Love You जिंदगी – 48

Love You Zindagi – 48

Love You Zindagi Season 3 by Sanjana Kirodiwal
Love You Zindagi Season 3 by Sanjana Kirodiwal

निबी का सच अवि के सामने आ चुका था , साथ ही अवि का दिल भी टूट चूका था। अनुराग की भाभी के साथ मिलकर निबी नैना को इस घर से निकालना चाहती थी जिस से उसका बदला पूरा हो सके लेकिन कम अकल निब्बी ना अनुराग के धोखे को समझ पायी ना ही अनुराग के घरवालों की बुरी नियत को लेकिन अवि ने आज जो उस से कहा उसके बाद निबी को मन ही मन बुरा लगने लगा।

वह बिस्तर पर आ बैठी उसकी आँखों के सामने अवि और अपने बचपन के पल आने लगे , निबी की आँखों में आँसू भर आये और वह सोचने लगी , एक बदले के चलते वह अपने ही सगे भाई की जिंदगी में आग लगाने का काम कर रही थी।

निबी ने अपना सर झुका लिया और अगले ही पल उसकी आँखों के सामने नैना के साथ बिताये पल आने लगे। जबसे नैना इस घर में आयी थी उसने कभी निबी के साथ भाभी वाला रिश्ता रखा ही नहीं वह हमेशा निबी के साथ एक दोस्त की तरह रही , उसने हमेशा निबी को सपोर्ट किया उसे परेशानियों से निकाला , आखिर में निबी को याद आया वो पल जब उसने नैना के गाल पर थप्पड़ मारा था। उसे खुद पर शर्म महसूस होने लगी।

निबी के कमरे से निकलकर अवि सौंदर्या के कमरे में आया। नैना आराम कुर्सी पर बैठी थी और सौंदर्या बिस्तर पर बैठी उसे देख रही थी। अवि अंदर आया और कहा,”मॉम अगर आपको ठीक लगे तो मैं नैना के साथ रुक जाता हूँ,,,,,,,,!!”
“तुम अभी अभी ऑफिस से आये हो बेटा तुम अपने कमरे में जाकर आराम करो , नैना का ख्याल रखने के लिए मैं हूँ,,,,,,,,!!”,सौंदर्या ने कहा


“आप भी तो कुछ देर पहले ही क्लिनिक से आयी है मॉम , लोगो को ठीक करने के लिए आपका ठीक रहना भी तो जरुरी है ना , आप जाकर सो जाईये मैं नैना के पास रुकता हूँ,,,,,,,,,!!”,अवि ने सौंदर्या के बगल में बैठते हुए कहा
निबी की बातों से अवि का मन भारी हो चुका था , उसने निबी से कह तो कह तो दिया कि वह नैना के साथ ये घर छोड़कर चला जायेगा लेकिन अवि अपनी मॉम को कैसे छोड़ सकता था ?

अवि ने अपना सर सौंदर्या के कंधे पर टिका दिया और कहा,”नैना के लिए आप इतना सब कर रही है मॉम ,, जब नैना ठीक हो जाएगी तब ये जानकर बहुत खुश होगी कि आपने इसके लिए इतने सैक्रिफाइस किये,,,,,,,,!!”


अवि को यू अचानक से इमोशनल होते देखकर सौंदर्या ने कहा,”अवि ! क्या हुआ है तुम्हे ? क्या तुम किसी बात से परेशान हो ? तुम चाहो तो मुझे बता सकते हो,,,,,,,,,,,,,अह्ह्ह्ह तुम नैना से भी कह सकते हो , क्यों नैना ?”
“हाँ मॉम मैं सुनने के लिए तैयार हूँ,,,,,,,,,,!!”,नैना ने धीरे से बुझे स्वर में कहा
सौंदर्या मुस्कुराई और अवि की तरफ देखकर कहा,”मैं और नैना दोनों सुनने के लिए तैयार है अब बताओ क्या बात है ?”


