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कितनी मोहब्बत है – 6

Kitni mohabbt hai – 6

“कितनी मोहब्बत है”

By Sanjana Kirodiwal

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मीरा खुश थी उसे उसकी किताब वापस मिल चुकी थी ! वह वही बैठकर उसे देखने लगी बड़ी सफाई से एक एक पेज जोड़ा गया था ! कुछ देर बाद निधि आयी तो मेरे को खुश देखकर पूछा,”क्या बात है बड़ी खुश नजर आ रही हो !”
“देखो , हमारी किताब !”,मीरा ने किताब निधि के सामने करते हुए कहा !
“अरे वाह ! ये कैसे हुआ ?”,निधि ने चहकते हुए कहा !
”जब हम ऊपर आये तो अर्जुन जी यहाँ से निकलकर गए थे , शायद उन्होंने किया हो !”,मीरा ने कहा
“वाओ सो स्वीट ऑफ़ हिम , मुझे तो पता ही नहीं था अर्जुन भैया ऐसा कुछ भी करते है !”,निधि ने शरारत से मुस्कुराते हुए कहा
“तेरे दिमाग में क्या खिचड़ी पक रही है ?”,मीरा ने कहा
“आई थिंक अर्जुन भैया लाइक्स यू !”,निधि ने मुस्कुराते हुए कहा !
“क्या कुछ भी बोल रही है , उन्होंने तो बस नॉर्मली हमारी हेल्प की है यार ,, तू जैसा सोच रही है वैसा कुछ भी नहीं है !”,मीरा ने परेशान होकर कहा !
“यार कितना अच्छा होगा तुम मेरी भाभी बनकर हमेशा हमेशा के लिए इस घर में आ जाओगी !”,निधि ने ख्यालो का पुलाव बनाते हुए कहा
“तुम ऐसी बाते क्यों कर रही हो ? ऐसा कुछ भी नहीं है !”,मीरा ने झुंझलाकर कहा पर निधि को तो उसे छेड़ने में मजा आ रहा था उसने कहा,”कल ही घर में सबको बताती हु अर्जुन भैया के बारे में !”
“हमे तुमसे बात ही नहीं करनी !”,मीरा ने नाराज होते हुए कहा और उठकर दरवाजे की और गयी जैसे ही दरवाजा खोला सामने से आते अर्जुन से टकरा गयी ! “निधि तुमने मेरे लेप्पी का चार्जर।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।!”,अर्जुन ने अंदर आते हुए कहा लेकिन आगे के शब्द उसके गले में ही अटक गए ! उसने मीरा को देखा और कहा,”सॉरी वो मैंने ध्यान नहीं दिया !!” कहते हुए अर्जुन ने मीरा के सामने से हटा और निधि की और आकर कहा,”लेपटॉप का चार्जर कहा है ?”
निधि शरारत से दरवाजे पर खड़ी मीरा को देखकर मुस्कुरा रही थी उसने हाथ से टेबल पर रखे चार्जर की और इशारा कर दिया ! अर्जुन ने उठाया और लेकर बाहर निकल गया ! मीरा ने दरवाजा वापस बंद कर दिया और आकर ख़ामोशी से बेड पर बैठ गयी ! निधि उसके पास आयी और कहा,”अरे यार मैं तो बस मजाक कर रही थी , अब मुस्कुरा भी दे !”
मीरा को चुप देखकर निधि ने उसे गुदगुदाना शुरू कर दिया और आख़िरकार मीरा हंस पड़ी ! दोनों सहेलिया साथ बैठकर पढाई करने लगी ! अगले दिन दोनों साथ साथ कॉलेज चली गयी ! मीरा धीरे धीरे सबसे घुलने मिलने लगी थी ! दादी माँ के पास बैठकर तो वह हमेशा कोई ना कोई कहानी सूना करती थी ! घर में सब उसे पसंद करते थे , रघु भी दीदी दीदी कहके उसके हर काम कर देता था ! बस एक अक्षत ही था जिस से मीरा बचती रहती थी !
