Love You जिंदगी – 89

Love You Zindagi – 89

Love You Zindagi
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अनुराग ने जब नैना को अवि के सामने गले लगाया तो अवि को बर्दास्त नहीं हुआ और वह वहा से चला गया। अवि सिर्फ नैना के घर से ही नहीं गया था बल्कि लखनऊ से ही चला गया था। एयरपोर्ट पर आकर उसने तत्काल में चंडीगढ़ की टिकट बुक करवाई और वहा से चला गया। विंडो सीट पर बैठा अवि बाहर आसमान में देख रहा था। वह अंदर ही अंदर खुद से उलझ रहा था की आखिर क्यों उसने इतनी आसानी से नैना को किसी और का होने दिया। पर कही ना कही अवि को विपिन जी का ख्याल भी आ रहा था।

अब तक विपिन जी से जो प्यार और सम्मान अवि को मिला था उसके सामने शायद उसका प्यार कम था !
अवि की आँखों में नमी थी साथ ही उसका मन भी काफी उदास था। उसने आँखे मूंद ली और सर सीट से लगा लिया ना वह खुद को नैना की यादो से दूर कर सकता था ना ही खुद को नैना से !
अनुराग के गले लगे हुए नैना को घुटन का अहसास हो रहा था उसने खुद को अनुराग से दूर करते हुए कहा,” अनुराग प्लीज शादी से पहले ये सब दोबारा मत कर करना !”


“तुम्हे बुरा लगा , आई ऍम सो सॉरी ,,,, पर मैं इतना खुश था न सगाई की बात से की खुद को रोक नहीं पाया। बाय द वे तुम यहाँ क्या कर रही थी ? एंड वो लड़का ? उसे शायद मैंने पहले भी कही देखा है !”,अनुराग ने कहा
“अवि नाम है उसका , दोस्त है !”,नैना ने कहा
“सिर्फ दोस्त है ?”,अनुराग ने सवाल किया
अनुराग के इस सवाल से नैना को गुस्सा आया लेकिन मन ही मन उसने खुद को रोक लिया इतने में रुचिका वहा आ पहुंची और नैना का हाथ पकड़ अनुराग से कहा,”एक्सक्यूज मी सर , मुझे नैना से थोड़ा काम है !”


कहते हुए बिना अनुराग का जवाब सुने रुचिका उसे वहा से ले गयी और गार्डन के एक कोने में लाकर कहा,”ये क्या कर रही है तू ? नैना यार मैं तुझे सबसे ज्यादा ब्रेव , समझदार समझती थी और आज तू अपने डेड के प्यार में बेवकूफी करने जा रही है ,,,, माना की अपना बॉस हॉट है लेकिन है तो एक नंबर का चू###,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,सब कितना अच्छा चल रहा था आज शायद तू अवि से कह भी देती की तुझे वो पसदं है लेकिन इसने आकर सारा काम बिगाड़ दिया। इतना चालू आदमी मैंने अपनी जिंदगी में नहीं देखा मतलब तुम नहीं पटी तो तुम्हारे डेड को पटा लिया !,,,,,,,,,,,,,,,और तुम्हारे डेड उन्हें क्या हो गया है ?

वो तो अवि के कितना क्लोज थे फिर भी उसकी फीलिंग को नहीं समझा,,,,,,,,,,,,,,,,,जब जरूरत हो तो अवि नजर आया और आज शादी अनुराग से तय कर दी तुम्हारी,,,,,,,,,,,,,,और तुम तुमसे तो कुछ कहना ही बेकार है ,,, हम सबको लम्बे लम्बे लेक्चर दे सकती हो लेकिन खुद के मामले में चुप ! लेकिन मैं चुप नहीं बैठूंगी मैं अभी जाकर तुम्हारे डेड से कह देती हूँ की अनुराग सर नहीं बल्कि तुम्हे अवि पसंद है !”
“रूचि रूचि रूचि,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अभी कुछ मत करो मैं डेड से बात करुँगी !”,नैना ने उसे रोकते हुए कहा


