Love You जिंदगी – 39
Love You Zindagi – 39
शाम 4 बजे बस लखनऊ बस स्टेण्ड पहुंची ! नैना रुचिका और शीतल नीचे उतरी ,, बस से अपना सामान उतारा और साइड में आकर खड़े हो गयी ! नैना ने शीतल और रुचिका को आदाब करते हुए कहा,”नवाबों के शहर लखनऊ में आपका स्वागत है !”
नैना को देखकर शीतल और रुचिका दोनों हंस पड़ी और शीतल ने कहा,”यहाँ आते ही तुम्हारा मिजाज बदल गया , पता नहीं कौन कौनसा रंग देखना बाकी है तुम्हारा !” शीतल की बात सुनकर नैना मुस्कुराई और कहा,”रंग और मिजाज हमेशा बदलते रहना चाहिए , जिंदगी में थ्रिल बना रहता है ! मैं डेड को फोन कर लू पता नहीं कहा रह गए वो !” कहते हुए नैना ने जेब से फोन निकाला और अपने डेड का नंबर डॉयल किया लेकिन फोन नहीं लगा तभी पीछे खड़े नैना के पापा विपिन जी ने कहा,”बेटा जी हम यहाँ है !”
नैना ने पलटकर देखा तो जाकर उनके गले लग गयी और कहा,”आई मिस यू सो मच डेड !”
“मिस यू टू बेटा , कल रात तुम्हे फ़ोन किया था उठाया नहीं तुमने तुम्हे बताना चाह रहा था की शोंटी मामा आ रहे थे दिल्ली से डायरेक्ट लखनऊ तो उनके साथ आ जाती तुम लोग परेशानी नहीं होती !”,विपिन जी ने कहा
“इट्स ओके डेड बस में भी बहुत मजा आया , मैंने बताया था ना मेरे साथ मेरी फ्रेंड्स भी आएँगी ये शीतल है और ये रूचि !”,नैना ने दोनों का परिचय करवाते हुए कहा !
“नमस्ते अंकल जी !”,रुचिका और शीतल ने एक साथ कहा
“नमस्ते बेटा जी , आने में कोई तकलीफ तो नहीं हुई ?”,विपिन जी ने बड़े प्यार से कहा
“जी नहीं अंकल !”,शीतल ने कहा
“अच्छा सफर में तुम लोग थक गयी होगी , घर चलते है फिर आराम से बैठकर बातें करेंगे !”,विपिन जी ने कहा तो नैना शीतल और रुचिका अपना अपना बैग सम्हाले गाड़ी की और बढ़ गयी ! विपिन ने उनका सामान रखा शीतल और रुचिका पीछे बैठ गयी और नैना विपिन जी के साथ आगे बैठ गयी ! विपिन जी ने गाड़ी स्टार्ट की और वहा से निकल गए ! लखनऊ बस स्टेण्ड से आधे घंटे की दूरी पर उनका घर था ! गाड़ी चलाते हुए विपिन जी ने नैना से कहा,”अच्छा नैना जॉब कैसी चल रही है तुम्हारी ? आई हॉप की नए ऑफिस में कोई झगड़ा नहीं किया तुमने !”
विपिन जी की बात सुनकर शीतल खांसने लगी नए ऑफिस में जो भसड़ नैना ने मचाई उस से तो नैना और रुचिका भी अनजान नहीं थी ! नैना ने शीतल और रुचिका से चुप रहने का इशारा किया और अपने पापा से बोली,”हां डेड , सब सब ठीक है ! इन्फेक्ट कल ही सेलेरी मिली है !”
