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Love You Zindagi – 38

Love You Zindagi – 38

Love You Zindagi - 1 Season 3
Love You जिंदगी – 1 Season 3

सुबह गार्डन में साथ साथ घूमते हुए मिसेज मेहता ने अपने साथ चलती मिसेज बंसल से कहा,”मिसेज बंसल आपने उस लड़के को देखा जो आज मिसेज आहूजा की पार्टी में आया था , मैं उस लड़के को जानती हूँ वो पहले भी अपार्टमेंट में आ चुका है लेकिन मुझे याद नहीं आ रहा कब ?”
“कही वो लड़का मिसेज शर्मा की बहू का वो आशिक तो नहीं जिसने नवरात्री के टाइम पर यहाँ आकर तमाशा किया था ?”,मिसेज बंसल ने कहा


“हाँ हाँ वही लेकिन ये मिसेज आहूजा की पार्टी में क्या कर रहा था ?”,मिसेज मेहता ने कहा
” मिसेज आहूजा के दिमाग में क्या में चल रहा है ये तो वही जानती है ,, हो सकता है सोसायटी इलेक्शन जीतने के लिए ये उनका कोई प्लान हो ,, मुझसे और मिसेज तिवारी से ज्यादा दिक्कत उन्हें मिसेज शर्मा से है , हो सकता है इस लड़के का इस्तेमाल करके वे उन्हें डरा धमकाकर इलेक्शन से बाहर कर दे,,,,,,,,!!”,मिसेज बंसल ने कहा


“हाँ मिसेज बंसल ,, जैसे आज मिसेज आहूजा ने मिसेज गुप्ता को सबके सामने बेइज्जत किया उस से तो यही लगता है कि उन्हें किसी से हमदर्दी नहीं है ,, खैर मेरा वोट तो आपको ही जाएगा मैं नहीं डरती किसी मिसेज आहूजा से,,,,,,,,,!!”,मिसेज मेहता ने विश्वास के साथ कहा
“थैंक्यू ! अब मैं चलती हूँ”,मिसेज बंसल ने कहा


“हाँ हाँ मुझे भी नाश्ते की तैयारी करनी है , आज शाम किट्टी पार्टी में आ रही है ना आप ?”,मिसेज मेहता ने जाते हुए कहा
“हाँ क्यों नहीं,,,,,,,,,!!”,मिसेज बंसल ने कहा
“जरूर आईयेगा वहा आपको सोसायटी के अच्छे खासे वोट मिल सकते है,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए मिसेज मेहता वहा से चली गयी।

 मिसेज मेहता और मिसेज बंसल को ये अहसास भी नहीं था कि उनकी ये सारी बाते उनके पीछे चल रही मिसेज आहूजा की बेटी कुकू सुन चुकी थी। वह रोजाना की तरह मॉर्निंग वॉक के लिए आयी थी। उनके जाने के बाद कुकू बेंच पर आ बैठी और खुद में ही बड़बड़ाने लगी,”ये मम्मा को क्या हो गया है ? वो ऐसे बुरे लड़के को अपना रिश्तेदार कैसे बता सकती है ? क्या सोसायटी की लीडर बनना इतना जरुरी है ? बंसल आंटी ने कहा वो लड़का शर्मा आंटी की बहू का बॉयफ्रेंड है,,,,,,,,,,,,,,शीतल भाभी ,, मुझे शीतल भाभी से हेल्प लेनी चाहिए,,,,,,,,,,,!!”

 कुकू उठी और मिसेज शर्मा के फ्लेट के बाहर आकर बेल बजा दी। दरवाजा खुलने का इंतजार करते हुए वह बेचैनी से अपनी उंगलियों को तोड़ मरोड़ रही थी। कुछ देर बाद मिस्टर शर्मा ने दरवाजा खोला। कुकू को बाहर देखकर उन्होंने कहा,”अरे कुकू बेटा ! तुम यहाँ ,, कुछ काम था क्या ?”
“अंकल शीतल भाभी है क्या ?”,कुकू ने पूछा
मिस्टर शर्मा कुछ कहते इस से पहले मिसेज शर्मा बाहर आयी और कुकू को घूरते हुए कहा,”शीतल से तुम्हे क्या काम है ?”


