Love You Zindagi – 33
Love You Zindagi – 33

मिसेज शर्मा और मिसेज आहूजा आमने सामने थी और एक दूसरे को घूरे जा रही थी। मिस्टर अरोड़ा ने उन दोनों को देखा और कहा,”हमारा वोट किसे जायेगा ये तो इस बात पर निर्भर करता है कि आप दोनों सोसायटी के लोगो के भले के लिए क्या-क्या करती है।”
मिसेज आहूजा ने सुना तो अपने शब्दों में चाशनी घोलकर कहा,”भाईसाहब आप क्यों चिंता करते है आप सबकी पार्टी का इंतजाम मैंने आज शाम टेरेस पर कर दिया है,,,,,,,,,!!”
मिस्टर अरोड़ा ने सुना तो ख़ुशी से उनकी आँखे चमक उठी। मिसेज अरोड़ा ने देखा तो अपने पति को पीछे किया और खुद आगे आकर मिसेज आहूजा को घूरते हुए कहा,”और ये कौनसी पार्टी की बात कर रही है आप मिसेज आहूजा ?”
मिसेज अरोड़ा को गुस्से में देखकर मिसेज आहूजा ने कहा,”अरे पार्टी मिसेज अरोड़ा , भूल गयी आप आज मेरी बेटी कुकू का जन्मदिन है,,,,,,,,,मैं बस उसी की पार्टी की बात कर रही थी। आप भी ना खामखा कुछ भी सोचती है,,,,,,,,,,,,,,अच्छा ये बताईये इस बार सोसायटी इलेक्शन में आपका वोट मुझे ही जा रहा है ना मैं जानती हूँ आप बहुत समझदार है सोच समझ कर ही अपना वोट डालेंगी ?”
मिसेज शर्मा अब तक ख़ामोशी से सब सुन रही थी , वे आगे आयी और मिसेज अरोड़ा से कहा,”हाँ मिसेज अरोड़ा आप बहुत समझदार है इसलिए मैं चाहूंगी कि आप अपना वोट मुझे दे , मुझसे अच्छा इस सोसायटी को भला कौन सम्हाल सकता है ?”
“सोसायटी सम्हालने से पहले लोग पहले अपनी बहुओ को सम्हाल ले तो बेहतर है,,,,,,,,,,,,,!!”,मिसेज आहुजा ने जैसे ही कहा उनके साथ आयी महिलाये हसने लगी। मिसेज शर्मा ने सुना तो उन्होंने गुस्से से मिसेज आहूजा की तरफ देखा लेकिन उन्हें बेशर्मो की तरह हँसते देखकर मिसेज शर्मा के सीने पर सांप लौट गए
मिसेज आहूजा ने मिसेज शर्मा को नजरअंदाज किया और कहा,”मिसेज अरोड़ा छोड़िये इन्हे ये क्या सोसायटी सम्हालेंगी , बहू के होते किचन सम्हाल रही है ये क्या कम है ? इस उम्र में भी इन्हे घर के काम करते देखकर मुझे तो इन पर दया आ रही है”
एक बार फिर सब इस बात पर हंसी तो मिसेज शर्मा वहा से चली गयी। मिसेज आहूजा ने मिसेज अरोड़ा को अपनी तरफ कर लिया और फिर वहा से चली गयी।
चंडीगढ़ , अवि का घर
अवि सौंदर्या के साथ निबी को लेने घर से निकल गया। अवि खामोश बैठा गाड़ी चला रहा था और उसके जहन में कई सारे विचार एक साथ चल रहे थे जिन्हे वह खुद भी मुश्किल से सम्हाले हुए था। एक के बाद एक परेशानी उसके सामने खड़ी थी। वह एक परेशानी दूर करता और दूसरी मुंह बाये खड़ी नजर आती। सौंदर्या निबी को लेकर परेशान हो रही थी और उनकी आँखों से आँसू बहते जा रहे थे। अवि ने देखा तो सौंदर्या के हाथ पर अपना हाथ रखकर कहा,”रिलेक्स मॉम ! हम दिल्ली जा रहे है , हो सकता है निबी हमे वहा मिल जाये”
नम आँखों के साथ सौंदर्या ने हामी में अपना सर हिला दिया। अवि ने गाड़ी हॉस्पिटल जाने वाले रास्ते की तरफ मोड़ दी। कुछ देर बाद गाडी हॉस्पिटल के बाहर आकर रुकी। सौंदर्या ने अवि की तरफ देखा तो अवि ने कहा,”जाने से पहले एक बार नैना से मिल लेता हूँ,,,,,,,,,,,,,!!”
