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कितनी मोहब्बत है – 37

Kitni mohabbat hai – 37

“कितनी मोहब्बत है”

By Sanjana Kirodiwal

कितनी मोहब्बत है – 37

अक्षत ने जैसे ही धमकी सुनी वह खामोश हो गया ! दूसरी तरफ से फोन कट गया , अक्षत ने फोन रख दिया तो मीरा ने कहा,”क्या हुआ ? कौन था फोन पर ?
“वही जो तुम्हारा पीछा कर रहा है !”,अक्षत ने कहा
“लेकिन वो हमसे चाहता क्या है ?”,मीरा ने परेशानी भरे भाव से कहा !
“कुछ बड़ा , ये जो भी है मीरा बहुत बारीकी से नजर रख रहा है तुम पर !”,अक्षत ने मन ही मन सोचते हुए खुद से कहा अक्षत को खोया हुआ देखकर मीरा ने कहा,”अक्षत जी आप क्या सोचने लगे ?”
“ये आवाज मैंने कही सुनी है मीरा , एक बार नहीं बहुत बार सुनी है ! पर याद नहीं आ रहा !”,अक्षत ने कहा !

तभी गेट के बाहर खड़े अर्जुन ने आवाज लगाकर दोनों को बुला लिया ! दोनों बाहर आये तो अर्जुन उन्हें लेकर इंस्पेक्टर के पास गया ! इंपेक्टर ने मीरा और अक्षत से कहा,”तुम दोनों ठीक हो ?”
“जी सर !”,अक्षत ने कहा
“देखो अक्षत मुझे नहीं लगता कॉलेज से कोई होगा जो मीरा को टारगेट कर रहा है ! मेरी टीम ने इस एरिया के सारे मोबाइल ट्रेस किये है और उनसे ऐसा कोई कॉल नहीं आया है जिससे गुनहगार पकड़ में आये ! ना ही ऐसा कोई सस्पेक्ट देखने को मिला है जिस से मीरा को ख़तरा हो ,, मुझे लगता है किसी ने मीरा को सिर्फ परेशान करने के लिए वो सब किया है !”,इंस्पेक्टर ने अपनी बात रखी !
“नहीं सर ये मामला परेशान करने का नहीं है , कोई तो है जो मीरा को अब भी टारगेट कर रहा है सर !”,अक्षत ने कहा
“तुम ये बात इतने यकीन के साथ कैसे कह सकते हो ?”,इंस्पेक्टर ने कहा
“कॉलेज के ऑफिस में कुछ देर पहले ही मीरा के लिए फोन आया था , फोन मैंने उठाया था और मुझे सामने से धमकी मिली ! आप ही बताईये सर अगर बात परेशान करने की होती तो वो सब नहीं कहता ! ये शुरुआत है सर और कहा जाकर ख़त्म होगी कोई नहीं जानता !”,अक्षत ने कहा
“व्हाट ? लेकिन ऐसे कैसे हो सकता है ? हर आने वाली कॉल हमारे पास ट्रेस हो रही है तो फिर हमे उसके बारे में क्यों पता नहीं है ?”,इंस्पेक्टर ने कहा
“इस काम को अंजाम देने वाला बहुत शातिर है सर उसने मोबाइल की जगह लेडलाइन यूज किया !! आप कॉल ट्रेस भी कर लेते तो उसका पता नहीं लगा पाते क्योकि उसने कॉल प्राइवेट नंबर से किया है !”,अक्षत ने कहा
अक्षत की बात सुनकर पुलिस के साथ साथ मीरा और अर्जुन भी हैरान थे ! अक्षत ने ये सब कब और कैसे पता लगा लिया ? पुलिस ने अक्षत के कंधे पर हाथ रखा और कहा,”डोंट वरी वो कितना भी शातिर हो मेरी नजरो से बच नहीं पायेगा !”
“यु डोंट वरी सर , उसे तो मैं ढूंढ ही लूंगा !”,कहकर अक्षत ने मीरा की और देखा और कहा,”चले !”
