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Love You जिंदगी – 88

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Love You Zindagi – 88

Love you Zindagi - 88
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विपिन जी ने जब नैना की सगाई अनुराग के साथ करने की बात की तो नैना के चेहरे का रंग ही उड़ गया। अनुराग जो की दिल्ली में उसका बॉस था जिसे नैना हमेशा सर कहकर बुलाती थी। सामने खड़े अवि ने सूना तो उसका दिल ही टूट गया , उसने सोचा नहीं था ऐसा भी कुछ होगा वह ख़ामोशी से नैना की और देखता रहा। रुचिका और शीतल ने सूना तो उन्हें भी बुरा लगा रुचिका ने अवि की बांह थामकर धीरे से कहा,”शायद अंकल को कोई ग़लतफ़हमी हुई है , मै नैना से बात करती हूँ !”
रुचिका जैसे ही जाने लगी अवि ने उसका हाथ पकड़कर उसे रोक लिया और ना में गर्दन हिला दी। विपिन जी नैना का हाथ थामे सामने ही खड़े थे उन्होंने पीछे खड़े अनुराग को आगे आने को कहा। कोट पेंट पहने अनुराग काफी डेशिंग लग रहा था वह आगे आकर नैना की बगल में खड़े हो गया ! अवि ने देखा अनुराग वही लड़का था जिस से दिल्ली में ट्रेफिक में अवि की झड़प हुई थी। अवि ने रुचिका की और देखा तो रुचिका ने कहा,”ये तो हमारा बॉस है , अंकल के फ्रेडं का बेटा है जब पिछली बार हम लोग लखनऊ आये थे तब मिला था ,, लेकिन ये नैना को पसंद करता है सोचा नहीं था !”
“अवि अभी के अभी जाकर नैना के डेड को बता दो की तुम्हे नैना पसंद है और तुम उसे अनुराग से ज्यादा खुश रखोगे”,शीतल ने कहा
अवि ने कुछ नहीं कहा वह बस सामने खड़ी नैना को देख रहा था। अवि के चेहरे से ही पता चल रहा था की ये सब देखकर उसे कितनी तकलीफ हो रही थी। मोंटी इन सब बातो से बेखबर अपने दोस्तों में लगा हुआ था। अनुराग बहुत खुश था जब वह नैना को इम्प्रेस नहीं कर पाया तो उसने अपने मामा से कहकर विपिन जी को इस रिश्ते के लिए मना लिया और उसकी किस्मत इतनी अच्छी थी की आज वह यहाँ खड़ा था नैना के साथ , उसके पास। नैना खुद को बाहर से नार्मल दिखाने की कोशिश कर रही थी लेकिन अंदर ही अंदर वह खुद से लड़ रही थी। उसने विपिन जी की और देखा उनके चेहरे की ख़ुशी देखकर वह एक पल के लिए सब भूल गयी , उसने सामने खड़े अपने दोस्तों को देखा सबके चेहरे उतरे हुए थे और नैना जानती थी ऐसा क्यों था ? रुचिका ने तो इशारो इशारो में अपनी नाराजगी भी जता दी। विपिन जी ने नैना का हाथ लेकर अनुराग के हाथो में सौंपकर कहा,”आज से इसकी जिम्मेदारी तुम्हारी !”
अनुराग ने झुककर विपिन जी के पैर छूए और कहा,”जी पापा !”
अनुराग के मुंह से पापा सुनकर नैना को बहुत गुस्सा आया लेकिन उसने खुद को रोक लिया। वह नहीं चाहती थी उसकी वजह से उसके पापा को आज शर्मिंदा होना पड़े !
“कमीना साला कितना नाटक कर रहा है अच्छा बनने का , इसकी पहले दिन से नैना पर नजर थी ,,, ठरकी कही का , अगर ये हमारा बॉस नहीं होता ना तो मुंह तोड़ देती मैं इसका”,रुचिका ने कहा
“ये तुम नैना की तरह बात क्यों कर रही हो ?”,शीतल ने कहा
“हां वो तो खामोश है वो तो कुछ कहेगी नहीं , अंकल ने जो ढूंढा उस पर अपनी चुप्पी से मोहर लगा दी ,, अनुराग से ज्यादा गुस्सा तो मुझे नैना पर आ रहा है”,रुचिका ने कहा तो शीतल ने उसके कंधे पर हाथ रखकर कहा,”रुको ना बात करते है नैना से हो सकता है उसके दिल में कुछ और हो”
“मेरा तो दिमाग ही सनक गया है ये सुनकर , मतलब उसने सबके लिए अच्छा किया और आज जब उसकी बारी आयी तो उसे ये मिला। सच कहती है ये लड़की इसकी जिंदगी में कुछ सीधा सीधा लिखा ही नहीं है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,आई हॉप की नैना अब तो सच बोल दे”,रुचिका ने कहा
“ह्म्म्मम्म !”,शीतल ने कहा उसे भी नैना के लिए बुरा लग रहा था

विपिन जी ने अनुराग को गले लगाया और कहा,”आओ मैं तुम्हे मेहमानो से मिलवाता हूँ !”
