थी कि तभी उसका फोन बजा। निबी ने स्क्रीन पर नाम देखा और अपना  फ़ोन उलटा रख दिया जिस से चौधरी साहब और सौंदर्या ना देख ले। खाते खाते चौधरी साहब ने कहा,”सौंदर्या ! आज सुबह विपिन जी का फोन आया था , वे चाहते है नैना कुछ दिन उनके पास रहे,,,,,,,,,नैना की कीमो हो चुकी है और विहान ने बताया कि वो अब पहले से काफी ठीक है। कुछ महीने अच्छे से नैना की देखभाल की जाये तो वह पूरी तरह ठीक हो सकती है”


“विपिन जी और आराधना जी जब यहाँ आये थे तब मैंने उनसे वादा किया था कि कीमो के बाद नैना उनके पास रहने आएगी,,,,,,,,,,,,पर अभी नैना बहुत नेगेटिव जॉन में है , ऐसे में उसका ट्रेवल करना क्या सही रहेगा ?”,सौंदर्या ने कहा
“मेरे ख्याल से अवि को भी नैना के साथ जाना चाहिए , वैसे भी पिछले कितने वक्त से उसी ने तो नैना को सम्हाल रखा है ,, अवि साथ रहेगा तो हमे नैना के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं पड़ेगी,,,,,,,,,!!”,चौधरी साहब ने कहा


“हाँ ठीक कहा आपने,,,,,,,,,मैं कल सुबह अवि से बात करती हूँ ,,  नैना पहले से काफी कमजोर हो चुकी है  निराशा की भावना से घिर चुकी है ,  कुछ दिन अपने मम्मी पापा के साथ रहेगी तो उसे अच्छा लगेगा”,सौंदर्या ने कहा  
खामोश बैठी निबी अपने मम्मी पापा की बात सुने जा रही थी। उसने महसूस किया कि घर में सब नैना से कितना प्यार करते है।

जब से उसका सच अवि के सामने आया था तब से ही निबी बदलने लगी थी उस दिन के बाद से निबी ने कभी नैना को नुकसान पहुँचाने की कोशिश नहीं की , अवि ने भी निबी से बात करना बंद कर दिया था और वह हमेशा कोशिश करता कि नैना को निबी से दूर रखे।
फोन एक बार फिर बजा तो निबी ने उठते हुए कहा,”मेरा हो गया,,,,,,,,,!!”
निबी वहा से चली गयी , सौंदर्या और चौधरी साहब ने एक दूसरे को देखा और खाना खाने लगे।

निबी अपने कमरे में आयी और फोन उठाकर कान से लगाते हुए कहा,”हेलो !”
“तुम्हे क्या हुआ है ? तुम मेरा फोन क्यों नहीं उठा रही हो ? क्या तुम अपना मकसद भूल गयी हो निब्बी,,,,,,,,,,,!!”,दूसरी तरफ से अनुराग की भाभी ने कहा
“मुझे सब याद है,,,,,,लेकिन मैं भाई को अब और हर्ट नहीं कर सकती”,निबी ने कहा
“तो क्यों ना ये खेल हमेशा के लिए खत्म कर दे,,,,,,,,!”,अनुराग की भाभी ने कहा


“वो कैसे ?”,निबी ने असमझ की स्तिथि में कहा
अनुराग की भाभी ने एक गहरी साँस ली और कहा,”नैना को मार दो,,,,,,,,,,,,,,!!”
निबी ने सुना तो उसका दिल धक्क से रह गया वह कुछ कहती इस से पहले उसके कमरे का दरवाजा खुला और सौंदर्या अपने हाथ में एक लिफाफा लिए अंदर आयी। निबी ने देखा तो धीरे से फोन पर कहा,”मैं आपसे बाद में बात करती हूँ”


निबी ने फोन काट दिया और सौंदर्या की तरफ चली आयी तो सौंदर्या ने लिफाफा उसकी तरफ बढाकर कहा,”तुम वापस बैंगलोर जा रही हो , तुमने हमे बताया क्यों नहीं ?”
“मैं बस आपको और डेड को परेशान करना नहीं चाहती थी , वैसे भी यहाँ रहूंगी तो उस हादसे को भुला नहीं पाऊँगी,,,,,,,बैंगलोर जाकर जिंदगी की नयी शुरुआत करना चाहती हूँ मॉम”,निबी ने बुझे स्वर में कहा