“क्या तुम उसे निबी के बारे में बताने वाले हो ?”,सौंदर्या ने पूछा
“नहीं मॉम ! मैं नैना को इस वक्त निबी के बारे में बताकर परेशान करना नहीं चाहता , वैसे भी उसे अनुराग की मौत के बारे में पता चल चुका है लेकिन नैना के डेड आने की वजह से वह उस बात को फ़िलहाल भूल चुकी है ,, उसका अनुराग को भूल जाना ही ठीक होगा मॉम,,,,,,,,,,,,आप यही रुकिए मैं नैना से मिलकर आता हूँ,,,,,,,,,,,!!,अवि ने कहा और गाड़ी से उतरकर चला गया।
निबी के बारे में सोचते हुए सौंदर्या ने अपना सर सीट से लगाया और आँखे मूँद ली।
अवि विहान से मिला और नैना की तबियत के बारे में पूछा तो विहान ने कहा,”नैना अब ठीक है अवि कल से उसकी कीमोथेरेपी शुरू कर सकते है लेकिन,,,,,,,,,!!”
विहान ने बात अधूरी छोड़ दी ये देखकर अवि ने बेचैनी भरे स्वर में कहा,”लेकिन क्या ?”
विहान ने अवि की आँखों में देखा और कहा,”नैना ने मुझसे कहा कि वह अपने कीमोथेरपी ट्रीटमेंट के लिए तैयार है लेकिन उसके पेरेंट्स को उसकी बीमारी के बारे में नहीं पता इसलिए वह आज शाम घर जाना चाहती है और उनके साथ कुछ वक्त बिताना चाहती है।
उसने कहा है कि उसके पेरेंट्स के जाने के बाद वह कल खुद अपने ट्रीटमेंट के लिए हॉस्पिटल आएगी,,,,,,,,,,,,आई ऍम सॉरी पर मैं नैना को मना नहीं कर पाया,,,,,,,,,,,!!”
अवि ने सुना तो हताश होकर विहान को देखा और कहा,”विहान ! तुम्हे नैना को ऐसी कोई भी बात के लिए हाँ नहीं कहना चाहिए,,,,,,,,,,मैं किसी भी कीमत पर उसकी जान को खतरे में नहीं डाल सकता”
“डोंट वरी अवि ! नैना अब खतरे से बिल्कुल बाहर है और अगर वो कल नहीं आयी तो पूरी टीम के साथ मैं घर पहुंच जाऊंगा,,,,,,,,,,,उसने इतने प्यार से कहा कि मैं मना नहीं कर पाया”,विहान ने कहा
“हम्म्म ठीक है , मुझे तुम्हारी एक हेल्प चाहिए,,,,,,,,,,!!”,अवि ने कहा
“हाँ कहो ना,,,,,,,,,!!”,विहान ने कहा
“मुझे अभी किसी बहुत जरुरी काम से दिल्ली जाना है , आने में शायद देर हो जाये या हो सकता है कल सुबह ही आना हो,,,,,,,,,,,जब तक मैं वापस नहीं लौटता नैना की जिम्मेदारी मैं तुम पर छोड़ता हूँ,,,,,,,,,,!!”,अवि ने विहान के कंधो को थामकर उसकी आँखों में देखते हुए कहा
“ये अचानक से दिल्ली क्यों ? सब ठीक है ना अवि ?”,विहान ने शकभरे स्वर में पूछा
“वो सब मैं तुम्हे बाद में बताऊंगा,,,,,,,,मैं नैना से मिल लेता हूँ और अगर नैना तुम से मेरे बारे में कुछ पूछे तो उसे मत बताना प्लीज,,,,,,,,!!”,अवि ने विहान की बांह थपथपाते हुए कहा और नैना के कमरे की तरफ बढ़ गया
विहान जाते हुए अवि को देखता रहा और फिर वहा से चला गया।
अवि कमरे में आया और देखा विपिन जी कुर्सी पर एक तरफ बैठे है और आराधना नैना को नाश्ता करवा रही है। अवि को वहा देखते ही नैना मुस्कुरा उठी। नैना को दिल को सुकून मिला वह बिस्तर की तरफ आया और कहा,”अब तुम्हारी तबियत कैसी है नैना ?”
