Love You जिंदगी – 96
Love You Zindagi – 96
By Sanjana Kirodiwal
अवि की समझदारी भरी बातो से शर्मा जी प्रभावित हुए और सार्थक शीतल की शादी के लिए मान गए। नैना ने तो ख़ुशी के मारे अवि के गाल पर किस तक कर दिया। सार्थक और शीतल दोनों खुश थे साथ ही मोंटी और रुचिका भी खुश थे। शर्मा जी वहा से चले गए तो सार्थक आकर शीतल के गले लगा और शीतल से कहा,”मैं बहुत खुश हूँ !”
“अहहम अहम्म”,नैना ने इशारा किया तो सार्थक शीतल से दूर हुआ और नैना रुचिका के पास आकर कहा,”तुम दोनों ने तो कमाल ही कर दिया यार , मुझे तो लगा था पापा नहीं मानेगे लेकिन फाइनली मान गए।”
“थैंक्यू हमे नहीं पडोसी को कहो इसी ने समझाया है , क्यों पडोसी ?”,नैना ने अवि की और देखकर कहा
“अरे नहीं सार्थक थैंक्यू की कोई जरूरत नहीं है , और नैना तुम जो काम आसानी से हो सकता था उसे इतना उलझा कर किया,,,,,,,,,,,,,,,पागल कही की !”,अवि ने प्यार से नैना के गाल पर चपत लगाते हुए कहा
“जो भी हो शर्मा जी मान गए अब बस शीतल के भैया को मनाना है ,,, बस वो मान जाये !”,नैना ने कहा
अवि की ताबियत ख़राब होने की वजह से वह खाँसने लगा तो नैना उसके पास आयी और कहा,”तुमने दवा नहीं ली ना , कितने केयरलेस हो ना तुम !”
“अरे मैं ठीक हूँ , शाम को निकलना है वापस चंडीगढ़ डेड के फोन आ रहे है”,अवि ने कहा तो नैना के चेहरे पर उदासी छा गयी और उसने कहा,”तुम चले जाओगे ?”
“जाना तो पडेगा ना वैसे भी मैं यहाँ तुम्हारे लिए आया था अब विश्वास हो गया की तुम मेरे साथ हो तो जा रहा हूँ , पर जल्दी वापस आऊंगा अपने मॉम डेड के साथ तुम्हारे घर रिश्ता लेकर ,, अभी अपने दोस्त से उसकी बेटी का हाथ जो मांगना है !”,अवि ने नैना की आँखों में देखते हुए कहा तो नैना शरमा कर साइड में देखने लगी और फिर पलटकर कहा,”लेकिन अनुराग सर,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,वो भी तो है”
“वो कुछ नहीं कर पायेगा”,अवि ने कहा
सभी आकर सोफे पर बैठ गए शीतल सबके लिए चाय बनाकर ले आयी और सभी बाते करते हुए चाय पीने लगे। नैना के चेहरे पर एक अलग ही उदासी थी और अवि जानता था वह क्यों थी ? दोपहर होने को आयी सार्थक ने अपनी मम्मी से कहकर सबके लिए खाना बनवा दिया साथ में शीतल और रुचिका ने भी मदद कर दी , सार्थक अवि और मोंटी के साथ अपने कमरे में बैठकर अपनी जॉब और नए घर की प्लानिंग के बारे में बता रहा था और नैना वो शर्मा जी के साथ बैठकर उन्हें अपने किस्से सूना रही थी और शर्मा जी हंस रहे थे। अंदर से सार्थक की मम्मी ने जब उन्हें नैना के साथ हँसते मुस्कुराते देखा तो शीतल से कहा,”ये लड़की जहा जाती है सबको अपने रंग में ढाल लेती है , आज से पहले इनको इतना हँसते कभी नहीं देखा लेकिन आज नैना के साथ देखो कैसे खिलखिला रहे है , नैना को किसी की नजर ना लगे”