सन्डे शाम मीरा परेशान सी कमरे के बाहर हॉल में हाथ में किताब लिए यहाँ से वहा घूम रही थी ! निधि जैसे ही ऊपर आयी मीरा को देखकर उसके पास आयी और कहा,”क्या हुआ ?”
मीरा ने निधि को बुक का एक चेप्टर दिखाकर कहा,”ये समझ नहीं आ रहा है !”
“बस इतनी सी बात ! लाओ मैं समझाती हु”,कहकर निधि ने बुक ली और चेप्टर देखने लगी लेकिन अगले ही पल उसे महसूस हुआ की वो तो सच में टफ था ! उसने मीरा की और देखा और मासूमियत से कहा,”यार ये तो मुझे भी नहीं पता !’
“हम्म्म्म , कल सर से पूछ लेंगे !”,मीरा ने कहते हुए वापस लेनी चाही लेकिन निधि ने कहा,”वेट ! अर्जुन भैया की इंग्लिश बहुत अच्छी है वो समझा देंगे !”
मीरा उसे रोक पाती इस से पहले ही निधि ने उधर से गुजरते हुए अर्जुन से कहा,”अर्जुन भैया जरा सुनिए !”
निधि की आवाज सुनकर अर्जुन वहा आया और कहा,”हां निधि !”
“वो मीरा को एक टॉपिक समझ नहीं आ रहा , आप समझा देंगे प्लीज़ !”,निधि ने बड़े प्यार से कहा !
मीरा की बात हो और हमारे अर्जुन भैया मना कर दे ऐसे भला हो सकता है ! अर्जुन तुरंत मान गया और मीरा से किताब लेकर देखते हुए कहा,”ये तो बहुत इजी है ! आईये !”
“निधि तुम्हे भी तो टॉपिक समझ नहीं आया था ना , चलो तुम भी देख लो !”,कहते हुए मीरा निधि को भी जबरदस्ती अपने साथ लेकर आई और तीनो कुर्सियों पर बैठ गए !

अक्षत अपने कमरे में था ! सन्डे को वह कही नहीं जाता था वे तीनो उसके रूम से कुछ ही दूर बैठे थे उनकी आवाज से अक्षत की नींद टूट गई , वह बाहर आया तीनो को साथ देखकर वापस अपने कमरे में गया और दरवाजा जोर से बंद कर दिया जिसकी आवाज से तीनो का ध्यान उस और गया ! अर्जुन एक बार फिर उन्हें समझाने में लग गया तभी उसका फोन बजा
“एक्सक्यूज मी !!”,कहकर अर्जुन उठा और कुछ दूर जाकर फोन पर बात करने लगा !
अर्जुन – हेलो
“हेलो अर्जुन व्यास बात कर रहे है ?
अर्जुन – जी हां कहिये !
“अर्जुन जी , बिजनेस में आपका बहुत नाम सूना है , मैं आपके साथ डील करना चाहता हु ! क्या हम अभी मिल सकते है ?”
अर्जुन – अभी , लेकिन आज संडे है और ऑफिस भी बंद है क्या हम कल मिले ?
“अर्जुन जी सिर्फ 10 मिनिट की मीटिंग काफी होगी , वैसे भी आज रात मुझे दिल्ली के लिए निकलना है !
अर्जुन ने मीरा की और देखा जिसका ध्यान किताब में ही था ! मीरा को छोड़कर जाने का उसका मन नहीं हुआ उसने कहा,”सॉरी आज नहीं मिल सकते !” कहते हुए जैसे ही अर्जुन फोन रखने को हुआ दूसरी और से आवाज आई,”प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़ फोन मत काटना , देखो पुरे 100 करोड़ की डील है ! “
अर्जुन सोचने लगा और फिर कहा,”कहा मिलना है ?”
“एड्रेस मैं आपको मेल कर दूंगा !”,कहकर सामने वाले ने फोन काट दिया !
अर्जुन निधि और मीरा के पास आया और कहा,”आई ऍम सो सॉरी , किसी मीटिंग की वजह से मुझे भी निकलना होगा ! मैं आकर समझाता हु !”