अक्षत अर्जुन और मीरा आकर गाड़ी में बैठ गए मीरा पीछे थी ! अक्षत और अर्जुन आगे वाली सीट पर बैठे थे ! पुलिस वहा से चली गयी !! गाड़ी अक्षत चला रहा था , तीनो खामोश थे फिर कुछ देर बाद अर्जुन ने कहा,”आशु तू कॉलेज कब आया ?”
“पता था मीरा को चोट लगी है ऐसे में वो नहीं लिख पायेगी , उसका पेपर भी मैंने ही लिखा था !”,अक्षत ने बिना किसी भाव के कहा
“देट्स गुड़ , लेकिन कुछ देर पहले इंस्पेक्टर को जो तुमने कहा क्या वो सब सच था ?”,अर्जुन ने चिंता जताते हुए कहा
“हां , वो जो भी ज्यादा दिन छुप नहीं सकता , उसे तो मैं किसी ना किसी हाल में भी ढूंढ ही लूंगा !!”,अक्षत ने कहते हुए गाड़ी के अंदर लगे शीशे में देखा जिसमे परेशान मीरा नजर आ रही थी ! अक्षत ने गाड़ी बिल्कुल धीमे कर दी और अपनी साइड में रखी पानी की बोतल उठायी और पीछे मीरा की और बढाकर कहा,”लो पि लो !
मीरा ने थोड़ा पानी पीया और बोतल साइड में रखते हुए कहा,”हमारी वजह से आप सब मुसीबत में है !”
“ऐसा कुछ नहीं है मीरा , इन सब में तुम्हारा कोई कसूर नहीं है !”,अर्जुन ने प्यार से कहां तो मीरा की आँखों में आंसू झिलमिला उठे और वह कहने लगी,”नहीं अर्जुन जी ये हमारी वजह से ही हो रहा है , वो जो भी है हमे नुकसान पहुंचाना चाहता है , लेकिन हमारे साथ साथ वो आप सबको भी नुकसान पहुचायेगा ! हम नहीं चाहते ऐसा कुछ हो !”
अक्षत ने जेब से रुमाल निकाला और मीरा की और बढाकर कहा,”आंसू पोछो अपने !”
मीरा ने रूमाल ले लिया तो अक्षत सामने देखते हुए कहने लगा,”तुमने किसी के साथ कुछ गलत नहीं किया है इसलिए तुम्हे किसी से डरने या खुद को ब्लेम करने की जरूरत नहीं है ! जब तक मैं हु कोई तुम्हे छू भी नहीं सकता है ,, वो घर जितना हमारा उतना ही तुम्हारा भी है और उस घर में रहने सब लोग तुम्हारे अपने है !! खुद को कमजोर दिखाने की कोशिश भी मत करो ,, सामना करो ! बाकि मैं सम्हाल लूंगा !! “
अर्जुन ने सूना तो अक्षत के कंधे पर हाथ रख दिया ! मीरा पीछे बैठी ख़ामोशी से उसकी बाते सुनती रही ! मीरा को खामोश देखकर अक्षत ने म्यूजिक चला दिया ! म्यूजिक तो बहाना था अक्षत मीरा को हिम्मत देने की एक छोटी कोशिश कर रहा था ! गाना बजने लगा
तुझे सोचता हूँ मैं शामों सुबह
इस से ज्यादा तुझे और चाहूँ तो क्या
तेरे ही ख्यालों में डूबा रहा
इस से ज्यादा तुझे और चाहूँ तो क्या
बस सारे ग़म में जाना
संग हूँ तेरे
हर एक मौसम में जाना
संग हूँ तेरे
अब इतने इन्तेहा भी ना ले मेरे
संग हूँ तेरे
संग हूँ तेरे
संग हूँ तेरे
गाना सुनते वक्त अक्षत शीशे में मीरा को ही देख रहा था जैसे ही मीरा की नजर उस से मिली अक्षत ने अपनी पलके झपकाकर मीरा को आस्वस्त रहने का इशारा किया ! गाने से वह उसे समझाना चाहता था की वह हर अच्छे बुरे वक्त में उसके साथ है !! मीरा खिड़की के बाहर देखने लगी ! उसने सर खिड़की के शीशे से लगा लिया ! अक्षत अर्जुन के सामने मीरा को ज्यादा कुछ कह नहीं सकता था वह चुपचाप गाड़ी चलाता रहा गाना अपनी धुन में बजता रहा !
