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कितनी मोहब्बत है – 25

Kitni mohabbat hai – 25

“कितनी मोहब्बत है”

By Sanjana Kirodiwal

Kitni mohabbat hai – 25

सुबह मीरा सो रही थी तभी उसका फोन बजा ! मीरा ने अधखुली आँखो से फोन उठाया और कहा,”हेलो
“हेलो की बच्ची , तुम्हे कुछ याद रहता भी है या नहीं ? आज कॉलेज से एडमिट कार्ड मिलने वाला है ! कहा हो तुम ?”,दूसरी और से रागिनी ने कहा !
मीरा एकदम से उठकर बैठ गयी और कहा,”हमे याद नहीं रहा !”
“अच्छा ठीक है जल्दी से कॉलेज पहुंचो !”,रागिनी ने कहा और फोन काट दिया !
मीरा उठी और बाथरूम की और दौड़ पड़ी जल्दी जल्दी नहाकर तैयार होने लगी ! आईने के सामने खड़ी वह अपने बालो को सुलझाने लगी लेकिन जल्दी की वजह से वो और उलझते जा रहे थे ! दरवाजे पर खड़ा अक्षत बड़े प्यार से मीरा को ये सब करते हुए देख रहा था ! थककर मीरा ने कंघा वापस रख दिया ! अक्षत अंदर आया उसने मीरा के पीछे आकर उसके बालो को समेटा तो मीरा ने डर से पलटकर पीछे देखा उसे डरा देखकर अक्षत ने कहा,”मैं हु !”
“आपने तो डरा ही दिया !”,मीरा ने कांपती आवाज में कहा !
“तुमने इतने लम्बे बाल क्यों रखे है ? छोटे रख सकती हो आसानी होगी !”, अक्षत ने कहा
“हमारी माँ को हमारे लम्बे बाल ही पसंद है !”,मीरा ने अक्षत के हाथो से अपने बालो को आजाद किया और उन्हें समेटकर जुड़ा बनाते हुए कहा !
“और तुम्हे क्या पसंद है ?”,अक्षत ने उसकी आँखों में झांकते हुए कहा !
“अभी हमे देर हो रही है , हम निकलते है !”,मीरा ने नजरे बचाते हुए कहा और जाने लगी तो अक्षत ने पीछे से उसका हाथ पकड़कर उसे रोकते हुए कहा,”मीरा !”
“जी !”,मीरा ने धीरे से कहा !
“दो दिन बाद दिल्ली के लिए निकलना है , और मुझे शॉपिंग करने में आलस आता है ,, तुम मेरी हेल्प करोगी प्लीज ?”,अक्षत ने कहा
“लेकिन अभी तो हमे कॉलेज जाना है !”,मीरा ने कहा
“अभी नहीं शाम को !”,अक्षत ने कहा
“हम्म्म , ठीक है”,मीरा ने कहा !
अक्षत उसका हाथ पकड़े खड़ा रहा मीरा को वही खड़े देखकर अक्षत ने कहा,”जाओ !”
मीरा ने धीरे से कहा,”आप हाथ छोड़ेंगे तभी तो जायेंगे ना !”
अक्षत ने मीरा का हाथ छोड़ दिया और मुस्कुराने लगा ! मीरा चली गयी अक्षत भी वहा से निकलकर अपने कमरे में आ गया और वापस सो गया ! मीरा निचे आयी तो निधि नाश्ते की टेबल पर उसका इंतजार कर रही थी ! मीरा ने अपना बैग साइड में रखा और निधि को कहा,”तुमने हमे जगाया क्यों नहीं नहीं ?’
“तुम बहुत गहरी नींद में सो रही थी , सोचा सोने देते है !”,निधि ने खाते हुए कहा !
“सच में पागल हो तुम , आज कॉलेज में एडमिट कार्ड्स मिलने है”,मीरा ने कहा
“परेशान क्यों हो रही हो ? चलते है ना !”,निधि ने बेपरवाही से कहा
“परेशान इसलिए है क्योकि इस बार हमने कुछ नहीं पढ़ा !”,मीरा ने रुआंसा होकर कहा !
“डोंट वरी , एग्जाम अगले हफ्ते से है तब तक मिलकर रट्टा मार लेंगे हम लोग !”,निधि ने कहा
“हम्म्म्म!”,कहते हुए मीरा धीरे धीरे सोचते हुए खाने लगी !
