Love You जिंदगी – 34
Love You Zindagi – 34
बाथरूम में नैना ने एकदम से निबी को देखा और हैरान रह गयी। वह उसकी तरफ बढ़ी और उसके कंधे पर हाथ रखकर जैसे ही उसका नाम लिया लड़की पलटी। नैना उसे देख पाती इस से पहले ही किसी ने जोर से दरवाजा खोला जिसकी आवाज से नैना ने पलटकर देखा लेकिन तब तक दरवाजा खोलने वाला शख्स वहा से जा चुका था। नैना वापस पलटी तो देखा निबी वहा नहीं है और निबी क्या कोई वहा नहीं था सिवाय नैना ने इधर उधर देखा लेकिन निबी उसे वहा दिखाई नहीं दी।
“ये मेरा वहम नहीं हो सकता , वो निबी ही थी लेकिन वो एकदम से गायब कैसे हो गयी ? मैं उसे फोन करके देखती हूँ”,कहते हुए नैना ने अपने जेब से फोन निकाला और निबी का नंबर डॉयल किया तो पाया की उसके फोन में नेटवर्क ही नहीं है। नैना ने झुंझला कर फोन वापस जेब में रख लिया। वह बाथरूम में बने छोटे छोटे अपार्टमेंट्स को खोलकर देखने लगी। नैना परेशान सी एक के बाद एक अपार्ट को खोलकर देख रही थी 5 वे अपार्ट में खड़ी निबेदिता डर और घबराहट से अपना सर पीट रही थी। नैना ने उसे यहाँ देखा तो वह उसे क्या जवाब देगी ? सोचकर ही निबेदिता की आँखों में परेशानी के भाव उभर रहे थे। वह ईश्वर से प्रार्थना कर रही थी की नैना उस तक ना पहुंचे। जैसे ही नैना ने आखरी अपार्ट के हेंडल की तरफ हाथ बढाकर उसे नीचे किया अंदर खड़ी निबेदिता की सांसे हलक में अटक गयी। नैना दरवाजा खोलती इस से पहले ही उसके कानों में अवि की आवाज पड़ी,”नैना , नैना और कितना टाइम लगेगा ?”
“लगता है पडोसी बाहर है अगर मैंने उसे ये सब के बारे में बताया तो वो फिर मुझे पागल समझेगा और मेरी बात का यकीन नहीं करेगा। एक काम करती हूँ मैं बाहर जाकर निबेदिता को कॉल लगाती हूँ और पूछती हूँ वो कहा है ? हम्म्म्म ये सही रहेगा”,खुद में बड़बड़ाते हुए नैना ने उस हेंडल को छोड़ा और बाथरूम से बाहर जाने वाले दरवाजे की ओर बढ़ गयी। निबेदिता ने चैन की साँस ली और वही कमोड पर बैठ गयी।
नैना बाहर आयी तो अवि उसे वही बगल में खड़े मिल गया। नैना ने उसका हाथ पकड़ा और उसे अपने साथ ले जाते हुए कहा,”तुम लेडीज टॉयलेट के बाहर क्या कर रहे हो ?”
