Love You Zindagi – 32
Love You Zindagi – 32

कुकू को वहा देखकर मोंटी और रुचिका दोनों एक दूर हटे और मोंटी ने कहा,”यहाँ बड़ा बुजुर्ग कौन है ?”
“मैं और कौन ? अब आप दोनों के झगडे खत्म होने के इंतजार में मेरी उम्र तो निकली जा रही है न,,,,,,,,,,!!”,कुकू ने मोंटी और रुचिका की तरफ आते हुए कहा
रुचिका ने कुकू का कान पकड़ा और मरोड़ते हुए कहा,”अच्छा बहुत जबान चल रही है तुम्हारी,,,,,,,,,,!!”
“अरे दी छोडो मैं तो बस मजाक कर रही हूँ,,,,,,,,,,,,,!!”,कुकू ने कहा
मोंटी ने रुचिका से कुकू को दूर किया और कहा,”ए रुचिका ! मेरी प्यारी साली को परेशान करना बंद करो तुम,,,,,,,,,!!”
कुकू ने सुना तो मोंटी के सीने से लगी और रुचिका को चिढ़ाते हुए अंगूठा दिखा दिया। रुचिका मुस्कुरा उठी। मोंटी के साथ कुकू का अच्छा बॉन्ड देखकर रुचिका को अच्छा लग रहा था।
“पापा ने आप दोनों को बुलाया है मैं यही कहने आयी थी,,,,,,,!!”,कुकू ने मोंटी से दूर होकर कहा
मोंटी ने रुचिका की तरफ देखा तो रुचिका ने आँखों ही आँखों में मोंटी से उसके और रिश्ते के सुलझने का इशारा किया। कुकू मोंटी और रुचिका के साथ हॉल की तरफ बढ़ गयी। मोंटी और रुचिका कुकू के पीछे चल रहे थे चलते चलते सहसा ही मोंटी ने रुचिका का हाथ थाम लिया। रुचिका का दिल धड़क उठा , दोनों पति पत्नी थे लेकिन प्यार के ये खट्टे मीठे अहसास आज भी दोनों का दिल धड़का ही देते थे।
तीनो हॉल में चले आये। रुचिका एक तरफ खड़ी हो गयी और मोंटी रुचिका के पापा के कहने पर आकर सोफे पर बैठ गया। कचौड़िया बन चुकी थी और साथ ही एक बार फिर कचौड़ियो के साथ चाय तैयार थी। रुचिका के पापा ने प्लेट उठाकर मोंटी के पापा को दी और दूसरी प्लेट उठाकर मोंटी की तरफ बढाकर कहा,”गुस्से में आकर मैंने आपसे जो भी भला बुरा कहा उसके लिए मैं आपसे माफ़ी चाहता हूँ बेटा,,,,,,,,,,,,,बेटी का बाप हूँ ना तो उसे तकलीफ में नहीं देख पाया,,,,,,,,,,,,!!”
मोंटी ने सुना तो उसने प्लेट नीचे रखी और उनके हाथो को थामकर कहा,”आप मुझे शर्मिन्दा कर रहे है पापा , आपने जो किया सही किया मेरी गलती है मैं गुस्सा होकर चला गया। मुझे माफ़ कर दीजिये,,,,,,,,,!!”
मोंटी को माफ़ी मांगते देखकर रुचिका के पापा का दिल भर आया उन्होंने देखा मोंटी के चेहरे पर बिल्कुल भी शिकन के भाव नहीं थे , उलटा वह सामने से उन से माफ़ी मांग रहा था। रुचिका के पापा उठे और मोंटी को गले लगाकर कहा,”मुझे माफ़ कर दो बेटा आपको समझने में मुझसे बड़ी भूल हुई ,
मैं बहुत शर्मिन्दा हूँ,,,,,,,,,,,,मैंने सिर्फ रुचिका की साइड देखी आपकी बात सुनी ही नहीं और आपको इतना सब कह दिया,,,,,,,,,,,,सही वक्त पर आपने मेरी आँखे खोल दी,,,,,,,,वरना इतना खूबसूरत रिश्ता टूट जाता”
“अरे ऐसे कैसे टूट जाता भाईसाहब ? अगर मोंटी नहीं मानता तो मेरे पैरो में जूता है,,,,,,,,,,इनके मॉर्डन ज़माने में होता होगा छोटी छोटी बात पर शादी तोड़ना हमारे यहाँ सिर्फ जोड़ने का काम होता है तोड़ने का नहीं,,,,,,,,,,,!!”,मोंटी के पापा ने कहा
रुचिका के पापा ने सुना तो मोंटी से दूर हटे और प्लेट में रखी मिठाई का टुकड़ा उठाकर मोंटी के पापा को खिलाते हुए कहा,”तो फिर इस बात पर मुंह मीठा कीजिये समधी जी,,,,,,,,!!”