“पडोसी मैं बिल्कुल ठीक हूँ तुमने और तुम्हारे उस पागल दोस्त ने मुझे खामखा यहाँ पैक करके रखा है ,, मुझे खुली हवा की जरूरत है”,कहते हुए नैना ने जैसे ही आराधना की तरफ देखा उसने पाया आराधना उसे ही घूर रही है तो नैना ने तुरंत अपनी जबान सम्हाली और कहा,”मेरा मतलब आपने और आपके पागल दोस्त ने,,,,,,,,,,,,,अब ठीक है ना मॉम ?”
“पता नहीं तुम में कब अकल आएगी ?”,आराधना ने धीरे से नैना को चपत मारकर कहा और नैना अवि को देखकर झेंपते हुए मुस्कुरा दी
विपिन जी ने अवि को खड़े देखा तो अपनी कुर्सी से उठते हुए कहा,”अरे बेटा जी ! आप खड़े क्यों है बैठिये ना ?”
अवि ने उन्हें वापस बैठाया और कहा,”आप बैठिये पापा , मैं बस नैना को देखने आया था। एक्चुली मुझे एक बहुत जरुरी काम से शहर से बाहर जाना पडेगा,,,,,,,आने में थोड़ी देर हो जाएगी तब तक आप लोग नैना के साथ,,,,,,,,,,,!!”
“बेटा जी कैसी बाते कर रहे है आप ? नैना हमारी बेटी है ,, आप बेफिक्र होकर जाईये हम लोग है यहाँ,,,,,,,,,,,!!”,विपिन जी ने कहा तो अवि को राहत मिली और उसने कहा,”मैं बीच बीच में आपको फोन करता रहूंगा !”
कहते हुए वह नैना की तरफ पलटा और कहा,”तो मैं जाऊ ?”
नैना ने हैरानी से आँखे फाड़कर अवि को देखा , अवि उस के मॉम डेड के सामने उस से बाहर जाने की परमिशन जो मांग रहा था। अवि ने फिर से कहा तो नैना ने अपनी गर्दन हिला दी।
“मैं जल्दी वापस आ जाऊंगा,,,,,,,,,!!”,अवि ने नैना की आँखों में देखते हुए कहा तो नैना ने पलकें झपका दी। अवि वहा से चला गया नैना को याद आया उसकी एग्जीबिशन के लिए ऑफिस में बहुत बड़ी मीटिंग थी। अवि उसी मीटिंग के लिए गया होगा सोचकर नैना मन ही मन उसके लिए प्रार्थना करने लगी तभी आराधना के शब्द उसके कानो में पड़े,”दामाद जी की ये बात मुझे बिल्कुल अच्छी नहीं लगी , नैना इस हाल में है और उन्हें अपने काम की फ़िक्र है,,,,,,,,,,,,,,,,क्या उन्हें ऐसे वक्त में नैना के साथ नहीं होना चाहिए था ?”
विपिन जी ने सुना तो उठाकर आराधना के पास आये और कहा,”आराधना हो सकता है उन्हें कुछ जरुरी काम हो और फिर नैना अब ठीक है और सबसे अच्छी बात कि हम सब उसके साथ है और खबरदार जो तुमने मेरे इतने अच्छे और होनहार दामाद के लिए गलत सोचा,,,,,,,,,!!”
“मैं तो बस,,,,,,,,,,,,!!”,आराधना ने कहा लेकिन वह अपनी बात पूरी कर पाती इस से पहले नैना ने कहा,”मॉम आप ज्यादा सोच रही है ,, मैं अवि को बहुत अच्छे से जानती हूँ,,,,,,कुछ बहुत इम्पोर्टेन्ट होगा इसलिए वो गया है वरना वो नहीं जाता,,,,,,,,,,,,,,एंड आपने उसका जाना देखा ये नहीं देखा वो जाने से पहले भी मुझसे मिलने आया था , मुझसे परमिशन भी मांग रहा था,,,,,,,,,हाह हाउ स्वीट ना मॉम”
कहते हुए नैना के गाल गुलाबी हो उठे , आराधना ने देखा तो कहा,”लगता है तुम अवि के प्यार में पागल हो गयी हो,,,,,,,,,,,!!” कहकर आराधना जाने के लिए पलटी तो विपिन से जा टकराई जो नैना को खुश देखकर मुस्कुरा रहे थे। आराधना ने उन्हें देखा और कहा,”और आप भी,,,,,,!!”
