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कितनी मोहब्बत है – 48

Kitni Mohabbat Hai – 48

”कितनी मोहब्बत है – 48”

By- Sanjana Kirodiwal

अक्षत ने मीरा को अपने दिल की बात बता दी लेकिन मीरा ने उसे थप्पड़ मारा और प्यार से मना कर दिया ! मीरा ने ऐसा क्यों किया ये तो सिर्फ वही जानती थी पर अक्षत का दिल टूट चुका था ! मीरा के जाने के बाद वो कुछ देर वही बैठा रहा उसकी आँखे आंसुओ से भरी हुई थी ! एक ही पल में उसकी सारी खुशिया गम में बदल चुकी थी ! अक्षत उठा उसने अपने आंसू पोछे और अपने कमरे में चला आया ! कमरे में आकर वह बेचैनी से यहाँ वहा घूमने लगा मीरा के कहे शब्द की – प्यार नहीं करती ! बार बार उसके कानो में गूंज रहे थे ! दिल सच में नहीं टूटता पर एक चुभन का अहसास होता है तो आपको अंदर एक महसूस होता है ! अक्षत भी इस वक्त यही महसूस कर रहा था ! जब ये चुभन महसूस नहीं हुई तो अक्षत कमरे से निकलकर छत पर चला आया , आज ठण्ड कुछ ज्यादा थी शायद आस पास में कही बारिश हुई हो अक्षत सीधा दादू वाली टेबल के पास आया वहा कुछ नहीं मिला तो वह छत पर बने छोटे से कमरे में आया जहा दादू कभी कभार अपनी जरूरत का सामान छुपा दिया करते थे , अक्षत ने वही ढूंढना शुरू किया नहीं मिला ! उसकी आँखों में गुस्सा था और चेहरा दर्द से फीका पड़ चुका था ! कुछ देर यहाँ वहा ढूंढने के बाद अक्षत को दादू की रखी शराब की बोतल मिल गयी ! अक्षत उसे लेकर बाहर आ गया वो बोतल आधी से ज्यादा भरी हुई थी अक्षत ने ढक्कन खोला और एक साँस में आधी बोतल पूरी गले से निचे उतार गया ! कड़वाहट के साथ साथ अक्षत को फिर से अपने दिल पर लगी चोट भी महसूस हुयी उसने बोतल दिवार पर रख दी और आकाश में निकले उस आधे चाँद को देखने लगा , शराब की वजह से उसे अब ठण्ड भी नहीं लग रही थी उसने ब्लेजर निकालकर
दिवार पर रख दिया शर्ट के दो बटन खोल लिए ! बाजु ऊपर चढ़ा ली , उसने बोतल की और देखा और एक घूंठ भरा आँखों में कुछ कुछ नमी बाकी थी , शराब उसे अब कड़वी नहीं लग रही थी !
निचे मीरा अपने कमरे में चली आयी निधि ने देखा तो उसके पास चली आयी और कहा,”आई ऍम सॉरी मीरा , मुझे नहीं पता था पापा ऐसा कुछ करने वाले है , लेकिन भाई भी खामोश रहे ,, तुम दोनों एक दूसरे से प्यार करते हो फिर कहते क्यों नहीं ? मैं अभी जाकर पापा को सब सच बता दूंगी”
“नहीं निधि तुम ऐसा कुछ नहीं करोगी !”,मीरा ने निधि का हाथ पकडकर उसे रोकते हुए कहा
“लेकिन !”,निधि ने कहा तो मीरा उसकी बात पूरी होने से पहले ही बोल पड़ी और कहा,”तुम्हे हमारी कसम तुम ऐसा कुछ नहीं करोगी !”
“पर तुम और भाई एक दूसरे से प्यार करते हो मीरा और सब गलत हो रहा है !”,निधि ने बेचैनी से कहा तो मीरा ने उसका चेहरा अपने हाथो में लेकर कहा,”निधि , अगर वो हमारी किस्मत में है तो वो हमें जरूर मिलेंगे !”