“पहले तुम ये बताओ कि तुम इतनी देर से अंदर क्या कर रही थी ?”,अवि ने कहा
“पडोसी मैं बाथरूम में थी , अब वहा बैठकर मैं जलेबिया तो तलने से रही,,,,,,,,,,,,,,,,,एक सेकेण्ड क्या तुम मुझे लेकर पजेसिव हो रहे हो ? ओह्ह्ह्ह मुझसे इतना भी प्यार मत करो पडोसी की मेरे बिना दो मिनिट भी ना रह सको”,नैना ने अवि का ध्यान भटकाने के लिए कहा
“हो गया तुम्हारा अब मेरी बात सुनो , फ्लाइट 2 घंटे डीले हो गयी है तब तक हमे यही रुकना होगा,,,,,,,,,,,,,,,,मुझे भूख लगी है एंड आई थिंक तुम्हे भी लगी होगी तो क्यों न चलकर पहले कुछ खा लिया जाये”,अवि ने सहजता से कहा
“2 घण्टे मतलब अगर निबी यही है तो मेरे लिए उसे इन 2 घंटो में ढूंढना आसान हो जायेगा,,,,,,,,,,,,,,कभी कभी पडोसी बहुत सही बात करता है”,नैना ने मन ही मन खुश होते हुए कहा
“हेलो मैं तुम से बात कर रहा हूँ , क्या तुम अभी से खाने के बारे में सोचने लगी ?”,अवि ने नैना के सामने हाथ हिलाते हुए कहा
“अह्ह्ह मैं इतनी बड़ी भुक्कड़ भी नहीं हूँ , चलो चलते है और कुछ अच्छा खाते है”,नैना ने अवि की बाँह थामकर आगे बढ़ते हुए कहा
अवि और नैना को वेटिंग एरिया में चले आये और अवि ने वाउचर के जरिये दोनों के लिए खाना मंगवाया और साथ बैठकर खाने लगे। अवि का ध्यान खाने में था और नैना के दिमाग में निबी को लेकर ख्याल चल रहे थे। बार बार उसकी आँखों के सामने बीच वाली शाम और बाथरूम वाला पल घूम रहा था। नैना को इस गुत्थी को सुलझाना ही था। एक जरुरी कॉल आने की वजह से अवि को वहा से उठकर जाना पड़ा नैना ने फटाफट हाथ में पकड़ा गार्लिक ब्रेड नीचे रखा और अपने फोन से निबी का नंबर डॉयल किया।
एक दो रिंग के बाद ही निबी ने फोन उठा लिया और कहा,”हेलो हाँ भाभी , आपने इस वक्त फोन किया आप और भाई घर आ गए क्या ?”
“निबी तुम इस वक्त कहा हो ? तुम सो रही हो क्या ?”,नैना ने पूछा
“मैं इस वक्त अपने फ्लेट के अलावा और कहा हो सकती हूँ ? मैं बैंगलोर में हूँ भाभी”,निबी ने उबासियाँ लेते हुए कहा
“ओह्ह्ह अच्छा , अच्छा निबी क्या तुम गोआ आयी थी ?”,नैना ने बिना बात को उलझाए सीधा साफ शब्दों में पूछ लिया
गोआ का नाम सुनकर निबेदिता कुछ देर के लिए खामोश हो गयी और फिर एकदम से कहा,”नहीं भाभी मैं गोआ कैसे जाउंगी मेरे तो क्लास चल रहे है ?आप ये सब क्यों पूछ रही है ?”
“सॉरी कुछ नहीं मुझे लगा जैसे मैंने तुम्हे यहाँ देखा इसलिए,,,,,,,,,,,,,,,,तुम तुम सो जाओ मैं और अवि बस अभी एयरपोर्ट पर है और घर जा रहे है”,नैना ने कहा
“ओके भाभी , बाय द वे कैसी रही आपकी ट्रिप ?”,निबेदिता ने पूछा
“वो मैं तुम्हे घर आकर बताउंगी इत्मीनान से , तुम घर आ रही हो ना ?”,नैना ने पूछा
“हाँ बहुत जल्द”,निबेदिता ने खुश होकर कहा
“ओके अपना ख्याल रखना,,,,,,,,,,,,बाय”,नैना ने कहा और फोन काट दिया। सोच में डूबी नैना ने अपना फोन जेब में डाला और मन ही मन खुद से कहने लगी,”निबेदिता ने मुझसे झूठ क्यों कहा ? मुझे पूरा यकीन है कुछ देर पहले पहले मैंने उसे यहाँ देखा था और उस शाम भी बीच पर निबेदिता ही थी किसी लड़के के साथ,,,,,,,,,,,,,,,,आखिर वो मुझे और पडोसी से क्या छुपा रही है ? तुम्हे पता लगाना ही होगा नैना , निबी इनोसेंट है कही वो किसी मुसीबत में ना फंस जाए। मुझे पडोसी से इस बारे में बात करनी चाहिए,,,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन यहाँ नहीं अभी वो अच्छे मूड में है और मैं उसका मूड खराब करना नहीं चाहती। मुझे पता लगाना होगा आखिर निबी सब से क्या छुपा रही है ?”