आराधना की बात से नैना और विपिन जी को कोई फर्क नहीं पड़ा उलटा दोनों मुस्कुराते हुए एक दूसरे को देख रही थे क्योकि दोनों जानते थे “अवि” उन दोनों के लिए कितना मायने रखता था।
WTP , जयपुर
रुचिका , मोंटी और कुकू मॉल में घूम रहे थे। रुचिका आज बहुत ख़ुशी थी उसने मोंटी की बांह को थाम रखा था और हँसते मुस्कुराते बातें करते मोंटी के साथ साथ चल रही थी। कुकू उन दोनों से कुछ आगे चल रही थी। चलते चलते कुकू पलटकर मोंटी के पास आयी और उसकी बांह पकड़कर कहा,”जीजू ! चलो ना आइस क्रीम खाते है , प्लीज प्लीज प्लीज,,,,,,,,,!!”
“हाँ हाँ कुकू लेकर जाओ अपने जीजू को,,,,,,,!!”,रुचिका ने मोंटी की बांह छोड़ते हुए कहा
“दी आपको कौनसी चाहिए ?”,कुकू ने मोंटी के साथ जाते हुए कहा
रुचिका ने मोंटी की तरफ देखा और कहा,”इन्हे मेरा टेस्ट पता है”
मोंटी ने सुना तो अदा के साथ रुचिका की तरफ इशारा करके कहा,”बटर स्कॉच राइट”
रुचिका ने मुस्कुराते हुए हामी में सर हिला दिया। मोंटी और कुकू दोनों वहा से चले गए। रुचिका वही चौथे फ्लोर की रेलिंग के पास खड़ी नीचे घूमते लोगो और मॉल की चमक धमक को देख रही थी कि तभी उसका फोन बजा।
रुचिका ने स्क्रीन पर शीतल का नंबर देखा तो खुश होकर उसका फोन उठाया और कान लगाते हुए कहा,”हे शीतल ! कैसी हो ? मैं अभी अभी तुम्हे और नैना को याद कर रही थी। मैं इस वक्त मॉल में हूँ याद है जब हम तीनो दिल्ली में थे तब सैलरी मिलने पर कैसे शॉपिंग गए थे और कितनी मस्ती की थी,,,,,,,,,,,,यार आई मिस यू बोथ”
रुचिका एक साँस में ही सब कह गयी। शीतल ने सुना तो मायूस हो गयी और कहा,”रूचि क्या तुम्हे पता है नैना,,,,,,,!!”
शीतल अपनी बात पूरी करती इस से पहले रुचिका बोल पड़ी,”हाँ बाबा ! मैं जानती हूँ नैना मुझसे बहुत नाराज है बट डोंट वरी मैं उसे मना लुंगी,,,,,,,,,,मैं और मोंटी बहुत जल्द उस से मिलने चंडीगढ़ आएंगे,,,,,,,,,,,उसे बताना मत ये उसके लिए सरप्राइज है।”
“रूचि ! नैना को कैंसर है”,शीतल ने मायूसी भरे स्वर में कहा
रुचिका ने जैसे ही सुना उसके हाथ-पैर जम गए। वह ना कुछ बोल पायी ना अपनी जगह से हिल पायी,,,,,,,,,,,,,,,,,कुछ देर बाद जब उसे होश आया तो उसने घबराहटभरे स्वर में कहा,”ये कैसा मजाक है शीतल ? तुम होश में तो हो ना ?”
