Sanjana Kirodiwal

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Love You जिंदगी – 62

Love You Zindagi – 62

Love you Zindagi
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अवि से घबराकर सभी लड़के वहा से भाग गए। अवि अपार्टमेंट के लोगो की और आया और गुस्से से कहा,”कैसे लोग है आप सब ? वो सब मिलकर यहाँ हंगामा कर रहे थे और आप सभी खामोश खड़े उन्हें देख रहे थे। एक अपार्टमेंट में रहने के बावजूद आप सबकी एक दूसरे के प्रति कोई जिम्मेदारी नहीं बनती ,, यही तो फर्क है शहर की ऊँची ऊँची इमारतों में रहने वाले लोगो में सब बस तमाशा देख रहे है। कल को तुम में से किसी के साथ भी ऐसा हो सकता है इसलिए एक दुषरे की मदद करना सीखो। ये बड़े होने का घमंड और ये छोटी सोच एक दिन यही रह जानी है !”
कहते हुए अवि मेहता जी की और पलटा और कहा,”और आप मेहता जी कोई बदतमीजी कर रहा है और आप ऐसे चुप खड़े होकर उनकी बदतमीजियों को बढ़ावा दे रहे थे। पैसे इज्जत के साथ लिए है तो लौटाना भी इज्जत से ही चाहिए था ,, खैर आपसे तो मुझे कोई शिकायत भी नहीं है माँ बाप अपने बच्चों के भविष्य के लिए सब करते है लेकिन (शुभ की और देखकर) बच्चों को अहसास होना जरुरी है की उनके लिए माँ बाप को किन परेशानियों से गुजरना पड़ता है”
शुभ ने सूना तो अवि के सामने आकर कहा,”आई ऍम सॉरी भैया मैं डर गया था। आज के बाद मैं मम्मी पापा को किसी चीज के लिए परेशान नहीं करूंगा।”
अपार्टमेंट वालो के व्यवहार से आज अवि बहुत हर्ट था। उसने ज्यादा कुछ नहीं कहा और नैना के पास आकर उसका हाथ पकड़कर कहा,”और तुम चलो मेरे साथ !”
अवि नैना का हाथ पकडे हुए उसे अपने साथ ले गया। पीछे पीछे शीतल , रुचिका और सार्थक भी चले आये। अवि नैना को लेकर अपने फ्लैट में आया दरवाजा खुला छोड़ दिया। नैना को बैठे का इशारा करके अवि अंदर गया और कुछ देर बाद वापस आया तो उसके हाथ में डेटोल और कॉटन था। वह आकर नैना के सामने बैठा और कॉटन पर
डेटोल लगाने लगा। अवि के चेहरे से पहली बार गुस्सा झलक रहा था , शीतल रुचिका और सार्थक भी चले आये और अवि को देखकर चुपचाप खड़े हो गए नैना बस ख़ामोशी से अवि को देखे जा रही थी उसे तो बस वो फाइटिंग याद आ रही थी जो कुछ देर पहले उसने निचे देखी थी। गिरने की वजह से नैना के होंठ पर लगी थी और खून भी आ रहा था जो की अब रुक चुका था। अवि ने कॉटन पर लगा डेटोल नैना के होंठ पर लगाते हुए कहना शुरू किया,”और तुम खुद को बहुत होशियार समझती हो , बहुत बड़ी गुंडी हो तुम हां ,, किसी से भी झगडोगी किसी को भी मारोगी,,,,,,,,,,,,,,,,,सामने से मारता वो तब ? तब क्या करती ,,, मतलब तुम्हे हमेशा अपने मन की करनी होती है ,, कैसी शक्ल बना रखी है अपनी ? किसी के मामले में तुम्हे पड़ने की जरूरत क्या है ? बोलो।”
“मेहता जी की जगह अगर मेरे डेड होते तब भी यही कहते ?’,नैना ने धीरे से कहा
अवि पहले से गुस्से में था ये सुनकर उसे और खीझ उठी और उसने कहा,”मतलब तुम किसी को नहीं सुनोगी , सही है मत सुनो करो अपने मन की ,, ये वही लोग है जिन्होंने उस रात तुम तीनो को जाने से भी नहीं रोका था। आज उनके लिए तुम गुंडों से लड़ रही हो व्हाई ? तुम क्या झाँसी की रानी हो जो सबसे लडोगी ? हेल्प करना अच्छी बात है लेकिन इसका मतलब ये नहीं है की किसी से भी लड़ जाओ”