तू मेरा ठीकाना
मेरा आशियाना
ढले शाम जब भी
मेरे पास आना
है बाँहों में रहना
कभी अब ना जाना
हूँ महफूज़ इनमे
बुरा है ज़माना
बस सारे ग़म में जाना
संग हूँ तेरे
हर एक मौसम में जाना
संग हूँ तेरे
अब इतने इन्तेहा भी ना ले मेरे
संग हूँ तेरे
संग हूँ तेरे
संग हूँ तेरे

अक्षत अंदर ही अंदर बस उस आवाज के बारे में सोच रहा था ! अर्जुन मीरा का उदास चेहरा देखकर परेशान था और मीरा वो अपने साथ घट रही घटनाओ को समझने की नाकाम कोशिश कर रही थी ! अक्षत ने गाड़ी रोकी तो अर्जुन ने कहा,”क्या हुआ ? गाड़ी क्यों रोक दी ?”
“आइसक्रीम खानी है !”,अक्षत ने कहा
“आशु पागल हो गया है , इस ठण्ड में आइसक्रीम खानी है तुझे ! जुखाम हो जाएगा !”,अर्जुन ने कहा
“भाई बहाने मत बनाओ और गाड़ी से निचे उतरो !”,कहते हुए अक्षत गाड़ी से निचे उतर गया ! अर्जुन ने पीछे बैठी मीरा को देखा और कहा,”इस लड़के का भी कुछ कह नहीं सकते ! चलो उतरो मीरा !”
मीरा गाड़ी से बाहर आकर खड़ी हो गयी तो अक्षत ने अर्जुन से कहा,”भाई जाओ सबके लिए आइस क्रीम लेकर आओ
“मैं लेकर आउ”,अर्जुन ने हैरानी से कहा
“अब मीरा तो जा नहीं सकती वहा तक तो आपको ही जाना होगा ना , जाईये और हां मेरे लिए चॉकलेट फ्लेवर”,अक्षत ने कहा
अर्जुन मन ही मन ठण्ड में उसे कोसता हुआ वहा से चला गया ! अक्षत मीरा के सामने आया उसने देखा ठण्ड में मीरा अपने हाथो को आपस में बांधे हुए है तो उसने अपना जैकेट उतारा और मीरा को ओढाते हुए कहा,”ऐसे खामोश रहोगी तो माँ को शक हो जाएगा की सब ठीक नही है !”
मीरा अक्षत की और देखने लगी तो अक्षत ने उसके ठन्डे हाथो को अपने हाथो में लेकर कहा,”देखो मीरा मैं जब तक यहाँ हु कोई तुम्हे नुकसान नहीं पहुंचा सकता , और तुम फ़िक्र मत करो बहुत जल्द मैं उसे ढूंढ लूंगा !!”
मीरा अब भी खामोश थी तो अक्षत ने कहा,”ऐसे चुप मत रहो मीरा !”
“तो हम क्या कहे ? हम भी जानते है और आप सब भी की जो हो रहा है वो सब हमारी वजह से हो रहा है , ये जानते हुए भी हम आप सबको मुसीबत में कैसे डाल सकते है ?”,मीरा ने कहा
“ये सब सोचने की बिल्कुल जरूरत नहीं है मीरा , आज अगर तुम्हारा अपना परिवार होता तो क्या वो तुम्हे इस हाल में अकेले छोड़ देता ! नहीं ना , तो फिर मैं कैसे छोड़ सकता हु !”
अक्षत मीरा को समझाता रहा तब तक अर्जुन तीनो के लिए आइस क्रीम ले आया उसने अक्षत मीरा को आइस क्रीम दी और खुद भी खाने लगा ! मिरा ने देखा इतनी ठण्ड में भी अक्षत आराम से खा रहा है उसने धीरे से कहा,”आप बहुत अजीब है !”