निधि ने मीरा के हाथो को झटका और आँखों में आंसू भरकर कहा,”ऐसे खामोश बैठने से अक्षत भैया तुम्हे नहीं मिलेंगे , तुमने वादा किया था न मुझसे मीरा की तुम उनकी जिंदगी में आओगी तो फिर मोना क्यों ? क्यों नहीं बोल रही हो भाई से की तुम भी उनसे उतना ही प्यार करती हो जितना वो !”
निधि की आँखों में आंसू मीरा ने पहली बार देखे थे , निधि और अक्षत के बिच हमेशा भले ही झगड़ा होता रहा हो , दोनों में कभी ना बनी हो लेकिन आज अक्षत के लिए निधि की आँखों में आंसू और परवाह दोनों थे ! मीरा कुछ देर उसे देखते रही और फिर उसे अपने पास बेड पर बैठाते हुए कहा,”हमने जो वादा किया है वो हमे याद है निधि भूले नहीं है , जितना बुरा तुम्हे लग रहा है उतना ही बुरा हमे भी लग रहा है लेकिन अंकल की नजरो में गिर नहीं सकते है हम ! उन्होंने हमे इस घर में रहने के लिए जगह दी , इतना प्यार दिया आज अगर हम उनके फैसले के खिलाफ जाते है तो गलत होगा निधि !”
“और जो गलत अक्षत भाई के साथ होगा उसका क्या ? मोना अच्छी लड़की नहीं है ये जानती हो ना तुम फिर भी तुम ऐसी बाते कर रही हो ,, भाई कभी खुश नहीं रहेंगे मीरा”,निधि ने उदास होकर कहा ! मीरा खामोश हो गयी कुछ देर बाद जीजू और तनु भी कमरे में चले आये काव्या भी उनके साथ थी ! मीरा ने उठने की कोशिश की तो जीजू ने उसे बैठे रहने का इशारा किया और पास पड़ी कुर्सी पर बैठ गए ! तनु मीरा की बगल में बैठ गयी और काव्या मीरा की गोद में आ गयी !
कमरे में एक ख़ामोशी छाई रही और फिर जीजू ने कहा,”ये अच्छा नहीं हुआ , मौसाजी ने बिना किसी जानकारी के अक्षत और मोना का रिश्ता तय कर दिया वो भी सबके सामने , और अक्षत उस पर तो मुझे सबसे ज्यादा गुस्सा आ रहा है वो कुछ नहीं बोला उस वक्त”
“यही बात तो मुझे नहीं समझ आ रही की अक्षत ने कुछ कहा क्यों नहीं ? मोना उसे बिल्कुल पसंद नहीं है फिर भी वो चुपचाप सुनता रहा !”,तनु ने कहा
“दिमाग ख़राब हो गया है साले साहब का , हर बार वो अपनी मन मर्जी करते है ये सोचे बिना की उनकी इस हरकत से मीरा के दिल पर क्या गुजरेगी !”,जीजू ने थोड़ा गुस्से से कहा
“हम ठीक है जीजू !”,मीरा ने सहजता से कहा
“तुम ये अच्छा बनना बंद करो मीरा , तुम्हारे इस अच्छे पन की वजह से ही आज वो मोना के साथ है”,जीजू ने मीरा से भी गुस्से में कहा
सोमित को गुस्सा होते देखकर तनु ने कहा,”शांत हो जाओ सोमित , आप मीरा से ऐसे बात क्यों कर रहे है ?”
“तो और क्या करू ? ये दोनों पागल है जानती हो तूम , दोनों एक दूसरे को चाहते है लेकिन कोई किसी से कहेगा नहीं , वो इसके लिए पूरी दुनिया से लड़ लेगा , खुद इस से लड़ लेगा लेकिन इसे ये नहीं कहेगा की वो इसे चाहता है , और मीरा उसे समझती है , परवाह करती है , उसके लिए प्रार्थना करती है , उसके दुःख में रोती भी है लेकिन ये भी उस से नहीं कहेगी की ये उसे पसंद करती है !! ये कैसा प्यार है इनका तनु ? मैं नहीं समझ पा रहा हु लेकिन गुस्सा आ रहा है मुझे क्योकि ये दोनों बेवकूफ अपनी ख़ामोशी की वजह से दूर हो जायेंगे !”,जीजू ने सब एक साँस में कह डाला लेकिन मीरा अब भी खामोश थी कोई नहीं जानता था उसके मन में क्या चल रहा है ! तनु ने देखा तो उसके हाथ पर अपना हाथ रखकर कहा,”सोमित सही कह रहे है मीरा , तुम्हे बोलना चाहिए क्या पता उसके बाद अक्षत कुछ करे और तुम दोनों के लिए कोई सही फैसला ले सके !”