“हां आंटी ये सच में ऐसी ही है सबसे अलग !”,शीतल ने कहा
“ये क्या आंटी जी आंटी जी लगा रखा है , मम्मी जी कहने की आदत डाल लो !”,सार्थक की मम्मी ने प्यार से कहा तो शीतल शरमा कर वहा से चली गयी।
“अरे आंटी आप बहुत लकी है जो आपको शीतल जैसी बहू मिलेगी , हर काम में परफेक्ट , पूजा पाठ , घर के काम , खाना , सब आता है इसे शादी के बाद नौकरी भी करेगी तो अच्छा है सार्थक का हाथ बटा देगी है ना !”,रुचिका ने वहा रखा सेब उठाकर खाते हुए कहा
“हां हां बिल्कुल अगर वह चाहेगी तो शादी के बाद भी अपनी नौकरी करे क्या परेशानी है ? घर के काम काज करने के लिए तो मैं हूँ ना और फिर कितना काम है घर में मिल जुल कर लेंगे ना !”,सार्थक की मम्मी ने कहा
“अरे यार आंटी आप कितने स्वीट हो !”,रुचिका ने उन्हें साइड हग करके कहा
“तुम सब लोग भी बहुत अच्छी हो और शीतल वो तो मुझे पहले दिन से ही पसंद है , अच्छा तू जा और सबको खाने के लिए बोल !”,सार्थक की मम्मी ने गैस बंद करते हुए कहा ! रुचिका के कहने पर सभी खाना खाने चले आये और डायनिंग के चारो और बैठ गए , शर्मा जी को अवि बहुत अच्छा लगा उसके बात करने का तरिका भी उन्हें खूब पसंद आया। तबियत खराब होने की वजह से नैना ने अवि को सिर्फ प्लेन रोटी और दाल खाने को कहा मुश्किल से खाना अवि के गले से नीचे उतरा ! खाना खाने के बाद रुचिका और मोंटी बाइक लेकर बाहर घूमने चले गए , शीतल सार्थक की मम्मी के पास ही रुक गयी और अवि ऊपर अपने फ्लैट में चला आया।
कुछ देर बाद नैना भी वहा आयी तो उसने देखा अपना कुछ सामान पैक कर रहा था। उसे पैकिंग करते देख नैना ने कहा,”ये सब पैकिंग क्यों कर रहे हो ?”
“इस बार हमेशा के लिए चंडीगढ़ जा रहा हूँ पता नहीं वापस कब आना हो इसलिए , तुम लोगो को कुछ सामान चाहिए तो यहां से ले लो”,अवि ने कहा और वापस अपने काम में लग गया नैना ने उसका हाथ पकड़कर उसे अपनी तरफ किया और कहा,”जो चाहिए ले सकते है ?”
“हां !”,अवि ने धीरे से कहा तो नैना थोड़ा सा उसके करीब आयी और उसकी आँखों में देखने लगी अवि का दिल धड़कने लगा लेकिन उसने खुद पर कंट्रोल रखा
दरअसल नैना अवि को छेड़ रही थी , उसने अपनी ऊँगली को अवि के गाल से छुआ , फिर गर्दन से , अवि के बदन में एक सिहरन सी दौड़ गयी ,,, नैना से उसे ऐसी कोई उम्मीद नहीं थी उसने धीरे से कहा,”नैना ये सब क्या कर रही हो तुम ?”
“शशशशशश !”,नैना ने अवि के होंठो पर अपनी ऊँगली रखते हुए कहा
बेचारा अवि ना उसे नैना समझ आ रही थी ना ही उसका रोमांस वह चुपचाप वही खड़ा रहा , उसके सर पर पसीने की बुँदे उभर आयी तो नैना हॅसने लगी और दूर हटकर कहा,”मिस्टर पडोसी हालत देखो अपनी”
नैना के दूर होने पर अवि को साँस आया तो उसने कहा,”कभी कभी तुम कुछ ऐसा कर जाती हो ना की सोचना भी मुश्किल है !”