“कैसे ? “, अक्षत ने बिना मीरा की और देखे कहा
“इतनी ठंडी में आइस क्रीम कौन खाता है ?”,मीरा ने कहा
“मैं !”,अक्षत का ध्यान अब भी आइस क्रीम पर ही था , उस वक्त वह बिल्कुल बच्चा लग रहा था मीरा एक पल को अपने सारी परेशानिया भूलकर उसमे खो गयी ! अक्षत के गाल पर गलती से आइसक्रीम लग गयी तो मीरा ने इशारे से उसे बताया , अक्षत ने गाल मीरा के आगे करके कहा,”साफ़ कर दो ना प्लीज़ !” मीरा ने साफ कर दिया ! तीनो वापस गाड़ी में आ बैठे इस बार ड्राइवर सीट पर अर्जुन था अक्षत बार बार पलटकर मीरा को देख रहा था तो अर्जुन ने कहा,”एक काम कर पीछे ही बैठ जा !”
अर्जुन की बात सुनकर अक्षत झेंप गया और उसके बाद चुपचाप आगे मुंह करके बैठ गया ! पीछे बैठी मीरा मन ही मन मुस्कुरा रही थी !! तीनो घर पहुंचे ! अक्षत ने घर में बताने से अर्जुन को मना कर दिया ! रात के खाने के बाद विजय और राधा किसी रिश्तेदार से मिलने हॉस्पिटल चले गए ! दादा दादी अपने कमरे में थे , अर्जुन फोन पर नीता के साथ बिजी था और अक्षत अपनी ही सोच में डूबा था ! राधा के कमरे में निधि और मीरा दोनों बहस कर रहे थे ! निधि मीरा को हाथ की ड्रेसिंग करने और बैंडेज लगाने के लिए बोल रही थी लेकिन मीरा नहीं करना चाहती थी और इसी वजह से दोनों यहाँ वहा भाग रही थी ! किसी काम से जब अक्षत निचे आया तो उसने निधि की आवाज सुनी और कमरे में चला आया ! उसने निधि से कहा,”ये सब क्या है ?”
निधि अक्षत के पास आयी और कहा,”देखो ना भाई , माँ ने जाने से पहले मीरा के हाथ की ड्रेसिंग करने को कहा था लेकिन ये सुन ही नहीं रही है !”
अक्षत ने मीरा को देखा तो वो दूसरी ओर देखने लगी ! अक्षत ने निधि से कहा,”लाओ मुझे दो !”
निधि ने सामान अक्षत को थमाया और खुद कमरे से बाहर निकल गयी ! अक्षत मीरा के पास आया और कहा,”ड्रेसिंग क्यों नहीं कर रही हो ?”
“बहुत जलन होती है इसलिए !”,मीरा ने बच्चो की मासूमियत से कहा !
“आओ बैठो , मैं कर देता हु !”,अक्षत ने कहा
“हम ठीक है !”,मीरा ने टालना चाहा तो अक्षत ने थोड़ा सख्ती से कहा,”बैठो !!”
मीरा चुपचाप आकर बेड पर बैठ गयी अक्षत ने बैंडेज और पट्टी साइड में रखी और मीरा का हाथ अपनी तरफ करके धीरे धीरे हाथ पर बंधी पट्टी उतारने लगा ! दर्द तो हो रहा था लेकिन अक्षत के सामने मीरा खुद को मजबूत दिखाने की नाकाम कोशिश कर रही थी ! अक्षत ने पट्टी हटाई और देखा घाव पहले से कुछ ठीक था ! उसने कॉटन पर दवा लगायी और मीरा के हाथ पर लगाई तो मीरा की आह निकल गयी ! अक्षत ने देखा सुना तो कहा,”सॉरी , ज्यादा नहीं जलेगा !” कहकर उसने मीरा के हाथ पर पट्टी बांध दी और कहा,”और कहा लगी है ?”
मीरा बताने में झिझक रही थी तो अक्षत ने कहा,”बताओ ना मैं कर देता हु !”