अवि सौंदर्या को निबी के बारे में बताकर परेशान करना नहीं चाहता था , उसने एक ठंडी साँस ली और कहा,”कुछ ख़ास नहीं मॉम अगले हफ्ते एक बड़ी कम्पनी के साथ डील है बस उसी के काम को लेकर थोड़ा स्ट्रेस में हूँ,,,,,,,,,,जब तक नैना ठीक नहीं हो जाती तब तक मृणाल से कहा है सब मैनेज करने को,,,,,,,,,,,वो कर लेगा”
“मृणाल के साथ साथ तुम्हे भी अपने काम पर ध्यान देना चाहिए पडोसी,,,,,,,,,,,,!!”,आराम कुर्सी पर लेटी नैना ने आँखे मूँदे धीरे से कहा


“मैं अपने काम पर ही ध्यान दे रहा हूँ,,,,,,,,,,!”,अवि ने नैना के चेहरे की तरफ देखकर कहा , सौंदर्या ने महसूस किया नैना और अवि को एक दूसरे के साथ अकेले छोड़ देना चाहिए इसलिए वह उठी और कहा,”मैं जरा तुम्हारे डेड को देखकर आती हूँ , उन्होंने शायद अभी तक खाना नहीं खाया है,,,,,,,,,तुम नैना से बाते करो मैं अभी आयी”
“हम्म्म,,,,,,,,,!!”,अवि ने कहा तो सौंदर्या वहा से चली गयी

सौंदर्या के जाने के बाद अवि नैना के पास आया और उसके बगल में पड़ी कुर्सी पर आ बैठा। नैना आँखे मूंदे सर सीट से लगाये आराम कुर्सी पर बैठी थी। अवि एकटक नैना के चेहरे को देखता रहा तो नैना ने कहा,”मुझे घूरना बंद करो पडोसी,,,,,,,,,,,!!”


“अह्ह्ह्ह सॉरी ! तुम चिल्लाई क्यों नैना ? क्या तुमने सच में कोई बुरा सपना देखा ?”,अवि ने पूछा
“उस बात को भूल जाओ पडोसी , मैं अभी ठीक हूँ,,,,,,,,,,,,,,बस मुझे काफी थकान महसूस हो रही है और मेरे पैर बहुत दुःख रहे है , ऐसा लग रहा है जैसे मैं पहले से बहुत कमजोर हो चुकी हूँ,,,,,,,,,,,!!”,नैना ने बुझे स्वर में कहा

अवि ने सुना तो अपनी कुर्सी से उठकर टेबल के पास आया जहा नैना की दवाईया और बाकी सामान रखा था। अवि ने वहा से मसाज आयल उठाया और नैना के पैरो के पास जमीन पर आ बैठा। अवि ने मसाज आयल अपने हाथो में निकाला और जैसे ही नैना के पैर को छुआ नैना ने अपनी आँखे खोली और अवि को अपने पैरों के पास बैठे देखकर कहा,”पडोसी ! ये तुम क्या कर रहे हो ? उठो वहा से तुम्हे ये सब करने की जरूरत नहीं है,,,,,,,,,,,,,,!!”


“नैना तुम्हे इसकी बहुत जरूरत है मुझे बिल्कुल भी बुरा नहीं लग रहा,,,,,,,,,,,,मैं तुम्हारे लिए ख़ुशी ख़ुशी ये कर सकता हूँ,,,,,,,,!!”,अवि ने नैना के पैरो को धीरे धीरे दबाते हुए कहा
नैना नहीं चाहती थी अवि उसके लिए ये सब करे लेकिन अवि के हाथो का दबाव नैना के पैरो को आराम पहुंचा रहा था। कीमो का दर्द नैना के चेहरे पर साफ देखा जा सकता था लेकिन उसके साथ ही एक सुकून भी था उसके चेहरे पर जो अवि की वजह से मिल रहा था।

नैना ने एक बार फिर अपनी आँखे मूंद ली और सर कुर्सी से लगा लिया। अवि बिना किसी शिकायत के नैना के पैरो के पास बैठा उसके पैरो की मसाज करता रहा। नैना को दवाईया देने का वक्त हुआ तो अवि उठा और हाथ धोकर बाहर आया उसने नैना को उठाया और दवा देकर उसे बिस्तर पर लेटा दिया।