“मैं तो देख रही थी चंडीगढ़ वालो को रोमांस आता भी है या नहीं !”,नैना ने कहा तो अवि उसके पास आया उसका हाथ पकड़कर अपनी और खिंचा और दिवार के पास लाकर उसके सामने खड़ा होकर उसकी आँखे में देखने लगा ,नैना की पीठ दिवार से जा लगी लेकिन वह नार्मल खड़ी थी ये देखकर अवि थोड़ा सा उसके करीब और आया , बुखार की वजह से उसकी सांसे गर्म थी जो की नैना को अपने चेहरे पर महसूस हो रही थी , और अब उसे अवि के करीब खड़े होने से नरवरसनेस हो रही थी ! अवि ने अपनी आवाज को थोड़ा सर्द बनाते हुए धीरे से कहा,”मिस नैना अभी तक तुमने चंडीगढ़ वालो की शराफत देखी है उनका प्यार नहीं”
बेचारी नैना इस बार दिल धड़कने की बारी उसकी थी अवि की सांसो की गर्माहट उसे अपनी गर्दन पर महसूस हो रही थी , लेकिन वह चाहते हुए भी वहा से निकल नहीं सकती थी क्योकि अवि उसके सामने बहुत करीब खड़ा था। जैसे ही अवि ने नैना के होंठो की तरफ अपने होंठो को बढ़ाया नैना ने अपनी आँखे बंद कर ली , 10 सेकेण्ड बाद नैना ने आँखे खोली तो अवि उस से दूर खड़ा था , नैना को लगा वह उसे किस करेगा लेकिन अवि ने ऐसा कुछ नहीं किया , जब नैना ने उसकी और देखा तो अवि ने बड़े ही प्यार से कहा,”मुझे वायरल है , मेरी वजह से तुम्हे भी हो जाएगा !”
नैना मुस्कुराने लगी उसे अवि अब पहले से ज्यादा क्यूट लगने लगा था वह आकर सामान पैक करने लगी और अवि को बैठकर आराम करने को कहा। नैना ने अवि का सब जरुरी सामान कार्टून्स में पैक किया और साइड रख दिया। अवि बैठकर उसे ही देख रहा था , अवि को अपनी और देखता पाकर नैना ने कहा,”ऐसे क्यों देख रहे हो ?”
“देख रहा हूँ पहले से कितना बदल गयी हो ना तुम ! ना पहले की तरह गुस्सा करती हो , ना चिड़चिड़ाती हो , पहले हर वक्त तुम्हारी आँखों में खालीपन नजर आता था अब नजर आता अपने लिए प्यार और परवाह ! तुम्हे एक बात बताऊ नैना !”
“हम्म्म बताओ !”,नैना ने कहा
“उस दिन जो अपनी डायरी वाला ख्वाब तुमने मुझे सुनाया था ना,,,,,,,,,,,!”,अवि ने कहना चाहा लेकिन नैना बीच में ही बोल पड़ी,”आई नो वो पूरा हो चुका है , उस दिन बस में जब मैं तुम्हारे कंधे पर सर रखकर सो रही थी , वो सब पल डायरी में लिखे उस ख्वाब जैसे ही थे !”
अवि ने सूना तो उसे हैरानी हुई और कहा,”मतलब तुम जाग रही थी ?”
“हम्म्म , और वो दूसरा ख्वाब , ख्वाब नहीं था उसे मैंने खुद हकीकत बनाया था तुम्हे किस करके क्योकि मैं नहीं उन ख्वाबो को कोई और पूरा करे”,नैना ने इतने प्यार से कहा की अवि कुछ देर के लिए खामोश हो गया और फिर उठते हुए कहा,”मैं अभी कुछ मांगू तो मिलेगा !”
“क्या चाहिए ?”,नैना ने कहा
“जाने से पहले एक टाइट हग चाहिए !”,अवि ने कहा तो नैना मुस्कुराते हुए उसके पास आयी और उसके गले आ लगी और धीरे से कहा,”पडोसी कुछ सपने सपने नहीं हकीकत होते है जो हम खुली आँखों से देखते है !”
अवि ने सूना तो उसे अपनी बांहों में कस लिया और आँखे बंद करके उस अहसास को महसूस करने लगा कुछ देर बाद नैना से दूर हुआ और कहा,”अनुराग की टेंशन मत लो उसका इलाज है मेरे पास !”
कहते हुए अवि ने अपना फोन उठाया और बालकनी में चला आया उसने किसी को फोन किया और फिर वापस आकर सोफे पर बैठकर दवा खाने लगा ! दवा खाकर उसने नैना से कहा,”नैना मैं थोड़ी देर सो जाऊ !”
