Kitni Mohabbat Hai – 22

Kitni Mohabbat Hai – 22

Kitni Mohabbat Hai
Kitni Mohabbat Hai by Sanjana Kirodiwal

मीरा को सावित्री का भेजा दूसरा खत मिला ! निधि ने खत देखकर कहा,”खोलो इसे और पढ़ो हो सकता है इसमें तुम्हे तुम्हारे सवालों का जवाब मिल जाये !”
मीरा ने कांपते हाथो से खत को खोला और पढ़ने लगी ! -: प्रिय मीरा !! जानती हु ये खत पढ़ने से तुम घबरा रही हो ! तुम सोच रही होगी की अब कोनसा सच तुम्हारे सामने आने वाला है , लेकिन यकींन मानो ये सभी सच तुम्हारे लिए जानना बहुत जरुरी है !!

अब तक तुम एक सुरक्षित जगह पहुँच चुकी होगी जैसा की मैं चाहती थी और इसलिए मैं तुम्हे ये सच बताने जा रही हु ! तुम मुझसे हमेशा एक सवाल करती थी की – मेरे पिता कौन है ? ,, और मैंने हमेशा कहा की वो इस दुनिया में नहीं है , विपरीत इसके मैं हमेशा गले में मंगलसूत्र और मांग में सिंदूर लगाकर रहती थी ! जब भी तुम्हारी सवालों से भरी आँखे देखती थी तो अंदर ही अंदर बहुत घुटन होती थी की तुम्हे सब बता दू पर वो सही वक्त नहीं था मीरा !!

तुम्हारे पिता ज़िंदा है मीरा , वो इसी दुनिया में है लेकिन कुछ वजहों से मैंने तुम्हे उनसे हमेशा दूर रखा , मैं हमेशा तुम्हे उस काले सच से दूर रखना चाहती थी ! सच क्या है ? ये जानने के लिए तुम्हे एक बार फिर अपने पुराने घर जाना होगा , उस घर के कमरे का वो बक्सा जिसे मैंने तुम्हे कभी छूने तक नहीं दिया उसे खोलना होगा ! मुझसे जुड़ा हर सच तुम्हे वही मिलेगा मीरा !! वो सब मैं इस खत में नहीं लिख सकती ,, जैसे ही तुम भोपाल पहुँचोगी तुम्हे उस बक्से की चाबियां मिल जाएगी !! सच जानने के बाद जो फैसला तुम लोगी उस से तुम्हारी जिंदगी का आगे का सफर तय होगा !!


तुम्हारी माँ – सावित्री शर्मा ! मीरा ने खत पढ़ा और निधि की और बढ़ा दिया निधि ने खत पढ़ा और मीरा के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा,”तुम्हे भोपाल जाना चाहिए मीरा , हो सकता है वहा जाकर तुम्हे सच का पता चले , और कितनी ख़ुशी की बात है की तुम्हारे पापा भी ज़िंदा है !!”
मीरा को खामोश देखकर निधि ने फिर कहा,”क्या हुआ मीरा ? क्या तुम खुश नहीं हो ?”
मीरा ने उदास नजरो से निधि की और देखा और कहने लगी,”निधि हमे समझ नहीं आ रहा है , माँ के जाने बाद इन खतों का मिलना ,, ऐसा क्यों हो रहा है ?”


“हो सकता है आंटी मरने से पहले तुम्हारी सारा सच बताना चाहती हो और उन्होंने ये सब लिखे हो !”,निधि ने कहा
“नहीं निधि , अगर उन्होंने ये खत लिखे होते तो ये बिना पते के हमारे पास कैसे पहुंचते ? देखो लिफाफे पर कोई एड्रेस नहीं लिखा है , तो फिर कैसे ये खत सीधा हमारे पास पहुँच जाता है ! ?”,मीरा ने कहा
मीरा की बात सुनकर निधि भी सोच में पड़ गयी और फिर कहा,”तुम्हे ये खत किसने लाकर दिया ?”
“कॉलेज के चपरासी ने !”,मीरा ने कहा