“हम्म्म्म , सो बेटा जी आप लोग कहा से है ?”,विपिन जी ने शीतल और रुचिका की और देखकर पूछा
“जी मैं इंदौर से हूँ और रुचिका जयपुर से है !”,शीतल ने कहा
“अरे वाह इंदौर तो मैं काफी बार गया हूँ , हां जयपुर जाना नहीं हुआ कभी !”,विपिन जी ने कहा
“अरे अंकल तो इस बार आईयेगा ना , आप आंटी और नैना सब लोग मैं आपको पूरा जयपुर घुमा दूंगी !”,रुचिका ने खुश होकर कहा
“हां बेटा जी बिल्कुल ,, अब तो आप लोग नैना की दोस्त भी हो तो जरूर आएंगे !”,विपिन जी ने कहा और गाड़ी की स्पीड थोड़ी बढ़ा दी और म्यूजिक सिस्टम पर गाना चला दिया ! गाना बजने लगा
“जिंदगी के सफर में गुजर जाते है जो मुक़ाम
वो फिर नहीं आते , वो फिर नहीं आते”
गाने के बोल जैसे ही नैना के कानो में पड़े उसने कहा,”ओह्ह्ह डेड , क्या जब देखो तब आप यही गाना सुनते रहते हो !”
“ओल्ड इज गोल्ड ,, आज के ज़माने के गानो में बोल समझ नहीं आते और सिर्फ शोर ज्यादा रहता है जबकि उस टाइम के गानों में सुकून सा रहता है ! सुनकर ही आत्मा तृप्त हो जाती है”,विपिन जी ने कहा तो उनके पक्ष में शीतल बोल पड़ी,”सही कहा अंकल मुझे भी पुराने गाने बहुत पसंद है ! राजेश खन्ना जी की फिल्मो के तो सब गाने मेरे फेवरेट है !”
“अरे वाह ! वो तो मेरे भी फेवरेट है हर शाम में उनके गाने सुनता हूँ !”,कहते हुए विपिन जी ने शीतल को हाई फाइव दिया ! शीतल मुस्कुरा उठी , नैना की ही तरह उसके डेड भी खुले मिजाज के थे ! शीतल और रुचिका को वह अपनी बच्ची की तरह मानकर ही बात कर रहे थे ! शीतल को उनका स्वाभाव बहुत पसंद आया और उसने कहा,”अंकल आपने वो गाना सूना है ‘आते जाते खूबसूरत , आवारा सड़को पर”
“अरे बेटा जी सब गाने सुने है हमने , जब अराधना जी (नैना की मम्मी) से पहली बार मिला था तब राजेश खन्ना वाले अंदाज में ही मिला था !”,विपिन जी ने कहा
“अंकल आपकी लव मैरिज थी ?”,रुचिका ने हैरानी से कहा
“नहीं नहीं बेटा जी लव मैरिज नहीं थी अरेंज थी पर प्यार बहुत था !”,विपिन जी ने कहा उनकी बात सुनकर नैना ने कहा,”ओह्ह्ह डेड प्लीज अब आप अपनी लव स्टोरी मत सुनाने लग जाना !”
“अंकल ये ऐसी ही है जब भी इसके सामने प्यार का नाम लो भड़क जाती है ! आप इतने स्वीट हो , आई हॉप आंटी भी इतनी ही अच्छी होगी फिर प्यार मोहब्बत वाले घर में ये लड़की कहा से आ गयी समझ नहीं आ रहा ?”,रुचिका ने नैना को घूरते हुए कहा
“हम्म्म ये बात तो कभी कभी मैं भी सोचता हूँ की नैना ऐसी क्यों है ? लेकिन इस बात से ज्यादा डर मुझे इस बात का है की इसकी शादी जिस से होगी बेचारे उस लड़के का क्या होगा ? मुझे तो उस पर अभी से तरस आ रहा है !”,विपिन जी ने हसंते हुए कहा
“क्या डेड आप भी ? और तू पांडा ज्यादा मत बोल रहना , मेरे साथ है डेड के साथ नहीं !”,नैना ने रुचिका को धमकाते हुए कहा
“देखा अंकल आपके सामने सामने ही धमकी दे रही है !”,रुचिका ने विपिन से कहा
“नैना गलत बात रूचि दोस्त है तुम्हारी !”,विपिन जी ने कहा
“इट्स ओके डेड दोस्तों में इतना तो चलता है !”,नैना ने कहा और खिड़की के बाहर देखने लगी ! शीतल काफी देर से खामोश बैठी सबकी बातें सुन रही थी रुचिका और नैना की नोक-झोक वह हमेशा से देखते आ रही थी उसे चुप देखकर विपिन जी ने कहा,”क्या बात शीतल बेटा जी आप बड़ी चुप है !”