“हाँ हाँ क्यों नहीं लीजिये आप भी लीजिये,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए मोंटी के पापा ने भी रुचिका के पापा को मिठाई खिला दी।
रुचिका ने देखा तो ख़ुशी से उसका चेहरा खिल गया , अब तक जैसे हालात थे रुचिका घबरा रही थी कही वह मोंटी से हमेशा हमेशा के लिए दूर ना हो जाये लेकिन आखिर में सब सही हो गया। रुचिका और मोंटी की मम्मी भी ख़ुशी से मुस्कुरा उठी आखिर उनके बच्चो का घर टूटने से बच चुका था। दोनों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाई,,,,,,,,,,,,,कुकू ने देखा तो रुचिका को साइड हग करके धीरे से कहा,”कोन्ग्रेचुलेशन दी , सब ठीक हो गया ,, अब खुश है न आप ?”
ख़ुशी से भरकर रुचिका ने हामी भरी और जैसे ही सामने देखा पाया मोंटी उसके सामने खड़ा है। मोंटी ने हाथ में पकड़ा मिठाई का टुकडा रुचिका को खिलाया और कहा,”मुबारक हो !”
रुचिका ने आधा टुकड़ा खाया और बचा आधा मोंटी को खिलाते हुए कहा,”तुम्हे भी,,,,,,,,,!!”
“जीजू क्यों ना इस ख़ुशी के मोके पर थोड़ी शॉपिंग हो जाये,,,,,,,,,,WTP चलते है बहुत मजा आएगा”,कुकू ने खुश होकर कहा
मोंटी ने रुचिका की तरफ देखा तो चलने का इशारा किया , वह मोंटी के साथ अकेले कुछ वक्त बिताना चाहती थी और इसके लिए घर से बाहर जाना जरुरी था।
कुकू ने सबको ये बात बताई तो सबने ख़ुशी ख़ुशी हामी भर दी। अब मोंटी के मम्मी पापा शादी के बाद पहली बार जयपुर आये थे इसलिए रुचिका के पापा ने मंदिर जाने का प्लान बनाया। चाय नाश्ते के बाद मोंटी के मम्मी पापा फ्रेश होने चले गए और कुकू रुचिका मोंटी के साथ शॉपिंग जाने के लिए निकल गयी।
चंडीगढ़ , अवि का घर
“निबी कहा है ? वो कहा चली गयी ?”,चौधरी साहब ने घर के मेन दरवाजे से हॉल में आते हुए कहा
शीतल उनके पास आयी और कहा,”पता नहीं अंकल ! कुछ देर पहले वो अपने कमरे में सो रही थी ,,, उसे आराम करने के लिए छोड़कर मैं नहाने गयी थी जब वापस आकर देखा तो निबी अपने कमरे में नहीं थी। मैंने सब जगह देखा लेकिन वो कही नहीं है अंकल,,,,,,,,!!”