मीरा ने कुछ नहीं कहा तो जीजू ने गुस्से से कहा,”खामोश मत रहो मीरा “
“तो हम क्या करे ?”,मीरा ने उदास होकर कहा
“लड़ो !”,जीजू ने कहा मीरा तनु और निधि तीनो जीजू की और देखने लगे तो जीजू कहने लगे,”हाँ मीरा लड़ना होगा तुम्हे , अगर तुम्हे अक्षत चाहिए तो तुम्हे अपनी ख़ामोशी तोड़नी होगी और जाकर मौसाजी से कहना होगा की तुम अक्षत को पसंद करती हो ,, जब तुम्हारे कहने पर वो अर्जुन की शादी के लिए मान सकते है तो तुम्हारे और अक्षत के रिश्ते के लिए क्यों नहीं मानेंगे ? वो लड़का तुम्हे बहुत चाहता है मीरा उसकी ख़ुशी अब तुम्हारे हाथ में है !”
मीरा कुछ देर खामोश रही तो जीजू को अच्छा नहीं लगा और वो वहा से उठकर कमरे से बाहर निकल गए ! घर में सबके चेहरे उतरे हुए थे मोना निचे हॉल में ही बैठी अपना फोन चला रही थी ! जीजू ने एक नजर उसे देखा और अक्षत को समझाने उसके कमरे की और बढ़ गए लेकिन अक्षत वहा नहीं था ! जीजू निचे आये अक्षत को ढूंढा लेकिन वो निचे कही नहीं दिखा , जीजू ने अक्षत का फोन ट्राय किया लेकिन वो बंद आ रहा था ! अब जीजू को चिंता होने लगी थी उन्होंने देखा सभी गाड़ी और अक्षत की बाइक घर में ही है , जीजू वापस ऊपर चले आये अर्जुन अपने कमरे में था , उसकी नयी नयी शादी हुई थी और बस यही सोचकर जीजू उसे परेशान नहीं करना चाहते थे ! वह आखरी उम्मीद के साथ ऊपर चले आये उनकी जान जान में जान आयी पर साथ ही गुस्सा भी की घर के सब लोगो को परेशान करके वह ऊपर छत पर था ! जीजू उसके पास आये तो उसके हाथ में शराब की बोतल देखकर चौंक गए और कहा,”आशु ये सब क्या है ? तुम कबसे शराब पिने लगे ! “
“अरे जीजू आप , आओ आओ मेरी बर्बादी का तमाशा देखने आये हो आप , गुड़ गुड़ गुड़ वेरी गुड़ !”,अक्षत ने लड़खड़ाती जबान में कहां
“अक्षत दिमाग ख़राब हो गया है तुम्हारा , तुम शराब पि रहे हो”,जीजू ने गुस्से से बोतल उस से छीनकर कहा तो अक्षत नौटंकी करते हुए कहने लगा,”कौन कम्बख्त शराब पीना चाहता है वो तो इसलिए पि ताकि उनका खुमार उतर सके !”
अक्षत ने जीजू से बोतल लेने की कोशिश की तो जीजू ने अक्षत की और हवा में हाथ लहराते हुए कहा,”ज्यादा बकवास की तो एक पड़ेगी उलटे हाथ की !” हालाँकि उनका हाथ हवा में ही था ! अक्षत ने देखा जीजू उसे पीटने वाले है तो वह उनके पास आया और उनके हाथ को अपने गाल पर मारते हुए कहने लगा,”मारिये ना , आप भी मार लीजिये !”