“नहीं अंकल बस यु ही , सफर काफी लंबा था ना इसलिए थोड़ी थकान हो रही है !”,शीतल ने फीका सा मुस्कुराते हुए कहा
“चिंता मत करो बेटा जी बस कुछ देर में पहुँचने वाले है उसके बाद आराम कर लेना !”,कहते हुए विपिन जी ने यू टर्न लिया और गाड़ी सड़क से कच्चे रस्ते की और मुड़ गयी हालाँकि डामर की पक्की सड़क थी लेकिन ये रास्ता शहर से बाहर निकल आया था ! दोनों तरफ अच्छी हरी फसले , पेड़ पौधे थे ! रुचिका और शीतल को वह रास्ता बड़ा ही खूबसूरत लग रहा था ! नैना ने सर सीट से लगाकर आँखे मूंद ली उसने ये नज़ारे सैंकड़ो बार देखे थे !
कुछ देर बाद गाड़ी हरे भरे पेड़ो से घिरे एक बड़े से गेट के सामने रुकी ! विपिन जी ने हार्न बजाया तो गेट खुला और गाड़ी अंदर आ गयी ! नैना शीतल और रुचिका तीनो गाड़ी से उतरे ! घर का नौकर दयाल भागते हुए आया और गाड़ी से तीनो का सामान उतारने लगा ! शीतल और रुचिका ने देखा तो उनकी आँखे खुली की खुली रह गयी सामने कुछ ही दूरी पर एक बड़ा सा आलिशान दोमंजिला घर था , उसके बांयी तरफ खूबसूरत बगीचा था और दांयी तरफ खुली जगह थी जहा कपडे सूखने की तार बंधी हुई थी ! सामने घर के बरामदे में नैना की मम्मी आराधना खड़ी थी ! उन्हें देखते ही वह उनके पास आयी और नैना को गले लगाकर कहा,”पुरे 3 महीने बाद तुम घर आयी हो ! कितनी दुबली हो गयी हो खाती पीती नहीं हो क्या बेटा ? और सुमि आंटी से मिली तुम , कैसी है वो ? मैं तो खुद उनसे मिलने की सोच रही थी पर जाना ही नहीं हुआ !”
आराधना बेटी के मोह में एक बार शुरू हुई तो फिर रुकने का नाम ही नहीं लिया ! उन्हें बोलता देखकर नैना ने कहा,”मम्मा क्या सारी बातें यही कर लोगी ? इनसे मिलो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!” नैना जैसे ही बताने लगी आराधना ने कहा,”रुको मैं बताती हूँ , ये है शीतल (शीतल के गाल को छूते हुए) और ये है रुचिका !”
शीतल और रुचिका हैरानी से एक दूसरे को देखने लगी तो आराधना ने कहा,”ऐसे क्या देख रही हो ? नैना रोज फोन पर तुम दोनों के बारे में बात करती है ! आओ अंदर आओ !” कहते हुए आराधना उन सबको अंदर ले आयी !शीतल और रुचिका घर का जायजा लेते हुए चल रही थी बरामदे अंदर जाता हुआ घर का में रास्ता था घर में दीवारों का डेकोरेशन लकड़ी से हुआ था जो की काफी खूबसूरत लग रहा था ! अंदर जाकर एक छोटा सा हॉल था निचे दो रूम और किचन के साथ अटैच बाथरूम था और और पीछे की और खुलती एक बालकनी थी ! आराधना ने सबको बैठने को कहा और खुद पानी लेने अंदर चली गई ! शीतल ने देखा नैना कबसे घर में किसी को ढूंढ रही थी कुछ देर बाद ही पीछे से एक डार्क ब्राउन रंग का कुत्ता दौड़कर आया और नैना के पैरो को चाटने लगा ! नैना घुटनो के बल बैठी और उसे पुचकारने लगी ! वो नैना का पालतू कुत्ता था “स्कूबी” कुछ देर बाद नैना ने उसे जाने को कहा और खुद सोफे पर आकर बैठ गयी ! आराधना ने सबको पानी दिया और खुद भी वही बैठ गयी ! दयाल सामान अंदर ले आया तो आराधना ने उन्हें सबके लिए चाय और स्नेक्स बनाने को कहा !