सौंदर्या ने सुना तो मुस्कुरायी और निबी के पास आकर उसके गाल को छूकर कहा,”सुनकर अच्छा लगा , फाइनली जो हुआ उसे एक्सेप्ट करके तुम मूव ऑन कर रही हो,,,,,,तुम बेफिक्र होकर जाओ और खुद को कभी अकेला मत समझना निबी , हम सब तुम्हारे साथ है,,,,,,,,,,,!!”
निबी ने सुना तो फीका सा मुस्कुरा दी , उसे मुस्कुराते देखकर सौंदर्या ने कहा,”आज इतने दिनों बाद तुम्हे तुम्हे मुस्कुराते देखकर अच्छा लगा,,,,,,,,,तुम्हे किसी चीज की जरूरत हो तो तुम बेझिझक मांग सकती हो”


“मुझे आपसे कुछ नहीं चाहिए मॉम बस एक आखिरी काम बचा है वो पूरा कर लू उसके बाद कल सुबह मैं चली जाउंगी”,निबी ने कहा
निबी के कहे शब्दों का मतलब सौंदर्या नहीं समझ पायी वे तो बस खुश थी कि निबी अनुराग को भूलकर अब अपनी जिंदगी में आगे बढ़ रही है।  
सौंदर्या कुछ देर निबी के पास रुकी और फिर वहा से चली गयी। निबी के जहन में अनुराग की भाभी की कही बात बार बार घूम रही थी वह उठी और अपने कमरे से बाहर निकल गयी।

निबी सीढ़ियों से चढ़कर ऊपर छत पर चली आयी। निबी का मन बेचैनी से भरा हुआ था ,  वह खुले आसमान के नीचे चली आयी। नैना छत पर है निबी को इस बारे में नहीं पता था , जब उसकी नजर वहा बैठी नैना पर पड़ी तो वह उसकी तरफ चली आयी। उदास चेहरा लिए नैना खाली आँखों से आसमान को देख रही थी।
“नैना को मार दो,,,,,,,,,!!”,अचानक निबी के जहन में अनुराग की भाभी की बात कोंध गयी उसने खुद को नार्मल किया और कहा,”क्या मैं यहाँ बैठ सकती हूँ ?’


निबी की आवाज से नैना की तंद्रा टूटी उसने देखा निबी उसके सामने खड़ी थी। पिछले एक महीने से निबी ने नैना से कोई बात नहीं की थी और नैना को लगने लगा निबी कभी उस से कभी बात करेगी भी नहीं,,,,,,,,,,!!
नैना को खोया देखकर निबी ने धीरे से कहा,”क्या तुम ठीक हो ?”
“हाँ हाँ , तुम बैठ सकती हो,,,,,,,,,,!!”,नैना ने जैसे नींद से जागते हुए कहा


निबी नैना के बगल में आ बैठी , दोनों ख़ामोशी से आसमान को देखने लगी कुछ देर बाद निबी ने कहना शुरू किया,”कितनी अजीब बात है ना नैना , दो लोग एक ही वक्त में एक इंसान से नफरत और मोहब्बत दोनो करते रहे और आज वो इंसान हमारे बीच नहीं है,,,,,,,,,,,!!”
“अनुराग की मौत की वजह मैं नहीं हूँ निबी,,,,,,,,,,,,!!”,नैना ने निबी की तरफ देखकर बुझे स्वर में कहा
निबी ने नैना को देखा और उदासी भरे स्वर में कहा,”मैं जानती हूँ , मैं जानती हूँ तुमने उसे नहीं मारा बस इस सच को एक्सेप्ट करने में वक्त लग गया। एक्सेप्ट करती भी कैसे मैंने अपना प्यार जो खोया था,,,,,,,,,,,,!!”


“अनुराग ने तुम से कभी प्यार किया ही नहीं था निबी,,,,,,,,,,!!”,नैना ने कहा और उसके बाद उसने निबी को सब बता दिया। दिल्ली में अनुराग से हुई पहली मुलाकात से लेकर अपनी शादी में हुई अनुराग की पिटाई तक की सारी बाते नैना ने निबी को बता दी। निबी ख़ामोशी से सब सुन रही थी क्योकि उसे ये सब पहली बार पता चल रहा था। नैना ने निबी को अनुराग का सारा सच बताया तो निबी की आँखों में आँसू भर आये और उसे खुद पर ही शर्मिंदगी महसूस होने लगी कि उसने कैसे अनुराग जैसे इंसान पर भरोसा करके उसे अपना बना लिया।


निबी की आँखों में आँसू देखकर नैना ने अपना कमजोर हाथ उसके हाथ पर रखा और कहा,”मैं कभी नहीं चाहती थी निबी कि तुम्हारी जिंदगी खराब हो , अनुराग तुम्हारे लायक नहीं था,,,,,मुझसे बदला लेने के लिए उसने बस तुम्हारा इस्तेमाल किया निबी”