“तुमने खाना अधूरा क्यों छोड़ा ? अगर ये तुम्हे नहीं खाना तो मैं खा लू प्लीज ?”,अवि ने नैना के सामने बैठते हुए कहा
अवि ने इतने प्यार से कहा कि नैना उसके चेहरे की तरफ देखने लगी और फिर अपनी प्लेट उसकी तरफ बढाकर कहा,”यस प्लीज क्योकि मुझे लगता है चंडीगढ़ जाने के बाद तुम्हे बहुत ज्यादा एनर्जी की जरूरत पड़ेगी”
“वो तो है यार , तुम्हे याद है लास्ट टाइम तुम ऑफिस आयी थी तब मैं दो क्लाइंट्स के साथ था , उन्ही के साथ मेरी नेक्स्ट एग्जीबिशन है और मुझे उसी की तैयारी करनी है”,अवि ने गार्लिक ब्रेड खाते हुए कहा
“हम्म्म तुम कर लोगे , तुम अपने काम में बेस्ट हो”,नैना ने अपने दोनों हाथो से ओके का साईन बनाकर मुस्कुराते हुए कहा तो अवि भी मुस्कुरा उठा। खाना खाने के बाद अवि नैना को लेकर वहा बने बुक स्टोर की तरफ ले आया और अपने लिए कुछ किताबे देखने लगा। नैना जिसे किताबे देखकर ही नींद आने लगती थी वह मुंह बनाये अवि के साथ साथ घूम रही थी। रॉ में कुछ बुक्स देखते हुए अवि ने देखा कि नैना किसी थके हुए बच्चे सी मासूम लग रही है , साथ ही वहा घूम रहे लोगो को देखकर नैना के चेहरे पर अजीब भाव आ जा रहे थे। अवि को अपनी ओर घूरता पाकर नैना ने खुद को बिजी दिखाने के लिए रॉ से एक किताब निकाली और उसे खोलकर उसमे नजरे जमा ली। नैना की आँखों पर नजर वाला चश्मा लगा था और बालों की लटें चेहरे पर झूल रही थी। अवि ने देखा तो अपने हाथ में पकड़ी किताबे रखी और नैना के पास चला आया। नैना ने पलकें उठाकर अवि को एक नजर देखा और वापस से ऐसे दिखाने लगी जैसे वह किताब पढ़ने में बहुत बिजी है। अवि ने अपना सर झटका और नैना के हाथ में पकड़ी किताब को सीधा करके वापस नैना के हाथ में पकड़ा कर कहा,”कसम से दुनिया का आठवाँ अजूबा हो तुम”
नैना ने ध्यान दिया कि अब तक उसने किताब को उलटा पकड़ रखा था। अवि मुस्कुरा कर आगे बढ़ गया और नैना ने किताब बंद कर उसे अपने सर पर मारा और फिर अवि के पीछे चली आयी। अवि ने अपने लिए कुछ किताबे ली और फिर नैना के साथ वेटिंग एरिया में चला आया। नैना भी आकर उसके बगल में बैठ गयी। अवि किताब खोलकर उसे पढ़ने लगा और नैना अकेले बैठे बैठे बोर होने लगी
नैना अवि के बगल में बैठे बैठ ऊँघने लगी था। अवि के रहते वह निबेदिता को ढूंढने भी नहीं जा सकती थी इसलिए उसे वही बैठना पड़ा। रात हो चुकी थी और नैना को नींद भी आने लगी थी लेकिन फ्लाइट आने में अभी भी वक्त था। नैना बैठे बैठे सो गयी अवि ने देखा तो धीरे से नैना का सर अपने कंधे पर रखा और थपथपाने लगा। अवि का एक हाथ नैना के सर पर था तो दूसरे में किताब जिसे छोड़ने का अवि का मन नहीं था और नजरे किताब के पन्नों पर जमी हुई थी।