शीतल और रुचिका को नैना का घर और नैना के माँ पापा बहुत अच्छे लगे ! कुछ देर बाद चाय और पकौड़े आ गए और सभी बातें करते हुए उनका मजा लेने लगे ! रुचिका मस्तमौला थी इसलिए जल्दी ही आराधना और विपिन से घुल मिल गयी लेकिन शीतल को थोड़ा वक्त लगा ! चाय ख़त्म करके आराधना ने कहा,”नैना बेटा , रूचि और शीतल को अपने साथ अपने कमरे में ले जाओ , दयाल से कहकर मैं सामान ऊपर ही भिजवा देती हूँ ! तुम लोग फ्रेश हो जाओ आराम करो !”
“थैंक्स मॉम मुझे वैसे भी रेस्ट की बहुत जरूरत है !”,कहते हुए नैना उठी और शीतल रूचि को लेकर ऊपर अपने कमरे में चली आयी ! नैना का घर जितना सुन्दर था उसका अपना कमरा उस से भी ज्यादा खूबसूरत था ! शीतल और रुचि जैसे ही उसके कमरे में आयी दोनों की आँखे खुली की खुली रह गयी ! बड़ा आलिशान कमरा , जिसके सामने वाली दिवार के बिलकुल बीचोबीच बेड लगा हुआ था ! गोल चौकोर ढेर सारे तकिये थे ! बेड से लगाकर ही बड़ी सी खिड़की थी और खिड़की के बिल्कुल पास में एक टेबल जिस पर कम्प्यूटर रखा हुआ था , कमरे के एक दिवार पर ढेर सारी पेंटिंग्स की हुई थी जो की शीतल और रुचिका की समझ से बाहर थी ! एक दिवार पर नैना की कुछ तस्वीरें लगी थी रुचिका दौड़कर उनके पास आयी और कहा,”हे नैना ये तुम हो हो ?”
“या ! मेरी बचपन की फोटो है जब मैं 6 साल की थी डेड ने खींची थी !”,नैना ने बेड पर बैठते हुए कहा और साथ ही शीतल से बैठने का इशारा किया ! शीतल भी उसकी बगल में आकर बैठ गयी ! रुचिका घूमते हुए पूरा कमरा देखने लगी उसे नैना का कमरा बहुत ही रोमांचक लग रहा था अचानक उसे टेबल पर रखी एक नीले रंग की डायरी मिली रुचिका ने उसे उठाया और खोलकर देखा वो नैना की ही डायरी थी रुचिका ने एक पेज पलटा और पढ़ने लगी
“बस में खिड़की वाली सीट हो
तुम मैं साथ हो ,, ईयरफोन का एक सिरा तुम्हारे कान मे दूसरा मेरे कान में
ओर गाना हो – तुम हो पास मेरे साथ मेरे हो तुम यु , जितना महसूस करू तुमको उतना ही पा भी लू (रॉकस्टार)
खूबसूरत लम्हो में डूबे मेरा सर तेरे मजबूत कंधों पर हो ,, मेरी नाजुक उंगलियां तुम्हारे सख्त हाथ को थामे हो
बाहर तेज बारिश हो और अंदर फैली हो खामोशिया
इतना ख़ामोश जिसमे सुन सकू मैं तुम्हारी धड़कने ओर उन धड़कनों में अपना नाम
बस इतना सा ख्वाब है l”
रुचिका ने पढ़कर डायरी बंद करते हुए कहा,”ओह्ह माय गॉड नैना ये सब तुमने लिखा है ?”