दवाईयों के असर से नैना की आँखे मूंदने लगी। उसके बगल में बैठा अवि धीरे धीरे उसका सर सहलाने लगा। कुछ देर बाद अवि की आँखे भी मूंदने लगी और वह वही नैना के बगल में सो गया। अपने किये पर शर्मिंदा होकर निबी अवि से माफ़ी मांगने सौंदर्या के कमरे में आयी लेकिन अवि और नैना को सोया देखकर उसके कदम दरवाजे पर ही रुक गए। उसने कमरे का दरवाजा बंद किया और वहा से चली गयी। निबी अपने कमरे में चली आयी और आकर बिस्तर पर लेट गयी।

 बीकानेर , मोंटी का फ्लेट
सुबह मोंटी जल्दी उठ गया और अपने कार्ट के लिए सामान तैयार करने लगा। रुचिका उठी और कमरे से बाहर आकर मोंटी को काम करते देखकर कहा,”इतनी सुबह सुबह तुम क्या कर रहे हो मोंटी ?”
“चटनी तैयार कर रहा हूँ,,,,,,,,,,!!”,मोंटी ने कहा


“हाँ वो तो मुझे भी दिख रहा है लेकिन इतनी सुबह सुबह क्यों ? मोंटी सुबह के बजाय तुम्हे शाम में अपनी कार्ट लगानी चाहिए,,,,,,,,,,शाम में लोगो को खाने की क्रेविंग ज्यादा होती है और वो कुछ टेस्टी खाना पसंद करते है।”,रुचिका ने किचन की तरफ आकर कहा


“अच्छा और तब तक मैं क्या करूंगा ?”,मोंटी ने पूछा
“तब तक तुम मेरे साथ घर की साफ सफाई करना , बर्तन धोना और पोछा लगाना , हाँ तुम चाहो तो मेरे साथ मिलकर कपडे भी धो सकते हो और पोधो में पानी भी डाल सकते हो,,,,,,,!!”,रुचिका ने मोंटी को छेड़ने के लिए शरारत से कहा
मोंटी ने रुचिका को घूरकर देखा और कहा,”अच्छा तो तुम मुझसे घर में बर्तन धुलवाओगी,,,,,,,,,रुचिका की बच्ची तुम्हे तो मैं,,,,,,,,,,,,,,!!”


मोंटी रुचिका के पीछे भागने लगा , दोनों पुरे घर में यहाँ से वहा भाग रहे थे और फिर बालकनी के पास आकर मोंटी ने रुचिका को पकड़ लिया और कहा,”क्या कह रही थी तुम मैं तुम्हारे साथ कपडे धोऊंगा”
“अरे मैं बस मजाक कर रही थी,,,,,,,,,,,अरे वो देखो”,रुचिका ने मोंटी का ध्यान भटकाने के लिए कहा जैसे ही मोंटी ने पीछे रुचिका ने बालकनी में रखे जार का पानी मोंटी पर उछाल दिया और वहा से भाग गयी। ये देखकर मोंटी जैसे ही रुचिका के पीछे आया फर्श पर फिसलकर फिर पड़ा। रुचिका हँसते हुए मोंटी की तरफ आयी और वह भी फिसल कर मोंटी के बगल में आ गिरी।

गनीमत था दोनों को चोट नहीं लगी , दोनों ने एक दूसरे को देखा और फिर खिलखिलाकर हंस पड़े।  एक बार जो दोनों हँसे तो हँसते ही चले गए। मोंटी ने रुचिका को साइड हग किया और उसके गालो को अपने होंठो से छू दिया। दोनों का प्यार जो शादी के बाद खो चुका था वह फिर से जगने लगा था। दोनों अपनी इस नयी दुनिया में खुश थे और फिर ख़ुशी ख़ुशी दोनों घर का काम निपटाने लगे।