कुछ वक्त बाद फ्लाइट आयी। अवि नैना अंदर चले आये। नैना नींद से त्रस्त थी इसलिए उसने विंडो सीट के लिए भी नहीं बोला और चुपचाप अपनी सीट पर बैठ गयी। अवि विंडो सीट के पास आ बैठा और बगल में थी नैना। नैना एक बार फिर सोने लगी उसे परेशान होते देखकर अवि ने किताब को बंद किया। नैना का सर अपनी गोद में रखा और उसके बालो को सहलाते हुए उसे थपथपाने लगा। नैना के बालों में उंगलिया घुमाते हुए सहसा ही अवि को गोआ वाली बात याद आ गयी जब उसने नैना के टूटते बाल देखे थे। किसी अनहोनी के डर से अवि का दिल फिर धड़क उठा और उसने नैना के सर को चूमकर मन ही मन कहा,”कल सुबह हम सबसे पहले डॉक्टर के पास जायेंगे , अगर तुम सच में बीमार हो तो मैं तुम्हे इस से अकेले लड़ने नहीं दूंगा नैना”
अवि के हाथो का स्पर्श पाकर नैना नींद में भी मुस्कुरा उठी और अवि उसका सर सहलाते हुए खिड़की के बाहर देखने लगा।
नॉनस्टॉप फ्लाइट होने की वजह से 4 घंटे बाद ही अवि और नैना चंडीगढ़ में थे। एयरपोर्ट से घर काफी दूर था इसलिए अवि ने कैब बुक किया और घर के लिए निकल गया। कैब में भी नैना अवि के कंधे पर सर रखे सो रही थी। उसे देखकर लग रहा था जैसे वह बहुत ज्यादा थक चुकी थी। अवि ख़ामोशी से बैठा एक बार अपनी अधूरी किताब को पूरी करने लगा। किताब पढ़ते हुए अवि के फोन पर एक मेसेज आया जिसे देखकर वह मुस्कुरा उठा। घंटेभर बाद ही दोनों घर पहुंचे नैना तो उठने का नाम ही नहीं ले रही थी इसलिए अवि को उसे गोद में उठाकर लाना पड़ा। आधी रात थी और चौधरी हॉउस में सब सो रहे थे अवि किसी को डिस्टर्ब नहीं करना चाहता था इसलिए उसने भोला को फोन लगाया और दरवाजा खोलने को कहा। भोला ऊंघता आँखे मसलता आया और दरवाजा खोल दिया। अवि ने भोला से सामान अंदर लाने का इशारा किया और खुद नैना को लिया अंदर चला आया। अब तक नैना को उठाते उठाते अवि की कमर अकड़ चुकी थी इसलिए हॉल में आते ही उसने नैना को सोफे पर सुलाया और साँस लेट हुए मन ही मन कहा,”आह कितनी भारी है ये लड़की मेरा तो दम ही निकल गया। इसे यही सोने देता हूँ क्योकि इसे नींद से जगाकर घर में तांडव नहीं करवाना और इसे उठाकर कमरे तक ले जाने की मुझमे हिम्मत नहीं है”
अवि ने नैना को वही सोफे पर सुला दिया और खुद भी पास वाले सोफे पर पसर गया। भोला सामान अंदर लेकर आया उसे नैना और अवि को वहा देखकर थोड़ी हैरानी हुई। अवि ने उसे चुपचाप जाने को कहा। कुछ देर बाद अवि को भी नींद आ गयी। सुबह सौंदर्या जी उठकर कमरे से बाहर आयी उन्होंने अवि और नैना की देखा तो खुश हो गयी लेकिन अगले ही पल हैरान भी हो गयी की नैना और अवि दोनों हॉल में क्यों सो रहे है ? सौंदर्या जी उन्हें उठाने के लिए उनके पास आयी। वे दोनों में से किसी एक को उठाती इस से पहले ही नैना