निबी ने अपनी आँखों के किनारे साफ किये और नैना के हाथ को अपने हाथो में थामकर कहा,”मुझे माफ़ कर दो भाभी,,,,,,,,,,,मैं इतनी सेल्फिश हो गयी कि ये सब देख ही नहीं पायी , जिस इंसान ने मेरे साथ प्यार का झूठा नाटक किया उस इंसान के लिए मैंने आप सब का दिल दुखाया , आपको इतना बुरा फील करवाया , आप जिन हालातो से गुजर रही थी मैंने उनकी भी परवाह नहीं की और आपको हर्ट किया,,,,,,,,,मुझे माफ़ कर दीजिये प्लीज”
निबी को रोते देखकर नैना का दिल भर आया  

पिछले एक महीने से निबी और नैना के बीच कोई बात नहीं हुई थी लेकिन आज निबी को अपनी गलतियों का अहसास था और वह खुद नैना से माफ़ी मांग रही थी। दिवार के पास खड़े अवि ने निबी को नैना के साथ देखा तो घबराकर उस तरफ आने लगा लेकिन जैसे ही नैना ने निबी को गले लगाया अवि के कदम ठहर गए   निबी का बदला हुआ रूप देखकर अवि भी हैरान था।

नैना ने निबी को गले लगाया और अपने कमजोर हाथो से उसकी पीठ सहलाते हुए कहा,”कभी कभी सच वो नहीं होता निबी जो हम खुली आँखों से देखते है कुछ सच देर से सामने आते है लेकिन आते है,,,,,,,,,,,,,,,तुम ठीक हो और तुम्हे अपनी गलती का अहसास है मेरे लिए बस इतना ही काफी है,,,,,,,,,,जो हुआ उसे भूल जाओ और अपनी जिंदगी में आगे बढ़ो , तुमने जो खोया वो बेशक बेहतर होगा लेकिन आगे कुछ बेहतरीन तुम्हारा इंतजार कर रहा है। अनुराग तुम्हारे लिए सही नहीं था बस इसलिए वो तुम्हारे साथ नहीं है,,,,,,,,,,,!!”


नैना ने निबी को माफ़ कर दिया ये देखकर निबी के दिल का बोझ उतर गया। वह नैना से दूर हटी और उसके हाथो को अपने हाथो में लेकर कहा,”मैं समझ गयी भाभी और अब से मैं आपका ख्याल रखूंगी,,,,,,,,आप पहले जैसी हो जाएगी और हम फिर से खूब शॉपिंग और मस्ती करेंगे,,,,,,,,,,!!”
निबी की बात सुनकर नैना मुस्कुराई , नैना को मुस्कुराते देखकर अवि के दिल को जैसे एक सुकून मिला। नैना ख़ामोशी से एक बार फिर आसमान को देखने लगी जब उसकी नजर अवि पर पड़ी तो अवि को परेशान देखकर नैना ने अपनी पलकें झपका दी।


निबी ने देखा नैना के सर पर बाल नहीं है , उसकी पलकों तक के बाल झड़ चुके है ये देखकर उसे बहुत दुःख हुआ , नैना कितनी बुरी स्तिथि से गुजर रही थी और उस पर भी निबी ने उसे कितना परेशान किया। निबी को एक बार फिर खुद पर शर्म आने लगी। निबी को उदास देखकर नैना ने कहा,”मेरा नया लुक  कैसा लग रहा है ?”
निबी ने हैरानी से नैना को देखा तो नैना ने सामने देखते हुए कहा,”मैं हमेशा से चाहती थी मैं अपने सारे बाल हटा दू,,,,,,,,और जब गर्मियां आती थी तब तो मेरा ये ख्याल और स्ट्रांग हो जाता था,,,,,,,,,,!!”