“हां प्लीज , मैं नीचे जा रही हूँ तुम रेस्ट करो !”,कहते हुए नैना फ्लैट का दरवाजा बंद करके चली गयी , अवि आकर रूम में लेट गया उसकी टीशर्ट से नैना के परफ्यूम की भीनी भीनी महक आ रही थी अवि ने उसे अपनी नाक तक चढ़ा लिया और सो गया !
शाम तक सब खुश थे शीतल और रुचिका भी ऊपर फ्लैट में चली आयी , अवि सो रहा था नैना ने उसे जगाना ठीक नहीं समझा और शीतल रुचिका के साथ बैठकर बाते कर रही थी। कुछ देर बाद बेल बजी दरवाजा रुचिका ने खोला सामने गुस्से से भरा चेहरा लिए एक लड़का खड़ा था। रुचिका ने देखा तो कहा,”आप कौन ?”
“शीतल कहा है ?”,लड़के ने कहा
इस सवाल से रुचिका समझ गयी की वो लड़का कोई और नहीं बल्कि शीतल का भाई ही है उसने कहा,”वो अंदर है आईये !”
रुचिका साइड हट गयी लड़का अंदर आया और सीधा शीतल के सामने आकर खड़ा हो गया , उन्हें देखते ही शीतल के चेहरे पर डर के भाव दिखाई देने लगे। उसने डरते डरते कहा,”भैया वो मैं,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!”
“सटाक !!!”,एक जोरदार थप्पड़ आकर शीतल के गाल पर पड़ा और उसके भैया ने गुस्से से कहा,”शर्म नहीं आती तुम्हे शीतल वहा मैं तुम्हारे लिए रिश्ते देख रहा हूँ और तुम यहाँ किसी लड़के के चक्कर में अपना वक्त बर्बाद कर रही हो”
“भैया वो प्यार करती है उस से”,नैना ने कहा
“तुम बीच में मत बोलो,,,,,,,,,,,,,!”,शीतल के भाई ने गुस्से से चिल्लाकर नैना से कहा तो रुचिका ने नैना को साइड में खींच लिया और कहा,”नैना आज बोलने की जरूरत शीतल को है !”
नैना चुपचाप खड़ी रही तो शीतल के भाई ने शीतल को घूरते हुए कहा,”बस बहुत हो चुका शीतल , बहुत बदनामी करवा चुकी हो तुम हमारी अब और नहीं , अपना सामान उठाओ यहाँ से और मेरे साथ चलो मैं यहाँ तुम्हे एक पल के लिए भी नहीं छोड़ सकता !”
“भैया मैं उस से प्यार करती हूँ !”,शीतल ने लगभग रोते हुए कहा
“प्यार तो तुम राज से भी करती थी लेकिन क्या मिला बदले में बदनामी , समाज में जिल्लत लोगो के घर आना जाना नहीं है अब हमारा , जहा जाता हूँ हसते है लोग मुझपर की देखो ये अपनी बहन को नहीं सम्हाल सकता ! तुम क्या चाहती हो जिंदगीभर मैं इसी बात के साथ जीता रहू ,,, मैं कहता हूँ चलो यहाँ से कोई जरूरत नहीं है तुम्हे इन लड़कियों के साथ रहने की !”,शीतल के भाई ने नैना और रुचिका को घूरते हुए कहा नैना का मन किया अभी के अभी उस लड़के का मुंह तोड़ दे लेकिन रुचिका ने उसका हाथ पकड़कर उसे रोक रखा था !