विपिन जी अनुराग को लेकर चले गए नैना की कॉलेज फ्रेंडस उसे बधाईया देने लगी और वही रोककर खड़ी हो गयी अवि वहा से साइड में चला गया उसे तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा था की क्या करे ? नैना को सच पता था पर विपिन जी को नहीं !
अवि को अकेले खड़ा देखकर रुचिका , सार्थक और शीतल उसके पास चले आये। रुचिका जो की विपिन जी के फैसले से गुस्सा थी आते ही अवि पर बरस पड़ी,”अवि तुमने कहा क्यों नहीं अंकल से की तुम नैना को पसंद करते हो ? तुम्हारे सामने वो उसकी शादी किसी और से फिक्स कर रहे है और तुम खड़े खड़े देख रहे हो। मुझे लगा था तुम अपने प्यार के लिए फाइट करोगे लेकिन तुम तो यहाँ आकर खड़े हो गए !”
“हर प्रॉब्लम का सोलुशन फाइट नहीं होता है रूचि , अंकल मुझे पसंद करते है पसंद क्या वो मुझे अपने बेटे की तरह ट्रीट करते है लेकिन मैंने उनसे कभी कहा ही नहीं की मै नैना को पसंद करता हूँ !”,अवि ने कहा
“तो क्यों नहीं कहा ? तुम्हारे चुप रहने की वजह से ही आज ये सब हो गया , वो तो झल्ली है सब आंखों से सामने होगा तब भी वह नहीं मानेगी ,, लेकिन आज उसने बताया की शी फील्स फॉर यू , शी रियली लाइक्स यू अवि ,,, तुम्हे एक बार उस से बात करनी चाहिए हो सकता है अंकल की वजह से वो चुप हो !”,रुचिका ने कहा
“हां अवि नैना के मन में क्या चल रहा है ये तो सिर्फ नैना ही जानती है !”, सार्थक ने कहा
अवि को कुछ समझ नहीं आ रहा था की आखिर वह क्या करे ? ना वह नैना को हर्ट करना चाहता था ना ही विपिन जी को। !
कुछ देर बाद नैना अपनी बाकि दोस्तों से फ्री हुई तो रुचिका उसके पास चली आयी और नैना को साइड में ले जाकर कहा,”ये सब क्या है नैना तू और वो भी अनुराग सर के साथ ?
“आई डोंट नो क्या हो रहा है ? डेड ने कहा की वो मेरे लिए लड़का देखना चाहते है मुझे नहीं पता था उन्होंने अनुराग सर को पसंद किया है”,नैना ने कहा
“नैना प्लीज ना बोल दो , आई नो तुम अनुराग सर को पसंद नहीं करती तुम अवि को पसंद करती हो प्लीज ना बोल दो”,रुचिका ने कहा
रुचिका की बात सुनकर नैना सोच में पड़ गयी उसने पलटकर देखा विपिन जी हँसते मुस्कुराते अनुराग को सबसे मिलवा रहे थे उसने कहा,”मैं डेड को हर्ट नहीं कर सकती !”
“अच्छा डेड को हर्ट नहीं करना चाहती लेकिन खुद को कर सकती हो और अवि को भी , नैना तुम उसे पसंद करने लगी हो और जब तुम्हारे डेड को पता चलेगा उनकी ख़ुशी के लिए तुमने अनुराग को एक्सेप्ट किया है तो वे और ज्यादा हर्ट होंगे”,रुचिका ने कहा
“मुझे इस बारे में कोई बात नहीं करनी है”,नैना ने कहा और वहा से चली गयी। नैना अंदर ही अंदर खुद भी बहुत हर्ट थी उसे खुद समझ नहीं आ रहा था की आखिर वह किस से क्या कहे ? अवि को लेकर उसके मन में जो था उसे वह खुद नहीं समझ पा रही थी अपने डेड को क्या समझाती ? चलते चलते सामने अनुराग आ गया। नैना ने बचकर निकलने की कोशिश की लेकिन अनुराग ने रोक लिया तो नैना ने कहा,”सर मैं आती हूँ !”