“तो चलो फिर उसी से चलकर पूछते है !”,निधि ने उठते हुए कहा और मीरा के साथ कॉरिडोर में चली आयी जहा चपरासी अपनी कुर्सी पर बैठा था !
निधि ने मीरा के हाथ लिफाफा और खत लिया और चपरासी को दिखाते हुए पूछा,”भैया कुछ देर पहले आप ये खत मीरा को देकर आये थे , क्या आप बता सकते है ये कौन देकर गया था ?”
“अरे बिटिया एक आदमी आया था , उसने खत देकर कहा की मीरा राजपूत को दे दे तो हम लेकर दे आये ! “,चपरासी ने कहा


“आदमी , कैसा आदमी ? कुछ नाम बताया उन्होंने ?”,मीरा ने कहा
“नहीं बिटिया नाम तो नहीं बताया !”,चपरासी ने कहा
“कोई हुलिया , पहचान उसकी , मतलब कैसा दिखता है ? चेहरा देखा था आपने ?”,निधि ने कहा
“अरे बिटिया हेलमेट लगाया हुआ था तो चेहरा तो नही देख पाए !”,चपरासी ने कहा !


“अब क्या करे ?”,निधि ने मायूस होकर कहा !
“क्या हुआ ? कोई बात हो गयी क्या बिटिया ?”,चपरासी ने कहा
“नहीं भैया कुछ नहीं , निधि चलो यहाँ से”,कहते हुए मीरा निधि का हाथ पकड़कर उसे वहा से ले गयी !

दोनों घर जाने के लिए कॉलेज के बाहर आयी चलते चलते निधि ने कहा,”यार ये गुत्थी तो सुलझने के बजाय और उलझती जा रही है ! तुम्हे खत भेजने वाली आंटी नहीं बल्कि कोई आदमी है , कौन हो सकता है ये आदमी ?”
“ये तो हम भी नहीं जानते निधि , पर शायद वो हमारे बारे में सब जानता है !”,मीरा ने खोये हुए स्वर में कहा
“कही वो तुम्हारे पापा ही तो नहीं !”,निधि ने सोचते हुए कहा
“पता नहीं निधि ये सब तो हमे अब भोपाल जाकर ही पता चलेगा !!”,मीरा ने कहा !


“हम्म्म ! लेकिन एग्जाम्स ? एक हफ्ते बाद एग्जाम है !”,निधि ने चिंता जताते हुए कहा
“कागजो वाले इम्तिहान से ज्यादा जरुरी जिंदगी के इम्तिहान है निधि , जब तक हम ये सच्चाई जान नहीं लेते हमे चैन नहीं आएगा !”,मीरा ने रुककर कहा ! निधि ने मीरा को गले लगाया और कहा,”मैं हमेशा तुम्हारे साथ हु मीरा , देखना सब अच्छा होगा !!”
“निधि घर पर इस बारे में किसी को कुछ मत बताना हम नहीं चाहते हमारी वजह से वो सब परेशान हो !”,मीरा ने कहा


“ठीक है मैं नहीं बताउंगी , जब सब ठीक हो जाये तब तुम खुद ही बता देना !”,निधि ने मुस्कुराते हुए कहा
“तुम बहुत अच्छी हो निधि , तुमने हमेशा हमारा साथ दिया है !”,मीरा ने भावुक होकर कहा
“हम्म चलो फिर इस बात पर गोलगप्पे खाते है !”,निधि ने चहकते हुए कहा !
“नहीं हमारा मन नहीं है !”,मीरा ने कहा
“मन नहीं है पेट तो है ना , और मेडम जी पेट तो खाने से ही भरेगा , और खाएंगे तभी तो दिमाग चलेगा !”,निधि ने कहा तो मीरा मुस्कुराने लगी और कहा,”तुम और तुम्हारी बाते ! अब चलो”


दोनों गोलगप्पे वाले के पास आयी तो निधि ने कहा,”भैया तीखे वाले बनाना !”
“जी दीदी !”,छोटू ने कहा और फिर एक एक करके दोनों को खिलाने लगा ! गोलगप्पे खाकर दोनों घर के लिए निकल गयी ! घर आकर निधि दादू के साथ बगीचे में चली गयी और मीरा कमरे में चली आयी ! उसने बेग से खत निकाला और एक बार फिर पढ़ने लगी , एक बार , दो बार और ना जाने कितनी बार उसने उस खत को पढ़ा !! जब आँखों से आंसू बहने लगे तो उसने यह खत मोड़कर अलमारी की दराज में रख दिया जिसमे पहला खत भी रखा हुआ था !