“अच्छा मीरा सुनो ! कल अपने घर गयी थी ना तुम कुछ पता चला !”,निधि ने फुसफुसाते हुए कहा !
निधि की बात सुनकर मीरा खाते खाते रुक गयी और कहा,”हां पता चला !”
“क्या ?”,निधि ने एक्साइटेड होकर कहा तो मीरा ने उसे आधी अधूरी बातें बता दी और वसीयतनामे वाली बात नहीं बताई ! मीरा नहीं चाहती थी की निधि को इस बारे में कुछ पता चले और वह उस से और सवाल करे ! मीरा की बाते सुनकर निधि ने कहा,”क्या तुमने अपने पापा की तस्वीर देखी ?”
“हम्म्म्म , पर हम नहीं चाहते की वो कभी हमसे मिले , ये सब जानने के बाद हम उन्हें कभी माफ़ नहीं कर पाएंगे निधि !”,मीरा ने उदास होकर कहा
निधि ने प्यार से उसके कंधे पर हाथ रखा और कहा,”तुम परेशान मत , हम सब लोग है ना अब से तुम यही रहोगी !”
“एक दिन तो हमे यहाँ से जाना ही होगा ना !”,मीरा ने कहा
“क्या तुम हमेशा हमेशा के लिए इस घर में नहीं रह सकती ?”,निधि ने बच्चो की तरह सवाल किया !
“कैसे ?”,मीरा ने पूछा !
“मेरी भाभी बन जाओ !”,निधि ने शरारत से कहा
“धत कुछ भी !”,कहते हुए मीरा वहा से उठकर चली गयी लेकिन निधि का कहा गया भाभी शब्द उसके मन को गुदगुदा गया !! निधि ने नाश्ता किया और फिर मीरा को लेकर कॉलेज के लिए निकल गयी ! अक्षत देर तक अपने कमरे में सोया हुआ था ! दोपहर में नहाने के बाद वह उठकर निचे आया तो राधा ने उसे खाना खाने के लिए बुलाया ! अक्षत आकर डायनिंग के पास बैठ गया राधा ने उसके लिए खाना लगाय और आकर उसके पास ही बैठ गयी ! अक्षत ने एक निवाला तोड़कर राधा की और बढाकर कहा,”आपकी आदत नहीं जाएँगी ना माँ !”
राधा ने मुस्कुराते हुए खाया और कहा,”कल रात ही चले आये तुम लोग सुबह आराम से आते !”
“मीरा के लिए आना पड़ा माँ !”,अक्षत ने धीरे से कहा
‘वहा सब ठीक तो था ना बेटा ? वो अचानक से अपने घर क्यों जाना चाहती थी ?”,राधा न अक्षत के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा !
अक्षत कहने लगा,”कुछ सही नहीं है माँ ! मीरा का अतीत बहुत बुरा है इस वक्त उसे हम सबके साथ और प्यार की बहुत जरूरत है माँ !”
“इतनी प्यारी बच्ची के नसीब में ही इतनी परेशानिया क्यों है ?”,राधा कहते कहते उदास हो गयी !
“जो अच्छे होते है , ऊपरवाला उन्ही के इम्तिहान लेता है !”,अक्षत ने कहा !
“तुम कब जा रहे हो ?”,राधा ने सवाल किया !
“परसो सुबह निकल जाऊंगा माँ”,अक्षत ने खाते हुए कहा !
“तुमसे एक बात पुछु !”,राधा ने कहा
“ह्म्म्मम्म !”,अक्षत ने कहा
“मीरा पसंद है तुम्हे ?”,राधा ने धीरे से कहा
अक्षत ख़ामोशी से राधा की और देखने लगा तो राधा ने कहा,”देख बेटा , तू भी जानता है मोना के साथ जो कुछ हुआ वो एक भूल थी , उसके साथ तू कभी खुश नहीं रहेगा ! मीरा अच्छी लड़की है , सबका कितना ख्याल भी रखती है , वो इस घर में आएगी तो उसे भी एक परिवार मिल जाएगा और हमे एक अच्छी बहु !”