“ओह्ह कम ऑन नैना जिंदगीभर क्या सर कहकर बुलाने का इरादा है , यू केन कॉल मी अनु !”,अनुराग ने कहा
“हम्म्म्म ! मैं अभी आयी एक्सक्यूज मी”,नैना ने कहा और चली गयी ,,,, उसने टेबल पर रखा पानी का ग्लास उठाया और एक साँस में पी लिया

पार्टी काफी अच्छी चल रही थी सभी एन्जॉय कर रहे थे। रुचिका शीतल सार्थक का मूड ऑफ था। कुछ देर बाद मोंटी बड़ा सा केक ले आया और टेबल पर रखा सभी केक काटने के लिए इक्क्ठा हो गए। अवि नहीं आना चाहता था लेकिन विपिन जी उसे अपने साथ ले आये और नैना के बगल में खड़े कर उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा,”आज की पार्टी में एक और खास मेहमान है अवि , मेरा फ्रेंड”
अवि फीका सा मुस्कुरा दिया तो विपिन जी ने नैना से कहा,”नैना बेटा केक काटो !”
नैना अवि के बगल में ही खड़ी थी की अनुराग ने अवि को साइड किया और खुद नैना के बगल में आ गया। अवि वहा से हटकर साइड हो गया उसे बुरा लग रहा था पर उस तकलीफ को उसने अपने चेहरे पर नहीं आने दिया। जैसे ही नैना ने केक काटने को हाथ बढ़ाया अनुराग ने भी उसके साथ नैना का हाथ पकड़कर केक को काटा। अवि ने नजरे घुमा ली। नैना ने केक का पहला टुकड़ा विपिन जी को खिलाया फिर आराधना को और फिर मोंटी को !
“अरे बेटा अनुराग को भी खिलाओ !”,आराधना ने कहा तो नैना ने बेमन से उसे भी एक पीस खिला दिया और एक टुकड़ा उठाकर अवि की और बढ़ी ही थी की अनुराग ने उसके हाथ से वो टुकड़ा लेकर अवि को देते हुए कहा,”नैना बाकि सब बाद में खा लेंगे , मेरे पास तुम्हारे लिए एक सरप्राइज है चलो !”
कहकर अनुराग उसे वहा से ले गया अवि ने टुकड़ा वापस टेबल पर ही रख दिया। रुचिका को उसकी ये हालत देखकर अच्छा नहीं लग रहा था उसने कहा,”हुंह्ह बड़ा आया केक काटने वाला”
“क्या हुआ लड़का अच्छा है यार ?”,पास खड़े मोंटी ने कहा
“हां लेकिन नैना के लिए सही नहीं है !”,रुचिका ने कहा
“अंकल ने चुना है तो सही चुना होगा ना रूचि , वैसे भी नैना के लिए ये रिश्ता अच्छा है ! मैं खुश हूँ”,मोंटी ने कहा
“हां हां तुम्हे क्या फर्क पड़ता है ? और वो नैना तो है ही पागल सबके मामलो में शेर बनती है आज अपनी बारी आयी तो भीगी बिल्ली बन गयी !”,रुचिका ने गुस्से से कहा और वहा से चली गयी
“इसे क्या हो गया ?”,मोंटी ने रुचिका को देखकर कहा
अनुराग नैना को लेकर साइड में आया और अपनी जेब से एक रिंग निकालकर नैना को दिखाते हुए कहा,”ये मैंने तुम्हारे लिए खरीदी है , वैसे तो बहुत पहले से मैं तुम्हे ये देने की सोच रहा था लेकिन तुमने कभी बात करने का मौका ही नहीं दिया। तुम्हे पहली बार देखते ही तुमसे प्यार करने लगा था , उसके बाद जब तुम ऑफिस में मिली तो ख़ुशी से रात भर सो नहीं पाया। तुम थोड़ी सख्त हो इसलिए तुम्हारे डेड से अपने रिश्ते की बात करके तुम्हे हमेशा के लिए अपनी जिंदगी में लाने का सोचा ! तुम मुझसे ना कह सकती थी लेकिन अपने डेड की पसंद को कभी ना नहीं कहोगी इसलिए मैंने अपने मामू से कहा की वो तुम्हारे डेड से बात करे ! नैना मैं बता नहीं सकता मैं आज कितना खुश हूँ !”