जीजू ने देखा अक्षत रोने लगा है तो उन्होंने बोतल को दिवार पर रखा और अक्षत को सम्हालते हुए कहा,”आशु क्या हुआ ? ऐसी हालत क्यों बना रखी है अपनी ?”
अक्षत जीजू के हाथो से फिसलकर दिवार से पीठ लगाए निचे बैठ गया और कहने लगा,”पापा ने बिना मेरी बात सुने थप्पड़ मार दिया और उस मीरा ने सब सुनकर भी मुझे थप्पड़ मारा , मेरी क्या गलती थी ? मैंने पापा से मोना का सच छुपाया ये गलती थी या मैंने मीरा को आई लव यू कहा ये गलती थी !!”
जीजू ने अक्षत की बात सुनी तो उसके पास बैठे और कहा,”तुमने मीरा को अपने दिल की बात बता दी ?”
अक्षत ने आँखों के आंसू पोछते हुए सोमित की और देखा और कहा,”हां जीजू मैंने बता दिया उसे सब कुछ , वो हर बात जो मैं उसे लेकर महसूस करता था ! मैंने सब बोल दिया उसे लेकिन वो कहती है की वो मुझसे प्यार नहीं करती (कहते कहते अक्षत की आँखों में एक बार फिर आंसू आ गए और फिर एकदम से वो गुस्सा होकर बोला) झूठ बोलती है वो , झूठ है ये की वो मुझसे प्यार नहीं करती , उसकी आँखों में देखा है मैंने वो सिर्फ मुझसे प्यार करती है , लेकिन आज उसने मेरा दिल तोड़ दिया जीजू , उसने यहाँ मारा (गाल की और इशारा करता है) लेकिन दर्द यहाँ हुआ (ऊँगली सीने के बांयी तरफ रख देता है , आँखों में घिर आते है) मैने दो लोगो से बहुत प्यार किया है एक पापा जिन्हे मैं जता नहीं पाता की मैं उनसे प्यार करता हु लेकिन मैं उनसे माँ से भी ज्यादा प्यार करता हु और दूसरी मीरा जिसने मुझे जीना सिखाया , हँसना सिखाया , प्यार करना सिखाया और आज वो कहती है की वो मुझसे प्यार नहीं करती !”
जीजू ने सूना तो उन्हें बहुत हैरानी हुई लेकिन अक्षत को ऐसे हाल में देखकर उन्हें बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था उन्होंने अक्षत को गले लगाते हुए कहा,”सब ठीक हो जाएगा आशु ! हम सब है न तुम्हारे साथ !!”
अक्षत उनके गले लगा रहा आँखों के सामने अब भी बार बार मीरा का थप्पड़ मारना आ रहा था ! कुछ देर बाद जीजू अक्षत को अपने साथ निचे ले आये उसे उसके कमरे में लिटाया और लाइट ऑफ करके दरवाजा बंद कर दिया ! जीजू निचे चले आये उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था सिचुएशन को कैसे हेंडल करे ?” निचे आकर वह डायनिंग टेबल के पास बैठकर सोचने लगे कुछ देर बाद तनु आयी और कहा,”सोमित रात बहुत हो चुकी है , चलो चलकर सो जाओ !”
सोमित वही बैठा रहा तो तनु भी उसके पास बैठ गयी और कहने लगी,”मैं समझ सकती हु इस वक्त आप अक्षत और मीरा के बारे में सोचकर परेशान हो रहे है , लेकिन वो दोनों कुछ समझने को तैयार ही नहीं है ना अक्षत कुछ कर रहा है ना मीरा दोनों खामोश है !”
सोमित ने तनु के हाथ को अपने हाथ में पकड़ा और कहने लगा,”इस घर ने और इस घर के लोगो ने हमे बहुत कुछ दिया है तनु , तुम्हारे घर वालो के बाद मौसीजी और मौसाजी ने हमे सम्हाला , प्यार दिया , सम्मान दिया ! इस घर के तीनो बच्चे मुझे प्यारे है लेकिन अक्षत के साथ एक अलग रिश्ता बन चुका है मेरा , वो मेरा साला होने के साथ साथ मेरा अच्छा दोस्त भी है ,, आज पहली बार उसकी आँखों में आंसू देखे है मैंने वो सच में मीरा को बहुत चाहता है तनु !”