अक्षत ने कुछ नहीं कहा बस ख़ामोशी से बैठा रहा तो राधा ने आगे कहा,”मुझे कोई जल्दी नहीं है आशु तुम आराम से जवाब दे सकते हो ! मैं तुम्हारी आगे की जिंदगी मोना के साथ बर्बाद होते नहीं देख सकती बेटा ! मोना अच्छी लड़की है पर वो तुम्हारे लिए सही नहीं है ! कोई ऐसी लड़की जो मेरे जाने के बाद तुम्हे समझ सके , तुम्हे सम्हाल सके वो सिर्फ मीरा ही है !!”
“श्श्श्श , आप कही नहीं जा रही है , हमेशा मेरे साथ रहेंगी !”,अक्षत ने उन्हें हग करते हुए कहा !
“सोमित जी से मेरी बात हो गयी है ! तुम उन्ही के पास रुकना और हां थोड़ा एडजस्ट कर लेना खुद को वहा ज्यादा नखरे मत करना !”,राधा ने समझाते हुए कहा ! !
“ठीक है माँ , वैसे भी जीजू अच्छे दोस्त है मेरे मैं एडजस्ट कर लूंगा !! आप बस मेरी पेकिंग कर दीजिये !”,अक्षत ने उठते हुए कहा !
“आज शाम कर दूंगी !!”,राधा ने कहा और किचन की और चली गयी !
अक्षत भी घर से निकल गया उसे शुभ से जो मिलना था ! अक्षत शुभ के घर आया शुभ अपने कमरे में बैठा कोई फिल्म देख रहा था अक्षत आया और कहा,”अच्छा तो यहां हो रही है जाने की तैयारी !”
“मैं कही नहीं जा रहा !”,शुभ ने लेपटॉप बंद करते हुए कहा !
“क्यों बे ? इतनी जल्दी प्लान चेंज , तबियत तो ठीक है ना तुम्हारी ?”,अक्षत आकर उसके सामने पड़े बिन बैग पर बैठ गया !
“हां बिल्कुल ठीक है , मैंने एल.एल.बी. करने का फैसला छोड़ दिया ! पापा चाहते है मैं उनका ऑफिस सम्हालू और आई थिंक वो पढाई से ज्यादा अच्छा है ! सर पचाना नहीं पडेगा !”,शुभ ने कहा
“और हमारे सपने का क्या ?”,अक्षत ने हैरानी से कहा
“कोनसा सपना ? वो तो मैं बस तुझे कम्पनी देने के लिए तेरे साथ अपने दो साल वेस्ट कर रहा था !”,शुभ ने कहा
“वाह बेटा जी इतना बड़ा अहसान !”,अक्षत ने ताना मारते हुए कहा !
“देख यार तू तो जानता है वर्षा , अरे मेरी गर्लफ्रेंड उसे छोड़कर जाने का बिल्कुल मन नहीं है ! और पापा भी चाहते है मैं इधर ही सेटल हो जाऊ इसमें गलत क्या है ? वैसे भी अगर मैंने वकालत की ना तो सबसे बुरा वकील साबित होऊंगा !”,शुभ ने कहा
“अच्छा ठीक है ! मैं परसो निकल रहा हु दिल्ली के लिए !”,अक्षत ने कहा
“तु भी खामखा जा रहा है , अंकल का इतना बड़ा बिजनेस है उसी में ट्राय क्यों नहीं करता ?”,शुभ ने कहा
“मेरे सपने कुछ और है ! एक दिन ये पूरा शहर मुझे जानेगा !”,अक्षत ने कहा
“वो तो अब भी जानता ही है ! अच्छा सुन “,शुभ ने कहा
“हां बोल !”,अक्षत ने अपना फोन देखते हुए कहा !
“तुने उसे बताया की तू उसे पसंद करता है !”,शुभ ने अक्षत के चेहरे के भावो को पढ़ने की कोशिश करते हुए कहा !
“किसे ?”,अक्षत का ध्यान अभी भी उसके फोन में था !
“अरे वही तुम्हारी वो , मीरा जी !”,शुभ ने अक्षत को छेड़ते हुए कहा !
अक्षत ने घूरते हुए शुभ को देखा और कहा,”तुम पिट जाओगे बता रहा हु मैं !”