नैना ने कुछ नहीं कहा बस चुपचाप अपना हाथ आगे कर दिया जिस पर चोट लगी थी अवि ने देखा तो पहले नैना को घुरा और फिर हाथ पर लगी चोट को भी डेटोल से साफ करने लगा।
“आह्ह !”,जलन के मारे नैना के मुंह से आह निकल गयी
अवि ने देखा तो उसने फूंक मारते हुए कहा,”मैं बेंडएज लेकर आता हूँ”
“भाई मैं ले आता हूँ , कहा रखा है ?”,सार्थक ने कहा
“सामने रूम में ड्रावर हैं उसमे रखा है”,अवि ने कहा !
अवि को नाराज देखकर नैना ने कहा,”चिल ना पडोसी , जरा सी तो चोट है इतना गुस्सा किसलिए ?’
“तुम्हे अब भी ये सब मजाक लग रहा है , मतलब तुम्हे इन सब लड़ाई झगड़ो और मार पीट से कोई फर्क नहीं पड़ता। ये शहर नया है , यहाँ के लोग नए है किसी भी तरह के झंझट में पड़ना तुम लोगो को बड़ी मुसीबत में डाल सकता है”,अवि ने नैना को घुरते हुए कहा
“तुम्हे डर लग रहा है क्या ?”,नैना ने अवि की आँखों में देखते हुए कहा
“डर लगता तो उन्हें पीटकर नहीं आता , मैं इन चीजों से बहुत दूर रहा हूँ नैना लेकिन कोई लड़की पर हाथ उठाये तो मैं बर्दास्त नहीं करता। तुम्हे शायद ये लगे की मैं तुम्हे बदलना चाहता हूँ तो ऐसा नहीं है बस मैं नहीं चाहता तुम किसी प्रॉब्लम में पड़ो ,, आई डोंट नो व्हाई लेकिन मैं तुम्हे ऐसी किसी भी सिचुएशन में देखना नहीं चाहता”,अवि ने नैना की आँखों में देखते हुए कहा , अवि की आँखों में देखते हुए नैना खामोश हो गयी और फिर एकदम से पीछे हटकर कहा,”तुम्हारी आँखों फिर जादू कर रही है !”
अवि ने सूना तो अपना सर पीट लिया और रुचिका शीतल की और देखा शीतल नैना के पास आयी और कहा,”नैना अवि सही कह रहा है पहले से हम इतनी परेशानियों में है। तुम्हे थोड़ा शांत रहना चाहिए।”
“हां ये हमेशा सही ही कहता है , बस इसका सही मुझे गलत लगता है”,नैना ने कहा
“वो तुम्हारी प्रॉब्लम है। “,कहते हुए अवि ने उसका हाथ पकड़कर अपनी और किया और सार्थक की लायी बैंडेज उस पर लगा दी। नैना उठी और कहा,”वैसे मेरी कोई गलती नहीं थी !”
अवि ने उसकी और देखा बस कुछ कहा नहीं तो रुचिका नैना को वहा से लेकर चली गयी ! सार्थक अवि के पास आया और कहा,”अवि भाई आई थिंक नैना ने आज जो किया सही किया था , उसमे उसकी कोई गलती नहीं थी बल्कि वो इतनी अलग है की वो कभी कुछ गलत होते नहीं देख पाती।”
“सार्थक मैं इस बात से उस पर गुस्सा नहीं हूँ , आज उसे कुछ हो जाता तो , कभी कभी वो बहुत बेवकूफ बन जाती है यार मतलब,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अब क्या ही कहू मैं”,अवि ने मायूस होकर कहा
“कुछ कहने की जरूरत नहीं है आपकी आँखों में साफ दिख रहा है , यू आर इन लव”,सार्थक ने मुस्कुरा कर कहा
अवि ने कुछ नहीं कहा बस खामोश बैठा जमीन को देखने लगा। अक्सर ऐसा ही होता है जब कोई आपके चाहने वाले को चोट पहुँचाना चाहे तो डर लगता है उसे कुछ हो जाने का , यही फीलिंग इस वक्त अवि की थी कुछ देर बाद सार्थक वहा से चला गया।