“इन सब में इन दोनों की कोई गलती नहीं है , उल्टा नैना तो राज की सच्चाई मेरे सामने लेकर आयी थी ! ये दोनों बहुत अच्छी है भैया इन्हे कुछ मत कहिये !”,शीतल ने कहा
“मुझे कुछ नहीं सुनना शीतल अपना सामान उठाओ और चलो मेरे साथ !”,शीतल के भाई ने गुस्से से कहा
“भैया सॉरी मैं बीच में बोलूंगी , कम से कम एक बार उसकी बात तो सुन लीजिये ,, सार्थक बहुत अच्छा लड़का है उसके घरवाले भी शीतल को बहुत पसंद करते है , और वो लोग तो शादी के लिए भी तैयार है ,,,,,,,आप कम से कम उनसे एक बार मिल लीजिये। ,, मुझे यकीन है आप अपना फैसला बदल देंगे !”,नैना ने रिक्वेस्ट करते हुए कहा तो शीतल के भाई ने शीतल का हाथ पकड़ा और नैना को साइड करके दरवाजे की और बढ़ गया। शीतल की आँखों से आँसू बहने लगे वह चाहकर भी कुछ नहीं कर पाई , नैना और रुचिका भी उनके पीछे पीछे चली आयी नैना शीतल के भाई से रिक्वेस्ट करती रही लेकिन उन्होंने नैना की एक नहीं सुनी और शीतल को लेकर निचे चला आया। अपार्टमेंट के लोगो ने देखा तो जमा हो गए लेकिन किसी में पूछने की हिम्मत नहीं थी , रुचिका सार्थक और उसके घरवालों को ले आयी ! सार्थक के पापा ने देखा तो वे शीतल के भाई के पास आये और कहा,”बेटा एक मिनिट मेरी बात सुनो , दोनों बच्चे एक दूसरे को पसंद करते है साथ रहना चाहते है तो इसमें बुराई क्या है ? पहले मैं भी इस शादी के खिलाफ था लेकिन इन बच्चो ने मिलकर मेरी सोच और मेरा फैसला दोनों बदल दिया ,,,,, गुस्सा थूक दो बेटा और मान जाओ इनकी ख़ुशी में ही हमारी ख़ुशी है !”
“देखिये अंकल ये मेरे घर का मामला है आप सामने से हट जाईये शीतल की शादी वही होगी जहा मैं चाहूंगा , मैं इसका भाई हूँ और इसकी बेहतर जिंदगी के लिए फैसला लेने का मुझे पूरा हक़ है।”,शीतल के भाई ने गुस्से से कहा तो सार्थक उसके सामने आया और कहा,”भैया मैं और शीतल एक दूसरे को बहुत चाहते है , प्लीज उसे मत लेकर जाईये मैं उसे हमेशा खुश रखूंगा कभी किसी चीज की कमी नहीं होने दूंगा भैया , प्लीज उसे मत लेकर जाईये हम दोनो एक दूसरे के बिना नहीं जी सकते !”
सार्थक की बात सुनकर तो शीतल के भाई का गुस्सा और बढ़ गया और उसने कहा,”ये दो दिन का प्यार है बेटा , तुम जैसे आशिक़ मैंने बहुत देखे है ! शीतल मेरे साथ जाएगी ,, मुझे मेरी सीमा लांघने पर मजबूर मत करो तुम सब”
“शीतल,,,,,,,,,,,,,,,,,शीतल तुम कुछ बोलो ना इन्हे , ये तुम्हे ऐसे कैसे ले जा सकते है यार कुछ कहो ना शीतल , बताओ इन्हे की तुम भी मुझसे उतना ही प्यार करती हो , प्लीज यार बोलो !”,सार्थक ने शीतल के सामने कहा तो शीतल रोने लगी और अपने भाई से कहा,”भैया प्लीज एक बार उसकी बात सुन लीजिये”
“मुझे कुछ नहीं सुनना तुम चलो यहाँ से !”,कहते हुए शीतल का भाई जैसे ही आगे बढ़ा नैना ने शीतल का हाथ पकड़कर उसे रोक लिया ,भाई ने पलटकर नैना को देखा तो नैना ने कहा,”किस बात की अकड़ है बे तुम में , लड़की बोल रही है वो प्यार करती है उस से इतनी सी बात समझ नहीं आ रही ,,,, तुम बाप भाई साले होते ही ऐसे हो बचपन से लेकर बड़े होने तक बहन को अपने हिसाब से जीने पर मजबूर कर देते हो और जैसे ही वो अपनी मर्जी से जीना चाहे तो इज्जत और समाज के नाम पर उनका मुंह बंद कर देते हो ! बहन है ना ये आपकी तो फिर आज इसका प्यार और इसके आंसू क्यों नहीं दिख रहे आपको !”