“हां तो पिट लो , पर उस से सच थोड़े बदल जाएगा ,, तुम्हारा चेहरा बता रहा है बाबू तुम्हारे दिल में उसके लिए बहुत कुछ है !”,शुभ ने कहा तो अक्षत थोड़ा नरम पड़ गया और कहने लगा,”हां पसंद करता हु उसे”
“तो फिर कहता क्यों नहीं ?”,शुभ ने कहा
“अभी उसे ये सब कहने का सही वक्त नहीं है यार , पहले कुछ बन जाऊ उसके लायक उसके बाद !”,अक्षत ने कहा
“और तब तक उसे कोई और उड़ा ले गया तो !”,शुभ ने कहा
“जान ले लूंगा उसकी ! वो सिर्फ मेरी है वो कही नहीं जाएँगी मेरे साथ रहेगी !”,कहते हुए अक्षत के चेहरे पर गुस्से के भाव उभर आये ! शुभ ने देखा तो मन ही मन मुस्कुरा उठा और कहा,”मतलब लोंडे को इश्क़ हो गया है !”
“इश्क़ कह लो या उसपे मेरा हक़ कह लो , मीरा सिर्फ अक्षत की रहेगी !”,अक्षत ने विश्वास से भरकर कहा !
शुभ को बहुत ख़ुशी हो रही थी ये जानकर की अब उस अकड़ू मोना से अक्षत का पीछा छूट जाएगा और उसकी जिंदगी में कोई सही लड़की आ जाएगी ! वह उठा और अक्षत के गले लगते हुए कहा,”आज से वो भाभी हुई हमारी ! तुम आराम से जाओ दिल्ली उनका ख्याल रखने के लिए मैं हु ना !”
“चल बे कमीने ! तुझपे तो बहुत गुस्सा आ रहा है ! क्या लास्ट मोमेंट पर प्लान केंसल किया ना तूने ?”,अक्षत ने उसको साइड करके कहा
“तुम सक्सेज हो जाओ लगेगा मैं हुआ हु !”,शुभ ने अक्षत को मनाते हुए कहा
“चल अब मक्खन मत लगा !”,अक्षत ने दूर हटते हुए कहा !
“रुक अभी तेरा मूड ठीक करता हु !”,कहते हुए शुभ बेड के पास गया और छुपाई हुई सिगरेट निकाल लाया !
शुभ ने सिगरेट जलाई और एक कश लगाकर अक्षत की और बढ़ा दी ! अक्षत ने भी एक कश लगाया और सिगरेट शुभ की और बढाकर कहा,”दिल्ली जाकर नहीं पि पाऊंगा यार !”
“क्यों ?”,शुभ ने सिगरेट वापस अक्षत की और बढ़ा दी !
“अरे तनु दी है ना वहा , उनके सामने कोई झूठ नहीं बोल सकता !”,अक्षत ने कहा
” कोई ना मैं आधी आधी बचाकर रखूंगा तेरे लिए”,शुभ ने कहा !
“तू भी पीना कम कर दे कमीने , मर जाएगा एक दिन !”,अक्षत ने कहा और सिगरेट का आखरी कश लगाकर उसे खिड़की से बाहर फेंक दिया ! शुभ ने रूम फ्रेशनर छिड़का और बेड पर बैठते हुए कहा,”भाई तुझे स्टेशन छोड़ने मैं जाऊंगा !”
“हां चलना , परसो सुबह ! अभी मैं निकलता हु मुझे कुछ काम है !”,अक्षत ने कहा तो शुभ ने उसके गले लगकर कहा,”मिस करूंगा तुझे कमीने !”
“मैं भी !”,कहकर अक्षत ने उसे कसकर गले लगाया और चला गया !

मीरा और निधि कॉलेज से घर आ चुकी थी ! दोनों ने खाना खाया और उपर कमरे में चली आयी मीरा और निधि को एडमिट कार्ड मिल चुका था ! निधि एग्जाम्स को लेकर जितना रिलेक्स थी मीरा उतनी ही परेशान थी उसके पास ढेर सारे नोटस थे ! मीरा ने पढ़ना शुरू किया ही था तभी राधा ने उसे आवाज लगाईं ! मीरा निचे चली आयी तो राधा ने कहा,”तुम कुछ काम कर रही हो क्या मीरा ?”