नैना शीतल और रुचिका अपने फ्लैट में चली आयी ! नैना ने शीतल से कहा,”चाय मिलेगी ?
“हम्म्म बैठो मैं बनाकर लाती हूँ !”,शीतल ने कहा और किचन की और चली गयी। रुचिका के पापा का फोन आया तो रुचिका बात करने के लिए बालकनी की और चली गयी नैना सोफे पर आकर बैठी अपने हाथ पर लगी बैंडेज को देख रही थी। कुछ देर बाद ही बेल बजी शीतल ने आना चाहा तो नैना ने कहा,”रुको मैं देखती हूँ”
नैना ने आकर दरवाजा खोला सामने अवि खड़ा था। नैना ने उसे देखकर भँवे उचकाई तो अवि ने कहा,”आई ऍम सॉरी , वो मुझे तुमसे इस तरह बात नहीं करनी चाहिए थी। थोड़ा गुस्सा आ गया था इसलिए”
“अरे इट्स ओके पडोसी , वैसे भी मुझे आज बुरा नहीं लगा”,नैना ने पहली बार प्यार से कहा
“सच में तुम्हे बुरा नहीं लगा ?”,अवि ने थोड़ा असमझ की स्तिथि में कहा
“या ऑफकोर्स , जब कभी मेरा झगड़ा होता था और मैं घर आती थी तो मेरे डेड भी मुझे ऐसे ही डांट देते थे , आज तुमने मेरे डेड की तरह बात की इसलिए बुरा नहीं लगा”,नैना ने कहा
नैना की बात सुनकर अवि चुप हो गया। एक पल में उसे ये लड़की तूफ़ान लगती थी तो अगले ही पल शांत नदी जैसे ,, नैना को समझना अवि के लिए बहुत मुश्किल था पर वह खुश था की पहली बार नैना को उसकी कही बात बुरी नहीं लगी। अवि को खामोश देखकर नैना ने कहा,”पडोसी प्लान का क्या करे ?”
अवि मुस्कुरा उठा और कहा,”दर्द में भी तुम्हे चैन नहीं है ना ?”
“बताओ ना यार बस एक बार ये क्लियर हो जाये उसके बाद पक्का कोई प्रॉब्लम नयी आएगी , इन्फेक्ट मैं रेस्ट करुँगी !”,नैना ने कहा
“ओके , नवरात्री के आठवे दिन डांडिया का फंक्शन है , शीतल को बस उस दिन खेलने के लिए राजी कर लो उसका पार्टनर सार्थक ही होगा ,, उसी दिन सुबह राज को शीतल के फोन से मेसेज करना और कुछ ऐसा कहना की वो यहाँ आने को मजबूर हो जाये। उसके आगे मैं सम्हाल लूंगा”,अवि ने कहा
“ओके !”,नैना ने खुश होकर कहा और अवि वहा से चला गया ! नैना अंदर चली आयी अब बस उसे नवरात्री की उस रात का इंतजार था जिस रात राज का पर्दा फाश करना था !

क्रमश – love-you-zindagi-63

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संजना किरोड़ीवाल !

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