“मैं जानती हु सोमित लेकिन हम लोग कर भी क्या सकते है ? मोना से उसके रिश्ते की बात करके मौसाजी ने मामले को और पेंचीदा बना दिया है , मुझे लगता है आपको एक बार मौसाजी से बात करके देखनी चाहिए , उन्होंने जो फैसला लिया है उमसे कोई ना कोई तो गड़बड़ है , ये मोना का इस घर में अचानक वापस आना जरूर इसकी कोई चाल है !”,तनु ने कहा !
“हां तनु मुझे भी यही लगता है , मीरा और आशु कही न कही मोना के जाल में फंस चुके है और इसी वजह से मीरा खामोश है !”,जीजू ने कहा
“आप टेंशन मत लीजिए , सब ठीक हो जाएगा मुझे आप पर पूरा भरोसा है !”,तनु ने कहा
दोनों कुछ देर वही बैठे रहे और फिर सोने चले गए ! सुबह सभी नीता आज सबसे पहले उठ गयी और राधा के साथ किचन में सबके लिए चाय बनाने लगी ! राधा को बहुत अच्छा लगा नीता सबके लिए चाय ले आयी सभी हॉल में बैठे थे मीरा अपने कमरे में थी , निधि जानती थी रातभर वो सोई नहीं थी इसलिए उसने उसे उठाया नहीं ! नीता ने सबको चाय दी , दादू और जीजू विजय जी से बात करना चाहते थे लेकिन किसी की इतनी हिम्मत नहीं हो रही थी उस वक्त की वे अक्षत के बारे में बात कर सके ! कुछ देर बाद अक्षत उठा उसका सर बहुत दर्द कर रहा था वह निचे आया और डायनिंग के पास बैठ गया , नीता ने उसे भी चाय दी तो अक्षत ने चाय वापस ले जाने को कहा !
“पर आपको तो चाय पसंद है ना देवर जी !”,नीता ने कहा
अक्षत मीरा पर गुस्सा था लेकिन उतारा नीता पर और कहा,”अब आप बताएंगी मुझे क्या पसंद है और क्या नहीं ?”
“आशु ये कोई तरिका है अपनी भाभी से बात करने का , माफ़ी मांगो नीता से”,विजय जो की कुछ ही दूर सोफे पर बैठे थे उन्होंने गुस्से से कहा
अक्षत उठा और बिना माफ़ी मांगे वापस ऊपर चला गया ! नीता का चेहरा उतर गया तो राधा उसके पास आयी और कहा,”उसकी बात का बुरा मत मानना बेटा , वो कल से थोड़ा परेशान है इसलिए अनजाने में ऐसी बात बोल गया , उसकी तरफ से मैं माफ़ी “
“अरे नहीं मम्मी जी , मुझे बुरा नहीं लगा मुझे पता है वो कितने अच्छे है ! आप माफ़ी मत मांगिये प्लीज !”,नीता ने प्यार से राधा के हाथ पकड़कर कहा राधा ने मुस्कुराते हुए उसके गाल को छुआ और फिर सबके लिए नाश्ते की तैयारी करने अंदर चली गई ! विजय ने आज ऑफिस से छुट्टी ली हुयी थी तो वह बाकि का काम निपटाने में लगे थे ! जीजू उनसे बात करने बाहर लॉन में चले आये ! जीजू को अपने पास देखकर विजय ने फोन काटते हुए कहा,”हां दामाद जी कुछ कहना है आपको ?”
“जी मौसाजी आपसे कुछ बात करनी थी अक्षत के बारे में”,जीजू ने सीधा सीधा कहा
अक्षत का नाम सुनकर विजय का चेहरा कठोर हो गया और उन्होंने कहा,”अगर उसके रिश्ते के बारे में बात करना चाहते है मैं आपको बता दू की मैं फैसला कर चुका हु ! मोना और उसकी शादी होगी !”
“लेकिन अक्षत उसे बिल्कुल पसंद नहीं करता है और वह लड़की इस घर के लायक नहीं है !”,जीजू ने बेचैनी से कहा
“लायक तो अक्षत भी नहीं है इस घर के !”,विजय ने गुस्से का घूंठ पीते हुए कहा !