“भाई सही कहते है , आप सच में थोड़ी अजीब है,,,,,,,,,,!!”,निबी ने हैरानी से कहा तो नैना उसकी तरफ देखकर मुस्कुरा दी।
निबी और नैना वही बैठकर कुछ देर आपस में बातें करती रही और फिर निबी ने नैना से नीचे चलने को कहा। अवि भी उनके पास चला आया , नैना की वजह से निबी ने अवि से भी बात करना बंद कर दिया था। आज अवि को अपने सामने देखकर निबी को अपनी गलतियों का अहसास हुआ तो निबी ने कहा,”भाई वो मैं,,,,,,,,,,!!”
“नीचे चले नैना ?”,अवि ने निबी की बात पर ध्यान ही नहीं दिया और नैना से कहा

निबी के चेहरे की तरफ देखते हुए नैना अवि के साथ वहा से चली गयी। कुछ देर बाद निबी भी अपने कमरे में चली आयी आज उसका मन बहुत शांत था। वह आकर बिस्तर पर लेट गयी उसने अपना फोन उठाया और उस नंबर को ब्लॉक कर दिया जिस से उसे अब तक फोन आ रहे थे क्योकि अनुराग के साथ साथ वह अनुराग के घरवालों की नियत भी भांप चुकी थी।

 नैना अवि के साथ कमरे में चली आयी। निबी की गलतफहमी दूर हो चुकी थी और इसके बाद नैना को पहले से काफी अच्छा लग रहा था। वह शीशे के सामने आ बैठी और खुद को देखने लगी। मुरझाया चेहरा , उदास आँखे , सूखे होंठ , काले घेरे , गालो से झांकती हड्डिया और गले की नसे साफ दिखाई दे रही थी। बेइंतहा खूबसूरत और हसीन दिखने वाली नैना का एक बीमारी ने ये हाल कर दिया था।

अवि कपडे बदलकर आ चुका था , टॉवल से मुंह पोछते हुए उसकी नजर शीशे के सामने बैठी नैना पर पड़ी। अवि ने नैना की तरफ देखा तो नैना वहा से उठी और अवि की तरफ पलटकर कहा,”मैं अब सुन्दर नहीं लगती ना पडोसी,,,,,,,,,,,!!”
अवि नैना के पास आया और कहा,”किसने कहा ? मेरे लिए तुम आज भी वैसी ही हो , मेरा प्यार तुम्हारे लिए कभी कम नहीं हो सकता”


“लेकिन मैं अब कितनी फीकी दिखती हूँ , मेरी स्किन कितनी रफ हो चुकी है , मेरे होंठ सुख चुके है और आँखे , आँखे तो बिल्कुल बेजान लगती है,,,,,,,,,हाह ! शायद आने वाले वक्त में तुम भी मुझसे दूरी बना लो,,,,,,,,,!!”,नैना ने सर झुककर हतासा से कहा
अवि ने सुना तो ख़ामोशी से पीछे हटा और अपने फोन में एक प्यारा सा गाना चलाकर नैना के सामने आ खड़ा हुआ। फ़ोन पर एक प्यारा सा गाना बजा


हैरान हूँ कि कुछ भी न मांगू कभी मैं , जो तुम मेरे हो
ऐसा हो क्यों , कि लगता है हासिल सभी है , जो तुम मेरे हो
नैना ने अवि को देखा तो अवि ने नैना की तरफ अपना हाथ बढ़ा दिया। नैना ने अवि का हाथ थाम लिया और अवि उसे लेकर साइड में चला आया। उसने नैना का दूसरा हाथ धीरे से अपने कंधे पर रखा और अपना हाथ उसकी कमर पर रखकर धीरे धीरे चहलकदमी करने लगा , या कह लीजिये डांस करने लगा।


नैना अवि की आँखों में अपने लिए बेइंतहा मोहब्बत देख पा रही थी , गाना आगे चलने लगा और उसी के साथ अवि की आँखे नैना के लिए अपने दिल का हाल बया करने लगी,,,,,,,,,,,,,!!
“पूछे जो तू कि तुझमे मैं क्या देखता हूँ ? जब चारो तरफ आज कितने हसीन नज़ारे है,,,,,,,,,,!!
 जाने न तू खुद को यू ना जाने क्यों , नजरो से मेरी यहाँ देखो ना खुद को जरा,,,,!!
नैना अवि के गले आ लगी और कहा,”मैं जीना चाहती हूँ पडोसी,,,,,,,,,,,,तुम्हारे लिए , हमारे लिए”


अवि ने नैना को कसकर गले गला लिया और उसकी पीठ थपथपाते हुए कहा,”मैं तुम्हे कुछ नहीं होने दूंगा नैना,,,,,,,,,,,,ट्रस्ट मी”
अवि के गले लगे नैना को एक सुकून का अहसास हो रहा था और कुछ वक्त बाद अवि ने उसे दवा देकर सुला दिया और खुद उसके बगल में बैठा उसका सर सहलाता रहा।

अगली सुबह निबी अपना सामान लेकर हॉल में खड़ी थी , वह बैंगलोर जा रही थी ताकि अपने सपने पुरे कर सके। भोला निबी के लिए कॉफी लेकर आया तो निबी ने कहा,”भोला भैया , एक खाली कप और लाएंगे प्लीज ?”
भोला किचन से एक खाली कप ले आया तो निबी ने अपने कप की आधी कॉफी खाली कप में निकाली और कप भोला भैया की तरफ बढाकर कहा,”ये आप पी लीजिये,,,,,,!!”
भोला हैरानी से निबी को देखने लगा और कहा,”लेकिन मैडम ये आपकी कॉफी है मैं कैसे ?”