“शीतल का हाथ छोडो !”,भाई ने गुस्से से नैना को घूरते हुए कहा।
“शीतल कही नहीं जाएगी !”,नैना ने भी घूरते हुए कहा तो भाई ने मारने के लिए जैसे ही हवा में हाथ उठाया किसी ने आकर उसका हाथ रोक लिया नैना ने देखा उसकी बगल में अवि खड़ा था। ये दूसरी बार था जब अवि ने किसी को नैना पर हाथ उठाने से रोका था ! अवि ने शीतल के भाई के हाथ को मजबूती से पकड़ा था लड़के ने हाथ छुड़ाने की कोशिश की तो अवि ने उसे हाथ को साइड में झटककर कहा,”दोबारा इस पर हाथ उठाने की कोशिश की ना तो हाथ उखाड़कर फेंक दूंगा !”
“तो ऐसे लोगो के साथ रहती हो तुम , ये है तुम्हारे दोस्त जिन्हे ना बात करने की तमीज है ना ही कोई स्टेटस है , शीतल मैं आखरी बार कह रहा हूँ चलो मेरे साथ !”,कहते हुए उसका भाई उसे घसीटते हुए वहा से ले जाने लगा नैना को गुस्सा आ रहा था लेकिन अवि ने उसे रोक दिया और कहा,”नैना कब तक तुम इन लोगो के लिए लडोगी , जब तक ये लोग खुद अपने हक़ में नहीं बोलेंगे ना कुछ सही नहीं होने वाला है ! आज फैसला शीतल को करना है तुम्हे नहीं इसलिए चुप रहो !”
“यार कैसे चुप रहू वो मेरी दोस्त है और वो किसी और के साथ खुश नहीं रह पायेगी !”,नैना ने परेशान होते हुए कहा
“नैना मेरे बच्चे प्लीज , प्लीज आज कुछ मत बोल आज अगर शीतल नहीं बोल पाई तो वह कभी नहीं बोल पायेगी ! प्लीज !”,अवि ने कहा तो नैना चुपचाप बुझी आंखो से शीतल को जाते हुए देखती रही लेकिन सार्थक ये नहीं देख पाया और कुछ कदम आगे जाकर चिल्लाकर कहा,”शीतल तुमने मुझसे वादा किया था की तुम हमेशा मेरे साथ रहोगी , तुम मुझे ऐसे छोड़कर नहीं जा सकती !”
शीतल ने जैसे ही सूना उसके पैर रुक गए , भाई ने देखा तो गुस्से से कहा,”शीतल चलो”
“मुझे जाने दीजिये भैया , प्लीज मुझे जाने दीजिये वो मुझसे बहुत प्यार करता है !”,शीतल ने रोते हुए कहा
“तो फिर ठीक है फैसला कर लो शीतल तुम्हे मुझमे और उस लड़के में से किसी एक को चुनना होगा , मुझे चुनोगी तो हमेशा के लिए उस लड़के को भूलकर वहा शादी करनी होगी जहा मैं चाहता हूँ और अगर उस लड़के को चुना तो समझ लेना माँ बाप के साथ साथ तुम्हारा भाई भी मर चुका है !”,शीतल के भाई ने कठोरता के साथ कहा , शीतल ने सूना तो उसका दिल बैठ गया वह फटी आँखों से अपने भाई को देखने लगी उसने देखा एक तरह उसका भाई था तो दूसरी तरफ वह लड़का था जिस से शीतल बहुत प्यार करती थी , वो दोस्त थी जो शीतल के अच्छे के लिए हमेशा सबसे झगड़ती थी , माँ बाप जैसा प्यार देने वाले दो लोग थे और पूरा अपार्टमेंट था। शीतल के दिमाग में सब उलझता जा रहा था और फिर उसने एक फैसला किया उसने अपने भाई के हाथ से अपना हाथ छुड़ाया और कहा,”आई ऍम सॉरी भैया !”