“हम्म्म्म !”,नैना ने अपना निचला होंठ दबाकर कहा
रुचिका डायरी लेकर उसके पास आयी और बगल में बैठकर कहा,”आई डोंट बिलीव दिस की तुम ये सब भी लिख सकती हो आई मीन इट वाज ऑसम नैना कितनी डीप फीलिंग्स है यार !”
नैना ने उस से डायरी छीनी और कहा,”तुम्हारे लिए नहीं है मोटी , बस ऐसे ही लिखा था कभी जस्ट इमैजिनेशन !” कहते हुए नैना उठकर कबर्ड और गयी और उस डायरी को रख दिया ! नैना जैसे ही पलटी शीतल ने कहा,”पर कोई ऐसे ही तो ऐसी लाइन्स नहीं लिखता !”
“शीतल डोंट बी सिली ये तब लिखी थी जब मैंने सेकेंडरी पास की थी जस्ट ऐसे ही ! ओके फॉरगेट दिस तुम दोनों फ्रेश हो जाओ !”,नैना ने कहा और बेड से अपना फोन उठाकर किसी को कॉल लगाते हुए खिड़की की तरफ चली गयी ! रुचिका नहाने चली गयी ! उसके बाद शीतल भी फ्रेश होने चली गयी ! शाम के 6 बज रहे थे शीतल वापस आयी तब तक रुचिका और नैना दोनों सो चुकी थी ! थकान से शीतल का भी बदन टूट रहा था वह भी जाकर उन लोगो के पास लेट गयी !
रात में खाने के लिए आराधना ऊपर आयी ! रात के 9 बज रहे थे और तीनो लड़किया सो रही थी ! आराधना ने उन्हें उठाया और निचे ले आयी ! निचे आकर उन तीनो ने मुंह धोया तब जाकर उनकी नींद उडी ! तीनो खाना खाने के लिए आकर डायनिंग के चारो और बैठ गयी ! विपिन जी भी वही बैठे थे आराधना ने सबको खाना परोसा ! आज नैना की पसंद का खाना बना था ! शीतल ने जैसे ही खाया पहला टुकड़ा आराधना की और देखने लगी !
“क्या हुआ बेटा खाना अच्छा नहीं बना है क्या ?”,आराधना ने पूछा तो शीतल ने कहा,”बहुत अच्छा बना है आंटी , कितने दिनों बाद आज घर का खाना खा रहे है , सच में घर के खाने का स्वाद ही अलग होता है !”
“तो और लो बेटा , इसे अपना ही घर समझो ,, सुबह ना गर्मागर्म डोसा और सांभर बनाकर खिलाऊंगी नाश्ते में !”,आराधना ने कहा तो शीतल मुस्कुरा दी और खाने लगी ! खाना खाने के बाद कुछ देर निचे रुकी और फिर तीनो सोने चली गयी ! सफर की थकान देखते हुए विपिन जी ने भी उन्हें आराम करने की सलाह दी ! नैना शीतल और रुचिका नींद से ग्रस्त आकर नैना के कमरे में लेट गयी ! शीतल का फोन साइलेंट था जब उसने राज का फोन नहीं उठाया तो उधर राज ने गुस्से से अपना फोन ही तोड़ दिया !