“क्यों ? आप इस घर के मेंबर नहीं है क्या ? पीजिये”,निबी ने कहा तो भोला ख़ामोशी से कॉफी पीने लगा। कॉफी खत्म कर जब उसने निबी की तरफ देखा तो निबी ने कहा,”मैंने आपके साथ जो बदतमीजी की उसके लिए आई ऍम सॉरी , मैं भूल गयी थी आप इस घर के मेंबर है ,, मुझे माफ़ कर दीजिये भोला भैया”
“अरे अरे मैडम ये आप क्या कर रही है ? मैं आपसे नाराज नहीं हूँ मुझे आपकी बात का बिल्कुल बुरा नहीं लगा सच में,,,,,,,,,!!”,भोला ने आत्मीयता से कहा


निबी ने सुना तो मुस्कुरा कर कहा,”थैंक्यू , आप बहुत अच्छे है भोला भैया”
“बुरा ना माने तो आपसे कुछ पूछ सकता हूँ मैडम ?”,भोला ने धीरे से कहा
“हम्म्म,,,,,!”,निबी ने कहा
“आप कही जा रही है ?”,भोला ने पूछा
“हाँ भोला भैया ! मैं हमेशा के लिए बैंगलोर जा रही हूँ , अब वही रहकर अपनी पढाई पूरी करुँगी और बिजनेस करुँगी,,,,,,,,,,,,,!!”,निबी ने कहा


निबी की बात सुनकर भोला उदास हो गया और कहा,”मत जाईये ना मैडम , आप चाहे तो कभी कभी गुस्से में डांट लेना लेकिन यही रहिये सबके साथ,,,,,,,,,!!”
“भोला भैया मैं अब बिल्कुल ठीक हूँ , और मैं ख़ुशी ख़ुशी इस घर से जा रही हूँ आप सबसे परेशान होकर नहीं,,,,,,,,,,,!!,निबी ने मुस्कुराकर कहा तो भोला ने हामी में सर हिला दिया

“सब तैयारी हो गयी बेटा ?”,चौधरी साहब ने सौंदर्या के साथ हॉल में आते हुए पूछा
“हाँ डेड ! आप चल रहे है ना मुझे एयरपोर्ट छोड़ने ?”,निबी ने पूछा
“हाँ बिल्कुल ! तुम्हे पहले जैसे देखकर खुश हु मैं,,,,,,!!”,चौधरी साहब ने निबी को साइड हग करके कहा
नैना सो रही थी और अवि उठ चुका था। वह फ्रेश होकर नीचे आया और सीधा हॉल में चला आया। अवि ने हॉल में रखे बैग्स को देखकर कहा,”मॉम आप लोग कही जा रहे हो क्या ?”


“निबी बैंगलोर जा रही है,,,,,,,!!”,सौंदर्या ने कहा
“बैंगलोर , ऐसे अचानक,,,,,,,,,!!”,अवि ने हैरानी से कहा
निबी अवि के सामने चली आयी और कहा,”मैं अपनी आगे की पढाई और इंटर्नशिप के लिए बैंगलोर जा रही हूँ , मैं जानती हु मैंने आपका और नैना भाभी का बहुत दिल दुखाया है और इसके लिए मैं शर्मिन्दा हूँ,,,,,,,,,,नैना भाभी इतनी अच्छी है कि उन्होंने मुझे माफ़ भी कर दिया बस अब आपकी माफ़ी,,,,,,,,,!!”