“कोई बात नहीं हम मैनेज कर लेंगे , आपको जाना चाहिए काम पहले है !”,मीरा ने सहजता से कहा !
अर्जुन निधि और मीरा को सॉरी बोलकर निकल गया ! तैयार होकर वह बाहर आया तब तक सामने वाली पार्टी का मेसेज भी आ चुका था ! अर्जुन ने निचे जाते हुए मेसेज देखा लोकेशन बहुत दूर की थी आने जाने में 3-4 घंटे लग जाने थे ! लेकिन अर्जुन उसे हां कह चुका था इसलिए उसे जाना पड़ा ! उधर निधि और मीरा खुद से समझने की कोशिश कर रहे थे लेकिन सब ऊपर से जा रहा था !
“यार ये इतनी बोरिंग किताबे लिखता कौन है ? मुझे तो इन्हे देखकर ही चक्कर आ रहा है !”,निधि ने अपनी बुक बंद करके रखते हुए कहा !
“अर्जुन जी तो चले गए अब ये कैसे पढ़े ?”,मीरा ने भी अपनी किताब बंद करते हुए कहा !

तभी अक्षत अपने कमरे से निकला घूमते घामते वह निधि के पास आय और कहा,”और मोटो क्या हो रहा है ?” (अक्षत प्यार से निधि को हमेशा इसी नाम से बुलाया करता था !)
“टॉपिक समझने की कोशिश लेकिन अर्जुन भैया को फोन आया और वो चले गए !”,निधि ने उदास होकर कहा !
“तुम उस डफर से पूछ रही थी , हां हां हां उनके खुद के असाइनमेंट मैं करता था कॉलेज में !”,अक्षत ने शेखी बघारते हुए कहा !
“वो अच्छा पढ़ा रहे थे !”,मीरा ने धीरे से कहा
“ओह्ह रियली सो टेल मी क्या समझ आया ?”,अक्षत ने कहा
अक्षत के इस सवाल पर दोनों चुप हो गयी ! सच तो ये था अर्जुन ने अब तक उन दोनों को जो समझाया वो सब उनके ऊपर से ही गया था क्योकि अर्जुन एक बिजनेस पर्सन था और उसके बात करने का तरिका भी वैसा ही था ! दोनों को चुप देखकर अक्षत जाने लगा तो निधि बोल उठी,”अच्छा आपको ज्यादा आता है तो आप समझा दो !”
अक्षत रुका और पलटकर वापस आया उसने सामने पड़ी मीरा की किताब उठाई और टॉपिक पढ़ने के बाद खाली पड़ी कुर्सी पर बैठ गया अर्जुन जो 15 मिनिट में नहीं समझा पाया वो अक्षत ने 3 मिनिट में समझा दिया ! मीरा को ये देखकर बहुत हैरानी हो रही थी की अक्षत जैसा कॉम्प्लिकेटेड बन्दा इतना टेलेंटेड है ! अक्षत ने आगे समझाते हुए निधि से कहा,”एक कप कॉफी !”