“कब ? फेरे होने के बाद ?,,,,,,,,,,,देख नैना अवि जैसा लड़का किस्मत वालो को मिलता है,,,,,,,,,,,,,,,,,वो बहुत अच्छा है यार उसने हमेशा तुम्हारे बारे अच्छा सोचा है , तुम्हारी हेल्प की , तुम्हारे इतने टॉर्चर्स के बाद भी वो बंदा हमेशा तुम्हारे साथ खड़ा रहा। याद है हम लोग जो तुम्हारे बेस्ट फ्रेंड थे वो भी एक बार तुम्हे छोड़कर चले गए थे लेकिन अवि नहीं गया। वो तुम्हे बहुत प्यार करता है नैना ऐसे लड़के का दिल तोड़ना बहुत गलत है।

मैं मानती हूँ की तुम्हे ये रिलेशनशिप वाली बाते बकवास लगती है लेकिन एक जेनुअन लव भी तो होता है नैना , अवि को तुमसे वही है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हारी हां के लिए उसने कितना इंतजार किया है !”,रुचिका ने कहा

“अवि कहा है ?”,नैना ने बुझे मन से कहा
“वो चला गया !”,सार्थक ने आकर कहा तो नैना का चेहरा और उदास हो गया। रुचिका ने देखा तो उसके दोनों हाथो को अपने हाथो में लिया और प्यार से कहा,”देख नैना हम लोग तेरे साथ जबरदस्ती नहीं कर रहे तेरी लाइफ है तू इसे हमसे बेहतर जानती है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,थोड़ा टाइम ले और अच्छे से सोच अनुराग के साथ जिंदगीभर खामोश रहकर जीना है या अवि के साथ अपनी जिंदगी को प्यार करते हुये।”


रुचिका ने बहुत ही सीधी सी बात कही थी जो की जाकर नैना के भेजे में लगी। अवि के साथ उसका जो रिश्ता था बॉन्ड था वो सबसे अलग था। वह उस पर चिल्ला सकती थी , गुस्सा हो सकती थी , किसी का मजाक उड़ा सकती थी , बिना किसी की झिझक के उसके गले भी लग सकती थी , उस पर भरोसा कर सकती थी जबकि अनुराग को उसने हमेशा अपने बॉस की नजर से देखा था। नैना सोच में डूबी हुई थी इस वक्त उसका दिमाग काम नहीं कर रहा था , शीतल भी वहा चली आयी !


उसने रुचिका से इशारे में नैना के बारे में पूछा तो रुचिका ने अपनी पलके झपकाकर आश्वस्त किया ! कुछ देर बाद खाना लगवा दिया गया विपिन जी ने सबको आने को कहा एक टेबल नैना और अनुराग के लिए लगाई गयी लेकिन नैना के साथ रहते रहते रुचिका भी थोड़ी हरामी हो चुकी थी वह आकर उन दोनों के बीच बैठ गयी ताकि अनुराग को नैना के करीब आने का कम से कम मौका मिले। रुचिका के प्लान का हिस्सा सार्थक और शीतल भी थे। रुचिका को वहा देखकर अनुराग को अच्छा नहीं लगा लेकिन लोगो के सामने और स्पेशली नैना के सामने तो उसे अच्छा बनना ही था इसलिए उसने कुछ नहीं कहा।

खाना परोसा गया अनुराग ने एक टुकड़ा नैना को खिलाया तो नैना को भी मजबूरन उसे खिलाना पड़ा। ये ददेखकर रुचिका ने सलाद में पड़ी हरी मिर्च के टुकड़े को रोटी के टुकड़े में लपेटा और कहा,”अरे सर एक बाईट तो मेरी तरफ से भी बनता है आखिर होने वाले जीजाजी हो आप !”
अनुराग ने जैसे ही मुंह खोला रुचिका ने वह टुकड़ा अनुराग को खिला दिया जैसे ही अनुराग ने चबाया उसका मुंह जलने लगा उसने रुचिका को देखकर मुंह बना लिया और मन ही मन कहा,”ये क्यों कबाब में हड्डी बनी बैठी है ?”