“निबी ऐसे कहा जा सकती है ? मुझे तो बहुत डर लग रहा है कही उसके साथ कोई दुर्घटना ना हो जाये,,,,,,,,,!!”,सौंदर्या ने घबराये हुए स्वर में कहा
“आई ऍम सॉरी आंटी ! मैं निबी का ख्याल नहीं रख पायी,,,,,,,,,मेरी लापरवाही की वजह से,,,,,,,!!”,कहते कहते शीतल रो पड़ी
“शीतल ! बेटा इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं है शांत हो जाओ,,,,,,,,,,निबी यही कही होगी मिल जाएगी,,,,,,,तुम खुद को दोषी समझो”,चौधरी साहब ने शीतल को शांत करते हुए कहा
“शीतल बेटा तुम खुद को गलत मत समझो हो सकता है घर में किसी को ना पाकर निबी कही बाहर चली गयी हो,,,,,,,,,,,मैं उसकी दोस्तों को फोन करके पता करती हूँ , वो यही कही गयी होगी,,,,,,,,,,,तुम बैठो और शांत हो,,,,,,,,,!!”,सौंदर्या ने शीतल से कहा
“भोला ज़रा पानी लाना”,चौधरी साहब ने भोला से कहा , अगले ही पल एक गिलास पानी ले आया चौधरी साहब ने पानी का गिलास शीतल की तरफ बढ़ाकर कहा,”लो बेटा पानी पीओ”
शीतल ने गिलास लिया और पानी पीकर साइड रख दिया। वह अब थोड़ी शांत थी। चौधरी साहब सौंदर्या की तरफ पलटे और कहा,”सौंदर्या तुम आस पास रहने वाली निबी की दोस्तों से पूछो मैं भी कुछ लोगो को निबी की जानकारी देती हूँ,,,,,,,,,,,,,,भोला गार्ड्स से कहो कि पूरा एरिया देखे , निबी का पता लगाए”
चौधरी साहब का आदेश सुनकर भोला वहा से चला गया और चौधरी साहब भी चले गए। सौंदर्या ने बैग से अपना फोन निकाला और वही शीतल के बगल में बैठकर निबी के दोस्तों को फोन लगाने लगी। किसी को नहीं पता था निबी कहा गयी है , ना दोस्तों को ना पड़ोसियों को , हताश होकर सौंदर्या ने भी अपना सर झुका लिया। शीतल ने उन्हें यू टूटते देखा तो अपना हाथ उनके कंधे पर रखा और कहा,”परेशान मत होईये आंटी निबी मिल जाएगी,,,,,,,,,,,,,!!”
“वो ऐसे बिना बताये कहा जा सकती है ?”,सौंदर्या ने उदास होकर कहा
शीतल ने सुना तो एकदम से उसे अनुराग का ख्याल आया और उसने कहा,”आंटी कही ऐसा तो नहीं अनुराग की मौत की खबर सुनकर निबी उसके घर चली गयी हो ?”
सौंदर्या ने सुना तो उन्होंने शीतल की तरफ देखा , जो ख्याल शीतल के जहन में चल रहा था अब सौंदर्या के जहन में भी चलने लगा। निबी का कही नहीं मिलने का सीधा सीधा शक अब वही जा रहा था।
अनुराग को खत्म हुए 24 घंटो से ज्यादा वक्त हो चुका था और उसके घरवाले उसकी डेड बॉडी लेकर कल ही जा चुके थे ,, अब तक तो उसका अंतिम संस्कार भी हो चुका था ऐसे में निबी वहा जाकर क्या करेगी ?
सौंदर्या को सोच में डूबे देखकर शीतल ने कहा,”आंटी ! अनुराग सर की मैनेजर का नंबर मेरे पास है मैं उसे फोन करके पता करती हूँ हो सकता है निबी वहा हो,,,,,,,,,!!”
“और अगर वो वहा नहीं हुई तो ?”,सौंदर्या ने चिंता जताते हुए कहा
“आंटी आप पॉजिटिव रहिये , हम सब जानते है अनुराग अच्छा इंसान नहीं था लेकिन निबी ने तो सच्चे दिल से उस से प्यार किया था। अनुराग ने उसे धोखा दिया इस तकलीफ के साथ शायद वह जिंदगी जी सकती थी लेकिन अनुराग अब इस दुनिया में नहीं है ये दर्द उसके दिए धोखे से भी बड़ा है,,,,,,,,,,,,मैं उनकी मैनेजर से बात करके देखती हूँ,,,,,,,,,,,!!”,शीतल ने कहा
“हम्म्म्म !”,सौंदर्या ने हामी में सर हिला दिया वे इस वक्त कुछ भी बोल पाने की स्तिथि में नहीं थी। एक तरफ नैना थी और दूसरी तरफ शीतल और सौंदर्या का दोनों के साथ ही होना बहुत जरुरी था। मायूस होकर सौंदर्या ने अपना चेहरा अपने हाथो में छुपा लिया।
शीतल ने अनुराग की मैनेजर से बात की और सौंदर्या के पास आकर कहा,”आंटी मैंने उन्हें फोन किया है , उन्हें भी आज ही अनुराग सर के बारे में पता चला है। वो अभी रास्ते में है उनके घर ही जा रही है मैंने उसे निबी के बारे में बताया है ,, जैसे ही कुछ पता चलता है वो मुझे फोन करेगी,,,,,,,,,,,,!!”
सौंदर्या ने मायूसी से हामी में अपनी गर्दन हिला दी। शीतल उनके बगल में पड़े सोफे पर आ बैठी और कहा,”नैना कैसी है ? वो घर कब तक आएगी ?”