मीरा ने बाथरूम में जाकर मुंह धोया और बालकनी में आकर खड़ी हो गयी ! सूरज अब उतरने लगा था और धुप भी सिमटकर बालकनी तक बची थी ! सर्दियों में अक्सर दिन छोटे हो जाते है ! मीरा उदास आँखों से ढलते दिन को देख रही थी ! सूरज की बेजान हो चुकी रोशनी उसके चेहरे की उदासी और बढ़ा रही थी ! उसने अपने हाथो को आपस में बांध लिया और उन्हें सहलाते हुए अपने बीते वक्त के बारे में सोचने लगी !!
अँधेरा होने लगा तो मीरा कमरे में चली आयी !

उसने अपनी किताब उठायी और पढ़ने बैठ गयी लेकिन उसका ध्यान पढाई में ना लगकर बार बार उस खत की और जा रहा था ! थककर मीरा ने किताब वापस बंद कर दी और लेट गयी ! लेटने के बाद काफी देर तक वह खुद से ही झुंझती रही और फिर उसे नींद आ गयी ! रात के खाने के लिए जब वह निचे नहीं आयी तो निधि ऊपर चली आयी ! मीरा को सोया हुआ देखकर उसने जैसे ही उसे कम्बल ओढ़ाया उसका हाथ मीरा के हाथ को छू गया !

“अरे इसे तो बुखार है !”,निधि ने कहते हुए मीरा का सर और गर्दन छुआ जो की बुखार में तप रहा था ! निधि घबरा गयी उसने मीरा को अच्छे से कम्बल ओढ़ाया और निचे चली आयी !
“क्या हुआ मीरा नहीं आयी ? खाना नहीं खायेगी क्या आज वह ?”,विजय ने कहा
“पापा मीरा को बुखार है !”,निधि ने उदास होकर कहा
“क्या ? उसे बुखार है उसने बताया ही नहीं ?”,दादाजी ने चिंता जताते हुए कहा !


“आप सब खाना खाइये , मैं जाकर देखती हु !”,कहते हुए राधा सीढ़ियों की और बढ़ गई ! खाना सबके गले से तो उतरा पर मुश्किल से ! तभी अर्जुन ने कहा,”कल देर रात तक वो बिना स्वेटर के बाहर घूम रही थी , उसी वजह से उसे बुखार आ गया ! बहुत बेपरवाह है ये लड़की खुद को लेकर !”
“सगाई में इतनी प्यारी लग रही थी ना , जरूर उसे किसी की नजर लगी है कल सुबह उठते ही नमक और राई उसपर से वारकर फेंकूँगी !”,दादी माँ ने कहा !

विजय को ये अन्धविश्वास लगा तो बोल पड़े,”क्या माँ आप भी ? उसे इन सबकी नहीं डॉक्टर की जरूरत है , मैं अभी डॉक्टर मेहता को फोन करता हु !”
विजय उठे और वाशबेसिन की और बढ़ गए ! उन्होंने हाथ धोये और डॉक्टर को फोन करने लगे ! अक्षत खामोश बैठा था मीरा के बीमार होने की वजह वह जानता था ! बीती रात मीरा बाहर हॉल में सो रही थी ये बात सिर्फ अक्षत ही जानता था !