बेचारी मीरा कैसे बताती अक्षत को की उसके कंधे पर बैंडेज लगी है , उसने कहा,”हम कर लेंगे !”
“क्या कर लोगी ? हाथ में तो चोट लगी है , बताओ मैं कर देता हु !”,अक्षत ने कहा
“हम कर लेंगे प्लीज़ !”,मीरा ने झिझकते हुए कहा !
“आजकल तुम ना बहुत जिद्दी होती जा रही हो मीरा”,अक्षत ने मीरा की आँखों में झांकते हुए कहा ! मीरा शरम से अंदर ही अंदर सिमटी जा रही थी उसने पलके झुका ली और कहा,”कंधे से थोड़ा निचे लगी है , वहा आप बैंडेज कर नहीं पाएंगे इसलिए मना किया !”
अक्षत ने सूना तो अपनी गलती का अहसास हुआ उसने हाथ में पकड़ी क्रीम मीरा को थमा दी और धीरे से कहा,”सॉरी !”
मीरा ने देखा अक्षत नजरे झुकाकर बैठा है तो उसने कहा,”तो क्या सोचा आपने ?”
“किस बारे में ?”,अक्षत की नजरे अभी भी झुकी हुई थी !!
“दिल्ली जाने के बारे में !”,मीरा ने कहा
“तुम फिर से उस बारे में सोचने लगी , मैंने कहा ना मीरा मैं तुम्हे छोड़कर कही नही जा रहा एंड देटस फाइनल !”,अक्षत ने कहा और उठकर वहा से चला गया !! मीरा को लगा उसने दिल्ली जाने की बात करके अक्षत को हर्ट कर दिया ! अक्षत अपने कमरे में चला आया !
उधर दिल्ली में केम्पस वालो का सोमित जीजू को फोन आया उन्होंने एग्जाम की डेट फिक्स कर दी ! सोमित जीजू अक्षत को लेकर परेशान थे लेकिन अक्षत कही और ही उलझा हुआ था वह बार बार उस आवाज को याद करने की कोशिश कर रहा था !! उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था की क्या करे ? कुछ देर बाद ही उसका फोन बजा फोन शुभ का था
“हां शुभ बोल
“कहा है तू ?
“घर हु , बता
“नहीं ऐसे ही पूछ लिया , सब ठीक तो है ना
“हां सब ठीक है
“मीरा कैसी है ?
“वो भी ठीक है
“उसका कुछ पता चला जो मीरा को डरा रहा है ?
“नहीं यार पुलिस भी कुछ पता नहीं लगा पा रही है , मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा यार आखिर कौन कर रहा होगा ये सब ?
“तू बता रहा था न मीरा के पापा के बारे में उस दिन हो सकता वो कर रहे हो ,
“नहीं यार कोई भी बाप अपनी बेटी के साथ ऐसा नहीं करेगा
“तो फिर कौन ?
“पहले लगा मोना ये सब करवा रही है पर मोना ने भी नहीं किया ,
“तू इतने यकीन के साथ कैसे कह सकता है ? (शुभ ने बेचैनी से कहा)
“क्योकि कल ही मैंने उसकी आवाज सुनी है और वो आवाज मर्दाना थी !”
“क्या ? तू जानता है , तूने वो आवाज सुनी किसकी थी ?
“नहीं जानता वो कौन था पर उसकी आवाज मैंने सुनी है यार कही ना कही
“अच्छा , कोई ना तू टेंशन मत ले , सब ठीक हो जाएगा !
“हमममम
“और तू दिल्ली वापस कब जा रहा है ?
“मैं दिल्ली नहीं जा रहा यार , मीरा को ऐसी हालत में छोड़कर नहीं जा सकता
“ये क्या बोल रहा है तू ? तुझे जाना चाहिए भाई , तेरे करियर का सवाल है !
“मेरा फ्यूचर जो भी हो आई डोंट केयर लेकिन इस वक्त मीरा को इस हाल में अकेले नहीं छोड़ सकता !