“कैसा है सर ?”,रुचिका ने जान बूझकर अनुराग से पूछा
“उम्मम्मम अच्छा है !”,बेचारे ने अपनी भावनाये छुपाते हुए कहा
“तो और लीजिये ना !”,रुचिका ने कहा
“नहीं नहीं,,,,,,,,,,,,!!”,अनुराग ने कहा तभी शीतल ने पानी का ग्लास बढाकर कहा,”आपको शायद पानी चाहिए !”
“हां थैंक्स”,कहकर अनुराग वह पानी एक साँस में पी गया ! लेकिन जैसे ही उसने पानी पीया उसके पेट में गुड़ गुड़ होने लगी और उसने कहा,”एक्सक्यूज मी मैं अभी आया !”


अनुराग बाथरूम में गया तो पीछे से सार्थक ने दरवाजे को बाहर से कुण्डी लगा दी और नैना के पास आकर सामने बैठते हुए रुचिका से कहा,”अब आएगा खाने का मजा”
रुचिका और शीतल समझ गयी की उनका प्लान काम कर गया। नैना ने उनको देखा तो तीनो ने साथ कहा,”क्या देख क्या रही हो ? खाना परोसो !”
नैना समझ गयी जरूर उन्होंने कुछ गड़बड़ की है लेकिन खुश थी की कुछ देर के लिए ही सही वह अपने दोस्तों के साथ थी चारो साथ मिलकर खाना खाने लगे। नैना को तसल्ली से खाते देखकर रुचिका और शीतल को थोड़ा आराम मिला।

खाना खाने के बाद चारो वही बैठकर बाते करने लगे , नैना अवि के बारे में सोच रही थी वह जानती थी की अनुराग का यु गले लगना उसे पसंद नहीं आया था। किसी ने बाथरूम का लॉक खोल दिया था जब तक अनुराग बाहर आया उसकी हालत पस्त हो चुकी थी उसने अपने डेड और मामा जो की लखनऊ में ही रहते थे से घर चलने को कहा। विपिन जी से मिलकर अनुराग नैना के पास आया उसकी शक्ल देखकर नैना समझ गयी की उसके साथ कुछ भारी गड़बड़ हुई है , बाकि सार्थक रुचिका और शीतल को मन ही मन हंसी आ रही थी !

अनुराग ने नैना से कहा,”ओके नैना थोड़ी प्रॉब्लम्स है इसलिए मुझे अभी जाना होगा मैं कल मिलता हूँ तुमसे बाय टेक केयर”
कहते हुए उसने जैसे ही नैना की और हाथ बढ़ाया रुचिका ने बीच में ही उस से हाथ मिलाते हुए कहा,”ओके सर यू ऑल्सो टेक केयर , गुड़ नाईट बाय बाय और कल जरूर आना नैना से मिलने !”
अनुराग को अब रुचिका से खुन्नस होने लगी थी उसने मन ही मन कहा,”तुम्हारी नौकरी तो पक्का खतरे में आने वाली है रुचिका शर्मा” अनुराग मुस्कुराकर वहा से चला गया।

नैना ने चैन की साँस ली धीरे धीरे सभी मेहमान चले गए बस घर के लोग बचे थे , नैना ने इधर उधर देखा एक कोने में उसे चाय की ट्रे दिखी नैना ने पानी वाला बड़ा ग्लास उठाया और उसे भरकर ले आयी और गार्डन में पड़ी कुर्सी पर आकर बैठ गयी ! रुचिका सार्थक शीतल भी आकर वहा बैठ गए नैना ने आधा ग्लास चाय पीया और उसे साइड में रखकर एक गहरी साँस ली ! उसका दिल कर रहा था की वह जोर से चिल्लाये लेकिन किस पर , जो सामने बैठे थे वो दोस्त थे और नैना उन पर आज अपना गुस्सा निकालना नहीं चाहती थी

इसलिए खुद से ही कहने लगी – साला हमायी जिंदगी में ये झंडू लिखे है ,, मतलब पिताजी को ये दिख रहा है की शादी करनी है लौंडिया की पर जे ना दिख रहा साला करवा किस से रहे है। अरे जिसके सामने सारा दिन हां सर ना सर करते रहे है उसे अब जी , हां जी बोलना होगा ! हमायी अकल पर पत्थर पड़े रहय जो ना जाने किस मनहूस घडी में शादी के लिए हां कर दी। उह्ह साला तो इतना भरा पड़ा है की सगाई के नाम से ही उसके हार्मोन्स उबाल मार रहे थोड़ी देर और रुके ना तो यही सुहागरात भी मना ले ,,,,,,,,,,, आसमानी झींगा !!