“नैना अब ठीक है विहान ने कहा है कल वो घर आ सकती है,,,,,,,,,,,,,,लेकिन नैना को ऐसे हाल में देखकर विपिन जी बहुत टूट गए है,,,,,,,,,!!”,सौंदर्या ने उदासीभरे स्वर में कहा
शीतल ने सुना तो वह भी उदास हो गयी और कहा,”ये तो होना ही था आंटी , अंकल नैना से बहुत प्यार करते है वे उसे ऐसी किसी भी सिचुएशन में नहीं देख सकते,,,,,,,,बस नैना ठीक होकर वापस घर आ जाये”
“सौंदर्या निबी का पता चल गया है , मैंने पता किया वो आज सुबह की बस से दिल्ली गयी है,,,,,,,,,,,,,लेकिन वो दिल्ली क्यों गयी है ?”,चौधरी साहब ने हॉल में आते हुए कहा
“आंटी मेरा शक सही था निबी जरूर अनुराग के घर गयी है,,,,,,,,,,,!!”,शीतल ने कहा
“हमे दिल्ली के लिए निकलना होगा , कही निबी के अचानक वहा जाने से कोई परेशानी खड़ी ना हो जाये,,,,,,,,,,,!!”,चौधरी साहब ने कहा
“कैसी परेशानी डेड ?”,तभी अवि की आवाज सबके कानो में पड़ी।
अवि नैना की पुरानी रिपोर्ट्स लेने घर आया था लेकिन अपने मम्मी पापा और शीतल को हॉल में परेशान देखकर उनके पास चला आया। अवि को वहा देखकर सभी खामोश हो गए। अवि उनकी तरफ आया और कहा,”क्या बात है आप लोग इतना परेशान क्यों है ? निबी ठीक है ना ?”
चौधरी साहब ने अवि को सब बताया तो अवि का सर घूमने लगा। निबी का अचानक दिल्ली चले जाना उसे सही नहीं लग रहा था। निबी वहा किसी बड़ी मुसीबत में फंस सकती थी और यही सोचकर अवि का दिल बैठा जा रहा था।
उसने अपने पापा और सौंदर्या को देखा और कहा,”आप लोग चिंता मत कीजिये मैं अभी दिल्ली के लिए निकल रहा हूँ,,,,,,,,,,मैं निबी को वापस लेकर आऊंगा”
“लेकिन तुम अकेले ? यहाँ नैना को तुम्हारी जरूरत है बेटा,,,,,,,,,,,,!!”,सौंदर्या ने कहा
“मॉम नैना के साथ उसके मम्मी पापा है और आप सब भी है ना ,, निबी इस वक्त जो महसूस कर रही है वो मैं समझ सकता हूँ ,, उसने उस इंसान को खोया है जिसे वह प्यार करती थी। इस वक्त उसे सम्हालना बहुत जरुरी है और अनुराग के घरवाले पहले ही इस घर से नाराज है कही वो अनुराग का गुस्सा निबी पर ना निकाले,,,,,,,,,,,,मैं अभी निकलता हूँ”,कहते हुए अवि जैसे ही जाने को हुआ सौंदर्या ने उसकी कलाई पकड़कर उसे रोकते हुए कहा,”मैं भी साथ चलती हूँ,,,,,,,,,,!!”
“मॉम लेकिन आप,,,,,,,,,,!!”,अवि ने उन्हें मना करना चाहा लेकिन सौंदर्या ने आँखों में आँसू भरकर कहा,”प्लीज अवि ! वो मेरी बेटी है,,,,,,,,,,,!!”