“तू मीरा के लिए अपना करियर दाव पर लगा रहा है
“उसके लिए मैं सब कुछ दांव पर लगा सकता हु , जानता है जबसे मैं यहाँ आया हु मैंने उसे मुस्कुराते हुए नहीं देखा ,, वो कुछ बोलती नहीं है पर उसकी आँखों में एक डर हमेशा दिखता है मुझे ! ऐसे हालात में उसे छोड़कर गया तो मैं लवर कैसा ?
“हम्म , ओके कल मिलते है फिर
“हम्म्म गुड़ नाईट !

अक्षत ने फोन काट दिया और मीरा के बारे में सोचने लगा ! सोचते सोचते उसे नींद आ गयी अगली सुबह उठा और जब निचे आया तो देखा घर में सब बिजी है ! राधा ने अक्षत को देखा तो उसके पास आयी और कहा,”जल्दी जाकर नहा ले और तैयार होकर निचे आजा !
“आज क्या है ?”,अक्षत ने कहा
“भाई का शगुन लेकर जाना है , नीता के घर ! शादी में अब दिन ही कितने बचे है !”,राधा ने कहा
“मेरा जाना जरुरी है क्या ?”,अक्षत ने कहा
“हां बिल्कुल जरुरी है , शगुन के वक्त हमारे यहाँ देवर के हाथो भाभी को शगुन की चुनरी दी जाती है जिसे ओढ़कर ही शादी के बाद वह अपने ससुराल आती है !”,पीछे से अर्जुन ने आकर अक्षत के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा !
“आपको बड़ा पता है , देखा माँ शादी से पहले ही भाई कुछ ज्यादा ही जिम्मेदार हो रहे है !”,अक्षत ने कहा
“ये तो अच्छी बात है , जल्दी ही तुम्हे भी ये सब जिम्मेदारियां उठानी है , अब जाओ और तैयार होकर निचे आ जाओ !’,राधा ने कहा और वहा से चली गयी

अक्षत तैयार होकर निचे आया तब तक रघु शगुन का सारा सामान गाड़ी में जमा चुका था ! अक्षत ने देखा सब है बस मीरा नहीं है तो वह उसके पास आया और कहा,”तुम नहीं जा रही !
“नहीं , हमारी तबियत ठीक नहीं है , आप सब लोग चले जाईये !”,मीरा ने कहा
“डॉक्टर के पास चलते है !”,अक्षत ने कहा
‘हम ठीक है , बस ऐसी हालत में उन सबके बिच हमे सहज नहीं लगेगा इसलिए ना कह रहे है ! समझिये आप !”,मीरा ने बताया
“लेकिन तुम यहाँ अकेले कैसे रहोगी ?”,अक्षत ने कहा
“अकेले कहा है ? रघु भैया है ना यहाँ , और हम अपने घर में है तो घबराना कैसा ?”,मीरा ने निश्चिन्त होकर कहा !
“अपना फोन दो “,अक्षत ने कहा
मीरा ने अपना फोन अक्षत को दे दिया तो अक्षत ने उसमे अपना नंबर सेव करते हुए कहा,”इसमें मेरा नंबर है जब भी जरूरत हो फोन करना , मैं आ जाऊंगा ! मैं रुक जाता लेकिन माँ ने कहा है जाना जरुरी है , पर मैं जल्दी आ जाऊंगा !”
“आप इत्मीनान से जाईये , हम ठीक है !”,मीरा ने कहा
अक्षत सबके साथ नीता के घर जाने के लिए निकल गया , मीरा कमरे में बैठकर कोई नॉवेल पढ़ रही थी रघु बाहर गार्डन में काम कर रहा था ! रास्ते भर अक्षत बस मीरा के बारे में सोच रहा था ! सभी नीता के घर पहुंचे , नीता के घर कुछ मेहमान मौजूद थे ! अभी रस्म शुरू होने में वक्त था , अक्षत ने शुभ को भी बुलाया था ! शुभ जैसे ही आया उसने देखा मीरा कही नजर नहीं आ रही तो उसने अक्षत से कहा,”मीरा कहा है ?”