नींद में बड़बड़ाई,”पडोसी तुम जानते नहीं हो तुम कितने बड़े खड़ूस हो , खड़ूस महा खड़ूस मुझे वहा एक दिन और रुकना था जिस से मैं सच का पता लगा सकू लेकिन तुमने,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“सच ? कैसा सच ? ये नैना नींद में क्या बड़बड़ा रही है ?”,सौंदर्या जी ने मन ही मन खुद से कहा तभी वहा से गुजरते चौधरी साहब की नजर सौंदर्या जी पर पड़ी और उन्होंने सौंदर्या के पास आते हुए कहा,”ये क्या बच्चो की प्राइवेसी में तुम यहाँ क्या आकर रही हो सौंदर्या ?”
“देखिये ना ये दोनों अपने कमरे में जाने के बजाय कल रात यही सो गए”,सौंदर्या ने कहा
“लगता है दोनों देर रात घर आये है , तुम नैना को उठाओ और उसे अपने कमरे में जाने को कहो,,,,,,,,,,,,,,,,,घर के नौकर चाकर घर की बहू को ऐसे देखंगे तो अच्छा नहीं लगेगा”,चौधरी साहब ने कहा और अपनी सुबह की सैर के लिए निकल गए।
सौंदर्या ने नैना को उठाया और अपने कमरे में जाने को कहा। नैना की नींद अभी पूरी नहीं हुई थी इसलिए वह वहा से चली गयी। कुछ देर बाद अवि की आँख खुली तो वह एकदम से उठकर बैठ गया। उसने घडी में समय देखा सुबह के 7 बज रहे थे। अवि उठा और सीढ़ियों की तरफ बढ़ गया।
“गोआ जाकर इन दोनों बच्चो को क्या हो गया है ? लगता है कुछ ज्यादा ही थक गए है,,,,,,,,,,,,,,भोला अवि के लिए कॉफी भिजवा देना वो उठ चुका है”,सौंदर्या पहले धीरे से बड़बड़ाई और फिर भोला को आवाज देते हुए वहा से चली गयी।
कमरे में आकर अवि ने कबर्ड से अपने कपडे निकालकर बेड पर रखे और नहाने चला गया। शीशे के सामने खड़ा अवि ब्रश करते हुए नैना के बारे में सोच रहा था साथ ही उसके दिमाग में और भी कई चीजे चल रही थी। अवि ने ब्रश किया , एक बढ़िया शॉवर लिया और टीशर्ट ट्राउजर पहनकर अपने बाल पोछते हुए बाहर चला आया। अवि ने देखा नैना अभी तक सो रही है , वह ड्रेसिंग की तरफ आया और ड्रायर से अपने बालो को सुखाने लगा। अवि बाल सूखा ही रहा था कि उसका फोन बजा अवि ने फोन देखा और रिसीव कर कान से लगाते हुए कहा,”हेलो , विवान”
“हाँ अवि मैंने तेरा मेसेज देखा , तू एक काम कर नैना को लेकर आजा मैं वही तुझसे मिलता हूँ”,विवान ने कहा
“ओके मैं आ जाऊंगा”,अवि ने कहा और फोन काट दिया
अवि ने फोन रखा ही था की भोला उसके लिए कॉफी लेकर आ गया और कहा,”अवि भैया आपकी कॉफी”
“थैंक्यू भोला मॉम उठ गए क्या ?”,अवि ने कॉफी पीते हुए कहा
“हाँ कब के ही , नाश्ते में क्या लेंगे आप ?”,भोला ने पूछा
“कुछ हल्का बना दो , नैना के लिए भी,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,अवि ने कहा और अपना फोन चार्जिंग पर लगाने लगा
“लेकिन नैना मैडम तो नाश्ता 10 बजे करती है”,भोला ने कहा जिसे नैना की दिनचर्या पता थी