भाई फ़टी आँखों से शीतल को देखता रहा शीतल दौड़कर सार्थक के पास गयी और उसके गले लगते हुए कहा,”मैं तुम्हे छोड़कर नहीं जा सकती सार्थक , कभी नहीं जा सकती !” सार्थक का प्यार जीत चुका था शीतल का भाई गुस्से में वहा से चला गया सार्थक की आँखों में आंसू भर आये उसने शीतल को कसकर गले लगा लिया। अपार्टमेंट के लोगो के चेहरे पर भी मुस्कराहट आ गयी ,, शुभ ने देखा उसका भाई सेट हो चुका है तो वह सीटी बजाने लगा ये देखकर नैना उसके पास आयी , नैना को अपने सामने देखकर शुभ रुक गया और मासूमियत से कहा,”अब मैंने क्या किया मैं तो बस सीटी ही बजा रहा था !”
नैना मुस्कुराई और कहा,”तो बजा ना !”
कहकर नैना खुद भी शुभ के साथ सार्थक और शीतल के लिए सीटी बजाने लगी , ख़ुशी उसके चेहरे से साफ झलक रही थी , अपार्टमेंट के बच्चे भी उसके पास चले आये और सब उछलने कूदने लगे नैना भी बच्चो में बच्ची बन गयी। ये देखकर रुचिका अवि के पास आयी और कहा,”अब तुम्हारा क्या कहना है ?”
अवि ने कुछ नही कहा अपने हाथो से नैना की बलाये ली और मुस्कुरा उठा !
क्रमश – Love You जिंदगी – 97
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संजना किरोड़ीवाल !
Mja hi aa gya ab bs Naina or Avi set ho Jaye
Yr yeh kya hoga gaya…Ek maan jata h…To dusra naraj ho jata h….Naina ne sahi kaha ki izzat k naam par ladkiyo ko torchar kiya jata h…jabki uski khushi nhi dikhayi deti kisi ko…Sheetal be aaj sahi faisla liya…Bas ab bhai maan jaye….Warna wo bhad m jaye….Mujhe to Anurag ki band bajti dekhni h…
Wow part 😍😍😍
Very beautiful
मैम शीतल ने अच्छा फैसला लिया….और अवि का भी कहना सही था…कि इंसान को अपने लिऐ खुद लड़ना चाहिए…..बस अब शीतल के भईया को भी सदबुद्धि आ जायें…और वो खुशी से शीतल के रिश्तें को स्वीकार कर लें…क्योंकि भाईभाभी उसके रिश्तेदार नहीं उसका परिवार हैं….तो शीतल इस रिश्तें में आगे तो बढ़ जायेंगी… लेकिन खुश अपनों के बिना रह नहीं पायेगी😊 superb part👌👌👌👌
Lovely part
Ab bs anurag ka bhi jhanjhat khatam ho jaye
Nice
Superb 👌👌👌👌👌👌👌
VERY NICE
Chalo shital nepali bar apne dam pr koi sahi faisla liya.
Jab se avi or naina k beech pyaar shuru hua h tab se story or b intresting hoti ja rahi hai.. Bahut h khubsurat
🥰👌😍
Bhut hi acha part tha
Humesha ki tarha awesome blossom part
Chandigarh wle bhi romantic hotr h avi ne.dikha dia chlo ek tight hug to mil gya avi ko jana pdega hmesha ke lie naina kese reh pyegi aur anurag ko avi smbhl lega wse bhut pyar krti hnaina avi se avi ne naina ko fir se bachya…… wse avi ne shi kia ki sheetal ko khuke lie khud ladana hoga pr uske bhaiya smhj jye aur wo rishre ke lie maan jye wse bhi sheetal ke maa papa to h nhi ab bhaiya bhi dur hojynge …..nice part
nice one
Kya part hai yaar…..ekdum jakaas…bole to…mind blowing
Finally 2 jode set ho gaye ab bas Anurag ka matter solve karna hai Naina or Avi ko or Naina k papa ko manana hai phir sab set hai😉😊
Lovely part
Sab set 😍 ab anurag ka number🤣🤣🤣🤣 mazaa aane wala hai😍😍😍😍😊😊😊😊❤️👏👏👏👏👏👏
Nice
Wow.. sheetal ne apni khushiya chun Li.. superb awesome part