राधा ऊपर कमरे में आयी उसने मीरा को छूकर देखा बुखार तेज था ! वे वही बैठ गयी और मीरा का हाथ अपने हाथ में लेकर खुद से कहने लगी,”सबका ख्याल रखेगी पर अपना भूल जाएगी ! सबको खुश देखना होता है इसे पर ये नहीं की अपना भी ख्याल रखे ,, हो गयी ना बीमार , कितनी परेशानी हो रही होगी , और बताया भी नहीं !”
राधा बड़बड़ाती रही और मीरा गहरी नींद में सोई रही उसे कुछ सुनाई नहीं दिया हां बिच बिच में ठंड की वजह से चमक उठती ! राधा प्यार से उसका सर सहलाती रही !

कुछ देर बाद विजय डॉक्टर मेहता के साथ कमरे में आये डॉक्टर मेहता ने मीरा का चेकअप किया और कुछ दवाईया लिखकर पेपर विजय को थमा दिया !
जल्दी आराम के लिए उन्होंने एक इंजेक्शन मीरा को लगा दिया !! तीनो कमरे से बाहर चले आये तो डॉक्टर ने कहा,”ठण्ड लगने की वजह से तेज बुखार आ गया है ! अभी मैंने इंजेक्शन लगा दिया है सुबह तक आराम आ जाएगा !”


“लेकिन ठण्डी में तो वो इतना रही ही नहीं !”,विजय ने कहा !
“आप परेशान मत होईये वो ठीक है , दवा दीजिये अगर कल तक बुखार नहीं उतरे तो मुझे एक बार फिर बुला लीजियेगा , ब्लड टेस्ट करके देख लेंगे !”,डॉक्टर ने कहा
“थैंक्यू डॉक्टर , चलिए मैं आपको निचे तक छोड़ देता हु !”,विजय ने कहा और राधा व् डॉक्टर को लेकर निचे आ गए ! डॉक्टर के जाने के बाद विजय डायनिंग टेबल के पास आये और निधि से मीरा का ख्याल रखने को कहा !

खाना खाने के बाद अर्जुन और निधि दोनों कमरे में आये ! मीरा को सोया हुआ देखकर अर्जुन ने कहा,”सच बता रहा हु निधि सच में पागल है ये लड़की , बाकि सबके बारे में इतना सोचती है पर जब बात खुद पर आती है तो ये बिल्कुल केयरलेस हो जाती है !”
“हा भाई ! आज कॉलेज के बाद से ही मीरा बहुत परेशान थी !”,अनजाने में निधि के मुंह से निकल गया !
“क्यों ? कॉलेज में कुछ हुआ है क्या ?”,अर्जुन ने पूछा


निधि को याद आया मीरा ने उसे ये सब बताने से मना किया है तो उसने बात पलटते हुए कहा,”नहीं भाई वो एग्जाम्स शुरू होने वाले है ना तो उन्ही को लेकर थोड़ा टेंशन में थी !”
“छोटी छोटी बातो पर परेशान हो जाती है ये भी ! अभी तुम इसका ख्याल रखो मैं कल सुबह अपने फ्रेंड से कहकर इसके नोटस मंगवा दूंगा , मेरे फ्रेंड के पापा तुम्हारे कॉलेज में लेक्चरर है !”,अर्जुन ने कहा
“ह्म्म्मम्म ठीक है , मीरा ठीक तो हो जाएगी ना भाई ?”,निधि ने उदास होकर कहा


अर्जुन उसके पास आया और उसका गाल छूकर कहा,”निधि उसे सिर्फ बुखार है सुबह तक वो बिल्कुल ठीक हो जाएगी !! तुम उसकी अच्छी दोस्त हो न तो ख्याल रखो उसका !”
अर्जुन के जाने के बाद निधि मीरा के पास आकर बैठ गयी और प्यार से उसे देखने लगी ! आज वह मीरा की डांट और उसकी आवाज को बहुत मिस कर रही थी ! निचे किचन का काम खत्म होने के बाद राधा ने एक बड़े कटोरे में पानी रखा और साफ कपडे की पट्टिया लेकर किचन से बाहर आयी डायनिंग टेबल के पास खड़ा अक्षत मिल गया !