आशीर्वाद अपार्टमेंट , दिल्ली
आज सोसायटी लीडर के इलेक्शन का रिजल्ट आने वाला था। सभी सोसायटी हॉल में जमा थे। कुमार नंदन अपनी पत्नी और बाकी मेहमानो के साथ वहा मौजूद थे। मिसेज आहूजा की ख़ुशी का ठिकाना नहीं था। आज उन्होंने महंगी बनारसी साड़ी के साथ मैचिंग गहने पहने थे। आज के मीटिंग हॉल में आकर्षण का केंद्र मिसेज आहूजा ही थी और इस बात पर उनका इतराना बनता था। सभी लोग आ चुके थे बस शीतल और मिसेज शर्मा का आना बाकि था। कुछ देर बाद मिसेज शर्मा अपनी बहू शीतल के साथ मीटिंग हॉल में आयी।

उन्हें देखकर सभी बहुत खुश हुए लेकिन मिसेज आहूजा का मुंह बन गया। मिसेज शर्मा शीतल के साथ कुर्सी पर आ बैठी उन्होंने मिसेज आहूजा की तरफ ध्यान भी नहीं दिया।
कुमार नंदन ने देखा सब आ चुके है तो वे उठे और माइक हाथ में लेकर कहा,”आप सभी का यहाँ आने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया , जैसा कि आप सभी जानते है हम सब यहाँ सोसायटी इलेक्शन के लिए इकट्ठा हुए है और ये बताते हुए मुझे बहुत ख़ुशी और हैरानी महसूस हो रही है कि पहली बार वोटिंग के बिना ही सोसायटी लीडर का नाम मिल चुका है।


मिसेज आहूजा ने सुना तो ख़ुशी से तालिया बजाने लगी। पास बैठी मिसेज बंसल ने देखा और कहा,”ओह्हो मिसेज आहूजा लगता है वो नाम आपका ही है , आख़िरकार आपने सोसायटी के लोगो का दिल जीत ही लिया , कोन्ग्रेचुलेशन सोसायटी लीडर अब आप ही बनेगी,,,,,,,,!!”
“ओह्ह्ह थैंक्यू मिसेज बंसल,,,,,,,लेकिन मेरे इतना सुनाने के बाद भी ये मिसेज शर्मा फिर अपनी बहू के साथ यहाँ बैठी है,,,,,,,,ये दोनों यहाँ क्यों आयी है ?”,मिसेज आहूजा ने कहा


“हो सकता है दोनों अपनी हार का तमाशा देखने आयी हो , मिसेज आहूजा आज ये इलेक्शन जीतकर आप सोसायटी में ही नहीं बल्कि मिसेज शर्मा के साथ भी अपनी जीत घोषित कर देंगी,,,,,,,,,!!”,मिसेज बंसल ने मिसेज आहूजा को चने के झाड़ पर चढ़ाते हुए कहा

हॉल में बैठे सभी लोग कुमार नंदन के आगे बोलने का इंतजार करने लगे , सभी जानना चाहते थे आखिर वो कौनसा नाम था जिसने बिना वोटिंग के ही सोसायटी इलेक्शन में अपनी जगह बना ली।

कुमार नंदन ने माइक अपने हाथ में उठाया और आगे कहा,”कुछ दिन पहले इलेक्शन के लिए कुछ नामो की घोषणा हुई थी और सोसायटी के लोगो ने जिसे अपना लीडर चुना है उसका नाम है “शीतल सार्थक शर्मा”
हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। मिसेज आहूजा ने सुना तो ख़ुशी उनके चेहरे से एकदम से गायब हो गयी और वे आसमान से जमीन पर आ गिरी।

उन्हें अपने कानो पर यकीन ही नहीं हुआ जो कुमार नंदन ने अभी अभी कहा। मिसेज शर्मा ने सुना तो उन्हें भी हैरानी हुई लेकिन साथ ही ख़ुशी भी उन्होंने अपने बगल में बैठी शीतल को देखा जो कि अपना नाम सुनकर सदमे में थी। शीतल खामोशी से बस सामने स्टेज पर खड़े कुमार नंदन को देखे जा रही थी वह समझ नहीं पा रही थी कि सोसायटी इलेक्शन में उसका नाम क्यों आया जबकि उसने तो अपना नाम भी नहीं दिया था। शीतल ये सब समझ पाती इस से पहले कुमार नंदन उसके कानो में पड़ी,”मिसेज शीतल प्लीज स्टेज पर आईये”