“ये आप क्या कह रहे है मौसाजी ? आप अक्षत को गलत समझ रहे है , जो कुछ हो रहा है उसमे उसकी कोई गलती नहीं है !”,जीजू ने अक्षत का
“ये आप कह रहे है दामाद जी , उसने जो किया है ये जानने के बाद शायद आप ये ना कहेंगे !”,विजय ने कहा
“क्या किया है अक्षत ने ?”,जीजू ने हैरानी से पूछा
विजय ने सोमित जीजू को मोना और अक्षत के रिश्ते और उन फोटोग्राफ्स के बारे में बताया जो उन्हें मिले थे ! जीजू ने सूना तो एक धक्का सा लगा , उन्हें खामोश देखकर विजय ने कहा,”क्या अब भी आपको लगता है अक्षत ने कुछ गलत नहीं किया ! इतना सब होने के बाद भी वो लड़की अक्षत के साथ रहने के लिए तैयार है , ये रिश्ता तय करके मैंने इस घर की इज्जत को बरक़रार रखा है दामाद जी , पापा और राधा को जिस दिन ये सच पता चला क्या बीतेगी उन पर !!”
जीजू ने कुछ नहीं कहा बस वहा से अंदर चले आये उन्हें तो यकीन ही नहीं हो रहा था की अक्षत ऐसा भी कुछ कर सकता है ! जैसे ही वह अंदर आये तनु उनके पास आयी और कहा,”मौसाजी से बात हुई क्या कहा उन्होंने ? बोलो ना चुप क्यों तो आप ?”
सोमित ने कुछ नहीं कहा तनु को साइड किया और सीढ़ियों की और बढ़ गए ! जीजू ऊपर आये अक्षत बालकनी के पास खड़ा बाहर देख रहा था जीजू गुस्से से उसकी और आये कंधे से पकड़कर उसे अपनी और किया और थप्पड़ सीधा उसके गाल पर रसीद करते हुए कहा,”तो ये था तुम्हरा सच जिसे अब तक सबसे छुपाते आ रहे थे , मैंने मासूम समझा था तुम्हे और तुमने , तुमने ये ठीक नहीं किया आशु शरम आ रही है मुझे तुम पर !”
जीजू गुस्से से भरे थे और आज अक्षत को वो सीधा तुम कहकर बात कर रहे थे ! आज उनकी आवाज में ना अक्षत के लिए प्यार था न परवाह थी ! अक्षत ने उनकी बात सुनी तो हसने लगा और फिर एकदम से रूककर कहा,”बहुत सही जीजू , इसी लायक हु मैं , इन्ही थप्पड़ो और इसी नफरत के लायक हु !! जैसा सबने समझा आपने भी मुझे वही समझ लिया तो फिर जाईये ना यहाँ से , यहाँ क्यों खड़े है ?”
आखिर में चिल्ला उठा वो ! जीजू वहा से चले गए अक्षत को कुछ समझ नहीं आ रहा था की वह क्या करे ? क्योकि इस वक्त कोई उसे समझने को तैयार नहीं था और कोई समझना चाहता भी तो उसके बिच मोना का झूठ आ रहा था ! घर में काफी टेंशन का माहौल था , ऐसे में अर्जुन नीता के लिए परेशान था वह कल ही शादी होकर इस घर में आयी थी और ये सब हो रहा था ! जब नीता अपने कमरे में थी तो अर्जुन उसके पास आया और कहने लगा,”सुबह अक्षत ने जो बिहेव किया उसके लिए सॉरी नीता , घर का माहौल अचानक से इतना ख़राब हो चुका है समझ नहीं आ रहा क्या करू ? ना पापा कुछ समझना चाहते है और अक्षत से तो इस वक्त बात करना ही बेकार है वो कुछ भी सुनना नहीं चाहता !”