“सर वो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!”,नैना ने जैसे ही कहना चाहा अनुराग थोड़ा उसके करीब आया और कहा,”शशशश कुछ मत कहो , आज की रात बहुत स्पेशल है नैना आज तुम मेरे साथ हो इस से ज्यादा और क्या चाहिए ?”
नैना चाहकर भी कुछ कह नहीं पायी वह ख़ामोशी से अनुराग को देखती रही अनुराग ने उसका हाथ पकड़ा और उसकी ऊँगली में रिंग पहनाने लगा लेकिन वह रिंग नैना की रिंग फिंगर से छोटी थी अनुराग ने जबरदस्ती पहनाने की कोशिश की तो नैना को हर्ट होने लगा और उसने कहा,”प्लीज रहने दो ये नहीं आएगी!”
“सॉरी वो मैं चैक करना भूल गया था !”,अनुराग ने बुझे मन से कहा


दोनों कुछ देर वही साथ साथ खड़े रहे। कुछ देर बाद विपिन जी ने सबको एक जगह बुलाया , नैना और अनुराग भी चला आया। विपिन जी अवि के पास आये और कहा,”इतनी हसीन शाम हो और अवि कुछ ना गाये ऐसा हो ही नहीं सकता ,,, कुछ सूना दो यार !”
“सॉरी सर मैं मैं नहीं गा पाउँगा !”,अवि ने कहा
“ओह्ह्ह प्लीज यार हमारे रिश्ते के लिए ही सूना दो कुछ !”,अनुराग ने अवि से कहा तो अवि की नजरे सामने खड़ी नैना पर चली गयी , उसकी आँखों में पसरा खालीपन अवि को चुभता हुआ सा महसूस हो रहा था ! विपिन जी ने अवि को माइक थमा दिया। सार्थक शीतल रुचिका तीनो को बुरा लग रहा था साथ ही नैना पर भी गुस्सा आ रहा था। रुचिका की मोंटी से भी बहस हो चुकी थी लेकिन आज उसे इस बात की परवाह नहीं थी बल्कि नैना और अवि के लिए दुःख था दोनों ही उसके अच्छे दोस्त थे और वह दोनों के ही बहुत करीब थी।
अवि ने माइक होंठो के पास लाकर गाना शुरू किया और गाना मत कहिये इन शब्दों में कही ना कही उस के दिल का हाल बया हुआ था
“तुम्हे कोई और देखे , तो जलता है दिल
बड़ी मुश्किलों से फिर सम्हलता है दिल
क्या क्या जतन करते है तुम्हे क्या पता ?
ये दिल बेक़रार कितना ये हम नहीं जानते , मगर जी नहीं सकते तुम्हारे बिना
हमे तुमसे प्यार कितना ये हम नहीं जानते , मगर जी नहीं सकते तुम्हारे बिना
हमे तुमसे प्यार,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!!
नैना ने सूना तो उसकी बेचैनिया बढ़ गयी उसे लगने लगा जैसे कही ना कही कुछ तो गलत हो रहा है। अवि ने माइक रख दिया और वहा से चला गया। नैना ने देखा लेकिन वह उसे रोक नहीं पाई। सभी ने अवि के लिए तालिया बजायी। अवि घर के पीछे वाले हिस्से की और चला आया उसका मन बहुत भारी था , पीछे गार्डन से लगकर एक छोटा पानी का तालाब बना हुआ था। तालाब का पानी शांत था लेकिन अवि के मन में उथल पुथल मची हुई थी , जिसे शांत करने की वह पूरी कोशिश कर रहा था। वह कई देर तक खामोश खड़ा उस पानी को देखता रहा कुछ देर बाद नैना वहा आयी और कहा,”पडोसी !”