निधि को तो बस पढाई से बचने का बहाना चाहिए था इसलिए उसने जल्दी से उठते हुए कहा,”हां भाई अभी मैं आपके लिए एक स्ट्रांग सी कॉफी बनाकर लाती हु !” मीरा उसे रोक सकती इस से पहले वह वहा से चली गयी ! अक्षत और मीरा अकेले थे दोनों एक दूसरे के सामने बैठे थे ! अक्षत ने बुक उठायी और नेक्स्ट चेप्टर पढ़ने लगा मीरा की नजर उस पर गयी वह बड़े गौर से किताब को देख रहा था मीरा की आँखे उसके चेहरे पर जम सी गयी ! कितना मासूम दिखता था अक्षत जब खामोश रहता था ! उसकी आँखों में एक चमक थी और चेहरे पर एक आकर्षण जो किसी को भी अपनी और खिंच सकता था अक्षत ने किताब टेबल पर रखकर मीरा की और देखे बिना कहा,”इसे समझने के लिए तुम्हे प्रैक्टिकली समझना होगा ! जैसे की नार्मल लाइफ से कोई एग्जाम्पल ले लो !” कहते हुए वह उसे चेप्टर के बारे में समझाने लगा ! मीरा बड़े ध्यान से कभी किताब तो कभी अक्षत को देखती वो जैसे जैसे बोलता जा रहा था मीरा पलके झपका रही थी ! अक्षत ने बड़ी आसानी से उसे सब समझा दिया ! जब बैठे बैठे थक गया तो खड़े होकर इधर उधर घूमते हुए मीरा को लाइन्स समझाने लगा ! मीरा भी सब इम्पोर्टेन्ट लाइन्स को लिखते जा रही थी ! एक जगह लाइन्स ऐसी थी की अक्षत रुक गया और खामोश हो गया ! मीरा ने उसकी और देखा तो उसने वह लाइन छोड़कर आगे पढ़ाना शुरू किया ! मीरा की नजर उस छोड़ी हुई लाइन पर गयी तो वह मुस्कुरा उठी और कहा,”रहने दीजिये इसके आगे का हम खुद से पढ़ लेंगे !”
“ह्म्म्म !”,अक्षत ने बुक बंद करते हुए कहा !
निधि अभी तक कॉफी लेकर नहीं आयी थी !

अक्षत ने सीढ़ियों की और देखकर कहा,”कामचोर लड़की !” मीरा ने देखा अक्षत अपनी कॉफी के लिए ऐसा बोल रहा है तो उसने कहा,”हम ले आते है !”
“क्या ?”,अक्षत ने कहा
“कॉफी , आपके लिए”,मीरा ने कहा
“तुमसे किसने कहा मुझे कॉफी पीनी है !”,अक्षत ने कहा
“आपने निधि को इसलिए तो भेजा था”,मीरा ने कहा
“हम्म्म कहा था ? पर अब मन नहीं है !”,अक्षत ने कहा
“आप बहुत अच्छा पढ़ाते है , फिर आप कोई खुद का इंस्टिट्यूट शुरू क्यों नहीं करते ?”,मीरा ने कहा
अक्षत ने मीरा की किताब उठायी और उसके सामने करके कहां,”ये क्या है ?”
“किताब है !”,मीरा ने कहा
“तो अपना दिमाग इसमें लगाओ मुझमे नहीं !”,अक्षत ने कहा और किताब उसके हाथ में थमा दी ! तभी पीछे से निधि आ गयी अक्षत चला गया तो मीरा ने गुस्से से बुदबुदाते हुए कहा,”सडु !”
“कौन ?”,निधि ने कहा
“तुम्हारा ये भाई और कौन ? ये क्या हमेशा ऐसे ही बात करते है ?”,मीरा ने खीजते हुए कहा !
“उसका कुछ कह नहीं सकते मीरा वो कब खुश होता है , कब गुस्से में ! कभी कभी तो लगता जैसे वो मेरा और अर्जुन भैया का भाई है ही नहीं !”,निधि ने कहा !
मीरा को खामोश देखकर निधि ने कहा,”अरे छोडो तुम क्यों खामखा उस गधे के लिए अपना मूड ख़राब कर रही हो चलो निचे चलते है !”
निधि और मीरा निचे चली आयी मीरा ने देखा अक्षत डायनिंग टेबल पर बैठा फोन में व्यस्त है ! मीरा किचन में चली आयी राधा को कॉफी बनाते देखकर मीरा ने कहा,”आंटी दीजिये हम बना देते है !”
“मैं बना देती हु उसे किसी और के हाथ की कॉफी पसंद नहीं आती है !”,राधा ने प्यार से कहा !
“आप बताईये हम वैसे बना देंगे !”,मीरा ने कहा तो राधा ने कप उसे थमा दिया ! मीरा राधा से बात करते हुए कॉफी बनाने लगी ! कॉफी तैयार हुयी तो राधा ने कहा,”आसु बाहर ही होगा तुम उसे दे आओगी प्लीज़ !”