चैन से जी रहे थे , नौकरी कर रहे थे , खुश थे अपनी जिंदगी में पर नहीं हम चैन से रहे खुश रहे कहा अच्छा लगता है हमायी किस्मत को,,,,,,,,,,,,,,,,उसे तो हमायी जिंदगी को और झंड बनाना है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,पहले लगता था हमारे रिश्तेदार गलत है वो परेशान करते है पर हम तो गलत ठहरे साला अपनी जिंदगी के L लगाने में हमारा खुद का इतना बड़ा हाथ है। डेड से कुछ कह नहीं सकते , जो मिला है उसे सह नहीं सकते साला जाए तो जाये कहा ,,,,,!!!”
नैना ने इतना कहा और बची हुई चाय उठाकर एक साँस में पी ली

खाली ग्लास रखकर कहने,”सबको ज्ञान देते देते आज खुद को ऐसी परेशानी में डाल लिया की कोई ज्ञान काम नहीं आ रहा है , ऊपर से साला पडोसी को किस कर लिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मत मारी गयी है हमारी !”
“व्हाट ? तूने अवि को किस किया ?”,रुचिका ने ख़ुशी से चौंककर पूछा
“तूने सच में उसे आज किस किया ? मतलब कब ?”,शीतल ने कहा
“एक और गलती कर दी , उसे से कुछ कहा नहीं और डायरेक्ट किस ,, वाह सही है”,सार्थक ने कहा


नैना एक तो पहले से ही परेशान थी और ऊपर से ये तीनो ऐसे सवाल करके उसे और ज्यादा इरिटेट कर रहे थे उसने गुस्से से कहा,”अबे कर दिया यार ! मेरे सामने खड़े होकर बोले जा रहा था , चुप ही नहीं हो रहा था तो क्या करती ?”
“तो मुंह बंद करने का ये तरिका ढूंढा तुमने ,, मतलब तुम्हारे इस आइडिआ के सामने तो सेण्टर फ्रेश भी फ़ैल है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,हाय कितना रोमांटिक पल होगा ना वो”,रुचिका ने आहे भरते हुए कहा


“चुप कर पांडा , यहाँ मेरी बजी पड़ी है और तुझे रोमांस सूझ रहा है !”,नैना ने गुस्सा होकर कहा तो रुचिका खीखीखीखी करके हसने लगी। सार्थक ने उसे चुप रहने का इशारा किया और खुद नैना के हाथ पर हाथ रखकर कहने लगा,”परेशान मत हो नैना , सब ठीक हो जाएगा !
“अब तो उम्मीद भी मर चुकी है कुछ ठीक होने की सार्थक”,कहते हुए नैना वहा से उठी और अंदर चली गयी ! सार्थक और शीतल भी चले गए रुचिका वही बैठी थी उसे अवि का ख्याल आया तो उसने उसे फोन लगाया लेकिन अवि का फोन बंद था !

रुचिका ने फोन वापस काट दिया तभी मोंटी वहा आया और कहा,”हे रूचि कहा गायब हो तुम तबसे ?”
“गायब तो तुम हो , तुम लड़को की यही फितरत होती है जब तक लड़की हां ना कहे तब तक उसके आगे पीछे जब हां कह दे तो हम आपके है कौन वाली सिचुएशन हो जाती है”,रुचिका ने कहा और जाने लगी तो मोंटी ने उसका हाथ पकड़कर उसे रोक लिया और कहा,”अरे हुआ क्या ?”