“वो यहाँ आने के लिए थोड़ा अनकम्फर्टेबल थी इसलिए नहीं आयी !”,अक्षत ने कहा !
“ह्म्म्मम्म कोई ना चल चलते है !”,शुभ ने कहा और अक्षत के साथ अंदर चला गया !
दोनों अंदर चले आये तभी शुभ के फोन पर किसी का फोन आया उसने फोन उठाया और अक्षत के सामने ही बात करने लगा ! उसकी बाते सुनकर अक्षत हैरान था जैसे ही शुभ ने फोन रखा अक्षत ने कहा,”अबे ये क्या था ? तू आवाज बदलकर बात कर रहा है !”
“अरे यार एक दोस्त है परेशान कर रही थी तो थोड़ा कन्फ्यूज कर दिया उसे , तू तो जानता ही है कॉलेज में मिमिक्री में हमेशा फस्ट आता था मैं !”,शुभ ने कहा
“हां , अब चल सभी अंदर इंताजर कर रहे है !”,अक्षत ने कहा
“अक्षत तू चल मैं आता हु”,शुभ ने कहा
“तू कहा जा रहा है ?”,अक्षत ने कहा !
“अरे तुझे वो नितिन याद है ना कॉलेज वाला , वो आया है इंदौर इधर पास में ही है तो मैंने उसे आज के फंक्शन में आने का बोल दिया ! वो घर नहीं जानता तो मैं उसे लेकर आता हु ! तू चल मैं बस दो मिनिट में आया !”,शुभ ने कहा !
“ठीक है जल्दी आना !”,कहकर अक्षत अंदर चला गया और शुभ बाहर ! अंदर आकर अक्षत नीता और बाकि घरवालों से मिला नीता की बहने और सहेलिया अक्षत को बहुत छेड़ रही थी पर उसका ध्यान तो मीरा में था ! आज मीरा को बहुत मिस कर रहा था , वह उसके साथ जो नहीं थी ! तभी अक्षत का फोन बजा अंदर शोर होने की वजह से उसे कुछ सुनाई नहीं दिया तो वह बाहर आया और कहा – हेलो
“हे अक्षत कैसा है ? मैं नितिन , नितिन कश्यप ,, याद हु या भूल गया कमीने
“नितिन , मैं ठीक हु भाई तू कैसा है ?
“मैं बढ़िया , कमीने कभी याद नहीं करता तू कहा बिजी रहता है
“अभी कुछ देर पहले ही शुभ से तेरे बारे में बात हो रही थी
“अच्छा क्या बोल रहा था वो फेकू ?
“खुद ही पूछ ले तेरे पास ही होगा
“मेरे पास भाई मैं दिल्ली में हु अपने ऑफिस , वो तो आज किसी दोस्त से तेरा नंबर मिला इसलिए कॉल लगाया तुझे
“तू सच कह रहा है ? (अक्षत ने हैरानी से कहा)
“भाई मैं झूठ क्यों कहूंगा ? अच्छा सुन अगले हफ्ते आ रहा हु इंदौर वापस तब मिलते है
“हां भाई बिल्कुल , चल मैं अभी रखता हु
“हां भाई ठीक है , चल बाय
कहकर नितिन ने फोन काट दिया !!
अक्षत ने फोन जेब में रखा और सोचने लगा की आखिर शुभ ने उसे झूठ क्यों कहा ? उसने दिमाग पर जोर डाला तो कुछ आवाजे उसके कानो में गूंजने लगी ! “मीरा कही दिखाई नहीं दे रही”
“और तू दिल्ली वापस कब जा रहा है ?”
“क्या ? तू जानता है , तूने वो आवाज सुनी किसकी थी ?”