“हम्म्म !”,कहकर मीरा बाहर चली आयी उसने कॉफी का मग अक्षत के सामने रखा तो अक्षत ने कहा,”ये किसलिए ?”
“अभी कुछ देर पहले आपने हमे अपना वक्त दिया तो उसके बदले में हमने आपकी कॉफी बना दी ! हमे किसी का अहसान लेना पसंद नहीं है !”,मीरा ने नजरे नीची किये हुए कहा ! अक्षत ने मीरा को देखने लगा तो मीरा ने कॉफी की और इशारा करके कहा,”ये क्या है ?”
“कॉफी !”,अक्षत ने मीरा को देखते हुए कहा !
“तो इसमें ध्यान दीजिये हम में नहीं !”,मीरा ने फूल ऐटिटूड में कहा वैसे ही जैसे कुछ देर पहले अक्षत ने कहा था ! अक्षत मन ही मन मुस्कुरा उठा तो मीरा ने कहा,” पी लीजिये , ठंडी हो जाएगी !”
मीरा वहा से हॉल की और बढ़ गयी ! अक्षत ने मग उठाया और एक घूंठ पीकर कहा,”मिस मीरा , मीरा जी !”
अक्षत के मुंह से मीरा जी सुनकर मीरा हैरानी से पलटी तो अक्षत ने मग को देखते हुए कहा,”नाइस कॉफी , थैंक्यू !”
मीरा को अक्षत का ये नया रूप कुछ समझ नहीं आ रहा था ! वह वहा से चली गयी !

रात के खाने पर सभी मौजूद थे तभी अर्जुन परेशान सा बाहर से आया ! उसे परेशान देखकर विजय ने कहा,”क्या हुआ अर्जुन ? इस वक्त से आ रहे हो ?”
“ऑफिस के काम से गया था पापा !”,अर्जुन ने कहा
“पर आज तो संडे है बेटा !”,विजय ने कहा
“हां पापा , लेकिन कोई क्लाइंट था मुझे बुला लिया और खुद वहा आया ही नहीं ! पुरे चार घंटे ड्राइव करके आया हु”,अर्जुन ने कुर्सी खिसकाकर बैठते हुए कहा !
“अरे रे ये तो बहुत गलत हुआ आपके साथ है ना भाई !”,अक्षत ने अर्जुन को चिढ़ाते हुए कहा !
“हां हां तुझे तो बहाना मिल गया मजाक उड़ाने का ! बाहर निकलकर कुछ करो तो समझ आएगा !”,अर्जुन ने खीजते हुए कहा !
“अच्छा ठीक है झगड़ा मत करो , खाना खाओ !”,राधा ने बिच में कूदते हुए कहा !
सभी खाना खाने लगे ! अर्जुन को मीरा की हेल्प नहीं करने का मलाल था लेकिन मीरा को हँसता मुस्कुराता देखकर वह ये मलाल भूल गया !
अगले दिन मीरा और निधि कॉलेज में थी ! एक्स्ट्रा क्लासेज की वजह से दोनों को शाम तक वही रुकना पड़ा ! शाम को राधा ने अक्षत से उन्हें ले आने को कहा ! अक्षत गाड़ी लेकर कॉलेज के लिए निकल गया ! वहा क्लासेज ख़त्म होने के बाद कुछ लड़किया और निधि मीरा ही बची थी बाकि सब अपने घर जा चुकी थी ! धीरे धीरे वो भी जाने लगी अब सिर्फ 5 लड़किया बच गयी थी जिनमे निधि और मीरा भी थी ! कुछ टीचर्स थे जो की स्टाफ रूम में मौजूद थे ! पांचो लड़किया एक खाली क्लास में बैठी थी तभी निधि ने कहा,”यार बड़ी बोरियत हो रही है !”
“हां यार सुबह से पढ़ पढ़ के थक चुके है , कोई इंटरटेनमेंट भी नहीं है यहाँ !”,एक लड़की ने कहा !
“मीरा तुम ही कुछ सूना दो यार !”,दूसरी लड़की ने कहा !