उनका सवाल सुनकर कुकू थोड़ा घबरा गयी। वह एकदम से उन्हें शीतल से मिलने की वजह नहीं बता सकती थी इसलिए उसने झूठ कहा,”एक्चुली मेरे एग्जाम्स आने वाले है और मुझे अपने एग्जाम्स को लेकर थोड़े से डाउट है तो मैंने सोचा मैं शीतल भाभी की हेल्प ले लू”
कुकू की बात सुनकर मिसेज शर्मा उसे एकटक देखने लगी क्योकि कुकू के चेहरे के हाव भाव उसकी बातो से बिल्कुल अलग थे। मिस्टर शर्मा उन दोनों को दरवाजे पर छोड़कर अंदर चले गए। कुकू को वही खड़े देखकर मिसेज शर्मा ने कहा,”शीतल अभी यहाँ नहीं है जब आएगी तब मैं उसे बता दूंगी,,,,,,,,,,!!”


“अह्ह्ह्हह ठीक है आंटी,,,,,थैंक्यू”,कहकर कुकू वहा से चली गयी।
“आज से पहले तो मिसेज आहूजा की बेटी कभी हमारे घर नहीं आयी फिर आज अचानक क्यों ? और इसे शीतल से क्या काम हो सकता है ?”,मिसेज शर्मा ने मन ही मन खुद से कहा और फिर अंदर चली आयी। अंदर आकर वे किचन में अपने काम में लग गयी , मिसेज आहूजा ने कल रात की पार्टी में उन्हें इन्वाइट किया था लेकिन मिसेज शर्मा उसमे नहीं गयी और ना उन्हें राज के वहा आने के बारे में कुछ पता था।

चंडीगढ़ , अवि का घर
दिनभर सब नैना के साथ रहे।  दोपहर की दवा के बाद नैना सो गयी तो सब नीचे चले आये। सबने साथ बैठकर खाना खाया और उसके बाद सौंदर्या , चौधरी साहब , विपिन जी और आराधना हॉल में आ बैठे। सार्थक , मोंटी , शीतल , रुचिका भी खाना खा चुके थे। शीतल और रुचिका गेस्ट रूम में चली गयी और सार्थक मोंटी के साथ हॉल में चला आया। सार्थक ने विपिन जी के पास आकर कहा,”अंकल आंटी अपना बैग पैक कर लीजिये , आज शाम आप लोग मेरे साथ दिल्ली चल रहे है और फिर वहा से आपकी लखनऊ के लिए ट्रेन है,,,,,,,,,!!”


“ये किसने किया ?”,विपिन जी ने हैरानी से कहा
“और कौन कर सकता है अंकल ? हमारी नैना ,, उसी ने मुझे आपकी और आंटी की ट्रेन की टिकट्स बुक करने को कहा है”,सार्थक ने कहा
“मैं नैना को इस हाल में छोड़कर नहीं जाऊंगा,,,,,,,,,,आराधना क्या तुम जाना चाहती हो ?”,विपिन जी ने उखड़े स्वर में कहा
अवि सोकर उठ चुका था वह भी सीढ़ियों से नीचे चला आया।


“भाईसाहब आप परेशान मत होईये , आपको कही जाने की जरूरत नहीं है ,आप जब तक चाहे तब तक यहाँ रह सकते है,,,,,,,,,,नैना से मैं बात कर लूंगा”,चौधरी साहब ने कहा
“कौन जा रहा है पापा ?”,अवि ने हॉल में आकर पूछा
“मैं और शीतल दिल्ली वापस जा रहे है , मम्मी पापा को नैना के बारे में नहीं पता है इसलिए वो बार बार घर आने के लिए बोल रहे है,,,,,,,,,,,,मैं जाना तो नहीं चाहता लेकिन,,,,,,,,,,!!”,सार्थक कहते कहते रुक गया


अवि ने सुना तो सार्थक के कंधे पर अपना हाथ रखा और कहा,”कैसी बाते कर रहे हो सार्थक ? पिछले 4 दिन से तुम और शीतल यहाँ हो , इस घर के लिए तुमने कितना किया है। मैं समझ सकता हूँ ,, नैना अब ठीक है और बाकि सब है ना उसके साथ ,, तुम्हे और शीतल को अब घर जाना चाहिए,,,,,,,,,,,,!!”
“थैंक्स,,,,,,,,अंकल आप ?”,सार्थक ने एक बार फिर पूछा तो विपिन जी भड़क गए और कहा,”मैं नहीं जाऊंगा और नैना से तो मैं खुद बात करता हूँ , वो कब से इतनी बड़ी हो गयी,,,,,,,,,!!”