उसे देखकर राधा उसके पास आयी और कहा,”आशु तुम सोये नहीं , यहाँ क्या कर रहे हो ?”
“माँ मुझे आपको कुछ बताना है !”,अक्षत ने धीमी आवाज में कहा
“हां कहो ना !”,राधा ने कहा
“वो मीरा को बुखार मेरी वजह से हुआ है !”,अक्षत ने कहा
“क्या बोल रहा है तू ?”,राधा ने हैरानी से कहा


“हां वो कल रात आप सबके सोने के बाद मीरा ऊपर वाले हॉल में सो रही थी , वो नींद में थी इसलिए मैंने उसे उठाया नहीं ! शायद तभी वो बीमार हो गयी है”,अक्षत ने मसुमियत से कहा !
“बुद्धू ! कल पूरा दिन वो मेरा काम में हाथ बटा रही थी , भागदौड़ और थकान की वजह से उसे बुखार आ गया होगा ! ये ठंडे पानी की पट्टिया रखूंगी ना उसके सर पर तो ठीक हो जाएगा बुखार !”,राधा ने जाते हुए कहा !
“माँ , आप भी थक गए होंगे ना , ये मुझे दे दो मैं कर दूंगा !”,अक्षत ने राधा को रोकते हुए कहा !


राधा को बड़ी हैरानी हुई अक्षत को पहली बार उन्होंने किसी के लिए परेशान होते देखा था !
राधा बड़े प्यार से अक्षत को देखने लगी ! उन्हें ऐसे देखता पाकर अक्षत ने कहा,”आप ऐसे क्यों देख रही है ?”
“देख रही हु आजकल तुझे गुस्सा नहीं आता , चिड़चिडाहट नहीं होती , बदलने लगा है तू आशु !”,राधा ने कहा
“हम्म ऐसा कुछ नहीं है , लाईये ये कटोरा मुझे दीजिये और आप जाकर सो जाओ !”,कहते हुए अक्षत ने पानी का कटोरा राधा के हाथ से लिया और सीढ़ियों की और बढ़ गया !

जैसे ही अक्षत कमरे में आया निधि ने बोलना चाहा लेकिन अक्षत ने उसे चुप रहने का इशारा किया और खुद मीरा के पास पड़ी कुर्सी पर आकर बैठ गया ! उसने ट्रे रखी और निधि से कहा,”माँ ने मीरा के सर पर ठंडी पट्टी रखने को कहा है , तुम थक गयी होगी इसलिए सो जाओ मैं रख दूंगा !”
“हम्म्म्म !”,निधि ने कहा और मीरा की बगल में कुछ दूर जाकर लेट गयी !

अक्षत ने मीरा का सर छूकर देखा बुखार बहुत तेज था ! उसने पट्टी को पानी में भिगोया और उसे मीरा के सर से लगा दिया ! ऐसा करते हुए उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं थे ! निधि अधखुली आँखों से देख रही थी अक्षत की आँखों में मीरा के लिए प्यार और परवाह दोनों नजर आ रहे थे ! निधि को अच्छा लगा कुछ देर बाद वह करवट बदलकर सो गयी !! जल्दी ही उसे नींद आ गयी ! अक्षत वही बैठा एक एक करके मीरा के सर पर पट्टिया रखता रहा ! सारी रात वह जागकर मीरा के सर की पट्टिया बदलता रहा देर रात जाकर मीरा का बुखार कुछ कम हुआ तो अक्षत ने पट्टियां उतार कर रख दी !

अक्षत ने प्यार से मीरा के गाल को छुआ तो नींद में मीरा ने अक्षत का हाथ थाम लिया और अपने निचले गाल से लगाकर सो गयी ! अक्षत मुस्कुरा उठा और प्यार से मीरा के मासूम चेहरे की और देखता रहा ! मीरा के गोरे हाथ में उसका सांवला हाथ कितना अच्छा लग रहा था ! खिड़की के बाहर झांकते चाँद की रौशनी सीधी दोनों के हाथो पर आकर गिर रही थी ! एक सुखद अहसास जो आज से पहले अक्षत को कभी नहीं हुआ था !! अक्षत सोच में डूब गया ! क्या वो सच में बदल गया था ? मीरा को लेकर उसकी सोच उसकी भावनाओ का बदलना यु ही तो नहीं था !