“हम , हम क्या सुनाये !”,मीरा ने कहा
“मीरा वो जो गुनगुनाती रहती हो ना तुम कभी कभी वो सूना दो ना प्लीज !”,निधि ने कहा
“यहाँ कैसे ?”,मीरा ने झिझकते हुए कहा
“यहाँ कौन है ? सिर्फ हम लोग ही तो है , प्लीज यार सुनाओ ना कुछ तो बोरियत कम हो !”,रागिनी ने कहा !
“प्लीज मीरा”,चारो ने एक साथ कहा !
“अच्छा ठीक है सुनाते है !”,कहकर मीरा ने आँखे बंद कर ली तो निधि ने कहा,”तुमने आँखे क्यों बंद कर ली ?”
“जो गाने वाले है जब तक उसे महसूस नहीं करेंगे , तब तक गायेंगे कैसे ?”,मीरा ने कहा !
“मीरा तुम्हे जैसे गाना हो गए सकती हो , निधि तू बिच में मत बोल गाने दे ना उसे !”,रागिनी ने कहा तो मीरा ने अपनी आँखे बंद कर ली और गाना शुरू किया
“अह्ह्हम्म्म्म ह्म्म्मम्म्म्म हममममममममम
तुमको छूके भी छूने को करता है दिल
पाके भी पाने को करता है दिल
आवारगी छाने लगी
सांसो से खुशबु आने लगी
दिल पे दीवानगी छा गयी इस कदर
बंद आँखों से भी मुझको आये नजर
कैसे कहे ? हमे कितनी मोहब्बत है ?
कितनी मोहब्बत है
कैसे कहे ? हमे कितनी मोहब्बत है ?
कितनी मोहब्बत है “

आखिरी लाइन गाते हुए जैसे ही मीरा ने आँखे खोली नजर दरवाजे पर खड़े अक्षत की नजरो से जा टकराई ! मीरा का दिल धड़का वह जल्दी से टेबल से उठी और सिमटकर खड़ी हो गयी ! अक्षत ने वही खड़े खड़े निधि से कहा,”घर चले !” कहकर अक्षत वहा से चला गया ! निधि मीरा को लेकर जाने लगी तो तीनो लड़किया भी उनके साथ साथ दरवाजे तक चली आयी ! अक्षत ने उन्हें देखकर कहा,”तुम बाकि सब घर कैसे जाओगी ?”
“घर से कोई लेने आ जाएगा !”,रागिनी ने कहा !
“चलकर गाड़ी में बैठो , मैं छोड़ देता हु !”,अक्षत ने कहा और गाड़ी की और बढ़ गया ! सभी आकर गाड़ी में बैठ गयी बाकि चार पीछे और मीरा आगे अक्षत के साथ ! अक्षत ने पहले उन तीनो को घर छोड़ा और फिर गाड़ी अपने घर जाने वाले रस्ते की और बढ़ा दी ! गाड़ी में फैली ख़ामोशी को तोड़ने के लिए निधि ने कहा,”भाई आप भी अजीब हो ना , उस दिन जब मेरी फ्रेंड रागिनी ने आपसे लिफ्ट मांगी थी तो आपने मुंह पर मना कर दिया था और आज खुद उन्हें घर तक छोड़ कर आये हो ,, कभी कभी आपको समझना बहुत मुश्किल हो जाता है !!”