अवि ने सुना तो निबी को अपने सीने से लगाया और कहा,”मैंने तुम्हे माफ़ किया , बैंगलोर जा रही हो तो अपना ख्याल रखना और किसी की भी चीज की जरूरत हो तो बेझिझक कहना,,,,,,,,,,,,!!”
“चले बेटा तुम्हे देर हो जाएगी,,,,,,,,!!”,चौधरी साहब ने कहा
“डेड ! निबी को एयरपोर्ट छोड़ने मैं चला जाता हूँ , एक महीने से इसने ठीक से बात तक नहीं की मुझसे थोड़ी बात चीत हो जायेगी”,अवि ने कहा


“हाँ क्यों नहीं ? तुम निबी के साथ जाओ मैं तुम्हारी मॉम के साथ अपने ऑफिस जाता हूँ आज सभी शेयर होल्डर्स की मीटिंग है”,चौधरी साहब ने गाड़ी की चाबी अवि की तरफ बढाकर कहा
अवि ने चाबी ली और निबी को साथ लेकर चला गया। सौंदर्या ने मुस्कुरा कर चौधरी साहब को देखा और फिर दोनों वहा से चले गए।

देखते ही देखते एक हफ्ता गुजर गया , नैना की कीमो हो चुकी थी और उसकी तबियत में भी अब काफी सुधार था। धीरे धीरे वह ठीक हो रही थी। मोंटी रुचिका  बिजनेस में बिजी थे , सार्थक शीतल अपने नए घर में , सब खुश थे और सबकी जिंदगी अब अच्छी चल रही थी। आशीर्वाद अपार्टमेंट में सोसयटी लीडर बनने के बाद मिसेज आहूजा में भी काफी बदलाव आ चुके थे वे पहले से ज्यादा सरल और सहज हो चुकी थी और अब सबसे घुल मिलकर रहती थी।  निबी बंगलौर में खुश थी और रोज नैना से विडिओ कॉल पर बात करके उसे अपने बारे में बताती।

नैना के मन में अनुराग की मौत को लेकर जो बोझ था वो अब धीरे धीरे कम होने लगा था। सौंदर्या चौधरी साहब और अवि के साथ और परवाह से नैना धीरे धीरे अब ठीक हो रही थी।
नैना के बहुत कहने पर अवि भी अपने ऑफिस जाने लगा था लेकिन दिन में 10 बार फोन करके नैना से उसके खाने और दवाइयो के बारे में पूछता रहता।

लखनऊ , विपिन जी का घर
“अरे आराधना जल्दी करो , वो नए वाले परदे मुझे दो मैं हॉल की खिड़कियों पर लगाता हूँ ,, नैना देखेगी तो खुश हो जाएगी,,,,,,,मैं ज़रा दामाद जी को फोन कर लू कहा रह गए वो”,कहते हुए विपिन जी जैसे ही फोन कान से लगाए पलटे पीछे खड़ी आराधना से टकरा गए
“अरे बाबा आराम से , बेटी घर आ रही है तो आपके पाँव जमीन पर नहीं पड़ रहे,,,,,,,,,,,!”,आराधना ने कहा


“अरे कैसे पड़ेंगे आरु ? आज कितने दिनों बाद नैना घर आ रही है , तुम जल्दी जल्दी सब कामो में मेरी मदद करो ,, नैना के कम्फर्ट का सब सामान मैंने घर में  मंगा लिया है , उसे यहाँ किसी चीज की कमी नहीं होनी चाहिए,,,,,,,,,,,,,मैं कह दूंगा अवि से कि नैना अब पुरा एक महीना हमारे साथ रहेगी,,,,,,,,,,,!!”,विपिन जी ने बच्चो की तरह कहा


“सिर्फ नैना ही नहीं हम लोग भी पूरा एक महीना यहाँ आप लोगो के साथ रहने वाले है”,मोंटी , सार्थक , शीतल और रुचिका की आवाज आराधना और विपिन जी के कानो में पड़ी। दोनों ने पलटकर दरवाजे की तरफ देखा तो ख़ुशी से उनके चेहरे खिल उठे  

“अरे तुम लोग यहाँ , आओ आओ अंदर आओ,,,,,,,,,,नैना और अवि बस आने ही वाले है”,विपिन जी ने कहा तो सार्थक और मोंटी ने आकर उनके पैर छुए और शीतल रुचिका उनके गले आ लगी आखिर नैना के मम्मी पापा उनके मम्मी पापा जो ठहरे।
“हाँ अंकल ! हम चारो नैना से मिलने चंडीगढ़ ही जा रहे थे फिर अवि ने बताया कि वह नैना को लेकर लखनऊ आ रहा है तो हम सब यही चले आये ,, सोचा आपके साथ भी थोड़ा टाइम स्पेंड कर लेंगे”,मोंटी ने कहा