आज से पहले उसने कभी किसी के लिए इतनी परवाह नहीं जताई जितनी मीरा के लिए जताने लगा था ! जलन की भावना , मीठा सा अहसास बेवजह मुस्कुराना क्या था ये सब ? क्या ये प्यार था ? हां ये प्यार ही था प्यार ही एक ऐसा अहसास है जो सब कुछ बदल सकता है , बुरे इंसान को अच्छा बना सकता है गुस्से को परवाह में बदल सकता है जीना सीखा सकता है और फिर से जीने की उम्मीद भी जगा ही सकता है अक्षत अपने ही ख्यालो में उलझा हुआ था सोचते सोचते जब पलके नींद से बोझिल होने लगी तो वह मीरा का हाथ थामे वही सर रखकर सो गया !


एक सुकूनभरी नींद अक्षत सोया हुआ था ! हीटर की वजह से कमरे में ठण्ड कम थी लेकिन मीरा के हाथो का स्पर्श उसे गर्माहट दे रहा था !
सुबह जब मीरा की नींद खुली तो उसने देखा अक्षत कुर्सी पर बैठे बैठे ही सो गया है ! उसने जैसे ही हाथ उठाया अक्षत का हाथ अपने हाथ में देखकर हैरान थी ! अक्षत की उंगलियों की पकड़ काफी मजबूत थी ! मीरा ने देखा अक्षत के बिखरे बाल उसकी आँखों पर आ रहे है ! उसने अपने दूसरे हाथ से उसके बालो को साइड किया और प्यार से देखने लगी ! सोते हुए कितना शांत लगता था वो !

मीरा ने धीरे से अक्षत का हाथ अपने हाथ से अलग किया ताकि उसकी नींद ना टूटे ! वह उठी और अपनी कम्बल उसे ओढ़ा दी !! बाथरूम में जाकर उसने मुंह धोया और फिर बाहर आकर तोलिये से पोछने लगी !! उसे अभी भी कमजोरी महसूस हो रही थी ! वह कमरे से बाहर आयी और निचे चली आयी ! राधा किचन में काम कर रही थी और दादी माँ पूजाघर में थे ! मीरा किचन के बाहर आकर रुक गयी तो राधा उसके पास आयी और उसका सर छूकर कहा,”अब कैसी तबियत है तुम्हारी ?”


“हमे क्या हुआ था ?”,मीरा ने हैरानी से कहा
“तुम्हे कल शाम बहुत तेज बुखार हो गया था ! इतना की तुम्हे तो होश भी नहीं था , फिर डॉक्टर ने आकर दवा दी इंजेक्शन लगाया तब तुम गहरी नींद में सो गयी थी ! तुम खड़ी क्यों हो ? चलो वहा चलकर बैठो !”,राधा ने मीरा को डायनिंग के पास कुर्सी पर बैठाते हुए कहा !
“हम्म्म्म , तभी हमारा बदन टूट रहा था !”,मीरा ने कहा
“मैं तुम्हारे लिए एक कप अदरक तुलसी वाली चाय ले आती हु , तुम्हे अच्छा लगेगा !”,राधा ने जाते हुए कहा


“अरे नहीं आंटी अभी तो हम नहाये भी नहीं है !”,मीरा ने कहा
“बुखार में कौन नहाता है ? चुप करके बैठो !”,राधा ने मीठी झिड़की देकर कहा !
राधा मीरा के लिए एक कप चाय ले आई ! मीरा ने चाय पि और दवा ली तो कुछ आराम मिला ! वो वही बैठी रही कुछ देर बाद वापस ऊपर चली आई ! अक्षत अभी तक सो रहा था मीरा नहाने के लिए चली गयी ! नहाकर वह निचे राधा के पास आयी और कहा,”आंटी !”