सौंदर्या की आँखों में आँसू देखकर अवि उन्हें ना नहीं बोल पाया और साथ लेकर चला गया। चौधरी साहब सोफे पर आ बैठे वे उदास हो गए हसते खेलते घर में एकदम से तकलीफ के बादल घिर आये थे जो किसी भी वक्त बरसने को तैयार थे।
शीतल ने उन्हें परेशान देखा तो उनके कंधे पर हाथ रखकर कहा,”चिंता मत कीजिये अंकल,,,,,,,,,,,,सब ठीक हो जाएगा”
चौधरी साहब ने शीतल की तरफ देखा और हामी में अपना सर हिला दिया।
आशीर्वाद अपार्टमेंट , दिल्ली
मिसेज आहूजा को वोटिंग के लिए प्रचार प्रसार करते देखकर मिसेज शर्मा पर भी भूत सवार हो गया और वे भी अपने चार सहेलियों के साथ निकल पड़ी सोसायटी के लोगो का दिल जीतने। मिसेज आहूजा और मिसेज शर्मा दोनों ही हर फ्लेट के सामने जाकर बड़े बड़े वादो के साथ वोट मांग रही थी। एक वक्त ऐसा आया जब सोसायटी का आखरी घर बचा था और मिसेज शर्मा और मिसेज आहूजा अपनी अपनी फौज को लेकर एक साथ उस फ्लेट के सामने पहुंची।
मिसेज आहूजा ने मिसेज शर्मा को देखा और मुंह बनाकर बेल बजाने के लिए जैसे ही अपना हाथ डोरबेल की तरफ बढ़ाया मिसेज शर्मा ने उनका हाथ साइड में किया और खुद बेल बजा दी। ये देखकर मिसेज आहूजा गुस्से से भुनभुना उठी वे मिसेज शर्मा से कुछ कहती इस से पहले ही फ्लेट का दरवाजा खुला और उसमे रहने वाले अरोड़ा जी अपनी पत्नी के साथ बाहर आये।
उन्हें देखते ही मिसेज आहूजा ने एकदम से अपना मिजाज बदला और मिसेज शर्मा के बोलने से पहले बड़े ही प्यार से कहा,”नमस्ते मिस्टर एंड मिसेज अरोड़ा कैसे है आप ? आप लोग कल सोसायटी की मीटिंग में नहीं आये,,,,,,,,,,,,खैर छोड़िये आपकी जानकारी के लिए बता दू इस बार सोसायटी की लीडर के लिए मैंने अपना नाम दिया है और मैं चाहती हूँ आप लोग अपना प्यार और साथ बनाये रखे,,,,,,,,,,,,,,लेकिन उस से पहले मैं आपको मेरे लीडर बनने के फायदे बता दू ताकि आप अपना वोट गलत जगह बर्बाद ना करे,,,,,,,,,,,,!!”
कहते हुए मिसेज आहूजा ने एक तीखी मुस्कान के साथ मिसेज शर्मा को देखा और मिसेज शर्मा ख़ामोशी से उन्हें देखते रही उनके मन में इस वक्त क्या चल रहा था ये तो बस वही जानती थी।
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संजना किरोड़ीवाल
तीनो हॉल में चले आये। रुचिका एक तरफ खड़ी हो गयी और मोंटी रुचिका के पापा के कहने पर आकर सोफे पर बैठ गया। कचौड़िया बन चुकी थी और साथ ही एक बार फिर कचौड़ियो के साथ चाय तैयार थी। रुचिका के पापा ने प्लेट उठाकर मोंटी के पापा को दी और दूसरी प्लेट उठाकर मोंटी की तरफ बढाकर कहा,”गुस्से में आकर मैंने आपसे जो भी भला बुरा कहा उसके लिए मैं आपसे माफ़ी चाहता हूँ बेटा,,,,,,,,,,,,,बेटी का बाप हूँ ना तो उसे तकलीफ में नहीं देख पाया,,,,,,,,,,,,!!”
तीनो हॉल में चले आये। रुचिका एक तरफ खड़ी हो गयी और मोंटी रुचिका के पापा के कहने पर आकर सोफे पर बैठ गया। कचौड़िया बन चुकी थी और साथ ही एक बार फिर कचौड़ियो के साथ चाय तैयार थी। रुचिका के पापा ने प्लेट उठाकर मोंटी के पापा को दी और दूसरी प्लेट उठाकर मोंटी की तरफ बढाकर कहा,”गुस्से में आकर मैंने आपसे जो भी भला बुरा कहा उसके लिए मैं आपसे माफ़ी चाहता हूँ बेटा,,,,,,,,,,,,,बेटी का बाप हूँ ना तो उसे तकलीफ में नहीं देख पाया,,,,,,,,,,,,!!”


Aery yr… chaudhary parivar pr har or se mushkilo ne gher liya hai…Nibhi bhi Dilli chali gayi bina kisi ko btaye… udhar Naina ko halat .. bechara Avi Nibhi ko lene Dilli ja rha hai… jabki Naina ko usko jarurat hai…par Nibhi khud se wapas aane se rhi…aur agar waha par fans hai…tab to gaye kaam se… thank god ki sarthak aur sheetal hai waha par…nhi to kaise Avi sab kuch sambhanlta ek sath itna kuch…iss yeh sahi hua ki Monti aur Ruchika k beach m sab thik ho gaya hai… umeed hai ki jaldi hee wo dono Chandigarh jaye aur Naina k bare m pta kare