“बिल्कुल सही जगह आये हो,,,,,,,,,,,!!”,आराधना ने कहा तभी बाहर गाड़ी के हार्न की आवाज पड़ी
“लगता है नैना आ गयी है,,,,,,,,!”,कहते हुए विपिन जी दरवाजे की तरफ चले गए और बाकि सब उनके पीछे लेकिन बाहर आकर विपिन जी उदास हो गए वो गाड़ी अवि की नहीं बल्कि किसी और की थी जो वहा से गुजरी थी।
“अंकल नैना आ रही है तो क्यों न उसका वेलकम कुछ इंट्रेस्टिंग तरीके से किया जाये”,सार्थक ने कहा
“वो कैसे ?”,विपिन जी ने पूछा


“वो सब आप हम चारो पर छोड़ दीजिये और अंदर जाकर नैना की पसंद के परदे लगाइये,,,,,,,,,,!!”,मोंटी ने आकर कहा
विपिन जी ने उसका कान पकड़ा और कहा,”अच्छा तो तुम इतने बड़े हो गए कि अब मुझे आर्डर दोगे तुम्हारी तो मैं,,,,,,,,!!”
“अरे अरे अंकल मैं तो बस मजाक कर रहा था , ए सार्थक चल तैयारी करते है,,,,,,,,,,,!!”,मोंटी ने अपना कान छुड़ाते हुए कहा और सार्थक को लेकर साइड में चला गया
आराधना सबके लिए चाय बनाने चली गयी और विपिन जी मोंटी के कहे अनुसार नैना की पसंद के परदे लगाने।

सार्थक , शीतल , मोंटी और रुचिका ने मिलकर घर के लॉन एरिया में बहुत ही सुन्दर सिटिंग एरिया बनाया जहा 10-12 लोग आराम से बैठ सके। घर के बरामदे में म्यूजिक सिस्टम रखा , उसके आस पास नैना की पसंद के पौधे , फूलो वाले गमले रखे गए , मेन गेट से अंदर आने वाले रास्ते को फूलो से सजाया , आज विपिन जी का घर किसी दुल्हन से कम नहीं लग रहा था। विपिन जी भी बाहर चले आये और चारो का काम देखकर खुश हो गए।

आराधना सबके लिए चाय ले आयी , सबने चाय पी और फिर बैठकर नैना के आने का इंतजार करने लगे। कुछ देर बाद ही अवि की गाड़ी आकर घर के बाहर रुकी। सार्थक मोंटी के प्लान के हिसाब से वे चारो छुप गए और सिर्फ आराधना विपिन जी नैना अवि को लेने दरवाजे पर आये।

नैना गाड़ी से उतरी और विपिन जी के सामने आयी जैसे ही उसने अंदर आने के लिए कदम रखा म्यूजिक सिस्टम पर गाना बजने लगा। नैना हैरान सी आगे बढ़ी उसने विपिन जी की बांह थाम रखी थी। जैसे ही आगे बढ़ी संबसे पहले कुछ फूल हाथो में लिए मोंटी गाते हुए उसके सामने आया
“ए दिल ! लाया है बहार , अपनों का प्यार , क्या कहना ?”
कहते हुए उसने घुटनो पर बैठकर वो सारे फूल नैना को थमा दिए और साइड हो गया।


नैना मुस्कुरा उठी तभी हाथो में कुछ हार्ट शेप बैलून लिए शीतल नैना के सामने आयी और गाते हुए उसकी तरफ बढ़ा दिए
“मिले हम छलक उठा , ख़ुशी का खुमार , क्या कहना ?”
रुचिका के बाद आराधना नैना की तरफ बढ़ी और उसकी बलाये लेकर गाने लगी
“खिले खिले चेहरों से आज , घर है मेरा , गुले गुलजार , क्या कहना ?
शीतल नैना के बगल में चली आई और उसके साथ चलते हुए गाने लगी
खिले खिले चेहरों से आज , घर है मेरा , गुले गुलजार , क्या कहना ?


नैना फिर आगे बढ़ी तो साइड से निकलकर सार्थक आया और विपिन जी को साइड कर नैना के साथ डांस करते हुए गाने लगा
“ए दिल लाया है बहार , अपनों का प्यार , क्या कहना ?
सबको खुश देखकर नैना के चेहरे पर ख़ुशी झलकने लगी। विपिन जी उसे लेकर सबके साथ लॉन एरिया में चले आये और खुद नैना के लिए कुर्सी खींचकर उसे बैठाया। सबको वहा एक साथ देखकर अवि भी खुश हो गया।