अक्षत ने सामने देखकर गाड़ी चलाते हुए कहा,”जब उसने लिफ्ट मांगी थी तब वो अकेले थी , और उस वक्त सुबह थी वो आराम से घर जा सकती थी ! आज जहा वो लोग थे उसके बाहर का माहौल कुछ अच्छा नहीं है ! इस वक्त अकेले घर जाती , घरवालो के आने का इंतजार करती , परेशान होती ! बस इसलिए उन सबको घर तक छोड़ दिया ! “
“अरे वाह भाई ! अच्छा वैसे मेरी सभी दोस्त कैसी लगी आपको ?”,निधि ने कहा
“बोरिंग और कुछ तो अकड़ू भी है”,कहते हुए अक्षत ने मीरा की और देखा और फिर सामने देखने लगा ! निधि रास्तेभर कुछ ना कुछ बोलती रही ! अन्धेरा होने लगा था ! गाड़ी घर के पोर्च में आकर रुकी जैसे ही अक्षत ने ब्रेक लगाया मीरा का सर आगे आया , सर डैशबोर्ड से टकराता इस से पहले अक्षत ने अपना हाथ आगे कर दिया
अक्षत की छुअन मीरा को ठंड का अहसास करा गयी ! मीरा ने खुद को सम्हाला और निचे उतर गयी ! तीनो अंदर आकर चले आये ! फ्रेश होकर सबने खाना खाया ! रात में सोते हुए मीरा के दिमाग में अक्षत की बाते ही घूम रही थी ! उसे अक्षत कुछ समझ नहीं आ रहा था ! एक पल में वह रुड , सेल्फिश , गुस्सैल दिखता तो अगले ही पल वहकुछ ऐसा करता की बहुत ही मासूम बन जाता ! अक्षत के बारे में सोचते सोचते आधी रात हो चली थी पर मीरा किसी नतीजे पर नहीं पहुँच पायी ! लेकिन आज अक्षत ने जो उन लड़कियों के लिए किया उसके बारे में सोचकर मीरा के मन को अच्छा लगा ! अक्षत में कुछ तो खास था ! सोचते हुए मीरा की आंख लग गयी ! अगली सुबह मीरा जल्दी ही उठ गयी ! उसने बगीचे में पोधो में पानी देने में रघु की मदद की , दादाजी के लिए चाय बनाई , दादी माँ के साथ मंदिर में पूजा की इन सब से निपटकर जब किचन में राधा की मदद कर रही थी तभी विजय हाथ में शर्ट लेकर आये और कहा,”राधा मैंने कहा था ये शर्ट प्रेस करने को तुम भूल गयी ! आज मीटिंग थी और उसमे ये सफेद शर्ट पहनना जरुरी था !”
“भूल गयी थी अभी कर देती हु !”,कहते हुए राधा ने इडली के घोल से सने हाथो को जैसे ही धोना चाहा मीरा ने कहा,”हम कर देते है अंकल , लाईये हमे दीजिये !”
“थोड़ा जल्दी करना बेटा , मुझे 10 मिनिट में निकलना है “,विजय ने शर्ट मीरा को देते हुए कहा और राधा की और पलटकर बोले,”राधा मैं नाश्ता बाहर ही कर लूंगा ! तुम परेशान मत होना “
विजय चले गए ! मीरा भी शर्ट लेकर बाहर आयी वही हॉल में ही प्रेस टेबल लगा था मीरा ने शर्ट प्रेस करके विजय को जैसे ही दी दरवाजे पर डोरबेल बजी ! एक बार जो बजी तो बजते ही गयी ! मीरा दरवाजे की और बढ़ी उसने दरवाजा खोला सामने एक दुबली पतली लड़की खड़ी थी ! जिसने बिना स्लीवस का टॉप और कटी फ़टी जींस पहनी थी ! आँखों पर फैशन वाला चश्मा लगाया हुआ था उसके एक हाथ में पर्स था दूसरे में मोबाइल , पैरो में हिल्स वाले सेंडल और कानो में बड़े बड़े गोल ईयर रिंग्स थे ! ! लड़की ने चश्मा उतारा और मीरा को ऊपर से निचे तक देखकर कहा,”दरवाजा खोलने में इतना टाइम लगता है क्या ? !
मीरा ने कोई जवाब नहीं दिया तो लड़की ने उसे साइड किया और अंदर चली आयी ! मीरा भी उसके पीछे पीछे अंदर आयी तब तक लड़की सीढ़ियों से होते हुए ऊपर चली गयी ! निधि निचे आयी तो मीरा ने कहा,”ये कौन है ?”
निधि ने लड़की को देखा और उँघते हुए कहा,”वो ! वो अक्षत भैया की गर्लफ्रेंड है मोनालिसा !

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