“नहीं आंटी बताईये !”,मीरा ने कहा
“बेटा परसो आशु दिल्ली जा रहा है उसके साथ सामान भेजना है , कुछ लड्डू और मठरी वगैरहा वो बनाने में मेरी मदद कर दो !”,राधा ने बड़े प्यार से कहा ! मीरा मना नहीं कर पाई और कहा,”हां आंटी बिल्कुल ये भी कोई पूछने वाली बात है भला , चलिए !”
दोनों किचन में आकर लड्डू बनाने लगी ! किचन में काम करते करते कब शाम हो गयी पता ही नहीं चला ! तभी अक्षत आ पहुंचा उसने मीरा को राधा के साथ बिजी देखा तो इशारे से उसे हाथ की घडी दिखाई ! मीरा को याद आया उसे अक्षत के साथ बाहर जाना था ! उसने जैसे ही उठने की कोशिश की राधा ने कहा,”मीरा ये सभी लड्डू जरा इस डिब्बे में पैक कर दो !”
“जी !”, मीरा ने कहा और फिर अक्षत की और देखकर हाथ से 5 मिनिट का इशारा किया !! अक्षत वहा से चला गया मीरा जल्दी से काम निपटाकर बाहर आयी ! जैसे ही वह अक्षत के पास जाने लगी दादी ने कहा,”मीरा ज़रा यहाँ आना बिटिया “
“जी दादी !”,कहते हुए मीरा उनकी और जाने लगी तो अक्षत उसके सामने आया और झुंझलाकर हाथो से देरी होने का इशारा किया ! “बस दो मिनिट !”,कहते हुए मीरा मंदिर में बैठी दादी के पास चली गयी ! अक्षत पांव पटककर रह गया ! मीरा दादी के पास आयी उनका काम करते करते 10 मिनिट लग गए ! फाइनली मीरा फ्री होकर जैसे ही जाने लगी अपने कमरे से बाहर आते दादू ने कहा,”अरे मीरा मेरा चस्मा देखा तुमने कही , मुझे मिल नहीं रहा है !”
“हम अभी ढूंढते है दादू !”,कहते हुए मीरा दादाजी का चस्मा ढूंढने लगी जिसमे आधा घंटा हो चुका था ! गुस्से से अक्षत बाहर निकल गया और कुछ देर बाद फिरकर उसने घर के लेडलाइन पर फोन लगाया ! फोन दादी माँ ने उठाया तो अक्षत ने वापस कट कर दिया ! कुछ देर बाद उसने एक बार फिर फोन किया इस बार भी फोन दादी ने ही उठाया लेकिन अक्षत कुछ नहीं बोला बस दादी ही हेलो हेलो बोलती रही तो दादाजी ने कहा,”अरे कौन है फोन पर ?”
“पता नहीं कौन नालायक है ? कबसे हेलो हेलो बोले जा रही हु जवाब ही नहीं देता ! आओ आप ही आकर बात करो”,कहते हुए दादी ने रिसीवर साइड में रखा और चली गयी ! दादू फोन की और चल दिए , मीरा की नजर खिड़की के बाहर खड़े अक्षत पर गयी जो की उसे फोन के लिए इशारा कर रहा था ! मीरा दादू के पास आयी और कहा,”दादू आप चस्मा ढूंढिए हम देखते है !”
“ठीक है !”,दादू वापस चस्मा ढूंढने लगे !
मीरा ने आकर रिसीवर उठाया तो उधर से अक्षत ने कहा,”सुनो मीरा , सब काम छोड़कर अभी के अभी बाहर आओ !”
“लेकिन दादू का चस्मा ?”,मीरा ने बोलना चाहा तो अक्षत ने कहा,”दादू का चश्मा दादू खुद ढूंढ लेंगे , तुमने सबका ठेका नहीं ले रखा ! तुम बाहर आओ , मुझे देर हो रही है !”
“लेकिन !”,मीरा ने फिर कहना चाहा !
“लेकिन वेकिन कुछ नहीं , अभी आओ इसी वक्त !”,कहकर अक्षत ने फोन काट दिया !
बेचारी मीरा क्या करे जैसे ही जाने को हुई दादू ने कहा,”मीरा नहीं मिल रहा है चश्मा !” मीरा उनके पास आयी और कहा,”दादू आप शांति से बैठकर सोचिये आखरी बार कहा रखा था ?”