“भोला भैया अगर नैना एक दिन जल्दी नाश्ता कर लेगी तो क्या कुछ बिगड़ जाएगा,,,,,,,,,,,,,,नहीं ना तो मैंने आपसे जो कहा है वो कीजिये”,अवि ने कहा
“ठीक है”,कहकर भोला वहा से चला गया
अवि ने अपनी कॉफी ख़त्म की और नैना को उठाते हुए कहा,”नैना उठो सुबह हो चुकी है”
“सोने दो ना पडोसी,,,,,,,,,,,,,,अभी मेरी नींद पूरी नहीं हुई है”,नैना ने नींद में कुनमुनाते हुए कहा और जैसे ही सोने को हुई अवि ने उसे रोक लिया और कहा,”तुम्हारे पास सिर्फ 10 मिनिट है नैना , उठो , ब्रश करो म नहाओ और तैयार होकर मुझसे नीचे नाश्ते के लिए मिलो”
“पडोसी तुम्हारा दिमाग ख़राब हो गया है क्या ? सुबह सुबह तुम ये क्या बक,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,नैना ने अपनी आँखे मसलते हुए कहा लेकिन अवि ने उसकी बात पूरी ही नहीं होने दी और कहा,”अगर तुमने ये नहीं किया तो मैं मॉम को गोआ वाला विडिओ दिखा दूंगा जिसमे तुमने शराब पीकर हरकते की है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“हैं,,,,,,,,,,,,,,!!”नैना ने भी अवि की बात पूरी होने से पहले हैरानी से कहा तो अवि उसके थोड़ा करीब आया और कहा,”और साथ ही तुम्हारी मॉम को भी भेज दूंगा फिर उन्हें कन्विंस कैसे करना है ये तुम जानो ?”
“तुम मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकते पडोसी,,,,,,,,,,,,,,!!”,नैना ने रोआँसा होकर कहा
“10 मिनिट में नीचे,,,,,,,,,,,,,!!”,अवि ने कहा और वहा से चला गया
“पडोसी,,,,,,,,,,,,अवि,,,,,,,,,,,,,,मेरी बात तो सुनो,,,,,,,,,,,,,आहह ये आदमी इतना अजीब क्यों है ?”,नैना ने झल्लाते हुए कहा
लेकिन अगले ही पल उसे अवि की बात याद आयी और वह बाथरूम की तरफ भागी क्योकि नैना अपने डेड से भले ना डरे लेकिन अपनी मॉम से जरूर डरती थी।
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क्रमश – Love You Zindagi – 35
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संजना किरोड़ीवाल
Nice Part
Naina ki har cheez bhut cute hoti hai😘😘
😆😆😆😆 ये अवि तो काफी स्मार्ट निकला…मतलब नैना को ब्लैकमेल किया…चलो सही है…ये निबी क्यूं झूठ बोल रही है और इस बार भाग बच गई…बट जल्दी निबी का राज खुलेगा…
Naina theek to hogi na Abhi or Naina ka pyar adhura mat chhodna
Nibi ka kya sach hai nibi ke sath bo ladka kon tha nibi apne ghar balon se kya chhupa rahi hai
Very beautiful
Bhut hi khoobsurat part tha ma’am
Ye nibi ka nyi charas Naina ki jindagi me bo di h
Nice story
Khubsurat part..avi hi naina ko jhel sakta h… avi naina k sath reh k uske jaisa hi bn gya h ..sidha blackmail kr diya … bechaari Naina..