“मैं सच कह रही हूँ रूचि , मुझे और सार्थक को भी यहाँ आकर पता चला कि नैना को कैंसर है,,,,,,,,,,,,,पिछले 2 दिन से नैना हॉस्पिटल में है।”,शीतल ने उतनी ही मायूसी से फिर कहा
रुचिका ने सुना तो उसे अपने सीने में चुभन का अहसास हुआ , उसकी आँखों के सामने नैना का हँसता मुस्कुराता चेहरा आने लगा और आँखों से आँसू बहने लगे।
रुचिका को खामोश देखकर शीतल को लगा फोन में नेटवर्क नहीं है इसलिए उसने फोन काट दिया। सार्थक और कुकू आइसक्रीम लेकर आ चुके थे। कुकू रुचिका की तरफ ना आकर पहले ही साइड में चली गयी।
“ये लो तुम्हारी फेवरेट आइसक्रीम,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए सार्थक की नजर रुचिका के चेहरे पड़ी और उसने कहा,”रूचि क्या हुआ तुम रो क्यों रही हो ?”
रुचिका ने मोंटी को देखा और कहा,”नैना,,,,,,,,,,,,,,,!!”
मोंटी हैरान सा रुचिका को देखता रहा और रुचिका रो पड़ी
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रुचिका को खामोश देखकर शीतल को लगा फोन में नेटवर्क नहीं है इसलिए उसने फोन काट दिया। सार्थक और कुकू आइसक्रीम लेकर आ चुके थे। कुकू रुचिका की तरफ ना आकर पहले ही साइड में चली गयी।
“ये लो तुम्हारी फेवरेट आइसक्रीम,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए सार्थक की नजर रुचिका के चेहरे पड़ी और उसने कहा,”रूचि क्या हुआ तुम रो क्यों रही हो ?”


शीतल अपनी बात पूरी करती इस से पहले रुचिका बोल पड़ी,”हाँ बाबा ! मैं जानती हूँ नैना मुझसे बहुत नाराज है बट डोंट वरी मैं उसे मना लुंगी,,,,,,,,,,मैं और मोंटी बहुत जल्द उस से मिलने चंडीगढ़ आएंगे,,,,,,,,,,,उसे बताना मत ये उसके लिए सरप्राइज है।”
“रूचि ! नैना को कैंसर है”,शीतल ने मायूसी भरे स्वर में कहा
रुचिका ने जैसे ही सुना उसके हाथ-पैर जम गए। वह ना कुछ बोल पायी ना अपनी जगह से हिल पायी,,,,,,,,,,,,,,,,,कुछ देर बाद जब उसे होश आया तो उसने घबराहटभरे स्वर में कहा,”ये कैसा मजाक है शीतल ? तुम होश में तो हो ना ?”
शीतल अपनी बात पूरी करती इस से पहले रुचिका बोल पड़ी,”हाँ बाबा ! मैं जानती हूँ नैना मुझसे बहुत नाराज है बट डोंट वरी मैं उसे मना लुंगी,,,,,,,,,,मैं और मोंटी बहुत जल्द उस से मिलने चंडीगढ़ आएंगे,,,,,,,,,,,उसे बताना मत ये उसके लिए सरप्राइज है।”
“रूचि ! नैना को कैंसर है”,शीतल ने मायूसी भरे स्वर में कहा
रुचिका ने जैसे ही सुना उसके हाथ-पैर जम गए। वह ना कुछ बोल पायी ना अपनी जगह से हिल पायी,,,,,,,,,,,,,,,,,कुछ देर बाद जब उसे होश आया तो उसने घबराहटभरे स्वर में कहा,”ये कैसा मजाक है शीतल ? तुम होश में तो हो ना ?”
शीतल अपनी बात पूरी करती इस से पहले रुचिका बोल पड़ी,”हाँ बाबा ! मैं जानती हूँ नैना मुझसे बहुत नाराज है बट डोंट वरी मैं उसे मना लुंगी,,,,,,,,,,मैं और मोंटी बहुत जल्द उस से मिलने चंडीगढ़ आएंगे,,,,,,,,,,,उसे बताना मत ये उसके लिए सरप्राइज है।”
“रूचि ! नैना को कैंसर है”,शीतल ने मायूसी भरे स्वर में कहा
रुचिका ने जैसे ही सुना उसके हाथ-पैर जम गए। वह ना कुछ बोल पायी ना अपनी जगह से हिल पायी,,,,,,,,,,,,,,,,,कुछ देर बाद जब उसे होश आया तो उसने घबराहटभरे स्वर में कहा,”ये कैसा मजाक है शीतल ? तुम होश में तो हो ना ?”