नैना की आवाज सुनकर अवि पलटा इस बार वह खुद को रोक नहीं पाया और कहने लगा,”क्या है ये सब नैना ? ऐसे कैसे तुम किसी और से शादी करने को तैयार हो गयी। तुम जानती हो मै तुम्हे पसंद करता हूँ , तुमसे प्यार करता हूँ लेकिन नहीं तुम्हे तो ये सब दिखता ही नहीं है ! रुचिका का प्यार दिखता है , शीतल के गलत फैसले दीखते है , सार्थक का रोमांस दिखता है बस नहीं दिखता तो वो है मैं,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मेरा प्यार,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मेरा इंतजार जो पीछे दो महीनो से मैं तुम्हारे लिए कर रहा हूँ !,,,,,,,,,,,,,हां मानता हूँ की तुम्हारे सामने अपना प्यार जाहिर करने में मैंने बहुत जल्दबाजी की लेकिन जिन खूबियों से प्यार हुआ था वो तो तुम में थी ना नैना,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हारी खूबियों के साथ साथ कब मैंने तुम्हारी कमियों को भी अपना लिया मैं खुद नहीं जानता,,,,,,,,,,,,,,,सोते जागते , उठते बैठते सिर्फ तुम्हारा ख्याल रहता है जहन में ! तूम साथ नही होती फिर भी लगता है तुम आस पास हो ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,जब उदास होता हूँ तो तुम्हारी शैतानिया नजर आती है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,जब बहुत खुश होता हूँ तो तुम्हारी बाते याद आती है ! नैना ख़ामोशी से सब सुने जा रही थी उसे खामोश देखकर अवि को और गुस्सा आया तो वह कहने लगा,”तुम्हारी ये ख़ामोशी ना सच में बहुत परेशान करती है मुझे जहा बोलने की जरूरत ना हो वह तुम चुप नहीं बैठती और आज जब बोलना चाहिए तो तुम खामोश हो ,, सही है रहो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,आज तुम्हे मेरा प्यार दिखाई नहीं देता एक वक्त आएगा जब मैं तुम्हे बहुत याद आने वाला हूँ लेकिन तब मैं लौटकर नहीं आऊंगा,,,,,,,,,नहीं बर्दास्त हो रहा था मुझसे जब वो लड़का तुम्हे छू रहा था , तुम्हारे साथ हंस रहा था पर तुम्हे तो इन सबसे कोई फर्क ही नहीं पड़ता ना नैना,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम तो सख्त बंदी हो,,,,,,,,,,,,,,किसी से प्यार करना तो तुम्हारे उसूलो के खिलाफ है !”
अवि ने कहा लेकिन इस बार भी नैना ने कुछ नहीं कहा बस सुनती रही चुपचाप और आखिर में हारकर अवि ने कहा,”हो गया तुमसे प्यार , लगने लगी तुम अच्छी , तुम्हारा पडोसी कहना तक अच्छा लगता है , एक अच्छी जिंदगी का ख्वाब देखता हूँ तुम्हारे साथ अब तुम ही बताओ इसमें मेरी क्या गलती है ,,, तुम्हे चाहना गलत था , तुम्हे प्यार करना गलत था या फिर तुमसे मिलना गलत था। इतना चाहता हूँ की तुम्हारी हर बदतमीजी को बर्दास्त कर लेता हूँ , तुम कितनी भी गलतिया करो कभी गुस्सा नहीं आता ,,,,,,, पर आज आ रहा है , ऐसे अपनी आँखों के सामने तुम्हे किसी और का होते देख रहा हूँ कुछ कर भी नहीं सकता क्योकि तुम्हारे डेड हर्ट हो जायेंगे ,,, तो अब तुम ही बताओ क्या करू मैं ?,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,बोलो !”
कहते कहते अवि की आवाज भारी हो गयी , उसकी आँखों में साफ दिखाई दे रहा था की ये सब कहते हुए उसे कितनी तकलीफ हो रही थी। नैना ने उसकी आँखों में देखा और आगे बढ़कर अवि के लबों पर अपने लब रख दिए। ये अवि को चुप कराने के लिए था या फिर उसे अहसास दिलाने के लिए की नैना के दिल में भी वही भावनाये है ,, ये बात सिर्फ नैना जानती थी। नैना के होंठो की छुअन से अवि का गुस्सा शांत हो गया और धीरे धीरे वो मोहब्बत में बदलने लगा था। जब नैना को अपनी सांसे टूटती हुई महसूस हुई तो वह उस दूर हटी और नम आँखों के साथ कहा,”इस से ज्यादा इस बारे में मैं और कुछ नहीं कह सकती”
नैना आगे कुछ कहती इस से पहले ही अनुराग वहा आ पहुंचा और ख़ुशी से भरकर नैना को गले लगाते हुए कहा,”हे नैना थैंक्यू सो मच हमारी सगाई की डेट फिक्स हो गयी”
अवि ने सूना तो उसे अच्छा नहीं लगा और वहा से जाने लगा , अनुराग से गले लगे हुए नैना ने अवि का हाथ थामकर उसे जाने से रोक लिया ! उस वक्त अनुराग के होंठो पर मुस्कुराहट थी लेकिन अवि और नैना की आँखों में आंसू !

क्रमश – Love You जिंदगी – 89

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“संजना किरोड़ीवाल”

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