“हम्म्म ! ये सही है !”,कहते हुए दादू सोफे पर बैठकर सोचने लगे और मीरा फिर से उनका चश्मा ढूंढने लगी ! जब मीरा बाहर नहीं आयी तो अक्षत ही अंदर चला आया और यहाँ वहा चक्कर काटने लगा उसका गुस्सा और खुन्नस मीरा को साफ नजर आ रहा था ! अक्षत को देखकर दादू ने कहा,”ये तू यहाँ से वहा
क्यों घूम रहा है ? कुछ चाहिए !”
“गाना गाने का मन कर रहा है !”,अक्षत ने झुंझलाकर कहा
“हां तो गाओ ना हम भी तो सुने !”,दादू ने अक्षत का मजाक उड़ाते हुए कहा !
अक्षत ने मीरा को घूरकर देखा और गाने लगा,”आजा शाम होने आयी ! मौसम ने ली अंगड़ाई , आजा शाम होने आयी मौसम ने ली अंगड़ाई ,,, तो किस बात की है लड़ाई !!”
अक्षत रुक गया तो किचन से आती राधा ने कहा,”तू चल ये आई , जा ना तू चल ये आई !”
अक्षत ने शरमा कर गर्दन घुमा ली मीरा भी उनसे नजरे चुराकर अपने काम में लग गयी ! राधा दादू के पास आयी और उनके कुर्ते में टंगे चश्मे को निकालकर उनकी और बढ़ाते हुए कहा,”ये रहा आपका चस्मा , और इसके चक्कर में आप बच्चो को परेशान कर रहे है !! मीरा तुम जाओ !”
मीरा चली गयी और उसके पीछे पीछे अक्षत भी ! दादाजी खिंसियाते हुए वहा से निकल गए ! ! मीरा बाहर खड़ी अक्षत के आने का इंतजार कर रही थी साथ ही डर भी रही थी की उसे अक्षत के गुस्से का सामना करना पड़ेगा ! अक्षत जैसे ही आया मीरा ने उसके सामने अपने कान पकड़ लिए और कहा,”सॉरी वो दादू के चश्मे की वजह से लेट हो गया !”
“तुम्हे क्या लगता है तुम ये मासूम सा फेस बनाओगी और मैं पिघल जाऊंगा , बिल्कुल नहीं मिस मीरा राजपूत ,, मेरा बहुत टाइम वेस्ट किया है तुमने !”,अक्षत ने मीरा को घूरते हुए कहा !
“सॉरी कह तो रहे है !”,मीरा ने धीरे से कहा
“हां तो अहसान कर रही हो , कबसे इंतजार रहा हु लेकिन तुम हो की बस सब की हमदर्द बनी हुई हो ,, सब अपना अपना काम खुद कर लेंगे तुम्हे क्या जरूरत है सबका काम करने की , तुम सिर्फ मेरा ख्याल रखो ना !”,जल्दबाजी में अक्षत बोल गया
“क्यों रखे हम आपका ख्याल ?”,अक्षत का गुस्सा देखकर मीरा ने भी गुस्से से कहा
“क्योकि ? क्योकि मैं कह रहा हु”,अक्षत ने मीरा की आँखों में देखते हुए हक़ जताते हुए कहा !
“हां तो हम आपके नौकर नहीं है जो आपकी हर बात सुनेंगे !”,मीरा ने भी गुस्से से घूरते हुए कहा !
मीरा के ऐसा कहने से अक्षत को और ज्यादा गुस्सा आ गया तो उसने कहा,”जाओ यहाँ से !
“क्या ?”,मीरा ने कहा
“मैंने कहा जाओ यहाँ से !!”,अक्षत ने तेज आवाज में कहा , मीरा की आँखों में आंसू उभर आये जिन्हे उनसे आँखों में ही रोक लिया और चली गयी ! अक्षत का इस तरह चिल्लाना उसे बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था ! चलते चलते वह सामने किसी से टकरा गयी उसने सर उठाकर देखा तो सामने अक्षत खड़ा था सर झुकाये , अपने दोनों कान पकडे और उसे देखकर मीरा बस एक ही बात सोच रही थी “कैसे समझे आपको ?”

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