विपिन जी को गुस्से में देखकर अवि ने कहा,”पापा रिलेक्स ! मैं नैना से बात करता हूँ,,,,,,,,,!!”
“विपिन जी शांत हो जाईये,,,,,,,,,,नैना बस आप लोगो को परेशान करना नहीं चाहती इसलिए ऐसा कर रही है। उसका ट्रीटमेंट शुरू होना है और हफ्ते में 5 दिन उसे हॉस्पिटल ही रहना पडेगा , हो सकता है इसलिए वो ऐसा कह रही हो,,,,,,,,,,,,,बाकि आप चिंता क्यों कर रहे है ? हम सब है ना नैना के साथ उसका ख्याल रखने के लिए,,,,,,,,,,,,!!”,सौंदर्या ने विपिन जी को समझाते हुए कहा तो उनका गुस्सा थोड़ा कम हुआ और उन्होंने शांत लहजे में कहा,”हमसे अपनी बीमारी के बारे में छुपाकर नैना पहले ही एक गलती कर चुकी है , और अब वो चाहती है हम दोनों यहाँ से चले जाए,,,,,,,,,,,,,!!”


“ऐसा नहीं है भाईसाहब ! आप जब चाहे तब नैना से मिलने आ सकते है ,, और एक बार नैना ठीक हो जाये उसके बाद आप कुछ दिन उसे अपने साथ लेकर लखनऊ चले जाईयेगा,,,,,,,,,,,उसका भी दुसरा मन हो जाएगा और आप लोगो को भी नैना के साथ थोड़ा और वक्त बिताने का मौका मिल जाएगा”,चौधरी साहब ने कहा

आराधना ने सुना तो विपिन जी के कंधे पर हाथ रखकर कहा,”ये सही कह रहे है ! अभी नैना ऐसी सिचुएशन में नहीं है कि हम उस पर गुस्सा करे या उसके सामने जिद करे , वो जैसा कहती है हमे वैसा कर लेना चाहिए,,,,,,,,,,,,मैं नहीं चाहती हमारी वजह से उसे किसी भी तरह की तकलीफ हो,,,,,,,,नैना की बात मान जाईये”
सबकी बाते सुनकर विपिन जी को भी नैना की भावना धीरे धीरे समझ आ रही थी लेकिन पिता थे इसलिए समझना नहीं चाह रहे थे।


फोन आने की वजह से मोंटी वहा से साइड में चला आया और बात करने के बाद हैरान था। मोंटी को बीकानेर की एक बड़ी कम्पनी से इंटरव्यू के लिए कॉल आया था और उसे कल सुबह ही इंटरव्यू के लिए जाना था। मोंटी नैना के साथ रुकना चाहता था लेकिन एक तरफ उसकी दोस्ती थी और दूसरी तरफ नौकरी मोंटी दोनों में उलझकर रह गया।
“अगर नैना से इस बारे में बात करूंगा तो वो पक्का मुझे यहाँ से जाने के लिए कहेगी , लेकिन नैना को ऐसे हाल में छोड़कर,,,,,,,,,,नहीं मुझे नैना को छोड़कर नहीं जाना चाहिए,,,,,,,,,,,,!!”,मोंटी खुद में ही बड़बड़ाया

अवि ऊपर अपने कमरे में आया , उसने देखा नैना उठ चुकी थी और अपने बालों को बांधने की कोशिश कर रही थी। अवि उसके पास आया और उसके हाथो को नीचे करके कहा,”मैं कर देता हूँ”
अवि ने नैना के बालो को समेटा और उन्हें रबड़ से बांध दिया। नैना अवि की तरफ पलटी और कहा,”थैंक्यू !”
बालो को बांधने के बाद भी नैना के बालों की कुछ लटें उसके चेहरे पर झूल रही थी।