“सब तुम्हारी आँखों के सामने हो रहा है और पूछ रहे हो हुआ क्या ? नैना अनुराग को पसंद नहीं करती है अंकल की वजह से उसने हां कह दिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,वो तो अवि को पसंद करती है”,रुचिका ने कहा
“अवि कौन ? अच्छा वो लड़का जिसने अभी गाना गया था ?”,मोंटी ने कहा
“हां , वो नैना से बहुत प्यार करता है लेकिन नैना,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,रुचिका ने मायूस होते हुए कहा
“हहहह वो तो मुझे भी पसंद नहीं है !”,मोंटी ने मुंह बनाकर कहा


“शादी तुम्हे करनी है या नैना को ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,और तुम्हे क्यों पसंद नहीं है वो ? तुम्हे पता भी है वो कितना अच्छा है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,पर तुम,,, तुम रहने ही दो !”,कहकर रुचिका नाराज होकर आगे बढ़ गयी , मोंटी को अपनी गलती का अहसास हुआ तो वह रुचिका के पीछे पीछे आया और कहा,” अरे बेबी सुनो ना !”
बेबी नाम सुनते ही रुचिका का गुस्सा और बढ़ गया और उसने पलटकर कहा,”नैना सही कहती है ये जिंदगी की आधी लंका तो इन बाबू शोना ने लगा रखी है , और तुम आज के बाद मुझे अगर बेबी बाबू बोला ना तो मुंह तोड़ दूंगी मैं तुम्हारा !”


कहकर रुचिका चली गयी बेचारा मोंटी उसे तो समझ में भी नहीं आया की आखिर उसकी गलती क्या है ? चुपचाप वहा से चला गया ,, रुचिका अंदर आयी सार्थक नीचे गेस्ट रूम में रुक गया नैना अपने कमरे में सो रही थी उसके मन में जो उलझने थी वो सारी चेहरे पर साफ दिखाई दे रही थी ,रुचिका और शीतल भी उसी के रूम में आ गए। मोंटी सार्थक के साथ आकर सो गया और कुछ देर बाद उस से कहा,”भाई तेरी वाली भी ऐसे ही गुस्सा करती है क्या ?”


सार्थक मुस्कुराया और कहा,”नहीं भाई मेरी वाली बाकियो से अलग है !”
मोंटी ने सूना तो उसका मुंह खुला का खुला रह गया और उसने लेटते हुए खुद से कहा,”लगता है भाई को नया नया प्यार हुआ है , कोई नहीं जल्दी ही इनके भी L लगेगे !”

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संजना किरोड़ीवाल

उसने रुचिका से इशारे में नैना के बारे में पूछा तो रुचिका ने अपनी पलके झपकाकर आश्वस्त किया ! कुछ देर बाद खाना लगवा दिया गया विपिन जी ने सबको आने को कहा एक टेबल नैना और अनुराग के लिए लगाई गयी लेकिन नैना के साथ रहते रहते रुचिका भी थोड़ी हरामी हो चुकी थी वह आकर उन दोनों के बीच बैठ गयी ताकि अनुराग को नैना के करीब आने का कम से कम मौका मिले। रुचिका के प्लान का हिस्सा सार्थक और शीतल भी थे। रुचिका को वहा देखकर अनुराग को अच्छा नहीं लगा लेकिन लोगो के सामने और स्पेशली नैना के सामने तो उसे अच्छा बनना ही था इसलिए उसने कुछ नहीं कहा।

उसने रुचिका से इशारे में नैना के बारे में पूछा तो रुचिका ने अपनी पलके झपकाकर आश्वस्त किया ! कुछ देर बाद खाना लगवा दिया गया विपिन जी ने सबको आने को कहा एक टेबल नैना और अनुराग के लिए लगाई गयी लेकिन नैना के साथ रहते रहते रुचिका भी थोड़ी हरामी हो चुकी थी वह आकर उन दोनों के बीच बैठ गयी ताकि अनुराग को नैना के करीब आने का कम से कम मौका मिले। रुचिका के प्लान का हिस्सा सार्थक और शीतल भी थे। रुचिका को वहा देखकर अनुराग को अच्छा नहीं लगा लेकिन लोगो के सामने और स्पेशली नैना के सामने तो उसे अच्छा बनना ही था इसलिए उसने कुछ नहीं कहा।

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A Woman by Sanjana Kirodiwal

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