“हां मीरा , कुछ चाहिए तुम्हे ?”,राधा ने नाश्ता बनाते हुए कहा !
“हम भोपाल जाना चाहते है , अपने घर !”,मीरा ने कहा
“हां तो चली जाना !”,राधा ने प्यार से कहा
“आज ही जाना चाहते है !”,मीरा ने कहा
“आज ही ? बेटा अभी तुम्हारी तबियत भी ख़राब है , सफर करोगी तो ज्यादा परेशानी होगी !! जब ठीक हो जाओ तब आराम से चली जाना !”,राधा ने चिंता जताते हुए कहा !


“नहीं आंटी , हमारा जाना बहुत जरुरी है , हमे आज ही जाना है !”,मीरा ने बेचैनी से कहा !
“अच्छा ठीक है चली जाना , इसमें इतना परेशान होने वाली कोनसी बात है बेटा ? लेकिन मैं तुम्हे अकेले नहीं जाने दूंगी !”,राधा ने कहा
“फिर !”,मीरा ने कहा
“अक्षत तुम्हे वहा ले जाएगा , मैं उसे कह देती हु !”,राधा ने कहा
“आप उन्हें क्यों परेशान कर रही है ? हम अकेले चले जायेंगे !”,मीरा ने कहा


“अकेले जाने देती पर तुम्हारी हालत देखकर मुझे लग रहा है , वहा सब सही नहीं है “,राधा ने गंभीरता से कहा !
“सब सही करना चाहते है इसलिए तो जा रहे है आंटी !”,मीरा ने बुझे मन से कहा !
“सब ठीक हो जाएगा ! तुम नाश्ता करो तब तक मैं अक्षत से बात कर लेती हु !”,कहते हुए राधा ने नाश्ते की प्लेट मीरा को थमाई और बाहर निकल गयी !

मुश्किल से दो निवाले मीरा के गले के निचे उतरे
राधा ऊपर आयी लेकिन अक्षत अपने कमरे में नहीं था ! उसने निधि से पूछा तो उसने बताया की भाई उसके कमरे में सो रहा है ! राधा ने उसे आकर उठाया तो अक्षत हड़बड़ा कर उठ बैठा ! राधा उसके पास बैठी और कहा,”रातभर जाग रहा था ना ?”
“हम्म्म !”,अक्षत ने नींद में कहा
“चल उठ और नहाकर निचे आजा , मैं नाश्ता लगाती हु !”,राधा ने प्यार से उसके गाल को छूकर कहा !


अक्षत उठा और अपने कमरे में चला आया ! उसने गर्म पानी का शावर लिया तो अच्छा महसूस होने लगा ! नहाने के बाद जैसे ही बाहर निकला देखा फोन काफी देर से बजे जा रहा है ! अक्षत ने बाल पोछते हुए फोन देखा शुभ के 7-8 मिस्ड कॉल थे उसने फोन वापस लगाया उधर से एक रिंग में ही शुभ ने फोन उठा लिया और चिल्लाकर कहा,”कमीने तेरा ये रोज का है ना , इतनी देर से फोन कर रहा हु उठाया क्यों नहीं ?”
“भाई नहा रहा था !”,अक्षत ने कहा


“लड़का होकर तू कबसे नहाने में इतना टाइम लगाने लगा ! अच्छा सुन मैंने तुझे याद दिलाने के लिए फोन किया था की आज 9 बजे सिन्हा सर के घर जाना है , उनसे बात करने उसके बाद ही हमे इंटर्नशिप के लिए दिल्ली में एडमिशन मिल पायेगा !!”,शुभ एक साँस में सब कह गया !
“हां मुझे याद है अभी 8:30 बजे है , तू 9 बजे मुझे घर पर मिल !”,अक्षत ने शर्ट पहनते हुए कहा !
“ठीक है बाय !”,कहकर शुभ ने फोन काट दिया !
अक्षत ने बाल बनाये , परफ्यूम लगाया और कमरे से बाहर निकल गया ! निचे आया तो सभी नाश्ता कर रहे थे !