सुबह नैना उठी और खिड़की के पास खड़े होकर अंगड़ाई लेने लगी तभी उसकी नजर निचे खड़े स्कूबी पर गयी वह कुछ खाने की कोशिश कर रहा था ! नैना निचे आयी उसने शॉर्ट्स और लूज टीशर्ट पहना हुआ था ! उसके बालो में जुड़ा पिन खोंसा हुआ था ! उबासी लेते हुए वह स्कूबी के पास आयी और उसके मुंह से प्लास्टिक का टुकड़ा छीनकर फेंक दिया और स्कूबी की अंदर जाने का कहा ! सुबह का वक्त था और ठंडी हवा चल रही थी तभी हवा में उड़ता एक हल्का सा तिनका नैना की आँख में जा लगा और नैना अपनी आँखों को मसलने लगी उसे दर्द और चुभन हो रही थी ! तभी उसके हाथो को किसी ने छूआ ये एक जाना पहचाना अहसास था नैना ने अपनी एक आँख खोलकर देखा तो हैरान रह गयी सामने अवि खड़ा था ! अवि ने नैना के हाथ को निचे किया उसके थोड़ा करीब आया और जिस आँख में दर्द था उस आँख पर धीरे से फूंक मारी ! आँख का कचरा हवा से उड़कर बाहर आ गया ! नैना कुछ समझ नहीं पा रही थी बस अवाक् सी खड़ी अवि को देखे जा रही थी ! नैना ने अपनी पलके झपकाई अब उसकी आँख सही थी अवि ने उसकी बालो में फंसा वो पिन निकाल दिया नैना के बाल उसके कंधे पर लहराने लगे ! बालों की लटें जब नैना के गालों को छूने लगी तो अवि ने अपनी उंगलियों से उन्हें साइड कर दिया और नैना के गाल को अपने होंठो से छू लिया ! एक खूबसूरत अहसास से नैना की आँखे बंद हो गयी जब आँखे खुली तो वहा कोई नहीं था ! नैना ने इधर उधर देखा पर वहा कोई नहीं था ! उसके बाल भी वैसे ही थे नैना ने एक गहरी साँस ली और कहा,”सपना था !”
नैना बड़बड़ाते हुए अंदर जाने लगी,”ये क्या हो गया है नैना ? वो यहाँ कैसे हो सकता है ? वो तो दिल्ली में है यहाँ कैसे हो सकता है ? क्या मुसीबत है यार उस बन्दे के ख्याल क्यों आ रहे मुझे ? उफ्फ्फ्फ़ !”
कहते हुए नैना अंदर आयी चलते चलते उसने पलटकर देखा लेकिन कोई नहीं था ! वो ख्वाब ही था जो नैना ने देखा था लेकिन उस ख्वाब से उसकी जिदंगी की हकीकत जुडी थी जिसे नैना समझ नहीं पा रही थी !
क्रमश – love-you-zindagi-40
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संजना किरोड़ीवाल !!!
Sanjana ji 2 din se notification nahi aa raha ..Esa q
Notification q nahi aa rahe hai
Naina samjh nhi rahi ya samjhna nhi chati avi k pyar ko ..i hope jaldi hi naina ye man le ki uske dil m b feelings h avi k liye
Very beautiful
Superb interesting part
Awesome part to finally avi n naina k dil m dastak de hi di wow ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
Beautiful
Osm👌👌
Wow…. naina ko bhi avi k sapne dikh rhe hai….waise sahi kaha tha avi ne ki jisse pyaar kregi bahut deeply kregi…. ab to romance dekhna hai naina ka….
जब तक आपकी स्टोरी न पढ लूं दिन अच्छा जाता है नही । 👌👌👌👌👌
Wah bhai ldki ko pyaar ho rha h avi se ab to jaagte hue sapne bhi dekhne lagi h mazaa aa gya naina k mmy papa bhi bhut hi ache h
Hayeeeee kya khwab tha🤩♥️♥️♥️
Lovely and beautiful story
Gazb pyara sa part tha aj ka
Lovely part
मैम ओ हो नैना को भी सपने में अवि नजर आ रहा हैं…सही हैं जो हाल दिल का इधर हो रहा हैं…वो हाल दिल का उधर हो रहा हैं….बस अब नैना को अपनी फिलींग समझ में आ जायें😊 awesome part👌👌👌👌
Fabulous part
Lovely part
nice part
osm.part naina ke jaisa btya tha uske parents bhi zehar h mtlb bhut ache h….wo.dairy ke pivhe kuch raaz h yha ese hi chlo dkhte h ab aur naina ko jo sapna h wo to gjv bda mst miss kr rhi h wo bhi avi ko smhj aye yh pyar h
Wow….lovely part…
Lovely part
Lovely, fabulous part
Waiting for next part
Osm part
nice part 👌👌👌
Nice part
Beautiful part