अवि ने बड़े प्यार से नैना के बालों को चेहरे से पीछे किया और नैना के चेहरे को अपने हाथो में थामकर प्यार से कहा,”तुमने अपने मॉम-डेड के वापस जाने की टिकट्स क्यों बनवाई ? क्या उनके यहाँ रहने से तुम्हे कोई परेशानी है नैना ?”
नैना ने सुना तो ख़ामोशी से अवि को देखने लगी और कुछ देर बाद कहा,”हाँ मैंने ही सार्थक से कहा कि वो उन्हें अपने साथ लेकर जाए,,,,,,,,,,!!”
“लेकिन क्यों ?”,अवि ने पूछा


नैना ने धीरे से अवि के हाथो को अपने चेहरे से हटाया और उसके हाथो को अपने हाथो में थामकर कहने लगी,”क्योकि मैं नही चाहती आने वाले दिनों में वे लोग मुझे दर्द में देखे,,,,,,,,,कल सुबह हमे कीमो के लिए विहान के पास जाना है , हफ्ते में 5 दिन ट्रीटमेंट चलेगा ऐसे में डेड पर क्या गुजरेगी सिर्फ मैं जानती हूँ,,,,,,,,,,,,,मैं नजरो से दूर रहूंगी तो उन्हें इतनी तकलीफ नहीं होगी जितनी मेरे साथ रहकर होगी,,,,,,,,,,,,,,,सार्थक और शीतल भी कितने दिनों से यहाँ है ,, सार्थक का ऑफिस है , शीतल की कत्थक क्लासेज है , मोंटी-रुचिका की अभी अभी जॉब गयी है उन्हें खुद को सेटल करना है,,,,,,,,,,,

अपने लिए मैं सबको परेशान नहीं कर सकती पडोसी इन सबका अपनी दुनिया में वापस लौट जाना ही बेहतर होगा,,,,,,,,,,!!”
अवि ने देखा ऐसे हालातों में भी नैना को बाकि सब की फ़िक्र हो रही थी। उनसे जैसे ही नैना से कुछ कहना चाहा नैना ने कहा,”प्लीज,,,,,,,,,,,,,कीमो के लिए मेरा स्ट्रांग रहना बहुत जरुरी है और अगर डेड यहाँ रहेंगे तो मैं कमजोर पड़ जाउंगी,,,,,,,,,,उन्हें यहाँ से भेज दो प्लीज”
अवि ने नैना के सर को हाथ लगाकर उसे अपनी तरफ खींचा और सीने से लगाकर कहा,”मैं तुम्हे कमजोर पड़ने नहीं दूंगा नैना , मैं तुम्हारे साथ हूँ,,,,,,,,,,,!!!”
नैना की आँखों से आँसू बहने लगे।

कुछ देर बाद अवि नैना को साथ लेकर नीचे आया। नैना हॉल में आराधना के पास आकर बैठ गयी। अवि विपिन जी को अपने साथ लेकर बाहर चला आया और उन्हें समझाने लगा। अवि ने उन्हें वो सब बताया जो नैना ने कहा और ये सुनकर विपिन जी की आँखों में आंसू भर आये। अवि ने देखा तो उसने विपिन जी के हाथ को अपने हाथो में लेकर कहा,”इस बार नैना की बात मान लीजिये पापा , मैं वादा करता हूँ जल्दी ही नैना को लखनऊ लेकर आऊंगा”


विपिन जी को अवि पर पूरा विश्वास था उन्होंने अवि की बात मान ली और अंदर आकर बुझे मन से अपना सामान पैक करने लगे। नैना उदास और खामोश सौंदर्या के बगल में बैठी थी और मन ही मन निबी के बारे में सोच रही थी। सार्थक और शीतल भी अपना सामान पैक करने लगे। सबका मन भारी हो चुका था। मोंटी एक  तरफ खड़ा था , अवि उसके पास आया और कहा,”कल सुबह तुम्हारा इंटरव्यू है तुम्हे आज शाम ही निकलना होगा”
“तुम्हे कैसे पता ?”,मोंटी ने हैरानी से कहा


“जिस कम्पनी से तुम्हे कॉल आया था वो मेरे दोस्त की कम्पनी है,,,,,,,,,,,,तुम्हे ये जॉब मिल जाएगी मोंटी,,,,,,,,वापस जाओ और एक नयी शुरुआत करो”,अवि ने सहजता से कहा
“और नैना ?”,मोंटी ने कुछ दूर बैठी नैना की तरफ देखकर कहा
अवि ने नैना को देखा और कहा,”उसकी चिंता मत करो , तुम्हारी दोस्त जिम्मेदार हाथो में है। मैं उसे कुछ नहीं होने दूंगा,,,,,,,,,,,,,,!!”