“मुझे उनकी बातो का बिल्कुल बुरा नहीं लगा , उल्टा उनके लिए दुःख हो रहा है ! इस वक्त वो जिस दौर से गुजर रहे है उन्हें आप सबके साथ की जरूरत है ! पापा ने जो किया वो उनके नजरिये से सही हो सकता है लेकिन देवर जी के लिए नहीं , घर में जो माहौल है वो मैं समझ सकती हु मुझे तुमसे या घरवालों से कोई शिकायत नहीं है , ये सब मेरे भी अपने है !”,नीता ने बड़े प्यार से अर्जुन के सामने अपनी बात रखी !
अर्जुन ने उसके हाथो को अपने हाथो में लिया और कहने लगा,”मैं बहुत लकी हु नीता जो तुम मुझे मिली !”
“लकी तो मैं हु अर्जुन जिसे इतना प्यार करने वाला पति और इतना अच्छा परिवार मिला”,नीता ने उसके कंधे पर सर टिकाते हुए कहा
दोनों कुछ देर बाते करते रहे !
उधर मीरा उठी घडी में सुबह के 10 बज रहे थे ! वह उठी तो महसूस हुआ उसकी आँखे बहुत दर्द कर रही थी ! मोना अपने घर जा चुकी थी मीरा उठी और नहाने चली गयी ! उसका चेहरा उतरा हुआ था , आँखे उदास और खाली उसकी हंसती खेलती जिंदगी में ऐसा मोड़ भी आएगा उसने कभी सोचा नहीं था ! मीरा तैयार होकर निचे आयी कॉलेज की छुट्टियां हो चुकी थी इसलिए कॉलेज जाना नहीं था ! निचे आकर वह किचन में राधा की मदद कराने लगी ! राधा उस से बात करना चाहती थी पर मीरा का उतरा हुआ चेहरा देखकर उसका मन नहीं किया उसे हर्ट करने का ! नाश्ता तैयार होने पर मीरा ने उसे टेबल पर लगा दिया ! सभी नाश्ते के लिए निचे चले आये ! मीरा बार बार सीढ़ियों की और देख रही थी लेकिन अक्षत निचे नहीं आया था ! नाश्ता करके सभी हॉल में बैठे थे मीरा भी वही पास ही खड़ी थी , नीता के घर से सबके लिए तोहफे आये थे तो सभी वह देख रहे थे ! विजय , दादू , दादी , राधा , अर्जुन-नीता , तनु-सोमित और निधि भी वही बैठे थे ! कुछ देर बाद ही अक्षत आया पहली बार ऐसा हुआ होगा की उनसे मीरा की तरफ देखा तक नहीं और सबके बिच चला आया ! अर्जुन ने अक्षत के नाम से आया तोहफा उसकी और बढाकर कहा,”ये तेरे लिए आया है”
अक्षत ने तोहफा लेकर साइड में रख दिया और कहा,”पापा मैं मोना से शादी करने के लिए तैयार हु !”
अक्षत ने जैसे ही ये बात कही सबके चेहरे उसकी और घूम गए , किसी को यकीन नहीं हो रहा था की अक्षत ऐसा कह रहा है !
“लेकिन मेरी एक शर्त है !”,अक्षत ने आगे कहा तो विजय ने बिना किसी भाव के कहा,”कैसी शर्त ?”
“सगाई दो कल शाम ही होगी”,अक्षत ने कहा तो विजय उठकर उसके पास आये और कहा,”ठीक है , एक छोटी सी इंगेजमेंट पार्टी रख देते है ! उम्मीद है तुमने अपने लिए पहली बार कोई सही फैसला किया है ! मैं मोना के पापा से मिल लेता हु !”
कहकर विजय वहा से चले गए ! राधा ने अपना सर पकड़ लिया अक्षत के इस फैसले से उस वक्त कोई खुश नहीं था ! उसने किसी से बात नहीं की और वहा से जाने लगा , जाते जाते मीरा के सामने आकर रुका और कहा – बहुत शौक है ना तुम्हे अच्छा बनने का , दुसरो को खुश रखने का तो अब बैठकर मेरी बर्बादी का तमाशा देखो !”
अक्षत वहा से चला गया !

क्रमश :- kitni-mohabbat-hai-49

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संजना किरोड़ीवाल !

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