“तू तो जानता ही है कॉलेज में मिमिक्री में हमेशा फस्ट आता था मैं”
“अरे तुझे वो नितिन याद है ना कॉलेज वाला , वो आया है इंदौर इधर पास में ही है तो मैंने उसे आज के फंक्शन में आने का बोल दिया ! वो घर नहीं जानता तो मैं उसे लेकर आता हु

“शिट !”,अक्षत के मुंह से निकला उसे धीरे धीरे सब समझ आ रहा था ! वह तेजी से निकला और गाड़ी स्टार्ट करके घर की और निकल गया !! जितनी तेज चला सकता था गाड़ी चलाई ! उधर मीरा जब नॉवेल पढ़कर थक गयी तो अपने लिए चाय बनाने किचन में चली आयी ! मीरा चाय लेकर जैसे ही किचन से बाहर आयी दरवाजे की बेल बजी मीरा चाय का का कप टेबल पर रखकर दरवाजे की और बढ़ी जैसे ही दरवाजा खोला उसकी सांसे अटक गयी ! सामने मुंह पर नकाब बांधे कोई खड़ा था !
“रघु भैया !”,मीरा ने आवाज लगाई लेकिन कोई जवाब नहीं मिला डरकर वह पीछे हटने लगी तो वह अनजान आदमी अंदर आते हुए कहने लगा,”कोई नहीं सुनेगा , और कोई आएगा भी नहीं क्योकि सब तो शगुन लेकर गए हुए है !”
मीरा को ये आवाज जानी पहचानी लगी उसने डरते हुए कहा,”क कौन है आप ? और हमसे क्या चाहते है ?
“बहुत कुछ , तुम्हारे पास किस चीज की कमी है मीरा !”,अजनबी ने कहा !!
मीरा पीछे बढ़ते जा रही थी सीढ़ियों के पास आकर वह रुक गयी कुछ दूरी पर वह अजनबी भी रुक गया और मीरा को घूरने लगा ! मीरा अंदर ही अंदर से बहुत घबरा रही थी उसे समझ नहीं आ रहा था वह क्या करे ? हिम्मत करके उसने पास टेबल पर पड़ी घडी को उठाया और उसकी और फेंका लेकिन सामने खड़ा वह शख्स बेहद चौकन्ना था ! साइड हट गया और निशाना चूक गया उसने कहा,”बच्चो वाली हरकते कर रही हो मीरा !! तुम्हारे और मेरे अलावा यहाँ कोई नहीं है , लेटस प्ले अ गेम !”
“देखो आप जो भी हो आप मुझे इस तरह से डरा नहीं सकते , और क्यों कर रहे है आप ये सब ?”,मीरा की आवाज में डर और घबराहट दोनों थे !
अजनबी ने कुछ नहीं कहा वह धीरे धीरे उसकी और बढ़ा मीरा कहा जाती , वह मीरा के पास आया और अपने हाथ से उसकी गर्दन पकड़ते हुए कहा,”दिल तो कर रहा है की एक झटके में तुम्हारा काम तमाम कर दू लेकिन तुम तो मेरी सोने के अंडे देने वाली मुर्गी हो , दिल आ गया है तुम्हारी इस खूबसूरती पर और तुम्हारे इस भोलेपन पर ,, तुम सिर्फ मेरी हो किसी और के सपने कैसे देख सकती हो तुम ?”
अजनबी ने कहते हुए जैसे ही अपना चेहरा उसकी और बढ़ाया पीछे से किसी ने उसकी गर्दन को मजबूती से जकड लिया जिसे वह हिला भी नहीं पाया ! उसे मीरा छोड़ना पड़ा मीरा सीढ़ियों पर निचे आ गिरी और खांसने लगी ! जिसने अजनबी की गर्दन जकड रखी थी वो कोई और नहीं बल्कि अक्षत ही था उसने उसे पीछे धकेला और जाकर एक घुसा उसके पेट में दे मारा ! अक्षत को अपने सामने देखकर अजनबी की आँखों में डर समा गया ! उसने वहा से भागने की कोशिश की लेकिन अक्षत ने उसके मुंह पर एक घुसा मारा और वह दर्द से बिलबिलाते हुए निचे जा गिरा !! अक्षत उसके पास आया और उसके चेहरे से जैसे ही नकाब हटाया उसका धक से रह गया और उसके मुंह से निकला – शुभ तू !!

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