 कुमार नंदन की बात सुनकर भी शीतल वही बैठी रही। मिसेज शर्मा ने उसे जाने को कहा लेकिन शीतल वही बैठी रही , शीतल को खामोश देखकर मिसेज गुप्ता ने कहा,”जाओ शीतल ! पहली बार सोसायटी के लोगो ने कुछ अच्छा काम किया है,,,,,,,,,,,,!!”
“लेकिन मैं,,,,,,,,, मैं ही क्यों ?”,शीतल ने कहा


“क्योकि तुम डिजर्व करती हो शीतल , मिसेज आहूजा और बाकि सबके बजाय तुम में ज्यादा काबिलियत है।  तुम जानती हो कैसे इस सोसायटी के लोगो को जोड़कर रखा जाता है,,,,,,,,,,इसलिए हम सबने तुम्हे चुना,,,,,,,,,,!!”,मिसेज तिवारी ने कहा जिनका खुद का नाम भी इलेक्शन लिस्ट में था।
शीतल ने सुना तो मिसेज तिवारी को देखने लगी और फिर मिसेज शर्मा की तरफ देखकर कहा,”मैं चाहती थी आप ये इलेक्शन जीते,,,,,,,!!”


“मेरी बहू की जीत में ही मेरी जीत है,,,,,,,,,,,अब जाओ और जाकर अपना अवार्ड लो,,,,,जाओ”,मिसेज शर्मा ने ख़ुशी से भरकर कहा तो शीतल की आँखों में आँसू भर आये , मिसेज शर्मा की आँखों में अपने लिए ख़ुशी के भाव और शब्दों में प्यार देखकर शीतल का मन खुश हो गया वह उठी और स्टेज की ओर बढ़ गयी , हॉल एक बार दिर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।

“ये क्या मिसेज आहूजा ? मुझे लगा आपका नाम आएगा लेकिन मिसेज शर्मा की बहू,,,,,,,,,,,ये कैसे हो गया , उसका नाम तो इलेक्शन लिस्ट में भी नहीं था”,मिसेज बंसल ने कहा
गुस्से में आग बबूला मिसेज आहूजा स्टेज पर खड़ी शीतल को घूरे जा रही थी। शीतल स्टेज पर आयी तो कुमार नंदन की पत्नी वहा आयी और शीतल से हाथ मिलकर उसे बधाई दी साथ ही एक बहुत सुन्दर शॉल उसे भेंट किया और सोसायटी लीडर का बेंड उसे पहना दिया।

शीतल अभी भी शॉक में थी उसने कुमार नंदन से कहा,”आपने मुझे सोसायटी लीडर के लिए क्यों चुना ?”
शीतल को उलझन में देखकर कुमार नंदन ने कहा,”आपको सोसायटी लीडर के लिए मैंने नहीं उन लोगो ने चुना है,,,,,,,,,,!!”
शीतल ने कुमार नंदन के बताये लोगो की तरफ देखा तो उसकी आँखों में नमी तैर गई

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 संजना किरोड़ीवाल  

Love You Zindagi Season 3 by Sanjana Kirodiwal
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उन्हें अपने कानो पर यकीन ही नहीं हुआ जो कुमार नंदन ने अभी अभी कहा। मिसेज शर्मा ने सुना तो उन्हें भी हैरानी हुई लेकिन साथ ही ख़ुशी भी उन्होंने अपने बगल में बैठी शीतल को देखा जो कि अपना नाम सुनकर सदमे में थी। शीतल खामोशी से बस सामने स्टेज पर खड़े कुमार नंदन को देखे जा रही थी वह समझ नहीं पा रही थी कि सोसायटी इलेक्शन में उसका नाम क्यों आया जबकि उसने तो अपना नाम भी नहीं दिया था। शीतल ये सब समझ पाती इस से पहले कुमार नंदन उसके कानो में पड़ी,”मिसेज शीतल प्लीज स्टेज पर आईये”

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