सबने साथ बैठकर चाय नाश्ता किया , खूब बाते की,,,,,,,,,,,,,,,,सब वहा बैठे थे बस अवि वहा नहीं था और किसी ने इतना ध्यान भी नहीं दिया। आज कितने हफ्तों  बाद नैना हंस मुस्कुरा रही थी। उसके मन में जो मरने का डर था वो जा चुका था। सब उसे खूब लाड दुलार कर रहे थे। नैना सबके साथ बैठी हंस मुस्कुरा रही थी कि तभी उसके कानो में बुलेट की आवाज पड़ी , उसके चेहरे से ख़ुशी एकदम से गायब हो गयी , नैना ने थोड़ा ध्यान से सुना ये बुलेट की ही आवाज थी और उसकी अपनी बुलेट की ,,

एकदम से नैना की आँखों के सामने वो सारे पल घूम गए जब नैना अपनी बाइक को लखनऊ की सड़को पर दौड़ाया करती थी। नैना कुर्सी से उठी और आवाज वाली दिशा में जाने लगी , विपिन जी और बाकि सब ने नैना को अचानक यू उठकर जाते देखा तो सबके साथ उसके पीछे चले आये।  

नैना ने देखा उसकी बाइक थी जिसके बगल में अवि खड़ा था। नैना ने अपने बाइक देखी तो उसके पास चली आयी और उसे छूकर देखने लगी। अब तक नैना की जिंदगी में कुछ कमी थी तो वो यही तो थी “आजादी” आजादी अपने डर से
बाइक को छूकर देखते हुए सहसा ही नैना की आँखों में नमी तैर गयी , अवि ने बाइक की चाबी नैना की तरफ बढा दी। नैना ने कांपते हाथो से चाबी को लिया और नम आँखों से अवि को देखते हुए कहा,”मैं नहीं चला पाऊँगी पडोसी , मैं गिर जाउंगी”


“तुम्हारे सम्हालने के लिए मैं हूँ न नैना,,,,,,,,,,,,आओ बैठो”,अवि ने नैना का कांपता हाथ थामकर कहा
नैना ने पलटकर सबको देखा तो सबने नैना से बैठने को कहा। नैना बाइक पर आ बैठी और अवि उसके पीछे आ बैठा। नैना ने काँपते हाथ से बाइक में चाबी लगाकर उसे स्टार्ट किया और आगे बढ़ा दी। कुछ सेकेण्ड की घबराहट के बाद एकदम से नैना में कॉन्फिडेंस आ गया और उसने बाइक की स्पीड बढ़ा दी। नैना को पहले जैसा देखकर अवि खुश था , नैना खुद को खो दे इस से पहले उसने उसे बचा लिया।


कुछ देर बाद नैना अवि को लेकर वापस आयी। उसने बाइक साइड में लगायी और उतरकर विपिन जी के पास चली आयी। विपिन जी के सामने आकर नैना एकदम से रो पड़ी तो विपिन जी ने उसे अपने सीने से लगा लिया
 नैना ने रोते हुए ऊँगली से अवि की तरफ इशारा किया और कहा,”उसने आपकी नैना को खोने से बचा लिया डेड,,,,,,,,,,,,आपके बाद वो इस दुनिया का सबसे बेहतर इंसान है”


अवि ने सुना तो उसकी आँखों में नमी तैर गयी , कोई देख ना ले इसलिए नैना की बात सुनकर वह पलट गया  लेकिन सार्थक मोंटी की नजर उस पर पड़ गयी और दोनों ने आकर उसे सम्हाल लिया। रुचिका , शीतल , आराधना नैना के पास चली आयी और सबने साथ मिलकर उसे गले लगा लिया।

आज का दिन सबके लिए बहुत अच्छा था। सब खुश थे , सबकी जिंदगी सही राह पर आ चुकी थी हमारी नैना उसने खुद को फिर से पा लिया था,,,,,,,,,,,,शीतल रुचिका और नैना तीनो ने एक दूसरे को गले लगाया और एक साथ कहा,”हमने कर दिखाया , हमने कर दिखाया,,,,,,,,,,,!!”


अवि सार्थक और मोंटी भी उनके पास चले आये , सबके चेहरो पर ख़ुशी थी जो ये जाहिर कर रही थी कि जिंदगी खूबसूरत होती नहीं बल्कि उसे खूबसूरत बनाया जाता है अपनों के साथ से , दोस्ती के हाथ से और एक सच्चे हमसफ़र के जज्बात से,,,,,,,,,,,,,,,तो जिंदगी कभी कड़वी लगे तो हार मत मानना , क्या पता आगे मीठा झरना आपका इंतजार कर रहा हो,,,,,,,,,,,,और हालातो से हारकर कभी खुद को मत खोना , हर हाल में खुद को बनाये रखना ही जिंदगी है,,,,,,,,,,,!!

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The End

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