अक्षत ने जल्दी जल्दी नाश्ता किया और हॉल के कॉरिडोर में रखे शूज पहनने लगा राधा उसके पास आयी और कहा,”आशु !
“जी माँ !”,अक्षत ने जूते पहनते हुए कहा !!
“मीरा को भोपाल जाना है , और मैं नहीं चाहती इस हालत में वो अकेले जाये ! तुम इसे लेकर चले जाओ !”,राधा ने कहा


“लेकिन माँ !”,अक्षत ने जैसे ही बोलना चाहा मीरा ने कहा,”प्लीज अक्षत जी ना मत कहियेगा , हमारा जाना बहुत जरुरी है , प्लीज चलिए !!”
अक्षत दुविधा में फस गया उसे शुभ के साथ भी जाना था लेकिन मीरा को वह ना नहीं कह पाया और कहा,”ठीक है तुम बाहर आ जाओ !”
अक्षत ने जैसे ही हामी भरी मीरा के चेहरे से कुछ परेशानी कम हो गयी ! वह वहा से बाहर की और निकल गयी ! अक्षत ने जूते पहने और बाहर आया !!


मीरा अक्षत का इंतजार कर रही थी अक्षत ने उसे चलकर गाड़ी में बैठने को कहा और खुद शुभ को फोन लगाने लगा तभी सामने से आता शुभ दिख गया और कहा,”चल जल्दी !”
“शुभ सुन !”,अक्षत ने कहा
“अब क्या हुआ ?”,शुभ ने उसके पास आकर कहा
“दरअसल वो मुझे अभी भोपाल के लिए निकलना है ! सर से हम लोग शाम को नहीं मिल सकते !”,अक्षत ने कहा


“साले तू फिर नाटक कर रहा है , कितनी मुश्किल से मैंने उनसे अपॉइंटमेंट लिया है और तू लास्ट मोमेंट पर केंसल कर रहा है !”,शुभ ने नाराज होते हुए कहा !
“आई ऍम सो सॉरी यार , माँ ने कहा है मीरा के साथ भोपाल जाना है सो , आई ऍम सॉरी !”,अक्षत ने कहा
शुभ थोड़ा रुका और कहा,”किसके साथ जा रहा है ?”
“बताया ना मीरा के साथ !”,अक्षत ने कहा
“अच्छा भाभी के साथ जा रहा है”,शुभ ने थोड़ा ऊँची आवाज में कहा


“चुप कर कमीने क्या बक रहा है ? और वो तेरी भाभी कैसे हुई ?”,अक्षत ने उसका मुंह बंद करते हुए कहा
“तू उसे कब कहेगा पता नहीं , पर मैंने तो उसे कल रात ही भाभी मान लिया था !”,शुभ ने अपने मुंह से अक्षत का हाथ हटाते हुए कहा !
“देख मैं मुंह तोड़ दूंगा तेरा !”,अक्षत ने चिढ़ते हुए कहा !
शुभ ने उसकी बात को इग्नोर करते हुए कहा,”तुम दोनों अकेले भोपाल जा रहे हो , मतलब साथ में कोई नहीं , आह खूबसूरत सफर और ऐसे में काश वहा बारिश हो तुम दोनों का एक दूसरे के लिए प्यार जगे और दोनों एक हो जाओ !”


“ठरकी है तू साले , चल निकल मुझे देर हो रही है !”,कहते हुए अक्षत जाने लगा तो शुभ ने कहा,”अक्षत !
“हम्म्म्म !”,अक्षत ने पलटकर कहा
“पंसद करने लगा है ना उसे !”,शुभ ने उसकी आँखो में देखते हुए कहा !
अक्षत मुस्कुराया और कहा,”हम्म्म थोड़ा सा !”
और वहा से गाड़ी की तरफ बढ़ गया ! शुभ के चेहरे पर बड़ी सी स्माइल आ गयी और वह गाते हुए घर के अंदर जाने लगा – तेरा फितूर जबसे चढ़ गया रे , इश्क़ जो जरा सा था वो बढ़ गया रे ! तेरा फितूर जबसे चढ़ गया रे !!

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संजना किरोड़ीवाल

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