मोंटी ने सुना तो अवि की तरफ देखने लगा , सही मायनो में उसे आज नैना के लिए अवि का प्यार समझ आ रहा था। मोंटी ने हामी में सर हिला दिया और वहा से चला गया।

शाम होते होते सभी अपने अपने बैग्स के साथ तैयार थे। नैना सबसे आकर मिली और सबसे आखिर में विपिन जी के सामने आयी दोनों ने इस वक्त अपने दिलों को पत्थर बना लिया था। नैना मुस्कुराई और कहा,”आपकी नैना बहुत स्ट्रांग है डेड , वो सब से लड़ लेगी,,,,,,,,,,,,आप खामखा परेशान हो रहे है”
“नहीं , बिल्कुल नहीं मैं क्यों परेशान होऊंगा,,,,,,,,,,मैं खुश हूँ नैना कि तुमने इस परिवार को दिल से अपनाया , अब मैं बेफिक्र होकर वापस जा सकता हूँ,,,,,,,,दामाद जी ने वादा किया है ये तुम्हे लखनऊ लेकर आएंगे,,,,,,,,,,मैं इंतजार करूंगा बेटा जी,,,,,,,,,,,अपना ख्याल रखना”,कहते हुए विपिन जी ने आगे बढ़कर अपने होंठो से नैना के माथे को छू लिया।


नैना ने मुश्किल से अपनी आँखों में आये आंसुओ को रोका। चौधरी साहब और सौंदर्या उन सबको बाहर तक छोड़ने आये। अवि उन्हें स्टेशन छोड़ने जा रहा था उसने नैना से साथ चलने को कहा लेकिन विपिन जी ने मना कर दिया वे नहीं चाहते थे सबको जाते हुए देखकर नैना भावुक हो,,,,,,,,,,,,,,,!!

सौंदर्या चौधरी साहब अंदर चले आये उन्होंने जब नैना को रोते देखा तो उसके पास आये और चौधरी साहब ने कहा,”नैना , वो सब जल्दी तुम से मिलने वापस आएंगे,,,,,,,,,,,आओ खाना खाते है आज मैं अपनी बेटी अपने हाथो से खिलाऊंगा”
सौंदर्या , नैना और चौधरी साहब डायनिंग टेबल की तरफ चले आये। नैना के लिए सादा खाना बना था , सौंदर्या ने बाकि सबके लिए भी वैसा ही बनाने को कहा ताकि नैना के साथ बैठकर खाये तो उसे असहज ना लगे। नैना ने देखा निबी नहीं आयी तो उसने कहा,”डेड मैं निबी को बुलाकर लाऊ ?”


सुबह जो वाक्या हुआ उसके बाद ये तय हुआ था कि जब तक निबी अनुराग की मौत के सदमे से बाहर नहीं आ जाती तब तक वह नैना से दूर रहे। सौंदर्या ने सुना तो कहा,”नैना ! निबी ने कुछ देर पहले ही खाना खाया है और अब वो दवा लेकर आराम कर रही है,,,,,,,,,,,,तुम खाना शुरू करो”
“जी मॉम !”,नैना ने कहा और बेमन से खाना खाने लगी।

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संजना किरोड़ीवाल

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Love You जिंदगी – 1 Season 3
Love You Zindagi - Season 2

सौंदर्या चौधरी साहब अंदर चले आये उन्होंने जब नैना को रोते देखा तो उसके पास आये और चौधरी साहब ने कहा,”नैना , वो सब जल्दी तुम से मिलने वापस आएंगे,,,,,,,,,,,आओ खाना खाते है आज मैं अपनी बेटी अपने हाथो से खिलाऊंगा”
सौंदर्या , नैना और चौधरी साहब डायनिंग टेबल की तरफ चले आये। नैना के लिए सादा खाना बना था , सौंदर्या ने बाकि सबके लिए भी वैसा ही बनाने को कहा ताकि नैना के साथ बैठकर खाये तो उसे असहज ना लगे। नैना ने देखा निबी नहीं आयी तो उसने कहा,”डेड मैं निबी को बुलाकर लाऊ ?”

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